Sunday, July 19, 2015

FUN-MAZA-MASTI दोस्त की फैमिली की चुदाई-1

FUN-MAZA-MASTI

 दोस्त की फैमिली की चुदाई-1




मैं दिक्षु मारवाड़ के इलाके में रहता हूँ, देखने में ठीक-ठाक हूँ और कद भी औसत है लगभग 5’5, बातचीत में भी निपुण हूँ।
मेरा दोस्त, जिसका नाम रामू था कद-काठी में नाटा है, करीब 5 फुट लम्बाई और इकहरा बदन है।
उसकी बीवी जिसका नाम रोशनी था सांवली सूरत की थी, मोटे-मोटे स्तन, कद 4’10” के करीब और गांड भरी हुई थी।
उसकी भाभी करीब 5’4″ की लम्बाई की थीं, गोरी-चिट्टी औरत, शानदार होंठ (लिप्स), स्तन भी बड़े-बड़े और कूल्हे भी रेशमी।
हंसमुख स्वभाव की बढ़िया औरत थीं, उनका नाम गुलाब था।
भाभी की बहन की आयु 18-19 वर्ष की थी परंतु दिखने में वह कुछ कम उम्र की ही लगती थी।
हाँ, चूचियाँ बड़ी मस्त थी उसकीमासूम सी लड़की, रंग साफ था उसका, नाम था उसका गुड्डी।
बस ये लोग ही थे जो एक बड़े से घर में रहते थे।
भाभी के पति काफी दिनों से बाहर कमाने गए थे और वो अक्सर 5-6 महीने में घर आते थे।
आप समझ ही गए होंगे कि भाभी को किस चीज़ की कमी खल रही थी।
खैर, दिन चले जा रहे थे और समय बीत रहा था।
भाभी अपने देवर को आँखों से पीने लगी थीं।
रामू पहले से ही अपनी पत्नी से दुखी था वह उसे ही बड़ी मुश्किल से संतुष्ट कर पाता था, ऊपर से भाभी से कैसे बचे?
जब वह नहा रहा होता तो भाभी चौक में उसे घूर-घूर के देखती, उसकी चड्डी को सूंघतीं, चाटतीं, उसके सामने ही मूतने बैठ जातीं, होंठों को काटतीं, जीभ फिरातीं।
कभी उसके सामने ही ब्लाउज और पेटीकोट में आ जातीं।
हर तरह से उसे रीझाने की कोशिश करतीं।
एक दिन तो हद ही हो गई, जब रामू दूकान से घर आया तो क्या देखता है उसकी भाभी अपनी ब्रा और पेंटी में चौक में बैठी हैं और अपनी चूत में बेंगन डालकर उसे आगे पीछे कर मज़े ले रही हैं।
जबकि उन्हें पता था कि रामू का दुकान से लौटने का समय हो गया था।
रामू दरवाजे से वापस मुड़ने लगता है, तो वह कहती हैं- ..देवर जी, बस हो गया मेरा काम, आप वापस क्यों जा रहे हो?
एक दिन रात को रामू अपनी बीवी रोशनी को चोद रहा था तो खिड़की से गुलाब उसे देख रही थी, वह अपनी चूत में उंगली (फिंगरिंग) करने लगी।
उसकी वासना भड़क उठी थी, वो किसी भी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती थी।
किसी तरह से जब्त करके बिस्तर पर गई और बड़बड़ाने लगीं- ..साला, अपनी जोरू को तो मज़े से चोद रहा है और मेरी ओर देखता ही नहीं है, कल तो जबरदस्ती लिपट ही जाऊँगी भोसड़ी के पर।
उसकी बहन पास ही सोती थी उसके।
वह पूछती है- जीजी, क्या होता है चूत?
भाभी गुस्से में तो थी हीं, उसकी पैंटी में से उसकी चूत पकड़कर कहती हैं, यह है चूत।
गुड्डी फिर कहती है- जीजी, और ये भोसडी क्या होती है?
गुलाब फिर कहती है- चुप कर, तेरी चूत फट जाएगी तो भोसडी ही बन जाएगी।
गुड्डी करीब-करीब मानसिक रूप से कमजोर तो थी ही फिर कहती है- जीजी, मेरी भोसड़ी कब फटेगी?
गुलाब गुस्से से- जब तू चुदेगी।
गुड्डी कहती है- और मैं कब चुदुंगी?
गुलाब इस बार चुप रहती है।
बता न जीजी, मैं कब चुदुंगी?’
और वह बार-बार यही कहती है।
गुलाब कहती है- जब मैं ही नहीं चुद रही तो तुझे कहाँ से चुदाऊँ?
दूसरी रात को जब रामू अपनी पत्नी को चोद रहा था तो वह वहीं खिड़की से देखती रहती है और अपनी उंगली से अपनी चूत को खुजाती रहती है, वह अपने सारे कपड़े भी उतार देती है।
उसके पूरे शरीर में आग लगी हुई थी। वह अपने होश खो बैठी थी।
चुदाई उसके सर पर सवार हो गई थी। वो किसी भी कीमत पर चुदना चाहती थी, इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती थी।
जैसे ही रामू ने कहा कि वह पेशाब करने जा रहा है तो उसने उसी समय रामू को बाँहों में भरने की ठान ली।
वह दरवाजे के खुलने का ही इंतजार कर रही थी। जैसे ही रामू ने दरवाजा खोला, उसने रामू को अपनी बाँहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगी।
रामू इस सब के लिए तैयार नहीं था, वह हक्का-बक्का रह गया।
वह अपनी भाभी से छुटने की कोशिश करने लगा पर भाभी उसे चूमे जा रही थीं।
रामू ने जबरदस्ती उन्हें हटाने की कोशिश की तो वह रोने लगीं और कहने लगीं कि मैं आत्महत्या कर लूंगी, अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी।
यह शोर सुनकर रामू की बीवी भी वहीं आ गई।
सारा माजरा समझकर वह भाभी को अपने साथ ले गई अपने बिस्तर पर और रामू को समझाया कि मुझे कोई परेशानी नहीं है। आप हम दोनों को एक साथ रखा करो और जीजी को भी अपने लंड से मज़े दे दिया करो।
यह अगर मर जाएगी तो ऐसे परेशानी है और दूसरे लोगो से चुदाएगी तो वैसे बदनामी होगी इससे अच्छा है तुम ही कभी-कभी चोद दिया करना।
भाभी ने रोशनी को गले लगा लिया और उसके बाद रामू भाभी और अपनी बीवी दोनों को बारी-बारी से चोदने लगा।
अब भाभी की बहन रोड़ा बन रही थी उसके साथ यह समस्या थी कि उसका क्या करें?
निर्णय यह हुआ कि उसे भी साथ ही सुलाया जाये और उसके सो जाने के बाद ही चुदाई की जाये।
कई दिनों तक चोदने का प्रोग्राम नहीं बन सका, इस कारण से भाभी और बीवी दोनों उत्तेजना में आ गयीं।
जैसे ही रात हुई और बिस्तर पर रामू, गुलाब और गुड्डी बिस्तर पर आये तो रोशनी पागल हो गई, दस मिनट सोने के बाद ही रोशनी ने रामू का लंड पकड़ लिया और उसे पजामा के बाहर निकालने की जिद करने लगी।
रामू ने मना किया तो रोशनी बिफर गई और बोली- माँ चुदाने गयी गुड्डी और उसकी भोसड़ी, चल निकाल लंड और चोद मेरी भोसड़ी।
यह सुनते ही गुड्डी बोली- जीजी, मुझे भी बताओ न ये लंड क्या होता है? और भोसड़ी कैसे फटती है।
रोशनी झट से रामू के पजामे का नाड़ा जबरदस्ती खोल देती है और उसका कच्छा हटाकर लंड बाहर निकाल कर गुड्डी के हाथ में पकड़ा देती है और कहती है- यह है लंड और यही चूत को फाड़कर भोसड़ी बनाता है।
भाभी के मज़े में भी गुड्डी खलल डाल रही थी तो वो भी कुछ नहीं बोलती हैं।
गुड्डी के हाथों में लंड जाकर बड़े जोश से खड़ा हो जाता है। रोशनी उसके हाथों से लंड लेकर अपने मुँह में डाल लेती है और उसे जोर-जोर से चूसने लग जाती है।
थोड़ी देर में रामू भी उत्तेजना में आकर उसके मुँह को चोदने लग जाता है।
इधर भाभी जो सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही लेटी हुई थीं, गुड्डी की परवाह न करते हुए रोशनी के बोबे मसलने लग जाती हैं।
गुड्डी गुलाब से- आप इसे क्यों मसल रही हो?
गुलाब गुड्डी से कहती है- इसे चूची कहते हैं और इसे मसलने से रोशनी को आराम मिलेगा, अच्छा लगेगा।
गुड्डी- जीजी मेरी भी चुन्ची मसलो न, मुझे भी आराम चाहिए।
अब गुलाब उससे परेशान होकर उसे नंगा कर देती है और उसकी भी चुन्ची मसल-मसल कर उसे भी अपने खेल में शामिल कर लेती है।
अब तीनों मिलकर वासना का नंगा नाच नाचते हैं, वे एक दूसरे के अंगो को चूसते-चाटते है और खूब मसलते हैं।






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