Friday, July 17, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..21

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..21



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अब आगे
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 ''आआआआआआूओ ना......और कितना तड़पाओगे......आओ प्लीज़......अजय.......कम हेअर .....एंड सक मिईीई.....''



ये शब्द सुनकर तो पूजा के कमरे में खड़े हुए अजय का चेहरा पूरा खिल उठा...वो ये बात तो समझ गया की पूजा इस वक़्त उसका ही कोई सपना देखकर उसे अपने पास बुला रही है...

पर इस बात का कैसे यकीन करे की वो नींद में सपना ले रही है...क्योंकि उसकी हरकतों से तो सॉफ पता चल रहा था की वो जागी हुई है और मस्ती में डूबकर उसने अपनी आँखे बंद की हुई है...

पर आज पार्क में उसने जो मज़े पूजा के साथ लिए थे, उसके बाद उसे पूरा यकीन था की वो जल्द ही थोड़ा और आगे बढ़कर उसे और मज़े देगी...इसलिए वो बिना डरे आगे आया और अपने पेट के बल वो बेड पर लेट गया..और अपना मुँह सीधा पूजा की चूत पर लेजाकर टीका दिया..




पूजा की हालत इस वक़्त बड़ी नाज़ुक अवस्था में थी...वो असल और सपने की दुनिया के बीचो बीच थी...

यानी वो बिना सोए ही इस वक़्त ऐसा सपना देख रही थी जिसे वो अपने जिस्म पर महसूस कर पा रही थी...असल में उसके साथ क्या हो रहा था उसे इसका बिल्कुल भी ज्ञान नही था..

इसलिए जैसे ही अजय ने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के उपर लगाया, पूजा के हाथों ने बड़ी ही बेदर्दी से उसके बालों को पकड़कर अपनी चूत पर उसके पूरे मुँह को रगड़ डाला..

और ये सब वो सपनो की दुनिया में रहकर अपने प्यारे जीजू अजय के साथ कर रही थी...जो बारिश और कीचड़ में भीगकर उसकी दोनो टॅंगो के बीच आ पहुँचा था और उसकी चूत को किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था.

अजय ने उपर से बरस रहे पानी से उसकी छूट को नहलाया और सॉफ किया और फिर अपना मुँह लगा दिया उसकी गीली चूत पर...



ठंडा पानी बरस रहा था फिर भी उसकी चूत किसी भट्टी की तरह तप रही थी.

अजय की गर्म जीभ उस आग को और भड़का रही थी.

और इधर अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया था..


 जिस चूत को चाटने के सपने वो शाम को देख रहा था वो इतनी जल्दी उसे चाटने को मिल जाएगी ये उसने सोचा भी नही था...कुँवारी चूत की महक अलग ही होती है...इसलिए अजय अपना पूरा मुँह खोलकर उसकी पूरी की पूरी चूत को अंदर निगल गया और फिर चाटने लगा...बीच-२ में वो ऊपर उठकर उसके मुम्मे भी चूस रहा था





और अपने सपने में अपने जीजू से चूत को चुसवा रही पूजा तो मस्ती से सराबोर होकर अपना रस निकालने लगी...

''आआआआआआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू ................. उम्म्म्ममममममममममम ... ऐसे ही . ............... कुत्ते की तरहा छातो.................. ...आहह....जैसे दीदी की चाट रहे थे ................. अब उनकी बहन की चूसो .....................अहह ...... ऊऊऊऊऊऊऊहह मेरे प्यारे जीजू ........... ....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... आई एम कमिंग .................... जीजू ...... ऑश जीजू ...... उफफफ्फ़ जीजू ...................''



और इसके साथ ही उसने चम्मच भरकर शहद अपनी चूत से निकाल फेंका...जिसे अजय की लपलपाति जीभ ने बूँद-2 करके पी लिया....

और झड़ने के साथ ही पूजा की कमर कमान की तरह टेडी होती चली गयी....सिर्फ़ उसके पैर और सिर ही बेड पर रह गया...बाकी का पूरा शरीर उपर हवा में उठ गया...

अजय वहीँ नीचे बैठा रह गया...और वो पूजा की चूत को धीरे-2 किसी अंतरिक्ष यान की तरह उपर जाते हुए देखता रहा...

और अपने चरम पर पहुँचकर पूजा ने अपने अंदर की वो आख़िरी बूँद भी बाहर निकाल दी जो उसके ऑर्गॅज़म को इस ऊंचाई तक ले आई थी.

और वो बूँद गाड़े रस की लकीर बनकर नीचे गयी...और सीधा अजय के खुले हुए मुँह में आ गिरी.



और जिस तरह से पूजा की चूत का यान उपर गया था, ठीक उसी अंदाज में फिर से एक बार वो नीचे आने लगा...और अजय के चेहरे के सामने पहुँचकर उसने लेंड़ किया.

अजय के हाथ भी अपने लंड पर बुरी तरह से चल रहे थे,और जैसे ही पूजा की चूत वापिस उसके सामने आई, उसका गुलाबीपन देखकर उसके लंड ने अपना रस उगलना शुरू कर दिया, और वहीं बेड अजय ने अपना सारा रस गिरा दिया

और अजय एक बार फिर से उसकी चूत पर टूट पड़ा...

और उधर अपने सपने में बुरी तरह से झड़ने के बाद अजय जिस तरह से उन झाड़ियों में से निकल कर आया था, उन्ही में वापिस रेंगता चला गया...और पीछे छोड़ गया पूजा के नंगे शरीर को...बारिश की बूँदो के नीचे...

पर अजय के चले जाने के बाद भी उसकी चूत पर होंठों का उसका एहसास उसे चौंका गया और यही वो वक़्त था जब किसी अनहोनी की आशंका के साथ उसने अपनी आँखे खोल दी.


 और जैसे ही अपनी टाँगो के बीच उसकी नज़रें गयी,अजय को वहाँ मुँह मारता हुआ देखकर उसके होश ही उड़ गये.

वो समझ गयी की जिस छोटे से सपने में जाकर वो मज़े ले रही थी, वो सब असल में हो रहा था उसके साथ..और शायद इसलिए उसे आज तक ऐसे मज़े नही महसूस हुए थे जो आज हुए..

वो आश्चर्य में डूबकर चीख सी पड़ी

''जी जीजूssssssssssssssssssssssss .......आ आ आआआआआआआप्प्प्प्प्प .....''

अजय ने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा उपर उठाया...उसके पूरे चेहरे पर चमकीला रस लगा हुआ था....ऐसा लग रहा था जैसे किसी मक्खन की हांड़ी में मुँह मारकर निकला हो अजय..

वो मुस्कुराते हुए बोला : "हाँ मेरी जान.....मैं .....तुम्हारा प्यारा जीजू............''

पूजा ने तुरंत सीधा होते हुए पास पड़ी चादर से अपने नंगे शरीर को धक लिया..वो अभी तक नही समझ पा रही थी की ये सब कैसे हुआ...कब अजय उसके कमरे में आया और कब वो उसकी चूत से खेलने लगा,इस बात का उसे एहसास ही नही हुआ....उसे इस वक़्त अपने आप पर काफ़ी गुस्सा भी आ रहा था...क्योंकि ऐसे में तो अजय उसकी चूत भी मारकर निकल जाता और वो यही सोचकर की ये तो सपने में हो रहा है..कुछ ना कर पाती..

पर जो भी हुआ था उसके साथ, उसका गुदगुदा सा एहसास अभी तक उसे रोमांचित कर रहा था..वैसे भी पार्क में जो कुछ भी हुआ था, उसके बाद तो पूजा सोच ही चुकी थी की अगली बार पता नही कैसे और कब ऐसा कुछ होगा...या ऐसा कोई मौका भी मिल सकेगा उन्हे या नही..पर अजय ने तो कुछ ही घंटो मे इस मौके की तलाश करके उसकी चूत चाट डाली..

पर वो अपनी तरफ से गुस्सा दिखाकर और सकुचा कर यही दिखाने का प्रयास कर रही थी की वो सब इतनी आसानी से नही होना चाहिए था...वो ऐसी नही है की उसके जीजू जब जी चाहे उसके साथ कुछ भी कर सके..इसलिए वो डरने का नाटक करती हुई चुपचाप सी होकर बैठ गयी.

अजय समझ गया की उसके मन में क्या उथल-पुथल चल रही है..उसने अपना मुँह उसी चादर से सॉफ किया और सीधा होकर उसके सामने आकर बैठ गया.

अजय : "मुझे पता है की इस वक़्त तुम्हारे मन में क्या चल रहा है....ज़्यादा मत सोचो...मुझे पता है की इन सबमे तुम्हे भी मज़ा आ रहा है...''

पूजा (थोड़े गुस्से में ) : "मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नही थी ..... इस तरह मे मुझे सोता हुआ देखकर आपने मेरा फायदा उठाया है आज....ये बिल्कुल भी सही नही है...आपको ऐसा नही करना चाहिए था....''

अजय : "और तुमने जो किया वो !!!!! ...वो सही था क्या...''

पूजा : "मैने...!! मैने क्या किया ?''

अजय : "मेरे रूम के बाहर खड़े होकर तुमने आज मेरी और प्राची की चुदाई जी भरकर देखी थी....बोलो.... देखी थी या नही...''

अजय की ये बात सुनकर पूजा की आँखे फटने जैसी हो गई..उसने तो सोचा भी नही था की अजय को ये बात पता थी...फिर उसने सोचा की शायद अजय ने उसे बाहर खड़े हुए देख लिया होगा..

पूजा : "वो ...वो तो ...वो तो बस....''

अजय : "वो तो बस तुम अपने एंजाय्मेंट के लिए देख रही थी...है ना...''

थोड़ा रुक कर वो बोला : "और जानती हो मुझे कैसे पता चला...''

पूजा उसके चेहरे की तरफ प्रश्न भरी नज़रों से देखने लगी

अजय ने फ़ौरन पास ही पड़ी पूजा की गीली कच्छी उठाई और उसके सामने लहरा दी.

अजय : "ये देख रही हो ना...जब इसका ये हाल है तो सोचो, तुम्हारी चूत का क्या हाल हो रहा होगा उस वक़्त...जब तुम वहाँ खड़ी होकर हमारी चुदाई के खेल का मज़ा ले रही थी...तुमने मेरे कमरे के बाहर ढेर सारा रस गिरा दिया था...और उसी को देखकर मैं समझ गया था की तुमने वहाँ खड़े होकर कितनी बुरी तरह से अपनी चूत को मसला होगा..बस, यही सोचकर मैं तुम्हारे कमरे में आया की तुम अब क्या कर रही हो...और यहा भी तुम, अपने कपड़े उतार कर ,आधी नींद में डूबी हुई अपनी चूत रगड़ रही थी...वैसे तुम्हारी नींद का फायदा उठाकर ऐसा कुछ भी करने का मेरा कोई इरादा नहीं था, पर जब तुम्हारे नंगे बदन को देखा तो मेरा ईमान डोल गया पूजा, सच में , तुम्हारे जैसी बॉडी मैंने किसी की नहीं देखि आज तक, इतनी सेक्सी हो यार तुम, शरीर अंग बिलकुल परफेक्ट है, और ये सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया , इसलिए मैने सोचा की थोड़ी तुम्हारी हेल्प कर दी जाए...''

इतना कहकर अजय चुप हो गया.

अजय के मुँह से लगातार चूत और चुदाई शब्द सुनकर पूजा की हालत खराब हो रही थी.और साथ ही अपने बदन की तारीफ सुनकर उसे बहुत मजा भी आ रहा था

लड़कियों को तारीफ पसंद होती है, ये बात अजय भी अच्छी तरह से जानता था

और अब पूजा समझ चुकी थी की ग़लती तो उसी की थी...और जो चोरी उसने की थी,वो अजय ने पकड़ भी ली थी...और इसलिए उसने उस चोरी की सज़ा दी थी पूजा को...जो सज़ा से ज़्यादा मज़ा थी.

बेचारी से कुछ बोलते नही बना तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गयी..

और सिर्फ़ एक ही शब्द निकला उसके मुँह से

''ठरकी कहीं के''

और फिर दोनो एक साथ हंस पड़े.


 अजय भी समझ गया की उन दोनो के बीच की ये आख़िरी दीवार भी गिर चुकी है...

वो थोड़ा उपर आया और वो पूजा के साथ उसकी चादर में घुस गया...और उसके सिर को पकड़कर अपने कंधे पर लगा लिया और दोनो एक दूसरे से चिपक गये.और अगले ही पल दोनों दूसरे को बुरी तरह से स्मूच करने लगे



भले ही इस वक़्त पूजा उसकी बाहों में नंगी थी...पर अब कुछ भी और करने की हिम्मत नही थी उसमे ...शाम से लेकर अब तक ना जाने कितनी बार झड़ चुका था वो..एक बार और करने की हिम्मत नही हुई उसकी...वैसे भी वो अभी कुछ दिनों तक उसकी कुँवारी चूत का मज़ा लेना चाहता था.

कुछ देर तक ऐसे ही इधर उधर की बातें करने के बाद और ढेर सारी स्मूच करने के बाद अजय चुपचाप अच्छे बच्चे की तरह वापिस अपने कमरे में चला गया.

पूजा भी पूरी रात सो नही पाई...एक अजीब सा गुलाबीपन आ चुका था उसके चेहरे पर...अजय की हरकत के बारे में और उस सपने के बारे में सोचकर वो काफ़ी देर तक मुस्कुराती रही....

और अजय तो उसके बाद घोड़े बेच कर सोया...अगला दिन उसके लिए काफ़ी खास था..

सोनी के घर हो जाना था उसे.

पर इस बीच कुछ और झटके उसका इंतजार कर रहे थे..


 अगले दिन पूजा की नींद 7 बजे ही खुल गयी...वैसे भी अजय के बारे में सोचते हुए उसे पूरी रात नींद ही नही आई थी.

वो उठी और बाहर आ गयी, प्राची भी उठ चुकी थी और उसे गुड मॉर्निंग बोलकर वो वापिस अपने घर चली गयी, क्योंकि उसे अपने कॉलेज भी जाना था और उसके कपड़े तो घर पर ही थे.

घर पहुँचकर उसने देखा की उसकी कजिन रिया छोटी सी चड्डी और छोटी सी टी शर्ट में सो रही है...जिसमें वो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी.



और अनायास ही उसके मुँह से निकल गया 'इसे अगर मेरे ठरकी जीजू ऐसे सोते हुए देख ले तो अभी नंगा करके चोद डालेंगे....'

और फिर वो खुद ही अपनी कही बात सोचकर मुस्कुरा दी.

और उसने आगे बढ़कर उसकी गद्देदार गांड पर धीरे से चपत लगा दी और बोली : "गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट....उठ जाओ...जाना नही है क्या इंस्टिट्यूट ..''

रिया किसी अबोध की तरह अपनी आँखे मलती हुई उठ गयी और पूजा को देखकर बोली : "गुड मॉर्निंग दीदी...आ गयी आप...पता भी है, मुझे रात को कितनी याद आ रही थी आपकी..अकेले सोने में बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था.''

पूजा उसके साथ ही पलंग पर लेट गयी और बड़ी ही सेक्सी आवाज़ में बोली : "ओले ओले.....मेरा दुधू पीना था क्या.....आज की रात रहूंगी मैं तेरे साथ..जो करना है कर लियो..हे हे हे ''

पूजा को ऐसी बातें करते देखकर रिया हैरान रह गयी...क्योंकि वो जब भी अपनी तरफ से कुछ ऐसी बातें करती थी तो पूजा उसे टोक देती थी पर एक ही रात में पूजा दीदी को क्या हो गया है जो वो ऐसी बातें कर रही है..

अब उस बेचारी को क्या पता की एक दिन में पूजा ने क्या-2 जलवे देख लिए है अपने जीजू के साथ...और शायद इसलिए वो अब रिया के साथ ऐसे खुलकर बातें कर रही थी.

पर अभी के लिए ज़्यादा बात करने का समय नही था.क्योंकि उसके कॉलेज जाने का टाइम हो चुका था..इसलिए दोनों फटाफट एक के बाद एक बाथरूम में गयी और तैयार होने लगी.

पूजा को जल्दी निकलना पड़ता था इसलिए वो नाश्ता करके चली गयी...रिया हमेशा की तरह अपने जीजू के साथ जाने के लिए उनका इंतजार करने लगी.

और दूसरी तरफ जब अजय नहा धोकर नाश्ते का इंतजार कर रहा था तो उसके मोबाइल पर वेट्स एप का एक मैसेज आया...उसने खोलकर देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी..

वो उसके दोस्त की बीबी अंजलि का मेस्सेज था...

उसने गुड मॉर्निंग लिखकर भेजा था.

अजय ने भी रिप्लाइ किया : 'गुड मॉर्निंग.....आ गयी मेरी याद...इतने दिनों के बाद...'

अंजलि : 'अर्रे...अनिल ने बताया नही क्या...मैं तो अपने मायके गयी हुई थी...चंडीगढ़ .....कल रात ही वापिस आई हूँ ..'

अजय : 'ओहो....ये तो मुझे पता ही नही था...अनिल से बात तो हुई थी पर आपके बारे में पूछकर कोई शक नही पैदा करना चाहता था मैं उसके मन में ..'

अंजलि ने रिप्लाइ में हँसी से लोटपोट एक स्मायली भेज दिया.

अजय ने प्राची की तरफ देखा जो किचन में खड़ी होकर उसके लिए नाश्ता बना रही थी..वो इत्मिनान से एक बार फिर से चेटिंग करने लग गया.

अजय ने कुछ देर इंतजार किया और लिखा : 'मैं तो बड़ी बेसब्री से तुम्हारी उन सेक्सी पिक्स का वेट कर रहा था'

वहां से भी थोड़ा रुक कर रिप्लाइ आया : 'तुम बस पिक्स को देखकर ही गुजारा करते रहना..थोड़ी हिम्मत कर लो तो शायद उन्हे लाइव देख पाओगे..'

ये तो खुल्लम खुल्ला निमंत्रण था उसके लिए...



 उसने तुरंत रिप्लाइ भेजा : 'वो तो आप ही बताओगी ना की आप पिक्स दिखाओगी या लाइव शो..'

अंजलि : 'मैने कब मना किया है...आज ही आ जाओ...शाम को...ऐसा शो दिखाउंगी की मजा आ जायेगा '

ये पड़ते ही उसके लंड ने जोरदार अंगड़ाई ली उसकी टाइट पेंट में ...उसने बड़ी मुश्किल से बैठे-2 ही अपने लंड को पेंट में अड्जस्ट किया...और जैसे ही वो लिखने वाला था की ओके ,शाम को आता हूँ उसके दिमाग़ में सोनी का चेहरा घूम गया....उसने भी तो आज शाम को उसे अपने घर पर बुलाया था...एक ही दिन में वो दोनो जगह कैसे जा पाएगा..

और वैसे भी अंजलि भाभी चाहे जितनी भी सेक्सी हो, सोनी जैसे कच्चे माल के आगे वो नही टिक सकती थी...और ये बात अजय अच्छी तरह से जानता था की अंजलि भाभी तो काफ़ी चालू किस्म की औरत है..वो तो कभी भी मिल सकती है...पर सोनी को किसी और दिन के लिए छोड़ने का मतलब था उसे हमेशा के लिए खो देना..इसलिए कम से कम उसकी एक बार लेकर वो उसकी तरफ से फ्री हो जाना चाहता था.

इसलिए उसने रिप्लाइ किया : 'ओहो....भाभी...आज तो किसी भी कीमत पर नही आ सकता...एक ज़रूरी मीटिंग है मेरी आज...प्राची के साथ भी डॉक्टर के पास जाना था, उसे भी अभी मना किया है मैने...प्लीज़ कल का रख लो..'

उसके बाद वहां से कोई रिप्लाइ नही आया और एक मिनट के बाद अंजलि भाभी भी ऑफलाइन हो गयी.

अजय समझ गया की वो गुस्सा मान गयी है.

उसने निश्चय कर लिया की बाद में वो फोन पर उनके साथ बात करके उन्हे सही से समझा देगा.

और फिर जल्दी से नाश्ता करके वो बाहर आ गया और सीधा पड़ोस में बने अपने ससुराल में घुस गया रिया को लेने.

दरवाजा उसकी सास ने खोला..वो अभी तक अपने नाइट गाउन में ही थी...और सॉफ पता चल रहा था की उन्होने अंदर ब्रा नही पहनी हुई है..क्योंकि उनके मुम्मो के उपर लगे नन्हे बल्ब अजय को देखते ही चमकने लग गये.



दोनो के चेहरे पर एक अलग ही तरह की स्माइल आ गयी.रजनी ने साइड दी और अजय उसके सेक्सी बदन की घिसाई करता हुआ अंदर आ गया..और जैसे ही अजय अंदर आया, रजनी ने दरवाजा बंद करके उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके गले से लग गयी.

अजय एकदम से घबरा गया...उसने इधर उधर देखा और बोला : "पापा और रिया है घर पर...वो देख लेंगे..''

रजनी : "प्राची के पापा तो बिजली घर गये है,बिल भरने और रिया अपने रूम में है...उसके कपड़ो पर चाय गिर गयी जल्दबाज़ी में ..उसे 5 मिनट लगेंगे अभी...''

अजय समझ गया की उसकी सास इन 5 मिनट का फायदा उठाना चाहती है...वैसे भी कल के बाद उसकी सास अब खुल कर अपनी तरफ से ही उसे लाइन दे रही थी...बस एक मौका चाहिए था उन्हे अकेले में जिसका फायदा उठाकर वो चुदाई कर सके..





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