Wednesday, December 15, 2010

कामुक-कहानियाँ-खेल खिलाड़ी का पार्ट--5



कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम



खेल खिलाड़ी का पार्ट--5

गतान्क से आगे..............
जसजीत प्रधान की रॅली ख़त्म हो चुकी थी & अब भैया जी भी लोक विकास के दफ़्तर से निकल अपने सरकारी बंगले मे चले गये थे.शहर मे उनका अपना बंगला था जहा उनका परिवार रहता था मगर भैया जी अपने ज़रूरी काम अपने सरकारी बंगले से ही करते थे.बंगले मे दाखिल हो वो सीधा अपने बेडरूम मे गये.

"आइए,हुज़ूर.कितना इंतेज़ार करवाया आपने!",पलंग से उठ राम्या उनके करीब आई & उनकी गर्दन मे अपनी बाहे डाल खड़ी हो गयी.ऐसा करने से उसका आँचल ढालक गया & उसका गोरा क्लीवेज भैया जी की आँखो के सामने चमक उठा.उन्होने अपने हाथ उसकी कमर की बगलो मे लगाए & हल्के से वाहा के माँस को दबाया.

"उन्न्न्न..!",राम्या ने मस्तानी आह भरी जिसने भैया जी का जोश बढ़ा दिया.राम्या आगे हुई & अपने पाँव भैया जी के पाँवो पे रख पंजो पे उचक उनके होंठ छूने लगी.भैया जी ने अपनी मज़बूत बाहे उसकी कमर पे कसी & उसके मुँह मे अपनी ज़ुबान दाखिल कर दी फिर वैसे ही उसकी जीभ से अपनी जीभ लड़ाते उन्होने उसकी कमर पकड़ उसे हवा मे उठा लिया & उसे बिस्तर के पास ले आए & उसे वैसे ही बिस्तर पे लिटा चूमते हुए उसके उपर चढ़ गये.

राम्या ने भी अपने हाथ उनकी पीठ पे फिराते हुए उनके कुर्ते मे घुसा दिए & भैया जी ने जब उसके नखुनो की खरोंच को अपनी पीठ पे महसूस किया तो उनकी कमर अपने आप हिलने लगी & पाजामे मे क़ैद उनके लंड के धक्के राम्या की सारी मे छुपि चूत पे पड़ने लगे.

"ऊनन्न..",राम्या उनके भारी-भरकम बदन के नीचे कसमसा रही थी.उसने वैसे ही उनका कुर्ता निकाला & उनके बालो भरे सीने & पीठ पे बेचैनी से हाथ फिराने लगी.भैया जी ने उसके होंठो को छ्चोड़ अपना सर उठाया & उसके ब्लाउस के बटन्स खोलने लगे,"आपने सच मे कोई फ़ैसला नही लिया है अभी तक डेवाले सेंट्रल सीट के बारे मे?"

"नही ले लिया है.",ब्लाउस खोल उन्होने काले ब्रा के गले मे से दिख रहे उसके सीने के हिस्से पे किस्सस की बौछार कर दी.

"कौन है वो?आआहह....!",भैया जी ने उसकी बाई चूची के नुमाया हिस्से को मुँह मे भर चूस लिया था.

"तुम जानेमन.",उन्होने ब्रा के बाए कप को नीचे कर राम्या की बाई चूची को निकाला & उसके निपल को ऐसे चूसने लगे मानो दूध पीते बच्चे हो.

"क्या?",राम्या ने उनके बाल पकड़ उनका सर उपर किया,"..यही इनाम दे रहे हैं मुझे मेरी मेहनत का!",उसके माथे पे शिकन पड़ी हुई थी.

"हां.",राम्या की आँखो मे आँसू छल्छला आए,"..अरे तुम्हे तो बात बुरी लग गयी.",भैया जी उसके उपर से उठे & पलंग के हेडबोर्ड से टेक लगा के बैठ गये & राम्या को अपनी बाहो मे खींच लिया मगरा राम्या ने अपनी नाराज़गी जताते हुए उनकी ओर अपनी पीठ कर ली.

"अच्छा मैं समझता हू.देखो,प्रधान के खिलाफ खड़ा होना यानी हारना है ना?",उन्होने दाए हाथ से उसकी ठुड्डी पकड़ अपनी ओर घुमाई तो राम्या ने बस हाँ मे सर हिला दिया,"..अब मैं ये कहु कि इस बार जो भी प्रधान के खिलाफ खड़ा होगा वो जीत के ही रहेगा तो तुम क्या कहोगी?"

"ये नामुमकिन है!",राम्या की आँखो से आँसू & शोले 1 साथ बरस रहे थे.

"मेरी जान,तुम बड़ी भोली हो.मैं कह रहा हू तो समझो प्रधान हार गया.",राम्या ने भैया जी की आँखो मे देखा,वो मज़ाक नही कर रहे थे.उन्होने उसके ब्लाउस को उसकी बाहो से नीचे खींचा & ब्रा के हुक्स खोल उसे भी उतार दिया.

"लेकिन ये कैसे होगा?",राम्या ने अपनी पीठ उनकी छाती से टीका दी तो भैया जी के बड़े-2 हाथ उसकी चूचियो को मसल्ने मे लग गये.

"प्रधान मेरी राह का सबसे बड़ा काँटा है & अब तो उसकी नज़र सीधा सीयेम की कुर्सी पे है & अगर 1 बार वो उसपे बैठ गया तो उसे हिलाना बहुत ही मुश्किल होगा..",राम्या ने अपनी बाहे पीछे ले जाके उनके गले मे डाली & उनके सर को अपने बाए कंधे के उपर झुकाया तो उन्होने उसका चेहरा चूम लिया & फिर उसकी आँखो मे देखने लगे,"..इस बार मैं ऐसी चाल चलूँगा कि प्रधान चुनाव हारेगा & तुम जीतगी.",उन्होने उसके कंधे के उपर से अपना सर & नीचे कर उसकी बाई चूची को अपने हाथ मे दबोच कर उपर किया & उसके निपल को चूसने लगे.

"ऊन्न्न्न्न..!",राम्या ने बेचैनी से उनके बाल खींचे & उनके सर को चूम लिया.

"ज़रा सोचो राम्या,प्रधान को हराने के बाद राज्य की सियासत मे तुम्हारा कितना नाम होगा & अगर हमारी सरकार बनी तो तुम उसमे मेरे नीचे मंत्री बन जाओगी.",राम्या के जिस्म मे बिजलिया दौड़ रही थी.भैया जी के हाथो ने ही नही उनकी बातो ने भी उसे काफ़ी गरम कर दिया था.भैया जी की बातो से उसके आगे बढ़ने के सपने सच होते दिख रहे थे.भैया जी अपनी जीभ की नोक के उसके निपल के भूरे दायरे पे घुमा रहे थे.

उसने उनके बाल पकड़ उन्हे आगे खींच के बिस्तर पे गिराया & फिर दोनो घुटने उनके जिस्म के दोनो ओर बिस्तर पे जमा के उनके पाजामे पे बैठ गयी & उनके सीने के बालो मे अपनी गोरी उंगलिया फिराने लगी.गुलाबी नैल्पोलिश से सजे नाख़ून वाली उंगलियो को भैया जी ने अपने हाथो मे थामा 1-1 करके चूसने लगे.राम्या आहे भरती बहुत हौले-2 उनके लंड पे कमर हिला अपनी चूत रगड़ने लगी.उनका तना लंड उसकी चूत के नीचे दबा उसे गुदगुदी कर रहा था.

भैया जी ने उसकी उंगलिया चूसने के बाद उसकी गुदाज़ बाहे पकड़ उसे अपने उपर खींच के लिटा लिया & उसके चेहरे को थाम उसके गले को चूमने लगे.उनके हाथ उसकी नंगी,संगमरमरी पीठ से फिसल कर नीचे गये & सारी के उपर से ही उसकी मस्त,चौड़ी गंद को दबोच लिया.अब राम्या पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी.वो उपर उठी & उनके पाजामे की डोर खीच उनके तड़प्ते लंड को बाहर निकाला फिर उनके उपर से उतरी & उनका पजमा निकाल उन्हे पूरा नंगा कर दिया.

भैया जी के सर के बाल पूरे सफेद थे & सीने के खिचड़ी मगर उनकी झांते अभी तक काली थी & उनसे घिरा उनका 8 इंच लंबा & निहायत मोटा लंड देख राम्या ने थूक गटका....इस लंड को देख उसकी खुमारी आसमान छुने लगती थी.बेझिझक वो झुकी & उनके लंड को अपने मुँह मे भर लिया.भैया जी कराह उठे.उन्होने ना जाने कितनी लड़कियो को चोदा था मगर कमसिन से कमसिन लड़की बिस्तर मे राम्या का मुक़ाबला नही कर सकती थी.

दाए हाथ से लंड को हिलाते हुए राम्या लंड के सूपदे को चूस्ते हुए उसपे अपनी कोमल जीभ फिरा रही थी.भैया जी जन्न्त मे थे.उन्होने राम्या का चेहरा पकड़ थोड़ा उपर कर आँखो से इशारा किया तो लंड मुँह से निकाले बिना राम्या मुस्कुराइ & अपनी कमर घुमा 69 पोज़िशन मे आ गयी.भैया जी ने उसकी सारी को उपर कर कमर तक किया तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा क्यूकी उसने पॅंटी नही पहनी थी.

उन्होने अपनी बाहे उसकी कमर पे कस अपनी बड़ी-2 हथेलिया उसकी गान्ड की कसी,मांसल फांको पे जमा के दबाई & अपनी जीभ राम्या की बिना बालो की चिकनी,गुलाबी चूत से सटा दी.उनकी जीभ राम्या की चूत की दरार पे फिर उसके अंदर बाहर होने लगी.उसकी चूत से लगातार बहते रस को वो चाटे जा रहे थे मगर जैसे रस बहना बंद ही नही हो रहा था.राम्या का मुँह भैया जी के मोटे लंड से भरा था मगर तब भी उसके गले से मस्तानी आवाज़े निकल रही थी.भैया जी ने उसकी गंद को दबाते हुए अपने बाए हाथ की बड़ी उंगली को उसके गंद के छेद मे घुसा दिया & उसके दाने को जीभ से छेड़ा तो राम्या ने लंड छ्चोड़ दिया & अपनी गर्दन घुमा अपना दाया गाल उनके लंड के बगल मे उनकी बाई जाँघ पे लगा दिया & आहे भरते हुए झड़ने लगी.

भैया जी ने उसे अपने उपर से उतरा तो उसने लेट के अपनी टाँगे हवा मे फैला दी.इस उम्र मे भी भैया जी का बदन बिल्कुल चुस्त था & जब वो उसके उपर झुक रहे थे तो राम्या उनके चौड़े सीने & मज़बूत बाजुओं की दिल ही दिल मे तारीफ किए बिना नही रह सकी.उसने गर्दन उठा के नीचे देखा-उनका लंड उसकी गीली चूत मे धीरे-2 घुस रहा था.उसे यू लंड को अपने अंदर जाते देखना बहुत अच्छा लगता था,उसका जोश और भी बढ़ जाता था.हाथो पे वज़न टिकाए लंड को पूरा अंदर घुसाने के बाद भैया जी ने जब हल्के धक्के लगाए तो राम्या ने उनकी बाहे थाम उन्हे सहलाना शुरू कर दिया.

"ऊहह..अपनी तरकीब मुझे नही बताएँगे?",उसने उनके गले मे बाने डाल उनकी गर्दन को नीचे किया तो भैया जी उसपे लेट गये,"...ऊन्नह....!",राम्या ने उन्हे अपनी बाहो मे भर लिया & उनके बदन को सहलाने लगी.

"जब वक़्त आएगा तो बताउन्गा जानेमन.अभी तो तुम बस डेवाले सेंट्रल से अपना पर्चा भरने की तैय्यरी करो.",भीयया जी ने अपने हाथ नीचे ले जाके उसकी गंद को दबोचा & ज़ोर-2 के धक्के लगाने लगे.8 इंच का लंड जब लगभग पूरा बाहर निकाल वो ज़ोर से दोबारा अंदर धंसा देते तो राम्या की मस्ती भरी चीख निकल जाती.उनकी पीठ पे उसके नखुनो के निशान गहरे होने लगे थे & वो दोबारा मदहोश होने लगी थी.

"कुच्छ तो बताइए...ऊओवव्वव.....!",भैया जी ने उसकी गंद को हाथो से मलते हुए बहुत ज़ोर का धक्का लगाया.इस उमर मे भी राम्या की चूत किसी 25-26 साल की लड़की जैसे कसी थी & उनका दिल भी मस्ती से भरा था.

राम्या ने अपनी टाँगे अब उनकी कमर पे कस दी थी & अपनी कमर उच्छाल रही थी.उसकी आँखे मूंद गयी थी.वो अपना सर दाए-बाए हिलाते बहुत ज़ोर से आहे भर रही थी & उसके हाथ भैया जी के बालो को खीच रहे थे & भैया जी उसकी गर्दन चूम रहे थे.

"आआन्न्न्नह....!",तभी उन्होने उसकी दाई चूची को मुँह मे भर के चूस्ते हुए खींचना शुरू कर दिया तो राम्या बहुत ज़ोर से कराही & उनके सर को थामे हुए उनसे और चिपक गयी.उसकी आँखे अभी भी बंद थी & उसका मुँह "ओ" के आकर मे खुला हुआ था उसका सीने बिस्तर से उठ भैया जी के मुँह मे घुसा हुआ था & उसका पूरा बदन जैसे अकड़ गया था.भैया जी के धक्के उसे अब बहुत असहनीय लग रहे थे & पूरे बदन मे 1 मीठा दर्द हो रहा था.तभी भैया जी ने 1 ज़ोर का धक्का लगाया & वो दर्द ख़त्म हो गया उसकी जगह ले ली उस अनूठे मज़े ने जिसकी चाह मे इंसान ये जिस्मो का खेल खेलता है.

मदहोश राम्या झाड़ चुकी थी & आँखे बंद किए बेहोश जैसी पड़ी थी.तभी उसे महसूस हुआ कि भैया जी उसके बदन को खींच रहे हैं.उसने अपनी आधी पलके खोली तो देखा की वो उसकी सारी & पेटिकोट उतार रहे हैं.उसने हल्के से अपनी गंद उचकाई & इस काम मे उनकी मदद की.

उसके कपड़े उतारने के बाद भैया जी उसके करीब आए & उसके सर पे बाया हाथ फेरते हुए दाए से उसकी चूचिया बहुत हल्के से दबाते हुए उसे चूमने लगे.इस किस मे थोड़ी देर पहले की बेसब्री नही थी बल्कि झड़ने के बाद का संतोष था.राम्या को पता था की भैया जी अभी झाडे नही हैं & अभी चुदाई और बाकी है.वो उसकी बाई तरफ अधलेटे से थे,उसने अपना बाया हाथ नीचे ले जाके उनके लंड को पकड़ के दबा दिया.

भैया जी उसे चूमते हुए मुस्कुराए & उसके निपल्स को अपने अंगूठे & 2 उंगलियो के बीच पकड़ के मसल दिया.उनके हाथ उसकी चूचियो से उतर उसके पेट पे घूमने लगे & फिर जहा तक उनकी पहुँच थी वो उसके गोरे,गुदाज़ जिस्म को सहलाते,दबाते रहे.

कुच्छ पॅलो बाद वो उठे & अपने घुटनो पे राम्या के सिरहाने बैठ गये.राम्या ने अपनी मांसल बाँहे उठाई & हाथ पीछे ले जा उनकी कमर को थामा & अपने सर को ज़रा से पीछे कर उसँके लंड के टोपे को चूम लिया.भैया जी ने अपने हाथ आगे बढ़ाए & उसकी मोटी चूचियो को 1 बार फिर मसल्ने लगे.राम्या ने अपने हाथो से उनके लंड को पकड़ कर उपर किया & फिर उनके आंडो पे जीभ फिराने के बाद उन्हे अपने मुँह मे भर चूसने लगी.

भैया जी के हाथ उसकी छाती की गोलाईयो को जी भर के मसलने के बाद आगे बढ़ उसके पेट पे पहुँचे & फिर उन्होने उसकी मोटी,भारी मगर पुष्ट जाँघो को फैलाया & आगे झुक उसकी रस बहाती चूत पे झुक गये.राम्या ने भी उनके प्रेकुं & उसके रस से भीगे लंड को अपने मुँह मे भर लिया & चूसने लगी.भैया जी हल्के से कमर हिला उसका मुँह चोद रहे थे & वो उनकी कमर को थामे उनकी गंद सहलाती अपनी कमर उचका उनकी जीभ का लुत्फ़ उठा रही थी कि तभी उसके बॅग मे रखा उसका मोबाइल बजा.

वो जानती थी कि किसका फोन है मगर इस वक़्त वो इस नशीले लम्हे मे कोई खलल नही चाहती थी & इसलिए उसने फोन की घंटी को नज़रअंदाज़ कर दिया लेकिन भैया जी ने ऐसा नही किया.राम्या का सर पलंग के सिरहाने या पैर की तरफ नही था बल्कि 1 साइड पे था.भैया जी ने उसकी चूत छ्चोड़ी तो उसे बहुत बुरा लगा मगर उसके मुँह मे उनका बड़ा लंड तो अभी भी था & वो उसे छ्चोड़ना नही चाहती थी.भैया जी ने अपना बाया हाथ बढ़ा के साइड-टेबल पे रखा बॅग उठा के मोबाइल निकाला & नंबर देख मुस्कुराए.बॅग किनारे रख उन्होने लंड चुस्ती राम्या के बाए हाथ को अपनी कमर से हटाया & उसमे फोन थमा दिया.

राम्या ने नंबर देखा तो लंड को मुँह से निकाला & फिर दाए हाथ से लंड को पकड़ अपने दाए गाल से सटा लिया,"हेलो."

"कहा हो तुम?कितनी देर हो गयी है?"

"सॉरी,दीपक.भैया जी के साथ हू..",उसने अपनी नज़रे उपर से उसे देख रहे भैया जी से मिलाई तो उन्होने ने अपना दाया हाथ उसके गाल पे लंड दबाए हाथ पे रख दिया & मुस्कुरा दिए,"..1 मसला खड़ा हो गया था..",राम्या ने लंड को मुट्ठी मे कस गाल से लगाए हुए ही हिलाया,"..उसे ही उनके साथ सुलझा रही थी.आने मे थोड़ी देर हो जाएगी.",वैसे ही उनसे नज़रे मिलाए हुए वो बड़ी शोखी से मुस्कुराइ तो भैया जी का जोश दुगुना हो गया.थोड़ी देर बाद जब उसने फोन रखा तो वो 1 बार फिर उसके उपर सवार हो गये & अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया.

"ऊऊव्व्वव....हाईईईईईई.....हान्ंनणणन्....आह...और ज़ोर से करिए.....आननह..!"

"तुम्हारा पति था?",भैया जी के हाथ उसके कंधो के नीचे से हो उसे अपनी बाँहो मे भरे हुए थे.

"हां.",राम्या ने 1 बार फिर अपनी क़ातिल बाँहो & टाँगो मे उनके जिस्म को क़ैद कर लिया.

"उसे ज़रा भी नही पता कि तुम यहा क्या करती हो?"


"उन..हुंग...आआहह......ऐसे ही ज़ोर से चोदिये..ऊऊओववववव......और अंदर..और अंदर डालिए अपने लंड को...आआआअहह....!",राम्या को पता था कि इस ख़याल से कि वो किसी और की बीवी को चोद रहे हैं,भैया जी जोश से पागल हो जाते थे,"..मेरे पति को तो चोदना ही नही आता...आहह...!",वो अपनी बातो से उनके जोश को बढ़ाए जा रही थी.

"उसका लंड कैसा है?",उन्होने उसे बाहो मे भरे हुए करवट ली & अपनी बाई बगल पे हो गये फिर उसकी गंद को दाए हाथ से थामा & ज़ोर-2 के धक्के लगाने लगे.

"बिल्कुल सूखा सा....हााईयईईईईई....पतला....छ्होटा......आपके तगड़े,मोटे...ऊऊऊहह..",भैया जी ने फिर उसे चित लिटा दिया था & उसके उपर चढ़ तेज़ी से धक्के लगा रहे थे.जोश के मारे राम्या की चूत कुच्छ और कस गयी थी & उनके मज़े की कोई इंतेहा नही थी,"..लंड के आगे तो वो कुच्छ भी नही...उउन्न्ञणनह....!",राम्या ने अपनी टाँगे उनकी कमर से उतार उनकी टाँगो के पीछे घुटनो के पिच्छले हिस्से के उपर फँसा के उनपे अपने तलवे जमाए,उसकी बाई बाँह उनकी पीठ को पकड़े थी & दाई से वो उनके बाए कंधे को थामे अपना सर बिस्तर से उठा उनके गर्दन के नीचे बाए कंधे के उपर काटते हुए नीचे से तेज़ी से अपनी कमर हिलाते हुए आहे भर रही थी.भैया जी भी सर उठाए उसकी हर्कतो का मज़ा उठाते हुए आहे भर रहे थे.तभी राम्या उनसे बिल्कुल चिपक गयी & उसके होंठ उनके कंधे पे बिल्कुल जम गये & उसका बदन उनके बदन के गिर्द बिल्कुल कस गया-वो फिर झाड़ रही थी & इस बार बहुत ज़्यादा शिदत के साथ.उसकी चूत और कस गयी थी & इस बार भैया जी ने अभी अपनी मंज़िल पे पहुँच अपना सफ़र ख़त्म करने का फ़ैसला किया-उनके आंडो से गाढ़े,गर्म वीर्य का सैलाब निकला जो उनके लंड के छेद से पिचकारियो की शक्ल मे निकला & राम्या की चूत को भरने लगा.भैया जी का जिस्म झटके खा रहा था & थोड़ी ही देर बाद वो अपनी पार्टी की उमीड़वार के उपर पड़े हाँफ रहे थे.

क्रमशः...........





KHEL KHILADI KA paart--5

gataank se aage..............
jasjit pradhan ki rally khatm ho chuki thi & ab bhaiya ji bhi lok vikas ke daftar se nikal apne sarkari bungle me chlae gaye the.shahar me unka apba bungla tha jaha unka parivar rahta tha magar bhaiya ji apne zaruri kaam apne sarkari bungle se hi karte the.bungle me dakhil ho vo seedha apne bedroom me gaye.

"aaiye,huzur.kitna intezar karwaya aapne!",palang se utha ramya unke kareeb aayi & unki gardan me apni baahe daal khadi ho gayi.aisa karne se uska aanchal dhalak gaya & uska gora cleavage bhaiya ji ki aankho ke samne chamak utha.unhone apne hath uski kamar ki baglo me lagaye & halke se vaha ke mans ko dabaya.

"unnnn..!",ramya ne mastani aah bhari jisne bhaiya ji ka josh badha diya.ramya aage hui & apne panv bhaiya ji ke panvo pe rakh panjo pe uchak unke honth chune lagi.bhaiya ji ne apni mazbut bahe uski kamar pe kasi & uske munh me apni zuban dakhil kaar di fir vaise hi uski jibh se apni jibh ladate unhone uski kamar pakad use hawa me utha liya & use bistar ke paas le aaye & use vaise hi bistar pe lita chumte hue uske upar chadh gaye.

ramya ne bhi apne hath unki pith pe fiarte hue unke kurte me ghusa diye & bhaiya ji ne jab uske nakhuno ki kharonch ko apni pith pe mehsus kiya to unki kamar apne aap hilne lagi & pajame me qaid unke lund ke dhakke ramya ki sari me chhupi chut pe padne lage.

"oonnn..",ramya unke bhari-bharkam badan ke neeche kasmasa rahi thi.usne vaise hi unka kurta nikala & unke baalo bhare seene & pith pe bechaini se hath firane lagi.bhaiya ji ne uske hotho ko chhod apna sar uthaya & uske blouse ke buttons kholne lage,"aapne sach me koi faisla nahi liya hai abhi tak devalay central seat ke bare me?"

"nahi le liya hai.",blouse khol unhone kale bra ke gale me se dikh rahe uske seene ke hisse pe kisses ki bauchhar kar di.

"kaun hai vo?aaaahhhh....!",bhaiya ji ne uski bayi chhati ke numaya hisse ko munh me bhar chus liya tha.

"tum janeman.",unhone bra ke baye cup ko neeche kar ramya ki bayi chhati ko nikala & uske nipple ko aise chusne lage mano doodh peete bachche ho.

"kya?",ramya ne unke baal pakad unka sar upar kiya,"..yehi inam de rahe hain mujhe meri mehnat ka!",uske mathe pe shikan padi hui thi.

"haan.",ramya ki aankho me aansu chhalchhala aaye,"..are tumhe to baat buri lag gayi.",bhaiya ji uske upar se uthe & palang ke headboard se tek laga ke baith gaye & ramya ko apni baaho me khinch liya magara ramya ne apni narazgi jatate hue unki or apni pith kar li.

"achha main samjhata hu.dekho,pradhan ke khilaf khada hona yari harna hai na?",unhone daye hath se uski thuddi pakad apni or ghumayi to ramya ne bas haan me sar hila diya,"..ab main ye kahu ki is baar jo bhi pradhan ke khilaf khada hoga vo jeet ke hi rahega to tum kya khogi?"

"ye namumkin hai!",ramya ki aankho se aansu & shole 1 sath baras rahe the.

"meri jaan,tum badi bholi ho.main keh raha hu to samjho pradhan haar gaya.",ramya ne bhaiya ji ki aankho me dekha,vo mazak nahi kar rahe the.unhone uske blouse ko uski baaho se neeche khincha & bra ke hooks khol use bhi utar diya.

"lekin ye kaise hoga?",ramya ne apni pith unki chhati se tika di to bhaiya ji ke bade-2 hath uski choohciyo ko masalne me lag gaye.

"pradhan meri raah ka sabse bada kanta hai & ab to uski nazar seedha CM ki kursi pe hai & agar 1 baar vo uspe baith gaya to use hilana bahut hi mushkil hoga..",ramya ne apni baahe peechhe le jake unke gale me dali & unke sar ko apne baye kandhe ke upar jhukaya to unhone uska chehra chum liya & fir uski aankho me dekhne lage,"..is baar main aisi chal chalunga ki pradhan chunav harega & tum jitogi.",unhone uske kandhe ke upar se apna sar & neeche kar uski bayi choochiy ko apne hath me daboch kar upar kiya & uske nipple ko chusne lage.

"oonnnnn..!",ramya ne bechaini se unke baal khinche & unke sar ko chum liya.

"zara socho ramya,pradhan ko harane ke baad rajya ki siyasat me tumhara kitna naam hoga & agar humari sarkar bani to tum usme mere neeche mantri ban jaogi.",ramya ke jism me bijliya daud rahi thi.bhaiya ji ke hatho ne hi nahi unki baato ne bhi use kafi garam kar diya tha.bhaiya ji ki baato se uske aage badhne ke sapne sach hote dikh rahe the.bhaiya ji apni jibh ki nok ke uske nipple ke bhure dayre pe ghuma rahe the.

usne unke baal pakad unhe aage khinch ke bistar pe giraya & fir dono ghutne unke jism ke dono or bistar pe jama ke unke pajame pe baith gayi & unke seene ke balo me apni gori ungliya firane lagi.gulabi nailpolish se saje nakhun vali ungliyo ko bhaiya ji ne apne hatho me thama 1-1 karke chusne lage.ramya aahe bharti bahut haule-2 unke lund pe kamar hila apni chut ragadne lagi.unka tana lund uski chut ke neeche daba use gudgudi kar raha tha.

bhaiya ji ne uski ungliya chusne ke baad uski gudaz baahe pakad use apne upar khinch ke lita liya & uske chehre ko tham uske gale ko chumne lage.unke hath uski nangi,sangmarmari pith se fisal kar neeche gaye & sari ke upar se hi uski mast,chaudi gand ko daboch liya.ab ramya puri tarah se madhosh ho chuki thi.vo upar uthi & unke pajame ki dor khicnh unke tadapte lund ko bahar nikala fir unke upar se utri & unka pjama nikal unhe pura nanga kar diya.

bhaiya ji ke sar ke baal pure safed the & seene ke khichdi magar unki jhante abhi tak kali thi & unse ghira unka 8 inch lumba & nihayat mota lund dekh ramya ne thuk gatka....is lund ko dekh uski khumari aasmaan chhune lagti thi.bejhijhak vo jhuki & unke lund ko apne munh me bhar liya.bhaiya ji karah uthe.unhone na jane kitni ladkiyo ko choda tha magar kamsin se kamsin ladki bistar me ramya ka muqabla nahi kar sakti thi.

daye hath se lund ko hilate hue ramya lund ke supade ko chuste hue uspe apni komal jibh fira rahi thi.bhaiya ji jannta me the.unhone ramya ka chehara pakad thoda upar kar aankho se ishara kiya to lund munh se nikale bina ramya muskurayi & apni kamar ghuma 69 position me aa gayi.bhaiya ji ne uski sari ko upar kar kamar tak kiya to unki khushi ka thikana na raha kyuki usne panty nahi pehni thi.

unhone apni baahe uski kamar pe kas apni badi-2 hatheliye uski gnad ki kasi,mansal fanko pe jama ke dabayi & apni jibh ramya ki bina baalo ki chikni,gulabi chut se sata di.unki jibh ramya ki chut ki darar pe fir uske andar bahar hone lagi.uski chut se lagatar behte ras ko vo chate ja rahe the magar jaise ras behna band hi nahi ho raha tha.ramya ka munh bhaiya ji ke mote lund se bhara tha magar tab bhi uske gale se mastani aavaze nikal rahi thi.bhaiya ji ne uski gand ko dabate hue apne baye hath ki badi ungli ko uske gand ke chhed me ghusa diya & uske dane ko jibh se chhed to ramya ne lund chhod diya & apni gardan ghuma apna daya gaal unke lund ke bagal me unki bayi jangh pe laga diya & aahe bharte hue jhadne lagi.

bhaiya ji ne use apne upar se utara to usne let ke apni taneg hawa me faila di.is umra me bhi bhaiya ji ka badan bilkul chust tha & jab vo uske upar jhuk rahe the to ramya unke chaude seene & mazbut bazuo ki dil hi dil me tarif kiye bina nahi reh saki.usne gardan utha ke neeche dekha-unka lund uski gili chut me dhire-2 ghus raha tha.use yu lund ko apne andar jate dekhna bahut achha lagta tha,uska josh aur bhi badh jata tha.hatho pe vazan tikaye lund ko pura andar ghusane ke baad bhaiya ji ne jab halke dhakke lagaye to ramya ne unki baahe tham unhe sehlana shuru kar diya.

"oohhhhh..apni tarkib mujhe nahi batayenge?",usne unke gale me bahe dal unki gardan ko neeche kiya to bhaiya ji uspe let gaye,"...oonnhhhhhh....!",ramya ne unhe apni baaho me bhar liya & unke badan ko sehlane lagi.

"jab waqt ayega to bataunga janeman.abhi to tum bas devalay central se apna parcha bharne ki taiyyari karo.",bhiaya ji ne apne hath neeche le jake uski gand ko dabocha & zor-2 ke dhakke lagane lage.8 inch ka lund jab lagbhag pura bahar nikal vo zor se dobara nadar dhansa dete to ramya ki masti bhari chikh nikal jati.unki pith pe uske nakhuno ke nishan gehre hone lage the & vo dobara madhosh hone lagi thi.

"kuchh to bataiye...ooowwww.....!",bhaiya ji ne uski gand ko hatho se maalte hue bahut zor ka dhakka lagaya.is umar me bhi ramya ki chut kisi 25-26 saal ki ladki jaise kasi thi & unka dil bhi masti se bhara tha.

Ramya ne apni tange ab unki kamar pe kas di thi & apni kamal uchhal rahi thi.uski ankhe mund gayi thi.vo apna sar daye-baye hilate bahut zor se ahe bhar rahi thi & uske hath Bhaiya Ji ke baalo ko khicnh rahe the & bhaiya ji uski gardan chum rahe the.

"AAAANNNNHHHHHH....!",tabhi unhone uski dayi chhati ko munh me bhar ke chuste hue khinchna shuru kar diya to ramya bahut zor se karahi & unke sar ko thame hue unse aur chipak gayi.uski ankhe abhi bhi band thi & uska munh "O" ke aakar me khula hua tha uska seene bistar se uth bhiaya ji ke munh me ghusa hua tha & uska pura badan jaise akad gaya tha.bhaiya ji ke dhake use ab baut asahniya lag rahe the & pure badan me 1 meetha dard ho raha tha.tabhi bhaiya ji ne 1 zor ka dhaka lagaya & vo dard khatm ho gaya uski jagah le li us anuthe maze ne jiski chah me insan ye jismo ka khel khelta hai.

madhosh ramya jhad chuki thi & aankhe band kiye behosh jaisi padi thi.tabhi use mehsus hua ki bhaiya ji uske badan ko khinch rahe hain.usne apni aadhi palke kholi to dekha ki vo uski sari & petticoat utar rahe hain.usne halke se apni gand uchkayi & is kaam me unki madad ki.

uske kapde utarne ke baad bhaiya ji uske karib aye & uske sar pe baya hath ferte hue daye se uski chhatiya bahut halke se dabate hue use chumne lagi.is kiss me thodi der pehle ki besabri nahi thi balki jhadne ke baad ka santosh tha.ramya ko pata tha ki bhaiya ji abhi jahde nahi hain & abhi chudai aur baki hai.vo uski bayi taraf adhlete se the,usne apna baya hath neeche le jake unke lund ko pakad ke daba diya.

bhaiya ji use chumte hue muskuraye & uske nipples ko apne anghuthe & 2 ungliyo ke beech pakad ke masal diya.unke hath uski chochiyo se utar uske pet pe ghumne lage & fir jaha tak unki pahunch thi vo uske gore,gudaz jism ko sehlate,dabate rahe.

kuchh palo bad vo uthe & apne ghutno pe ramya ke sirhane baith gaye.ramya ne apni mansal bahe uthayi & hath peechhe le ja unki kamar ko thama & apne sar ko zara se peechhe kar usnke lund ke tope ko chum liya.bhaiya ji ne apne hath age badhaye & uski moti choochiyo ko 1 bar fir masalne lage.ramya ne apne hatho se unke lund ko pakad kar upar kiya & fir unke ando pe jibh firane ke baad unhe apne munh me bhar chusne lagi.

bhaiya ji ke hath uski chhati ki golaiyo ko ji bhar ke maslane ke bad aage badh uske pet pe pahunche & fir unhone uski moti,bhari magar pusht jangho ko failaya & aage jhuk uski ras bahati chut pe jhuk gaye.ramya ne bhi unke precum & uske ras se bhige lund ko apne munh me bhar liya & chusne lagi.bhaiya ji halke se kamar hila uska munh chod rahe the & vo unki kamar ko thame unki gand sehlati apni kamar uchka unki jibh ka lutf utha rahi thi ki tabhi uske bag me rakha uska mobile baja.

vo janti thi ki kiska fone hai magar is waqt vo is nashile lamhe me koi khalal nahi chahti thi & isliye usne fone ki ghanti ko nazarandaz kar diya lekin bhaiya ji ne aisa nahi kiya.ramya ka sar palang ke sirhane ya pair ki taraf nahi tha balki 1 side pe tha.bhaiya ji ne uski chut chhodi to sue bahut bura laga magar uske munh me unka bada lund to abhi bhi tha & vo use chhodna nahi chahti thi.bhaiya ji ne apna baya hath badha ke side-table pe rakha bag utha ke mobile nikala & number dekh muskuraye.bag kinare rakh unhone lund chusti ramya ke baye hath ko apni kamar se hataya & usme fone thama diya.

ramya ne number dekha to lund ko munh se nikala & fir daye hath se lund ko pakad apne daye gal se sata liya,"hello."

"kaha ho tum?kitni der ho gayi hai?"

"sorry,Deepak.bhaiya ji ke sath hu..",usne apni nazre upar se use dekh rahe bhaiya ji se milayi to unhone ne apna daya hath uske gal pe lund dabaye hath pe rakh diya & muskura diye,"..1 masla khada ho gaya tha..",ramya ne lund ko mutthi me kas gal se lagaye hue hi hilaya,"..use hi unke sath suljha rahi thi.aane me thodi der ho jayegi.",vaise hi unse nazre milaye hue vo badi shokhi se muskurayi to bhaiya ji ka josh duguna ho gaya.thodi der baad jab usne fone rakha to vo 1 bar fir uske upar sawar ho gaye & apna lund uski chut me utar diya.

"oooowwww....haiiiiiii.....haannnnnn....ahhh...aur zor se kariye.....aannhhhhhh..!"

"tumhara pati tha?",bhaiya ji ke hath uske kandho ke neeche se ho use apni baho me bhare hue the.

"haan.",ramya en 1 bar fir apni qatil baho & tango me unke jism ko qaid kar liya.

"use zara bhi nahi pata ki tum yaha kya karti ho?"


"un..hunh...AAAAHHHH......aise hi zor se chodiye..OOOOOWWWWW......aur andar..aur andar daliye apne lund ko...AAAAAAAHHHHHH....!",ramya ko pata tha ki is khayal se ki vo kisi aur ki biwi ko chod rahe hain,bhaiya ji josh se pagal ho jate the,"..mere pati ko to chodna hi nahi aata...AAHHHHH...!",vo apni bato se unke josh ko badhaye ja rahi thi.

"uska lund kaisa hai?",unhone use baho me bhare hue karwat li & apni bayi bagal pe ho gaye fir uski gand ko daye hath se thama & zor-2 ke dhake lagane lage.

"bilkul sukha sa....HAAAAIIIIIIII....patla....chhota......aapke tagde,mote...OOOOOOHHHHHHHHH..",bhaiya ji ne fir use chit lita diya tha & uske upar chadh tezi se dhakke laga rahe the.josh ke mare ramya ki chut kuchh aur kas gayi thi & unke maze ki koi inteha nahi thi,"..lund ke aage to vo kuchh bhi nahi...UUNNNNNHHHHHHHH....!",ramya ne apni tange unki kamar se utar unki tango ke peechhe ghutno ke pichhle hisse ke uapr fansa ke unpe apne talwe jamaye,uski bayi banh unki pith ko pakde thi & dayi se vo unke baye kandhe ko thame apna sar nistar se utha unke gardan ke neeche baye kandhe ke upar kaatate hue neeche se tezi se apni kamar hilate hue aahe bhar rahi thi.bhaiya ji bhi sar uthaye uski harkato ka maza uthate hue aahe bhar rahe the.tabhi ramya unse bilkul chipak gayi & uske honth unke kandhe pe bilkul jam gaye & uska badan unke badan ke gird bilkul kas gaya-vo fir jhad rahi thi & is bar bahut zyada shidat ke sath.uski chut aur kas gayi thi & is baar bhaiya ji ne abhi apni manzil pe pahunch apna safar khatm karne ka faisla kiya-unke ando se gadhe,garm virya ka sailab nikla jo unke lund ke chhed se pichkariyo ki shakl me nikla & ramya ki chut ko bharne laga.bhaiya ji ka jism jhatke kha raha tha & thodi hi der baad vo apni party ki umeedvar ke upar pade hanf rahe the.

kramashah...........







आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँआपका दोस्तराज शर्मा(¨`·.·´¨) Always`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !`·.¸.·´ -- raj

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Posted By .....raj..... to Kamuk Kahaniyan.Com कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम at 11/02/2010 03:33:00 AM



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