Friday, July 24, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..23

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..23



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अब आगे
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अजय को लगभग खींचते हुए अपने कमरे में ले गयी सोनी..और अंदर पहुँचते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया

अजय : "यार...तुमने बताया ही नही की सब घर पर ही है आज...मैने तो सोचा था की तुम्हारी फैमिली के सभी लोग बाहर गये है, इसलिए तुमने आज शाम का ये प्रोग्राम बनाया है...''

सोनी : "तुम्हे कोई प्राब्लम है क्या...वैसे भी हमारे घर में कोई किसी से सवाल नही करता, जो जिसकी मर्ज़ी होती है वो कर लेता है...हमारे घर का कल्चर काफ़ी ओपन टाइप का है ...समझे..''

सोनी ने अपनी एक आँख मारते हुए अजय से कहा और धीरे-2 चलती हुई उसके पास आ गयी और उसकी कमर में हाथ डालकर अजय को अपने जिस्म से सटा लिया
और उसके होंठों के पास अपने लबों को लेजाकर धीरे से बोली : "तुम भी तो कितने मज़े से मेरी बहन को नहाते हुए देखकर मज़े ले रहे थे...अगर मेरे घर मे ऐसा खुलापन ना होता तो क्या तुम देख पाते इतनी छोटी सी लड़की को नहाते हुए..जो अभी ढंग से जवान भी नही हुई है...''

अजय कुछ ना बोल पाया...कह तो वो सही रही थी..और ऐसे खुलेपन को देखकर अजय भी एंजाय कर रहा था.

अजय : "ओके ...मैं समझ गया...तुम्हारी बहन का तो कुछ नही...पर तुम्हारे पापा...वो भी तो नीचे ही है...वो भी कुछ नही कहते क्या...''

सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ये सब उन्हे पता है...उन्हे तो मैने सुबह ही बता दिया था की मेरा एक बी एफ आने वाला है...और मैं जब भी अपने किसी दोस्त को घर बुलाती हूँ तो इसका मतलब चुदाई ही होता है..ये उनको भी पता है..वो अपनी लाइफ में मस्त रहते है और हम लोग अपनी में ...''

अजय भी मुस्कुराया और बोला : "सही है यार...ऐसा बाप सभी को मिलना चाहिए''

सोनी ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई : "यस ...बिल्कुल सही कहा...और ऐसी माँ भी..''

अजय तो उसकी माँ के बारे में पूछना ही भूल गया था

"ओहो...मैं तो भूल ही गया तुम्हारी मोम के बारे में पूछना...वो कहाँ है..''

सोनी : "वो अपने एक बॉय फ्रेंड के साथ यूरोप के टूर पर गयी है...''

अजय का माथा भन्ना गया ये सुनकर...उपर से नीचे तक सभी मस्ती मार रहे है यहाँ तो.

सोनी : "और जाने से पहले मोम ने स्पेशली गिन्नी को बोला है की पापा का ध्यान रखे ....इसलिए वो भी ज़्यादातर घर पर ही रहते है...अपने बेडरूम में ..गिन्नी के साथ..''

एक 55 साल के इंसान के साथ 18 साल की कच्ची कली...ये होती है पैसों की ताक़त.

अजय को ऐसे सोचते हुए देखकर सोनी बोली : "अब तुम्हारी पूछताछ पूरी हो गयी हो तो मेरे बारे में भी सोच लो कुछ...पता है कल से कितनी बेचैनी हो रही है मुझे''

अजय : "सॉरी...मैं पूछताछ नही कर रहा था..मैं तो बस ऐसे ही....''

और फिर शरारती हँसी हंसते हुए वो बोला : "पर तुम फ़िक्र मत करो...डॉक्टर अजय आ गये है अब...वो तुम्हारा सही से इलाज कर देंगे.... किस तरह की बैचैनी हो रही है तुम्हे''

सोनी की आँखो में भी चमक आ गयी,अजय को अपने लिए डॉक्टर बनता देखकर...उसके दिमाग़ में तुरंत
डॉक्टर-मरीज का खेल आ गया,और वो मरीज बनकर रोल प्ले करने कूद पड़ी.

सोनी : "डॉक्टर साहब, कल से ना मेरा दिल बड़ी ज़ोर से धड़क रहा है...और मेरे सीने में भी अजीब से पैन हो रही है..''

सोनी ने अपने उभारों की तरफ इशारा करते हुए कहा.

अजय : "ओहो...ये तो काफ़ी सीरियस केस लग रहा है...आप यहाँ आकर लेट जाओ..''

और अजय ने सोनी को उसके विशालकाय बेड पर लिटा दिया...सोनी ने टी शर्ट और केप्री पहनी हुई थी..अजय ने उसकी टी शर्ट उतार दी और नीचे उसने बहुत ही सेक्सी, ब्लेक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमे से उसके निप्पल बुरी तरह से तन कर सॉफ दिख रहे थे.


अजय के तो मुँह में पानी आ गया उन पर्वतों को देखकर..

अजय ने उसके उभारों पर हाथ फेरते हुए पूछा : "कहाँ दर्द है , बताओ मुझे...''

सोनी ने एक लंबी सिसकारी मारते हुए उसके हाथ को ज़ोर से अपनी छाती पर दबा दिया : "सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआहह...बस यही डॉक्टर साहब....बिल्कुल इसी जगह पर....''

अजय की हथेली के नीचे सोनी का निप्पल चुभ रहा था...उसने अपना हाथ छुड़वाया और बोला :"ओहो....मैं समझ गया...रूको ज़रा, मुझे देखने दो.''

इतना कहकर अजय ने उसकी ब्रा के हुक्स खोलकर उसे निकाल दिया

और अब अजय के सामने बड़ी ही अकड़ के साथ उसके दोनो स्तन खड़े थे.

और सबसे ज़्यादा अकड़ तो थी उसके नन्हे और मगरूर निप्पलों में ..जो ऐसे लश्कारे मारकर अपना आकार दिखा रहे थे जैसे वो भी बड़े होकर बूब्स बनना चाहते हो.

सोनी : "क्या लगता है डॉक्टर साहब...''

अजय : "ये बीमारी मेरी पकड़ में आ चुकी है.... देखो, तुम्हारे निप्पल्स में गैस भर चुकी है..इसे निकालना होगा.''

अजय ने उसके खड़े हुए निप्पल को पकड़कर जोर से खींच दिया

सोनी के होंठ थरथरा उठे ये सुनकर...उसके मुँह से बस यही निकला

''तो निकालो ना...किसने रोका है..''

अजय ने उसकी नशीली आँखो में देखते हुए अपने होंठों को उसके उरोजों पर झुका दिया और उसके कड़क निप्पल को अपने दांतो तले दबाकर ज़ोर से चूस डाला..

''आआआआआआआआआआआअहह ..........सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उूुुउउफफफफफ्फ़ अजय ............................ म्*म्म्मममममममममममममाअर गयी............''

और तड़पकर सोनी ने अजय के सिर को पकड़कर अपनी छाती पर ज़ोर से दबा डाला.

''आआअहह येस्ससस्स....डॉक्टर......यहीं पर....उम्म्म्ममममममममममम.......इसमें से निकालो गैस को.....अहह ज़ोर से .....दांतो से...............निकालो नाआआआआअ''

अजय तो उसकी उँची आवाज़ से डर रहा था...वो इतना ज़ोर से चिल्ला रही थी जैसे उसका ब्लातकार हो रहा हो...वो बुरी तरह से मचल भी रही थी अपने बिस्तर पर.

और एक के बाद दूसरे निप्पल में से भी अजय ने उसी तरह से गैस निकाल कर उसे थोड़ी देर के लिए शांत किया.

सोनी के सेक्सी से चेहरे को देखते हुए अजय ने उसके होंठों को अच्छी तरह से स्मूच किया...और बोला

''और कोई तकलीफ़ भी है क्या....''

सोनी ने मुस्कुराते हुए अपनी चूत के उपर अजय के हाथ को रख दिया और बोली : ''यहाँ बहुत जलन महसूस हो रही है ... हाथ लगाने पर ऐसा लगता है जैसे झुलस जाएँगे..''

अजय को भी वो झुलसाने वाली गर्मी महसूस हुई अपने हाथों पर..

वो उसकी आँखो मे देखते -2 नीचे जाने लगा...उसकी केप्री को नीचे खींच दिया और फिर पेंटी को भी..

और जैसे ही उसकी बिन बालों वाली चूत सामने आई अजय बोल पड़ा

''ओहो....यहा तो काफ़ी झुलसा देने वाली हवा निकल रही है....मैं कोशिश करता हू इसे बुझाने की..''

सोनी की चूत मचल उठी ये सुनकर और वो बोली : "जी डॉक्टर साहब...ज़रा आराम से देखिएगा...कोई जल्दी नही है मुझे...बस ये आग शांत कर दो..''

सोनी के शब्द पूरे होने से पहले ही अजय अपने होंठों को लेकर उसकी चूत में कूद गया.

सोनी की पीठ कमान की तरह टेडी होकर हवा में उठ गयी और उसने पहले की तरह सीसिआते हुए अजय के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर जोरों से दबा दिया.


''आआआआआआआआआआअहह ओह...अजय.....प्लीईईईईईस........सॅक मिईीईईईईईईईईईई....ज़ोर से.........................आआआआआआआहह यही पर................आआहह''


अजय को ऐसा लगा जैसे उसने किसी गर्म मलाई से भरे डिब्बे में मुँह डाल दिया है....गरमा गरम मलाई के साथ -2 गर्म हवा के भभके निकल रहे थे उसकी चूत में से.

पर जैसे-2 वो उसकी छूट को चूस रहा था...वैसे -2 उसकी सिसकारियाँ और भी तेज होती जा रही थी...ऐसा लग रहा था जैसे अजय अपनी जीभ और दाँतों से उसके जिस्म पर कब्जा करता जा रहा है और सोनी अपने होशो हवस खोकर पागलों की तरह चिल्लाती जा रही थी.


''आआआआआआआहह..........माआआआआआअर डालोगे तुम तो...................आआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स बैबी ...............सक्क मिईीईईईईईईईईईईईईई....और ज़ोर से....................उम्म्म्ममममममममममममम''

और एक वक़्त तो ऐसा आया की सोनी उसके सिर को ज़ोर लगाकर दूर हटाने लगी...शायद उसकी चूत को चूस्टे हुए वो उसे झड़ने के उस मुकाम तक ले आया था जिसके बाद जरा सा टच भी दर्दनाक लगता है , और लास्ट में आकर जो सेंसेशन महसूस होता है, वो सोनी को होने लग गया था..


पर डॉक्टर अजय भी ठान कर बैठा था की आज वो उसकी चूत की गर्मी को पूरी तरह से दूर करके रहेगा, इसलिए वो भी डटा रहा...चूसता रहा उसकी गर्म चूत को...अपने होंठों के बीच उसके निचले लिप्स को दबाकर जोरों से स्मूच करता रहा ...और तब तक करता रहा जब तक सोनी की आँखे नही फिर गयी...वो बेहोशी जैसी अवस्था में पहुँच गयी अत्यधिक उत्तेजना के शिखर तक पहुँचकर ....और उसी बेहोशी में जब वो झड़ी तो उसके शरीर में ऐसे कंपन हुआ जैसे उसके शरीर पर कब्जा की हुई कोई आत्मा बाहर निकल गयी हो...और जोरदार तरीके से झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर नीचे गिर पड़ी.

अजय ने उसकी चूत के उपर लगे रस को अच्छी तरह से पिया और फिर वापिस उपर आ गया.

और उसकी अधखुली आँखो मे देखकर बोला : "अब कैसा लग रहा है सोनी जी....आराम मिल गया ना.''

अपने ही बिस्तर पर नंगी लेती हुई सोनी के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गयी और बोली : "आपने तो मेरी बीमारी का बिल्कुल सही तरीके से इलाज किया है...पर उपर की आग ठंडी करने से क्या होता है...ऐसा कोई तरीका नही है जिसमे आप अंदर तक ठंडक पहुँचा सके...शायद आपका ये पाइप इसी काम के लिए है...''

सोनी के हाथों में अजय का मोटा लंड आ चुका था, जिसे वो बड़े ही जालिम तरीके से अपने हाथों से भींच रही थी.

अजय : "बिल्कुल जा सकता है ये अंदर...और आपनी आग को बुझा भी सकता है...बस इसे थोड़ा तैयार करना पड़ेगा.

सोनी को दोबारा कहने की ज़रूरत नही पड़ी की अजय क्या चाहता है...वो तुरंत उठ गयी और उसने पलक झपकते ही अजय के सारे कपड़े निकाल कर दूर फेंक दिए.और अजय को भी अपनी तरहा नंगा कर दिया.

कुछ देर तक उसके कसरती बदन और पंजाबी लंड को निहारने के बाद वो बोली : "कमाल के हो तुम....और ये सब तुम उस पूजा पर वेस्ट कर रहे थे अब तक, जिसे इसकी कोई कदर ही नही है...''

और फिर ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठकर उसने उसके खड़े हुए लंड को अपने नाज़ुक हाथों में लिया और फिर अपनी जीभ से चाट कर उसे अच्छी तरह से सॉफ किया और फिर धीरे-2 उसे किसी अजगर की तरह अपने मुँह के अंदर निगल गयी..


''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआअहह''

कमरे मे नंगा खड़ा हुआ अजय अपने पंजों पर खड़ा होकर सिसकार उठा...

उसके चूसने का तरीका था ही इतना सेक्सी....वो धीरे-2 उसके लंड को मुँह में ले जेया रही थी..अपने अधखुले दांतो से रगड़ लगवाकर...और फिर पूरा लंड अंदर रखकर अपनी गर्म जीभ से उसे सहला भी रही थी.


ऐसा तो आज तक प्राची ने भी नही किया था...

अजय ने भी उसके सिर को पकड़कर अपने लंड को उसके मुँह में पेलना शुरू कर दिया.

उसका टैटू से सज़ा जिस्म अजय के झटकों से हिचकोले खा रहा था...जिसकी वजह से उसकी भरी हुई ब्रेस्ट उपर नीचे उछल रही थी.




अजय का लंड पहले से भी ज़्यादा तेजधार होकर उसके मुँह में पूरी तरह से खड़ा हो गया.

और फिर उसके लंड को बाहर निकाल कर सोनी बोली : "लीजिए डॉक्टर साहब, हो गया आपका औजार तैयार ....अब इससे इलाज करो मेरी अंदर की आग का...''

इतना कहकर वो वापिस खड़ी हुई और अपनी टांगे फेला कर बेड पर लेट गयी...और बड़े ही सेक्सी अंदाज से अजय को पुकारा : "अब आइए भी डॉक्टर....ये तकलीफ़ बढ़ती जा रही है...इसे ख़त्म करिए जल्दी से...''

अजय ने भी बिना कोई देरी किए अपने लंड को पकड़ा और उसकी खुली हुई टांगो को दोनों दिशाओं में फैलाया और अपने लंड को चूत के मुहाने पर टीकाया..और बिना किसी वॉर्निंग के वो अपने पूरे शरीर के भार के साथ उसके उपर लेट गया.




अजय का मोटा लंड कचकचाता हुआ उसकी चूत में घुसता चला गया...भले ही सोनी ने पहले चुदाई करवा रखी थी..पर आज से पहले ऐसा जानदार लंड उसने नही लिया था अपने अंदर...इसलिए तकलीफ़ और मज़े के मिश्रण के साथ वो एक बार फिर से चिल्ला उठी..

''आआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह ........................ उूुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफ्फ़ .............. उम्म्म्ममममममममममममममममममममम..... माँआआआआआआआआआआअ.... ''

ऐसे वक़्त में भी पता नही क्यों लड़कियों को अपनी माँ याद आ जाती है.

अजय का लंड जब अच्छी तरहा से उसकी चूत में धंस चुका तो उसने अजय की पीठ पर अपने हाथ का घेरा बनाकर उसे अपने उपर ही लेटे रहने दिया..

और बोली : "उम्म्म्ममममममममम.....अह्ह्ह्ह अजय.................क्या मस्त लंड है तुम्हारा.............कसम से...........आज से पहले इतना भरा हुआ आज तक फील नही किया मैने.....प्लीज़....फक्क मी नाउ ....आज मुझे इतना चोदो की मेरी पिछली सारी शिकायतें दूर हो जाए...''

अजय को तो बस मौका चाहिए होता है,और किसी के ऐसे भड़काने वाले शब्द सुनकर तो वो और भी ज़्यादा उत्तेजित होकर बरस पड़ता है...

वही हुआ अब भी..

उसने आव देखा ना ताव,उसकी दोनो टांगे फेलाकर अपने लंड से उसकी ड्रिलिंग करनी शुरू कर दी.



फ़चा फॅक और उंह-आह्ह्ह्ह की आवाज़ों से कमरा गूँज उठा.

अजय किसी रोबोट की तरह उसकी चुदाई कर रहा था..
 
 
 
 
 
 
 


करीब 15 मिनट तक वो पोज़ बदल-2 कर उसे चोदता रहा...




कभी अपने उपर लिटाकर...कभी घोड़ी बनाकर...कभी एक टाँग उठाकर...हर पोज़ में वो उसे तब तक चोदता जब तक वो झड़ नही जाती..

15 मिनट के अंदर पाँचवी बार झड़ने के बाद वो हाँफते हुए बोली

''आआआआआआअहह अजय.................अब बस भी करो........अब और हिम्मत नही बची मेरे अंदर.....''

सोनी के मुँह से ये सुनकर अजय के चेहरे पर विजयी मुस्कान तेर गयी...उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखकर यही लग रहा था की जैसे वो मन ही मन बोल रहा हो 'अब बोलो....लोगी मुझसे पंगा..'

और फिर अजय ने भी अपने आख़िरी के 8 -10 झटके ज़ोर से लगाए और अपने अंदर का सारा माल निकाल कर उसने उसकी चूत में भर दिया

गर्म चूत के अंदर ठंडी बौछारों सा फील हुआ अजय के लंड का रस सोनी को...

और वो बुदबुदा उठी : "उम्म्म्ममममममममम.....अब बुझी मेरे अंदर की आग....''

अजय भी हांफता हुआ सा उसके उपर ढेर हो गया..

पर इस बीच दोनो में से किसी ने नही देखा की इशिका काफ़ी देर से उन दोनो का ये चुदाई का खेल एक कोने में बैठकर देख रही है..वो कब सोनी के रूम में आ कर एक कोने में बैठ गयी ये किसी को भी पता नही चला.
 


1 comment:

MOHIT said...

Mast story

Please update

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