Friday, July 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..22

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..22



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अब आगे
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 रजनी अजय को घसीटकर सीधा किचन में ले गयी...और दोनो पलक झपकते ही एक गहरी स्मूच में डूब गये...



रजनी के हाथ फिसलकर अजय के लंड पर और अजय के हाथ फिसलकर उनके मोटे मुम्मों पर चले गये...और दोनो एक दूसरे के उन ख़ास अंगों को बुरी तरह से मसलने लगे.

सुबह का टाइम और ऐसी गर्म औरत की किस्स ....अजय की तो हालत खराब होने लगी..उसने सुन तो रखा था की 50 के आस पास की औरतों में सेक्स की भूख सुबह के समय कुछ ज़्यादा होती है, और आज देख भी लिया उसने..क्योंकि जिस तरह से रजनी उसके होंठों को चबा रही थी,ऐसा लग रहा था की वो आज उसी का नाश्ता करेगी.

अजय के हाथ खिसक कर अपनी सास की चूत पर पहुँच गये..और उसने गाउन के उपर से ही उनकी गर्म भुट्टे जैसी चूत को मसलना शुरू कर दिया..उनकी चूत का दाना बाहर निकल कर अपने आप को मसलवाने के लिए जैसे चिल्ला सा रहा था..

रजनी ने अपनी एक टाँग उठा कर पास की टेबल पर रख दी और अजय अब उसकी खुली हुई चूत को पूरी तरह से मसल पा रहा था.

चूत पर हाथ लगने से रजनी के होंठों में एक अजीब सा नरमपन और मिठास आ गयी थी..जो अजय को काफ़ी पसंद भी आई..और ये मिठास निशानी थी की वो जल्द ही झड़ने वाली है..

और वो झड़ भी गयी.

सिर्फ़ एक मिनट के अंदर-2 उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया...

अब ऐसी सिचुएशन में उत्तेजना भी तो अपने चरम तक आ जाती है ना..

झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर अजय की बाहों में झूल गयी....और फिर अचानक चौंकते हुए उसने अपनी चूत की तरफ देखा...उसके रेङ कलर के गाउन पर एक बड़ा सा गीला धब्बा बन चुका था.ठीक चूत वाली जगह पर.

अजय भी वो देखकर मुस्कुरा दिया.

रजनी : ''बदमाश...तुम हंस रहे हो...और यहाँ मेरे कपड़े खराब हो गये...रिया ने देख लिया तो पता नही क्या सोचेगी...मैं बाथरूम में जा रही हूँ , तुम दोनो निकल जाना ...ओक...बाइ...''

और जाते-2 उसने एक बार फिर से अजय के होंठों पर एक छोटी सी पप्पी कर दी, ठीक वैसी ही जैसी थोड़ी देर पहले उनकी बेटी प्राची ने की थी उसके होंठों पर,ऑफिस के लिए निकलने से पहले ..दोनो में कितनी समानता थी..ये सोचकर अजय मुस्कुरा उठा.

अजय किचन से निकलकर रिया के रूम की तरफ चल दिया...और बिना खटकाए ही वो अंदर घुसता चला गया..

और अंदर का नज़ारा देखकर उसके तो होश ही उड़ गये.

रिया सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी होकर बेड पर झुकी हुई थी...और कपड़े प्रेस कर रही थी.

उसके जिन कपड़ो पर चाय गिरी थी वो वहीं ज़मीन पर पड़े थे..शायद अंदर आते ही रिया ने उन्हे उतार फेंका होगा और उसके बाद अलमारी से नये कपड़े निकाले और अब उन्हे प्रेस कर रही थी..

उसकी पीठ थी अजय की तरफ,इसलिए वो देख ही नही पाई की उसके पीछे खड़ा होकर अजय उसकी मटकती हुई गांड देखकर अपनी लार टपका रहा है..

उसकी केले के तने जैसी चिकनी और मोटी जांघे देखकर अजय का मन कर रहा था की आगे बड़े और उन्हे चाट ले...उनपर शहद लगाए और उपर से नीचे तक अपनी जीभ से उस शहद को पी जाए..ऐसी चिकनी टांगे उसने आज तक नही देखी थी...एक भी बाल ना होने की वजह से वो और भी ज़्यादा गोरी लग रही थी...एक बात उसने इस घर की औरतों में नोट की थी..इनके शरीर पर बाल आते ही नही थे..इसलिए ना तो इन्हे पार्लर मे जाकर अपनी वेक्सिंग करवाने की ज़रूरत पड़ती थी और ना ही अपने बालों वाले अंगों को छुपाने की..कुदरती तौर पर उनके शरीर पर एक भी बाल नही था..उसकी पत्नी प्राची , उसकी सास रजनी , साली पूजा और अब ये रिया भी एकदम चिकनी ..

अचानक रिया थोड़ा और झुकी और एकदम से अजय की आँखो के सामने उसकी गांड का चीरा दिखाई दे गया..उसकी साँसे तेज हो गयी

अजय की नज़रें सीधा उसकी जाँघो के जोड़ पर चली गयी जहाँ उसकी चूत थी...और अजय ने गोर से देखा की वो जगह काफ़ी फूली हुई थी...ऐसी पाव जैसी चूत को चूसने में कितना मज़ा आएगा, ये सोचते हुए उसके मुँह से एक आह निकल गयी.


 और अपने पीछे किसी के होने के एहसास से रिया एकदम से पलटी और अजय को वहाँ खड़े देखकर चोंक गयी..एकदम से फ्रीज होकर रह गयी वो..



उसकी ब्रा में क़ैद छोटे-2 कबूतर बड़ी ही मासूमियत से अपने कप्स में बैठकर अजय की तरफ देख रहे थे...एक पल के अंदर ही उसकी कॉटन ब्रा में उसके निप्पल चमकने लग गये..

रिया : "जी...जीजु ....आप......''

उसने अपने एक हाथ से अपनी छाती को छुपा लिया..और दूसरे से चूत वाले हिस्से को...पर उन नन्हे हाथों में इतना परदा कहाँ की वो उसके इतने बड़े हिस्सों को छुपा सके...अजय उसकी घबराई हुई हालत देखकर हंस दिया.

अजय को मुस्कुराता हुआ देखकर रिया की भी हँसी निकल गयी,और वो बोली : "क्या जीजू....आप बड़े शैतान हो...अंदर आने से पहले दरवाजा तो खटकाना चाहिए था ना...मेरे कपड़ों पर चाय गिर गयी थी...इसलिए मैं नये कपड़े प्रेस कर रही थी...''

अजय : "मुझसे इतनी फ़ॉर्मेलिटी नही होती की दरवाजा खड़काओ और फिर अंदर आओ...मैं तो सीधा अंदर आ जाता हू...और वैसे भी अगर खड़का कर अंदर आता तो ये नज़ारे कैसे देखने को मिलते...और वैसे भी अब मैं ये सब तो अब देख ही चुका हूँ ..इसलिए इन्हे अपने हाथों के पीछे छुपाने का कोई फायदा नही है...''

अजय एक बार फिर से मुस्कुरा दिया.

रिया (बनावटी गुस्से मे) : ''गंदे जीजू....''

और इतना कहकर उसने अपने हाथ हटा लिए...क्योंकि अब वो भी मान गयी थी की अजय सही कह रहा है..वैसे भी सिर्फ़ ब्रा पेंटी में उसका पतला सा शरीर बड़ा ही सेक्सी लग रहा था...और अभी कुछ देर पहले शीशे के सामने खड़ी होकर वो इसी सेक्सी शरीर को काफ़ी देर तक निहारती रही थी..घूम-घूमकर हर एंगल से अपने आप को देख रही थी वो.

अजय को भी ऑफीस के लिए देर हो रही थी..वरना अभी कुछ देर और वो रिया के साथ पंगे ले सकता था..और वो जानता था की वो उसकी किसी भी बात का बुरा नही मानेगी.

अजय को शराफ़त से खड़े देखकर रिया समझ गयी की अब उसके जीजू कोई और शरारत नही करेंगे, इसलिए उसने झट से अपनी प्रेस की हुई टी शर्ट और जीन्स पहनी और तैयार होकर बाहर निकल आई.

रजनी अभी तक बाथरूम में थी...वो दोनो दरवाजा बंद करके बाहर निकल गये....

अजय रास्ते भर अजय रिया को ब्रा-पेंटी वाली बात को लेकर छेड़ता रहा और वो बेचारी शर्म से लाल होकर कुछ बोल भी नही पा रही थी...वैसे भी अपने जीजू की ऐसी छेड़-छाड़ से उसके दिल में जो तरंगे उठ रही थी वो उसे बड़ी अच्छी लग रही थी...जवानी की दहलीज पर नये-2 कदम रखने के बाद ऐसी बातें वैसे भी काफ़ी रूमानी लगती है..

अजय अपने ऑफीस पूरे दिन आने वाली शाम के बारे में सोचता रहा...की कैसे वो सोनी की चूत मारेगा आज...

सोनी से उसकी बात हो चुकी थी और उन्होने मिलने का टाइम भी डिसाइड कर लिया था...

अजय तो यही सोचकर उसके घर जा रहा था की शायद आज वो घर पर अकेली होगी, इसलिए उसने अजय को इस तरह से चुदाई करवाने के लिए अपने घर पर बुलाया है..

पर वो ये नही जानता था की उसके घर पर आज उसे अपनी जिंदगी में वो देखने को मिलेगा, जिसके बारे में उसने कल्पना भी नही थी.



 बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हुए बीता अजय का दिन...और जैसे ही घड़ी में 6 बजे, वो अपने ऑफीस से निकल गया.

और ठीक आधे घंटे बाद वो सोनी के घर के बाहर खड़ा था.

और इसे घर कहना सही नही था...ये तो एक शानदार महल था...3 मंज़िला बड़ी सी कोठी और अंदर जाने से पहले दोनो तरफ हरा भरा गार्डेन भी.

दिल्ली में इतनी बड़ी जगह की कीमत क्या होगी,अजय इसी का हिसाब किताब लगाने में लग गया.

चोकीदार ने इंटरकॉम पर बात की और उसे अंदर जाने दिया.

अंदर पहुँचकर उस कोठी की शानों-शोकत देखकर वो दंग रह गया..ऐसा घर तो उसने सिर्फ़ फ़िल्मो में ही देखा था..दीवार पर लगी तस्वीरों को देखकर अजय को पता चला की ये तो एक मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट गुप्ता जी का घर है...उनकी तस्वीरे शहर के बड़े-2 नेताओ और फिल्म इंडस्ट्री के लोगो के साथ दीवार पर लगी हुई थी.यानी सोनी उनकी बेटी है.

अजय वहां की भव्यता देखकर यही सोचने लगा की इन साले अमीरों के पास इतना पैसा आता कहाँ से है.

तभी उसके पीछे से एक मधुर सी आवाज़ आई : "सुनिए...आपको सोनी मेडम उपर बुला रही है...''

उसने मुड़कर देखा तो देखता ही रह गया...एक साँवली सी लड़की जो देखने में 20 से ज़्यादा की नही थी, और उसने एक शॉर्ट और टी शर्ट पहनी हुई थी, बड़ी मादकता से उसे देखकर उपर चलने के लिए बोल रही थी.



अब उसने मेडम बोला था, यानी की वो घर की कोई सदस्या तो थी नही...पर नौकरानी भी नही लग रही थी वो.

अजय बोला : "ओके ....चलिए...''

वो लड़की अजय को सीडियो के साइड में बनी लिफ्ट तक ले गयी...और उसने बटन दबा कर लिफ्ट बुलवा ली.

3 स्टोरी के घर में अंदर लिफ्ट लगवा रखी थी...वाह...अजय तो ये देखकर और भी इंप्रेस हो गया.

लिफ्ट में जाते ही अजय ने पूछा : "आप कौन है...''

वो लड़की मुस्कुराइ और बड़े ही प्यार से बोली : "जी मेरा नाम गिन्नी है और मैं यहाँ काम करती हूँ ...''

अजय ये सुनकर दंग रह गया...यानी ये यहाँ की नौकरानी है...और वो भी इतनी सुंदर..

और ये कैसा नाम है...गिन्नी ...कहीं इसके निप्पल्स के आस पास के घेरे को देखकर तो इसका ये नाम नही रखा गया है...

और वो घूरकर उसकी टी शर्ट वाले हिस्से पर उसकी 'गन्निया' ढूंढने लगा.

अजय पूछना तो चाहता था पर उसकी हिम्मत नही हुई ये पूछने की, की 'क्या काम करती हो गिन्नी ?'

और अजय को ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरते देखकर गिन्नी के होंठों पर भी मुस्कान तैर गयी....जिसे देखकर अजय समझ गया की वो काफ़ी खेली खाई लड़की है...उसकी तरह.

3रर्ड फ्लोर पर पहुँचकर गिन्नी ने अजय से कहा :''आप सीधा जाकर दाँये वाले रूम में चले जाइए ...वो सोनी मेडम का है...''

और इतना कहकर वो लिफ्ट बंद करके वापिस नीचे चली गयी.


एक लंबी सी गेलरी को पार करके वो कोने में पहुँचा...वो दाँये वाले रूम में जाने ही वाला था की उसे बाँयी तरफ के रूम में से किसी के गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी..और वो किसी लड़की की थी..अजय के मन का चोर फिर से जाग उठा..

वो घूमकर दूसरी तरफ गया और सामने वाले रूम के अधखुले दरवाजे को धकेलकर अंदर घुस गया.

इतना शानदार बेडरूम था वो...दीवारो पर राक स्टार के पोस्टर चिपके हुए थे...बड़े से बेड पर बहुत सारे कपड़े बिखरे पड़े थे...जिनमें रेड कलर की सेक्सी सी ब्रा और पेंटी भी थी..

अजय तो गुनगुनाने की और पानी गिरने की आवाज़ सुनकर ही समझ चुका था की कोई जवान लड़की नहा रही है.

बाथरूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था..

और वो हिम्मत करके आगे बढ़ता चला गया.

और जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंचा ,उसे अपनी जिंदगी का सबसे सेक्सी नज़ारा देखने को मिल गया.

एक जवान और सेक्सी लड़की, जिसके उभार भी अभी तक सही से डेवेलप नही हुए थे...वो शॉवर के नीचे खड़ी होकर नंगी नहा रही थी...



उसका रंग भी सोनी जैसा ही सांवला था..पर उसका हर अंग बड़ा ही रसीला और मादकता से भरपूर था.बड़ा ही कस हुआ सा जिस्म था उसका

साबुन से वो अपने पूरे शरीर को रगड़ रही थी.

और ख़ासकर अपनी चूत को...जिसमे से झाँक रहे गुलाबी दाने को वो अपनी उंगलियों के बीच लेकर बड़े ही आराम से मसल रही थी..

और हर रगड़ के साथ उसके मुँह से धीमी-2 सिसकारियाँ निकल रही थी.


अजय की तो हालत खराब हो गयी ऐसी जवानी से भरपूर नंगी लड़की को मास्टरबेट करते देखकर..

ये तो सोनी से भी सेक्सी लग रही थी..शायद ये उसकी छोटी बहन थी..क्योंकि देखने में ही ये छोटी लग रही थी सोनी के मुक़ाबले.

अजय का लंड तो सुबह से खड़ा हुआ था सोनी की चुदाई के बारे में सोचकर...

और अब ये नज़ारा देखकर वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया था.

काश ये भी उसे मिल जाए...यही सोचकर अजय ने अपने खड़े हुए लंड को ज़ोर से दबा दिया.

और तभी उसे सोनी का ख्याल आया..अगर सोनी ने उसे इस तरह से उसकी बहन के रूम में देख लिया तो वो ना इधर का रहेगा और ना उधर का..




वो पीछे मुड़ा और जैसे ही बाहर की तरफ जाने लगा, उस लड़की ने पीछे से उसे पुकारा..

''रुक जाओ....पूरा खेल तो देख लो....''

अजय की धड़कन और तेज हो गयी ये सुनकर....यानी वो लड़की जानती थी की अजय बाहर खड़ा होकर उसे देख रहा है..

अजय धीरे से मुड़ा तो उस लड़की को बड़े ही सेक्सी तरीके से अपनी तरफ देखते हुए पाया




''तुम अजय हो ना...?''

ओहो....ये तो उसका नाम भी जानती है..

अजय के परेशान चेहरे को देखकर वो बोली : "घबराओ मत...मुझे तुम्हारे बारे में दीदी ने ही बताया है...सुबह से वो ना जाने कितनी बार तुम्हारे बारे में बोलकर मुझे पका चुकी है...''

अजय का अनुमान सही था,ये सोनी की छोटी बहन ही थी.

वो बोली : "मेरा नाम इशिका है...और मेरे दोस्त मुझे प्यार से इश्क़ कहते है...''

हाय .....जिस अदा से उसने अपना नाम बताया था, अजय का तो दिल किया की वहीं के वहीं उसके साथ इश्क़ कर बैठे..

पर उसे इस वक़्त सबसे बड़ी हैरानी इस बात की हो रही थी की कैसे वो एक अंजान आदमी के सामने इस तरह से नंगी खड़ी होकर बड़े आराम से अपनी चूत का मर्दन करते हुए उससे बात कर रही है.

और ये शायद इशिका ने भाँप लिया था.

वो बोली : "तुम शायद सोच रहे हो की मैं किसलिए तुम्हारे सामने इस तरह से बिना किसी शरम के नहा रही हूँ ...तो सुनो, मैं अभी तीन महीने पहले ही यू एस से आई हूँ , मेरी अभी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई है..और वहां ये सब चलता है...और वैसे भी ,हमारे घर पर ऐसी किसी भी बात की कोई पाबंदी नही है,वरना आज तुम पापा के घर पर होते हुए दीदी से मिलने ना आ पाते..''

अजय (चौंकते हुए) : "तो क्या...गुप्ता जी..यानी आपके पापा इस वक़्त घर पर ही है...''

वो फिर से मुस्कुराइ और बोली : "हाँ ...नीचे अपने रूम में ही है वो..गिन्नी के साथ ...''

उसकी रहस्यमयी हँसी देखकर अजय समझ गया की इस घर में कितने खुले विचारों वाले लोग रहते है...

यानी जिस नौकरानी ने उसे उपर लाकर छोड़ा था, वो इस वक़्त सोनी के पापा से चुद रही है..

हाँ ...तभी उसके शरीर में इतना रसीलापन दिख रहा था.

अजय की नजरें उसके मुम्मों पर ही टिकी थी, जिन्हे इशिका बड़े ही प्यार से रगड़ रही थी




अजय ये सब देखकर हैरान हुए ही जा रहा था की उसके पीछे से सोनी की आवाज़ आई

''अजय !!!!!! तुम यहाँ हो...और मैं कब से तुम्हारा अपने रूम में वेट कर रही हूँ ...''

अजय की तो फट कर हाथ में आ गयी...सोनी ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया था...उसकी नंगी बहन को नहाते हुए देखकर.

वो समझ गया की अब तो उसकी खेर नही...वो धड़कते दिल से पलटा

और सामने सोनी खड़ी थी उसके..

अपने दोनो कुल्हो पर हाथ रखकर वो अजय को बड़े ही गुस्से में देख रही थी..

''क्या कर रहे हो तुम यहाँ ....'' उसकी आवाज़ में काफ़ी गुस्सा था..

अजय की तो गिग्घी बंध गयी....वो कुछ बोल ही नही पाया...और उसने शर्मिंदगी से सिर झुका लिया..

और तभी सोनी की ठहाके भरी हँसी सुनकर अजय ने चौंकते हुए सिर उठाया..

सोनी अपना पेट पकड़ कर बुरी तरह से हँसे जा रही थी...और हंसते-2 वो उस बेड पर दोहरी होकर लेट गयी...पर उसका हँसना बंद नही हुआ.

अजय हैरानी भरी नज़रों से घूमकर इशिका को देखा..तो वो भी मुस्कुराते हुए बुदबुदा उठी ''ड्रामेबाज कहीं की...''

अजय की तो कुछ समझ मे नहीं आ रहा था की ये हो क्या रहा है.

काफ़ी देर तक हँसने के बाद सोनी उठी और अजय के पास आकर बोली : ''ओह्ह माय गॉड .....आई एम सॉरी डार्लिंग...वो मैं अपने आप को रोक नही पाई..सोचा थोड़ा प्रेंक कर लूं तुम्हारे साथ....हा हा हा.....''

ओह तेरी की...यानी ये सब मज़ाक था सोनी के लिए...

पर सिचुएशन तो ऐसी नही थी की मज़ाक किया जाए...फिर कैसे सोनी ने इतनी बड़ी बात को ऐसे मज़ाक में ले लिया.

वो पूछने ही वाला था की इशिका बोल पड़ी : "घबराओ मत अजय...हम दोनों के बीच में सब चलता है...हमारे बीच कुछ भी छुपा नही है...इन्फेक्ट हमने कई बार एक ही लड़के को डेट भी किया है और बारी -2 से उसके साथ मज़े भी किए है...इसलिए इट्स नोट ए बिग डील..''

अजय तो इस घर के खुले विचारों का कायल होकर रह गया..उसकी जान में जान आई..

सोनी : "चलो अब...बहुत देख लिए ये कच्चे अमरूद...आओ तुम्हे पके हुए आम खिलाती हूँ ...''



और जैसे ही वो अजय का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जाने लगी,पीछे से इशिका की आवाज़ आई : "दीदी प्लीज़.....मेरा भी तो कुछ ख़याल करो...मेरा बस होने ही वाला है....''

सोनी ने मुँह बिचकाते हुए इशिका को देखा और बोली : "अब तू क्या चाहती है...तेरे लिए मैं अपना टाइम खराब करके यहाँ खड़ी रहूँ ...''

इशिका : "प्लीज़ दीदी....बस दो मिनट ही लगेंगे....आप बोलो ना इसको....वो करने के लिए....प्लीज़ दीदी...''

अजय बेचारा कुछ नही समझ पाया की ये हो क्या रहा है दोनो बहनो के बीच..वो कभी सोनी के चेहरे को और कभी नंगी खड़ी इशिका के मस्त जिस्म को देखने लगा.

सोनी : "ये लास्ट टाइम है हाँ ...इसके बाद तू मुझे मेरे रूम में आकर डिस्टर्ब नही करेगी...ओके ...''

ये सुनते ही इशिका के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी...वो बोली : "पक्का....प्रोमिस....नही करूँगी...अब जल्दी करो ना...मुझसे रुका नही जा रहा..''

अजय अब भी चूतिया की तरह दोनो बहनो की बकचोदी सुन कर कुछ समझ नही पा रहा था.

सोनी उसकी तरफ घूमी और बोली : "यार अजय...ये ऐसे नही मानेगी...प्लीज़ ऐसे ही खड़े रहना...''

और इतना कहकर सोनी उसके आगे घुटनो के बल बैठ गयी.

और अगले ही पल उसने अजय की जीप खोलकर अपना हाथ अंदर डाला और उसका खड़ा हुआ लंड ऐसे बाहर निकाला जैसे मुर्गे को पिंजरे से बाहर निकाला जाता है...

अजय कुछ नही बोला.वो बस खड़ा होकर उन दोनो बहनों की जुगलबंदी देखता रहा.

और जैसे ही अजय का विशालकाय लंड इशिका की नज़रों के सामने आया उसकी आँखे चमक उठी...

अजय के लंड को देखते ही उसके हाथ फिर से एक बार अपनी चूत पर थिरक उठे..

अजय समझ गया की बड़ी बहन अपनी छोटी बहन की मदद कर रही है....झड़ने में..उसके लंड का सहारा लेकर

दोनो का इतना प्यार देखकर उसका लंड गदगद हो उठा..

और अजय के कसमसाते हुए लंड को देखकर इशिका की चूत बुरी तरह से पनिया कर रिसने लगी..

उसकी उंगलिया ऐसी हो गयी जैसे गोंद के अंदर डुबो कर निकाली गयी हों ...एकदम चिपचिपी और रस से नहाई हुई..

इशिका जोर -२ से अपनी चूत के उभरे हुए दाने को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगी




सोनी सामने बैठकर अजय के लंड की नुमाइश अपनी बहन के सामने करके उसे झड़ने के लिए उकसा रही थी..

और वो उहह अहह करते हुए ठंडे पानी के नीचे मचल रही थी.इशिका ने हेंड शावर उठा कर उसके जेट से अपनी चूत पर जोरदार प्रेशर डालना शुरू कर दिया

और एक मिनट के अंदर ही उसकी चूत से भी एक फुव्वारा फुट पड़ा...और उसका गर्म पानी फुव्वारे के पानी में मिलकर नीचे जाने लगा.



सोनी ने फटाफट अजय के लंड को वापिस अंदर ठूसा और बोली : "बस....मिल गयी शांति अब तो तुझे....अब तू आराम से अपने रूम मे रह, मैं तो चली....''

और वो अजय का हाथ पकड़ कर बाहर चल दी.

और फिर एकदम से पलट कर वो इशिका से बोली : "और हां ...खबरदार जो अब मेरे रूम में आई तो...तूने प्रॉमिस किया है...''

और फिर मुस्कुराती हुई वो अजय को लेकर अपने रूम मे चली गयी.

और शॉवर के नीचे निढाल सी बैठी हुई इशिका बुदबुदाई : "दीदी....प्रॉमिस तो होते ही तोड़ने के लिए है...''

और वो अपने ही रस से भीगी उंगलियों को चाटने लगी.
 
 








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