FUN-MAZA-MASTI
शहरी भाभी की गावँ में चुदाई
हैल्लो दोस्तों.. में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची और पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी। मैंने इस पर बहुत सारी कहानियाँ पड़ी और जब मुझमें थोड़ी हिम्मत आ गई तब मैंने इसे आपके सामने रखने के बारे में सोचा.. वैसे मुझे सेक्स करना और उस पर आधारित कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए थोड़ा बहुत अपने बारे में बता देता हूँ। दोस्तों में बेंगलोर में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. मेरा कलर साफ और मेरी लम्बाई 5 फीट 10 इंच और मेरा बड़ा ही आकर्षक शरीर है। यह बात तब की है जब में 18 साल का था और मेरे बोर्ड् के पेपर ख़त्म हुए थे और तब में छुट्टियाँ मनाने अपने गावं में गया हुआ था।
तो में वहाँ पर बहुत बोर होता था क्योंकि गावं में हमारा जो घर है वहाँ पर टीवी नहीं था तो में टीवी देखने अपनी भाभी के घर पर जाया करता था। मेरी भाभी जो कि मेरी पड़ोसन थी और वो बहुत सुंदर थी एकदम दूध की तरह गोरी और उनके बूब्स तो में क्या बताऊँ? बिल्कुल फुटबॉल की तरह गोल और बड़े है। में तो पहली ही नज़र में ही उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उनके बूब्स पर नजरें रखता था मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता और मेरा लंड बूब्स को देखकर एकदम खड़ा हो जाता। दोस्तों असल में उनके परिवार वालों ने उनकी शादी जबरदस्ती एक साउथ इंडियन से कराने के बारे में सोचा और भाभी का शादी से पहले एक बॉयफ्रेंड भी था.. लेकिन भाभी के घर वाले बहुत ग़रीब थे और जब भैया ने भाभी के घर वालों से भाभी का हाथ माँगा तो वो मना नहीं कर पाए।
फिर भाभी भी कुछ नहीं बोली क्योंकि उनके बॉयफ्रेंड की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो भाभी के घर वालों से रिश्ते की बात करें। फिर में कुछ ही दिनों में भाभी के बहुत करीब हो गया था और भाभी का पूरा बचपन चंडीगढ़ में बीता था। वो लड़को के साथ बहुत अच्छे से खुलकर बात करती थी और गावं में रहना उन्हे अच्छा नहीं लगता था.. लेकिन उनके पति की नौकरी के कारण उन्हे यहाँ रहना पड़ता था। फिर मेरे वहाँ जाने से उन्हे भी अच्छा लगता था और उसी दौरान उनके पति काम के सिलसिले में एक महीने के ट्यूर पर चले गये थे। तो भाभी घर पर अकेले बोर ना हो इसलिए में सुबह से लेकर शाम तक उन्ही के पास रहता था और रात होने पर अपने घर चला जाता था। हम दोनों अकेले में बैठकर बहुत बातें किया करते और वो मुझे अपने कॉलेज की कहानियाँ सुनाया करती थी और कभी कभी अपनी लाईफ की पुरानी बातें भी बताया करती।
एक दिन की बात है में उनके घर पर ही था और उसी शाम को बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और फिर देखते ही देखते रात हो गयी। तो मैंने अपने घर कॉल किया तो मेरी दादी ने मुझसे कहा कि बेटा आज भाभी के घर ही रुक जा क्योंकि वैसे भी यहाँ पर लाईट नहीं है और वहाँ पर तुझे आराम से नींद भी आ जाएगी और तेरी भाभी को डर भी नहीं लगेगा। तो में भी मान गया और जब में फोन करके भाभी के पास गया तो मैंने देखा कि भाभी पूरी भीगी हुई मेरे सामने खड़ी है। तो मैंने उनसे पूछा कि आप गीली कैसे हो गयी? तो उन्होंने कहा कि वो बाहर कपड़े सूख रहे थे और में उन्हे उठाना भूल गयी थी तो में वही उठाते हुए भीग गयी.. तभी इतने में ज़ोर से बिजली कड़कने की आवाज़ आई और भाभी एकदम डरकर मेरे सीने से लग गयी। तो उनके बूब्स मेरे सीने से एकदम चिपक रहे थे और उनके दोनों हाथ मेरी कंधे पर थे और अब धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा था। तो मैंने घबराहट के कारण उनको अपने से दूर कर दिया.. लेकिन उस बारिश की सर्दी में उनके कामुक जिस्म की गर्मी ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था। तो अब में उन्हे दूसरी नजरों से देखने लगा था.. बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी और अंदर हम दोनों टीवी देखते हुए खाना कहा रहे थे। फिर हम लोग एक शो देख रहे थे.. जो कपल्स का शो था। तभी इतने में भाभी रोने लगी। तो मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ? भाभी आप रो क्यों रही हो? तो उन्होंने कुछ नहीं बोला.. में उठकर उनके पास गया और बैठ गया।
तो वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी.. मैंने भी उन्हे अपने सीने से लगा लिया और पूछने लगा क्या हुआ? तब उन्होंने मुझे बताया कि उनका भी एक बॉयफ्रेंड था जिससे की वो बहुत प्यार करती थी.. लेकिन उनकी शादी के बाद अब उससे कोई संपर्क नहीं रहा.. उन्होंने बताया कि उनके पति उनसे थोड़ा भी प्यार नहीं करते और हमेशा किसी ना किसी काम से बाहर ही रहते है और शहर में जाकर रंडियों को चोदते है। में उनके मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और मुझे अपने कानो पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था। फिर मैंने भाभी से बोला कि लेकिन आप यह सब मुझे क्यों सुना रही हो? तो वो बोली कि तुम समझे नहीं.. तुम्हारे भैया मुझे खुश नहीं रखते और तुम तो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो तो क्या तुम मुझे वो सब खुशी दोगे जिसके लिए में अब तक तड़प रही हूँ?
तो मैंने कहा कि में कुछ समझा नहीं आप क्या बातें कर रही हो और मुझसे क्या चाहती हो? तभी उन्होंने झट से मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया और बोली कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे? दोस्तों मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे साथ यह सब हो रहा है और में बिना समय खराब किए भाभी को किस करने लगा। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी थी और हमने बिना रुके 10 मिनट तक किस किए और फिर में उन्हे अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और वहाँ पर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और धीरे धीरे उनके कपड़े उतारने शुरू किए.. पहले उनका ब्लाउज, फिर साड़ी। तो उन्होंने शरम से अपनी आखें बंद कर ली और मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और उनसे अपने लंड को चूसने को कहा। तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने कभी यह सब नहीं किया.. मैंने बोला कि डरो मत इससे कुछ नहीं होता और कभी ना कभी हर चीज़ की शुरुआत तो होती है।
फिर उन्होंने मेरे कहने पर लंड को डरते डरते धीरे से अपने हाथ से पकड़ा और मुहं में लिया और 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और मैंने उनके सर को पकड़कर अपने लंड को मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने उनके चेहरे पर अपना सारा वीर्य गिरा दिया। फिर मैंने उनकी ब्रा और पेंटी को भी खोल दिया और उनकी चूत चाटने लगा। तो उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि भाभी आप बस मज़ा लीजिए यह कहकर में उनकी चूत चाटने लगा और वो पागल होने लगी। उन्होंने यह सब पहले कभी नहीं करवाया था और वो ज़ोर ज़ोर से अह्ह्ह उईईइ की आवाज़ें कर रही थी और मेरे मुहं को अपनी चूत पर दबा रही थी और फिर थोड़ी ही देर बाद वो झड़ गई और में उनकी चूत का सारा रस पी गया और तब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था। तो मैंने भाभी से पूछा कि आपके घर में कंडोम कहाँ पर रखा है? तो उन्होंने कहा कि वो तो नहीं है.. फिर मैंने बोला कि अब क्या करें? तो उन्होंने कहा कि ऐसे ही डाल दो। फिर मैंने धीरे से अपना लंड उनकी गोरी चूत पर रखा और आराम से लंड को धक्का देकर डालना शुरू किया.. पहले तो जब लंड चूत में जाने लगा तो उन्हे थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन बाद में जब लंड पूरा चूत में चला गया तो वो उछल उछलकर चुदवाने लगी। उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वो कोई ब्लू फिल्म की रांड है। वो बार बार अह्ह्ह उईईई उह्ह्ह और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी। फिर मैंने पूछा कि भाभी मुझे लगता है कि आपने ब्लू फिल्म बहुत देखी है? तो यह सुनकर वो बोली कि हाँ.. कॉलेज टाईम पर मैंने बहुत सारी ब्लू फिल्म देखी थी। फिर में उन्हे डॉगी पोज़िशन में चोदने लगा और हम लोगो ने उस रात को 4 बार सेक्स किया और फिर हर रोज एक महीने तक हर वक्त हर पोज़िशन में हमने सेक्स किया। आज भी जब में अपने गावं जाता हूँ तो में और भाभी ऐसे ही मज़े करते है ।।
शहरी भाभी की गावँ में चुदाई
हैल्लो दोस्तों.. में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची और पहली कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी। मैंने इस पर बहुत सारी कहानियाँ पड़ी और जब मुझमें थोड़ी हिम्मत आ गई तब मैंने इसे आपके सामने रखने के बारे में सोचा.. वैसे मुझे सेक्स करना और उस पर आधारित कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए थोड़ा बहुत अपने बारे में बता देता हूँ। दोस्तों में बेंगलोर में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. मेरा कलर साफ और मेरी लम्बाई 5 फीट 10 इंच और मेरा बड़ा ही आकर्षक शरीर है। यह बात तब की है जब में 18 साल का था और मेरे बोर्ड् के पेपर ख़त्म हुए थे और तब में छुट्टियाँ मनाने अपने गावं में गया हुआ था।
तो में वहाँ पर बहुत बोर होता था क्योंकि गावं में हमारा जो घर है वहाँ पर टीवी नहीं था तो में टीवी देखने अपनी भाभी के घर पर जाया करता था। मेरी भाभी जो कि मेरी पड़ोसन थी और वो बहुत सुंदर थी एकदम दूध की तरह गोरी और उनके बूब्स तो में क्या बताऊँ? बिल्कुल फुटबॉल की तरह गोल और बड़े है। में तो पहली ही नज़र में ही उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उनके बूब्स पर नजरें रखता था मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता और मेरा लंड बूब्स को देखकर एकदम खड़ा हो जाता। दोस्तों असल में उनके परिवार वालों ने उनकी शादी जबरदस्ती एक साउथ इंडियन से कराने के बारे में सोचा और भाभी का शादी से पहले एक बॉयफ्रेंड भी था.. लेकिन भाभी के घर वाले बहुत ग़रीब थे और जब भैया ने भाभी के घर वालों से भाभी का हाथ माँगा तो वो मना नहीं कर पाए।
फिर भाभी भी कुछ नहीं बोली क्योंकि उनके बॉयफ्रेंड की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वो भाभी के घर वालों से रिश्ते की बात करें। फिर में कुछ ही दिनों में भाभी के बहुत करीब हो गया था और भाभी का पूरा बचपन चंडीगढ़ में बीता था। वो लड़को के साथ बहुत अच्छे से खुलकर बात करती थी और गावं में रहना उन्हे अच्छा नहीं लगता था.. लेकिन उनके पति की नौकरी के कारण उन्हे यहाँ रहना पड़ता था। फिर मेरे वहाँ जाने से उन्हे भी अच्छा लगता था और उसी दौरान उनके पति काम के सिलसिले में एक महीने के ट्यूर पर चले गये थे। तो भाभी घर पर अकेले बोर ना हो इसलिए में सुबह से लेकर शाम तक उन्ही के पास रहता था और रात होने पर अपने घर चला जाता था। हम दोनों अकेले में बैठकर बहुत बातें किया करते और वो मुझे अपने कॉलेज की कहानियाँ सुनाया करती थी और कभी कभी अपनी लाईफ की पुरानी बातें भी बताया करती।
एक दिन की बात है में उनके घर पर ही था और उसी शाम को बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और फिर देखते ही देखते रात हो गयी। तो मैंने अपने घर कॉल किया तो मेरी दादी ने मुझसे कहा कि बेटा आज भाभी के घर ही रुक जा क्योंकि वैसे भी यहाँ पर लाईट नहीं है और वहाँ पर तुझे आराम से नींद भी आ जाएगी और तेरी भाभी को डर भी नहीं लगेगा। तो में भी मान गया और जब में फोन करके भाभी के पास गया तो मैंने देखा कि भाभी पूरी भीगी हुई मेरे सामने खड़ी है। तो मैंने उनसे पूछा कि आप गीली कैसे हो गयी? तो उन्होंने कहा कि वो बाहर कपड़े सूख रहे थे और में उन्हे उठाना भूल गयी थी तो में वही उठाते हुए भीग गयी.. तभी इतने में ज़ोर से बिजली कड़कने की आवाज़ आई और भाभी एकदम डरकर मेरे सीने से लग गयी। तो उनके बूब्स मेरे सीने से एकदम चिपक रहे थे और उनके दोनों हाथ मेरी कंधे पर थे और अब धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा था। तो मैंने घबराहट के कारण उनको अपने से दूर कर दिया.. लेकिन उस बारिश की सर्दी में उनके कामुक जिस्म की गर्मी ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था। तो अब में उन्हे दूसरी नजरों से देखने लगा था.. बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी और अंदर हम दोनों टीवी देखते हुए खाना कहा रहे थे। फिर हम लोग एक शो देख रहे थे.. जो कपल्स का शो था। तभी इतने में भाभी रोने लगी। तो मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ? भाभी आप रो क्यों रही हो? तो उन्होंने कुछ नहीं बोला.. में उठकर उनके पास गया और बैठ गया।
तो वो मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी.. मैंने भी उन्हे अपने सीने से लगा लिया और पूछने लगा क्या हुआ? तब उन्होंने मुझे बताया कि उनका भी एक बॉयफ्रेंड था जिससे की वो बहुत प्यार करती थी.. लेकिन उनकी शादी के बाद अब उससे कोई संपर्क नहीं रहा.. उन्होंने बताया कि उनके पति उनसे थोड़ा भी प्यार नहीं करते और हमेशा किसी ना किसी काम से बाहर ही रहते है और शहर में जाकर रंडियों को चोदते है। में उनके मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और मुझे अपने कानो पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था। फिर मैंने भाभी से बोला कि लेकिन आप यह सब मुझे क्यों सुना रही हो? तो वो बोली कि तुम समझे नहीं.. तुम्हारे भैया मुझे खुश नहीं रखते और तुम तो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो तो क्या तुम मुझे वो सब खुशी दोगे जिसके लिए में अब तक तड़प रही हूँ?
तो मैंने कहा कि में कुछ समझा नहीं आप क्या बातें कर रही हो और मुझसे क्या चाहती हो? तभी उन्होंने झट से मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया और बोली कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे? दोस्तों मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे साथ यह सब हो रहा है और में बिना समय खराब किए भाभी को किस करने लगा। फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी थी और हमने बिना रुके 10 मिनट तक किस किए और फिर में उन्हे अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और वहाँ पर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और धीरे धीरे उनके कपड़े उतारने शुरू किए.. पहले उनका ब्लाउज, फिर साड़ी। तो उन्होंने शरम से अपनी आखें बंद कर ली और मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और उनसे अपने लंड को चूसने को कहा। तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने कभी यह सब नहीं किया.. मैंने बोला कि डरो मत इससे कुछ नहीं होता और कभी ना कभी हर चीज़ की शुरुआत तो होती है।
फिर उन्होंने मेरे कहने पर लंड को डरते डरते धीरे से अपने हाथ से पकड़ा और मुहं में लिया और 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और मैंने उनके सर को पकड़कर अपने लंड को मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने उनके चेहरे पर अपना सारा वीर्य गिरा दिया। फिर मैंने उनकी ब्रा और पेंटी को भी खोल दिया और उनकी चूत चाटने लगा। तो उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहे हो? मैंने बोला कि भाभी आप बस मज़ा लीजिए यह कहकर में उनकी चूत चाटने लगा और वो पागल होने लगी। उन्होंने यह सब पहले कभी नहीं करवाया था और वो ज़ोर ज़ोर से अह्ह्ह उईईइ की आवाज़ें कर रही थी और मेरे मुहं को अपनी चूत पर दबा रही थी और फिर थोड़ी ही देर बाद वो झड़ गई और में उनकी चूत का सारा रस पी गया और तब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था। तो मैंने भाभी से पूछा कि आपके घर में कंडोम कहाँ पर रखा है? तो उन्होंने कहा कि वो तो नहीं है.. फिर मैंने बोला कि अब क्या करें? तो उन्होंने कहा कि ऐसे ही डाल दो। फिर मैंने धीरे से अपना लंड उनकी गोरी चूत पर रखा और आराम से लंड को धक्का देकर डालना शुरू किया.. पहले तो जब लंड चूत में जाने लगा तो उन्हे थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन बाद में जब लंड पूरा चूत में चला गया तो वो उछल उछलकर चुदवाने लगी। उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वो कोई ब्लू फिल्म की रांड है। वो बार बार अह्ह्ह उईईई उह्ह्ह और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी। फिर मैंने पूछा कि भाभी मुझे लगता है कि आपने ब्लू फिल्म बहुत देखी है? तो यह सुनकर वो बोली कि हाँ.. कॉलेज टाईम पर मैंने बहुत सारी ब्लू फिल्म देखी थी। फिर में उन्हे डॉगी पोज़िशन में चोदने लगा और हम लोगो ने उस रात को 4 बार सेक्स किया और फिर हर रोज एक महीने तक हर वक्त हर पोज़िशन में हमने सेक्स किया। आज भी जब में अपने गावं जाता हूँ तो में और भाभी ऐसे ही मज़े करते है ।।
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