FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..18
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अब आगे
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इतना कहकर उसने अजय के हाथ को पकड़ा और अपनी ब्रेस्ट पर रखकर ज़ोर से दबा दिया..
अजय के पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया...वो चाहकर भी अपना हाथ नही खींच पाया वापिस...
वो बोला : "पर तुम ये सब क्यों कर रही हो...तुम तो जानती हो की मैं तुम्हारी फ्रेंड का बी एफ हूँ ...फिर मेरे साथ ये सब क्यो...?''
सोनी : "सोनी को जो चीज़ एक बार पसंद आ जाती है, वो उसे पाकर ही रहती है...बहुत बड़ी ठरकी टाइप की लड़की हूँ मैं सेक्स के मामले में ...इसलिए मुझे जो चाहिए...मैं उसे किसी भी कीमत पर पाकर ही रहती हूँ ...फिर चाहे इसके लिए मुझे अपनी सहेली से ही हाथ क्यो ना धोना पड़े...''
किसी लड़की का खुद को ठरकी कहना अजय को बहुत पसंद आया...देखा जाए तो वो उसी की बिरादरी की थी...उसके जैसा ही सोच रही थी वो...बस वो खुले विचारो की थी इसलिए उसे किसी भी चक्करों मे पड़ने की भी चिंता नही थी..और उसकी बातों से सॉफ पता चल रहा था की चुदाई तो उसने जी भर कर की होगी..इसलिए अजय के साथ इस वक़्त वो क्या करने की सोच रही थी इसका अंदाज़ा लगाना ज़्यादा मुश्किल नही था अजय के लिए..
सोनी ने अपने हाथ पीछे किये और उन हुक्स को बड़ी आसानी से खोल दिया जिसे खोलने के लिए अजय के हाथ कांप रहे थे, उसने ब्लाउस निकाल कर नीचे फेंक दिया और अब वो उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी, जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी
ये पहला फल था जो उसकी झोली में बिना किसी मेहनत और इच्छा के आ गिरा था...और अब अजय के उपर था की वो उसके साथ क्या - 2 कर सकता था..
पर हमेशा वो नही होता जो इंसान सोचता है...अजय के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला था..
सोनी की गर्म साँसे उसके चेहरे से टकरा रही थी...और फिर सोनी अपने पंजो पर खड़ी हुई और उसने अजय के होंठों पर हमला बोल दिया...और हमला भी ऐसा ख़तरनाक वाला की अजय जैसा इंसान भी घबरा गया की कहीं वो उसके होंठों को नोच ही ना ले..
सोनी बड़े ही कामुक तरीके से अजय के होंठों को चूस रही थी...उन्हे चुभला रही थी...उन्हे काट रही थी...और साथ ही साथ अपनी नर्म मुलायम छातियाँ उसके सीने से रगड़ भी रही थी.
अजय कुछ देर तक तो उससे अपने होंठ चुसवाता रहा और फिर एक मौका आया जब वो थक सी गयी...और फिर अजय ने उसपर काउंटर अटैक कर दिया...अपने भारी भरकम होंठों से वो उसके रबड़ जैसे होंठों को ज़ोर -2 से चूसने लगा...
सोनी : "आआआआआहह .......साले कुत्ते........इतनी ज़ोर से तो मुझे आज तक किसी ने नही चूसा.....आआआआअहह ...मुझे तो लगता था की मैं ही मास्टर हूँ फ्रेंच किस्स में ...पर तुम तो मेरे भी गुरु निकले...... आआआआआहह पुक्क्ककककककचह चूसो इन्हे......और ज़ोर से......चूसो......''
सोनी के मुँह से कुत्ते सुनकर ही अजय का लंड बाँस जैसा लंबा हो चुका था...उसके हिसाब से तो चुदाई का असली मज़ा तभी आता है जब दोनो तरफ से गालियाँ और गंदी बातों की बौछार हो ...इसलिए अजय भी शुरू हो गया..
''अभी तूने मेरा कमाल देखा ही कहा है . कुतिया ..असली मज़ा तो तुझे तब मिलेगा जब तेरे जिस्म की एक एक बोटी मैं चूस्कर अपनी लव बाइट वहां छोड़ दूँगा...और तेरी चूत का तो मैं वो हाल करूँगा की तू बिस्तर से एक हफ्ते तक उठ भी नही पाएगी...''
अब अजय भी अपने रंग में आ चुका था...उसे शायद अब पूजा का ध्यान भी नही आ रहा था..
सोनी तो मचल उठी अजय के मुँह से ये सब सुनकर...उसे ऐसा लग रहा था जैसे अजय के सुलगते हुए शब्द उसके जिस्म पर वही कहर बरपा रहे है जो वैसा करने के बाद उसे फील होता...
इसलिए उसने बड़े ही मादक ढंग से मचलते हुए अपनी ब्रा भी उतार फेंकी...और अब वो उपर से नंगी थी और अजय ने भी देर नही की उसके बूब्स मे अपना मुँह झोंकने में ...वो टूट पड़ा उसके मोटे-2 चुच्चों पर...और खाने लगा उन चिकन मोमोस को...
सोनी ने उसके सिर के पीछे हाथ रखकर अपनी छातियों पर घूमाना शुरू कर दिया...कभी इधर और कभी उधर...
अजय ने नोट किया की उसके निप्पल कुछ ज़्यादा ही लंबे है...जिन्हे मुँह मे लेने से ऐसा फील हो रहा था जैसे बच्चे के दूध की बोतल का मोटा वाला निप्पल मुँह में ले रखा है...
दूध तो निकल नही रहा था उसमे से पर उन्हे चूसने से जो कसमसाहट सोनी को मिल रही थी वो भी किसी रसीले जूस से कम नही था..
अजय ने उसके दोनों हाथ पकड़ कर ऊपर किये और उसे क्लास की दिवार पर बने ब्लैक बोर्ड पर सटाकर चिपका दिया, सोनी के जिस्म से निकल रहे पसीने से बोर्ड पर लिखे शब्द मिट गए, और उसका मखमली बदन उस कठोर से बोर्ड पर घिसाई करके वहां की सफाई करने लगा, और फिर अजय ने अपने कहे अनुसार उसके बूब्स पर अपने दांतो से टैटू बनाने शुरू कर दिए...हर जगह लाल-2 निशान बनाता चला गया वो..
अंधेरी सी क्लास में खड़े होकर अजय उस आधी नंगी सोनी को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई ड्रॅक्यूला अपने शिकार को अंधेरे में दबोच कर निचोड़ लेता है...ऐसी फील और उत्तेजना सोनी ने भी आज तक महसूस नही की थी..
सोनी : "आआआआहह .... ओह अजय ...... यू आर वंडरफुल ...... ऐसी कला को तुम क्यो उस पूजा पर वेस्ट कर रहे हो.... मेरे साथ आ जाओ.... रोज ऐसे मज़े दिया करूँगी की तुम जन्नत को भी भूल जाओगे...''
सोनी ने खड़े -2 उसे पूजा को छोड़कर अपना बी एफ बनने का न्योता दे डाला...
और अजय सोचने लगा की काश ये उसे शादी से पहले मिली होती, ऐसी गर्म लड़की को रोज चोदने में कितना मज़ा मिलता...
और उसे ये ऑफर कहीं और से भी मिला होता तो वो कुछ सोच सकता था...मुसीबत ये थी की ये ऑफर देने वाली उसी की साली के कॉलेज में पड़ती थी...और पूजा से सोनी के साथ चलने वाले अफेयर को छुपाना आसान काम नही था...एक तो वो पहले से ही उसके पीछे पड़ी हुई थी...उसकी ग़लतिया ढूँढती रहती थी...उसे ठरकी साबित करने के नये-2 तरीके ढूँढती रहती थी...ऐसे में अगर उसे पता चल गया की सोनी के साथ उसका चक्कर चल रहा है और उसने ग़लती से भी ये बात प्राची को बोल दी तो उसकी ये जिंदगी , जो अभी-2 सेक्स की पटरी पर चडी थी, बर्बाद होकर रह जाएगी..
इसलिए सोनी के साथ उसे जो भी करना था काफ़ी सोच समझकर और पूजा से बचाकर ही करना था.
पर सोनी जैसे माल को छोड़ा भी तो नही जा सकता ना... एक चुदाई तो बनती ही है ऐसी रांड़ की...
इसलिए अजय ने कुछ नही कहा..बस उसके मुम्मो को चूसने में लगा रहा.
अचानक सोनी ने उसके चेहरे को पकड़कर उपर किया और बोली : "बोलो....बनोगे मेरे बी एफ..रोज नये तरीके से तुम्हे खुश किया करूँगी...छोड़ो उस बहनजी टाइप की पूजा को...वो तुम्हे अपने पीछे भगाएगी...तरसाएगी..पर कुछ देगी नही....''
अजय ने उसकी आँखो में आँखे डाली और बोला : "नही....ऐसा नही है...किस्सिंग और सकिंग तो आम बात है हमारे बीच...सिर्फ़ फकिंग ही तो रह गयी है...वो भी जल्द ही कर लेंगे..''
सोनी उसकी बात सुनकर हैरान रह गयी....क्योंकि कुछ दिन पहले भी उनकी कोई बात हो रही थी..और भरी क्लास में दोस्तो के सामने पूजा ने कसम खाकर कहा था की आज तक उसने किस्स तक नही की है...और ये बात सुनकर उसकी सहेलियो ने काफ़ी प्रशंसा की थी उसकी...ऐसे में अगर उसका बी एफ ही ऐसी बात उसके सामने उजागर कर रहा था तो सोनी का चोंकना स्वाभाविक ही था..
सोनी : "क्या तुम ये साबित कर सकते हो...?''
अजय : "इसमे साबित करने वाली क्या बात है...मैं बोल तो रहा हूँ ना...''
इतना कहकर वो फिर से उसके मुम्मे दबोच कर अपने मुँह की तरफ ले जाने लगा पर सोनी ने उसे रोक दिया...अजय भी सोचने लगा की अब ये क्या पंगा है...एक तो पहले ही उनके पास टाइम नही है और उपर से ये सोनी पता नही कैसी बाते बीच में लाकर उसका मूड और टाइम दोनो खराब कर रही है.
सोनी : "तुम्हारे बोलने से कुछ नही होता...क्योंकि जहाँ तक पूजा को मैं जानती हू,और जैसा वो अपने आप को सबके सामने दिखाती है, उसने तो आज तक कभी किस्स भी नही की है...सकिंग और फेकिंग तो दूर की बात है...''
अजय : "पर मेरे साबित करने से तुम्हे क्या मिलेगा...''
सोनी : "वो तुम नही समझोगे ...ये हमारे बीच की वो जंग है जो किसी को दिखाई नही देती...और इसमे मुझे जीतना ही जीतना है...इसलिए अब तुम मुझे जब तक अपनी कही बात साबित नही कर देते,तुम मुझसे दूर ही रहो...''
सोनी अच्छी तरह से जानती थी की ऐसे मौके पर आदमी को भूखा छोड़ दो तो वो कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा...वैसे तो वो भी अभी का ये काम अधूरा नही छोड़ना चाहती थी..पर उसे पता था की उसकी ये चाल ज़रूर कामयाब होगी और अंत में तो वो अजय के लंड का मज़ा लेकर ही रहेगी..
अजय : "पर इसके लिए मुझे क्या करना होगा...''
सोनी : "तुम कोई प्रूफ लाकर दिखाओ मुझे..अपने मोबाइल में कोई वीडियो या पिक खींच लो जब वो तुम्हारे साथ वो सब कर रही हो...और वो मेरे साथ शेयर कर लेना बस...''
अजय का तो दिमाग़ ही भन्ना गया ये सुनकर...सोनी उसे पूजा के साथ की ऐसी पिक या वीडियो माँग रही थी,जिससे वो शायद बाद मे उसे नीचा दिखा सके...पर इन सबमे पूजा की कितनी बदनामी होगी ये शायद अजय की समझ में आ चुका था..
पर वो भी इतना कच्चा खिलाड़ी नही था...वो बोला : "अगर तुम्हे ये सब देखना ही है तो आज रात ही देख सकती हो..कुछ ही देर में पूजा जब मेरे साथ निकलेगी तो मैं उसे थोड़ी देर के लिए रास्ते में आने वाले सेंट्रल पार्क में ले जाऊंगा ..तुम अभी निकल कर पहले से वहां जाकर छिप जाओ...और जो भी हमारे बीच होगा, वो तुम दूर से छुपकर देख लेना...और तब तुम्हे यकीन आ जाएगा की मैं जो भी कह रहा हूँ वो सब सच है...''
ये बात बोलकर वो सोनी को पिक या वीडियो देने से बचना चाहता था,क्योंकि वो उसका ग़लत इस्तेमाल कर सकती थी..
और ये उसने इसलिए भी कहा क्योंकि आज की रात पूजा के साथ की किस्स तो कन्फर्म ही थी ...उसे बस थोड़ी बहुत और मेहनत करनी थी ताकि वो सकिंग के लिए भी तैयार हो जाए..काम थोड़ा रिस्की ज़रूर था, पर अजय को अपने उपर पूरा कॉन्फिडेंस था..
सोनी भी ये मौका नही छोड़ना चाहती थी...इसलिए उसने भी तुरंत हां बोल दी...
और बोली : "अगर तुमने आज अपनी बात साबित कर दी तो कल की रात तुम मेरे साथ गुजरोगे...''
और इतना कहकर उसने अपना मोबाइल नंबर अजय को दे दिया ताकि अगले दिन वो दोनो बात करके मिल सके.
और फिर सोनी ने जल्दी-2 अपने कपड़े बदले और दोनो नीचे चल दिए.
नीचे पूजा काफ़ी देर से कपड़े बदल कर अजय का वेट कर रही थी...और उसने जब अजय को सोनी के साथ आते हुए देखा तो उसकी आँखे फैल गयी...उसे तो सोनी की हरकतें वैसे भी अच्छी नही लगती थी,और उपर से अजय भी काफ़ी फ्लर्ट टाइप का था, इसलिए दोनो को साथ में आता देखकर उसे यकीन हो गया की ज़रूर दोनो के बीच कुछ हुआ है..
सोनी ने पास आकर कहा : "चिंता मत कर...तेरे बी एफ के साथ कुछ नही किया...इसे बस उपर लेकर गयी थी, मेरे कपड़े उपर वाली क्लास में थे ना...डर लग रहा था अकेले जाने में, इसलिए इसे साथ ले गयी ..''
पूजा ने भी कटाक्ष भरे स्वर में कहा : "वो तो मुझे पता है...इन्फेक्ट मुझे तुझपर और अजय पर पूरा भरोसा है की तुम ऐसा कुछ कर ही नही सकते...''
और फिर अजय की तरफ देखकर वो बोली : "चलें डार्लिंग...काफ़ी देर हो चुकी है''
पर सोनी का पहले निकलना ज़रूरी था, इसलिए वो बोली : "मैं भी चलती हू...बाइ...कल मिलते है कॉलेज में ..''
और वो जल्दी से अपनी स्कूटी पर बैठकर निकल गयी...उसे सेंट्रल पार्क में जो पहुँचना था .
अजय और पूजा भी धीरे-2 चलते हुए अपनी कार की तरफ चल दिए...
दोनो कुछ बोल नही रहे थे..शायद इसलिए की पूजा जानती थी की अब अजय उसके साथ क्या करने वाला है.और अजय इसलिए की वो सोचने में लगा हुआ था की पूजा को कैसे राजी किया जाये वो सब करने के लिए जिसे देखकर सोनी को यकीन हो जाये की वो सच कह रहा है… और अगले दिन सोनी की चुदाई भी आज के काम पर टिकी हुई थी, इसलिए अजय को वो किसिंग और सकिंग वाला काम पूजा से करवाना बहुत जरुरी था
कार मे बैठते ही पूजा ने दबे हुए स्वर में कहा : "जीजू.....वो मैं क्या कह रही थी....की वो....आई मीन .... वो करना ज़रूरी है क्या....''
अजय की तो सुलग गयी ये सुनते ही....साली इतने नखरे क्यो दिखा रही है...बियर का हल्का सरूर अभी तक था उसपर...और उपर से सोनी के बिखेरे गये जलवों की वजह से वो अंदर ही अंदर अपने आप को कुछ ज़्यादा ही अमीर सा फील कर रहा था...ऐसे में उसे अब पूजा की एक टुच्ची सी किस की चिंता भी नही थी...पहले की बात और थी पर अब अजय के दोनो हाथ लड्डूओं से भरे हुए थे, इसलिए शायद थोड़ी बहुत निडरता भी आ चुकी थी उसमें ..
वो बोला : "नही...इतना भी ज़रूरी नही है....अगर तुम्हारा मन नही है तो मत करो...''
अजय की तरफ से इतने आराम से अपनी बात को मानता देखकर पूजा भी हैरान रह गयी...उसे तो जैसे बहुत बड़ी राहत मिली...पर उस राहत को अगले ही पल अजय ने डर में बदल दिया
अजय : "वैसे भी कल मुझे सोनी ने मिलने बुलाया है... और देखा जाए तो तुमसे काफ़ी सेक्सी है वो...कोई बात नही, तुम नही तो वो सही...''
इतना कहकर अजय ने गाड़ी स्टार्ट की और वो आगे चल दिए.
अजय अपनी तिरछी नज़रों से पूजा के एक्शप्रेशन देखने की कोशिश कर रहा था...उसके तो चेहरे की रंगत ही उढ़ चुकी थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की क्या बोले अब..
अगर अजय सोनी के पास चला गया तो, वो तो अपनी चूत भी मरवा लेगी उससे, और उपर से पूरे कॉलेज में जो धाक पूजा ने जमा रखी थी की उसका बाय्फ्रेंड काफ़ी हेंडसम होने के साथ-2 शरीफ भी है और दोनो ने आज तक कभी किस्स तक नही किया, वो भंडा भी उसका फुट जाएगा जब सोनी अपने और अजय के साथ की हुई चुदाई की बातें सभी को चटखारे लेकर सुनाएगी...और उपर से उसे अपनी दीदी के घर टूटने की भी चिंता सताने लगी...अभी तक तो सिर्फ़ एक किस्स से काम चल सकता था...अगर अजय सोनी के पास चला गया तो बात काफ़ी आगे बड़ जाएगी और प्राची तो ये सुनकर मर ही जाएगी की उसके पति का रिश्ता उसी की बहन के कॉलेज की एक लड़की से है...और प्राची दीदी को प्रेगनेंसी की हालत में वो कोई भी दुख नही देना चाहती थी..
वो एकदम से बोली : "अरे नही जीजू...आप उस सोनी की बातों में ना आओ, वो तो एक नंबर की बिच है...पूरे कॉलेज में बदनाम है वो...आज तक पता है कितने बाय्फरेंड्स रह चुके है उसके...और कोई भी 10-15 दिन से ज़्यादा नही टिकता...बड़ी ही चीप टाइप की लड़की है वो...आप उससे दूर ही रहो...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "मुझे उन सबसे क्या लेना...मैं तो बस कल शाम उससे मिलकर आ जाऊंगा ..एक कॉफ़ी पियुंगा बस...''
पूजा (थोड़े गुस्से में ) : हाँ ..हाँ ...पता है मुझे...किस तरह की कॉफ़ी के लिए बुलाया है उसने आपको...साली बिच...जिस दिन से उसने आपको देखा है,उसी दिन से उसकी आँखों में मैने पड़ लिया था...और आज उसने अपनी असलियत दिखा ही दी...लेकिन आपको मेरी कसम है जीजू...आप उसके पास मत जाना प्लीज़....''
इतना कहकर पूजा अजय के बिल्कुल करीब खिसक आई और अपने हाथों से उसकी बाजुओं को पकड़कर अजय से लिपट गयी...और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया..ये पहली बार था जब पूजा ने खुद अपनी तरफ से कोई फीलिंग दिखाई थी.
और ऐसा करते ही उसके नाज़ुक स्तन भी अजय की बाजुओं से घिसने लगे...अजय जब भी गियर चेंज करता तो उसकी कोहनी पूजा के स्तनों को अंदर तक झंझोड़ देती..पर पूजा वहां से हटी ही नही...अजय से चिपक कर बैठी रही.
अजय : "एक तरफ तुम अपना वादा तोड़ रही हो..और उपर से अपनी कसम देकर मुझे सोनी से मिलने भी नही दे रही...''
अब तक शायद पूजा सब कुछ सोच चुकी थी और अपने मन में कुछ निश्चय भी कर चुकी थी....उसने अपना चेहरा उपर उठाया और अजय की आँखो में देखते हुए बोली : "आप उसके पास मत जाओ प्लीज़...मैं अपना वादा निभाने के लिए तैयार हूँ ...''
उसके होंठों से निकल रही भीनी खुश्बू अजय के बिल्कुल करीब थी....इतने रसीले होंठ अजय ने आज तक नही देखते थे....उसका मन तो कर रहा था की थोड़ा आगे हो जाए और उसके होंठों पर किस्स कर दे,पर वो ये इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था.
अजय : "फिर ठीक है....सोनी वाला प्रोग्राम केंसल ...''
तब तक वो सेंट्रल पार्क भी आ चुका था...अजय ने बाहर ही गाड़ी रोक दी..
पूजा : "गाड़ी क्यो रोक दी आपने...''
अजय : "मुझे गाड़ी में घुटन होती है...वैसे भी बाहर देखो,कितनी बढ़िया हवा चल रही है....चलो पार्क में चलकर बैठते है थोड़ी देर...''
पूजा : "जीजू !!!!! इस वक़्त......11 बजने वाले है....प्लीज़ एक किस्स ही तो करनी है आपको...यहीं कर लो ना.....पार्क में जाते हुए मुझे डर लगेगा...और शर्म भी आएगी मुझे..''
अजय : "इस वक़्त कौन होगा जिसे देखकर तुम्हे शर्म आएगी...और मेरे होते हुए तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है...मुझपर भरोसा करो और चलो मेरे साथ...और याद रखो, ये तुम्हारी लाइफ की पहली किस है, इसे ऐसी घुटन भरी जगह पर मत करो...बाहर निकलो और खुले आसमान के नीचे चलकर अपनी पहली किस्स का मज़ा लो..''
अजय की बात सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो उठा..क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी अपने जीवन की पहली किस्स के लिए कई सपने संजोए थे...और आज जब वो घड़ी आई तो वो उन सपनो के बारे में भूल ही चुकी थी..अजय के कहने से वो सपने एक बार फिर से उसकी आँखो के सामने नाचने लगे..
उसने सोचा हुआ था की उसके दिल का राजकुमार , किसी नदी या समुंदर के किनारे उसे अपनी गोद में लिटाकर..उसके फूल से चेहरे को सहलाएगा...अपनी उंगलियों को उसकी आँखो, गालों और रसीले होंठों पर फिराएगा...और फिर धीरे से नीचे झुक कर अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख देगा...और दोनो एक कभी ना टूटने वाले चुंबन के बंधन में बंध जाएँगे...
"अब चलो भी अंदर....क्या सोचने लगी...''
अजय की आवाज़ सुनकर वो अपने ख़यालो से बाहर आई और झट से गाड़ी से निकलकर उसके साथ पार्क की तरफ चल दी.
रात का समय था,और पार्क बिल्कुल सुनसान सा था...अजय वहां पहले भी कई बार आ चुका था,इसलिए वो पूजा को लेकर थोड़ा अंदर की तरफ चलने लगा..
पूजा : "जीजू...कहाँ जा रहे हो...यहीं कर लो ना ...मुझे डर लग रहा है..''
पूजा उसकी बाजू पकड़ कर और चिपक कर चल रही थी...और अजय को उसके जिस्म से मिल रहे इस एहसास को फील करके काफ़ी मज़ा आ रहा था.
अजय : "बस थोड़ा और अंदर...एक ऐसी जगह है, जो तुम्हे भी पसंद आएगी...''
कहते-2 अजय उसे लेकर और अंदर की तरफ चल दिया.
पूजा को तो इस बात का पता भी नही था, पर अजय को ये एहसास हो चुका था की उनका कोई पीछा कर रहा है...एक सांया था, जो उनके पार्क में आते ही पेड़ों के पीछे से छिप -छिपकर उनके पीछे ही आता चला जा रहा था..
ये सोनी थी..जो एंट्री गेट के पास ही छुपकर अजय और पूजा को अंदर आते हुए देख चुकी थी..
उसे तो लगा था की अजय अंदर आते ही सामने पड़े एक बेंच पर बैठकर या पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा को किस्स करेगा, पर वो अंदर आकर चलता ही चला गया, इसलिए उसे भी छिप -छिपकर उनका पीछा करते हुए उसी तरफ जाना पड़ा,जहाँ वो दोनो जा रहे थे.
थोड़ा अंदर पहुँचकर जब अजय एक स्थान पर रुका तो वहां का नज़ारा देखकर पूजा की आँखे आश्चर्य से फैल गयी.
वहाँ एक छोटी सी झील थी...जिसके किनारे लकड़ी के बेंच और बड़े-2 पत्थर पड़े हुए थे...और उपर से पूर्णमाशी के चाँद की रोशनी से पूरा पार्क जगमगा रहा था...और झील में दो हँसो आ जोड़ा भी तैर रहा था...यानी कुल मिलाकर कुछ-2 वैसा ही रोमॅंटिक माहौल था जैसा पूजा ने सपनों में संजोया हुआ था.
और अजय भी बड़ा हरामी टाइप का था, वो जानता था की ऐसी जगह पर आकर पूजा थोड़ी रोमांटिक हो जाएगी,और फिर उससे कुछ भी करवाना ज़्यादा मुश्किल नही होगा.
अजय सीधा जाकर बेंच पर बैठ गया...और अपना एक हाथ आगे करके उसने पूजा को भी अपनी तरफ बुलाया..
पूजा मंत्रमुग्ध सी होकर अजय की तरफ चल दी.
दूर पेड़ के नीचे बैठी सोनी उन्हे देखकर जल भुन रही थी..
पूजा धीरे-2 चलती हुई बेंच तक आई और धीरे से वो अजय के करीब बैठ गयी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर उसे अपने और करीब खिसका लिया..पूजा ने अपना सिर होले से अजय के कंधे पर रख दिया...
अजय ने अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाया और उसके माथे को चूम लिया..अजय के होंठों के स्पर्श से ही पूजा के शरीर में कंपन दौड़ गया...दिल की धड़कने और बढ़ गयी...उसके होंठ भी काँपने लगे..और फिर पूजा ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया...और वो धीरे-2 फिसलकर नीचे की तरफ जाने लगी...और फिर उसने अपना सिर अजय की गोद में पहुँचा दिया और खुद सीधी होकर बेंच पर लेट गयी...
ये वही पोज़िशन थी जिसमें वो अपने सपनो के राजकुमार से पहली बार अपने होंठों को चुसवाना चाहती थी...
अजय भी अपनी गोद में लेटी पूजा के सेक्सी चेहरे को देखकर रोमांचित हो उठा...चाँद की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज़्यादा दमक रहा था.
पूजा ने नशीली आँखो से अजय को देखा और उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और अपनी तरफ करते हुए बोली : "आओ अजय...किस्स मीsssssssssssssssss ...''
ठरकी की लाइफ में ..18
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इतना कहकर उसने अजय के हाथ को पकड़ा और अपनी ब्रेस्ट पर रखकर ज़ोर से दबा दिया..
अजय के पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया...वो चाहकर भी अपना हाथ नही खींच पाया वापिस...
वो बोला : "पर तुम ये सब क्यों कर रही हो...तुम तो जानती हो की मैं तुम्हारी फ्रेंड का बी एफ हूँ ...फिर मेरे साथ ये सब क्यो...?''
सोनी : "सोनी को जो चीज़ एक बार पसंद आ जाती है, वो उसे पाकर ही रहती है...बहुत बड़ी ठरकी टाइप की लड़की हूँ मैं सेक्स के मामले में ...इसलिए मुझे जो चाहिए...मैं उसे किसी भी कीमत पर पाकर ही रहती हूँ ...फिर चाहे इसके लिए मुझे अपनी सहेली से ही हाथ क्यो ना धोना पड़े...''
किसी लड़की का खुद को ठरकी कहना अजय को बहुत पसंद आया...देखा जाए तो वो उसी की बिरादरी की थी...उसके जैसा ही सोच रही थी वो...बस वो खुले विचारो की थी इसलिए उसे किसी भी चक्करों मे पड़ने की भी चिंता नही थी..और उसकी बातों से सॉफ पता चल रहा था की चुदाई तो उसने जी भर कर की होगी..इसलिए अजय के साथ इस वक़्त वो क्या करने की सोच रही थी इसका अंदाज़ा लगाना ज़्यादा मुश्किल नही था अजय के लिए..
सोनी ने अपने हाथ पीछे किये और उन हुक्स को बड़ी आसानी से खोल दिया जिसे खोलने के लिए अजय के हाथ कांप रहे थे, उसने ब्लाउस निकाल कर नीचे फेंक दिया और अब वो उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी, जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी
ये पहला फल था जो उसकी झोली में बिना किसी मेहनत और इच्छा के आ गिरा था...और अब अजय के उपर था की वो उसके साथ क्या - 2 कर सकता था..
पर हमेशा वो नही होता जो इंसान सोचता है...अजय के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला था..
सोनी की गर्म साँसे उसके चेहरे से टकरा रही थी...और फिर सोनी अपने पंजो पर खड़ी हुई और उसने अजय के होंठों पर हमला बोल दिया...और हमला भी ऐसा ख़तरनाक वाला की अजय जैसा इंसान भी घबरा गया की कहीं वो उसके होंठों को नोच ही ना ले..
सोनी बड़े ही कामुक तरीके से अजय के होंठों को चूस रही थी...उन्हे चुभला रही थी...उन्हे काट रही थी...और साथ ही साथ अपनी नर्म मुलायम छातियाँ उसके सीने से रगड़ भी रही थी.
अजय कुछ देर तक तो उससे अपने होंठ चुसवाता रहा और फिर एक मौका आया जब वो थक सी गयी...और फिर अजय ने उसपर काउंटर अटैक कर दिया...अपने भारी भरकम होंठों से वो उसके रबड़ जैसे होंठों को ज़ोर -2 से चूसने लगा...
सोनी : "आआआआआहह .......साले कुत्ते........इतनी ज़ोर से तो मुझे आज तक किसी ने नही चूसा.....आआआआअहह ...मुझे तो लगता था की मैं ही मास्टर हूँ फ्रेंच किस्स में ...पर तुम तो मेरे भी गुरु निकले...... आआआआआहह पुक्क्ककककककचह चूसो इन्हे......और ज़ोर से......चूसो......''
सोनी के मुँह से कुत्ते सुनकर ही अजय का लंड बाँस जैसा लंबा हो चुका था...उसके हिसाब से तो चुदाई का असली मज़ा तभी आता है जब दोनो तरफ से गालियाँ और गंदी बातों की बौछार हो ...इसलिए अजय भी शुरू हो गया..
''अभी तूने मेरा कमाल देखा ही कहा है . कुतिया ..असली मज़ा तो तुझे तब मिलेगा जब तेरे जिस्म की एक एक बोटी मैं चूस्कर अपनी लव बाइट वहां छोड़ दूँगा...और तेरी चूत का तो मैं वो हाल करूँगा की तू बिस्तर से एक हफ्ते तक उठ भी नही पाएगी...''
अब अजय भी अपने रंग में आ चुका था...उसे शायद अब पूजा का ध्यान भी नही आ रहा था..
सोनी तो मचल उठी अजय के मुँह से ये सब सुनकर...उसे ऐसा लग रहा था जैसे अजय के सुलगते हुए शब्द उसके जिस्म पर वही कहर बरपा रहे है जो वैसा करने के बाद उसे फील होता...
इसलिए उसने बड़े ही मादक ढंग से मचलते हुए अपनी ब्रा भी उतार फेंकी...और अब वो उपर से नंगी थी और अजय ने भी देर नही की उसके बूब्स मे अपना मुँह झोंकने में ...वो टूट पड़ा उसके मोटे-2 चुच्चों पर...और खाने लगा उन चिकन मोमोस को...
सोनी ने उसके सिर के पीछे हाथ रखकर अपनी छातियों पर घूमाना शुरू कर दिया...कभी इधर और कभी उधर...
अजय ने नोट किया की उसके निप्पल कुछ ज़्यादा ही लंबे है...जिन्हे मुँह मे लेने से ऐसा फील हो रहा था जैसे बच्चे के दूध की बोतल का मोटा वाला निप्पल मुँह में ले रखा है...
दूध तो निकल नही रहा था उसमे से पर उन्हे चूसने से जो कसमसाहट सोनी को मिल रही थी वो भी किसी रसीले जूस से कम नही था..
अजय ने उसके दोनों हाथ पकड़ कर ऊपर किये और उसे क्लास की दिवार पर बने ब्लैक बोर्ड पर सटाकर चिपका दिया, सोनी के जिस्म से निकल रहे पसीने से बोर्ड पर लिखे शब्द मिट गए, और उसका मखमली बदन उस कठोर से बोर्ड पर घिसाई करके वहां की सफाई करने लगा, और फिर अजय ने अपने कहे अनुसार उसके बूब्स पर अपने दांतो से टैटू बनाने शुरू कर दिए...हर जगह लाल-2 निशान बनाता चला गया वो..
अंधेरी सी क्लास में खड़े होकर अजय उस आधी नंगी सोनी को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई ड्रॅक्यूला अपने शिकार को अंधेरे में दबोच कर निचोड़ लेता है...ऐसी फील और उत्तेजना सोनी ने भी आज तक महसूस नही की थी..
सोनी : "आआआआहह .... ओह अजय ...... यू आर वंडरफुल ...... ऐसी कला को तुम क्यो उस पूजा पर वेस्ट कर रहे हो.... मेरे साथ आ जाओ.... रोज ऐसे मज़े दिया करूँगी की तुम जन्नत को भी भूल जाओगे...''
सोनी ने खड़े -2 उसे पूजा को छोड़कर अपना बी एफ बनने का न्योता दे डाला...
और अजय सोचने लगा की काश ये उसे शादी से पहले मिली होती, ऐसी गर्म लड़की को रोज चोदने में कितना मज़ा मिलता...
और उसे ये ऑफर कहीं और से भी मिला होता तो वो कुछ सोच सकता था...मुसीबत ये थी की ये ऑफर देने वाली उसी की साली के कॉलेज में पड़ती थी...और पूजा से सोनी के साथ चलने वाले अफेयर को छुपाना आसान काम नही था...एक तो वो पहले से ही उसके पीछे पड़ी हुई थी...उसकी ग़लतिया ढूँढती रहती थी...उसे ठरकी साबित करने के नये-2 तरीके ढूँढती रहती थी...ऐसे में अगर उसे पता चल गया की सोनी के साथ उसका चक्कर चल रहा है और उसने ग़लती से भी ये बात प्राची को बोल दी तो उसकी ये जिंदगी , जो अभी-2 सेक्स की पटरी पर चडी थी, बर्बाद होकर रह जाएगी..
इसलिए सोनी के साथ उसे जो भी करना था काफ़ी सोच समझकर और पूजा से बचाकर ही करना था.
पर सोनी जैसे माल को छोड़ा भी तो नही जा सकता ना... एक चुदाई तो बनती ही है ऐसी रांड़ की...
इसलिए अजय ने कुछ नही कहा..बस उसके मुम्मो को चूसने में लगा रहा.
अचानक सोनी ने उसके चेहरे को पकड़कर उपर किया और बोली : "बोलो....बनोगे मेरे बी एफ..रोज नये तरीके से तुम्हे खुश किया करूँगी...छोड़ो उस बहनजी टाइप की पूजा को...वो तुम्हे अपने पीछे भगाएगी...तरसाएगी..पर कुछ देगी नही....''
अजय ने उसकी आँखो में आँखे डाली और बोला : "नही....ऐसा नही है...किस्सिंग और सकिंग तो आम बात है हमारे बीच...सिर्फ़ फकिंग ही तो रह गयी है...वो भी जल्द ही कर लेंगे..''
सोनी उसकी बात सुनकर हैरान रह गयी....क्योंकि कुछ दिन पहले भी उनकी कोई बात हो रही थी..और भरी क्लास में दोस्तो के सामने पूजा ने कसम खाकर कहा था की आज तक उसने किस्स तक नही की है...और ये बात सुनकर उसकी सहेलियो ने काफ़ी प्रशंसा की थी उसकी...ऐसे में अगर उसका बी एफ ही ऐसी बात उसके सामने उजागर कर रहा था तो सोनी का चोंकना स्वाभाविक ही था..
सोनी : "क्या तुम ये साबित कर सकते हो...?''
अजय : "इसमे साबित करने वाली क्या बात है...मैं बोल तो रहा हूँ ना...''
इतना कहकर वो फिर से उसके मुम्मे दबोच कर अपने मुँह की तरफ ले जाने लगा पर सोनी ने उसे रोक दिया...अजय भी सोचने लगा की अब ये क्या पंगा है...एक तो पहले ही उनके पास टाइम नही है और उपर से ये सोनी पता नही कैसी बाते बीच में लाकर उसका मूड और टाइम दोनो खराब कर रही है.
सोनी : "तुम्हारे बोलने से कुछ नही होता...क्योंकि जहाँ तक पूजा को मैं जानती हू,और जैसा वो अपने आप को सबके सामने दिखाती है, उसने तो आज तक कभी किस्स भी नही की है...सकिंग और फेकिंग तो दूर की बात है...''
अजय : "पर मेरे साबित करने से तुम्हे क्या मिलेगा...''
सोनी : "वो तुम नही समझोगे ...ये हमारे बीच की वो जंग है जो किसी को दिखाई नही देती...और इसमे मुझे जीतना ही जीतना है...इसलिए अब तुम मुझे जब तक अपनी कही बात साबित नही कर देते,तुम मुझसे दूर ही रहो...''
सोनी अच्छी तरह से जानती थी की ऐसे मौके पर आदमी को भूखा छोड़ दो तो वो कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा...वैसे तो वो भी अभी का ये काम अधूरा नही छोड़ना चाहती थी..पर उसे पता था की उसकी ये चाल ज़रूर कामयाब होगी और अंत में तो वो अजय के लंड का मज़ा लेकर ही रहेगी..
अजय : "पर इसके लिए मुझे क्या करना होगा...''
सोनी : "तुम कोई प्रूफ लाकर दिखाओ मुझे..अपने मोबाइल में कोई वीडियो या पिक खींच लो जब वो तुम्हारे साथ वो सब कर रही हो...और वो मेरे साथ शेयर कर लेना बस...''
अजय का तो दिमाग़ ही भन्ना गया ये सुनकर...सोनी उसे पूजा के साथ की ऐसी पिक या वीडियो माँग रही थी,जिससे वो शायद बाद मे उसे नीचा दिखा सके...पर इन सबमे पूजा की कितनी बदनामी होगी ये शायद अजय की समझ में आ चुका था..
पर वो भी इतना कच्चा खिलाड़ी नही था...वो बोला : "अगर तुम्हे ये सब देखना ही है तो आज रात ही देख सकती हो..कुछ ही देर में पूजा जब मेरे साथ निकलेगी तो मैं उसे थोड़ी देर के लिए रास्ते में आने वाले सेंट्रल पार्क में ले जाऊंगा ..तुम अभी निकल कर पहले से वहां जाकर छिप जाओ...और जो भी हमारे बीच होगा, वो तुम दूर से छुपकर देख लेना...और तब तुम्हे यकीन आ जाएगा की मैं जो भी कह रहा हूँ वो सब सच है...''
ये बात बोलकर वो सोनी को पिक या वीडियो देने से बचना चाहता था,क्योंकि वो उसका ग़लत इस्तेमाल कर सकती थी..
और ये उसने इसलिए भी कहा क्योंकि आज की रात पूजा के साथ की किस्स तो कन्फर्म ही थी ...उसे बस थोड़ी बहुत और मेहनत करनी थी ताकि वो सकिंग के लिए भी तैयार हो जाए..काम थोड़ा रिस्की ज़रूर था, पर अजय को अपने उपर पूरा कॉन्फिडेंस था..
सोनी भी ये मौका नही छोड़ना चाहती थी...इसलिए उसने भी तुरंत हां बोल दी...
और बोली : "अगर तुमने आज अपनी बात साबित कर दी तो कल की रात तुम मेरे साथ गुजरोगे...''
और इतना कहकर उसने अपना मोबाइल नंबर अजय को दे दिया ताकि अगले दिन वो दोनो बात करके मिल सके.
और फिर सोनी ने जल्दी-2 अपने कपड़े बदले और दोनो नीचे चल दिए.
नीचे पूजा काफ़ी देर से कपड़े बदल कर अजय का वेट कर रही थी...और उसने जब अजय को सोनी के साथ आते हुए देखा तो उसकी आँखे फैल गयी...उसे तो सोनी की हरकतें वैसे भी अच्छी नही लगती थी,और उपर से अजय भी काफ़ी फ्लर्ट टाइप का था, इसलिए दोनो को साथ में आता देखकर उसे यकीन हो गया की ज़रूर दोनो के बीच कुछ हुआ है..
सोनी ने पास आकर कहा : "चिंता मत कर...तेरे बी एफ के साथ कुछ नही किया...इसे बस उपर लेकर गयी थी, मेरे कपड़े उपर वाली क्लास में थे ना...डर लग रहा था अकेले जाने में, इसलिए इसे साथ ले गयी ..''
पूजा ने भी कटाक्ष भरे स्वर में कहा : "वो तो मुझे पता है...इन्फेक्ट मुझे तुझपर और अजय पर पूरा भरोसा है की तुम ऐसा कुछ कर ही नही सकते...''
और फिर अजय की तरफ देखकर वो बोली : "चलें डार्लिंग...काफ़ी देर हो चुकी है''
पर सोनी का पहले निकलना ज़रूरी था, इसलिए वो बोली : "मैं भी चलती हू...बाइ...कल मिलते है कॉलेज में ..''
और वो जल्दी से अपनी स्कूटी पर बैठकर निकल गयी...उसे सेंट्रल पार्क में जो पहुँचना था .
अजय और पूजा भी धीरे-2 चलते हुए अपनी कार की तरफ चल दिए...
दोनो कुछ बोल नही रहे थे..शायद इसलिए की पूजा जानती थी की अब अजय उसके साथ क्या करने वाला है.और अजय इसलिए की वो सोचने में लगा हुआ था की पूजा को कैसे राजी किया जाये वो सब करने के लिए जिसे देखकर सोनी को यकीन हो जाये की वो सच कह रहा है… और अगले दिन सोनी की चुदाई भी आज के काम पर टिकी हुई थी, इसलिए अजय को वो किसिंग और सकिंग वाला काम पूजा से करवाना बहुत जरुरी था
कार मे बैठते ही पूजा ने दबे हुए स्वर में कहा : "जीजू.....वो मैं क्या कह रही थी....की वो....आई मीन .... वो करना ज़रूरी है क्या....''
अजय की तो सुलग गयी ये सुनते ही....साली इतने नखरे क्यो दिखा रही है...बियर का हल्का सरूर अभी तक था उसपर...और उपर से सोनी के बिखेरे गये जलवों की वजह से वो अंदर ही अंदर अपने आप को कुछ ज़्यादा ही अमीर सा फील कर रहा था...ऐसे में उसे अब पूजा की एक टुच्ची सी किस की चिंता भी नही थी...पहले की बात और थी पर अब अजय के दोनो हाथ लड्डूओं से भरे हुए थे, इसलिए शायद थोड़ी बहुत निडरता भी आ चुकी थी उसमें ..
वो बोला : "नही...इतना भी ज़रूरी नही है....अगर तुम्हारा मन नही है तो मत करो...''
अजय की तरफ से इतने आराम से अपनी बात को मानता देखकर पूजा भी हैरान रह गयी...उसे तो जैसे बहुत बड़ी राहत मिली...पर उस राहत को अगले ही पल अजय ने डर में बदल दिया
अजय : "वैसे भी कल मुझे सोनी ने मिलने बुलाया है... और देखा जाए तो तुमसे काफ़ी सेक्सी है वो...कोई बात नही, तुम नही तो वो सही...''
इतना कहकर अजय ने गाड़ी स्टार्ट की और वो आगे चल दिए.
अजय अपनी तिरछी नज़रों से पूजा के एक्शप्रेशन देखने की कोशिश कर रहा था...उसके तो चेहरे की रंगत ही उढ़ चुकी थी...उसकी समझ में नही आ रहा था की क्या बोले अब..
अगर अजय सोनी के पास चला गया तो, वो तो अपनी चूत भी मरवा लेगी उससे, और उपर से पूरे कॉलेज में जो धाक पूजा ने जमा रखी थी की उसका बाय्फ्रेंड काफ़ी हेंडसम होने के साथ-2 शरीफ भी है और दोनो ने आज तक कभी किस्स तक नही किया, वो भंडा भी उसका फुट जाएगा जब सोनी अपने और अजय के साथ की हुई चुदाई की बातें सभी को चटखारे लेकर सुनाएगी...और उपर से उसे अपनी दीदी के घर टूटने की भी चिंता सताने लगी...अभी तक तो सिर्फ़ एक किस्स से काम चल सकता था...अगर अजय सोनी के पास चला गया तो बात काफ़ी आगे बड़ जाएगी और प्राची तो ये सुनकर मर ही जाएगी की उसके पति का रिश्ता उसी की बहन के कॉलेज की एक लड़की से है...और प्राची दीदी को प्रेगनेंसी की हालत में वो कोई भी दुख नही देना चाहती थी..
वो एकदम से बोली : "अरे नही जीजू...आप उस सोनी की बातों में ना आओ, वो तो एक नंबर की बिच है...पूरे कॉलेज में बदनाम है वो...आज तक पता है कितने बाय्फरेंड्स रह चुके है उसके...और कोई भी 10-15 दिन से ज़्यादा नही टिकता...बड़ी ही चीप टाइप की लड़की है वो...आप उससे दूर ही रहो...''
अजय (मुस्कुराते हुए) : "मुझे उन सबसे क्या लेना...मैं तो बस कल शाम उससे मिलकर आ जाऊंगा ..एक कॉफ़ी पियुंगा बस...''
पूजा (थोड़े गुस्से में ) : हाँ ..हाँ ...पता है मुझे...किस तरह की कॉफ़ी के लिए बुलाया है उसने आपको...साली बिच...जिस दिन से उसने आपको देखा है,उसी दिन से उसकी आँखों में मैने पड़ लिया था...और आज उसने अपनी असलियत दिखा ही दी...लेकिन आपको मेरी कसम है जीजू...आप उसके पास मत जाना प्लीज़....''
इतना कहकर पूजा अजय के बिल्कुल करीब खिसक आई और अपने हाथों से उसकी बाजुओं को पकड़कर अजय से लिपट गयी...और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया..ये पहली बार था जब पूजा ने खुद अपनी तरफ से कोई फीलिंग दिखाई थी.
और ऐसा करते ही उसके नाज़ुक स्तन भी अजय की बाजुओं से घिसने लगे...अजय जब भी गियर चेंज करता तो उसकी कोहनी पूजा के स्तनों को अंदर तक झंझोड़ देती..पर पूजा वहां से हटी ही नही...अजय से चिपक कर बैठी रही.
अजय : "एक तरफ तुम अपना वादा तोड़ रही हो..और उपर से अपनी कसम देकर मुझे सोनी से मिलने भी नही दे रही...''
अब तक शायद पूजा सब कुछ सोच चुकी थी और अपने मन में कुछ निश्चय भी कर चुकी थी....उसने अपना चेहरा उपर उठाया और अजय की आँखो में देखते हुए बोली : "आप उसके पास मत जाओ प्लीज़...मैं अपना वादा निभाने के लिए तैयार हूँ ...''
उसके होंठों से निकल रही भीनी खुश्बू अजय के बिल्कुल करीब थी....इतने रसीले होंठ अजय ने आज तक नही देखते थे....उसका मन तो कर रहा था की थोड़ा आगे हो जाए और उसके होंठों पर किस्स कर दे,पर वो ये इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था.
अजय : "फिर ठीक है....सोनी वाला प्रोग्राम केंसल ...''
तब तक वो सेंट्रल पार्क भी आ चुका था...अजय ने बाहर ही गाड़ी रोक दी..
पूजा : "गाड़ी क्यो रोक दी आपने...''
अजय : "मुझे गाड़ी में घुटन होती है...वैसे भी बाहर देखो,कितनी बढ़िया हवा चल रही है....चलो पार्क में चलकर बैठते है थोड़ी देर...''
पूजा : "जीजू !!!!! इस वक़्त......11 बजने वाले है....प्लीज़ एक किस्स ही तो करनी है आपको...यहीं कर लो ना.....पार्क में जाते हुए मुझे डर लगेगा...और शर्म भी आएगी मुझे..''
अजय : "इस वक़्त कौन होगा जिसे देखकर तुम्हे शर्म आएगी...और मेरे होते हुए तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही है...मुझपर भरोसा करो और चलो मेरे साथ...और याद रखो, ये तुम्हारी लाइफ की पहली किस है, इसे ऐसी घुटन भरी जगह पर मत करो...बाहर निकलो और खुले आसमान के नीचे चलकर अपनी पहली किस्स का मज़ा लो..''
अजय की बात सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो उठा..क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी अपने जीवन की पहली किस्स के लिए कई सपने संजोए थे...और आज जब वो घड़ी आई तो वो उन सपनो के बारे में भूल ही चुकी थी..अजय के कहने से वो सपने एक बार फिर से उसकी आँखो के सामने नाचने लगे..
उसने सोचा हुआ था की उसके दिल का राजकुमार , किसी नदी या समुंदर के किनारे उसे अपनी गोद में लिटाकर..उसके फूल से चेहरे को सहलाएगा...अपनी उंगलियों को उसकी आँखो, गालों और रसीले होंठों पर फिराएगा...और फिर धीरे से नीचे झुक कर अपने होंठ उसके नर्म मुलायम होंठों पर रख देगा...और दोनो एक कभी ना टूटने वाले चुंबन के बंधन में बंध जाएँगे...
"अब चलो भी अंदर....क्या सोचने लगी...''
अजय की आवाज़ सुनकर वो अपने ख़यालो से बाहर आई और झट से गाड़ी से निकलकर उसके साथ पार्क की तरफ चल दी.
रात का समय था,और पार्क बिल्कुल सुनसान सा था...अजय वहां पहले भी कई बार आ चुका था,इसलिए वो पूजा को लेकर थोड़ा अंदर की तरफ चलने लगा..
पूजा : "जीजू...कहाँ जा रहे हो...यहीं कर लो ना ...मुझे डर लग रहा है..''
पूजा उसकी बाजू पकड़ कर और चिपक कर चल रही थी...और अजय को उसके जिस्म से मिल रहे इस एहसास को फील करके काफ़ी मज़ा आ रहा था.
अजय : "बस थोड़ा और अंदर...एक ऐसी जगह है, जो तुम्हे भी पसंद आएगी...''
कहते-2 अजय उसे लेकर और अंदर की तरफ चल दिया.
पूजा को तो इस बात का पता भी नही था, पर अजय को ये एहसास हो चुका था की उनका कोई पीछा कर रहा है...एक सांया था, जो उनके पार्क में आते ही पेड़ों के पीछे से छिप -छिपकर उनके पीछे ही आता चला जा रहा था..
ये सोनी थी..जो एंट्री गेट के पास ही छुपकर अजय और पूजा को अंदर आते हुए देख चुकी थी..
उसे तो लगा था की अजय अंदर आते ही सामने पड़े एक बेंच पर बैठकर या पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा को किस्स करेगा, पर वो अंदर आकर चलता ही चला गया, इसलिए उसे भी छिप -छिपकर उनका पीछा करते हुए उसी तरफ जाना पड़ा,जहाँ वो दोनो जा रहे थे.
थोड़ा अंदर पहुँचकर जब अजय एक स्थान पर रुका तो वहां का नज़ारा देखकर पूजा की आँखे आश्चर्य से फैल गयी.
वहाँ एक छोटी सी झील थी...जिसके किनारे लकड़ी के बेंच और बड़े-2 पत्थर पड़े हुए थे...और उपर से पूर्णमाशी के चाँद की रोशनी से पूरा पार्क जगमगा रहा था...और झील में दो हँसो आ जोड़ा भी तैर रहा था...यानी कुल मिलाकर कुछ-2 वैसा ही रोमॅंटिक माहौल था जैसा पूजा ने सपनों में संजोया हुआ था.
और अजय भी बड़ा हरामी टाइप का था, वो जानता था की ऐसी जगह पर आकर पूजा थोड़ी रोमांटिक हो जाएगी,और फिर उससे कुछ भी करवाना ज़्यादा मुश्किल नही होगा.
अजय सीधा जाकर बेंच पर बैठ गया...और अपना एक हाथ आगे करके उसने पूजा को भी अपनी तरफ बुलाया..
पूजा मंत्रमुग्ध सी होकर अजय की तरफ चल दी.
दूर पेड़ के नीचे बैठी सोनी उन्हे देखकर जल भुन रही थी..
पूजा धीरे-2 चलती हुई बेंच तक आई और धीरे से वो अजय के करीब बैठ गयी...अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर उसे अपने और करीब खिसका लिया..पूजा ने अपना सिर होले से अजय के कंधे पर रख दिया...
अजय ने अपना चेहरा उसकी तरफ घुमाया और उसके माथे को चूम लिया..अजय के होंठों के स्पर्श से ही पूजा के शरीर में कंपन दौड़ गया...दिल की धड़कने और बढ़ गयी...उसके होंठ भी काँपने लगे..और फिर पूजा ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया...और वो धीरे-2 फिसलकर नीचे की तरफ जाने लगी...और फिर उसने अपना सिर अजय की गोद में पहुँचा दिया और खुद सीधी होकर बेंच पर लेट गयी...
ये वही पोज़िशन थी जिसमें वो अपने सपनो के राजकुमार से पहली बार अपने होंठों को चुसवाना चाहती थी...
अजय भी अपनी गोद में लेटी पूजा के सेक्सी चेहरे को देखकर रोमांचित हो उठा...चाँद की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज़्यादा दमक रहा था.
पूजा ने नशीली आँखो से अजय को देखा और उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और अपनी तरफ करते हुए बोली : "आओ अजय...किस्स मीsssssssssssssssss ...''
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