Friday, July 24, 2015

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--10

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--10


 काम्या की आँखे बंद थी और वो धीरे -२ बाबूजी के सुपाड़े पर अपनी जीभ चला रही थी। कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मदनलाल ने और आगे बढ़ने का निश्चय किया। उसने दोनों हाथों से बहु का सिर पकड़ा और धीरे से कमर चला दी लगभग चार इन्च लण्ड काम्या के मुंह में चला गया। मदनलाल बहु का सिर पकडे -२ कमर आगे पीछे करने लगा। काम्या ने बैलेंस बनाये रखने के लिए बाबूजी की नंगी कमर पकड़ ली। लगभग दो मिनिट तक ससुर प्यारी बहुरानी की माउथ फकिंग करता रहा। जब मदनलाल को भरोसा हो गया कि बहु नाराज़ नहीं है तब उसने अपनी कमर का मूवमेंट रोक दिया और काम्या के सिर आगे पीछे करने लगा। कुछ देर तक वो अपने हाथ से बहु का सिर चलाता रहा फिर उसने अपने हाथ हटा लिए। लेकिन अनोखा आश्चर्य बहु का सर अभी भी चल रहा था। काम्या की आँखे बंद थी चेहरे में लाली छाई हुई थी पर वो सम्मोहित सी बाबूजी को ब्लो जॉब कर रही थी।

मदनलाल जिस नज़ारे की कल्पना महीनो से कर रहा था आज वो साक्षात हो रहा था। बहु के गुलाबी होंठो में फंसा उसका हथियार उसे बेहद ख़ुशी दे रहा था। दरअसल कहा जाए तो जितनी ख़ुशी उसे आज लण्ड से प्राप्त हो रही थी उससे हजार गुना ज्यादा ख़ुशी उसे अपनी आँखों से प्राप्त हो रही थी। वो सोच रहा था कि इस दृश्य देखने के लिए उसके पास हज़ार आँखे क्यों न हुई।
लंड चुसाई का मज़ा लेते -२ लगभग पांच मिनिट हो चुके थे अब उसके अन्डकोशों में उबाल आने लगा उसे लगा की किसी भी क्षण वो झड़ सकता है तो उसने फिर से बहु का सर पकड़ा और उसका मुख चोदने लगा। लाखों साल के शारीरिक विकास क्रम से ये सहज वृत्ति विकसित हुई है कि स्खलन के ठीक पहले पुरुष का शरीर अपने आप गतिमान हो जाता है और वो स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लेता है। मदनलाल तेजी से बहु को चोदने लगा।उसके लिंग नसें फूलने लगी लिंग का साइज भी मोटा होता जा रहा था। काम्या पहली बार मुख मैथुन करवा रही थी इसलिए अंदाज़ नहीं लगा पाई की बाबूजी झड़ने वाले हैं। इधर मदनलाल ने गहरा शॉट मारा और काम्या के अंदर रबड़ी उड़ेलने लगा। वीर्य के मुख में गिरते ही काम्या ने बाबूजी को हटाना चाहा लेकिन हटा नहीं पाई। बाबूजी ने बहु को पूरा वीर्यपान करा के ही लण्ड बाहर निकाला। लण्ड मुंह से बाहर निकलते ही काम्या बोल पड़ी --
काम्या :-- छिः छिः बाबूजी ! कितनी गन्दी चीज़ हमारे मुंह में डाल दिया।
बाबूजी :-- क्या बोल रही हो बहु। या गन्दी नहीं बल्कि सबसे शुद्ध चीज़ है।
काम्या :-- अच्छा ये कहाँ से शुद्ध हो गया ।
बाबूजी :- बहु ! it is the purest form of protein of a human body. ये तो हमारे शरीर का तेज़ ,ओज और सत्व है। और ये तो बहुत पवित्र चीज़ भी है।
काम्या :-- क्या ???? अब ये पवित्र कैसे हो गया ।
मदनलाल :-- क्योंकि ये नए जीवन सृजन करता है। जैसे नवजात शिशु पवित्र होता है वैसे ही ये उसका बीज रूप होने के कारण पवित्र है साथ ही साथ ये तुम्हारे लिए अत्यंत सेहतमंद भी है।
काम्या :-- सेहतमंद मतलब ?
मदनलाल :- हनी साइंस कहता है कि जो स्त्री वीर्य का सेवन करती है वो अधिक समय तक जवान रहती है। उसकी स्किन खिली -२ और लावण्य से भरपूर रहती है।
काम्या :-- यही ज्ञान मम्मी को दिया होगा तभी तो वो वीडियो में आपका सब पी रही थी।
मदनलाल :-- वो तो अब तुम भी पियोगी
काम्या :-- whattt क्या जबरदस्ती पिलाओगे ? मदनलाल को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वो तुरंत बोला --
मदनलाल :-- पागल हो क्या ? हम तुमसे कभी जबरदस्ती कर सकते हैं ? वो तो हम इसलिए कह रहे थे कि कोई भी स्त्री अपने प्रेमी के इतने अनमोल खजाने को व्यर्थ नहीं जाने दे सकती।
काम्या :-- लेकिन आपने हमसे चीटिंग की है। आपने बोला था ब्लो के लिए नहीं बोलेंगे फिर क्यों कराया ?
मदनलाल :-- हमने तो बिलकुल नहीं बोला। आपने जब किसिंग चालु की तबके बाद हम अब बोल रहे हैं।
काम्या :-- मतलब हमने खुद ही sucking की है। but how it is possible ?
मदनलाल :-- हनी इसमें कुछ भी अनहोनी नहीं है। स्त्री और पुरुष का शारीरिक और मानसिक विकास ही इस तरह हुआ है कि स्त्री अपनी अचेतन की गहराइयों में से ही पुरुष अंग को अपने भीतर समां लेना चाहती है। ये एक सहज वृति है इसे सीखने की जरूरत नहीं पड़ती। जब तुम lick कर रही थी तब अनायास ही तुमने इसे अपने मुंह में ले लिया और परिपूर्णता का अनुभव करने लगी।
काम्या :--- लेकिन आप तो माल निकालते समय हट सकते थे आपने तो और अंदर ठेल दिया।
मदनलाल :-- हनी ये भी एक सहजवृत्ति है। केवल पुरुष नहीं ही बल्कि सभी नर प्रजाति स्खलन के समय अपने बीज को मादा की अधिकतम गहराइयों में डालना चाहते हैं। खैर छोड़ो ये तो अब रूटीन वर्क हो जायेगा।
काम्या :-- धत बदमाश कही के। ऐसा कुछ ही नहीं होगा।
उसके बाद अगले दो दिन sucking के बाद स्खलन के समय काम्या ने अपना मुंह हटा लिया लेकिन दोनों ही दिन उसका चेहरा और चादर वीर्य से भिड़ गए।


काम्या के सामने धर्म संकट था कि अगर suck करेगी तो cum shot पीना पड़ेगा या फिर sucking ना करे।
लेकिन वो sucking छोड़ना भी नहीं चाहती थी क्योंकि पहला तो वो बाबूजी को खुश देखना चाहती थी और दूसरा उसे अब लम्बे मोटे लण्ड का अपने मुंह में जाना बड़ा रोमांचकारी लगने लगा था। जब वो बाबूजी का लण्ड चूसती तो बाबूजी की सिसकारियाँ सुनकर उसे ऐसा लगता जैसे बाबूजी उसके गुलाम हो गए हैं। लण्ड चुसाई अब उसका रोज़ काम हो गया था।
एक दिन दोपहर में जब वो आराम कर रही थी तभी मधु का फ़ोन आ गया !


 उसे अब लम्बे मोटे लण्ड का अपने मुंह में जाना बड़ा रोमांचकारी लगने लगा था। जब वो बाबूजी का लण्ड चूसती तो बाबूजी की सिसकारियाँ सुनकर उसे ऐसा लगता जैसे बाबूजी उसके गुलाम हो गए हैं। लण्ड चुसाई अब उसका रोज़ काम हो गया था।
एक दिन दोपहर में जब वो आराम कर रही थी तभी मधु का फ़ोन आ गया !

मधु का फ़ोन कई महीनो बाद आया था। काम्या ने रिसीव किया
काम्या :--- हाय मधु कैसी है
मधु :-- i am fine darling और तू कैसी है।
काम्या :-- मैं भी ठीक हूँ और मोहन कैसा है मोहन मधु का पति था
मधु :-- मोहन को तो कंपनी ने दो साल के लिए us भेज दिया है
काम्या :-- ओह हो। अरे यार तब तो तेरी बड़ी मुश्किल हो गई है। जानू रात को तो बहुत दिक्कत होती होगी ?
मधु :-- हाँ यार। शुरू के दो महीने तो मुश्किल में कटे लेकिन फिर मैंने इंतजाम कर लिया
काम्या :-- व्हाट। व्हाट डू यू मीन बय इंतजाम कर लिया।
मधु :-- बेबी इंतजाम मतलब रात का साथ
काम्या :-- kyaaaa : कौन है वो। तू सच बोल रही है
मधु :-- हाँ जान मैं सच बोल रही हूँ
काम्या :-- लेकिन वो है कौन ?
मधु :-- अरे यार। it is so simple . बेटा ही तो विदेश गया है न बाप तो नहीं गया।
काम्या :-- मतलब! अरे यार क्लियर बता। मैं समझ नहीं पा रही हूँ
मधु :--- अरे यार। मैंने अपने father in law से टांका भिड़ा लिया है।
काम्या :--- whatttttttt . मधु तू ये क्या बोल रही है। have you gone mad ?
मधु :-- नो बेबी। i am alright . लेकिन मैं अपना दो साल खराब भी तो नहीं कर सकती थी ना
काम्या :--- लेकिन ये हुआ कैसे। how you made it possible .
मधु :-- वेरी सिंपल। डार्लिंग ये ही तो पावर दिया है उपर वाले ने औरतों को। स्त्री का बदन देख कर मर्द सारे रिश्ते नाते भूल जाते हैं और लार टपकाने लगते हैं। वैसे तो जब भी मैं बाज़ार जाती या पार्क में जाती तो कॉलोनी के सभी लड़के चारों तरफ मंडराने लगते लेकिन जबसे मोहन us गए तो सबकी उम्मीदे बहुत बड़ गई थी मानो थोड़ी सी मेहनत से मैं पके आम की तरह उनकी झोली में टपक जाऊँगी।
काम्या :-- फिर तूने क्या किया ?
मधु :-- देख यार हालांकि उनमे से कई लड़के स्मार्ट थे लेकिन मैं बदनाम होने का रिस्क नहीं ले सकती थी। मगर दूसरी तरफ मेरा जिस्म मुझे बहुत परेशान कर रहा था। काम्या डार्लिंग ऐसा है अगर लड़की शादी न करे तो शांति से जिंदगी काट सकती है लेकिन अगर उसने शादी कर ली और लण्ड का स्वाद चख लिया तो फिर उसके बिना रहा नहीं जाता। घर में मैं और पापा बस दो ही थे अचानक मेरे दिमाग में ये ख्याल आया कि why not father in law ? सब काम घर के अंदर ही हो जायगा।जिंदगी बिलकुल टेंशन फ्री। मैंने सोचा अगर "" पापा को पटा डाला ,तो लाइफ हो जाएगी झींगालाला "" बस मैंने जाल बिछाना चालू कर दिया।
काम्या :--- ओह माय गॉड। यू आर जस्ट अ निम्फ़ो। फिर तूने क्या बता
मधु :-- पूछ क्यों रही है कमीनी ? तुझे भी निम्फ़ो बनना है क्या
काम्या :-- सॉरी यार ! डोंट टेक ईट ओदर वाइज। प्लीज बता न हाउ यू seduced योर FIL
मधु :-- कुछ नहीं करना पड़ा यार। मैंने भी वही किया जो हजारों साल से औरते करती आ रही हैं। बस अपना बदन expose करने लगी और पापा जी का दिमाग सरकने लगा। कभी मैं बिना साडी पहने केवल ब्लाउज और पेटीकोट में किचन काम करने लगती तो पेटीकोट से उभरी हुई मेरी गाण्ड बाबूजी को छुरी जैसे दिल पर लगती। कभी मैं घुटनो तक पारदर्शी नाइटी पहन लेती। उसमे से झांकती मेरी मांसल गोरी जांघे पापा को पागल करने लगती। कभी मैं डीप कट ब्लाउज पहन कर उनके सामने पोंछा लगाने लगती। एक दिन मैंने छोटी सी कुर्ती पहनी और उसके नीचे एक अल्ट्रा शार्ट मिनी स्कर्ट पहन ली। स्कर्ट इतनी छोटी थी कि केवल मेरे हिप्प्स को ही ढँक पा रही थी। उसके नीचे से मेरी चिकनी ,गोल गोल बिना रोएं वाली वाली जांघ खुलेआम नुमाया हो रही थी।

मैं दो कप चाय लेकर गई और वहीँ बैठ गई। हम लोग आमने सामने बैठे थे। पापा लगातार मेरी मादक और कामोत्तेजक thighs को देख रहे थे। फिर धीरे से मैंने टाँग के उपर टाँग चढ़ा ली। मुझे पूरे विश्वास था कि पापा को अब पैंटी भी दिख रही होगी। इतने दिनों में पापा भी समझ चुके थे कि मैं उनको लाइन दे रही हूँ। एक तो मेरी जालिम जवानी उपर से उनका विधुर जीवन। आखिर उन्होंने भी बहती गंगा में डुबकी लगाने का फैसला कर लिया। काफी देर तक मेरी चिकनी जांघों को देखने बाद वो बोले
काम्या :-- क्या बोले पापा
मधु :-- थोड़ा सबर कर। तेरे को ज्यादा जल्दी पड़ी है सुनने की
काम्या :-- सॉरी सॉरी। तू आराम से बता।
पापा :-- बहु तुमने ये स्कर्ट कब खरीदी। पहले कभी देखी नहीं
मधु :-- जी पापा वो जब हमलोग हनीमून गए थे गोवा तब इन्होने जबरदस्ती खरीद दी थी। अच्छी नहीं लग रही क्या ?
पापा :--नहीं नहीं बहु। बहुत अच्छी लग रही है। तुम्हारे लेग्स स्पेशली thighs इतनी वेल शेप्ड और सेक्सी हैं कि तुमको स्कर्ट ,जीन्स शॉर्ट्स बहुत जमते हैं। हम तो कह रहे हैं घर में रोज यही पहन करो। कम्फ़र्टेबल भी लगेगा।
मधु :-- रोज कैसे पहनेगे पापा ? एक ही तो है।
पापा :-- कोई बात नहीं। हम और ले आएंगे। किन्तु एक रिक्वेस्ट है ?
मधु :-- क्या पापा ?
पापा :-- इसे पहन कर बाहर मत जाना। बस घर में पहना करो
मधु :-- क्यों पापा बाहर क्यों नहीं ? मधु ने पैर बदलते हुए कहा।
दोनों खिलाडी अपनी अपनी चालें चल रहे थे। मधु जानती थी कि मर्द की सबसे बड़ी कमज़ोरी नारी का शरीर है इस लिए वो अपने बदन की नुमाइश कर रही थी खाश कर अपनी जांघों की क्योंकि उसे शुरू से अपनी thighs पर कोम्प्लिमेंट्स मिलते थे।मोहन भी उसकी सेक्सी जांघों का दीवाना था। इधर ससुर भी जानता था कि स्त्री की सुंदरता की तारीफ आदि काल से ही उसकी कमज़ोरी रही है वो एकदम पिन पॉइंट अटैक कर रहा था। मधु अपनी मादक ,जालिम जांघे दिखा रही थी तो वो भी फिलहाल सिर्फ जांघों की तारीफ कर रहा था
पापा :-- बहु पहला कारण तो ये है कि तुम्हारी thighs इतनी सेक्सी हैं की अगर बाहर कोई लड़के uncontrol हो गए तो तुम परेशानी में फंस जाओगी।
मधु :-- दूसरा कारण
पापा :-- दूसरा कारण ये है कि तुम हमारे घर की अमानत हो ,हमारे घर की धरोहर हो। हम नहीं चाहते कि हमारी दौलत को कोई और देखे।
मधु :-- पापा हम आपकी नहीं आपके बेटे की अमानत हैं।
पापा :-- बहु एक ही बात है। जैसे बाप का सबकुछ बेटे का होता है वैसे बेटे का भी सब कुछ बाप का ही तो हुआ ना
मधु :-- वाह पापा आप तो बड़े चालाक निकले। फिर मधु उठी और गाँड मटकाते हुए चल दी।
मधु ने काम्या को बताया की उसी दिन शाम पापा ने उसके लिए दो माइक्रो स्कर्ट ला दी।
काम्या :-- फिर आगे क्या हुआ बता न।
मधु :-- दुसरे दिन मैंने और क़यामत ढा दिया .


 काम्या :-- दूसरे दिन क्या किया बता न।
मधु :-- दुसरे दिन जब मैं नहाने को निकली पापा अंदर आँगन में पेपर पढ़ रहे थे। उनको देखकर मुझे शरारत सूझ गई। जब मैं बाथरूम से निकली तो सिर्फ एक टॉवल लपेटे अपने रूम को को चल दी। टॉवल बूब्स के उपर से नीचे groin एरिया के बाल बस को कवर कर पा रहा था। टॉवल के नीचे मेरी गोरी -२ मांसल गोल मटोल कदली जांघे बिलकुल नंगी थी। जब मैं पापा के पास से मटकती हुई निकली तो ससुर जी मुंह फाड़े मेरी पठों को देखने लगे। लोवर के अंदर उनका लण्ड ठुनकी मारने लगा था। एक बारगी तो मैं डर गई कि आज मेरा रेप होकर रहेगा। कमरे में पहुँच कर भी मेरी टाँगे काँप रही थी। टॉवल के नीचे मैंने ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी थी। मैं सोचने लगी कि अगर गलती से भी टॉवल गिर जाता तो आज घर में जलजला आ जाता जिसमे सब मर्यादा बह जाती। शर्म मारे मैं एक घंटे तक कमरे से बाहर नहीं निकली। एक घंटे के बाद मैंने फिर से साहस बटोरा और सोचा कि जब सिर कटवाना है तो ओखली से क्या डरना। मैंने एक छोटी सी स्किन फिट टीशर्ट पहनी और पापा की लायी माइक्रो स्कर्ट पहन कर नाश्ता बनाने के लिए बाहर आ गई। पापा बाहर कहीं दिखाई नहीं दिए। वो अपने कमरे में आँख मूंदे लेटे थे। मैंने पुछा --
मधु :-- पापा क्या हुआ ? इस समय क्यों लेटे हो ?
पापा :-- कुछ नहीं बहु। बस थोड़ा सिर दर्द कर रहा है।
मधु :-- अरे हमको तो बताना था।
पापा :-- हम बताने आने वाले थे लेकिन फिर हमने सोचा जब तुम बाहर टॉवल में घूम रही हो तो पता नहीं रूम में कहीं बिना कपडे के ही न घूम रही हो। ऐसा कहकर वो कामुक नज़रों से हमारी thighs देखकर अपने होंठो में जीभ फेरने लगे।
मधु :-- धत बेशरम कहीं के। वो तो हम नहा के निकले थे। आप रुकिए हम अभी नवरतन तेल लगा देते हैं। मधु पीछे घूम के चल दी ,चलते समय उसने तिरछी नज़र से देखा कि ससुर लोअर के उपर से अपने उसको मसल रहे थे। इधर ससुर पीछे से उसकी गांड और नंगी जांघों देख कर बुदबुदाया "" बहु तुम्हारे ये लेग पीस किसी दिन हमसे तुम्हारा उद्धार करवा देंगे। मधु अपने कमरे से नवरत्न लेकर आई और ससुर के कमरे में जाकर उनके बिस्तर में पालथी मारकर बैठ गई। फिर उसने ससुर का सिर अपनी गोद में रखा और तेल मलने लगी। पालथी मार कर बैठने से मधु की स्कर्ट पीछे हो गई थी उसकी गदराई जांघे दिखने लगी थी। पापा चित लेटे हुए थे मधु धीरे -२ मालिश कर रही थी। उसने देखा पापा के लोवर में तम्बू बन गया है। कुछ देर बाद मधु बोली ---
मधु :- पापा ,अब करवट ले लो। दूसरी तरफ भी मालिश कर दें।
बहु के कहने पर जैसे ही ससुर ने करवट ली उसकी आँखों के सामने मधु की ताज़ी -२ चिकनी जांघे आ गई। मधु हौले -२ मालिश करती रही। कुछ देर तक तो ससुर बर्दास्त करता रहा फिर अचानक वो मधु की जांघों को किस करने लगा। ससुर के होंठ अंदरुनी जांघों पर लगते ही मधु गनगना गई। आज ढाई महीने बाद उसकी जांघों को किसी ने किस किया था। वो बहुत गरम हो गई। ससुर लगातार उसकी जांघों को चूम और चाट रहा था। आखिर मधु बोल पढ़ी --
मधु :--- पापा प्लीज , मत कीजिये गुदगुदी हो रही है। ससुर कुछ देर शांत रहा और फिर दुबारा मधु जांघों को चूमने लगा। इस बार वो दांत भी काट रहा था। ससुर की हरकतों से मधु पानी छोड़ने लगी तो उसने उलाहना देते हुए बोला
मधु :-- पापा लगता है आपका सिर दर्द ठीक हो गया है तभी आपको इतनी मस्ती सूझ रही है। बहु के मुख से मस्ती शब्द सुन ससुर समझ गया कि लाइन क्लियर है और चढ़ाई कर देनी चाहिए। सो वो बोला :---
पापा :-- बहु सिर दर्द तो ठीक हो गया लेकिन कहीं और दर्द होने लगा है।
मधु :-- बताइये न कहाँ दर्द हो रहा है। वहां भी तेल लगा दें। उसकी बात सुनकर ससुर पलटा लोअर खिसका कर अपने खूंटे को बाहर निकाल कर बोला --
पापा :-- बहु इसमें दर्द शुरू हो गया है। इसमें भी तेल लगा दो। ससुर का लण्ड देख कर मधु की आँखों में चमक आ गई। उनका सामान आकर प्रकार में बिलकुल मोहन जैसा ही मज़बूत था। जब मोहन अपना हथियार निकालते थे तो वो लपक कर मुंह में भर लेती थी लेकिन अभी सिर्फ दूर से देख रही थी। ससुर एक बार फिर बोला
पापा :-- बहु लो इसको भी तेल लगा दो
मधु :--- धत ! हमको इसको तेल लगाते नहीं आता। हमने कभी नहीं लगाया।
पापा :-- क्यों मोहन इसको मालिश नहीं करवाता क्या ?
मधु :-- जी नहीं। उन्होंने इसको कभी तेल नहीं लगवाया
पापा :-- खैर उसको तेल लगवाने की जरूरत ही नहीं पढ़ती होगी। वो तो अपने उसको सीधा तेल की कढ़ाई में डूबो देता होगा। ससुर की बात का अर्थ समझ कर मधु का चेहरा लाल हो गया। ससुर एक बार फिर बोला
पापा :-- बहु बहुत दर्द कर रहा है। थोड़ा तेल मल दो ना।
मधु :-- पापा हमसे नहीं होगा। हम ने कभी नहीं किया।
ससुर ने सोचा अब टाइम खराब करना बेकार है इसलिए बोला
पापा :--- तुम तेल नहीं लगा रही तो हम ही इसे कढ़ाई में डुबो देते हैं।
अचानक ससुर उठ बैठा और लोअर उतार कर बिलकुल नंगा हो गया फिर उसने मधु को अपनी बांहों में भरकर चूमने लगा ,उसके हाथ तेज़ी से मधु के कपडे उतारने लगे। मधु विरोध कर रही थी पर उसका विरोध कमज़ोर और महज़ दिखावा था। अगले पांच मिनिट बाद मधु बिस्तर में नंगी पड़ी थी और उसके ससुर उसके उपर आ बैठे। ससुर की आंन्खे एकदम लाल हो गई थी। उन्होंने मधु की टाँगे उठाई और अपना लण्ड उसकी चूत के मुहाने में सेट कर दिया। चूत में लण्ड के अहसास से ही मधु गरमा गई। आज कई महीने बाद चूत के द्वार पर किसी मेहमान ने दस्तक दी थी। उसकी चूत ख़ुशी से पानी बहाने लगी। ससुर ने सांस खींची और एक जोरदार शॉट मारा अगले ही पल मधु चिल्ला पड़ी "" पापा धीरे ,बहुत दर्द हो रहा "" , सुपाड़ा अंदर धंस गया था। लेकिन उसके ससुर आज कुछ सुनने के मूड में नहीं थे उन्होंने अगले तीन धक्कों में लण्ड को जड़ तक चूत में उतार दिया। मधु की चूत में तीन महीने बाद लण्ड घुसा था इसलिए एडजस्ट करने में उसे थोड़ा तकलीफ हो रही थी वो ससुर के हर शॉट पर केवल कराहती रही। जड़ तक लण्ड घुसने के बाद ससुर थोड़ा रुके शायद उन्हें तस्सली हो गई थी कि किला फतह हो गया है। उन्होंने प्यार से बहु का चेहरा पकड़ा और बेतहाशा किस करने लगे। फिर आई कबूतरों की बारी ,उन्हें तो उनने इतना मसला कि मधु के आंसू निकल आये। अबतक मधु ने भी उनके मूसल को अच्छी तरह एडजस्ट कर लिया था। ससुरा फिर पम्पिंग करने लगा। कुछ देर बाद कामानन्द में डूबी मधु भी नीचे से ताल मिलाने लगी। बहु को ताल से ताल मिलाते देख ससुर बिलकुल बौरा गया उसने अपनी मालगाड़ी को शताब्दी में बदल दिया। पूरे कमरे में थप थप की मादक ध्वनि गूंजने लगी जो ससुर बहु के नशे को और बढ़ा रही थी। ससुर लगभग पांच साल बाद किसी स्त्री का भोग कर रहा था इसलिए मधु के जवान जिस्म की तपिस और ताज़ी नई चूत की कसावट के सामने वो ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया और दो मिनिट में ही उसका ज्वालामुखी फट पढ़ा। उसने ढेर सारा लावा बहु की कोख में उड़ेल दिया। उसका लावा मधु की बंजर भूमि में बारिस की फुआर बनकर आया। मधु जो अभी तक अपने को रोके हुए थी इस लावे के ताप से पिघल गई और झरने की तरह बहने लगी।





1 comment:

MOHIT said...

Mast story

Please update

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