Friday, July 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..17

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..17



**********
अब आगे
**********



अच्छी तरह से निहारना ही अजय का काम ही नही था...वो तो ऐसे बदन को आँखो से चोद कर ही मानता था...और वो अब यही कर रहा था...कार की स्पीड तो उसने धीरे कर दी पर अपनी आँखो से चोदन की प्रक्रिया तेज कर दी...अब मंद-2 मुस्कुराने की बारी रिया की थी...भले ही रिया का चेहरा सामने की तरफ था, पर बगल में बैठे जीजू की नज़रों को वो अपने जिस्म पर साफ़ महसूस कर रही थी...और उन आँखो की चुभन को महसूस करते हुए उसके निप्पल कब खड़े हो गये उसे भी पता नही चला...पर अजय को पता चल गया जब देखते ही देखते उसकी आँखो के सामने रिया की नन्ही सी ब्रेस्ट पर छोटे-2 दो बेर उग आए..

अजय : "उम्म्म....सेक्सी.....लग रही हो रिया...''

रिया की मुस्कुराहट हँसी मे बदल गयी.

''थॅंक्स जीजू...मुझे पता था की आपको ऐसी ड्रेस पसंद आएगी...''

अजय (अनजान बनते हुए) : "क्यो ?? ऐसा क्या ख़ास है इस ड्रेस में ..''

रिया बेचारी इतनी भोली थी की ये भी ना समझ पाई की उसके जीजू अब उससे मज़े ले रहे है

वो बोली : "क्या जीजू...आपने तो नोट ही नही किया...आज मैने चुन्नी नही पहनी हुई...देखो...''

और उसने अपना नन्हा सा सीना तान कर अपने जीजू के सामने परोस दिया..

अजय की गाड़ी ठूकते-2 बची...

अजय का मन तो कर रहा था की आगे हाथ करके वो उन्हे दबोच ले...मसल दे...निचोड़ दे उन नींबुओं को...पर वो जल्दबाज़ी नही करना चाहता था.

अजय : "ओहो....ये तो मैने देखा ही नही....वाव् ...सच में ...कमाल के लग रहे है ये दोनो...''

''ये दोनो'' सुनकर पल भर के लिए तो रिया के चेहरे की रंगत ही बदल गयी....उसकी आँखो मे शर्म के लाल डोरे तेर गये...एक पल के लिए तो वो समझ ही नही पाई की उसके जीजू किन दोनों की बात कर रहे है....क्या उन्होने उसके दोनो बूब्स के बारे में ऐसा बोला है....पर ऐसा तो वो बोल ही नही सकते....

फिर भी अपनी शंका का समाधान करने के लिए उसने सकुचाते हुए पूछ ही लिया : "किन दोनो की बात कर रहे हो आप जीजू...''

अजय : "इन दोनों की...और किसकी...''

अजय ने बिना उसकी तरफ देखे हुए कहा...वो अंदर ही अंदर अपनी हँसी को दबाने की कोशिश कर रहा था, इसलिए रिया की आँखों में देखे बिना उसने ये बोल दिया...वो जानता था की जो वो बोल रहा है वो उसकी सीमा से आगे है...पर अब खेल को अगले चरण में ले जाने का वक़्त आ चुका था.

रिया : "क्या जीजू....सॉफ-2 बोलो ना...कौन दोनो...''

शायद वो अब खुद ही सुनना चाहती थी की उसके जीजू उसके बूब्स के बारे में बोल रहे है

अजय : "अरे भाई...ये दोनो....तुम्हारे बूब्स...चुननु मुननू...''

रिया : "चुननु मुननू ??"

अजय : "हाँ , चुननु मुननू...मैं तो प्राची के बूब्स को भी इसी नाम से बुलाता हूँ ...दे आर माय सॉफ्ट टाय्स...चुननु मुननू...''

रिया तो शर्म से गड़ी जा रही थी....उसके जीजू कितनी आसानी से उसके बूब्स के बारे में बात कर रहे थे...और तो और उन्हे उसी नाम से बुला रहे थे जिस नाम से वो उसकी प्राची दीदी के बूब्स को बुलाते हैं....ये लास्ट वाली बात सोच-सोचकर उसके दिल की धड़कने और ज़ोर से बड़ गयी...

वो कुछ और बोल नही पाई क्योंकि तब तक उसका इन्स्टिट्यूट आ गया...और वो उतर गयी..

उसके बाद अजय अपने ऑफीस चला गया.

दोनो के मन में ये सुबह वाली बात पूरे दिन घूमती रही.

शाम को अजय जब घर के लिए वापिस जाने . तो उसका फोन बज उठा..उसने देखा तो उसकी सास का नंबर था...उसने मुस्कुराते हुए फोन उठा लिया और बोला : "बोलो जानेमन...क्या हाल है आपका...''

और दूसरी तरफ से जो आवाज़ आई उसे सुनकर उसके होश उड़ गये...वो फोन प्राची ने किया था..

''जानेमन ???? ये क्या है अजय....ये तो मैने मम्मी के फोन से कॉल की है...और तुमने सीधा जानेमन बोल दिया...''

अजय की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी...उसने डरते-2 कहा : "वो बस अंदाज़ा लगाया था मैने...''

वो जानता था की ये बहाना प्र्याप्त नही है...वो कुछ और सोचने लगा पर तब तक प्राची के हँसने की आवाज़ आने लगी...


 अजय ने डरते-2 पूछा : "क्या हुआ...तुम हंस क्यो रही हो...??''

प्राची : "ओह अजय....मैं तो ये सोचकर हंस रही थी की अगर सच में माँ ने फोन किया होता और उन्हे तुम्हारा ये जानेमन सुनने को मिल जाता तो उन्हे तो हार्ट अटैक ही पड़ जाता....हा हा हा...''

और वो फिर से बिना ब्रेक के हँसने लगी..

अजय ने उपर वाले का शुक्र मनाया की उसे कुछ शक नही हुआ.

वो बोला : "ओहो...पर मुझे तो पता ही था...क्योंकि मॉम तो सुबह से घर पर ही है ना तुम्हारे पास....उन्होने आज तक तो मुझे कॉल किया नही...आज पहली बार कॉल आया है,इसलिए अंदाज़ा लगा लिया था की तुम ही कॉल कर रही हो...चलो अब बताओ...तबीयत कैसी है...''

और अजय ने उसे इधर-उधर की बातों मे लगाकर ''जानेमन'' वाली बात को भुला सा दिया.

कुछ देर बाद प्राची बोली : "अच्छा सुनो, एक काम करना होगा तुम्हे आज, इसलिए ही कॉल की है..तुम ऑफीस से वापिस आते हुए पूजा को लेते हुए आ जाना...आज उसके कॉलेज में एक फंक्शन था, जिसकी वजह से वो लेट हो जाएगी...पापा की तबीयत ठीक नही है, इसलिए माँ ने मुझे कहा की तुम्हे कॉल करके बोल दे..''

अजय के मन में तो पूजा के कॉलेज जाने की बात सुनकर ही जल तरंग बजने लगी..वैसे भी अपनी सास और रिया के चक्कर में वो अपने ससुराल के सबसे सेक्सी मॉल को भूल ही चूका था

वो बोला : "अरे,इसमें क्या प्राब्लम है...मैं अभी चला जाता हू...''

अजय ने टाइम देखा, 6 बजने वाले थे.

प्राची : "अरे, अभी नही, वो 9 बजे तक फ्री होगी...और उसका कॉलेज तो तुम्हारे ऑफीस से भी आगे है, अभी तो 3 घंटे पड़े है...तुम ऑफीस में ही रहो या अपने किसी दोस्त के साथ घूम लो...उसके बाद चले जाना...''

अजय ने हाँ बोलकर फोन रख दिया.

उसने तुरंत अपने ऑफीस के दोस्त को बोला, और दोनो ने बियर पीने का प्रोग्राम बना लिया, 3 घंटे बीतने का इससे अच्छा आइडिया नही आया अजय के दिमाग़ में ..

3 घंटे में 3 बियर पीने के बाद अजय ने अपने दोस्त को अलविदा किया और वो पूजा के कॉलेज की तरफ चल दिया.

और वहां के नज़ारे देखकर उसके दिल की घंटियाँ ज़ोर-2 से बजने लगी...

हर तरफ ताज़ा माल बिखरा पड़ा था...एक से एक सुंदर लड़कियाँ रंग बिरंगी ड्रेस में घूम रही थी...कॉलेज के लॉन में कोई कलचर प्रोग्राम था, जो अभी-2 ख़त्म हुआ था...

ज़्यादातर लड़कियो के पेरेंट्स या फिर उनके बॉय फ्रेंड्स उन्हे लेने के लिए आए हुए थे..

अजय की नज़रें तो अपनी साली को ढूँढ रही थी...जो उसे जल्द ही दिखाई दे गयी..

अपनी सहेलियों के साथ आती हुई..

जिसे देखकर अजय के लंड ने अकड़ना शुरू कर दिया..बड़ी ही सेक्सी लग रही थी वो.

वो मन ही मन ख्याली पुलाव बनाने लगा...

पर वो भी नही जानता था की आज की रात उसकी किस्मत में क्या लिखा है.


 एक तो ठंडी बियर का हल्का-2 सरूर और उपर से जवान चूतों की खुश्बू जो अजय को अपने रोम-2 में महसूस हो रही थी...ऐसा लग रहा था की हर लड़की उसके लंड की प्यासी है वहाँ...एक तो देखने में वो काफ़ी हॅंडसम था,उपर से वो शादी शुदा भी नही लगता था...इसलिए हर लड़की उसे उपर से नीचे तक ऐसे देख रही थी जैसे किसी लड़को के कॉलेज में कोई जवान लड़की पहुँच जाए तो उसे देखते है..

सभी पेरेंट्स धीरे-2 अपने बच्चों को लेकर निकल रहे थे.पूजा ने जब अपने जीजू को देखा तो उसके चेहरे पर एक अलग ही तरह की खुशी आ गयी...पर साथ ही साथ कुछ चिंता भी दिखाई देने लगी..

वो दौड़ती हुई सी उसके पास आई और धीरे से बोली : "जीजू....आप....मुझे तो लगा था की पापा आएँगे मुझे लेने...''

अजय कुछ बोलने ही वाला था की दूसरी तरफ से आती हुई अपनी सहेली सोनी को देखकर पूजा के चेहरे की चिंता एकदम से बड़ गयी और वो जल्दी से बोली : "अच्छा , छोड़ो वो सब, जीजू, वो देखो, मेरी फ्रेंड आ रही है...अरे वही जो मॉल में मिली थी एक बार..सोनी......और मैने ग़लती से आपको अपना बी एफ बोल दिया था...सो प्लीज़ जीजू....आज के लिए और मैनेज कर लेना...प्लीज़....मेरे अच्छे जीजू...''

इतना कहते -2 पूजा ने अजय के हाथ को पकड़ कर अपनी कमर पर रख लिया...ताकि दूर से आ रही उसकी सहेली सॉफ-2 देख सके की पूजा क्या कर रही है.

पूजा की नर्म कमर पर हाथ रखते ही अजय की आँखे बंद सी हो गयी...उसने उसके बिना हड्डी वाली मांसल कमर को पकड़कर ज़ोर से दबा दिया...अब इतना एडवांटेज लेना तो बनता ही था ... पूजा ने भी कोई विरोध नही किया.

वो उसे अपनी तरफ करते हुए फुसफुसाया : "तुम जो मुझसे अपने बाय्फ्रेंड बनने की एक्टिंग करवा रही हो,इसके बदले तुम्हे भी कुछ देना पड़ेगा...''

पूजा बेचारी परेशान सी हो गयी ये सुनकर,उसे पता था की अजय जैसे ठरकी के दिमाग़ में सिर्फ़ एक ही बात आ सकती है,सेक्स...और सेक्स करने के लिए उसने आज तक नही सोचा था...और वो भी अपने जीजू के साथ...कभी नही.सेक्स के बारे में सोचते हुए पूजा की खुली आँखों सामने फिल्म सी चल पड़ी, जिसमे उसके जीजू उसके ऊपर चढ़कर उसकी चूत मार रहे हैं, और वो जोर-२ से चीख रही थी



वो सीन सोचकर ही उसके चेहरे पर पसीना आ गया, उसके दिल की धड़कन बड़ गयी, वो अपने आप संभालते हुए बोली : "क्या जीजू....इतना कहना भी नही मान सकते अपनी साली का...क्यों बेकार में मुझे परेशान कर रहे हो...वैसे भी सेक्स करने के लिए तो आपके पास दीदी है ना...फिर क्यो इस तरह की हरकतें करते रहते हो...''

वो सेक्स करने की बात इतनी आसानी से बोल गयी की अजय का दिमाग़ भी चकरा गया..वो तो ऐसे ही पूजा को छेड़ने के लिए ये सब बोल रहा था,पूजा तो एकदम एक्सट्रीम में लेजाकर सोच रही थी उसकी बात को...


अजय भी मज़े लेने के मूड में आ गया,उसे पता था की अब कैसे इस मछली को फँसाना है..

वो थोड़ा नाराज़ होने की एक्टिंग करता हुआ बोला : "ओके ...ठीक है फिर...मुझे भी कोई शोंक नही है तुम्हारा बाय्फ्रेंड बनने का...मैं जा रहा हूँ , तुम भी बाहर आ जाना जल्दी..''

और इतना कहकर वो बाहर की तरफ चल दिया...और पूजा बेचारी परेशन होकर उसे जाते हुए देखती रही...अजय उसी तरफ जा रहा था जिस तरफ से उसकी फ्रेंड सोनी आ रही थी..उसकी हालत खराब सी होने लगी...ऐसे में अगर उसका भांडा फूट गया तो उसके कॉलेज में जो धाक उसने जमा रखी थी, वो सब चकना चूर हो जाएगी...वो भागती हुई सी अजय के पीछे गयी और उसे रोका और बोली : "प्लीज़ जीजू....रुक जाओ ना...मेरी फ्रेंड्स आपको देख ही चुकी है अब तो...ऐसे में अगर आप चले गये या उन्हे सच का पता चल गया तो मेरी रेप्युटेशन क्या रह जाएगी कॉलेज में ,ये तो आप अच्छी तरह से जानते है...प्लीज़ जीजू...आप कुछ और माँग लो...सिर्फ़ उस एक चीज़ को छोड़कर...''

अब फंसी मछली काँटे में ...अजय धीरे से रुका और उसकी तरफ देखकर बोला : "चलो ठीक है...वो नही करना तो कोई बात नही...पर उसके अलावा कुछ और तो कर ही सकता हूँ ना...''

बेचारी पूजा का चेहरा पीला पड़ चुका था...वो डरते हुए बोली : "और क्या ...करना है जीजू....''

अजय उसके करीब आया और बोला : "किस्स ......वो तो कर ही सकता हूँ ना...''

वैसे भी पहले अजय ने यही सोचकर बोला था की उसे किस्स के लिए ही बोलेगा ...पर वो तो कुछ और ही सोचकर बिदक गयी...और अब जब अजय ने किस्स करने की बात कही तो पूजा को भी विश्वास नही हुआ की वो इतने सस्ते में छूट रही है...



पूजा : "आर यू श्योर जीजू...सिर्फ़ किस्स ही ना !!!...''

अजय : "हाँ ...सिर्फ़ किस्स ही...''

वैसे तो आज से पहले पूजा ने किसी को भी किस्स नही किया था...पर फिर भी ऐसी सिचुएशन से निकलने के लिए उसे ये किस्स बड़ी छोटी सी चीज़ लग रही थी...वो झट से मान गयी..

और दोनो हाथ में हाथ डालकर उसी तरफ चल दिए ,जहाँ से सोनी आ रही थी.

सोनी ने जब दोनो को ऐसे हाथों मे हाथ डालकर आते हुए देखा तो उसकी झाँटे सुलग गयी...वो कॉलेज में सबसे सेक्सी थी...पर अपनी टक्कर का लड़का उसे आज तक नही मिला था...उस दिन भी वो अजय को देखकर पूजा से जेलिस हो रही थी..और आज भी उन दोनो को ऐसे चिपक कर आता हुआ देखकर उसके चेहरे की रंगत उड़ सी गयी...उसके हिसाब से तो ऐसा हेंडसम लड़का उसका बाय्फ्रेंड होना चाहिए था,ना की पूजा जैसी नॉर्मल सी दिखने वाली लड़की का..जो इंडियन सूट्स और कुरती पहन कर कॉलेज आया करती थी...

दोनो उसके पास पहुँचे और सभी ने एक दूसरे से हाथ मिलाया...अजय का हाथ पकड़कर सोनी तो उसे छोड़ ही नही रही थी...फिर उसके दिमाग़ में एक प्लान आया और वो बोली : "अरे पूजा,तुझे रेणु मेम ढूँढ रही थी...उन्होने तुझे अपने रूम में बुलाया है..अभी के अभी...''

पूजा : "अभी....पर थोड़ी देर पहले तो उन्होने मुझे घर जाने के लिए बोल ही दिया था...और इसलिए मै चेंज करने ही जा रही थी, लगता है कोई ज़रूरी बात करनी होगी...''

फिर अजय को देखकर वो बोली : "तुम यहीं रुकना डार्लिंग,मैं अभी आती हूँ ...और मुझे चेंज भी करना है...'' उसके हाथ मे एक बेग भी था,जिसमे उसके घर से लाए हुए कपड़े थे..

इतना कहकर वो मेम के रूम की तरफ चल दी...और जैसे ही वो आँखो से ओझल हुई, सोनी ने अजय का हाथ पकड़ा और उसे दूसरी तरफ ले जाने लगी..



 अजय तो ऐसे सेक्सी माल के हाथों अपना हाथ पकड़े जाने से वैसे ही हवा मे उड़ने लगा, फिर भी उसने जीझकते हुए पूछा : "क्या हुआ...कहाँ ले जा रही हो तुम मुझे.....पूजा मुझे वापिस आकर ढूंढेगी ''



वो झटके से उसकी तरफ पलटी और बोली : "पूजा कहीं भागी नही जा रही...तुम चलो ज़रा मेरे साथ...मेरे कपड़े उपर मेरी क्लास में है...मुझे अकेले जाते हुए डर लगता है..''

वैसे भी इस वक़्त तक ज़्यादातर लड़किया बाहर निकल चुकी थी...सिर्फ़ टीचर्स और कुछ खास लोग ही रुके हुए थे...सारा समान समेटने के लिए..

और सोनी ने जिस रेणु मेडम के पास पूजा को भेजा था वो भी जा चुकी थी, और ये बात सोनी को अच्छी तरह से पता थी, क्योंकि वो उसके सामने ही निकली थी, वो सिर्फ़ पूजा को वहां से हटाना चाहती थी ताकि अजय के साथ वो कर सके जो उसने अभी-2 सोचा था.

इसलिए अजय को लेकर वो फर्स्ट फ्लोर में बने क्लास रूम की तरफ ले गयी, जहाँ बिल्कुल घुप्प अंधेरा था और कोई आस पास भी नही था...

अजय तो उसके साथ जाते हुए डर भी रहा था, क्योंकि इतना सन्नाटा जो था उपर वाले फ्लोर पर...हल्की-2 लाइट की रोशनी आ रही थी बाहर से...पर सोनी बड़े ही आराम से अपनी गांड मटकाती हुई आगे चली जा रही थी..और लास्ट वाले कमरे में जाकर वो अंदर घुस गयी..और एक अलमारी खोलकर उसने अपना बेग निकाल लिया..

अजय उसे बड़े ही गोर से देख रहा था, साड़ी में वो कयामत लग रही थी..अपनी नाभि से काफ़ी नीचे पहनी हुई थी साड़ी उसने...और उपर से ब्लाउस भी बिल्कुल छोटा सा था..बैकलेस ..जिसकी वजह से उसकी गर्दन के नीचे बना हुआ एक बड़ा सा टैटू सॉफ दिख रहा था..उसकी नाभि के पास भी एक टैटू था...और बाजू पर भी...कुल मिलकर साड़ी और टैटू का कॉम्बिनेशन उसको काफ़ी सेक्सी बना रहे थे...



सोनी ने बेग से अपने कपड़े निकाले और अजय की तरफ देखा..और फिर बड़े ही सेक्सी स्टाइल में देखते हुए उसने अपनी साड़ी का पल्लू आगे की तरफ गिरा दिया और अपनी साड़ी खोलने लगी...

ये देखते ही अजय की हालत पतली हो गयी...अपनी ही साली के कॉलेज में वो उसकी सहेली के साथ था..और वो साली जो अभी कुछ देर पहले ही उसे किस्स करने का वादा करके गयी थी...वैसे तो ऐसे मौके अजय छोड़ता नही था,पर अपनी साली की तरफ से उसे बड़ा डर लग रहा था, एक तो वो पहले से ही उसे ठरकी के ताज से नवाज चुकी थी ,ऐसे में अगर उसने अजय को सोनी के साथ देख लिया तो किस्स तो क्या वो उसे देखेगी भी नही...इसलिए अजय की गांड फट रही थी..

वो धीरे से बोला : "उम्म्म....तुम चेंज कर लो...मैं बाहर ही खड़ा हूँ ...''



 सोनी : "ओह नही....ऐसा मत करो अजय....मुझे बड़ा डर लगता है...तुम बस पाँच मिनट के लिए यहीं खड़े रहो...मैं जल्दी से चेंज कर लेती हूँ ...अंदर आ जाओ प्लीज़...''

अब उसके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था की अजय के कदम वापिस अंदर की तरफ बड़ गये...और वो रोबोट की तरह चलता हुआ बिल्कुल उसके करीब जा पहुँचा...इतने करीब की वो उसके जिस्म से निकल रही भीनी खुश्बू भी महसूस कर पा रहा था..

सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ओफफो....इतने पास भी नही..थोड़ा तो दूर रहो ना...''

और वो हंसते हुए अपनी साड़ी फिर से खोलने लगी...

साड़ी खोलकर उसने टेबल पर रख दी...अब वो सिर्फ़ पेटीकोत और ब्लाउस में ही खड़ी थी...



पर अजय की आँखे अभी उसको चोद ही रही थी की उसने बिना किसी झिझक के अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे उतार कर नीचे गिरा दिया..

एकदम छोटी सी और टाइट फिटिंग वाली कच्छी में उसके मांसल कूल्हे और भरी हुई जांघे देखकर अजय के सिर से धुआँ निकलने लगा..

पर सोनी ने वो इतनी आसानी से कर दिया था जैसे उसे कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था...और फिर उतनी ही आसानी से वो उसकी तरफ पलटी और बोली : ''अजय, प्लीज़ मेरे ब्लाउस के हुक खोल दो पीछे से...''

अजय ने तो इस बात की कल्पना भी नही की थी....वो धीरे से आगे बड़ा और अपने काँपते हुए हाथों से उसकी कमर पर लगे हुक खोलने लगा..सोनी भी उसके हाथों के कंपन को महसूस करके हँसने लगी और बोली : "लगता है तुम नर्वस हो रहे हो...''

और इतना कहकर उसने अपनी भरी हुई मटकी जैसी गांड पीछे करते हुए अजय के लंड पर हल्के से मार दी...अजय को तो ऐसा लगा की उसके लंड वाले हिस्से पर किसी ने नरम पिल्लो चिपका दिया है..क्योंकि अपनी गांड पीछे करने के बाद उसने उसे वापिस आगे नही किया, बल्कि गोल-2 करके उसे घुमाने लगी..यानी वो ये काम जान बूझकर कर रही थी...अजय को सामने की तरफ से फुल लाइन देने वाली ये पहली लड़की मिली थी..

पर उसकी किस्मत तो देखो, वो पूजा के डर से खुलकर कुछ कर ही नही पा रहा था..

और ये बात शायद सोनी ने भाँप ली थी..वो उसकी तरफ पलटी और सीधा अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी और बड़े ही प्यार से बोली : "ओहो....लगता है पूजा के डर से तुम कुछ भी करने से कतरा रहे हो...

अजय बेचारा कुछ भी ना बोल पाया...सोनी बड़े ही गोर से उसके चेहरे के एक्शप्रेशन पड़ने की कोशिश कर रही थी..और साथ ही साथ अपने हाथों से उसके सीने को भी सहला रही थी..

अजय : "ना....नही हो....ऐसा कुछ नही है...पर वो...वो पूजा...नीचे...''

सोनी ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहा : "श्ह्ह्ह्ह्ह ......भूल जाओ उसको...थोड़ी देर के लिए...जब इतनी सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है तो उस बहनजी का नाम क्यों ले रहे हो...आई नो उसने तुम्हे अभी तक कुछ भी करने नही दिया होगा...''

अजय ये सुनकर हैरान रह गया...वो बोला : "तुम्हे कैसे पता ??''

सोनी : "मैं जानती हू उसको अच्छी तरह से...जिस तरहा के कपड़े वो पहनती है...जिस तरह की बातें वो करती है...उसे देखकर सब पता चल जाता है...सिर्फ़ सुन्दर दिखने से कुछ नही होता..उस सुंदरता का इस्तेमाल भी किया जाए तभी जवानी का असली मज़ा मिलता है...जैसे मैं करती हू...और खासकर तब जब लड़का तुम्हारे जैसा हेंडसम हो ''


 

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator