Sunday, July 19, 2015

FUN-MAZA-MASTI पहली मुलाकात

FUN-MAZA-MASTI


पहली मुलाकात


यह बात आज से छः महीने पहले की है मेरे मोबाइल पर एक फ़ोन आया जो कि एक रॉंग नंबर था। उधर से एक लड़की बोल रही थी और शायद उसने ड्रिंक कर रखी थी।
उसने कहा- मैं इतनी देर से फ़ोन मिला रही हूँ.. मेरा फ़ोन क्यों नहीं उठा रहे हो..
वो मुझे अनाप-शनाप गाली देने लगी।
जब मैंने उससे कहा- मैडम ये रॉंग नंबर है..
तो वो अपने आप पर बहुत शर्मिदा हुई और उसने ‘सॉरी’ बोल कर फ़ोन रख दिया।
अगले दिन उस लड़की का फिर से फ़ोन आया और उसने फिर से ‘सॉरी’ कहा और रात की बात के लिए मुझसे माफ़ी मांगी तथा मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की।
मुझे भी इसमें कोई ऐतराज नहीं था और अगले दिन तय-शुदा जगह पर वो मिलने आई.. तो उसे देखकर मैं तो हैरान रह गया।
वो इतनी सुन्दर थी कि उसकी सुन्दरता के बखान के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।
उसने अपने बारे में बताया- मेरे ब्वॉय फ्रेंड ने मुझे धोखा दिया है और मैं टूट गई हूँ.. तथा मुझे किसी का साथ चाहिए।
मैंने उसे भरोसा दिलाया और उसने मुझे उसी दिन रात को उसके घर पर आने के लिए बोला।
उसने बताया- मैं डिफेन्स कॉलोनी में रहती हूँ तथा आज रात को मैं घर पर अकेली हूँ।
हमारा मिलने का टाइम रात में 10 बजे तय हुआ.. पर मुझे अपने आप पर भरोसा नहीं हो रहा था कि इतनी सुन्दर लड़की एक मुलाकात में ही मुझसे रात में अकेले मिलने के लिए बेताब क्यों है।
भरोसा न होते हुए भी मैं ठीक दस बजे उसके बताए हुए पते पर पहुँच गया और डोर बेल बजाई।
जब उसने ही दरवाजा खोला तो थोड़ी तसल्ली हुई। उसने मुझे अन्दर बुलाया और सोफे की तरफ इशारा करते हुए बैठने को कहा।
थोड़ी देर में आने के लिए कहकर अन्दर चली गई। आप सोच रहे होंगे कि मैंने उसका नाम क्यों नहीं बताया.. तो दोस्तों मैं कभी कोई वादा नहीं तोड़ता और उसने मुझे अपना नाम किसी को न बताने के लिए अपनी कसम दी है।
थोड़ी देर में वो एक ब्लैक रंग की नाईट ड्रेस में मेरे सामने आई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ अन्दर अपने बिस्तर कमरे में ले गई.. जहाँ पर एक टेबल पर एक बोतल वोदका.. दो गिलास और कुछ खाने का सामान रखा हुआ था।
पहले हम दोनों ने वोदका पी.. फिर खाना खाया। अब दोनों को काफी नशा हो चुका था।
उसने मेरी तरफ कामुक निगाहों से देखा मैंने उसकी तरफ हाथ बढ़ा दिया।
वो मेरे नजदीक आ गई।
हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे और कुछ देर बाद वो बोली- आज की रात में सारी की सारी तुम्हारी हूँ.. तुम जो चाहो वो मेरे साथ कर सकते हो।
मैंने पूछा- हम तो सिर्फ एक ही बार मिले हैं.. फिर तुम मुझ पर इतना भरोसा क्यों कर रही हो?
तो उसने कहा- जिसको मैं तीन साल से जानती रही हूँ.. और प्यार करती रही हूँ.. वो तो किसी और के साथ मज़े कर रहा है.. तीन साल के प्यार में अगर मुझे धोखा मिला.. तो अगर तुमने भी धोखा दिया.. कम से कम ये दुःख तो नहीं होगा।
उसके बाद एक-एक करके मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में एक-दूसरे के अंगों को चूसने लगे और काफी देर ऐसा करने के बाद वो मेरे ऊपर आ गई।
वो बोली- जान अब सब्र नहीं होता..
वो मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर दबाने लगी तथा दो बार में ही उसने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में घुसवा लिया और धक्के मारने लगी।
लगभग 15 मिनट धक्के मारने के बाद वो झड़ गई तथा मेरे ऊपर ही लेट गई।
तो मैंने कहा- अब मेरी बारी है..

मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी दोनों टाँगें फैला कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ही बार में पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
वो बहुत तेज़ चिल्लाई.. पर मैं नहीं रुका और काफी देर तक उसको ऐसे ही चोदता रहा और उसकी चूत में ही झड़ गया।
उस रात हमने दो बार और चुदाई की तथा सुबह 5 बजे मैं वहाँ से आ गया।
अब जब भी हमें मौका मिलता है.. तो हम चुदाई का मौका कभी नहीं छोड़ते हैं..
वो इतनी सेक्सी और सुन्दर है कि हर बार मुझे ऐसा लगता है.. जैसे कि मैंने उसे पहली बार चोदा है।

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