Tuesday, July 28, 2015

FUN-MAZA-MASTI काला लौड़ा गोरी चूत

FUN-MAZA-MASTI

काला लौड़ा गोरी चूत


जैसे ही स्वाति ने मेरी नेकर नीचे घसीटा मेरा लौडा फंफनाकर उसके सामने नाच उठा स्वाति ने उसे अंपनी मूठी में लिया और बड़े प्यार से हिलाने लगी हिलाते ही लौडा और मस्त हो गया उसका सुपाडा चमक उठा स्वाति ने अपनी जबान निकाली और सुपाडे के चारों तरफ़ घुमा कर चूसा फिर चाटना शुरू किया दूसरे हाथ से पेल्हड़ सहलाना शुरू किया
झांटो पर उंगली फिरा कर बोली:- यार तुम्हारा लौडा इतना बड़ा होगा इसका मुझे अनुमान नही था मैं पिछले ६ महीने से इस तरह के लंड के लिए तरस रही हूँ मेरी इच्छा आज पुरी हुई है
मैं नीचे की बर्थ पर नंगा बैठ गया स्वाति नीचे बैठ कर मेरे लंड से मस्ती करने लगी फिर अपनी चूचियों से लंड रगड़ने लगी
मैंने कहा:- स्वाति यार तेरे हाथों में और तेरी चूंचियों में जादू है मेरा लौडा इतना ज्यादा कभी नही तन्तानाया जितना आज मै देख रहा हूँ
स्वाति:- आप सही कहते है मेरे हाथों में जादू है यह बात सभी लोग कहते है पर इतना बड़ा और इतना खूबसूरत लौडा मैंने पहले कभी नही देखा
चलती हुई ट्रेन का वह ऐ सी फर्स्ट क्लास का डिब्बा है जिसमे चार बर्थ होती है दो नीचे दो ऊपर दो नीचे बर्थ पर मैं और स्वाति सफर कर रहे है ऊपर की दो बर्थ खाली है इनपर कल सबेरे पैसंजर आयेंगे उंदर का दरवाज़ा बंद कर हमलोग सेक्स का आनंद उठा रहे है यह ट्रेन चेन्नई से दिल्ली की ओर जा रही है दर असल मैं जब ट्रेन पर चढा तो अकेला था अपना सामान आदि लगा कर मैं इत्मिनान से बैठा था इतने में एक खूब सूरत औरत आकर बैठ गयी उसने भी अपना सामान बर्थ के नीचे रखा और पानी की बोतल निकाल कर पानी पिया फिर उसने एक तकिया लगाया और आराम से बैठ गयी थोडी देर में टी टी आया तो मुझे मालूम हुआ की उसका नाम स्वाति है मैंने लिस्ट में जाकर देखा की वह ३२ साल की महिला है और वापस आकर मजे से बैठ गया फिर चायवाला आया तो मैंने चाय ऑफर की उन्होंने मुस्कराकर स्वीकार कर लिया मेरी उमर उस समय ३० साल के लगभग थी मैं भी स्मार्ट बन्दा था फिर मैंने धीरे से उन्हें चिप्स वगैरह भी खिलाया
मैंने पूंछा :-- आप कहाँ तक जा रही है
उसने जबाब दिया :- मैं दिल्ली जा रही हूँ
मैं पूंछा :-- क्या आप वहीँ की रहने वाली है
उसने कहा :-नही मैं दिल्ली की रहने वाली नही हूँ मैं चेन्नई की हूँ
मैंने कहा :- तो आपको हिन्दी नही आती होगी
स्वाति :- हिन्दी खूब आती है मैं तो दिल्ली की ही पढ़ी लिखी हूँ मेरे पापा यहीं पर सर्विस करते है और मैं भी जॉब करती हूँ आप अपने बारे में कुछ बताएं
मैंने कहा:- मैं दिल्ली के एक कालेज में प्रोफ़ेसर हूँ चेन्नई में एक सेमीनार में गया था अब वापस जा रहा हूँ यह एक लंबा सफर है आपका साथ है तो सफर अच्छा कट जाएगा
स्वाति :- बिल्कुल मैं भी यही सोच रही हूँ थोडी देर में मैंने एक व्हिस्की की बोतल निकाली और दो गिलास साफ कर के रखा
मैंने डरते डरते पूंछा :- मैडम क्या आप मेरा साथ देंगी
उसने बोतल की तरफ़ देखा और मुस्कराकर बोली:- वैसे तो मैं पीती नही हूँ लेकिन इस समय आप का साथ दे सकती हूँ
मैंने कहा :- शुक्रिया जनाब
अब हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगे खूब इधर उधर की बातें की और फिर मैं अपने बैग से कुछ किताबे निकाल कर
टेबल पर रख दी बैग से एक ढीली ढीली नेकर निकाल कर रख लिया मैंने कहा में मैं कपड़े बदल कर आता हूँ मैं बाथरूम गया और वापस आते समय थोड़ा झांक कर देखा तो पाया की स्वाति सेक्स की कहानिया पड़ रही थी वास्तव में मैंने सुपर हॉट लिंगम की कहानी की किताब सबसे ऊपर ही रख दिया था यह देखकर मेरा लंड नेकर के अन्दर ही खड़ा हो गया जैसे ही मैं वापस आया स्वाति ने पूंछा की यह किताब तुम्हारी है मैंने कहा हां हमारी है तो उसने जबाब दिया इसमे तो बड़ी गन्दी गन्दी सेक्स की कहानियाँ है मैंने कहा की लंबे सफर में वह कहानियाँ बड़ा साथ देती है स्वाति बोली ये कहानियाँ मुझे बहुत अच्छी लग रही है मैं सारी कहानियाँ पढ़ना चाहती हूँ इसलिए मैं इसे अपने पास रख लेती हूँ मुझे मालूम हो गया है की इन कहानियों को अकेले में नंगे होकर पढने में ज्यादा मज़ा आए गा मैंने कहा की इन कहानियों को आप उसके साथ भी पढ़ सकती है जिनसे आप के सेक्स सम्बन्ध हो वह बोली इन कहानियों के जरिये भी सेक्स सम्बन्ध बनाये जा सकते है मैं तो सोच रही हूँ की कहानियाँ लिखने वाले का लौडा तो बड़ा जबरदस्त होगा मस्त होगा मुझे मिल जाए तो मैं उसको अपना सब कुछ दे दूँ और लिपट कर प्यार करूँ
उसके मुह से लौडा शब्द सुनकर मैं बहुत खुश हुआ मेरा लंड एकदम से सनसना गया वह बोली अच्छा अब मैं कपड़े बदल लेती हूँ तो मैंने कहा कि मैं बाहर चला जाता हूँ उसने कहा बाहर जाने की क्या जरूरत है वहीँ बैठे रहो मुझे कोई शर्म नही है मैं कोई गाँव की लड़की नही हूँ मैं वह सुनकर बड़ा खुश हुआ मैंने देखा की उसने एक ढीला ढीला गौन पहन लिया उसके नीचे कुछ भी नही था क्यंकि मैंने उसे ब्रा उतारते हुए देखा था इसका मतलब अब उसकी चूंचियां एकदम आजाद थी हम दोनों फिर गिलास लेकर शराब पीने लगे एक पैग पूरा हुआ तो दूसरा शुरू हो गया मैं दंग रह गया जब उसने सिगरत मेरी तरफ़ बढाया हम दोनों सिगरत पीने लगे जैसे ही दूसरा पैग ख़तम हुआ उसने अपने गौण कि दोनों बटन खोल दी उसकी चूंची साफ दिखने लगी इधर मेरा लंड भी उछाल मारने लगा स्वाति कि निगाह मेरे लंड पर टिक गयी थी
मैंने कहा:- स्वाति तुम बड़ी सुंदर हो
उसने कहा:- और मेरी ये ? उसने अपनी चुन्चियों कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा
मैंने कहा :- ये तो इतनी अच्छी है कि मन करता है कि चबा जाऊँ
स्वाति :- तो चबा लो न यह कह कर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूंचियों पर रख दिया बस फिर क्या था मैं उस पर चढ़ बैठा दोनों हाथों से चूंचियां मसलने लगा चूंची बड़ी बड़ी मजे दार थी मैंने मुह लगाकर दोनों चूंचियों को खूब चूसा फिर मैंने दोनों हाथों से उठा कर चिपटा लिया खूब चूमा उसे वह धीरे धीरे नीचे खसकी और मेरी नेकर नीचे घसीट दी इसके बाद आप ऊपर थोड़ा पढ़ चुके है
वह एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी दूसरे हाथ से मेरी गांड मेरे चूतडों पर उसका हाथ फेरना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था सहसा उसके मुह से निकला यार विक्रम मेरे दूसरे हाथ में एक काला लौडा होता तो कितना अच्छा होता मैं काले लंड की तलास में बहुत दिनों से घूम रही हूँ हां यार मैं जानता हूँ की गोरी चूत वालियां सब काले लंड की तलास में रहती है तुमको कैसे मालूम उसने कहा मैंने जबाब दिया ठीक वैसे ही जैसे काली लड़कियां गोरे लंड की तलास में रहती है स्वाति बोली तो मेरे लिए काला लंड ढूंढ़ कर लाओ न मेरी चूत काले लंड के लिए तरस रही है मैंने कहा यार मेरे कई दोस्त काले है तुम चिंता मत करो एक क्या मैं तुमको ३/४ काले लंड एक साथ दूंगा यह सुनकर उसने मेरा लौडा बड़ी जोर से चूसा मुझे भी ताव आया मैंने लंड उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा चुदवाते हुए बोली माँ के लौडे तू चोदने में एक दम हरामी है बहन चोद लगता है कई बुर चोद चुके हो मैंने कहा तू भी तो भोसड़ी वाली कई लंड से चुदवा चुकी है अब उसने मेरा लंड पकड़ कर जल्दी जल्दी मुठियाने लगी लंड झड़ने की कगार पर आ गया वह बोली अबे मादर चोद मेरे मुह में झड़ जा मुझे बड़ा अच्छा लगता है वैसे भी तेरा लंड मुझे बहुत पसंद है मैं वास्तव में झड़ गया झड़ते हुए लंड को वह रंडी की तरह चाटने लगीउसके बाद हम लोग खाना खा कर सो गए सवेरे करीब ५ बजे मैंने देखा की स्वाति बिल्कुल नंगी लेटी है तो मेरा लौडा खड़ा हो गया मैं लौडा उसकी चूंचियों पर फिरने लगा सहसा वह जग गई और उसने मेरा लौडा पकड़ लिया बस फिर क्या था एक और बड़ी मजेदार चुदाई हो गयी
सुबह के १०.०० बजे के लगभग मेरे डिब्बे में में एक काला आदमी घुसा उसके पीछे एक काली औरत भी आ गई उसने मुझसे बर्थ नंबर पूंछा मैंने बताया की वह सही जगह आया है उसकी दोनों ऊपर की बर्थ है उसने कहा क्या हम लोग नीचे बैठ सकते है मैंने कहा हां आपका हक है आप शौक से बैठिये वे दोनों खुश हो गए फिर धीरे धीरे हमलोग इधर उधर की बातें करते रहे होते करते शाम हो गई करीब ७.३० का समय था वे दोनों बरमूडा और एक टी शर्ट में थे मैंने भांप लिया की औरत कोई ब्रा नही पहने है बात चीत में मालूम हुआ की वे दोनों पीटर और लिली पति पत्नी थे तब तक पीटर ने एक शराब की बोतल निकाली फिर कुछ खाने का सामान मुझसे बोला क्या आप भी साथ देंगे मैंने कहा हां फिर वह स्वाति की तरफ़ मुखातिब होकर बोला क्या आप मेरा साथ देंगी स्वाति तो चाहती ही थी उसने हां में सिर हिला दिया अब हम चारों के पास शराब के गिलास थे
मैंने पूछा :- आप लोग कहाँ के रहने वाले हो और कहाँ जा रहे हो ?
पीटर:- वैसे हम लोग नीग्रो है साउथ अफ्रीका के रहने वाले है लेकिन यहाँ चेन्नई में पिछले १५ साल से रह रहे है और हम दोनों दिल्ली जा रहे है
स्वाति:- तो आप लोगों को हिन्दी नही आती होगी दिल्ली में कैसे कम चलेगा?
पीटर:- हम दोनों हिन्दी अच्छी तरह जानते है
स्वाति:- दिल्ली में आप का क्या है ?
लिली:- दिल्ली में अफ्रीका से इनका एक दोस्त अपनी पत्नी के साथ आया हुआ है उसी से मिलने जा रहे है स्वाति:- तो क्या इतनी गहरी दोस्ती है आप लोगो की?
लिली:- हां वे दोनों केवल हम दोनों से मिलने के लिए ही आयें है
स्वाति:- कोई खास बात है क्या ?
लिली:- हां उसका लंड मुझे बहुत पसंद है
यह सुन कर हमदोनो दंग रह गए मैंने स्वाति के कान में कहा की स्वाति अब तुम्हारे मन की मुराद पूरी हो जायेगी उसने कहा क्या मतलब मैंने बताया की अब तुमको काला लौडा यही मिल जाएगा स्वाति ने मुस्करा कर खुशी जाहिर की
हमने बात चीत जारी रखा और पूंछा :-- पीटर को क्या पसंद है
लिली :- उसकी बीवी की चूत उसकी चूंची
स्वाति :- तो उन दोनों को भी तो कुछ पसंद होगा
लिली:- उसकी बीवी को पीटर का लौडा पसंद है और उसके हसबंड को मेरी चूत
स्वाति ने अब खुल कर पूंछा :-- क्या तुम दोनों बीविओं अदल बदल कर चोदते हो ?
पीटर:- हां वह भी एक दूसरे के सामने
स्वाति :- तुम लोगो को कोई शर्म नही आती
पीटर:- बिल्कुल नही हम लोग जानवर की तरह एक दूसरे की बीवी पर टूट पड़ते है दोनों बीवियां एक दूसरे के लंड पर टूट पड़ती है और फिर हम लोग उछल कूद कर चुदाई करते है
इस तरह बात करते करते हम लोगों ने तीन पैग शराब पी डाली इतने में लिली ने अपनी टी शर्ट उतार दी उसकी दोनों नंगी चूंची बाहर आ गयी मैंने इतनी बड़ी बड़ी चूंचियां अभी तक नही देखी थी
स्वाति बोली :- आप ब्रा नही पहनती क्या?
लिली:- मेरे नाप की ब्रा बाज़ार में मिलती ही नहीइसलिए मैं हमेसा बिना ब्रा के रहती हूँ तब मैंने देखा की पीटर लिली की चूंचियां दबाने लगा यह देखकर मुझे भी ताव आ गया मैंने भी स्वाति की चूंची खोल दी और उन्हें मसलने लगा चूसने लगा लेकिन मेरी निगाह लिली की चूंचियों पर थी उसी तरह पीटर भी लिली की चूंची मसल जरूर रहा था लेकिन वह स्वाति की चूंचियों पर निगाह गडा कर बैठा था इतने में लिली ने अपना हाथ बढाया और मेरी पैंट खोल कर लौडा पकड़ लिया लंड तो पहले से ही खड़ा था उसके हाथ में जाकर और सनसना उठा उसे देख कर
लिली बोली :- हाय पीटर जरा देखो यह गोरा लंड कितना सुंदर लग रहा है कितना प्यारा प्यारा है झांटे भी नही है तो और चिकना लग रहा है
यह कह कर लिली लौडा चूसने लगी अब स्वाति से न रहा गया उसने हाथ बढाया और पीटर का बर्बुडा उतार कर फ़ेंक दिया उसका लंड देखकर स्वाति भौचक्की रह गयी उसके मुह से निकला
हाय रे इतना बड़ा लंड अरे विक्रम देखो तो साला बिल्कुल गधे का लंड लग रहा है मादर चोद १०" से कम नही होगा भोसड़ी का तब तक लिली बोल पड़ी अरे स्वाति तुम इसको जरा हिलाओ और खूब दोनों हाथों से ऊपर नीचे करो साला एक फुट का हो जाएगा
स्वाति :- हां यार आज तो मेरी चूत को मज़ा ही मज़ा मिलेगा बिचारी इतने दिनों से काले लंड के लिए तरस रही थी
यह कह कर स्वाति ने पीटर को बर्थ पर चित लिटा दिया उसकी दोनों टांगो की बीच नंगी बैठ कर लंड से खेलने लगी लंड को कई बार चूमा सुपाडा चटा पेल्हड़ सहलाया झांघों पर हाथ फिराया फिर इत्मिनान से लंड को चूसने लगी उधर लिली ने भी मुझे चित लिटा कट लौडा चूसने में जुट गयी थोडी देर में मैंने देखा की स्वाति अपनी चूत लंड के पास ले गई और धीरे से लौडा चूत के अन्दर करने लगी फिर उचक कर पूरी तरह लंड पर बैठ गयी और स्वयं लंड चोदने लगी वह अपनी गोरी चूत में काला लंड पाकर बड़ी प्रसन्ना थी १५ मिनट दे बाद पीटर स्वाति के ऊपर चढ़ गया और उसे जानवरों की तरह चोदने लगा मैंने देखा स्वाति इतना बड़ा लंड पेल्वाने के बाद भी कह रही है पीटर बहन चोद पूरा लंड पेल दे मेरी बुर में फाड़ डाल मेरी बुर को साले तू भी घुस जा भोसड़ी के चोद जल्दी जल्दी इधर मेरा लंड लिली की चूत में घुस कर चुदाई कर रहा था
लिली बोली:- आज मुझे पहली बार कोई मस्त गोरा लौडा मिला है अपनी गांड उछाल उछाल कर कह रही थी घुसेड दो पूरा लंड तेज तेज चोदो मेरी चूत का कचूमर निकल दो माँ के लौडे विक्रम तू तो बड़ा चोदू है फिर मैंने देखा की पीटर अब पीछे से स्वाति को चोद रहा था उधर मैं लिली की चूंची चोदने में लगा था करीब आधा घंटा जमकर दोनों औरतों की चुदाई हुई फिर मेरे झड़ते हुए लंड को लिली ने चाट लिया और पीटर के झड़ते हुए लंड को स्वाति ने चाट चाट कर मज़ा लिया इसके बाद हम चारों ने खाना खाया और सो गए
सुबह करीब ५ बजे मैं उठा तो देखा की स्वाति पीटर का लंड सहला रही है
स्वाति बोली :- ञार दिल्ली पहुँचने के पहले एक बार फिर चुदवा ल्रती हूँ
मैंने कहा अरे इसमे क्या अब तो लंड तुम्हारा है खूब चुदवा लो यह सुनकर लिली ने हाथ बढाया और मेरा लंड पकड़ती हुई बोली मैं क्या बगैर चुदवाये जाउंगी मैं भी चुदवा लेती हूँ इस तरह इसबार भी दोनों लोगों ने चकाचक चुदाई की ट्रेन अब १० मिनट में दिल्ली पहुँचने वाली थी पीटर बोला ञार विक्रम तुम मेरे दोस्त कोको के घर चलो अपनी बीवी स्वाति के साथ (वह स्वाति को मेरी बीवी समझ बैठा) क्यों न हो सारी ट्रेन में वह मेरी बीवी ही तो बनी रही तभी तो चुदाई का मज़ा मिला मैंने कहा स्वाति तुम्हारा क्या ख्याल है स्वाति बोली ठीक है मैं तैयार हूँ पर तुम्हारे दोस्त कोको का भी लंड कितना बड़ा है इतने में लिली बोल पड़ीअरे कोको का लंड इसके लंड से बड़ा है तभी तो मुझे ज्यादा पसंद है स्वाति बोली तब मैं जरूर चलूंगी क्यों की दो दो काले लंड एक साथ देखने का और चुदवाने का मज़ा और ज्यादा होगा विक्रम तुमको भी दो दो काली चूत चोदने को मिलेंगी मैंने कहा ठीक है चलो थोडी देर में हम लोग कोको के घर पहुँच गए पहले परिचय हुआ फिर नास्ता मैंने देखा की कोको की बीवी लोली बड़ी खूबसूरत है रंग काला है तो क्या मेरा लंड अपने आप खड़ा हो गया उधर कोको ने स्वाति को नंगी कर दिया उसकी चूंची मसलने लगा स्वाति को चूंची मसलवाने में मज़ा आने लगा इधर लोली ने झट से मुझे नंगा किया और लंड पकड़ कर गप्प से मुह में डाल कर चूसने लगी मैंने लोली को खूब चोदा और दूसरी तरफ़ स्वाति ने कोको से खूब चुदवाया दूसरी बार चुदाई में स्वाति ने आगे बढ़ कर हिस्सा लिया इसबार उसने एक हाथ में पीटर का लंड और दूसर हाथ में कोको का लंड दोनों को बारी बारी से चुस्तेहुए बोली अब मैं इन दो जंगी लौडों से एक साथ चुदवा लुंगी एक चूत में तो दूसरा चूंची में एक बुर में तो दूसरा गांड में एक गांड में तो दूसरा मुह में एक दाहिने हाथ में तो दूसरा बाये हाथ में स्वाति ने दोदो लंड अपनी चूत गांड चूंची मुह सभी जगह चुदवाकर मस्त हो गयी अब उसे मालूम हुआ की काला लंड कितना मजेदार होता है गोरी चूत काला लंड और गोरा लंड काली चूत को चोदने का मज़ा ही कुछ और है आप भी आजमा कर देखिये

1 comment:

Garm Dudh said...

Meri bhosdi to madarchod 3 lund eksath khati h fir bhi bhen ki lodi chutmarani santust nhi hoti h.

Raj-Sharma-Stories.com

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