Monday, December 27, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ - बिना झान्टो वाली बुर पार्ट--1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
बिना झान्टो वाली बुर  पार्ट--1

मेरी दीदी की शादी बुर-हान पुर मे अभी तीन महीने पहले हुई थी. मेरी बहन
मुझसे दो साल बरी है. शादी के बाद पहली बार मेरे जीजाजी दीदी को बीदा
कराने महीनेभर पहले आए थे. उस समय केवल एक दिन ही रुके थे. उस समय उनसे
बहुत बाते तो नही हुई लेकिन मेरी भोली-भली दीदी अपने पति के बारे में वह
सब बता गयी जो नई-नई ब्याहता नही बता पाती.

उसने बताया कि वे बड़े सेक्सी है और कामकला में पारंगत है. उनका वो (कॉक)
बड़ा मोटा है, पहली बार बहुत दर्द हुआ था. उस समय दीदी की बाते सुनकर ना
जाने क्यों जीजाजी के प्रति मेरी उत्सकता बहुत बढ़ गयी. सोचती उनका लॉरा
नज़ाने कितना बरा और लंबा होगा. बात-बात में मैने बारे अंतरंग चर्चा में
जीजाजी की यह बात अपनी सहेली कामिनी को बता दिया. उसको तो सेक्स के सिवा
कुछ सूझता ही नही. उस बुर चोदि ने मेरे साथ सेक्स का खेल खेलते हुए
(चपटी) हुए जीजाजी से चुदवाने के सभी गुर सिखाना सुरू कर दिए. वह खुद भी
अपने जीजाजी से फँसी है और उनसे चुदवाने का कोई अवसर नही छोड़ती. अपने
ट्यूशन टीचर को भी पता रखा है जिससे वह अपनी खुजली मिटवाती रहती है. उससे
मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध है. वह बहुत ही मिलनसार और हँसमुख लड़की है
लेकिन सेक्स उसकी कमज़ोरी है और मैं वह बुरा नही मानती. उसका मानना है कि
ईश्वर ने स्त्री पुरुष को इसी लिए अलग अलग बनाया है कि वे आपस में चुदाई
का खेल खेलें. सेक्स करने के लिए ही तो अलग अलग सेक्स बनाया है. उसका यह
भी मानना है कि यह सब करते हुए कुवारि कन्या को बहुत चालाक होना चाहिए
नही तो वह कभी भी फस सकती है और बदनाम भी हो सकती है.

कल मेरी मम्मी ने बताया कि रेखा (दीदी) का फोन आया था कि मदन (जीजाजी) एक
हफ्ते के लिए ऑफीस के काम से यहाँ शुक्रवार (फ्राइडे) को आ रहें है. रेखा
उनके साथ नही आ पाएगी, उसके यहाँ कुछ काम है.उन्होने हिदायत देते हुए कहा
की तेरे पापा तो दौरे पर गये हुए है अब तुझे ही उनका ख्याल रखना होगा.
रेखा का उपरवाला कमरा ठीक कर देना. परसों से मैं भी जल्दी कथा सुन कर आ
जाया करूँगी. वैसे वह दिन में तो ऑफीस में ही रहेगा सुबह-शाम मैं देख
लूँगी

जीजाजी परसों आ रहे है जानकर मन अंजान ख़ुसी से भर उठा. मेरा बदन बार-बार
बेचैन हो रहा था और पहली बार उनसे कैसे चुदवाउन्गि इसका ख्वाब देखने लगी.
दीदी से तो मैं यह जान ही चुकी थी कि वे बरे चुड़ककर हैं.

मैं तुम्हे बता दूं कि मेरे पापा जो इंजीनियर हैं उन्होने मेरा और दीदी
का कमरा उपर बनवाया है ग्राउंड-फ्लोर पर मॅमी पापा का बरा बेड रूम,
ड्रॉयिंग-रूम, किचेन स्टोर, गेस्ट रूम, वरॅंडा, लोन, तथा पीछे सा छ्होटा
बगीचा है. उपर और कमरे है जो लगभग खाली ही रहते हैं क्योकि मेरे बड़े
भैया भाभी अमेरिका मे रहते है और बहुत कम ही दिनो के लिए ही यहाँ आ पाते
हैं. वे जब भी आते हैं अपने साथ बहुत सी चीज़ें ले आते है इसलिए
कंप्यूटर, टीवी, डVड प्लेयर, हांडीकम एत्यादि सभी चीज़ें हैं. मेरी भाभी
भी खुले विचारो की है और अमेरिका जाते समय अपनी अलमारी की चाभी देते हुए
बोली देखो! अलमारी में कुच्छा अडल्ट सीडी, डVड & आल्बम रखी हैं पर तुम
उन्हे देखना नही उन्होने मुस्कराते हुए चाभी पकड़ा दी थी.

जीजाजी शुक्रवार को सुबह 8 बजे आ गये. जल्दी-जल्दी तैयार हुए नस्ता किया
और अपने ऑफीस चले गये. दोपहर ढाई बजे वे ऑफीस से लौटे, खाना खाकर उप्पेर
दीदी के कमरे में जाकर सो गये.

उसके बाद मम्मी मुझसे बोली, बबुआ सो रहे है, मैं सोचती हूँ जाकर कथा सुन
औन. चमेली आती होगी बरतन धुल्वा लेना. बबुआजी सो कर उठ जाएँ तो चाय पीला
देना और अलमारी से नस्ता निकाल कर करवा देन.यह कहकर वो कथा सुनने चली गई
हमारी बरतन माँजने वाली बाई चंपा मेरी हम उम्र है और हमेशा हँसती बोलती
रहती है

मम्मी के जाते ही मैं उपर गई देखा जीजाजी अस्त व्यस्त हालत मे सो रहे है
उनकी लूँगी से उनका लिंग झाँक
रहा था. सपने मैं वे ज़रूर बुर (पुसी) का दीदार कर रहे होंगे तभी उनका
लॉरा (कॉक) खरा था. मेरे पूरे शरीर में झुरजुरी फॅल गयी. मैं कमरे से
निकल कर बर्जे पर आ गयी. सामने पार्क में एक कुत्ता कुतिया की बुर चाट
रहा था फिर थोरी देर बाद वह कुतिया के उपर चढ़ गया और अपना लॉरा उसकी बुर
में अंदर बाहर करने लगा. ओह क्या चुदाई थी. उनकी चुदाई देख कर मेरी बुर
पनिया गयी और मैं अपनी बुर को सहलाने लगी. थोरी देर बाद कुत्ता के लंड को
कुतिया ने अपनी बुर मैं फँसा लिया. कुत्ता उससे च्छुटने का प्रयास करने
लगा इस प्रयास में वह उलट गया. वह च्छुटने का प्रयत्न कर रहा था लेकिन
कुतिया उसके लौरे को छोड़ नही रही थी. यह सब देख कर मन बहुत खराब हो गया.
फिर जीजाजी की तरफ ध्यान गया और मैं जीजाजी के कमरे में आ गयी.

जीजाजी जाग चुके थे. मैने पुचछा, चाय (टी) ले आउवो बोले नही! अभी नही.सर
दर्द कर रहा है थोरी देर बाद फिर मुस्करा कर बोले, साली के रहते हुए चाय
की क्या ज़रूरत?
मैने कहा हटिए भी! लाइए आप का सर दबा दूं मैं उनका सर अपनी गोद में लेकर
धीरे-धीरे दबाने लगी. फिर उनके गाल को सहलाते हुए बोली, क्या साली चाय
होती है कि उसको पी जाएँगे जीजाजी मेरी आँखों मे आँख डाल कर बोले, गरम हो
तो पीने में क्या हर्ज है? और उन्होने मुझे थोरा झुका कर कपड़े के उपर से
मेरे चूचियों (बूब्स) को चूम लिया. मैं शरमा उनके सीने पर सिर च्छूपा
लिया. उस समय मैं शर्त & स्कर्ट पहनी थी और अंदर कुच्छ भी नही. उनके सीने
पर सर रखते ही मेरे बूब्स उनके मूह के पास आ गये और उन्होने कोई ग़लती
नही की, उन्होने स्कर्ट के बटन खोल कर मेरी करारी चूंचियों के निपल को
मूह मे ले लिया. मेरी सहेलियों मैं आप को बता दू मेरी सहेली कामिनी ने कई
बार मेरी चूंचियों को मूह में लेकर चूसा है लेकिन जीजाजी से चुसवाने से
मेरे शरीर में एक तूफान उठ खरा हुआ.

मैने जीजा जी को चूंची ठीक से चूसने के उद्देश्य से अपना बदन उठाया तो
पाया की जीजाजी का लंड लूँगी हटा कर खरा होकर हिल रहा था जैसे वह बुला
रहा हो, आओ मुझे प्यार करो. ओह मा! कितना मोटा और कारक. मैने उसे अपने
हाथो मे लेलिया. हाथ लगते ही वह मचल गया कि मुझे अपने ओठों मे लेकर प्यार
करो मैं क्याकरती उसकी तरफ बढ़ना पड़ा क्योकि मेरी मुनिया (पुसी) भी
जीजाजी का प्यार चाह रही थी. जैसे ही मैने लंड तक पहुचने के लिए गोद से
जीजाजी का सर हटाया और उपर आई, जीजाजी ने स्कर्ट हटा कर मेरी बुर पर हाथ
लगा दिया. फिर चूम कर उसे जीब से सहलाने लगे. ओह जीजाजी का लॉरा कितना
प्यारा लग रहा था उसके छ्होटे से होंठ पर चमक रही बूँद (पीकुं) कितना
अच्छा लग रहा था की मैं बता नही सकती, लॉरा इतना गरम था की जैसे वह लावा
फेकने वाला हो. उसे ठंडा करने के लिए मैने उसे अपने मुँह में ले लिया.
लॉरा लंबा और मोटा था इस लिए हाथ में लेकर पूरे सुपरे को चूसने लगी.
जीजाजी बुर की चुसाइ बड़े मन से कर रहे थे और मैं जीजाजी के लौरे को
ज़्यादा से ज़्यादा अपने मूह में लेने की कोशिश कर रही थी पर वह मेरे मूह
मे समा नही रहा था.

मैने जीजाजी के लौरे को मूह से निकाल कर कहा, हे जीजाजी! यह तो बहुत ही
लंबा और मोटा हैï¿1/2

तुम्हे उससे क्या करना है? जीजाजी चूत से जीभ हटा कर बोले.

अब मैं अपने आपे में ना रह सकी, उठी और बोली अभी बताती हूँ चोदु लाल मुझे
क्या करना हैï¿1/2

मैं अब तक चुदवाने के लिए पगला चुकी थी. मैने उनको पूरी तरह नगा कर दिया
और अपने सारे कपरे उतार कर उनके उपर आ गयी, बुर को उनके लौरे के सीध मे
कर अपने यौवन द्वार पर लगा कर नीचे धक्का लगा बैठी लेकिन चीख मेरे मूह से
निकली, ओह मा! मैं मरी जीजाजी ने झट मेरे चूतरको दोनो हाथो से दबोच लिया
जिससे उनका आधा लंड मेरी बुर में धसा रह गया और वे मेरी चून्चि को मूह
में डालकर चूसने लगे. चूंची चूसे जाने से मुझे कुछ राहत मिली और मेरी चूत
चुदाई के लिए फिर तैय्यार होने लगी और चूतर हरकत करने लगे. ताव-ताव में
इतना सब कुछ कर गयी लेकिन लेकिन अब आगे बढ़ने की हिम्मत नही पड़ रही थी
लेकिन मुनिया (बुर) चुदवाने के लिए मचल रही थी.

मैं जीजाजी के होंठ चूम कर बोली, जीजाजी उपर आ जाओï¿1/2

क्या चोदोगी नहीï¿

नही चुदवाउन्गि अपने चुदक्कर राजा से

बिना बुर से लॉरा निकाले वे बरी सफाई से पलते और मैं नीचे और वे उपर और
लंड मेरी बुर मे जो अब थोरी नरम हो गयी थी. उन्होने मेरे होंठ अपने होंठ
में ले लिया और बुर से लॉरा निकाल कर एक जबारजस्ट शॉट लगा दिया. उनका
पूरा लॉरा सरसराते हुए मेरी बुर में घुस गया. दर्द से मैं बहाल हो गयी.
मेरी आवाज़ मेरे मूह में ही घुट कर रह गयी क्योकि मेरे होंठ तो जीजा जी
के होंठो मे थे. होंठ चूसने के साथ वे मेरी चूंचियो को प्यार से सहला रहे
थे फिर चूंचियों को एक-एक कर चूसने लगे जिससे मेरी बुर का दर्द कम होने
लगा.

प्यार से उनके गाल को चूमते हुए मैं बोली, तुमने अपनी साली के बुर का
कबाड़ा कर दिया नाï¿1/2

क्या करता साली अपनी बुर के झांट को साफ कर चुदवाने के लिए तैयार थीï¿1/2

जीजाजी आप को ग़लतफहमी हो गयी मेरे बुर पर बाल है ही नहीï¿1/2

यह कैसे हो सकता है तुम्हारी दीदी के तो बहुत बाल है, मुझे ही उनको साफ
करना परता हैï¿1/2

हाँ! ऐसा ही है लेकिन वह सब बाद में पहले जो कर रहे हो उसे करोï¿1/2

मेरे बुर का दर्द गायब हो चुका था और मैं चूतर हिला कर जीजाजी के मोटे
लंड को एडजुस्ट करने लगी थी जो धीरे-धीरे अंदर बाहर हो रहा था.

जीजाजी ने रफ़्तार बढ़ाते हुए पूछा, क्या करूँ?

मैं समझ गयी जीजाजी कुछ गंदी बात सुनना चाह रहे हैं मैं अपनी गान्ड को
उच्छाल कर बोली, हाई रे साली चोद! इतना जालिम लॉरा बुर की जर तक घुसा कर
पुंच्छ रहे हो क्या करूँ हाई रे बुर चोद अपने मोटे लौरे से मथ कर मेरी
मुतनी का शुधा-रस निकालना है अब समझे चुदक्कर राजा मैने उनके होंठ चूम
लिए.

अब तो जीजाजी तूफान मैल की तरह चुदाई करने लगे. बुर से पूरा लंड निकालते
और पूरी गहराई तक पेल देते थे. मैं स्वर्ग की हवओ मे उरने लगी..

हाई राज्ज्ज्जा ! और ज़ोर सीईई बरा मज्ज़ज़ज्ज्ज्ज्जा एयाया आ रहा है और
जूऊर्ररर सीई ओह माआ! हाईईईईई मेरी बुर्र्र्र्ररर झरने वाली है.मेरी
बुर्र्र्र्ररर कीयेयी चितारे यूरा डूऊऊऊऊï¿. हाईईईईई मई गइईईई

रुक्कको मेरी चुदासी राआअनि मैं भीईए आआआआअ रहा हूँ जीजाजी ने दस बारह
धक्के लगा कर मेरी बुर को अपने गरम लावा से भर दिया. मेरी बुर उनके वीर्य
ईक-एक कतरे को चूस कर खुस हो गयी.

मेरे चूंचियों के बीच सर रख कर मेरे उपर थोरी देर परे रह कर अपने सांसो
को शांत करने के बाद मेरे बगल में आकर लेटने के बाद मेरी वीर्य से सनी
बुर पर हाथ फेरते हुए बोले हाँ! अब बताओ अपनी बिना बाल वाली बुर का राज

मैं इस राज को जल्दी बताने के मूड में नही थी, मैने बात को टालते हुए
कहा, अरे ! पहले सफाई तो करने दो, बुर चिपचिपा रही है. इस साले लौरे ने
पूरा भीगा दिया है मैं उठ कर बाथरूम में चली आई

....बाथरूम में मेरे पिछे-पिछे जीजाजी भी आ गये. मैने पहले जीजाजी के
लौरे को धो कर साफ किया फिर अपनी बुर को साफ करने लगी. जीजाजी गौर से
देखा रहे थे, शायद वे बुर पर बाल ना उगाने का राज जानने के पहले यह
यकीन कर लेना चाह रहे थे कि बाल उगे नही हैं कि उन्हे साफ किया गया है.
उन्होने कहा "लाओ मैं ठीक से साफ कर दूं" वे बुर को धोते गुए अपनी तसल्ली
करने के बाद उसे चूमते हुए बोले, "वाकाई तुम्हारे बुर का कोई जवाब नही है"
और वे मेरी बुर को चूसने लगे. मैने अपने पैरो को फैला दिया और उनका सर
पकर कर बुर चुसवाने लगी. "ओह जीजाजी... क्य्ाआअ कार्रर्ररर रहीईई हैं....
ओह ...."

तभी कॉल-बेल बज उठा. मैने जीजा से अपने को च्छूराते हुए बोली, "बर्तन
माँजने वाली चमेली होगी" और उल्टे सीधे कपरे पहन कर नीचे दरवाजा
खोलने के लिए भागी. दरवाजा खोला तो देखा चमेली ही थी. मैने राहत की
सांस ली.

अंदर आने के बाद चमेली मुझे ध्यान से देख कर बोली, "क्या बात है दीदी! कुछ
घ्हबराई कुच्छ सरमाई, या खुदा ये माजरा क्या है" फिर बात बदल कर बोली
"सुबह जीजाजी आए थे, कहाँ हैं" मैं बोली, "उपर सो रहे हैं मैं भी सो गयी
थी"

"जीजाजी के साथ?" हसते हुए वह बोली.

"तू भी सोएगी" मैने पलट वॉर किया लेकिन वह भी मंजी हुई खिलाड़ी थी बोली,
"हे दीदी! हमारा इतना बरा भाग्य मेरा कहाँ?"

उससे पार पाना मुश्किल था, बात बढ़ाने से कोई फ़ायदा भी नही था, क्योकि वह
हमराज़ थी, इस लिए बोली, "जा अपना काम कर, काम ख़तम कर जीजाजी के लिए
चाय बना देना, मैं देखती हूँ कि जीजाजी जागे कि नही"

नीचे का मैन गेट (दरवाजा) बंद कर उपर आ गयी, चमेली से मैं निसचिंत
थी वह बचपन से ही इस घर में आ रही है और सब कुछ जानती और समझती
है.

दीदी के कमरे में लूँगी पहन कर बैठे जीजाजी मेरा इंतजार कर रहे थे,
जैसे ही मैं उनके पास गयी मुझे दबोच लिया. मैं उनसे छूटने की नाकाम
कोशिस करते हुए बोली, "चमेली बर्तन धो रही है अब उसके जाने तक इंतजार
करना परेगा"

जीजाजी बोले, "अरे! उसे समय लगेगा तब तक एक बाजी क्या दो (टू) बाजी हो
सकती है" वे मेरी बूब्स को खोलकर एक बूब के निपल को मूह में लेकर चूसने
लगे और उनका एक हाथ मेरी बुर तक पहुँच गया. बाथ-रूम में जीजाजी बुर
चूस कर पहले ही गरमा चुके थे. अब मैं अपने को ना रोक सकी और लूँगी को
हटा कर लौरे को हाथ मे ले लिया. मैं बोली, "जीजाजी यह तो पहले से भी
मोटा हो गया है"

"हाँ जब यह अपनी प्यारी बुर को प्यार करेगा तो फूलकर कुप्पा हो जाएगा"

"हाई! मेरे चोदु सनम! इस शैतान ने मेरी मुनिया को दीवाना बना दिया है... अब
इसे उससे मिलवा दो.." मैने उनके लौरे को हाथ मारते हुए कहा.

जीजाजी ने मेरे वे कपरे उतार दिए जिससे मैं अपनी नग्नता च्छुपाए हुए थी
और मुझे पलंग पर लिटा कर मेरे पैरों को फैला दिया. अब मेरी मदमस्त रसीली
योवन गुहा उनके सामने थी. उन्होने उसे फिर अपनी जीभ से छेड़ा.

कुच्छ देर तो उनकी दीवानगी का मज़ा लिया लेकिन मैं परम सुख के लिए बेचैन
हो उठी और उन्हे अपने उपर खिच लिया और बोली, "राजा अब उन दोनो को मिलने दो"

जीजाजी मेरी निपल को मूह से निकाल कर बोले, "किसको"

मैने उनके लौरे को बुर के मूह पर लगाते हुए बोली "इनको ....बुर और लंड
को...समझे मेरे चुदक्कर सनम..... मेरी बुर के खेवनहार.... अब चोदो भी.."

इस पर उन्होने एक जबारजस्ट शॉट लगाया और मेरी बुर को चीरता हुआ पूरा लंड
अंदर समा गया, "हाईईईईईईई मररर्र्ररर डाला ओह मेरे चोदु सनम .... मेरी
मुनिया तो प्यार करना चाहती पर इस मोटू को दर्द पहुचाने में ज़्यादा मज़ा आता
है..... अब रुके क्यो हो?......... कुच्छ पाने के लिए कुच्छ तो सहना
परेगा....ओह माआआ .... अब कुच्छ ठीक लग रहा है..... हाँ अब तिककककककक
हाईईईईईईईईईई फाड़ डालो इस लालची बुर को...." मैं चुदाई के उन्माद में नीचे से
चूतर उठा उठा कर उनके लंड को बुर में ले रही थी और जीजाजी उपर से कस
कस कर शॉट पर शॉट लगाते हुए बोल रहे थे, " है चुदसी रनीईईइ..
तुम्हारी बिना झांट वाली बुर ने तो मेरे लंड को पागल बना दिया है...वह इस
साली मुनिया का दीवाना हो गया है....इसे चोद चोद कर जब तक यहाँ हूँ जन्नत
की सैर करूँगा... रानी बहुत मज़ा आ रहा है..."
क्रमशः.........


bina jhaanto vali bur part--1

meri didi kee shadi Bur-han pur me abhi teen mahine pahale hui thee.
Meri bahan mujhase do sal bari hai. Shadi ke bad pahli bar mere jijaji
didi ko bida karane mahinebhar pahale aye the. Usa samaya keval ek din
hi ruke the. Us samay unase bahut bante to nahi hui lekin meri
bholi-bhali didi apane pati ke bare mein vah sab bata gayee jo nai-nai
byahata nahi bata pati.

Usane bataya ki ve bare sexy hai aur kamakala men parangat hai. Unaka
wo (cock) bara mota hai, pahali bar bahut dard hua tha. Us samaya didi
kee bante sunkar na jane kyon jijaji ke prati meri utsakata bahut barh
gayee. Sochati unaka laura najane kitana bara aur lamba hoga. Bat-bat
mein maine bare antarang chharon mein jijaji kee yah bat apani saheli
Kamini ko bata diya. Usakao to sex ke siva kucha sujhta hi nahi. Us
bur chodi ne mere sath sex ka khel khelate hue (chapti) hue jijaji se
chudavane ke sabhi gur shikana suru kar diye. Vah khud bhi apane
jijaji se fansi hai aur unase Chudavane ka koi avasar nahi chhorati.
Apane tution teacher ko bhi pata rakha hai jisase vah apani khujalee
mitavati rahati hai. Usase mere bahut Achhe sambandha hai. vah bahut
hi milansar aur hansamukh laraki hai lekin sex usaki kamjaori hai aur
msako vah bura nahi manati. Usaka manana hai kee eshwar ne stri purush
ko isee liye alag alag banaya hai kee ve apas mein chudai ka khel
khelen. Sex karne ke liye hi to alag alag sex banaya hai. Usaka yah
bhi manana hai ki yah sab karate hue kuvari kanya ko bahut chalak hona
chahiye nahi to vah kabhi bhi phas sakati hai aur badanam bhi ho
sakati hai.

Kal meri mummy ne bataya kee ï¿1/2 Rekha (didi) ka phone aya tha ki
Madan (jijaji) ek haft eke liye office ke kam se yahan shukrawar
(Friday) ko aa rahen hai. Rekha unake sath nahi aa payegee, usake
yahan kuch kam hai.ï¿1/2 Unhone hidayat dete huye kaha ki ï¿1/2 tere
papa to daure par gaye hue hai ab tujhe hi unaka khyal rakhana hoga.
Rekha ka uparwala kamara theek kar dena. Parason se mai bhi jaldi
katha sun kar aa jaya karungee. Vase vah din mein to office mein hee
rahega subah-sham mai dekh lunge.ï¿1/2

Jijaji parason aa rahe hai jankar man anjan khusi se bhar utha. Mera
badan bar-bar bechain ho raha tha aur pahali bar unase kaise
chudwaungi isaka khwab dekhane lagee. Didi se to main yah jan hi chuki
thi ki ve bare chudakkar hain.

Mai tumhe bata dun ki mere papa jo engg hain unhone mera aur didi ka
kamara upar banavaya hai ground-floor par mammy papa ka bara bed room,
drawing-room, kichen store, gest room, veranda, lown, tatha peeche sa
chhota bagicha hai. Upar aur kamare hai jo lagbhag khali hi rahate
hain kyoki mere bare Bahiya Babhi America me rahate hai aur bahut kam
hi dino ke liye hi yahan aa pate hain. Ve jab bhi ate hain apane sath
bahut see chijen le ate hai isliye computer, TV, DVD pleyar, handicam
etyadi sabhi chijen hain. Meri bhabhi bhi bare khule vicharno kee hai
aur America jate samay apane almari ki chabhai dete hue boli ï¿1/2
dekho! Almari mein kuchha adult CD, DVD & album rakhi hain par tum
unhe dekhana nahiï¿1/2 unhone muskarate hue chabhi pakara dee thi.

Jijaji shukrawar ko subah 8 baje aa gaye. Jaldi-jaldi tayar hue nasta
kiya our apane office chale gaye. Dopahar dhayi baje ve office se
laute, khana khakar upper didi ke kamare mein jakar so gaye.

Usake bad mummy mujase boli, ï¿1/2 babuaji so rahe hai, main sochati
hun jakar katha sun aun. Chameli aati gogi baratan dhulva lena.
Babuaji so kar uth jayen to chaye pila dena aur almari se nasta nikal
kar karva dena.ï¿1/2 Aur katha sunane chali gayi. Meri bartan majane
wali champa ham umra hai aur hamesha hasati bolati rahati hai.

Mammy ke jate hi mai upar gaye, dekha jijaji ast-vast so rahe hain.
Unaki lungi se unaka lund jhank raha tha. Sapane main ve jarur bur
(pussy) ka deedar kar rahe honge tabhi unka laura (cock) khara tha.
Mere pure sharir mein jhurjhuri fal gayee. Main kamare se nikal kar
barje par aa gayi. Samane park mein ek kutta kutiya kee bur chat raha
tha fir thori der bad vah kutiya ke upar charh gaya aur apana laura
usaki bur mein andar bahar karne laga. Oh kya chudai thi. Unaki chudai
dekh kar meri bur paniya gayee aur main apanee bur ko sahlane lagi.
Thori der bad kutta ke lund ko kutiya ne apani bur main fansa liya.
Kutta usase chhutane ka prayas karne laga es prayas mein vah ulat
gaya. Vah chhutane ka prayatn kar raha tha lekin kutiya usake laure ko
chore nahi rahi thi. Yah sab dekh kar man bahut kharab ho gaya. Fir
jijaji kee taraf dyan gaya aur main jijaji ke kamare mein aa gayee.

Jijaji jag chuke the. Maine puchha, ï¿1/2 chaye (tee) le aaunï¿1/2
ï¿1/2 nahi! abhi nahiï¿1/2.sar dard kar raha hai thori der badï¿1/2
fir muskara kar bole, ï¿1/2 Sali ke rahte hue chaye kee kya
jaroorat?ï¿1/2 ï¿1/2 Hatiye bhi! Layiye aap ka sar daba dunï¿1/2 maine
unaka sar apni god mein lekar dhire-dhire dabane lagi. Fhir unake gal
ko sahlate hue boli, ï¿1/2 kya Sali chaye hoti hai ki usako pee
jayengeï¿1/2 jijaji meri ankhon me ankh dal kar bole, ï¿1/2 garam ho
to pine mein kya harj hai?ï¿1/2 aur unhone mujhe thora jhuka kar
kapare ke upar se mere choochiyon (boobs) ko choom liya. Main sarmakar
unake seene par sir chhupa liya. Us samay main shart & skart pahanee
thi aur andar kuchh bhi nahi. Unake sine par sar rakhte hi mere boobs
unake muha ke pas aa gaye aur mai unhone koi galati nahi kee, unhone
skart ke batan khol kar meri karari Chunchiyon ke nipple ko muh me le
liya. Meri saheliyon main aap ko bata du meri saheli Kamani ne kai bar
meri chunchiyon ko muh mein lekar chusa hai lekin jijaji se chusawane
se mere shareer mein ek tufan uth khara hua.

Maine jeeja jee ko chunchi thik se cusane ke uddeshya se apana badan
uthaya to paya kee jijaji ka lund lungi hata kar khara hokar hil raha
tha jaise vah bula raha ho, aao mujhe pyar karo. Oh ma! Kitana mota
aur karak. Maine use apane hantho me leliya. Hanth lagate hi vah
machal gaya ki mujhe apane othon me lekar pyar karo mai kyakarti usaki
taraf barhana para kyoki meri muniya (pussy) bhi jijaji ka pyar chah
rahi thi. Jaise hi maine laure tak puhane ke liye god se jijaji ka sar
hataya aur upar ayi, jijaji ne skart hata kar meri bur par hanth laga
diya. Fir choom kar use jeebha se sahalane lage. Oh jijaji la laura
kitana pyara lag rha tha usake chhote se oth par chamak rahi bund
(peecum) kitana achha lag raha tha ki main bata nahi sakati, laura
itana garam tha ki jaise vah lava fekane wala ho. Use tanda karne ke
liye maine use apane mauh mein le liya. Laura lamba aur mota tha is
liye hanth mein me lekar pure supare ko chusane lagi. Jijaji bur ki
chusai bare man se kar rahe the aur main jijaji ke laure ko jyada se
jyada apane muh mein lene ki koshish kar rahi thi par vah mere muh me
sama nahi raha tha.

Maine jijaji ke laure ko muh se nikal kar kaha, ï¿1/2 hay jijaji! yah
to bahut hi lamba aur mota haiï¿1/2

ï¿1/2 tumhe usase kya karna hai?ï¿1/2 jijaji choot se jeebh hata kar bole.

Ab main apane aape mein na rah saki, uthi aur boli ï¿1/2 abhi batati
hun chodu lal mujhe kya karma haiï¿1/2

Main ab tak chudane ke liye pagala chuki thi. Maine unako puri tarah
naga kar dita aura pane sare kapare utar kar unake upar aa gayee, bur
ko unake laure ke sidh me kar apane yaovan dwar par laga kar neeche
dhakka laga baithi lekin chikh mere muh se nikali, ï¿1/2 oh ma! Mai
mariï¿1/2.ï¿1/2 jijaji ne jhat meri chutar dono hantho se daboch liya
jisase unaka aadha lund meri bur mein dhasa rah gaya aur ve meri
choonchi ko muh mein dalkar chusane lage. Chunchi chuse jane se mujhe
kucha rahat mili aur meri chut chudai ke liye fir tayar hone lagi aur
chutar harakat karane lagee. Tav-tav mein itana sab kuch kr gayee
lekin lekin ab aage barhane ki himmat nahi par rahi thi lekin muniya
(bur) chudane ke liye machal rahi thi.

Main jijaji ke oth chum kar boli, ï¿1/2 jijaji upar aa jaoï¿1/2

ï¿1/2 kya chodogee nahiï¿1/2

ï¿1/2 nahi chudavaugee apane chudakkar raja seï¿1/2

bina bur se laura nikale ve bari safai se palate aur main neeche aur
ve upar aur land meri bur me jo ab thori naram ho gayee thi. Unhone
mere oth apane oth mein le liya aur bur se laura nikal kar ek
jabarjast shat laga diya. Unaka pura laura sarsarate hue meri bur mein
ghus gaya. Dard se main behal ho gayee. Meri avaj mere muh mein hi
ghut kar rah gayee kyoki mere oth to jijai ke oth me the. Oth chusane
ke sath ve meri chunchiyo ko pyar se sahla rahe the fir chunchiyon ko
ek-ek kar chusane lage jisase mere bur ka dard kam hone laga.

Pyar se unake gal ko chumate hue main boli, ï¿1/2 tumane apani sali ke
bur ka kabara kar diya naï¿1/2

ï¿1/2 kya karata Sali apane bur ke jhant ko saf kar chudane ke liye
tayar thiï¿1/2

ï¿1/2 jijaji aap ko galatfahmi ho gayee mere bur par bal hai hee nahiï¿1/2

ï¿1/2 yah kaise ho sakata hai tumhari didi ke to bahut bal hai, mejhe
hee unako saf karna parta haiï¿1/2

ï¿1/2 han! Aisa hi hai lekin vah sab bad mein pahale jo kar rahe ho
use karoï¿1/2

mere bur ka dard gayab ho chuka tha aur main chutar hila kar jijaji ke
mote lund ko edjust karne lagee thi jo thire-dhire andar bahar ho raha
tha.

Jijaji rafter barahte hue puncha, ï¿1/2 kya karun?ï¿1/2

Main samajh gayee jijaji kuch gandi bat sunana chah rahe hain main
apani gar ko uchhal kar boli, ï¿1/2 hai re Sali chod! Itana jalim
laura bur kee jar tak ghusa kar punchh rahe ho kya karunï¿1/2 hai re
bur chod ï¿1/2 apane mote laure se math kar meri mutani ka shudha-ras
nikalanahai ab samajheï¿1/2 chudakkar rajaï¿1/2 maine unake oth chum
liya.

Ab to jijaji tufan mail kee tarah chudai karane lage. Bur se pura lund
nikalate aur puri gaharai tak pel dete the. Mai swarg kee havao me
urane lagee..

ï¿1/2 hai rajjjja ! our jorï¿1/2 seeeeee ï¿1/2 bara majjjjjjjja aaaaa
aa raha haiï¿1/2ï¿1/2 our joooorrrr seeeeï¿1/2ï¿1/2. ohhhhh maaaa!
haiiiiii meri burrrrrrr jharane wali haiï¿1/2ï¿1/2..meri burrrrrrr
keeee chithare ura dooooooooooï¿1/2.. haiiiiii mai gayeeeeeeeeï¿1/2

ï¿1/2 rukkkoooo meri chudasi raaaaani main bheeeee aaaaaaaaa raha
hunï¿1/2.ï¿1/2 Jijaji das barah dhakke laga kar meri bur ko apane
garam lava se bhar diya. Meri bur unake viry k eek-ek katare ko choos
kar khus ho gayee.

Mere chunchiyon ke beech sar rkha kar mere upar thori der pare rah kar
apane sanso ko snayat karne ke bada mere bagal mein aakar letane ke
bada mere virya se sane bur par hanth ferate hue bole ï¿1/2 han! Ab
batao apane bina bal wali bur ka rajï¿1/2

Main es raj ko jaldi batane ke mood mein nahi thi, maine bat ko talate
hue kaha, ï¿1/2 are ! pahale safayee to karane do, bur chipchipa rahi
hai. Es sale laure ne pura bhiga diya haiï¿1/2 main uth kar bathroom
mein chali ayeï¿1/2ï¿1/2ï¿1/2ï¿1/2

....Bathroom mein mere pichhe-pichhe jijaji bhi aa gaye. Maine pahale jijaji ke
laure ko dho kar saf kiya phir apani bur ko saf karane lagi. Jijaji gour se
dekha rahe the, shayad ve bur par bal na ugane ka raj janane ke pahale yah
yakeen kar lena chah rahe the ki bal uge nahi hain ki ese saf kiya gaya hai.
Unhone kaha "lao main thik se saf kar doon" ve bur ko dhote guye apani tasalli
karane ke bad use chumate huye bole, "vakayee tumhare bur ka koi javab nahi hai"
aur ve meri bur ko choosane lage. Maine apane paron ko phala diya aur unaka sar
pakar kar bur chusawane lagee. "Oh jijaji... kyaaaaa karrrrrr raheeeeee hain....
ohhhhhhh ...."

Tabhi call-bel baj utha. Maine jija se apane ko chhurate hue boli, "bartan
manjane wali Chameli hogi" our ulte sidhe kapare pahan kar neeche darwaja
kholane ke liye bhagi. Darwaja khola to dekha Chameli hee thi. Maine rahat kee
sans lee.

Andar aane ke bad Chameli mujhe dhyan se dekh kar boli, "kya bat hai didi! Kucha
ghbarai kuchh saramai, ya khuda ye majara kya hai" phir bat badal kar boli
"subah jijaji aye the, kahan hain" main boli, "upar so rahe hain mai bhi so gayi
thi"

"jijaji ke sath?" hasate hue wah boli.

"tu b hi soyege" maine palat war kiya lekin vah bhi manji hui khilari thi boli,
"hay didi! etana bara bhagya mera kahan?"

usase paar pana mushkil tha, baat badhane se koi phayada bhi nahi tha, kyoki vah
hamraj thi, es liye boli, "ja apana kam kar, kaam khatam kar jijaji ke liye
chaye bana dena, main dekhati hun ki jijaji jage ki nahi"

niche ka main gate (darwaja) band kar upar aa gayee, Chameli se main nischint
thi wah bachpan se hi es ghar mein aa rahi hai aur sab kuch janati aur samajhati
hai.

Didi ke kamare mein lungi pahan kar baithe Jijaji mera intajar kar rahe the,
jaise hi main unake pas gayee mujhe daboch liya. Main unase chutane ki nakam
koshis karate hue boli, "Chameli bartan dho rahi hai ab usake jane tak intajar
karma parega"

Jijaji bole, "are! Use samay lagega tab tak ek bajee kya do (two) bajee ho
sakati hai" ve meri boobs ko kholkar ek boob ke nipple ko muh mein lekar chusane
lage aur unaka ek hanth meri bur tak pahunch gaya. Bath-room mein me jijaji bur
chus kar pahale hi garma chuke the. Ab main apane ko na rok saki aur lungi ko
hata kar laure ko hanth me le liya. Main boli, "jijaji yah to pahale se bhee
mota ho gaya hai"

"Han jab yah apani pyari bur ko pyar karega to phoolkar kuppa ho jayega"

"hai! Mere chodu sanam! es shatan ne meri muniya ko deevana bana diya hai... ab
ise usase milava do.." maine unake laure ko hanth marte hue kaha.

Jijaji ne mere ve kapare utar diye jisase main apani nagnata chhupaye hue thi
aur mujhe palang par lita kar mere pairon ko faila diya. ab meri madmast raseeli
yowan guha unake samane thi. Unhone use phir apani jeebh se chhera.

Kuchh der to unaki deevanagi ka maja liya lekin main param sukh ke liye bechain
ho uthi aur unhe apane upar khich liya aur boli, "Raja ab un dono ko milane do"

jijaji meri nipple ko muh se nikal kar bole, "kisako"

maine unake laure ko bur ke muh par lagate hue boli "enako ....bur aur lund
ko...samajhe mere chudakkar sanam..... Meri bur ke khevanhar.... ab chodo bhi.."

es par unhone ek jabarjast shot lagaya aur meri bur ko chirata hua pura lund
andar samaa gaya, "haiiiiiiii marrrrrrr dala ohhhhhh mere chodu sanam .... meri
muniya to pyar karna chahti par es motu ko dard pahuchane mein jyada maja aata
hai..... Ab ruke kyo ho?......... kuchh pane ke liye kuchh to sahna
parega....ohhhhhh maaaaaa .... ab kuchh thik lag raha hai..... Han ab thikkkkkkk
haiiiiiiiiiii far dalo es lalachi bur ko...." main chudai ke unmad mein niche se
chutar utha utha kar unake land ko bur mein je rahi thi aur jijaji upar se kas
kas kar shot par shot lagate hue bol rahe the, " hai chudasi raniiiiiii..
tumhari bina jhant vali bur ne tou mere lund ko pagal bana diya hai...vah es
Sali muniya ka divana ho gaya hai....ese chod chod kar jab tak yahan hun jannat
ki sair karungaa... Rani bahut maja aa raha hai..."
kramashah.........

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