FUN-MAZA-MASTI
एक बार वार्षिक परीक्षा के बाद मैं बनारस गया। वहां मेरे मामा रहते हैं। मामा एक छोटी सी प्राइवेट कुरियर कंपनी में काम करते हैं। उनके बेटे यानी मेरा ममेरा भाई हमसे एक साल बड़ा है। उसका नाम जमाल उद्दीन है। जब यह नाम लेकर उसे कोई बुलाता है तो उसे कुछ ख़ास खुशी नहीं होती है। इसलिए वो अपना नाम जमाल ना बताकर जिमी बताता है। अब सब लोग बनारस में उसे जिमी ही बुलाते हैं। वह एक साधारण सा टूरिस्ट गाइड है। मेरा भाई दिखने में भी अच्छा है, मेरा मतलब काफी आकर्षक है। हम दोनों हर तरह की बातें कर लेते हैं।
एक रात हम बाज़ार में घूम रहे थे कि अचानक एक विदेशी औरत आकर मेरे भाई से बात करने लगी। मेरा भाई भी उससे बातें करने लगा। कुछ समय बाद मुझे पता चला कि वो एक दूसरे को कुछ दिनों से जानते थे। मैंने भी उससे हाथ मिलाया और अपने बारे में बताया। काफी देर बाद बातें समाप्त होने पर वो चली गई। यारों मेरी इंग्लिश फास्ट तो नही है पर अगर कोई धीरे-धीरे बातें करता है तो समझ लेता हूँ।
वह देखने में काफी सेक्सी लग रही थी। वह करीब ३० साल की होगी पर भाई ने बताया की उसकी उम्र ४० साल है। मैं हैरान हो गया कि वह लग नहीं रही थी कि ४० साल की है। मेरे अनुसार वह ३० की होगी। जब मैं उसे देख रहा था तब मेरा भाई भी मुझे देख रहा था। घर जाने पर मैंने उससे कहा बहुत अच्छी थी। मेरे बोलने का मतलब वह समझ गया था। उसने मुस्कुराते हुए कहा कल देखते हैं। कल का मतलब मैं समझ गया था।
बस और क्या, मैं सुबह-सुबह तैयार होकर अपने भाई के साथ निकल गया। जल्द ही हम तीनों की मुलाक़ात हुई। उसने जींस और टी-शर्ट पहन रखी थी। काफी देर बातें होने पर मुझे पता चला कि उसका नाम जेन्नी है और वह जर्मनी की रहने वाली है। उस दिन पूरा दिन इधर-उधर घूमते रहे। शाम में उसने दो बियर की बोतल एक दूकान से खरीद ली।
जब हम उसे उसके होटल के कमरे तक छोड़ने गए तो उसने मेरे भाई से अन्दर आने को कही सो हम लोग अन्दर गए। फिर उसने अपने बैग से कुछ चाकलेट और मिक्स्चेर निकाली और मेज़ पर रख दी। फिर मेरा भाई नीचे ग्लास लेने के लिए चला गया। फिर मैंने उससे कुछ बातें की, जिस दौरान मुझे पता चला कि वह शादी-शुदा है और उसका एक १० साल का बेटा भी है। उस समय वह मुस्कुराकर बातें कर रही थी। तब तक मेरा भाई नीचे से तीन ग्लास लेकर आया और फिर बियर पीने का दौर चला। मैं तो बियर पीता नहीं हूँ पर मेरे भाई के कहने पर दो ग्लास पी ली। मैं ज्यादातर उन दोनों की बातें ही सुनता रहा था।
कुछ समय बाद वो एक दूसरे को छेड़ने लगे थे। उस औरत ने हम दोनो को अलग नजरों से देखा और फिर अचानक वो मेरे भाई के होंठो पर किस करने लगी। किस अब धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी। अब वो दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे थे। फिर देखते ही देखते उसने अपना टी-शर्ट और भाई का शर्ट उतार दी। मेरा भाई उसकी चुचियों को हलकी हलकी चुटकी में पकड़ रहा था। अचानक वो औरत घुटने के बल बैठकर मेरे भाई के पैंट के जिप खोलकर उसके तने हुए लण्ड अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी और फट से अपने मुंह में ले लिया।
शायद इतने जोश के कारण दोनों को याद भी नहीं रहा होगा कि मैं वहीं पर खड़ा होकर सारी क्रिया देख रहा हूँ। मैं उसके चूचों को गौर से देख रहा था जो कि काफी बड़े बड़े थे। यकीं मानो यार यह सब देखकर मेरा शेर पैन्ट में ही दहाड़ मार रहा था। मानो कह रहा था कि मुझे भी शिकार करना है। एक दम लोहे के जैसे लंबा और टाइट हो गया था। वो औरत मेरे भाई के लण्ड को काफी तेजी से चाट रही थी। मेरे भाई के मुंह से सिस्कारियां निकल रही थी। मेरे भाई को अपना लण्ड चुसवाने में पैन्ट से थोडी तकलीफ हो रही थी जिस कारण वह पैन्ट निकालने लगा।
इतने में उस औरत की नज़र मुझ पर पड़ी। वह मेरे लण्ड के उभरे भाग को पैंट पर देखने लगी और आगे बढ़कर मेरा पैंट फट से खोल दिया। फिर अन्डरवीयर खोलने पर मेरा लण्ड उसके मुंह के करीब था। जिसको फट से पकड़कर अपने मुंह में ले कर तेजी से चाटने लगी। कुछ मिनटों के बाद मुझे ऐसा लगा जैसे मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने फट से अपना लण्ड उसके मुंह से बाहर निकाला। क्योकि अभी तो काफी खेल बाकी था।
फिर हमने उसे पूरी की पूरी नंगी करके बेड पर लिटा दिया। मेरा भाई ने उसके पैरों को फैलाकर उसकी बूर पर अपना मुंह रख दिया। उसके बूर पर एक भी बाल नहीं था। मुझे लगता है कि वह बाल झड़ने वाला कोई क्रीम लगाती होगी। मेरा भाई उसके बूर को चाट रहा था। मैं उसकी चुचियों के पास जाकर उन्हें सहलाता सहलाता चाटने लगा। अब उसकी आवाजें बदलने लगी थी। पता नही क्या क्या वह इंग्लिश में बोले जा रही थी। उसकी आवाजें सुनकर मुझे भी जोश आने लगा था। जिस कारण मेरी भी चुचियां मसलने की स्पीड में और तेजी आ रही थी। मैं एक हाथ से उसके एक चूची को बड़ी बेरहमी के साथ मसल रहा था और दूसरी चूची को एक कुत्ते की तरह चाट रहा था। उसकी चूची मेरे चाटने से गीली हो गई थी। मैं कभी-कभी चाटते-चाटते उसे काट भी लेता था।
मेरा भाई तो मानो इस तरह लगा हुआ था कि आज उसकी बूर का सारा पानी निकाल ही देगा। मैं भी कम नहीं था, मसल मसल कर उसकी चूचियां एक दम ढीली कर दी। चूचियां झूलने लगी थी। वह तो केवल ओह …नो ओह….येस्स बोले जा रही थी। मानो उसे मज़ा के साथ-साथ दर्द भी हो रहा था। उधर मेरे भाई की इतनी कोशिश से बूर ने पानी छोड़ ही दिया था। कुछ पानी उसके चेहरे पर भी लग गया था। जिसे वह बेड-शीट से साफ कर रहा था।
फिर मेरे भाई ने उसे इस तरह बेड पर लिटाया कि उसके पैर बेड से नीचे हवा में झूल रहे थे। मेरा भाई उसके पैरों को फ़ैलाकर उसके सामने खड़ा हो गया। पैरों के फैलाव से उसकी बूर का छेद साफ नज़र आने लगा था। उसकी बूर का आकार आम लड़कियों के जैसा नहीं था, थोड़ा बड़ा था। ऐसा लगता था कि सैंकडो बार चुदा चुकी है। मेरे भाई ने अपना लण्ड हाथ में लेकर उसके बूर के छेद पर टिकाया और हल्का सा धक्का दिया जिससे उसका सारा लण्ड उसकी बूर में चला गया। वह औरत अब थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी। अब मेरा भाई भी उसे जवाब देने लगा था उसके मुंह से केवल ओह….येस्स ! ही निकला। बाद में वो ओह यस्…नाओ फ़्क मी फ़क मी ! बोलने लगी।
मेरा भाई ने अपना काम शुरू कर दिया था। वह लण्ड को अन्दर बाहर अब जोर जोर से करने लगा था। जिस कारण उस औरत की आवाजें बदलने लगी थी। मुझे समझ में नही आ रहा था कि अब मैं क्या करूं। मैंने भी अपना लण्ड संभाला और उसके मुंह में डाल दिया जिसे वह चूसने लगी। सिस्कारियों के कारण वह कभी कभी चूसना बंद कर देती। मैं जोश में आ गया था। मैंने उसके मुंह में ही हल्का हल्का धक्का मारना शुरू कर दिया था। धक्का मारने से मेरा लण्ड उसके गले तक जा रहा था।
करीब १० मिनट तक हम दोनों भाई इसी काम में लगे रहे। शायद मेरा भाई थोड़ा थक गया था जिस कारण वह उसकी बगल में लेट गया। पर वह औरत कहां मानने वाली थी। वह उठी और सीधे मेरे भाई के खड़े लण्ड पर बैठ गई जिससे लण्ड पूरा का पूरा बूर में चला गया। मैंने उसे मेरे भाई के आगे की और झुकने के लिए कहा जिससे उसकी गांड का छेद नज़र आ जाए। उसने वैसा ही किया जिससे उसकी ढीली चूचियां मेरे भाई के हाथो के करीब आ गयी। मेरा भाई उन्हें हाथो में लेकर मसलने लगा था। अब मैंने उसके ऊपर आकर उसके गांड के छेद पर अपना लण्ड सटाया और धक्का मारा तो लण्ड तो आधा अन्दर गया, पर उसकी आवाज़ में मुझे दर्द महसूस हुआ। मैंने महसूस किया की उसके गांड का छेद थोड़ा टाइट है। मैंने उसकी परवाह किए बगैर दूसरा धक्का मारा तो पूरा लण्ड उसके गांड में समां गया। इस बार दर्द की आवाज़ थोड़ा तेज थी। मैंने मोर्चा संभाला और धक्का मारना शुरू कर दिया था। गांड मराने में उसे दर्द महसूस हो रहा था।
जब मैं धक्का लगाता तो वह नीचे की तरफ़ जाती जिससे मेरे भाई का लण्ड उसके बूर में और समां जाता। मेरा भाई भी अपना लण्ड अन्दर बाहर कर रहा था। मेरा भाई नीचे से और मैं ऊपर से मोर्चा संभाल रहे थे। हम दोनों भाइयों के बीच मानो वह हिरनी फंस गई थी। मेरा भाई उसके चुचियों को मसले जा रहा था। मेरा लण्ड उसके गांड में अब तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था। कुछ समय बाद मेरे भाई की अजीब सी आवाज़ निकली और उसने अपना पानी उसकी बूर में ही छोड़ दिया। पानी बूर से बह कर वापस मेरे भाई के जाँघों और पेट पर बहने लगा। मेरा भाई झड़ चुका था। पर वह औरत नहीं झड़ी थी। वह केवल कम. .ओन…., कम.. ओन…. कहती रही पर मे्रे भाई का लण्ड शांत हो चुका था। वह औरत थोड़ी गुस्से में होने लगी थी।
" ऐसा ही होता है जब कम उम्र के लड़के को किसी दोगुने उम्र के औरत के साथ सेक्स करना पड़ता है "
मैंने सोचा बात न बिगड़ जाय। मैंने अपना लण्ड उसके गांड में से निकाला और उसे एक तरफ़ लिटा कर, पैरों को फैलाकर उसकी बूर में डाल दिया। पूरे जोश में धक्का मारने लगा। उसकी आवाज़ तेज होने लगी थी। फिर एक अजीब सी आवाज़ के साथ वह शांत हो गई थी पर मैंने धक्का मारना बंद नहीं किया था। उसके २ मिनट के बाद मैंने भी अपना पानी उसके बूर में भर दिया। फिर हम तीनो एक ही बेड पर लेट गए। करीब ३० मिनट के बाद मैं उठा तो उस औरत के चहरे पर खुशी झलक रही थी। वह मेरे भाई से कुछ इंग्लिश में कह रही थी- आज वह बहुत खुश है। ऐसा मज़ा उसे बहुत दिनों के बाद मिला है। वह मुझसे बहुत खुश थी।
फिर हम तीनो एक साथ बाथरूम में जा कर फ्रेश हुए। तब तक ११ बज चुके थे। हम दोनों भाई अपने घर जाने के लिए तैयार हो गए तो उस औरत ने मेरे होठों पर एक मीठा सा किस किया। मैं बहुत खुश हुआ। क्योंकि मुझे लड़की के होंठ बहुत पसंद है। उस पर अगर कोई किस करे तो क्या कहना। हमारे घर होटल से करीब ३० मिनट की दूरी पर थी इसलिए हम ११:३० में घर पहुंचे।
अगली शाम वह औरत दिल्ली जा रही थी और दिल्ली से सीधे जर्मनी। हम दोनों भाई उसे छोड़ने के लिए स्टेशन पर गए। उस औरत ने लिफाफे में कुछ पैसे मेरे भाई को दिए शायद वह गाइडिंग फीस थी। स्टेशन पर जाते समय उसने हम दोनों भाई को एक बार फिर किस की और फिर गले मिलकर चली गई। मैं भी कुछ दिनों के बाद अपने घर चला आया। उस दिन मैंने जाना कि अपने से दोगुने उम्र की औरत को शांत करना आसान काम नही है। पर दोस्तों वह औरत एक दम माल थी।
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
देशी लंड विदेशी चूत
एक बार वार्षिक परीक्षा के बाद मैं बनारस गया। वहां मेरे मामा रहते हैं। मामा एक छोटी सी प्राइवेट कुरियर कंपनी में काम करते हैं। उनके बेटे यानी मेरा ममेरा भाई हमसे एक साल बड़ा है। उसका नाम जमाल उद्दीन है। जब यह नाम लेकर उसे कोई बुलाता है तो उसे कुछ ख़ास खुशी नहीं होती है। इसलिए वो अपना नाम जमाल ना बताकर जिमी बताता है। अब सब लोग बनारस में उसे जिमी ही बुलाते हैं। वह एक साधारण सा टूरिस्ट गाइड है। मेरा भाई दिखने में भी अच्छा है, मेरा मतलब काफी आकर्षक है। हम दोनों हर तरह की बातें कर लेते हैं।
एक रात हम बाज़ार में घूम रहे थे कि अचानक एक विदेशी औरत आकर मेरे भाई से बात करने लगी। मेरा भाई भी उससे बातें करने लगा। कुछ समय बाद मुझे पता चला कि वो एक दूसरे को कुछ दिनों से जानते थे। मैंने भी उससे हाथ मिलाया और अपने बारे में बताया। काफी देर बाद बातें समाप्त होने पर वो चली गई। यारों मेरी इंग्लिश फास्ट तो नही है पर अगर कोई धीरे-धीरे बातें करता है तो समझ लेता हूँ।
वह देखने में काफी सेक्सी लग रही थी। वह करीब ३० साल की होगी पर भाई ने बताया की उसकी उम्र ४० साल है। मैं हैरान हो गया कि वह लग नहीं रही थी कि ४० साल की है। मेरे अनुसार वह ३० की होगी। जब मैं उसे देख रहा था तब मेरा भाई भी मुझे देख रहा था। घर जाने पर मैंने उससे कहा बहुत अच्छी थी। मेरे बोलने का मतलब वह समझ गया था। उसने मुस्कुराते हुए कहा कल देखते हैं। कल का मतलब मैं समझ गया था।
बस और क्या, मैं सुबह-सुबह तैयार होकर अपने भाई के साथ निकल गया। जल्द ही हम तीनों की मुलाक़ात हुई। उसने जींस और टी-शर्ट पहन रखी थी। काफी देर बातें होने पर मुझे पता चला कि उसका नाम जेन्नी है और वह जर्मनी की रहने वाली है। उस दिन पूरा दिन इधर-उधर घूमते रहे। शाम में उसने दो बियर की बोतल एक दूकान से खरीद ली।
जब हम उसे उसके होटल के कमरे तक छोड़ने गए तो उसने मेरे भाई से अन्दर आने को कही सो हम लोग अन्दर गए। फिर उसने अपने बैग से कुछ चाकलेट और मिक्स्चेर निकाली और मेज़ पर रख दी। फिर मेरा भाई नीचे ग्लास लेने के लिए चला गया। फिर मैंने उससे कुछ बातें की, जिस दौरान मुझे पता चला कि वह शादी-शुदा है और उसका एक १० साल का बेटा भी है। उस समय वह मुस्कुराकर बातें कर रही थी। तब तक मेरा भाई नीचे से तीन ग्लास लेकर आया और फिर बियर पीने का दौर चला। मैं तो बियर पीता नहीं हूँ पर मेरे भाई के कहने पर दो ग्लास पी ली। मैं ज्यादातर उन दोनों की बातें ही सुनता रहा था।
कुछ समय बाद वो एक दूसरे को छेड़ने लगे थे। उस औरत ने हम दोनो को अलग नजरों से देखा और फिर अचानक वो मेरे भाई के होंठो पर किस करने लगी। किस अब धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी। अब वो दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे थे। फिर देखते ही देखते उसने अपना टी-शर्ट और भाई का शर्ट उतार दी। मेरा भाई उसकी चुचियों को हलकी हलकी चुटकी में पकड़ रहा था। अचानक वो औरत घुटने के बल बैठकर मेरे भाई के पैंट के जिप खोलकर उसके तने हुए लण्ड अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी और फट से अपने मुंह में ले लिया।
शायद इतने जोश के कारण दोनों को याद भी नहीं रहा होगा कि मैं वहीं पर खड़ा होकर सारी क्रिया देख रहा हूँ। मैं उसके चूचों को गौर से देख रहा था जो कि काफी बड़े बड़े थे। यकीं मानो यार यह सब देखकर मेरा शेर पैन्ट में ही दहाड़ मार रहा था। मानो कह रहा था कि मुझे भी शिकार करना है। एक दम लोहे के जैसे लंबा और टाइट हो गया था। वो औरत मेरे भाई के लण्ड को काफी तेजी से चाट रही थी। मेरे भाई के मुंह से सिस्कारियां निकल रही थी। मेरे भाई को अपना लण्ड चुसवाने में पैन्ट से थोडी तकलीफ हो रही थी जिस कारण वह पैन्ट निकालने लगा।
इतने में उस औरत की नज़र मुझ पर पड़ी। वह मेरे लण्ड के उभरे भाग को पैंट पर देखने लगी और आगे बढ़कर मेरा पैंट फट से खोल दिया। फिर अन्डरवीयर खोलने पर मेरा लण्ड उसके मुंह के करीब था। जिसको फट से पकड़कर अपने मुंह में ले कर तेजी से चाटने लगी। कुछ मिनटों के बाद मुझे ऐसा लगा जैसे मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने फट से अपना लण्ड उसके मुंह से बाहर निकाला। क्योकि अभी तो काफी खेल बाकी था।
फिर हमने उसे पूरी की पूरी नंगी करके बेड पर लिटा दिया। मेरा भाई ने उसके पैरों को फैलाकर उसकी बूर पर अपना मुंह रख दिया। उसके बूर पर एक भी बाल नहीं था। मुझे लगता है कि वह बाल झड़ने वाला कोई क्रीम लगाती होगी। मेरा भाई उसके बूर को चाट रहा था। मैं उसकी चुचियों के पास जाकर उन्हें सहलाता सहलाता चाटने लगा। अब उसकी आवाजें बदलने लगी थी। पता नही क्या क्या वह इंग्लिश में बोले जा रही थी। उसकी आवाजें सुनकर मुझे भी जोश आने लगा था। जिस कारण मेरी भी चुचियां मसलने की स्पीड में और तेजी आ रही थी। मैं एक हाथ से उसके एक चूची को बड़ी बेरहमी के साथ मसल रहा था और दूसरी चूची को एक कुत्ते की तरह चाट रहा था। उसकी चूची मेरे चाटने से गीली हो गई थी। मैं कभी-कभी चाटते-चाटते उसे काट भी लेता था।
मेरा भाई तो मानो इस तरह लगा हुआ था कि आज उसकी बूर का सारा पानी निकाल ही देगा। मैं भी कम नहीं था, मसल मसल कर उसकी चूचियां एक दम ढीली कर दी। चूचियां झूलने लगी थी। वह तो केवल ओह …नो ओह….येस्स बोले जा रही थी। मानो उसे मज़ा के साथ-साथ दर्द भी हो रहा था। उधर मेरे भाई की इतनी कोशिश से बूर ने पानी छोड़ ही दिया था। कुछ पानी उसके चेहरे पर भी लग गया था। जिसे वह बेड-शीट से साफ कर रहा था।
फिर मेरे भाई ने उसे इस तरह बेड पर लिटाया कि उसके पैर बेड से नीचे हवा में झूल रहे थे। मेरा भाई उसके पैरों को फ़ैलाकर उसके सामने खड़ा हो गया। पैरों के फैलाव से उसकी बूर का छेद साफ नज़र आने लगा था। उसकी बूर का आकार आम लड़कियों के जैसा नहीं था, थोड़ा बड़ा था। ऐसा लगता था कि सैंकडो बार चुदा चुकी है। मेरे भाई ने अपना लण्ड हाथ में लेकर उसके बूर के छेद पर टिकाया और हल्का सा धक्का दिया जिससे उसका सारा लण्ड उसकी बूर में चला गया। वह औरत अब थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी। अब मेरा भाई भी उसे जवाब देने लगा था उसके मुंह से केवल ओह….येस्स ! ही निकला। बाद में वो ओह यस्…नाओ फ़्क मी फ़क मी ! बोलने लगी।
मेरा भाई ने अपना काम शुरू कर दिया था। वह लण्ड को अन्दर बाहर अब जोर जोर से करने लगा था। जिस कारण उस औरत की आवाजें बदलने लगी थी। मुझे समझ में नही आ रहा था कि अब मैं क्या करूं। मैंने भी अपना लण्ड संभाला और उसके मुंह में डाल दिया जिसे वह चूसने लगी। सिस्कारियों के कारण वह कभी कभी चूसना बंद कर देती। मैं जोश में आ गया था। मैंने उसके मुंह में ही हल्का हल्का धक्का मारना शुरू कर दिया था। धक्का मारने से मेरा लण्ड उसके गले तक जा रहा था।
करीब १० मिनट तक हम दोनों भाई इसी काम में लगे रहे। शायद मेरा भाई थोड़ा थक गया था जिस कारण वह उसकी बगल में लेट गया। पर वह औरत कहां मानने वाली थी। वह उठी और सीधे मेरे भाई के खड़े लण्ड पर बैठ गई जिससे लण्ड पूरा का पूरा बूर में चला गया। मैंने उसे मेरे भाई के आगे की और झुकने के लिए कहा जिससे उसकी गांड का छेद नज़र आ जाए। उसने वैसा ही किया जिससे उसकी ढीली चूचियां मेरे भाई के हाथो के करीब आ गयी। मेरा भाई उन्हें हाथो में लेकर मसलने लगा था। अब मैंने उसके ऊपर आकर उसके गांड के छेद पर अपना लण्ड सटाया और धक्का मारा तो लण्ड तो आधा अन्दर गया, पर उसकी आवाज़ में मुझे दर्द महसूस हुआ। मैंने महसूस किया की उसके गांड का छेद थोड़ा टाइट है। मैंने उसकी परवाह किए बगैर दूसरा धक्का मारा तो पूरा लण्ड उसके गांड में समां गया। इस बार दर्द की आवाज़ थोड़ा तेज थी। मैंने मोर्चा संभाला और धक्का मारना शुरू कर दिया था। गांड मराने में उसे दर्द महसूस हो रहा था।
जब मैं धक्का लगाता तो वह नीचे की तरफ़ जाती जिससे मेरे भाई का लण्ड उसके बूर में और समां जाता। मेरा भाई भी अपना लण्ड अन्दर बाहर कर रहा था। मेरा भाई नीचे से और मैं ऊपर से मोर्चा संभाल रहे थे। हम दोनों भाइयों के बीच मानो वह हिरनी फंस गई थी। मेरा भाई उसके चुचियों को मसले जा रहा था। मेरा लण्ड उसके गांड में अब तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था। कुछ समय बाद मेरे भाई की अजीब सी आवाज़ निकली और उसने अपना पानी उसकी बूर में ही छोड़ दिया। पानी बूर से बह कर वापस मेरे भाई के जाँघों और पेट पर बहने लगा। मेरा भाई झड़ चुका था। पर वह औरत नहीं झड़ी थी। वह केवल कम. .ओन…., कम.. ओन…. कहती रही पर मे्रे भाई का लण्ड शांत हो चुका था। वह औरत थोड़ी गुस्से में होने लगी थी।
" ऐसा ही होता है जब कम उम्र के लड़के को किसी दोगुने उम्र के औरत के साथ सेक्स करना पड़ता है "
मैंने सोचा बात न बिगड़ जाय। मैंने अपना लण्ड उसके गांड में से निकाला और उसे एक तरफ़ लिटा कर, पैरों को फैलाकर उसकी बूर में डाल दिया। पूरे जोश में धक्का मारने लगा। उसकी आवाज़ तेज होने लगी थी। फिर एक अजीब सी आवाज़ के साथ वह शांत हो गई थी पर मैंने धक्का मारना बंद नहीं किया था। उसके २ मिनट के बाद मैंने भी अपना पानी उसके बूर में भर दिया। फिर हम तीनो एक ही बेड पर लेट गए। करीब ३० मिनट के बाद मैं उठा तो उस औरत के चहरे पर खुशी झलक रही थी। वह मेरे भाई से कुछ इंग्लिश में कह रही थी- आज वह बहुत खुश है। ऐसा मज़ा उसे बहुत दिनों के बाद मिला है। वह मुझसे बहुत खुश थी।
फिर हम तीनो एक साथ बाथरूम में जा कर फ्रेश हुए। तब तक ११ बज चुके थे। हम दोनों भाई अपने घर जाने के लिए तैयार हो गए तो उस औरत ने मेरे होठों पर एक मीठा सा किस किया। मैं बहुत खुश हुआ। क्योंकि मुझे लड़की के होंठ बहुत पसंद है। उस पर अगर कोई किस करे तो क्या कहना। हमारे घर होटल से करीब ३० मिनट की दूरी पर थी इसलिए हम ११:३० में घर पहुंचे।
अगली शाम वह औरत दिल्ली जा रही थी और दिल्ली से सीधे जर्मनी। हम दोनों भाई उसे छोड़ने के लिए स्टेशन पर गए। उस औरत ने लिफाफे में कुछ पैसे मेरे भाई को दिए शायद वह गाइडिंग फीस थी। स्टेशन पर जाते समय उसने हम दोनों भाई को एक बार फिर किस की और फिर गले मिलकर चली गई। मैं भी कुछ दिनों के बाद अपने घर चला आया। उस दिन मैंने जाना कि अपने से दोगुने उम्र की औरत को शांत करना आसान काम नही है। पर दोस्तों वह औरत एक दम माल थी।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment