FUN-MAZA-MASTI
मेरी अपनी बहन रमा-2
अगले दिन सुबह जब राम सो कर उठी तो उस के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे । जग्गू से कास के चुदने के बाद उसे अपना शरीर हल्का लग रहा था और उस को अब पूरा विस्वास था के अब जग्गू को अपने वश मैं कर ही लेगी। उस ने अपने पेटी कोट बाँधा और ब्रा के बिना ही ब्लाऊज पहना और किचन मैं आ गयीउस ने दो कप चाय के लिए पानी गैस पर चढ़ाया और अपने बाल बाँधने लगी। तभी दो मजबूत बाँहों ने उसको पीछे से कस लिया और उस के पपीते जैसे मोम्मे मसलले जाने लगे। रमा को अब मालूम था के यह बाहें जग्गू की थी और उस ने इस नए आक्रमण का आनंद लेना शुरू कर दिया। वोह मुद कर जग्गू की गर्दन पर चुम्बन लगा रही थी। रमा के सहयोग से जग्गू मस्त हो गया और रमा का पेटी कोट खोल कर किचन के फर्श पर गिरा दिया रमा के नंगे चूतड फ़िर से जग्गू के सामने थे। उस ने रमा को पलता और घुटनों के बल बैठ कर उस की जांघों के बीच उस की चूत से जीभ सता दी। उस को रमा की छूट की सुगंध के साथ साथ रात की चुदाई के समय छोड़ा अपना ही वीर्य की मिश्रित गंध मिल रही थी। सब सोच सोच कर उस का लंड फ़िर से सांप की तरह फुफक्कारने लगा। रमा ने अपने प्रेमी की यह हालत देखी तो उस से रहा नहीं गया और वह भी किचन के फर्श पर बैठ कर जग्गू के लंड से खेलने लगी । फ़िर झुक कर उस ने लंड का सुपादा अपने मुंह मैं घुसा लिया और उस को लोलीपोप की तरह चूसने लगी । रमा को लंड चूसने मैं विशेष महारत हासिल थी जिस से जग्गू के मुंह से सी सी सी की आवाजें निकलने लगी।
"ओह जान क्या मस्त लैंड चूसती हो तुम" "कितनो को ऐसे चूसा तू ने ? आह आह आह आह .............
"आह राजा लंड भी तो मस्त है तेरा" तेरे जैसे मस्त लंड मिलते ही कितने हैं ? राज्जा उम्म्म उम्म्म्म उम्म्मम्म ...... कितनी औरतों को यह नसीब हुआ है अब तक ?
"ओह रमा आह आह आह्ह ......तू तीसरी है मेरी जान .....आह आह .... (जग्गू अपनी साली को भी चौद चुका था ) मगर ऐसी मस्त कोई नहीं " जग्गू मस्त होता जा रहा था।
"कोई बात नहीं प्यारे अब ऐश ही ऐश " उम्म्म उम्म्म पुच पुच आह " रमा बोली
जग्गू ने रमा को उठा कर गोदी मैं बैठा लिया और उन दोनों की जीभें एक दूसरे के मुंह को तलाशने लगी ।
उम्म्म्म .....आःह ..........उम्म्म आःह्ह
जग्गू ने रमा की टाँगे फैलाई और अपना लंड उस की रस भरी चूत मैं सरका दिया
"सी सी सी " रमा के मुंह से सीत्कार निकली
जगू ने उस के मोम्मे चूसना शुरू कर दिया।
रमा उछल उछल कर लंड को चूत मैं अन्दर बहार कर रही थी ।
दोनों मैं से किसी को ध्यान नहीं था के वो किचन के फर्श पर हैं और गैस पर चाय के लिए पानी उबल रहा है । चुदाई चीज़ ही ऐसी है ।
फच फच फच ....रमा की रस से भरी चूत मधुर संगीत देने लगी। और रस बह बह कर उस की चूत से गिर कर जग्गू की जाघें गीली कर रहा था। रमा के पपीते जैसे मोम्मे उछल रहे थे । जग्गू उन का पूरा मजा ले रहा था। कभी वह उन को चूसता कभी उन की घुंडी मरोड़ देता और कभी पूरी मोम्मे को मसल कर उन का आनद लेता। मोम्मे ले मोम्मे के मामले मैं जग्गू बहुत भाग्य शाली रहा था । उस की बीवी के मोम्मे भी बड़े बड़े थे और ढूढ़ जैसे सफ़ेद रंगे के थे । उस की साली पिंकी के मोम्मे तो कपड़े फाड़ कर बाहर आते हुए दिखायी देते थे और अब रमा के ४०डी साइज़ की ब्रा मैं फिट होने वाले मोम्मे पा कर वह फ़िर से एक बार धन्य हो रहा था ।
"ओह मेरी कुतिया मैं तुझे कुत्ते की तरह चोदना चाहता हूँ ....."
"आज जा मेरे यार तेरे लिए यह कुतिया है तैयार " कब के रमा घूम गयी और घुटने के बल हो गयी । रमा की गांड अब जग्गोऊ के सामने थी । उस का मन हुआ के वह अपना बहुजन रमा की गांड के गुलाबी छेद मैं घुसा दे । मगर अभी तो उसे राम की लस ल्सती चूत मैं अपना माल छोड़ कर बरसों की प्यास बुझानी थी । इस लिए उस ने झट से अपना लिंग रमा की चूत मैं वापिस डाला और उस के चूतड कास के पकड़ लिए और धक्के देना शुरू कर दिया।
"आह रानी ...................आह रानी ......."" जग्गू बोला
" ओह फाड़ दे चूत मेरी " रमा ने जवाब दिया । "और पेल मेरे राजा "
"यह ले मेरी रंडी " फच से जग्गूके लंड की टिप रमा की बचेदानी से जा टकराया और उस के अंड रमा के चूतड पर आ सटे। रमा को लगा आज ही वह गर्भ वती हो जायेगी । उसके मुंह से मीठी सी आह निकली । अपना चौथा बच्चा जग्गू के वीर्य से ही पैदा करेगी ऐसा सोच लिया उस ने ।
रमा चाहती थी यह चुदाई ज़िंदगी भर चलती रहे और जग्गू का मोटा लंड उस की चूत मैं फच फच करता रहे। मगर तभी वह झड़ने लगी और उस के शरीर मैं भूचाल aur chut main badh aa gayee । राम के पूरी तरह झड़ने के बाद भी जगू ने दो तीन मिनट तक उस को थोका और फ़िर उस की चूत को अपने माल से भर दिया।
चाय के बर्तन मैं पानी ख़तम हो चुका था मगर रमा की हिम्मत नहीं थी के वह चाय को देखे । उस ने अपनी आँखें बंद की और किचन के फर्श पर ही घुटनों के बल लुढ़क गयी।
जग्गू उठा और अपना मालऔर छूट के रस से सना हुआ लंड हुआ गैस तक गया । गैस बंद करके उसी दशा मैं आ के डबलबेद पर आ गिरा । अब उसे चूतों के लिए भटकना या तडपना नहीं पड़ेगा।
एक दिन दोपहर को अनु को मुंह बोला भाई राहुल एक पैकेट हाथ मैं ले कर चुपके से अनु के कमरे मैं घुस गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया यह देख कर मुझे कुछ शक़ हुआ और मैं कमरे के पीछे वाली खिड़की पर जा कर अंदर का नज़ारा देखने लगा
राहुल ने वह पैकेट अनु के हाथ मैं दिया और बोला "ले इस को पहन कर मुझे दिखा"
अनु पैकेट ले कर बाथरूम मैं गयी और थोड़ी देर मैं बहुत ही सेक्सी ब्रा और पेंटी मैं बहार आयी
"क्या क़यामत लग रही है तू " राहुल बोला और मैं भी यही सोच रहा था
सुहाग रात कब मनाएगी मेरे साथ " राहुल ने पूछा
चल पागल कहीं का वह सब शादी के बाद"
मैं ने ठान लिया इस की सुहाग रात तो मेरे साथ ही होनी है
अभी तो मुझे इस राहुल को रोकना होगा नहीं तो वह ही इस ब्रा और पेंटी मैं खड़ी कुंवारी कन्या को भोग लेगा
मैं ने अपना मोबाइल फ़ोन निकला और अनु के इस पोसे मैं फ़ोटो और एक छोटा सा विडिओ क्लिप बना लिया फिर सामने जा कर दरवाजा खटखटा दिया दोनों ने बहुत एर लगा कर दरवाजा खोला और दोनों पढ़ने बैठे हों ऐसे बैठे हुए थे
मैं ने जाते ही राहुल को दो तीन तमाचे दिए और उस को भगा दिया फिर अनु के बाल पकड़ कर पूछा "क्यूँ री क्या कर रही थी इस के साथ"
ताऊ जी हम तो पढ़ रहे थे वह रोते हुए बोली
अच्छा यह पढ़ाई करते हो तुम ? मैं ने मोबाइल निकाल क्र एक फ़ोटो उस को दिखा दिया
अब वह एक दम चुप थी और रोटी जा रही थी
चल आने दे अपनी माँ को मैं बताऊंगा उस को क्या पढ़ाई कर रही है उस की बेटी
नहीं ताऊ जी प्लीज मम्मी को कुछ मत बताना , आप जो कहोगे वह मैं करूंगी
अनु शायद जानती थी के रमा मेरे कहने पर उस के साथ कुछ भी कर सकती थी
अच्छा ऐसी बात है ? तो चल उतार यह कपडे और दिखा मुझे भी वह हुस्न जो अपने यार को दिखा रही थी
ताऊ जी प्लीज ऐसा मत कॆजिये…प्लेअसे
अच्छा अभी कह रही थी सब कुछ करेगी मेरे कहने पर ...मैं ऐसे प्लीज होने वाला नहीं हूँ
अनु ने रोते हुए अपना कुरता और सलवार उतार दी और ब्रा और पेंटी मैं आ गयी
वाह क्या हुस्न पाया था लड़की ने , बिलकुल माँ पर जा रही थी , रमा की तरह उस के भी भारी भरी स्तन थे और गांड मस्त होती जा रही थी मर्द का हाथ लगेगा तो और चमक जायेगी
इन को भी उतार
नहीं ताऊ जी , इतना ही ...
अच्छा ठीक हैं मुझे रमा से ही कह कर तेरी छूट के दर्शन करने पड़ेंगे
नहीं प्लीज अच्छा लीजिये आप कहते हैं तो
उस ने ब्रा उतार दी ... उफ़ मेरा लैंड मेरे कच्चे मैं उछलने लगा
अब मैं आगे बढ़ा और उस की पेंटी नीचे सरका कर उस की प्यारी प्यारी छूट को पहली बार मर्द की आँखों के सामने किया
उस ने जांघें सिकोड़ कर अपने नंगे पैन को छुपाना चाहा मगर मैं ने उस को दोअबोच लिया
और अपने कपडे उतारने लगा
जल्दी ही मेरे लौड़ा बहार आ गया और मैं ने अनु को बिस्तर पर पटक डाला और उस के मुंह पर अपने होंठ दबा दिए जिस से उस की अवायज़ ही न निकले
फिर जबदरदस्ती उस की टाँगे फैला कर उस की छूट को अपने लैंड के सामने किया और उस के छेड़ मैं घुसा दिया
अनु दर्द से छटपटा रही थी और उस की आँखों से आंसूं निकल रहे थे मगर इस के इलावा उस ने कुछ नहें किया
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मेरी अपनी बहन रमा-2
अगले दिन सुबह जब राम सो कर उठी तो उस के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे । जग्गू से कास के चुदने के बाद उसे अपना शरीर हल्का लग रहा था और उस को अब पूरा विस्वास था के अब जग्गू को अपने वश मैं कर ही लेगी। उस ने अपने पेटी कोट बाँधा और ब्रा के बिना ही ब्लाऊज पहना और किचन मैं आ गयीउस ने दो कप चाय के लिए पानी गैस पर चढ़ाया और अपने बाल बाँधने लगी। तभी दो मजबूत बाँहों ने उसको पीछे से कस लिया और उस के पपीते जैसे मोम्मे मसलले जाने लगे। रमा को अब मालूम था के यह बाहें जग्गू की थी और उस ने इस नए आक्रमण का आनंद लेना शुरू कर दिया। वोह मुद कर जग्गू की गर्दन पर चुम्बन लगा रही थी। रमा के सहयोग से जग्गू मस्त हो गया और रमा का पेटी कोट खोल कर किचन के फर्श पर गिरा दिया रमा के नंगे चूतड फ़िर से जग्गू के सामने थे। उस ने रमा को पलता और घुटनों के बल बैठ कर उस की जांघों के बीच उस की चूत से जीभ सता दी। उस को रमा की छूट की सुगंध के साथ साथ रात की चुदाई के समय छोड़ा अपना ही वीर्य की मिश्रित गंध मिल रही थी। सब सोच सोच कर उस का लंड फ़िर से सांप की तरह फुफक्कारने लगा। रमा ने अपने प्रेमी की यह हालत देखी तो उस से रहा नहीं गया और वह भी किचन के फर्श पर बैठ कर जग्गू के लंड से खेलने लगी । फ़िर झुक कर उस ने लंड का सुपादा अपने मुंह मैं घुसा लिया और उस को लोलीपोप की तरह चूसने लगी । रमा को लंड चूसने मैं विशेष महारत हासिल थी जिस से जग्गू के मुंह से सी सी सी की आवाजें निकलने लगी।
"ओह जान क्या मस्त लैंड चूसती हो तुम" "कितनो को ऐसे चूसा तू ने ? आह आह आह आह .............
"आह राजा लंड भी तो मस्त है तेरा" तेरे जैसे मस्त लंड मिलते ही कितने हैं ? राज्जा उम्म्म उम्म्म्म उम्म्मम्म ...... कितनी औरतों को यह नसीब हुआ है अब तक ?
"ओह रमा आह आह आह्ह ......तू तीसरी है मेरी जान .....आह आह .... (जग्गू अपनी साली को भी चौद चुका था ) मगर ऐसी मस्त कोई नहीं " जग्गू मस्त होता जा रहा था।
"कोई बात नहीं प्यारे अब ऐश ही ऐश " उम्म्म उम्म्म पुच पुच आह " रमा बोली
जग्गू ने रमा को उठा कर गोदी मैं बैठा लिया और उन दोनों की जीभें एक दूसरे के मुंह को तलाशने लगी ।
उम्म्म्म .....आःह ..........उम्म्म आःह्ह
जग्गू ने रमा की टाँगे फैलाई और अपना लंड उस की रस भरी चूत मैं सरका दिया
"सी सी सी " रमा के मुंह से सीत्कार निकली
जगू ने उस के मोम्मे चूसना शुरू कर दिया।
रमा उछल उछल कर लंड को चूत मैं अन्दर बहार कर रही थी ।
दोनों मैं से किसी को ध्यान नहीं था के वो किचन के फर्श पर हैं और गैस पर चाय के लिए पानी उबल रहा है । चुदाई चीज़ ही ऐसी है ।
फच फच फच ....रमा की रस से भरी चूत मधुर संगीत देने लगी। और रस बह बह कर उस की चूत से गिर कर जग्गू की जाघें गीली कर रहा था। रमा के पपीते जैसे मोम्मे उछल रहे थे । जग्गू उन का पूरा मजा ले रहा था। कभी वह उन को चूसता कभी उन की घुंडी मरोड़ देता और कभी पूरी मोम्मे को मसल कर उन का आनद लेता। मोम्मे ले मोम्मे के मामले मैं जग्गू बहुत भाग्य शाली रहा था । उस की बीवी के मोम्मे भी बड़े बड़े थे और ढूढ़ जैसे सफ़ेद रंगे के थे । उस की साली पिंकी के मोम्मे तो कपड़े फाड़ कर बाहर आते हुए दिखायी देते थे और अब रमा के ४०डी साइज़ की ब्रा मैं फिट होने वाले मोम्मे पा कर वह फ़िर से एक बार धन्य हो रहा था ।
"ओह मेरी कुतिया मैं तुझे कुत्ते की तरह चोदना चाहता हूँ ....."
"आज जा मेरे यार तेरे लिए यह कुतिया है तैयार " कब के रमा घूम गयी और घुटने के बल हो गयी । रमा की गांड अब जग्गोऊ के सामने थी । उस का मन हुआ के वह अपना बहुजन रमा की गांड के गुलाबी छेद मैं घुसा दे । मगर अभी तो उसे राम की लस ल्सती चूत मैं अपना माल छोड़ कर बरसों की प्यास बुझानी थी । इस लिए उस ने झट से अपना लिंग रमा की चूत मैं वापिस डाला और उस के चूतड कास के पकड़ लिए और धक्के देना शुरू कर दिया।
"आह रानी ...................आह रानी ......."" जग्गू बोला
" ओह फाड़ दे चूत मेरी " रमा ने जवाब दिया । "और पेल मेरे राजा "
"यह ले मेरी रंडी " फच से जग्गूके लंड की टिप रमा की बचेदानी से जा टकराया और उस के अंड रमा के चूतड पर आ सटे। रमा को लगा आज ही वह गर्भ वती हो जायेगी । उसके मुंह से मीठी सी आह निकली । अपना चौथा बच्चा जग्गू के वीर्य से ही पैदा करेगी ऐसा सोच लिया उस ने ।
रमा चाहती थी यह चुदाई ज़िंदगी भर चलती रहे और जग्गू का मोटा लंड उस की चूत मैं फच फच करता रहे। मगर तभी वह झड़ने लगी और उस के शरीर मैं भूचाल aur chut main badh aa gayee । राम के पूरी तरह झड़ने के बाद भी जगू ने दो तीन मिनट तक उस को थोका और फ़िर उस की चूत को अपने माल से भर दिया।
चाय के बर्तन मैं पानी ख़तम हो चुका था मगर रमा की हिम्मत नहीं थी के वह चाय को देखे । उस ने अपनी आँखें बंद की और किचन के फर्श पर ही घुटनों के बल लुढ़क गयी।
जग्गू उठा और अपना मालऔर छूट के रस से सना हुआ लंड हुआ गैस तक गया । गैस बंद करके उसी दशा मैं आ के डबलबेद पर आ गिरा । अब उसे चूतों के लिए भटकना या तडपना नहीं पड़ेगा।
पहली बार रमा को चोदने के बाद जग्गू अब उस को लगातार चोदने लगा
रमाँ को चोदने के लिए वह हर हफ्ते रमा के शहर चला जाता और उन दोनों का सारा समय बेद रूम मैं ही बीतता था। दो दिन और तीन रात लगातार चुदाई के बाद जब जग्गू वापिस जाता तो मुझे ही रमा का कमरा साफ़ करना पड़ता । उस मैं कहीं रमा की पैंटी कहीं ब्रा और ढेर सारे कंडोम बिस्तर के नीचे जग्गू के वीर्य से भरे हुए मिलते।
मगर इस रिश्ते के बाद रमाँ ने कभी भी मुझे न के साथ सोने से मन नहीं किया इस लिए मैं भी यह सब देख कर चुप रही
रमा और जग्गू की चुदाई से सब से गलत असर पड़ा रमा की बेटी अनु पर।
इन्ही दिनों अनु ने एक मुंह बोला भाई बना डाला और वह कभी भी घर मैं आता जाता था और दोनों एक कमरे मैं बैठ कर पढ़ते थे। यह बात जग्गू को पता चल गयी और वह अनु की कुंवारी चूत प्राप्त करने की योजना बनाने लगा।
एक दिन दोपहर को अनु को मुंह बोला भाई राहुल एक पैकेट हाथ मैं ले कर चुपके से अनु के कमरे मैं घुस गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया यह देख कर मुझे कुछ शक़ हुआ और मैं कमरे के पीछे वाली खिड़की पर जा कर अंदर का नज़ारा देखने लगा
राहुल ने वह पैकेट अनु के हाथ मैं दिया और बोला "ले इस को पहन कर मुझे दिखा"
अनु पैकेट ले कर बाथरूम मैं गयी और थोड़ी देर मैं बहुत ही सेक्सी ब्रा और पेंटी मैं बहार आयी
"क्या क़यामत लग रही है तू " राहुल बोला और मैं भी यही सोच रहा था
सुहाग रात कब मनाएगी मेरे साथ " राहुल ने पूछा
चल पागल कहीं का वह सब शादी के बाद"
मैं ने ठान लिया इस की सुहाग रात तो मेरे साथ ही होनी है
अभी तो मुझे इस राहुल को रोकना होगा नहीं तो वह ही इस ब्रा और पेंटी मैं खड़ी कुंवारी कन्या को भोग लेगा
मैं ने अपना मोबाइल फ़ोन निकला और अनु के इस पोसे मैं फ़ोटो और एक छोटा सा विडिओ क्लिप बना लिया फिर सामने जा कर दरवाजा खटखटा दिया दोनों ने बहुत एर लगा कर दरवाजा खोला और दोनों पढ़ने बैठे हों ऐसे बैठे हुए थे
मैं ने जाते ही राहुल को दो तीन तमाचे दिए और उस को भगा दिया फिर अनु के बाल पकड़ कर पूछा "क्यूँ री क्या कर रही थी इस के साथ"
ताऊ जी हम तो पढ़ रहे थे वह रोते हुए बोली
अच्छा यह पढ़ाई करते हो तुम ? मैं ने मोबाइल निकाल क्र एक फ़ोटो उस को दिखा दिया
अब वह एक दम चुप थी और रोटी जा रही थी
चल आने दे अपनी माँ को मैं बताऊंगा उस को क्या पढ़ाई कर रही है उस की बेटी
नहीं ताऊ जी प्लीज मम्मी को कुछ मत बताना , आप जो कहोगे वह मैं करूंगी
अनु शायद जानती थी के रमा मेरे कहने पर उस के साथ कुछ भी कर सकती थी
अच्छा ऐसी बात है ? तो चल उतार यह कपडे और दिखा मुझे भी वह हुस्न जो अपने यार को दिखा रही थी
ताऊ जी प्लीज ऐसा मत कॆजिये…प्लेअसे
अच्छा अभी कह रही थी सब कुछ करेगी मेरे कहने पर ...मैं ऐसे प्लीज होने वाला नहीं हूँ
अनु ने रोते हुए अपना कुरता और सलवार उतार दी और ब्रा और पेंटी मैं आ गयी
वाह क्या हुस्न पाया था लड़की ने , बिलकुल माँ पर जा रही थी , रमा की तरह उस के भी भारी भरी स्तन थे और गांड मस्त होती जा रही थी मर्द का हाथ लगेगा तो और चमक जायेगी
इन को भी उतार
नहीं ताऊ जी , इतना ही ...
अच्छा ठीक हैं मुझे रमा से ही कह कर तेरी छूट के दर्शन करने पड़ेंगे
नहीं प्लीज अच्छा लीजिये आप कहते हैं तो
उस ने ब्रा उतार दी ... उफ़ मेरा लैंड मेरे कच्चे मैं उछलने लगा
अब मैं आगे बढ़ा और उस की पेंटी नीचे सरका कर उस की प्यारी प्यारी छूट को पहली बार मर्द की आँखों के सामने किया
उस ने जांघें सिकोड़ कर अपने नंगे पैन को छुपाना चाहा मगर मैं ने उस को दोअबोच लिया
और अपने कपडे उतारने लगा
जल्दी ही मेरे लौड़ा बहार आ गया और मैं ने अनु को बिस्तर पर पटक डाला और उस के मुंह पर अपने होंठ दबा दिए जिस से उस की अवायज़ ही न निकले
फिर जबदरदस्ती उस की टाँगे फैला कर उस की छूट को अपने लैंड के सामने किया और उस के छेड़ मैं घुसा दिया
अनु दर्द से छटपटा रही थी और उस की आँखों से आंसूं निकल रहे थे मगर इस के इलावा उस ने कुछ नहें किया
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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