Friday, July 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..20

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..20



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अब आगे
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 पूजा को बेतहाशा चूमते-2 अजय ने अपना लंड पायजामे से निकालकर उसके हाथ में पकड़ा दिया...अजय का गर्म लंड हाथ में आते ही प्राची किसी नागिन की तरह फुफ्कारने लगी...अपनी चूत वाले हिस्से को अजय की जाँघ पर रगड़कर वो अपनी उत्तेजना का इज़हार सरेआम करने लगी..

अजय फुसफुसाया : "तेरी बहन ना होती ना इस समय घर पर, तो यही नंगा करके चोद देता तेरी चूत को...''

प्राची ने भी हुंकार भरते हुए कहा : "तुम कब से ऐसे डरने लग गये...तुम मर्दों को तो ये सब अक्चा लगता है की कोई तुम्हे सेक्स करते हुए देखे...है ना...''

प्राची की ये बात सुनकर अजय चोंक गया....आज से पहले प्राची ने ऐसी बात की ही नही थी..वो तो काफ़ी रिसर्व रहने वाली और अजय को भी कंट्रोल में रखकर चलने वाली औरत थी...ऐसा वो पहली बार बोल रही थी..

अजय ने भी सोचा की इसे कुरेद कर देखा जाए की ये किस हद तक आगे जाती है..

वो बोला : "मुझे डर इस बात से नही लग रहा की कोई हमें देख लेगा, बल्कि इस बात से लग रहा है की वो देखने वाली मेरी साली होगी...और अगर उसने मेरा लंबा लंड देख लिया तो उसका भी दिल आ जाएगा इसपर...''

उसने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा..

अजय के ऐसा बोलते ही प्राची का लहज़ा बदल गया : "उसकी आँखे नोच लूँगी अगर मेरे पति के लंड की तरफ देखा भी तो...चाहे वो मेरी बहन ही क्यो ना हो...''

अजय ने अपना माथा पीट लिया...शायद आवेश में आकर वो कुछ ज़्यादा हो बोल गया था....वो बेचारा अब पछता रहा था की उसने इतना बाड़िया मौका ऐसे ही गँवा दिया..

उसने तुरंत बात को संभालते हुए कहा : "ओहो.....मुझे पता था की मेरी जान के लिए मेरा ये लंड कितना कीमती है...मैं तो बस मज़ाक कर रहा था...चलो अब...अंदर चलो...मुझसे अब रहा नही जा रहा ....''

प्राची भी बिना कुछ बोले उठ गयी और दोनो एक दूसरे को चूमते-2 अपने बेडरूम में चले गये.

बाथरूम के अंदर खड़ी पूजा ने वो सब सुन लिया था और वो हैरान हुए जा रही थी की किस तरह से प्राची ने उसके बारे में बोला...भले ही वो ऐसा कोई इरादा नही रखती थी..और हर कोई बीबी ऐसा ही कहेगी, पर फिर भी पूजा को अपनी सग़ी बहन से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नही थी...और थोड़ी देर पहले जो ईर्ष्या की भावना उसके मन में आई थी, वो धीरे -2 नफ़रत के रंग में नहाने लगी...

उसने मन में निष्चय कर लिया की अब जो भी हो जाए, वो अजय को प्राची से छीनकर ही रहेगी...अपने जीजू को सोनी के चुंगल से निकालकर जो कॉन्फिडेंस पूजा में आया था, वो अभी तक बरकरार था, इसलिए उसे ये काम बड़ा ही आसान लग रहा था.

पर अभी के लिए वो उन दोनो का ये खेल भी देखना चाहती थी, जो खेलने के लिए दोनो अपने बेडरूम में गये थे...अब उसका दिमाग़ किसी जासूस की तरह चल रहा था,जो अपने शिकार की हर हरकत पर नज़र रखकर अपने अगले चरण की रूपरेखा बनाता है..

वो धीरे-2 चलती हुई उनके बेडरूम तक गयी, और हमेशा की तरह उनका दरवाजा सिर्फ़ बंद था, अंदर से लॉक नही.

और बीच के चीरे में से देखने पर उसे अंदर चल रही रास लीला पूरी तरह से दिखने लगी.

अजय ने प्राची के बूब्स को बाहर निकाल कर बुरी तरह से चूसना शुरू कर दिया था...और प्राची उसके बालों को पकड़कर उसके चेहरे को अपनी छातियों में उसे ऐसे घिस रही थी जैसे कोई खुजली मिटा रही हो..



अजय के हाथ हरकत में आए और उसने प्राची के गाउन को घुमाकर सिर से निकाल दिया.



 और अब वो पूरी नंगी खड़ी थी अजय के सामने...



प्रेगनेंसी की वजह से हल्का सा पेट निकला हुआ था..बाकी सब पहले जैसा ही था.

अपनी बहन को ऐसे नंगा देखकर पूजा भी शरमाकर रह गयी...ये पहला मौका था जब उसने अपनी बहन को शादी के बाद ऐसे नंगा देखा था..शादी से पहले दोनों बहने अक्सर एक दूसरे के सामने कपड़े बदल लेती थी..पर उस समय दोनो ज़्यादा ध्यान नही देती थी एक दूसरे पर..

लेकिन उस वक़्त की प्राची और आज की प्राची में ज़मीन आसमान का फ़र्क आ चुका था..

उसके बूब्स पहले के मुक़ाबले काफ़ी बड़े और गोल हो चुके थे.



उसके निप्पल भी काफ़ी लंबे लग रहे थे पहले के मुक़ाबले...शायद खड़े होने की वजह से..

और उसकी गांड के तो क्या कहने...इतनी बाहर निकल चुकी थी की उसके गद्देदार होने का एहसास बाहर खड़ी पूजा को भी हो रहा था, क्योंकि वो ज़रा सी हिलती तो उसकी गांड की थिरकन दूर से ही दिखाई दे जाती...



और नीचे उसकी सफाचत और रसीली चूत, जिसमे से रस बहकर नीचे गिर रहा था , वो पहले से काफ़ी साफ़ सुथरी और बड़ी सी भी लग रही थी..



और शरीर के साथ -2 उसकी जांघे भी काफ़ी भर चुकी थी.

यानी कुल मिलाकर वो शादी के बाद पूरी तरह से खिल चुकी थी..

कली से फूल बन चुकी थी...

जिसपर जवानी का रंग बेमिसाल तरीके से चड़ा हुआ था.

पूजा सोचने लगी की क्या वो भी शादी के बाद ऐसी रसीली सी दिखने लगेगी...जब उसकी रोज चुदाई होगी...

और अगर उसने चुदाई पहले ही करनी शुरू कर दी तो....यानी उसके जीजू ने अगर उसकी चूत रोज इसी तरह से मारनी शुरू कर दी तो उसके जिस्म पर भी ऐसी जवानी की बहार आ जाएगी..

ये एहसास मिलते ही उसके बदन में सिहरन दौड़ गयी...और उसकी आँखो में लाल डोरे तैरने लगे.

पर अगले ही पल वो लाल डोरे और भी सुर्ख हो उठे,जब उसकी नज़र एक बार फिर से अजय के लंड पर गयी..


 अजय भी अपने कपड़े निकाल कर नंगा हो चुका था, गुड लुकिंग तो वो था ही,उसका कसरती बदन देखकर पूजा की चूत में पानी की एक लकीर बाहर बह निकली...बिल्कुल पर्फेक्ट मेच था वो उसकी सेक्सी बहन के साथ...दोनो एक दूसरे को मात दे रहे थे..

एक ही दिन में दूसरी बार अपने जीजू के लंड के दर्शन करना कोई मामूली बात नही थी.

और उन्हे पूरा नंगा देखने का सोभाग्य उसे आज ही मिल जाएगा, ये भी उसने नही सोचा था.

उसकी नज़र जीजू के लंबे लॅंड के साथ-2 उनकी गांड पर भी थी...यानी अजय के चूतड़ों पर..जो काफ़ी आकर्षक लग रहे थे...उसने सोच लिया की वो जब भी अपने जीजू के साथ कुछ ऐसा - वैसा करेगी तो उनके गले से लगकर उनके चूतड़ ज़रूर दबाएगी. . ये शायद उसकी अनगिनत फैंटसी में से एक थी

पर अभी के लिए तो वो काम प्राची कर रही थी.

वो अजय को बेड के कोने पर बिठाकर खुद नीचे बैठ गयी और उसके खड़े हुए लंड को मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगी.



अपनी बहन को अजय का लंड चूसते देखकर पूजा मुस्कुरा उठी...क्योंकि ये वही लंड था जो कुछ घंटे पहले उसके मुँह में था..और उसके इशारों पर नाच भी रहा था.

और साथ ही साथ पूजा अपनी बहन के लंड चूसने की प्रक्रिया देखकर दंग रह गयी...वो कितनी सफाई से और कितने अंदर तक अजय के लंड को निगल रही थी...एक तरह से देखा जाए तो कुछ नया सीखने को मिल रहा था आज पूजा को...और वो बड़े ही ध्यान से वो सब सीखने की कोशिश भी कर रही थी...क्योंकि आज नही तो कल उसे भी ऐसी कला का इस्तेमाल करके अपने पार्ट्नर को खुश करना पड़ेगा.



उसके दिमाग़ में एक बात आई की ये भी तो एक कला है जो लड़कियों को शादी से पहले सीखनी चाहिए...जैसे वो अपने ससुराल जाने से पहले खाना बनाना और दूसरे घरेलू काम सीखती है, उसी तरह ये काम भी सीखकर ही जाना चाहिए उन्हे, ताकि अपने जीवन का सबसे अहम धर्म ,यानी पति को खुश करने का काम, वो सही ढंग से निभा सके.

ये ख़याल आते ही उसे खुद ही अपनी सोच पर हँसी आ गयी.

अजय के लंड को चूसने के कुछ देर बाद दोनो ने अपनी सीट बदल ली...अब अजय ज़मीन पर घुटनो के बाल बैठा था और प्राची अपनी टांगे फेला कर उसके सामने लेटी हुई थी.



अजय की पेनी जीभ जैसे ही प्राची की चूत से टकराई, प्राची के साथ-2 पूजा के मुँह से भी सिसकारी निकल गयी...पूजा को तो ऐसा लगा की उसके जीजू की जीभ उसकी चूत को कुरेद रही है...उसने तुरंत अपनी चूत को अपने हाथों में दबोच लिया...जो इतनी गीली हो चुकी थी की उसे हाथ में लेते ही ऐसा लगा जैसे कोई चाशनी में डूबा कपड़ा निचोड़ दिया हो उसने...और नीचोड़ा गया गाड़ा रस उसकी उंगलियों से होता हुआ नीचे गिरने लगा.



 पर इस वक़्त उसे अपनी चूत से निकल रही चाशनी की नही, बल्कि अंदर जो चाशनी अजय उसकी बहन की चूत से चाट रहा था उसकी चिंता थी...वो बड़े ही कुशल तरीके से प्राची की चूत को अपनी उंगलियों से फेलाकर अपनी जीभ से अंदर से आ रहा पानी सॉफ कर रहा था.

उसकी कार्य कुशलता देखकर पूजा को भी विश्वास हो गया की यही वो बंदा है जो उसे जवानी के इस खेल के सारे दांव-पेंच सीखा सकता है.

और करीब 2 मिनट तक प्राची की चूत चूसने के बाद वो चीख पड़ी..

''आआआआआअहह अजय.....अब आ भी जाओ ना......प्लीईईईईईईस.....डाल दो अपना ये लंड .............मेरी चूत में ........आआआआआआहह जीभ वहां तक नही जा रही ...जहाँ असली मज़ा चाहिए मुझे........ आओ ना.....मेरी जान........ घुसा दो अपना लंड ................. मेरे अंदर..............''

भले ही इस वक़्त पूजा को अपनी बहन के मुँह से निकल रहे ये शब्द सुनने में थोड़े चीप से लग रहे थे, पर उसका असर जिस तरह से अजय पर हुआ वो देखकर तो पूजा हैरान रह गयी...वो थोड़ा सा जंगली हो उठा...शायद वो प्रेगञेन्ट ना होती तो उसे बेड पर पटक कर बुरी तरह से चोद डालता वो...पर थोड़ा कंट्रोल करते हुए उसने अपने लंड को जिस तरीके से उसकी चूत में डाला था, उसके एहसास से दोनो बहनो की आँखे उपर चढ़ गयी...



प्राची की उत्तेजना में आकर
और पूजा की मस्ती में भरकर

एक-2 इंच करते हुए अजय का पठानी लंड प्राची के अंदर जा रहा था...और वो अपना मुँह खोलकर , अजय के कंधे को पकड़कर , धीरे-2 सिसक रही थी..

''आआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह उम्म्म्ममममममममममम माय गॉड ..... अहह ..अजय ....यस ............... थोड़ा और ..............अहह अंदर तक .............डालो प्लीईईईईस ....... उम्म्म्ममममममममम ....ऑश मेरे अजय .......मेरे राजा .....अहह....''




और एक वक़्त ऐसा आया जब वो पूरा का पूरा लंड प्राची के अंदर घुस गया...और प्राची ने अपनी टांगे अजय की कमर में लपेट कर उसे पूरी तरह से अपने अंदर घसीट लिया...

पूर्ण संतुष्टि का एहसास प्राची के चेहरे पर सॉफ देखा जा सकता था...शायद अजय के लॅंड ने अंदर पहुँचकर वो खुजली मिटा दी थी,जो उसकी जीभ नही मिटा पा रही थी.



 कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहकर,अजय ने धीरे-2 लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया...पहले से ही गीली हो चुकी चूत में लंड की आवाज़ गूंजने लगी..

फ़च - फ़च की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और साथ ही साथ दोनो की सिसकारियाँ भी...प्राची तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी...और हर बार फिर से नये ऑर्गॅज़म के लिए तैयार भी हो जाती थी वो.



और करीब दस मिनट तक प्राची की चूत मारने के बाद अजय के लंड ने जवाब दे दिया....वो बुदबुडाया..

''आआआआआआआअहह .................ओह प्राची .....................मैं आया ....आआआआआआआआआअह्ह .............''

और उसने अपना सारा माल अंदर ही निकाल दिया...

और फिर अपना लंड बाहर खींचकर उसने उसे प्राची के मुँह में दे दिया, जिसपर लगी मलाई को उसने बड़े चाव से चाट लिया और उसे सॉफ सुथरा करके अजय के हवाले कर दिया.



अंदर का शो ख़त्म हो चुका था.इसलिए पूजा भी दबे पाँव वहाँ से निकलकर गेस्ट रूम की तरफ चल दी...और अपने बेड पर लेटकर वो उन सभी बातों को सोचने लगी जो अभी-2 उसकी आँखो के सामने घटी थी.

अजय और प्राची भी फ्रेश होकर एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये.

पर आज की रात कुछ ऐसा होने वाला था जिसकी इस वक़्त अजय और पूजा ने कल्पना भी नही की थी,.



 पूजा तो अपने कमरे में पहुंची और अपना पयज़ामा उतारकर उसने बड़ी ही बेदर्दी से दरवाजे की तरफ उछाल दिया...चूत वाले हिस्से से पूरा पायजामा भीगा हुआ था,ऐसा लग रहा था जैसे उसका पेशाब निकल गया है..पर वो था उसकी चूत का मीठा रस.

अंदर उसकी कच्छी भी जूस में डूबकर चूत के अंदर घुसी पड़ी थी...उसने बड़ी मुश्किल से कच्छी के कपड़े को अपनी चूत के होंठों से छुड़वाया ...थोड़ा दर्द भी हुआ..पर कपड़े की रगड़ जब दाने पर हुई तो मज़ा भी बहुत आया.

और फिर कच्छी को भी हवा में उड़ाकर उसने अपनी चूत को आज़ाद करवाया...टी शर्ट भी उसने उतार दी, नीचे ब्रा नहीं पहनी थी.।

और अब वो पूरी नंगी होकर अपने बेड पर लेटी हुई थी

और फिर उसने अपने काँपते हुए नर्म हाथ अपनी भभक रही चूत के उपर रखकर ज़ोर से दबा दिए .

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उम्म्म्ममममममममममममम ....''




अंधेरे में डूबे हुए घर में उसकी सिसकारी गूँज उठी.

और ये सिसकारी उसने इतनी ज़ोर से ली थी की दूसरे कमरे में आधी नींद में सो रहे अजय के कानों तक भी जा पहुँची.

एक पल के लिए तो उसे लगा की उसकी बाहों में नंगी सो रही प्राची अभी तक अपनी चुदी हुई चूत की तरंगे महसूस करके सिसकारियाँ ले रही है...पर उसके चेहरे को देखकर साफ़ पता चल रहा था की वो तो गहरी नींद में है.

उसका दिमाग़ ठनका ..और वो बिस्तर से चुपचाप निकल कर दबे पाँव बाहर आ गया.

एक नज़र उसने मुड़कर फिर से प्राची की तरफ देखा, जो नंग धड़ंग सी होकर गहरी नींद में सो रही थी.




और फिर दरवाजा खोलकर बाहर आ गया.

और बाहर निकलते ही वो फिसलते-2 बचा...क्योंकि उसका पैर किसी चिकनी चीज़ पर जा पड़ा था..उसने झुककर नीचे देखा तो ढेर सारा तरल प्रदार्थ एक जगह पर गिरा हुआ था...उसने उंगली से छूकर उसे सूँघा और उसकी सुगंध महसूस करते ही उसकी आँखे चमक उठी.

वो चूत का रस था.और वो भी कुँवारी चूत का.

और इस वक़्त उसके घर पर सिर्फ़ एक ही कुँवारी चूत थी.

पूजा.

और पलक समझते ही वो समझ गया की पूजा उनके कमरे के बाहर खड़ी होकर उनकी चुदाई देखकर गयी है...और उनकी जबरदस्त चुदाई देखकर ही उसने अपनी चूत को इतना रगड़ा की उसका रस वहीं दरवाजे के बाहर किलो के भाव बरस गया.


 और जो सिसकारी उसने एक मिनट पहले सुनी थी, वो उसी के कमरे से आई होगी.शायद ज्यादा गर्म होने की वजह से फ़िन्गरिंग कर रही है वो वक़्त

वो ये सब किसी जासूस की तरह सोचकर मुस्कुरा ही रहा था की वैसी ही एक और गर्म सिसकारी की आवाज फिर से आई.

''उूुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममम.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआआआहह''

भले ही ये सिसकारीयां ज़्यादा तेज नही थी, पर रात के सन्नाटे की वजह से वो दूर तक सुनाई दे रही थी.

और अपनी ही मदहोशी में डूबी पूजा को शायद इस बात का एहसास नही था की जिस जीजू के लंबे लंड के बारे में सोचकर वो अपनी चूत के होंठों को मसल रही है वो जीजू उसके कमरे की तरफ दबे पाँव बढ़ते आ रहे है..

उसके कमरे में जाते हुए उसके दिमाग़ में नेहा कक्कड़ का गाना बजने लगा..

कुण्डी ना खड़काओ राजा
सीधा अंदर आओ राजा

और अजय ने पूजा के कमरे का दरवाजा बिना खड़काए धीरे से धकेला तो वो खुलता चला गया..

और कमरे में ज़ीरो वॉट के बल्ब की दूधिया रोशनी में नहाई हुई उसकी नग्न साली अपनी चूत को दरवाजे की तरफ मुँह करके बंद आँखो से उसे बड़े ही आराम-2 से रगड़ रही थी..

और बंद आँखो के पीछे चल रहा था एक हसीन ख्वाब...जिसमे वो अपने जिस्म की आग को ठंडा करने का सपना देख रही थी, अब वो आधी नींद की अवस्था में जा पहुंची थी , जिसमे वो किसी और ही दुनिया में थी, पर असल में उसके हाथ भी हरकत कर रहे थे

वो सपने में देख रही थी की भारी बरसात में वो उसी पार्क में खड़ी है...और सामने वही झील है...और झील के किनारे का पानी कीचड़ जैसा हो चुका है...पूजा अपनी चूत को मसलते हुए झील के किनारे चलने लगी..वो आगे बड़ी तो उस कीचड़ में फिसल गयी...पूरा शरीर कीचड़ में लिपट कर गंदा हो गया...पर वो तो मस्ती में थी, इसलिए उस कीचड़ में गिरकर भी वो अपनी चूत को मसलती रही...बारिश और कीचड़ में भीगकर उसके कपड़े पारदर्शी हो गये..उसने सिर्फ़ एक लोंग फ्रोक पहनी हुई थी...अंदर कुछ भी नही...अपनी चूत पर गीली मिट्टी रगड़कर उसे बड़ा आनंद मिल रहा था...




तभी झाड़ियो से निकल कर अजय वहां आ गया..और किसी जानवर की तरह रेंगता हुआ वो उसके करीब जा पहुँचा..और इस वक़्त वो पूरा नंगा था..उसका लंबा लंड उसकी टाँगो के बीच झूल रहा था..पानी की बूंदे उसके कसरती शरीर पर गिरकर बूंदे बनकर फिसल रही थी..

अजय को अपने सामने देखकर उसके हाथ और तेज़ी से अपनी चूत पर चलने लगे...ख्वाब में भी और असलियत में भी..

और असलियत में तो वो अजय के सामने अपनी नंगी चूत को मसल कर उसका भरता बनाने में लगी हुई थी..

अजय ने आज पहली बार अपनी साली की वो चिकनी चूत देखी जिसे देखने के लिए वो कब से तरस रहा था..

पूजा की चूत भी उसकी बहन प्राची की तरह ही थी...बिल्कुल सफाचत और उसका चीरा भी काफ़ी लंबा था...और दाना उभरा हुआ सा..



यहा अजय उसकी चूत को निहार रहा था और उधर अपने सपने में पूजा अपनी चूत को और उभार कर अजय को दिखा रही थी..



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