खेल खिलाड़ी का पार्ट--9
गतान्क से आगे..............
क्लेरियन होटेल,डेवाले के 6 5 स्टार होटेल्स मे से 1.नीना उस होटेल की लॉबी को तेज़ कदमो से पार करती हुई लिफ्ट्स की ओर जा रही थी.उसने 1 आसमानी रंग की हॉल्टर नेक,लुंबी फ्लोयिंग ड्रेस पहनी थी.ड्रेस उसके सीने से लेके पेट तक कसी हुई थी & नीचे से ढीली.पीछे उपरी पीठ नंगी थी जिसपे उसके सीने तक के लंबे बाल खुले लहरा रहे थे.आँखो पे ओवरसाइज़ सनग्लासस थे & 1 कंधे पे डिज़ाइनर हॅंडबॅग.सामने ड्रेस के गले से क्लीवेज का बस अंदेशा भर हो रहा था.वो लिफ्ट मे घुसी तो बेल्लबोय ने उसे सलाम ठोंका,"10थ फ्लोर.",नीना लिफ्ट के अंदर दाखिल हुई.उसने सभी काम जल्दी निपटाया था फिर भी 10:30 बज गये थे.जो भी हो अगले 4 घंटो तक वो अपनी सारी परेशानिया भूल जाएगी,इसका उसे यकीन था & अगर किस्मत अच्छी रही तो वो परेशानिया शायद हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएँगी. दसवी मंज़िल के सुनसान गलियारे को पार कर नीना 1 सूयीट के दरवाज़े पे पहुँची & कंधे से अपना बॅग उतार उसमे से 1 के कार्ड निकाला & बगल मे बने स्लॉट मे लगा दरवाज़ा खोल अंदर दाखिल हुई.1 कमरे को पार कर वो अंदर के कमरे मे पहुँची जिसके किंग साइज़ पलंग के हेडबोर्ड से पीठ लगाए 1 मर्द बैठा था.1 चादर उसकी कमर तक पड़ी हुई थी & उसका उपरी जिस्म नंगा था.कमरे मे बस साइड-टेबल्स के लॅंप्स जल रहे थे & बड़ा रोमानी माहौल था.नीना उस मर्द को देख मुस्कुराइ,"हेलो,महेश." वो मुस्कुराते हुए आई,अपना बॅग 1 कुर्सी पे फेंका & महेश अरोरा के बाई तरफ बिस्तर से पैर लटका के बैठ गयी.उसकी आँखे कमरे मे घुसते ही महेश की नज़रो से जा मिली थी & दोनो लगातार 1 दूसरे को देखे जा रहे थे.नीना अपना बाया हाथ महेश के जिस्म के पार कर बिस्तर पे टीकाया & अपना चेहरा महेश के चेहरे के करीब ले आके सर नीचे झुकाया,चादर मे कुच्छ हुलचूल हो रही थी.नीना समझ गयी कि महेश का निचला जिस्म भी नंगा है. "बहुत इंतेज़ार कराया तुमने." "तो?",नीना की आँखो मे हुस्न का गुरूर था. "तो मुझे इंतेज़ार करना पसंद नही!" "मुझसे मिलना है तो इंतेज़ार करना सीखो.",महेश ने बिजली की तेज़ी से दाए हाथ से नीना के सर को पकड़ा & ज़ोर से उसके होंठ चूमने लगा.नीना ने छूटने की कोशिश की तो उसने उसकी गर्दन पकड़ उसे दाई तरफ खींचा & बाए हाथ से उसकी जाँघ पकड़ उसे उपर बिस्तर पे खींच लिया.अब नीना अपनी गंद उसके चादर मे च्छूपे लंड पे टिकाए उसकी गोद मे पड़ी थी. महेश ने दाए हाथ से उसके सर को उठाया & फिर से उसे चूमने लगा.उसके बाए हाथ ने नीना की ड्रेस को कमर तक कर दिया.नीना ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उसकी कोशिश नाकाम कर दी.उसने नीना के होंठ छ्चोड़े & उसकी आँखो मे देखता हुआ उसकी गोरी,सुडोल टाँगे & मक्खनी जंघे सहलाने लगा.नीना को उसका ये अंदाज़ बहुत पसंद था & उसने उसे भड़काने के लिए ही वैसे बदतमीज़ी & गुरूर से बात की थी.उसे ऐसे ही मर्द पसंद थे,मज़बूत,ताक़तवर,हर बात को अपने काबू मे रखनेवाले.ऐसे मर्दो की बाहो मे उसे बहुत सुकून मिलता था. महेश की उम्र 40 बरस की थी लेकिन उसका 5'9" लंबा शरीर बहुत गतिला था.नीना ने अपना दाया हाथ बड़ी हसरत से उसके घने बालो से ढँके चौड़े सीने पे फिराया & फिर उसके मज़बूत कंधो कसरती बाजुओ को सहलाने लगी.उसके छुने मे महेश को उसकी हसरातो की पुकार सॉफ सुनाई दे रही थी.उसने गर्दन घुमा नीना की नंगी जाँघो को देखा.नीना का कद छ्होटा था & वो अभी भी अपने जिस्म का बहुत ख़याल रखती थी.उसकी कमर अभी भी बस 26 इंच की थी & उसके नीचे 36 इंच की गंद जब महेश की आँखो के सामने होती तो वो जोश से पागल हो उठता था. उसने अपने बाए हाथ की उंगलियो के पोरो को हल्के से उसकी पुष्ट जाँघो के अन्द्रुनि हिस्से पे फिराया तो नीना ने अपने घुटने मोड़ लिए.उसकी आँखो मे नशा उतर आया & रसीले,गुलाबी होंठ आधे खुल गये.महेश ने फिर से उसके सर को अपनी तरफ किया & ज़ोर से उसके निचले होंठ को चूमने लगा.उसकी मूच्छें नीना के उपरी होंठो पे गुदगुदी कर रही थी.नीना मस्त हो गयी & अपनी जीभ अपने प्रेमी के मुँह मे घुसा दी.अपनी बाई बाँह उसके गले मे डाल वो उसके पूरे बदन को सहलाते हुए उसे चूम रही थी. महेश ने उसके होंठ छ्चोड़ ड्रेस को थोड़ा & उपर किया तो उसे नीना की आसमानी रंग की छ्होटी सी पॅंटी नज़र आई.नीना ने आज जो लाइनाये पहनी थी,उसे उसने 2 दिन पहले खास आज की मुलाक़ात के लिए ही खरीदा था.वो महेश का चेहरा देख रही थी उसका रिक्षन जानने के लिए.महेश ने ड्रेस थोड़ा और उपर कर नीना के पेट पे कर दिया.पॅंटी बहुत ही छ्होटी थी & सामने बस 1 तिकोना सा कपड़ा दिख रहा था जो केवल नीना की चूत को ढँके था. महेश का बाया हाथ पॅंटी के उपर घूमने लगा तो नीना का नशा और बढ़ गया & वो हल्की-2 आहे भरने लगी,"ओह्ह..महेश..हान्णन्न्..!"
KHEL KHILADI KA paart--9
gataank se aage..............
Clarion Hotel,devalay ke 6 5 star hotels me se 1.Nina us hotel ki lobby ko tez kadmo se paar karti hui lifts ki or ja rahi thi.usne 1 aasmani rang ki halter neck,lumbi flowing dress pehni thi.dress uske seene se leke pet tak kasi hui thi & neeche se dhili.peechhe upari pith nangi thi jispe uske seene tak ke lumbe baal khule lehra rahe the.aankho pe oversize sunglasses the & 1 kandhe pe designer handbag.samne dress ke gale se cleavage ka bas andesha bhar ho raha tha.vo lift me ghusi to bellboy ne use salam thonka,"10th floor.",nina lift ke andar dakhil hui.usne sabhi kaam jaldi niptaya tha fir bhi 10:30 baj gaye the.jo bhi ho agle 4 ghanto tak vo apni sari pareshaniya bhul jayegi,iska use yakeen tha & agar kismat achhi rahi to vo pareshaniya shayad humesha ke liye khatm ho jayengi. dasvi manzil ke sunsan galiyare ko paar kar nina 1 suite ke darwaze pe pahunchi & kandhe se apna bag utar usme se 1 key card nikala & bagal me bane slot me laga darwaza khol andar dakhil hui.1 kamre ko paar kar vo andar ke kamre me pahunchi jiske king size palang ke headboard se pith lagaye 1 mard baitha tha.1 cahadar uski kamar tak padi hui thi & uska upari jism nanga tha.kamre me bas side-tables ke lamps jal rahe the & bada romani mahaul tha.nina us mard ko dekh muskurayi,"hello,Mahesh." vo muskurate hue aayi,apna bag 1 kursi pe phenka & Mahesh Arora ke bayi taraf bistar se pair latka ke baith gayi.uski aankhke kamre me ghuste hi mahesh ki nazro se ja mili thi & dono lagatar 1 dusre ko dekhe ja rahe the.nina apna baya hath mahesh ke jism ke paar kar bistar pe tikaya & apna chehra mahesh ke chehre ke karib le aake sar neeche jhukaya,chadar me kuchh hulchul ho rahi thi.nina samajh gayi ki mahesh ka nichla jism bhi nanga hai. "bahut intezar karaya tumne." "to?",nina ki aankho me husn ka gurur tha. "to mujhe intezar karna pasand nahi!" "mujhse milna hai to intezar karna seekho.",mahesh ne bijli ki tezi se daye hath se nina ke sar ko pakda & zor se uske honth chumne laga.nina ne chhutne ki koshish ki to usne uski gardan pakad use dayi taraf khincha & baye hath se uski jangh pakad use upar bistar pe khinch liya.ab nina apni gand uske chadar me chhupe lund pe tikaye uski god me padi thi. mahesh ne daye hath se uske sar ko uthaya & fir se use chumne laga.uske baye hath ne nina ki dress ko kamar tak kar diya.nina ne use rokne ki koshish ki to usne uski koshish nakam kar di.usne nina ke honth chhode & uski aankho me dekhta hua uski gori,sudol tange & makkhani janghe sehlane laga.nina ko uska ye andaz bahut pasand tha & usne use bhadkane ke liye hi vaise badtamizi & gurur se baat ki thi.use aise hi mard pasand the,mazbut,taqatwar,har baat ko apne kabu me rakhnewale.aise mardo ki baaho me use bahut sukun milta tha. mahesh ki umra 40 baras ki thi lekin uska 5'9" lumba sharir bahut gathila tha.nina ne apna daya hath badi hasrat se uske ghane baalo se dhanke chaude seene pe firaya & fir uske mazbut kandho kasrati bazuo ko sehlane lagi.uske chhune me mahesh ko uski hasrato ki pukar saaf sunai de rahi thi.usne gardan ghuma nina ki nangi jangho ko dekha.nina ka kad chhota tha & vo abhi bhi apne jism ka bahut khayal rakhti thi.uski kamar abhi bhi bas 26 inch ki thi & uske neeche 36 inch ki gand jab mahesh ki aankho ke samne hoti to vo josh se pagal ho uthata tha. usne apne baye hath ki ungliyo ke poro ko halke se uski pusht jangho ke andruni hisse pe firaya to nina ne apne ghutne mod liye.uski aankho me nasha utar aaya & rasile,gulabi honth aadhe khul gaye.mahesh ne fir se uske sar ko apni taraf kiya & zor se uske nichle honth ko chumne laga.uski moochhen nina ke upri hotho pe gudgudi kar rahi thi.nina mast ho gayi & apni jibh apne premi ke munh me ghusa di.apni bayi banh uske gale me daal vo uske pure badanm ko sehlate hue use chum rahi thi. mahesh ne uske honth chhod dress ko thoda & upar kiya to use nina ki aasmani rang ki chhoti si panty nazar aayi.nina ne aaj jo lingerie pehni thi,use usne 2 din pehle khas aaj ki mulaqat ke liye hi kharida tha.vo mahesh ka chehra dekh rahi thi uska reaction jaanane ke liye.mahesh ne dress thoda aur upar kar nina ke pet pe kar diya.panty bahut hi chhoti thi & samne bas 1 tikona sa kapda dikh raha tha jo keval nina ki chut ko dhanke tha. mahesh ka baya hath panty ke upar ghumne laga to nina ka nasha aur badh gaya & vo halki-2 aahe bharne lagi,"ohh..mahesh..haannnn..!"
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj
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Posted By .....raj..... to Kamuk Kahaniyan.Com कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम at 11/03/2010 05:13:00 AM
गतान्क से आगे..............
क्लेरियन होटेल,डेवाले के 6 5 स्टार होटेल्स मे से 1.नीना उस होटेल की लॉबी को तेज़ कदमो से पार करती हुई लिफ्ट्स की ओर जा रही थी.उसने 1 आसमानी रंग की हॉल्टर नेक,लुंबी फ्लोयिंग ड्रेस पहनी थी.ड्रेस उसके सीने से लेके पेट तक कसी हुई थी & नीचे से ढीली.पीछे उपरी पीठ नंगी थी जिसपे उसके सीने तक के लंबे बाल खुले लहरा रहे थे.आँखो पे ओवरसाइज़ सनग्लासस थे & 1 कंधे पे डिज़ाइनर हॅंडबॅग.सामने ड्रेस के गले से क्लीवेज का बस अंदेशा भर हो रहा था.वो लिफ्ट मे घुसी तो बेल्लबोय ने उसे सलाम ठोंका,"10थ फ्लोर.",नीना लिफ्ट के अंदर दाखिल हुई.उसने सभी काम जल्दी निपटाया था फिर भी 10:30 बज गये थे.जो भी हो अगले 4 घंटो तक वो अपनी सारी परेशानिया भूल जाएगी,इसका उसे यकीन था & अगर किस्मत अच्छी रही तो वो परेशानिया शायद हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएँगी. दसवी मंज़िल के सुनसान गलियारे को पार कर नीना 1 सूयीट के दरवाज़े पे पहुँची & कंधे से अपना बॅग उतार उसमे से 1 के कार्ड निकाला & बगल मे बने स्लॉट मे लगा दरवाज़ा खोल अंदर दाखिल हुई.1 कमरे को पार कर वो अंदर के कमरे मे पहुँची जिसके किंग साइज़ पलंग के हेडबोर्ड से पीठ लगाए 1 मर्द बैठा था.1 चादर उसकी कमर तक पड़ी हुई थी & उसका उपरी जिस्म नंगा था.कमरे मे बस साइड-टेबल्स के लॅंप्स जल रहे थे & बड़ा रोमानी माहौल था.नीना उस मर्द को देख मुस्कुराइ,"हेलो,महेश." वो मुस्कुराते हुए आई,अपना बॅग 1 कुर्सी पे फेंका & महेश अरोरा के बाई तरफ बिस्तर से पैर लटका के बैठ गयी.उसकी आँखे कमरे मे घुसते ही महेश की नज़रो से जा मिली थी & दोनो लगातार 1 दूसरे को देखे जा रहे थे.नीना अपना बाया हाथ महेश के जिस्म के पार कर बिस्तर पे टीकाया & अपना चेहरा महेश के चेहरे के करीब ले आके सर नीचे झुकाया,चादर मे कुच्छ हुलचूल हो रही थी.नीना समझ गयी कि महेश का निचला जिस्म भी नंगा है. "बहुत इंतेज़ार कराया तुमने." "तो?",नीना की आँखो मे हुस्न का गुरूर था. "तो मुझे इंतेज़ार करना पसंद नही!" "मुझसे मिलना है तो इंतेज़ार करना सीखो.",महेश ने बिजली की तेज़ी से दाए हाथ से नीना के सर को पकड़ा & ज़ोर से उसके होंठ चूमने लगा.नीना ने छूटने की कोशिश की तो उसने उसकी गर्दन पकड़ उसे दाई तरफ खींचा & बाए हाथ से उसकी जाँघ पकड़ उसे उपर बिस्तर पे खींच लिया.अब नीना अपनी गंद उसके चादर मे च्छूपे लंड पे टिकाए उसकी गोद मे पड़ी थी. महेश ने दाए हाथ से उसके सर को उठाया & फिर से उसे चूमने लगा.उसके बाए हाथ ने नीना की ड्रेस को कमर तक कर दिया.नीना ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उसकी कोशिश नाकाम कर दी.उसने नीना के होंठ छ्चोड़े & उसकी आँखो मे देखता हुआ उसकी गोरी,सुडोल टाँगे & मक्खनी जंघे सहलाने लगा.नीना को उसका ये अंदाज़ बहुत पसंद था & उसने उसे भड़काने के लिए ही वैसे बदतमीज़ी & गुरूर से बात की थी.उसे ऐसे ही मर्द पसंद थे,मज़बूत,ताक़तवर,हर बात को अपने काबू मे रखनेवाले.ऐसे मर्दो की बाहो मे उसे बहुत सुकून मिलता था. महेश की उम्र 40 बरस की थी लेकिन उसका 5'9" लंबा शरीर बहुत गतिला था.नीना ने अपना दाया हाथ बड़ी हसरत से उसके घने बालो से ढँके चौड़े सीने पे फिराया & फिर उसके मज़बूत कंधो कसरती बाजुओ को सहलाने लगी.उसके छुने मे महेश को उसकी हसरातो की पुकार सॉफ सुनाई दे रही थी.उसने गर्दन घुमा नीना की नंगी जाँघो को देखा.नीना का कद छ्होटा था & वो अभी भी अपने जिस्म का बहुत ख़याल रखती थी.उसकी कमर अभी भी बस 26 इंच की थी & उसके नीचे 36 इंच की गंद जब महेश की आँखो के सामने होती तो वो जोश से पागल हो उठता था. उसने अपने बाए हाथ की उंगलियो के पोरो को हल्के से उसकी पुष्ट जाँघो के अन्द्रुनि हिस्से पे फिराया तो नीना ने अपने घुटने मोड़ लिए.उसकी आँखो मे नशा उतर आया & रसीले,गुलाबी होंठ आधे खुल गये.महेश ने फिर से उसके सर को अपनी तरफ किया & ज़ोर से उसके निचले होंठ को चूमने लगा.उसकी मूच्छें नीना के उपरी होंठो पे गुदगुदी कर रही थी.नीना मस्त हो गयी & अपनी जीभ अपने प्रेमी के मुँह मे घुसा दी.अपनी बाई बाँह उसके गले मे डाल वो उसके पूरे बदन को सहलाते हुए उसे चूम रही थी. महेश ने उसके होंठ छ्चोड़ ड्रेस को थोड़ा & उपर किया तो उसे नीना की आसमानी रंग की छ्होटी सी पॅंटी नज़र आई.नीना ने आज जो लाइनाये पहनी थी,उसे उसने 2 दिन पहले खास आज की मुलाक़ात के लिए ही खरीदा था.वो महेश का चेहरा देख रही थी उसका रिक्षन जानने के लिए.महेश ने ड्रेस थोड़ा और उपर कर नीना के पेट पे कर दिया.पॅंटी बहुत ही छ्होटी थी & सामने बस 1 तिकोना सा कपड़ा दिख रहा था जो केवल नीना की चूत को ढँके था. महेश का बाया हाथ पॅंटी के उपर घूमने लगा तो नीना का नशा और बढ़ गया & वो हल्की-2 आहे भरने लगी,"ओह्ह..महेश..हान्णन्न्..!"
,वो महेश को बेतहाशा चूमे जा रही थी.उसकी चूत ने रस बहाना शुरू कर दिया था & वो अब अपने सभी गम भूल चुकी थी.महेश का हाथ उसके हाइ हील्स मे बँधे पाओ से उसकी टाँगो पे आता & फिर उसकी जाँघो को रगड़ते हुए उसकी पॅंटी पे.उसकी ज़ुबान कभी उसकी गर्दन पे चलती,कभी कानो पे तो कभी उसके मुँह के अंदर.अभी तक उसने वैसे ही नीना के बदन को अपनी बाहो मे थामा हुआ था.नीना उसकी जिस्मानी ताक़त की मुरीद हो गयी थी & खुद को उसके रहमोकरम पे छ्चोड़ दिया था. महेश ने पॅंटी के उपर से ही उसकी ज़ुबान से अपनी ज़ुबान लड़ाते हुए उसके दाने को मसल दिया & ये हरकत नीना झेल नही पाई,"आआहह.....!",वो महेश के सीने से चिपक गयी & उसके दाए कान मे जीभ चलाती झाड़ गयी.उसने अपनी जंघे कस के भीच ली थी & सिसक रही थी. महेश ने नीना को बिना नंगी किए 1 बार झाड़वा दिया था & इस बात ने नीना की खुमारी और बढ़ा दी थी.वो अभी उसी नशे मे थी कि उसे महसूस हुआ कि उसके खुले बालो के नीचे उसकी गर्दन के पीछे छुपे ड्रेस के हुक को उसके पति का दोस्त खोल रहा है....अब उसके नंगे जिस्म पे उसके मज़बूत हाथ घूमेंगे & उसका मज़ा & बढ़ेगा..इस ख़याल से ही नीना मदहोश हो गयी. हुक खुलते ही ड्रेस का उपरी हिस्सा आगे उसकी गोद मे आ गिरा & अब महेश की आँखो के सामने नीना की सुरहिदार गर्दन थी जिसमे 1 मोतियो का चॉकर पड़ा था & उसका मॅचिंग आसमानी स्ट्रेप्लेस्स ब्रा था जोकि उसकी तेज़ धड़कनो की गवाही देते सीने को च्छुपाए हुए था.नीना ने नशीली आँखो से अपने प्रेमी को देखा,"सिर्फ़ तुम्हारे लिए है ये सब!" नीना ने महेश से होने वाली हर मुलाक़ात को यादगार बना देना चाहती थी & इसी लिए उसने ये ड्रेस & ये लाइनाये सब खरीदे थे.महेश पे उसकी बात & उसकी तैय्यारि का पूरा असर हुआ था.उसकी आँखो मे अब नीना के जिस्म से मिलने की चाह & भड़कती दिख रही थी.उसने ड्रेस को उसके पेट से नीचे सरकया तो उसकी गोद मे पड़ी नीना ने अपनी गंद उचका दी & अगले ही पल ड्रेस कमरे के फर्श पे पड़ी थी. महेश ने 1 बार फिर अपनी दाई बाँह मे नीना की पीठ को घेर अपनी ओर खींचा & उसके ब्रा के उपर & गले के नीचे के हिस्से पे चूमने लगा.नीना उस से चिपक के आहे भरने लगी & अपने नाख़ून उसकी पीठ पे नीचे से उपर तक चलाने लगी.उसकी इस हरकत से महेश के जिस्म मे सनसनी दौड़ गयी.उसने बाए हाथ को,जोकि नीना के झड़ने के बाद फिर से उसकी मस्त जाँघो को मसल रहा था,उपर किया & नीना के ब्रा को नीचे किया. नीना के चेहरे पे मुस्कान खिल उठी & वो सर नीचे झुका अपने प्रेमी को देखने लगी.महेश ने बाए हाथ को उसकी दाई चूची के नीचे लगाया,वो गौर से उसके सीने को देख रहा था.नीना की चूचिया थी ही ऐसी-36 साइज़ की छातियो पे शहद के रंग के निपल्स थे जोकि इस वक़्त बिल्कुल कड़े थे.उसके निपल्स का रंग अनोखा था & आज तक जितने भी मर्दो के साथ वो हमबिस्तर हुई थी सब उनकी खूबसूरती पे हैरान हुए बिना नही रहे थे. "क्या देख रहे हो?",नीना ने उसके बालो को खींच उसका सर उपर उठाया. महेश ने बाया हाथ उसकी चूची से हटाया & पीठ पे ले जा ब्रा के हुक्स खोल दिए & फिर बाई चूची को अपनी मुट्ठी मे यू भरा की उंगलियो & अंगूठे के बीच से उसका निपल दिखता रहे & फिर बहुत ज़ोर से दबा दिया. "ऊव्व..!",नीना कराही मगर उसने उसे रोकने की कोई कोशिश नही की. "देख रहा हू असली हैं या नक़ली.",& महेश ने अपना सर नीना के सीने पे झुका दिया.अब तो नीना की हालत खराब हो गयी.महेश बेतहाशा उसकी चूचियो को चूमे & चूसे जा रहा था.उसका बाया हाथ भी उन्हे पूरी शिद्दत से मसल & दबा रहे थे. "ऊहह.....हााईयईईईईई......नहियीईईईईईई.....उूउउम्म्म्ममम......पागल हो क्या!......उउफफफफफफ्फ़....!",बड़ी देर तक नीना की आहो से बेपरवाह महेश उसके सीने से लगा रहा.तभी नीना को अपनी चूत पे कुच्छ महसूस हुआ.उसे पता भी ना चला था & महेश ने अपना बाया हाथ उसके सीने से हटा उसकी पॅंटी पे लगा दिया था & उसे उतार रहा था.नीना ने जान बुझ के अपनी टाँगे सीधी फैला दी ताकि महेश को ऐसा करने मे मुश्किल हो मगर महेश ने बेदर्दी से उसकी टाँगे मोड़ के झट से पॅंटी को उसकी टाँगो से नीचे खींच कमरे मे उच्छल दिया. अब नीना बिल्कुल नंगी थी अपने पति के दोस्त की बाहो मे & वो उसके हुस्न को निहार रहा था.नीना की चूत मे कसमसाहट हो रही थी & वो बेचैनी से अपनी जंघे आपस मे रगड़ रही थी.उसके पैरो मे हाइ हील सॅंडल्ज़ अभी भी थे.महेश ने उसके दाए सॅंडल को हाथ मे ले उठाया & उसके दाए पाँव के अंगूठे को चूमने लगा.नीना के बदन मे मानो करेंट दौड़ गया & उसका बदन झटके खाने लगा. "उउन्न्नह...न्णन्न्....!",उसे इतना मज़ा आ रहा था कि उसे तकलीफ़ होने लगी & वो सुबक्ते हुए अपने पाँव महेश की गिरफ़्त से छुड़ाने लगी मगर महेश के आगे उसकी एक ना चली & जब तक उसने उसके दोनो पाँवो की असरी उंगलियो को मन भर के नही चूम लिया उसने उसके पाँव नही छ्चोड़े. "हाआआआआआ......!",इस बार जैसे ही महेश ने उसकी चूत पे हाथ लगाया नीना दोबारा झाड़ गयी.उसका जिस्म कांप रहा था & उसने महेश की बाहो को अपने बदन से हटाया & उसकी गोद से उतरने लगी.वो अपनी पीठ महेश की ओर कर उसकी गोद से निकल बिस्तर पे पेट के बल लेटने जा रही थी तभी महेश के सख़्त हाथो ने उसकी कमर दबोच ली.वो अपनी कोहनियो पे थी & महेश ने दाए हाथ से उसकी कमर को पकड़े बाए से उसके बाई जाँघ को उठा के उपर घुमाया & अपना लंड उसकी चूत मे घुसा दिया. "आआहह....क्या करते हो!..जंगंग्ली कहिनके..!..ऊव्ववव..!",नीना अपने दाए घुटने & कोहनियो पे बदन को टिकाए थी & महेश उसकी बाई जाँघ को हवा मे उठाए उसकी चुदाई कर रहा था.महेश का 8 इंच लंबा लंड नीना की चूत को पूरा भरे हुए था & उसके जिस्म मे बस मस्ती की फुलझड़िया च्छुटे जा रही थी.पूरा कमरा क्या बल्कि पूरा सूयीट नीना की मदहोश चीखो से भरा था. नीना को यही तो चाहिए था-1 ऐसा मर्द जोकि उसके उपर छा जाए & उसके रोम-2 को अपने जिस्म से ढँक उसकी प्यास बुझा दे.महेश के लंड से वो पहली बार झड़ी & निढाल हो उसने अपना सर बिस्तर मे दफ़न कर दिया.महेश ने उसकी बाई जाँघ छ्चोड़ दी & अपने दोनो हाथो से उसकी चूचिया मसल्ने लगा.उसके ताबड़तोड़ धक्के नीना को पागल किए जा रहे थे. वो उसके उपर झुक उसकी पीठ चूमते हुए & उसकी चूचियाँ दबाते हुए उसे चोद रहा था.नीना की चूत की कसावट अभी भी कम नही हुई थी & महेश के मोटे लंड को ये एहसास बहुत मस्त लग रहा था.नीना ने अपना दाया हाथ अपने जिस्म के नीचे से ले जाके उसकी चूत मे उधम मचाते महेश के लंड के नीचे उसकी गंद पे थपके लगाते उसके आंडो को थाम लिया & उन्हे हल्के-2 दबाने लगी.अब आहे भरने की बारी महेश की थी. "ऑश....नीना.....आहह.....मस्त हो तुम मेरी जान....याआह्ह्ह्ह्ह्ह..!",अभी तक दोनो डॉगी स्टाइल मे चुदाई कर रहे थे.अब महेश अपने दोस्त की बीबी को चूमना चाहता था.चोद्ते हुए उसने नीना के कंधो को नीचे दबाया तो नीना उसका इशारा समझते हुए बिस्तर पे लेट गयी.महेश उसके उपर लेट गया तो नीना ने अपना सर बिस्तर से उठा लिया गर्दन दाई तरफ घुमाई. उसके दाए कंधे के उपर से झुकते महेश ने पहले अपने हाथ नीना की सुडोल चूचियो से लगाए & फिर अपनी ज़ुबान उसकी ज़ुबान से.चूमते हुए महेश उसके होंठो से उसके गाल & फिर उसके सर के पीछे उसके बालो पे आया,बालो से नीचे जाते ही उसके होंठ नीना के चॉकर से टकरा गये,"ये उसने दिया है तुम्हे?" "उउम्म्म्म..हां.",नीना अपने हाथ पीछे ले जा अपने प्रेमी को अपना सर आगे ला उसे चूमने को कह रही थी.उसकी चूत मे एक बार फिर वही सैलाब उमड़ रहा था & इस बार वो अपने प्रेमी को चूमते हुए उसके साथ झड़ना चाहती थी. महेश ने धक्के लगाते हुए अपने हाथ उसके सीने से हटाए & उसका चॉकर खोल उसे बिस्तर के पास रखी 1 कुर्सी पे फेंक दिया,"तुम इस से बेहतर डिज़र्व करती हो.",उसने नीना की गर्दन का पिच्छला हिस्सा चूमा & फिर उसके बदन से उठा अपने घुटनो पे हो गया.उसके धक्के रुके तो नीना ने पीछे गर्दन घुमा के देखा तो पाया कि वो उसकी चूत से लंड निकाले बिना थोड़ा पीछे हो बिस्तर के सिरहाने पड़े तकिये के नीचे से कुच्छ निकाल रहा है. ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- क्रमशः...........
KHEL KHILADI KA paart--9
gataank se aage..............
Clarion Hotel,devalay ke 6 5 star hotels me se 1.Nina us hotel ki lobby ko tez kadmo se paar karti hui lifts ki or ja rahi thi.usne 1 aasmani rang ki halter neck,lumbi flowing dress pehni thi.dress uske seene se leke pet tak kasi hui thi & neeche se dhili.peechhe upari pith nangi thi jispe uske seene tak ke lumbe baal khule lehra rahe the.aankho pe oversize sunglasses the & 1 kandhe pe designer handbag.samne dress ke gale se cleavage ka bas andesha bhar ho raha tha.vo lift me ghusi to bellboy ne use salam thonka,"10th floor.",nina lift ke andar dakhil hui.usne sabhi kaam jaldi niptaya tha fir bhi 10:30 baj gaye the.jo bhi ho agle 4 ghanto tak vo apni sari pareshaniya bhul jayegi,iska use yakeen tha & agar kismat achhi rahi to vo pareshaniya shayad humesha ke liye khatm ho jayengi. dasvi manzil ke sunsan galiyare ko paar kar nina 1 suite ke darwaze pe pahunchi & kandhe se apna bag utar usme se 1 key card nikala & bagal me bane slot me laga darwaza khol andar dakhil hui.1 kamre ko paar kar vo andar ke kamre me pahunchi jiske king size palang ke headboard se pith lagaye 1 mard baitha tha.1 cahadar uski kamar tak padi hui thi & uska upari jism nanga tha.kamre me bas side-tables ke lamps jal rahe the & bada romani mahaul tha.nina us mard ko dekh muskurayi,"hello,Mahesh." vo muskurate hue aayi,apna bag 1 kursi pe phenka & Mahesh Arora ke bayi taraf bistar se pair latka ke baith gayi.uski aankhke kamre me ghuste hi mahesh ki nazro se ja mili thi & dono lagatar 1 dusre ko dekhe ja rahe the.nina apna baya hath mahesh ke jism ke paar kar bistar pe tikaya & apna chehra mahesh ke chehre ke karib le aake sar neeche jhukaya,chadar me kuchh hulchul ho rahi thi.nina samajh gayi ki mahesh ka nichla jism bhi nanga hai. "bahut intezar karaya tumne." "to?",nina ki aankho me husn ka gurur tha. "to mujhe intezar karna pasand nahi!" "mujhse milna hai to intezar karna seekho.",mahesh ne bijli ki tezi se daye hath se nina ke sar ko pakda & zor se uske honth chumne laga.nina ne chhutne ki koshish ki to usne uski gardan pakad use dayi taraf khincha & baye hath se uski jangh pakad use upar bistar pe khinch liya.ab nina apni gand uske chadar me chhupe lund pe tikaye uski god me padi thi. mahesh ne daye hath se uske sar ko uthaya & fir se use chumne laga.uske baye hath ne nina ki dress ko kamar tak kar diya.nina ne use rokne ki koshish ki to usne uski koshish nakam kar di.usne nina ke honth chhode & uski aankho me dekhta hua uski gori,sudol tange & makkhani janghe sehlane laga.nina ko uska ye andaz bahut pasand tha & usne use bhadkane ke liye hi vaise badtamizi & gurur se baat ki thi.use aise hi mard pasand the,mazbut,taqatwar,har baat ko apne kabu me rakhnewale.aise mardo ki baaho me use bahut sukun milta tha. mahesh ki umra 40 baras ki thi lekin uska 5'9" lumba sharir bahut gathila tha.nina ne apna daya hath badi hasrat se uske ghane baalo se dhanke chaude seene pe firaya & fir uske mazbut kandho kasrati bazuo ko sehlane lagi.uske chhune me mahesh ko uski hasrato ki pukar saaf sunai de rahi thi.usne gardan ghuma nina ki nangi jangho ko dekha.nina ka kad chhota tha & vo abhi bhi apne jism ka bahut khayal rakhti thi.uski kamar abhi bhi bas 26 inch ki thi & uske neeche 36 inch ki gand jab mahesh ki aankho ke samne hoti to vo josh se pagal ho uthata tha. usne apne baye hath ki ungliyo ke poro ko halke se uski pusht jangho ke andruni hisse pe firaya to nina ne apne ghutne mod liye.uski aankho me nasha utar aaya & rasile,gulabi honth aadhe khul gaye.mahesh ne fir se uske sar ko apni taraf kiya & zor se uske nichle honth ko chumne laga.uski moochhen nina ke upri hotho pe gudgudi kar rahi thi.nina mast ho gayi & apni jibh apne premi ke munh me ghusa di.apni bayi banh uske gale me daal vo uske pure badanm ko sehlate hue use chum rahi thi. mahesh ne uske honth chhod dress ko thoda & upar kiya to use nina ki aasmani rang ki chhoti si panty nazar aayi.nina ne aaj jo lingerie pehni thi,use usne 2 din pehle khas aaj ki mulaqat ke liye hi kharida tha.vo mahesh ka chehra dekh rahi thi uska reaction jaanane ke liye.mahesh ne dress thoda aur upar kar nina ke pet pe kar diya.panty bahut hi chhoti thi & samne bas 1 tikona sa kapda dikh raha tha jo keval nina ki chut ko dhanke tha. mahesh ka baya hath panty ke upar ghumne laga to nina ka nasha aur badh gaya & vo halki-2 aahe bharne lagi,"ohh..mahesh..haannnn..!"
,vo mahesh ko betahsha chume ja rahi thi.uski chut ne ras bahana shuru kar diya tha & vo ab apne sabhi ghum bhul chuki thi.mahesh ka hath uske high heels me bandhe paavo se uski tango pe aata & fir uski jangho ko ragadte hue uski panty pe.uski zuban kabhi uski gardan pe chalti,kabhi kano pe to kabhi uske munh ke andar.abhi tak usne vaise hi nina ke badan ko apni baaho me thama hua tha.nina uski jismani taqat ki murid ho gayi thi & khud ko uske rehmokaram pe chhod diya tha. Mahesh ne panty ke upar se hi uski zuban se apni zuban ladate hue uske dane ko masal diya & ye harkat Nina jhel nahi payi,"AAAAHHHHH.....!",vo mahesh ke seene se chipak gayi & uske daye kaan me jibh chalati jhad gayi.usne apni janghe kas ke bheech li thi & sisak rahi thi. mahesh ne nina ko bina nangi kiye 1 baar jhadwa diya tha & is baat ne nina ki khumari & badha di thi.vo abhi usi nashe me thi ki use mehsus hua ki uske khule baalo ke neeche uski gardan ke peechhe chhupe dress ke hook ko uske pati ka dost khol raha hai....ab uske nange jism pe uske mazbut hath ghumenge & uska maza & badhega..is khayal se hi nina madhosh ho gayi. hook khulte hi dress ka upri hissa aage uski god me aa gira & ab mahesh ki aankho ke samne nina ki surahidar gardan thi jisme 1 motiyo ka choker pada tha & uska matching aasmani strapless bra tha joki uski tez dhadkano ki gawahi dete seene ko chhupaye hue tha.nina ne nashili aankho se apne premi ko dekha,"sirf tumhare liye hai ye sab!" nina ne mahesh se hone wali har mulaqat ko yaadgar bana dena chahti thi & isi liye usne ye dress & ye lingerie sab kharide the.mahesh pe uski baat & uski taiyyari ka pura asar hua tha.uski aankho me ab nina ke jism se milne ki chah & bhadakti dikh rahi thi.usne dress ko uske pet se neeche sarkaya to uski god me padi nina ne apni gand uchka di & agle hi pal dress kamre ke farsh pe padi thi. mahesh ne 1 bar fir apni dayi banh me nina ki pith ko gher apni or khincha & uske bra ke upar & gale ke neeche ke hisse pe chumne laga.nina us se chipak ke aahe bharne lagi & apne nakhun uski pith pe neeche se upar tak chalane lagi.uski is harkat se mahesh ke jism me sansani daud gayi.usne baye hath ko,joki nina ke jhadne ke baad fir se uski mast jangho ko masal raha tha,upar kiya & nina ke bra ko neeche kiya. nina ke chehre pe muskan khil uthi & vo sar neeche jhuka apne premi ko dekhne lagi.mahesh ne baye hath ko uski dayi chhati ke neeche lagaya,vo gaur se uske seene ko dekh raha tha.nina ki chhatiya thi hi aisi-36 size ki chhatiyo pe shehad ke rang ke nipples the joki is waqt bilkul kade the.uske nipples ka rang anokha tha & aaj tak jitne bhi mardo ke sath vo humbistar hui thi sab unki khubsurti pe hairan hue bina nahi rahe the. "kya dekh rahe ho?",nina ne uske baalo ko khinch uska sar upar uthaya. mahesh ne baya hath uski choochi se hataya & pith pe le ja bra ke hooks khol diye & fir bayi choochi ko apni mutthi me yu bhara ki ungliyo & anguthe ke beech se uska nipple dikhta rahe & fir bahut zor se daba diya. "OOWW..!",nina karahi magar usne use rokne ki koi koshish nahi ki. "dekh raha hu asli hain ya naqli.",& mahesh ne apna sar nina ke seene pe jhuka diya.ab to nina ki halat kharab ho gayi.mahesh betahasha uski choochiyo ko chume & chuse ja raha tha.uska baya hath bhi unhe puri shiddat se masal & daba rahe the. "oohhhhh.....haaaaiiiiiiii......nahiiiiiiiiii.....uuuummmmmm......pagal ho kya!......uufffffff....!",badi der tak nina ki aaho se beparwah mahesh uske seene se laga raha.tabhi nina ko apni chut pe kuchh mehsus hua.use pata bhi na chala tha & mahesh ne apna baya hath uske seene se hata uski panty pe laga diya tha & use utar raha tha.nina ne jaan bujh ke apni tange seedhi faila di taki mahesh ko aisa karne me mushkil ho magar mahesh ne beadrdi se uski tange mod ke jhat se panty ko uski tango se neeche khinch kamre me uchhal diya. ab nina bilkul nangi thi apne pati ke dost ki baaho me & vo uske husn ko nihar raha tha.nina ki chut me kasmasahat ho rahi thi & vo bechaini se apni janghe aapas me ragad rahi thi.uske pairo me high heel sandals abhi bhi the.mahesh ne uske daye sandal ko hath me le uthaya & uske daye panv ke anguthe ko chumne laga.nina ke badan me mano current daud gaya & uska badan jhatke khane laga. "uunnnhhhh...nnnn....!",use itna maza aa raha tha ki use taklif hone lagi & vo subakte hue apne panv mahesh ki giraft se chhudane lagi magar mahesh ke aage uski 1 na chali & jab tak usne uske dono panvo ki asri ungliyo ko man bhar ke nahi chum liya usne uske panv nahi chhode. "haaaaaaaaaaaa......!",is baar jaise hi mahesh ne uski chut pe hath lagaya nina dobara jhad gayi.uska jism kanp raha tha & usne mahesh ki baaho ko apne badan se hataya & uski god se utarne lagi.vo apni pith mahesh ki or kar uski god se nikal bistar pe pet ke bal letne ja rahi thi tabhi mahesh ke sakht hatho ne uski kamar daboch li.vo apni kohniyo pe thi & mahesh ne daye hath se uski kamar ko pakde baye se uske bayi jangh ko utha ke upar ghumaya & apna lund uski chut me ghusa diya. "AAAAHHHHH....kya karte ho!..jungli kahinke..!..OOWWWW..!",nina apne daye ghutne & khoniyo pe badan ko tikaye thi & mahesh uski bayi jangh ko hawa me uthaye uski chudai kar raha tha.mahesh ka 8 inch lumba lund nina ki chut ko pura bhare hue tha & uske jism me bas masti ki phuljhadiya chhute ja rahi thi.pura kamra kya balki pura suite nina ki madhosh chikho se bhara tha. nina ko yehi to chahiye tha-1 aisa mard joki uske upar chha jaye & uske rom-2 ko apne jism se dhank uski pyas bujha de.mahesh ke lund so vo pehli baar jhadi & nidhal ho usne apna sar bistar me dafan kar diya.mahesh ne uski bayi jangh chhod di & apne dono hatho se uski choochiya masalne laga.uske tabadtod dhakke nina ko pagal kiye ja rahe the. vo uske upar jhuk uski pith chumte hue & uski chhatiya dabate hue use chod raha tha.nina ki chut ki kasavat abhi bhi kam nahi hui thi & mahesh ke mote lund ko ye ehsas bahut mast lag raha tha.nina ne apna daya hath apne jism ke neeche se le jake uski chut me udham machate mahesh ke lund ke neeche uski gand pe thapke lagate uske ando ko tham liya & unhe halke-2 dabane lagi.ab aahe bharne ki bari mahesh ki thi. "ohhhh....nina.....aahhhhhh.....mast ho tum meri jaan....yaaaahhhhhh..!",abhi tak dono doggie style me chudai kar rahe the.ab mahesh apne dost ki bgiwi ko chumna chahta tha.chodte hue usne nina ke kandho ko neeche dabaya to nina uska ishara samajhte hue bistar pe let gayi.mahesh uske upar let gaya to nina ne apna sar bistar se utha liya gardan dayi taraf ghumayi. uske daye kandhe ke upar se jhukte mahesh ne pehle apne hath nina ki sudol choochiyo se lagaye & fir apni zuban uski zuban se.chumte hue mahesh uske hotho se uske gaal & fir uske asr ke peechhe uske baalo pe aya,balo se neeche jate hi uske honth nina ke choker se takra gaye,"ye usne diya hai tumhe?" "uummmm..haan.",nina apne hath peechhe le ja apne premi ko apna sar aage la use chumne ko keh rahi thi.uski chut me 1 baar fir vahi sailab umad raha tha & is baar vo apne premi ko chumte hue uske sath jhadna chahti thi. mahesh ne dhakke lagate hue apne hath uske seene se hataye & uska choker khol use bistar ke paas rakhi 1 kursi pe fenk diya,"tum is se behtar deserve karti ho.",usne nina ki gardan ka pichhla hissa chuma & fir uske badan se utha apne ghutno pe ho gaya.uske dhakke ruke to nina ne peechhe gardan ghuma ke dekha to paya ki vo uski chut se lund nikale bina thoda peechhe ho bistar ke sirhane pade takiye ke neeche se kuchh nikal raha hai. ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- क्रमशः...........
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj
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Posted By .....raj..... to Kamuk Kahaniyan.Com कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम at 11/03/2010 05:13:00 AM
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