Friday, December 10, 2010

हिंदी सेक्सी कहानियाँ भैया भाभी--3


हिंदी सेक्सी कहानियाँ
 भैया  भाभी--3
मैं तो भाभी का ये रूप देख कर सहम ही गई थी लेकिन जाने क्यों मुझे मज़ा भी आ रहा था. भाभी बोली चल अब फिर से गिनना शुरू कर और जो दनादन मारना शुरू किया तो भैया ने ८ तक गिना. भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा के बोली देखा बन्नो ये साले सारे मर्द कुत्ते होते हैं हरामजादों को इनकी औकात में रखना ज़रूरी होता है. ज़रा भी लिफ्ट दी तो सर पर चढ़ते है हराम के जने. मैंने देखा की भैया की गांड पर लाल लाल धारियां बन गई थी, भाभी उन धारियों पर हाथ फिरा रही थी मेरा भी मन किया की हाथ फेर कर देखूं की कैसी धारियां हैं लेकिन झिझक के मारे कुछ बोली नहीं बस भाभी को देख कर मुस्कुराई. भाभी समझ गई की मैं अब इस माहौल की आदी हो गई हूँ तो पूछा क्यों तेरी चूत फिर पनियाने लगी क्या रानी .. मैंने शरमा के हाँ की तो फिर हंसी और बोली इधर आ मेरी चूत पर हाथ फेर के बोली हाँ रे पूनम तू तो सच में रंडी की तरह पनियाने लगी है बिलकुल कुतिया हो गई है चल तुझे और मज़ा दिलाती हूँ इधर आ ये पकड़ बेंत और अपनी पुरी ताकत से मार के दिखा तो कैसे मारती है देख सिर्फ २ बेंत मारना, मैं फिर झिझकी लेकिन मालूम था शरमाई और मना किया तो आगे से भाभी मुझे कोई मज़ा नहीं दिलायेगी. मैंने बेंत पकड़ी और जोर से भैया की गांड पर मारी लेकिन मुझे खुद ही लग गया की भाभी की तुलना में मेरी मार कुछ भी नहीं है, भाभी ने भी मेरी गांड पर जोर से अपने हाथ से चांटा मारा और बोली रंडी मज़ा लेने को अभी तैयार है और कुतिया को देख जैसे दम ही नहीं है जोर से मार रंडी पुरी ताकत से अलग से धारी दिखानी चाहिए नहीं तो इसने अभी ९ गिने हैं बाकी के ११ से तेरी गांड सुजा दूंगी.
अब के मैंने अपनी पुरी ताकत लगा के जो सटाक से बेंत मारी तो मुझे भी मज़ा आया और भाभी भी बोली हाँ शाबाश ऐसे ही मार चल और दो मार मैंने फिर अपनी पुरी ताकत इकट्ठा की और दनादन २ और मारी तो सच कहती हूँ मेरा हाथ दुखने लगा लेकिन मुझे मज़ा भी आया. भैया की गिनती अब तक ११ तक पहुँच गई थी भाभी ने मुझे प्यार करते हुए कहा बोल मज़ा आया रंडी को मैंने हाँ कही तो हंसी और बोली और मारेगी, मैंने झिझकते हुए बोला भाभी मार तो दूँ लेकिन जोर से मारने में मेरे हाथ में दर्द होता है तो फिर हंस के बोली चल फिर तो ज़रूर और २ मार इसको मारने की आदत नहीं पड़ेगी तो कैसे मर्दों को अपना गुलाम बनायेगी, और समझ ले जोर से ही मारना नही तो हरामजादी बाकी के डंडे तुझे पड़ेंगे तो तेरे ये मखमली चुतड, मेरे चुतड पर हाथ फेरते हुआ और थपकते हुए बोली, लाल नीली धारियों भर जायेंगे और कुतिया नीचे बैठने के लायक नहीं रहेगी. मैं सहमी लेकिन भाभी ने मेरे हाथ में बेंत पकड़ाई और बोली चल मार साले कुत्ते को और गाली भी दे इसको जैसे मैं देती हूँ. मैं तो जोश में आ ही चुकी थी मैंने साले हारामखोर कुत्ते गलती करता है सुवर और जो लहरा के मारा तो मैंने जितना अभी तक मारा था ये सबसे जोरदार चोट थी भाभी जोर से हंसी , हाँ अब हुई ना कुछ बात रंडी और दे ऐसे ही इस मादरचोद की गांड फाड़ दे आज. मैं और भी जोश में आई और गाली देते हुआ दनादन २ बेंत और मारी, मारते ही में सकपकाई भाभी ने सिर्फ २ मारने का बोला था और मैंने ३ मार दी थी लेकिन भाभी मुस्कुराई और बोली लगता है रंडी को मज़ा आ रहा है इसीलिए २ के बजाय ३ मारी भैया ने १४ तक गिनती गिनी थी. भाभी ने मेरे हाथ से बेंत ली और रख दी भैया से बोली चल सीधा हो जा अब बाकी ६ थोड़ी देर बाद मारेंगे, अभी मेरी बन्नो थक गई है इसकी चूत भी पनिया गई है पहले इसको मज़ा देना है. चल पूनम तू लेट जा पलंग पर और ये कुत्ता तेरी चूत चाटेगा और इसका रस पीएगा देख कैसा मज़ा आता है. सुन लिया कुत्ते भैया ने खुश हो कर हां की और फिर जो भैया ने मेरी चूत पर अपनी जीभ और मुह की कलाकारी दिखाई तो सच कहती हूँ मुझे चुदाई से ज्यादा मज़ा आया. कभी चूत चाटते, कभी जीभ अन्दर घुसाते, कभी जीभ अन्दर घुसा के गोल घुमाते, कभी चुमते, कभी चूत मुह में भर के चूसते, कभी हलके हलके दांत लगाते. मैं हर बार उछल उछल जाती भाभी ये सब गौर से देख रही थी और मुस्कुरा रही थी फिर भाभी ने मेरे मम्मे से खेलना शुरू किया, एक से खेलती और दुसरे को मुह में ले कर चुस्ती. इस दो तरफा मज़े से तो मेरा पूरा बदन जैसे जल बिन मछली की तरह तड़प रहा था और मेरे मुह से आ.. आह. अम्म .मम्म .उम् .. हाय रे.. मर गई रे .. हाँ रे .. मज़ा .. हाय राम .. उई माँ... जैसे शब्द निकल रहे थे आखिर मैं झड गई और जोर से पेशाब आने लगी मैंने भाभी को बताया तो बोली झड गई रंडी इस कुत्ते के मुह में तो इसके मुह में ही मूत भी दे, मैं झिझकी लेकिन बोली कुछ नहीं तो भाभी बोली डर मत बन्नो मूत दे इसको आदत है मूत पीने की और मूत से नहाने की . मैं क्या करती रोकते रोकते भी मेरी चूत से जो शुर्र्रर्र्र करके मूत निकला तो आधा भैया के मुह में आधा उनके चहरे पर गया इतनी तेज और मोटी धार थी की मैंने आज तक नहीं देखी थी.
भाभी बोली बन्नो तेरे को देख कर मेरी चूत में भी मूत भर गया है बोल तेरे भैया को की इसको भी खाली करे, मैंने भैया की तरफ देखा तो वो बिना कुछ बोले भाभी की टांगों के बीच अपना मुह फंसाने लगे. भाभी बोली देख कुत्ते तू ने पूनम के साथ जो किया वो मेरे साथ नहीं चलेगा ठीक से मुह लगाना एक बूँद भी बाहर छलकी तो सुवर को मार मार के बिछा दूंगी. भैया बोले नहीं छलकेगी मालकिन आपका सारा अमृत आपके इस गुलाम के पेट में ही जाएगा. मुझे उनकी बात सुनकर अजीब नहीं लगा क्योंकी भैया अभी हाल ही मेरा मूत पी चुके थे.
भैया को अपना सारा मूत पिलाने के बाद जब भैया ने अपना मुह अलग हटाया तो भाभी बोली मादरचोद को देख बन्नो, तुझे देख कर बिगड़ रहा है साला कुत्ता. हरामजादे को नई रंडी दिला दी तो सुवर अपनी मालकिन को भूल गया, ज़रा वो बेंत उठा पूनम और लगा ज़रा जोर जोर से इसकी गांड पर. बिना गिनती के मारना सुवर को जब तक तू थक ना जाए. भाभी की बात सुनकर मेरे मन को जाने क्यों अच्छा लगा और मैंने झट से बेंत उठा ली और हवा में शांय से घुमाई तो भाभी मुस्कुराई बोली हाँ लगता है जल्दी सीख रही है मेरी बन्नो, लगा ज़रा इसकी गांड पर सुवर को अकल आये मार मार के सुजा दे इसकी गांड. भैया समझ गए थे की उनसे क्या गलती हुई है वो जल्दी से भाभी की चूत पर मुह लगाने लगे तो भाभी ने अपनी टाँगे खोली और बोली गांड ऊपर उठा के रखना कुत्ते ये रंडी आज तेरी खबर लेगी, मैं भे देखूं कितना जोर है इसमें अगर इसने सच में तेरी गांड सुजा दी तो एक बार और इसको चूत चटाई का मज़ा मिलेगा. भैया भाभी की चूत चपर .. चपर .. करके चाटने लगे और भाभी उनके बाल पकड़ के उनके मुह को अपनी मर्ज़ी के हिसाब से इधर उधर करने लगी मैं भैया पर बेंत बरसा रही थी अपनी पुरी ताकत से, मुझे मज़ा आ रहा था और मन कर रहा था की मैं भी भाभी की तरह भैया के बाल पकड़ कर अपनी मर्ज़ी के हिसाब से उनसे चूत चटवाऊँ . सच बात तो ये है की जब भाभी ने भैया को मारने का बोला तभी मेरी चूत में हरकत हुई थी और निप्पल तड़प उठे थे और अब तो मेरी चूत फिर पानी से भरने लगी थी और निप्पल भाले की तरह नोक उठाने लगे थे. भाभी की बातें सुनकर तो मुझे और भी जोश आने लगा की अगर मैंने बढ़िया पिटाई की तो फिर एक बार मेरी चूत चटवाई जायेगी और मैंने अपनी ताकत से ज्यादा जोर से मारना शुरू किया मेरी पिटाई से अब तो भैया के मुह से आह भी निकालने लगी थी और जब भी उनके मुह से आह निकलती भाभी मुस्कुरा के मेरी तरफ देखती. इधर मेरे हाथ दनादन चल रहे थे उधर भैया की जीभ फिर भाभी बोली चल अब २ उंगली भी डाल दे अन्दर, लंड तो तेरा इस लायक है नहीं की मेरी चुदाई कर सके और भैया २ उंगली डाल के अन्दर बाहर करने लगे जीभ से चाटते और उंगली से खेलते मेरी चूत पूरी पानी से भर गई थी मेरे मुह में भी पानी आ गया था. इस बार मेरी पिटाई से भैया की गांड पर नीली धारियां पड़ने लगी थी. आखिर भाभी झड गई और भैया को अलग हटाया. मैं तो तरस और तड़प रही थी अलग होते ही बोली भाभी बोलिए कैसी की मैंने पिटाई तो भाभी ने भैया को घुमने का बोल कर उनकी गांड देखी और फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई फिर भैया से बोली लगता है ये रंडी बहुत गरम हो गई है देखो इस कुतिया को कैसा मारा है मेरे कुत्ते को हरामजादी ने, ज़रा भी तरस नहीं खाया कितनी नीली धारियां पड़ गई हैं. क्यों रे कुत्ते बता जोर से मारा ना इस रंडी ने तो भैया बोले हाँ मालकिन सच में लग रहा था मेरी खाल खींच लेगी ये, भाभी जोर से हंसी, फिर तो इसको इनाम मिलना चाहिए. चल थोड़ी देर चाट ले इसकी चूत फिर इसको बड़ा इनाम दिलाउंगी. मैं तो खुश हो गई जल्दी से अपनी टाँगे छोडी करके लेट गई भाभी फिर हंसी और एक जोर का थप्पड़ मेरी चूत पर मारा, थप्पड़ सच में बहुत जोर से मेरी चूत पर लगा और मेरे मुह से आह्ह निकली, भाभी मेरी आह पर ध्यान दिए बिना बोली कुतिया मरी जा रही है चूत चटाने को, हरामजादी मेरे से पूछे बिना कैसे लेट गई. उठ रंडी यहाँ से और मेरे से परमिशन ले पहले, पहले ले लेती तो आसानी से मिल जाती लेकिन अब मेरे तलवे चाट के बोल की मालकिन इस कुतिया को कुत्ते से चूत चटवाने दो. चूत पर थप्पड़ बहुत जोर से पडा था लेकिन भाभी की बात सुनकर मेरे मन को अच्छा ही लगा, फिर से गंदी गंदी बातें करने का मौक़ा मिला मुझे, मैं झट से नीचे बैठ कर भाभी के तलवे चाटते हुए बोली भाभी प्लीज़ भैया को बोलो की मेरे चूत चाटे, भाभी ने बिना कुछ बोले अपने दुसरे पैर का तलवा मेरे चेहरे की तरफ बढाया मैंने दूसरा पैर भी चूमा और चाटने लगी, भैया बोले पूनम अच्छे से पुरी जीभ निकल के चाट नहीं तो रानी परमिशन नहीं देगी, मैंने और अच्छे से चाटने लगी आखिर भाभी बोली चल ठीक है लेट जा अब चटवा ले. मैंने खुश हो कर लेटी भैय्य ने अभी थोड़ी देर ही चाटी थी की.. भाभी ने उनको रोक दिया. 

भाभी ने भैया को रोका और इस बार मेरी चूत में भी १ के बजाय २ उंगली डाल कर खेलने और चाटने को बोला. २ उंगली ने शुरू में तो दर्द करा लेकिन बाद में मुझे मज़ा आने लगा. उंगलियाँ कसी कसी आ जा रही थी और मैं अपनी कमर उचका उचका के मज़े ले रही थी की भाभी ने फिर भैया को रोक दिया और मुझसे पूछा बोल बन्नो मज़ा आ रहा है, मैंने हाँ की तो फिर पूछा पहले से ज्यादा की कम, मैं बोली भाभी पहले से बहुत ज्यादा. भाभी मुस्कुराई और बोली बोल और ज्यादा मज़ा लेना है, मैं बोली हाँ भाभी दिलाओ ना, तो बोली उसके लिए अपने भैया को तैयार कर. देख इसका लंड खड़ा होने लगा है. तू इसका लंड चूस, अच्छे से चूसा तो पूरा खडा हो जाएगा तो इसको तेरी चूत में डलवा दूंगी. फिर देखना मेरी रंडी स्वर्ग में पहुँच जायेगी और मेरी निप्पल जोर से मसली .. मैं आह्ह भाभी करके शरमा के उनसे लिपट गई. भाभी ने मुझे अलग किया और भैया से बोली चल इसको लंड चूसा मैं इसकी चूत से खेलती हूँ, थोड़ी देर और २ उंगली चलेगी तो तेरे लंड के लायक हो जायेगी. और फिर मैंने खूब मन लगा के भैया का लंड चूसा आखिर मेरी मेहनत रंग लाइ और भैया का लंड खडा हो गया तो भाभी ने मुझे पलंग पर लिटाया और भैया से बोली चल चढ़ जा इसके ऊपर इसकी चूत भी गीली है तेरा लंड भी इसके थूक से चिकना है एक ही बार में पूरा डाल देना हरामजादी के अन्दर डरना मत मैंने इसको पकड़ रखा है और भाभी ने मेरे कंधे अपनी टांगों के नीचे दबा के, एक मम्मा मुह में और दूसरा हाथ में ले कर मेरी चूची से खेलने लगी. भैया ने भाभी के कहे मुताबिक़ लंड निशाने पे रख कर जोर से धक्का मारा तो सारा लंड सटाक से मेरे चूत में चला गया मेरी तो जैसे जान ही निकल गई मैं नीचे से निकलने के लिए तड़प उठी लेकिन भाभी ने मुझे कस के जकड रखा था, बोली घबरा मत बन्नो बस एक मिनट रुक जा अभी तुझे मज़ा आयेगा और भैया को इशारा किया , भैया ने मेरा भाभी के हाथ वाला मम्मा अपने मुह में लिया अब दोनों मेरे दोनों मम्मे चूसने लगे भाभी एक हाथ से मेरी चूत के ऊपर सहलाने लगी, २ मिनट में ही मेरी दर्द बहुत कम हो गया तो भाभी ने फिर इशारा किया और भैया हलके हलके धक्के लगाने लगे. भैया का छोटा सा पतला लंड मेरी चूत में कसा कसा आ जा रहा था और हर धक्के के साथ मेरा मज़ा बढ़ता जा रहा था. १०-१५ धक्के के बाद ही भाभी बोली जोर से लगा धक्के दिखता नहीं मेरी बन्नो को मज़ा आ रहा है. भैया ने जोर जोर से धक्के लगाना शुरू किये और मैं तो निहाल हो गई, भाभी ने मेरी आँखों में देखा और बोली बोल रंडी मज़ा आया, मैं मुस्कुराई तो बोली मुह से बोल रंडी. भाभी के मुह से रंडी सुनना भी अब मुझे अच्छा लगने लगा था, मुस्कुराते हुए ही बोली हाँ भाभी बहुत मज़ा रहा है, अभी तक का सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है. भाभी मुस्कुराई और बोली किस बात में मज़ा आ रहा है मैं समझ गई की भाभी क्या चाहती है मुस्कुरा के ही बोली भाभी चुदाई में मज़ा आ रहा है. तो भाभी बोली चुदाई कैसे हो रही है मैं फिर बोली भैया का लंड मेरी चूत में आ जा रहा है ऐसे हो रही है. भाभी हंसी और बोली ले मज़े रंडी, और ऐसे ही चलती रही तो देख १ महीने में ही तुझे कितना मज़ा दिलाती हूँ . इसका लंड तो उंगली के जैसा है असली लंड के मज़े दिलाउंगी तुझे. धक्के मारते मारते भैया और मैं दोनों झड गए. भाभी ने भैया को सारी सफाई करने का बोला और मैं और भाभी एक दुजे से लिपट के सो गए. 


सुबह भैया ने ही हमको उठाया, वो चाय बना के लाये थे बोले उठो दोनों देखो ९ बज गए हैं. हम उठे तो भाभी ने मेरी आँखों में झांका मैं शरमा गई. भाभी ने मेरे गाल पर हलकी सी थपकी दी और बोली शरमा गई बन्नो. रात में तो कैसी रंडी बनी हुई थी, भैया भी हमारी बात सुन के मुस्कुराए तो मैं और शरमाई फिर भाभी ज़रा कड़क के बोली बस अब बहुत हुआ ये शरमाना बंद कर और बता रात में क्या हुआ तेरे साथ. रात की बात और थी अभी तो मुझे सच में बहुत शर्म आ रही थी कुछ बोलती की भाभी ने मेरा एक मम्मा पकड़ा सहला के बोली - बोल बोल मेरी बन्नो कैसी रंडी बनी थी रात में, मैं अदा से भाभी की तरफ देखा और उनसे लिपटी तो मुझे अपने से चिपका के बोली शरमा मत बन्नो शरमाएगी तो आगे से मज़ा नहीं मिलेगा. चल अब अपने भैया से पूछ की उनको तेरी चुदाई करने में मज़ा आया की नहीं, मैंने भैया की तरफ देखा मेरे मुह से आवाज़ नहीं निकली. भैया भी मेरी तरफ देख रहे थे और मेरे पूछने का इंतज़ार कर रहे थे. इधर भाभी का हाथ मेरी निप्पल को पकड़ चुका था. मैंने पूछा भैया बताइए ना मज़ा आया मेरे साथ तो भाभी ने निप्पल जोर से मसल डाला, इतनी जोर से की मेरे मुह से आह्ह के बजाय चीख निकल पडी, भाभी बोली कुतिया कहीं की रात में रंडी बनी थी और अभी शरमा रही है ठीक से पूछ जो पूछने का बोला है. मैं घबरा के बोली भैया रात में मेरी चुदाई करने में मज़ा आया आपको. भैया मेरी चूत देखते हुए बोले हाँ मुन्नी बहुत मज़ा आया. तुम बोलो तो अभी फिर से एक बार कर दूँ चुदाई, लेकिन पहले मालकिन से पूछ लो. भैया के बात सुन कर मैं तो खुश हो गई मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी मुस्कुराई और बोली क्या है, क्या चाहती है बोल , मैं समझ गई और बोली भाभी एक बार भैया से और चुदवा दो ना. भाभी ने मेरे सर पर हाथ फेर के बोला अभी नहीं बन्नो पहले फ्रेश हो जा और नाश्ता बना ले ऐसी ही नंगी रह के सब काम किया तो शायद मैं मान जाऊं. लेकिन एक बात समझ ले नंगी रहेगी तो तेरे भैया का मन मचलेगा और ये तेरे बदन से कुछ खेलना चाहे तो मना मत करना , बस चुदाई की मनाही है बाकी सब छुट है.
मेरे लिए तो इतना ही बहुत था, मैं क्या जानती थी की भाभी मेरे बदन में कभी शांत ना होने वाली आग लगा रही है. भैया को मेरे बदन से खेलने की छुट दे कर भाभी ने मुझे तडपाने का ही इंतज़ाम किया था. और यही हुआ भी था, आते-जाते, जहां-तहां भैया मेरे बदन से खेलने लगे. कभी चूची मसलते, कभी चूची चूसने लगते, कभी चुमते, कभी पकड़ कर भींच लेते, कभी चूत सहला देते, कभी चूत में उंगली डाल देते, कभी निप्पल पकड़ का र्खीन्चाते, कभी निप्पल मसल देते, कभी काट लेते. मुझे इन सभी में बहुत मज़ा आ रहा था और में खुल के भैया का साथ देने लगी थी. नाश्ता बनाते बनाते तो भैया ने अपना लंड मेरी चुत से सटा दिया, मैं सिहर उठी और लंड अन्दर लेने को तैयार हुई. लेकिन भैया ने चूत पे लंड रगडा और मुझे छोड़ दिया मैं तो तड़प उठी थी, अब तो मुझे भाभी के नाराज़ होने की चिंता भी नहीं थी. लंड अन्दर डालने के लिए भैया से गुहार करने लगी. लेकिन भैया ने भाभी का डर दिखाया मैं नहीं डरी तो खुद डरते हुए बोले ना बाबा कल रात को जो तेरे से पिटाई करवाई थी वही अभी तक दर्द कर रही है और पिटाई हुई तो मैं सहन नहीं कर पाउँगा और मुझे छोड़ दिया. आखिर नाश्ता ख़तम हुआ और मैं भाभी से बोली भाभी भैया से एक बार और चुदवा दो ना प्लीज़ भाभी मैं जानती थी गंदी बातें करने से भाभी खुश होगी तो और खुशामद करती बोली भाभी मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है प्लीज़ भैया का लंड इसमें डलवा के खुजलावा दो ना भाभी. मेरी मिन्नतें सुन कर भाभी हंसी फिर बोली चल ठीक है लेकिन एक शर्त है इस बार ऊपर तू होगी. मैंने मंज़ूर किया तो भाभी ने मुझे सिखाया की मुझे कैसे भैया के ऊपर चढ़ के चुदाई करनी है. जब मैं ऊपर चढी तो भाभी ने पुरी मदद की, उन्होंने ही लंड निशाने पर लगाया और मुझसे झटके से बैठने का बोला मैं बैठी तो मेरे मुह से आह्ह निकली लेकिन मुझे मालूम था अभी मज़ा आयेगा और सच में बस एक बार दर्द हो कर रह गया मैं उछलने लगी और मुझे मज़ा आने लगा. थोड़ी देर में ही मैं हांफने लगी तो भाभी ने मुझे भैया के ऊपर लेट कर लिपट जाने का बोला मैं लिपटी तो भैया ने करवट बदल कर मुझे नीचे कर लिया और जो जोर जोर से धक्के लगाने लगे तो मैं फिर जन्नत में पहुँच गई. 


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