Sunday, November 29, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..39

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..39



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अब आगे
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पूजा अपने मुँह से अजीब-2 सी आवाज़ें निकाल रही थी...और अजय को अपने होंठों के ज़रिए पिये जा रही थी.

रिया ने दरवाजा बंद कर दिया.

अजय ने इतनी ज़ोर वाली सकिंग पावर आज तक महसूस नही की थी...उसने भी अपने आप को पूजा के हवाले छोड़ दिया..और आराम से खड़ा होकर उसकी स्मूच का लुत्फ़ उठाने लगा.

उसकी आँखे खुली हुई थी और वो पीछे खड़ी रिया को बिल्कुल करीब से देख पा रहा था...उसने अपनी बाहें पूजा के चारों तरफ लपेट दी और पूजा को उतनी ही तेज़ी से चूमने लगा जितनी ज़ोर से वो चूम रही थी.



रिया उन्हे किस्स्स करते हुए देखकर यही सोच रही थी की ना जाने किस जन्म का बदला ले रहे है एक दूसरे से जो इतनी ज़ोर से चूम रहे है...

अजय ने अपना हाथ पीछे की तरफ बढ़ाकर रिया के बूब्स पर रख दिया...और इस तरह से पूजा के साथ-2 रिया को भी अपने लपेटे में ले लिया अजय ने...रिया तो अपने जीजू के सख़्त हाथों को अपनी कोमल और नन्ही छाती पर महसूस करते ही रीरिया उठी...और अपने होंठों को दांतो तले दबाकर अंदर ही अंदर सिसक पड़ी..

कुछ देर तक चूमने के बाद पूजा को जैसे होश आया...उसने आँखे खोली और अजय को अंदर की तरफ चलने को कहा..

पूजा की आँखे खुलते ही अजय ने तुरंत रिया के बूब्स छोड़ दिए...रिया को तो मज़ा आना शुरू ही हुआ था की अजय ने हाथ झटक लिए..उसे बहुत बुरा लगा..पर वो कर भी क्या सकती थी...आज उसका दिन नही था...इसलिए ऐसे में उसे आज जो भी मिल रहा था उसके लिए वही बहुत था..

अजय भी जानता था की पूजा को अच्छा प्यार देने की खातिर आज उसे रिया से दूर ही रहना होगा...और शायद पूजा अपनी बहन रिया को दूसरे कमरे में जाने के लिए कहे..

लेकिन पूजा के दिमाग़ में कुछ और ही था.

अजय का हाथ पकड़कर पूजा उसे बेडरूम में ले गयी...उसी बेडरूम में जहाँ उसकी बहन ने अपना कौमार्य खोया था...और तब से ना जाने कितनी रातें अपने पति से चुदती चली आई थी...उसी बेडरूम में अब पूजा अपना कुँवारापन लुटाने के लिए पहुँच चुकी थी.

पूजा ने अजय और रिया को देखा और बोली : "जीजू....मैने कुछ सोचा है...आई होप आपको बुरा नही लगेगा...''

अजय उसकी तरफ देखने लगा...की ऐसा क्या चल रहा है इसके दिमाग़ में ...

पूजा : "मैने....मैने और रिया ने सोचा है की.....ये सब करते हुए....ये...ये भी इसी कमरे में रहे...''

अजय की तो बाँछे खिल उठी...यानी आज की रात डबल मज़ा आने वाला था उसे...वैसे तो उसने खुद ही रिया को किसी और दिन के लिए रख छोड़ा था...लेकिन जब सामने से ही ऐसा ऑफर आए तो वो कौन होता है मना करने वाला...




लेकिन जैसा वो सोच रहा था,वैसा बिल्कुल नही था...क्योंकि अगले ही पल पूजा ने उसके अरमानॉ पर पानी फेर दिया.

पूजा : "मैने डिसायीद किया है की...ये इसी कमरे में बैठकर...सब देख लेगी...जो शायद इसके लिए भी काम आएगा...कुछ सीख सकेगी ये सब देखकर ..लेकिन सिर्फ देखेगी , हमारे बीच में पड़कर कुछ करेगी नहीं ''

अजय का तो सिर घूम गया....ऐसे मौके पर आकर ये क्या सूझा पूजा को....वैसे तो आज रिया का यहाँ होने का कोई मतलब ही नही था...लेकिन जब वो आ ही गयी है तो उसे दूसरे कमरे में भी तो बिठाया जा सकता है...और अगर वो इसी कमरे में रहना चाहती है तो सिर्फ़ एक दर्शक बनकर ना रहे ना...

लेकिन इन सब सवालो को अजय ने मन में ही रखा...क्योंकि ऐसे मौके पर किसी भी तरह की बहस करके वो अपना और पूजा का मूड खराब नही करना चाहता था...और वो जानता था की ऐसे नाज़ुक मौके पर अच्छे मूड का होना कितना जरुरी है...

उसने हाँ कर दी.

उसकी हाँ सुनते ही पूजा उसके गले से लिपट कर उसे चूमने लगी...रिया के चेहरे पर भी हँसी आ गयी.

पूजा को चूमते-2 अजय के हाथ उसके बूब्स पर चले गये...पूजा को हमेशा से ही अपने बूब्स पर हाथ लगने के बाद गुदगुदी सी महसूस होती थी...उसने अजय के हाथ वहां से हटाना चाहा पर वो तो शैतान जीजू की तरह अपनी साली की कमज़ोरी जानने के बाद उसके पीछे ही पड़ गया...और अपना मुँह नीचे करते हुए उसने टी शर्ट के उपर से ही उसके उभरे हुए निप्पल को अपने दांतो में दबोच लिया और ज़ोर से काट लिया.



''आआआआआआआआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....जिजुउुुुउउssssssssss .....''

एक साथ दो सिसकारिया गूँजी थी....पूजा के साथ-2 रिया भी कसमसा उठी थी.

दोनो ने एकदम से अपनी किस्स तोड़कर रिया की तरफ देखा तो वो थोड़ा डर सी गयी...की कहीं उसे कमरे से बाहर जाने के लिए ना बोल दे...वो चुपचाप जाकर कोने में पड़ी चेयर पर जाकर बैठ गयी.

पूजा और अजय मुस्कुरा दिए और एक बार फिर से अपने काम पर लग गये.पूजा उसे चूमने में और अजय उसके बूब्स को दबोचने में ..

अब पूजा अपने जंगली रूप में आने लगी थी...अजय जिस अंदाज से उसके बटन्स को छेड़ रहा था,पूजा अपनी उत्तेजना की सीमा के करीब पहुँचती जा रही थी.

अजय ने अपनी टी शर्ट उतार दी और अपना कसरती बदन पूजा को दिखाया.




जवाब ने पूजा ने भी उतनी ही बेशर्मी से अपनी टी शर्ट को उतार फेंका...अजय ने उसकी टी शर्ट उतारने में मदद की और उतारने के बाद उसे हवा में उछाल दिया .... अब वो सिर्फ़ ब्रा और जींस में खड़ी थी.



ऐसा लाजवाब हुस्न देखकर अजय का लंड उसके शॉर्ट्स में खड़ा हो गया....जिसे आगे बढ़कर पूजा ने अपने हाथो में पकड़ा और ज़ोर से दबा दिया...अजय ने अपना हाथ उसकी कमर पर लेजाकर उसकी ब्रा के हुक्स खोल दिए और अपनी आँखो का इशारा करके उसे नीचे जाने को कहा...

पूजा ने अपने हाथ उसकी शॉर्ट्स पर रखे और अजय ने उसकी ब्रा पर..और जैसे ही पूजा नीचे बैठी, उसकी ब्रा अजय के हाथ में रह गयी...और नीचे बैठते-2 अजय की शॉर्ट्स पूजा ने नीचे कर दी..इस तरह से दोनो एक ही साथ नंगे हो गये..

अजय का लंड पूजा के चेहरे से किसी डंडे की तरह टकराया..जिसे पकड़कर उसने बड़े प्यार से देखा लेकिन जैसे ही वो उसे चूसने के लिए आगे हुई, अजय ने उसे रोक दिया, बेचारी के मुंह का पानी अंदर ही रह गया..

अजय : "ऐसे नहीं ... पहले रिक्वेस्ट करो, इसे चूसने की परमिशन मांगो ''.

पूजा भी अजय की ये बात सुनकर सोचने लगी की ये क्या हो गया है जीजू को, ऐसे मौके पर आकर ये कैसी हरकत कर रहे है, जब वो चूसने के लिए तैयार है ही तो इस तरह की मिन्नतें करवाकर उन्हें क्या मिलेगा.

पर वो बेचारी नहीं जानती थी की आज की रात के लिए अजय ने क्या-२ सोच कर रखा हुआ था, और ये भी उसी सोच का हिस्सा था, अजय जानता था की ये पूजा की पहली चुदाई है, इसलिए उसकी चुदाई की हर मूमेंट को वो यादगार बना देना चाहता था, ताकि वो उसे उम्र भर याद रखे, इसलिए कदम-२ पर उसने इस तरह के छोटे-२ खेल सोच कर रखे हुए थे.

पूजा ने भी बहस करना सही नहीं समझी , वो उसके मोटे लंड को देखते हुए प्यार भरे स्वर में बोली : "प्लीज , लेट मी सक इट, चूसने दो मुझे ''



अजय (मुस्कुराते हुए) : "यस, सक्क इट , चूसो इसे, मेरे लंड को,मेरी बॉल्स को, चाटो , खा जाओ इन्हे ....."




पूजा ने महसूस किया की ये सब सुनकर उसके शरीर में अजीब-२ सी तरंगे उठने लगी है, वो पहले से ज्यादा उत्तेजित महसूस करने लगी, अजय के लंड को चूसने की अभिलाषा और जोर से उभरने लगी, अब वो समझ गयी थी की जीजू ने ये सब किसलिए किया , वो मन ही मन उन्हें थेंक्स बोलते हुए आगे बड़ी और टूट पड़ी अजय की टांगो के बीच ...

कुछ देर तक उसकी बॉल्स को अच्छी तरह चूसने के बाद एक ही बार में उसके मोटे लंड को अपने मुँह के अंदर निगल गयी.



पूजा ने इस पल का ना जाने कितने दिनों से इंतजार किया था...जब से अजय ने ये प्रोग्राम बनाया था,पूजा के दिमाग़ में बस यही चल रहा था की जब जीजू मिलेंगे तो कैसे चुसेगी...कैसे मसलेगी उनके लंड को.

क्योंकि एक बात तो वो समझ ही चुकी थी की उसके जीजू को लंड चुसवाना बहुत पसंद है.

अब इस पगली को कौन समझाए की ये काम तो हर मर्द की पहली पसंद है.

पूजा ने पिछले 2 दिनों से इकट्ठी की हुई लार को चाशनी की तरह अपने जीजू के लंड पर लपेट कर उसे नहला दिया और ज़ोर -2 से अजय का मीठा लंड चूसने लगी.

ये सब देखकर रिया का क्या हाल हो रहा था ये बताने की ज़रूरत नही थी.

वो तो अपनी चूत को अपनी जाँघो के बीच दबाकर अपनी संतरे की फांको को आपस में बुरी तरह से मसल रही थी.. और साथ ही साथ अपनी उंगली खुद ही चूस्कर अपने दिल को तसल्ली दे रही थी की वो भी किस्स कर रही है...और दूसरे हाथ से अपनी छातियों को लाल करने में लगी हुई थी.



अजय तो नीचे मुँह करके पूजा की झूल रही छातियाँ देखकर पागल हुए जा रहा था...उसकी इन्ही तनी हुई कुँवारी छातियो ने ही उसकी तरफ आकर्षित किया था उसे हमेशा से...और अब वही छातियाँ उसके सामने थी...और वो भी पूरी नंगी.

अजय के मुँह मे पानी भर आया...और उसे मालूम था की इस पानी को कहाँ उड़ेलना है...उसने पूजा की बगल में हाथ डालकर उसे किसी बच्चे की तरह उठाकर बेड पर पटक दिया और उसके मुम्मो पर टूट पड़ा...ऐसा लग रहा था जैसे वो दो मीठे स्पॉंज केक खा रहा था जिनपर लगी चेरी को वो मुँह में लेजाकर चुभलाता और अपने दांतो से उसे उखाड़ने की कोशिश भी करता.



पूजा के दोनो हाथो को उसने बेड पर दबोच रखा था..ताकि वो उसे रोक ना पाए...बेचारी उसके नीचे दबकर सिर्फ़ छटपटाने के अलावा कुछ नही कर पा रही थी.उसके अंदर उठ रही तरंगे उसके जिस्म को उपर की तरफ उचका रही थी..और वो अपने कूल्हे उठाकर अपनी भीनभिनाती चूत को अजय के खड़े हुए लंड से टच करवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

लेकिन अजय बड़ी ही चालाकी से अपने लंड को उसकी चूत से दूर रखकर उसकी बेकरारी को बड़ा रहा था.

अजय उसके बूब्स को चूसता - 2 नीचे की तरफ बढ़ने लगा...उसकी नाभि पर पहुँचकर उसने अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी...और उसकी नाभि को अपनी जीभ से चोदने लगा..

ये देखकर दूर बैठी रिया ने भी अपनी टी शर्ट उठाकर अपनी नाभि की गहराई देखी की क्या वो भी जीभ से चोदने लायक है या नही...वो उतनी गहरी नही थी जितनी पूजा की थी...कारण था पूजा का गदराया हुआ जिस्म, जिसकी वजह से उसकी नाभि उसके पेट में थोड़ा अंदर जा धँसी थी...और इस वक़्त अजय उसी नाभि को अच्छी तरह से चाटकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने फिर से दक्षिण का रुख़ किया और उसकी जीभ की जीप पूजा की चूत के द्वार पर जाकर रुक गयी...

अजय ने उपर मुँह करके उसके चेहरे को देखा...वो साँस रोके उसके अगले कदम की प्रतीक्षा कर रही थी.

अजय ने उसकी जीन्स के बटन खोले और उसकी पेंटी समेत उसे नीचे की तरफ खींच दिया..

जैसे-2 उसकी पेंट उतरती गयी,उसकी कमाल की चूत उभरकर अजय के सामने आती चली गयी.



कमाल की इसलिए की एक तो वो कुँवारी थी...और उपर से उसकी जिस अंदाज में ट्रिमिंग की गयी थी,उसे देखकर अजय अचंभित रह गया..चूत के चारों तरफ हल्के-2 बाल छोड़कर एक डिज़ाइन सा बना दिया गया था..और बाकी हर जगह से वो एकदम सफाचट थी...और ये सब इतने महीन तरीके से किया गया था की वो खुद तो ये कर ही नही सकती थी..अजय समझ गया की उसकी चूत की कलाकारी में रिया का हाथ है.






उसने रिया की तरफ देखा तो वो अपनी चूत मसलते हुए अजय को देखकर मुस्कुरा उठी...और अपने बूब्स को प्रेस करके एक सिसकारी भी मारी...अजय समझ गया की पूजा की चूत के बाल इसी चुहिया ने कुतरे है..

अब अजय के सामने एकदम रसीली और जूस से भरी हुई चूत पड़ी थी...उसने अपनी जीभ को तैयार किया और टूट पड़ा उसकी चूत की नदी में .



सेलाब तो कब से उमड़ रहा था उसकी चूत में ....अब अजय की जीभ ने चप्पू चलाकर उस नदी में सैलाब लेकर आना था....और वो ये काम करना बेख़ुबी जानता था.





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FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--29

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बहकती बहू--29


अगले आधे घंटे तक सन्नी बारी बारी से कामया के दोनो संतरों का रस निचोड़ता रहा और कामया सिर्फ़ सिसकी लेती रही ! इस दरम्यान सन्नी के हाथ कहाँ कहाँ यात्रा कर रहे थे वो तो दोनो खुद भी जान नहीं पाए !!

अब आगे - - --
बाकी सारा दिन कामया की मदनलाल और सन्नी से आँख मिचोली चलती रही ! जब मदनलाल पास होता तो कामया उसपर नयनो के तीर चलाती रहती ! ऐसे समय सन्नी खुद वहाँ से निकल लेता क्योंकि उसे तो दोनो के रिश्ते क़ि जानकारी हो ही गई थी ! बाबूजी को कोई शक ना हो इसलिए कामया उन्हे कुछ ज़्यादा ही रेस्पॉन्स दे रही थी और जब सन्नी पास होता तो उन दोनो के बीच रासलीला चलने लगती ! सारा दिन दोनो मर्द कामया के किसी ना किसी अंग को मौका पाकर मसलते रहे ! एक साथ दो दो मर्दों को हेंडल करने का रोमांच उसे बहुत हॉर्नी बना रहा था ! उसका पूरा बदन काम भाव से भर गया था उधर दोनो मर्द भी हर मौके का इस्तेमाल करके उसकी चुचियों और नितंबों का बुरा हाल कर रहे थे ! शाम होते होते तक कामया की चूचियाँ दर्द देने लगी !
रात को कामया ने कल की ही तरह बाबूजी को निपटा दिया ! कल कामया के ही कमरे मे प्रोग्राम हुआ था इसलिए सन्नी जानता था की आज भी वहीं जाना पड़ेगा ! रात गहराते ही उसने कामया को कॉल कर दिया
कामया - - - हेलो
सन्नी - - - - दीदी मैं आ जाउन या आप आओगी ?
कामया - - - ढंग से रहेगा तो मैं आ जाती हूँ और कल की ही तरह घुड़सवारी करनी है तो मैं वो सड़े से पलंग मे नही आने वाली !
सन्नी - - - ओके दीदी मैं ही आ जाता हूँ ! बेड आपके लिए भी कंफर्टबल है !
कामया ने तो ऐसे ही कह दिया था जबकि उसे मालूम था की आज भी घमासान यही पर ही होना है इसीलिए वो पहले से ही बेहद सेक्सी नाइटी पहन कर सन्नी का इंतज़ार कर रही थी !

 
सन्नी ने अंदर आते ही देखा की कामया बिस्तर मे लेटी अपनी नशीली जवानी का जलवा बिखेर रही है ! लाल मेक्शी मे कामया को देखते ही सन्नी सांड़ की तरह भड़क गया ! कामया बेड मे बेहद ही कामुक अंदाज़ मे लेटी थी और बहुत ही सेक्सी भाव से सन्नी की ओर देख रही थी ! उसकी आँखों मे मौन निमंत्रण था जैसे हर स्त्री की आदत होती है की वो मुँह से कभी नही बोलती की ""फक मी""किंतु उनके अदाएँ इतनी स्पष्ट होती हैं की मर्द समझ जाता है की "" शी नीड्स टुडे"" !
सन्नी ने बेड मे जंप लगा दी और कामया को बाहों मे भर लिया ,दोनो प्रेमी एक दूसरे को चूमने लगे सन्नी के हाथ कामया की गांद ,चुचि जांघें हर अंग का मर्दन कर रही थी !
कामया - - - सन्नी तू सच मे कल चला जाएगा ?
सन्नी - - - जान एक दिन के लिए आया था आज तीसरी रात है वैसे तुम बोलो तो रुक जाता हूँ मेरा मन भी जाने को बिल्कुल नही कर रहा !
कामया - - - जानू मेरा बस चले तो मैं तुझे कभी जाने ही ना दूँ पर घर मे जवाब क्या दूँगी ? एक काम करना तू जल्दी जल्दी आ जाया करना !
सन्नी - - - ठीक है हनी वैसे मेरा मन तो जाने का है ही नही दिल कर रहा है सारी जिंदगी इसी कमरे मे गुज़ार दूँ !
कामया - - - भैया काश ऐसा हो पाता !फिर दोनो एक दूसरे के बदन से प्यार करने लगे !
काफ़ी देर बाद सन्नी ने कामया की मेक्शी उतारनी शुरू की ! सन्नी लड़कियों के कपड़े बड़े आराम से पूरी लज़्जत के साथ उतारता था ! एक एक कपड़े उतारकर जो अंग बाहर आता पहले उसे खूब प्यार करता फिर दूसरा उतारता ,इससे लड़कियाँ भी ये फील करती की सन्नी को उनका पूरा बदन कितना पसंद है और वो बेहद एमोशनल ही जातीं ! उसने कामया को नीचे खड़ा किया और जैसे ही कामया की मेक्शी उतारी वो अंदर का नज़ारा देख कर चौंक गया ! कामया ने उसकी लाई हुई ब्राइडल लिंगरी पहनी थी जिसमे वो बड़ी ही सेक्सी और कातिल लग रही थी !

 

सन्नी - - - थॅंक्स जान यू ओनरर्ड मी बाइ वेअरिन्ग दिस !
कामया - - - भैया डोंट से ओनर आइ जस्ट लव यू ! पिछले दो दिन मे तुमने मुझे बता दिया की मैं इतने दिनो से क्या मिस कर रही थी ! अभी तक मैं अधूरी थी पर अब पूरी हो गई हूँ !
सन्नी उसके पीछे गया और अपने दाँतों से कामया की ब्रा खोलने लगा ! कामया उसके इस रॉमांटिक को अंदाज़ देख कर व्याकुल हो गई !
कामया - - - जानू हाउ रोमांटिक यू आर ? यू आर जस्ट अमेज़िंग लवर
सन्नी - - - जान यू डिज़र्व दिस टाइप ऑफ ट्रीटमेंट बेकोस यू आर यूनीक अंड अनमॅच्ड ! ब्रा उतारने के बाद सन्नी उसके मम्मो को चूसने लगा जबकि उसके हाथ कामया की पेंटी के अंदर जाकर उसकी नरम मुलायम गांद को सहला रहे थे ! कामया ने अपनी बाहें उसके गर्दन मे लपेट दी और उसके कंधों को चूमने लगी ! दस मिनिट तक दोनो खड़े खड़े ही प्रेमलाप करते रहे फिर सुनने घुटनों के बल बैठ गया और अपने दांतो से पकड़कर कर कामया की पेंटी खींचने लगा !
सन्नी का ये अंदाज़ कामया को अंदर तक हिला दे रहा था उसकी टाँगें काँपने लगी ! कामया को पूरी नंगी करने के बाद सन्नी उसे कामुक निगाहों से देखने लगा ! सन्नी की नज़र कामया के जिस अंग पर पड़ती वहीं चिपक जाती ! उसके दिलकश उरोज़ , गोरी चिकनी लहरदार कमर ,मोटी मोटी मांसल बेहद ही सेक्शी कदली जांघें और सबसे ज़्यादा आकर्षक था उसकी जांघों का जोड़ ! उसके गोल्डन त्रियंगल को देख कर तो देवता भी पागल हो जाएँ ऐसा था कामया का सौंदर्य !
कामया - - - भैया क्या देख रहे हो ? कामया ने शरमाते हुए पूछा ?
सन्नी - - - रानी!!! मैने ऐसी खूबसूरती अपनी जिंदगी मे कभी नही देखी और लगता भी नहीं क़ि कभी देख पाउन्गा !
कामया तू लड़की नहीं है ""आग है आग"" ! इस शवाब और इस जवानी पर तो मैं अपनी सारी जिंदगी कुर्बान कर सकता हूँ !

 

कामया - - - ऐसा क्या है मुझमे !! कामया ने शरमाते हुए पूछा जबकि अंदर ही अंदर अपने हुश्न की तारीफ़ सुन वो खुश हो रही थी !
सन्नी - - - जानेमन तुझमे क्या है ये तू नही जान सकती ! हीरे की कीमत हीरे को नही मालूम होती उसे तो जोहरी ही जान सकता है !
कामया - - - तू बड़ा जोहरी है ना? सभी लड़कियाँ ऐसी ही होती हैं
सन्नी - - - सभी लड़कियाँ ऐसी नही होती मेरी फुलझड़ी ! तेरे जैसी खूबसूरत और हॉट लड़कियों को पाने के लिए तो तखतो ताज़ लूटा दिए जाते हैं !
कामया - - - तू क्या लुटाएगा ?
सन्नी - - - काश तू रिश्ते मे मेरी बहन नहीं होती तो बताता !
कामया - - - क्यों क्या करता फिर ?
सन्नी - - - तेरे जैसे एटम बॉम्ब को तो भगा ले जाता और अपनी बिस्तर की रानी बना के रखता ! जीजाजी के समान तेरी जवानी बेकार नही जाने देता!
कामया - - - भैया दो दिन से तो अपने बिस्तर की रानी बना ही रहे हो फिर भगाने की क्या ज़रूरत है ? बिना भगाए तो आपका काम चल ही रहा है
सन्नी - - - जानेमन ये भी कोई रानी बनाना है ? घंटे दो घंटे मे रूम से जाना पढ़ता है ! मज़ा तो तब है जब सारी रात तेरे अंदर डालकर तुझे नीचे लिटा के रखूं !
कामया - -- सारी रात रखोगे तो क्या मुझे सोने भी नही दोगे ?
सन्नी - - - सोना हो तो भी मेरा अंदर ही रहेगा !
अब सन्नी घूम कर कामया के पीछे तरफ़ गया और उसकी गोलमटोल गद्देदार बाहर को उभरी हुई गांद को देख कर बुदबूदाया "" पता नही ये गांद कब मारने मिलेगी लेकिन जब भी इसकी गांद मारूँगा ऐसी पेलाई करूँगा क़ि दूसरे दिन साली सही मे लंगड़ा के चलेगी ""! सन्नी के मुख से कुछ आवाज़े आती सुन कामया बोली
कामया - - - भैया कुछ बोल रहे हो क्या ?
सन्नी ने उसकी मादक गांद को अपने दोनो पंजे मे मसलते हुए कहा
सन्नी - - - जानेमन तेरी ये गांद ने मेरा चैन छीन लिया है दिल करता है अभी के अभी अंदर डाल दूँ !
कामया - - - भैया नहीं अभी नही सही वक्त पर मैं खुद आपको मना नहीं करूँगी प्लीज़ तब तक के लिए सबर करो और भगवान जितना दे रहा है उतने मे ही संतोष कर लो !
सन्नी - - - ठीक है जान जिसा तू बोलेगी वैसा ही होगा बस एक वादा कर
कामया - - - बोलो भैया क्या चाहते हो अपनी गर्ल फ्रेंड से ?
सन्नी - - - बस ये वचन दे क़ि सबसे पहले गांद मुझसे ही मरवाएगी
कामया - - - भैया आप चिंता क्यों करते हो तुम्हारे जीजू तो इस दूसरे छेद की तरफ कभी देखते भी नही और बाबूजी मेरी मर्ज़ी के बिना कुछ कर नही सकते और वैसे भी अब लगता नही की उनका इतना कड़क हो पाएगा क़ि वो वहाँ झंडा गाड़ सकें ! बस समझ लो क़ि अब आप ही एक मात्र उमीदवार बचे हो !
सन्नी - - - मतलब जान मेरा काम पक्का होना ही होना है
कामया - -- हंड्रेड पर्सेंट !! वैसे मुझे भी एक बार वो अड्वेंचर एक्सपीरियेन्स करना है बस आप इस बार रुक जाओ ना प्लीज़ !
सन्नी - - - ठीक है बेबी जैसी तेरी मर्ज़ी !! और फिर सन्नी नीचे बैठ गया और कामया की हाहाकरी गांद को चाटने लगा ! उसकी इस हरकत से कामया के मुख से फिर से सिसकारियाँ निकलने लगी ! वो कभी उसकी गांद को चूमता तो कभी दोनो हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाता तो कभी उसे दांतो से काटने लगता !

 

सन्नी अपनी जीभ निकाल कर कामया की गांद के दोनो फलकों को चाट रहा था जिससे कामया का पूरा बदन सनसना रहा था ! कामया की चिकनी मांसल गांद के स्वाद ने सन्नी को भी दीवाना बना दिया था ! सन्नी ने कामया को पूरी तरह पिघला कर रख दिया था ! जब उससे सबर करना मुश्किल हो गया तो वो बोली
कामया - - - भैया कब तक उससे खेलोगे अब कुछ करो ना प्लीज़ !
दोनो काफ़ी देर तक ऐसी ही रोमांटिक और कामुक बातें करते रहे और एक दूसरे के अंगों को मसलते रहे फिर सन्नी ने उस उठाया और बिस्तर मे पटक दिया
कामया - - - आ ! धीरे से नही रख सकते थे ! हमेशा मुझ सताते रहते हो ?

 
सन्नी - - - रानी सताता नही हूँ प्यार करता हूँ !
बेड मे नंगी पड़ी कामया बड़ी ही कामुक नज़रों से सन्नी को देख रही थी ! सन्नी भी उसकी कातिल जवानी को देख देख कर पागल हुआ जा रहा था ! कामया का हुश्न ऐसा था की मुर्दों मे भी जान डाल सकता था फिर सन्नी तो गबरू जवान था ! वो बेड पर कूदा और एक बार फिर दोनो तड़पते जीव एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे !सन्नी कामया के शरीर से खेलने से थकता ही नही था काफ़ी देर तक उसके पूरे बदन को चूमने चाटने नोचने खसोटने के बाद सन्नी ने फिर कामया की टांगे चौड़ी की और उसकी चूत मे जीभ डाल डी ! कामया एक बार फिर बहकने लगी ! शुरू शुरू मे वहाँ जीभ लगाना कामया को गंदा लगता था लेकिन अब यही चीज़ उसे बड़ी लज़्जत दार लगती थी ! थोड़ी देर बाद सन्नी ने उसे फिर से 69 मे ले आया किंतु इस बार खुद सन्नी ऊपर था क्योंकि उपर रहने से वो ज़्यादा बेहतर ढंग से हेंडल कर पा रहा था ! sunny ने कामया की चूत की हार्डकोर चटाई शुरू कर दी कामया को ऐसा लग रहा था मानो उसकी चुत के मुहाने मे कोई अनारदाने जला रहा हो जिसकी तपिश से वो जली जा रही हो ! काफ़ी देर तक सन्नी कामया की भरपूर लिकिंग करता रहा उसने फिर से अपना अंघूठा चूत रस से गीला किया और कामया की गांद मे डाल दिया !

 

कामया - - - उई मा !!! सन्नी यार तू मानता क्यों नही ! अभी वहाँ नही कर सकते !
सन्नी कामया से उमर मे छोटा था कामया उसे नाम लेकर बुलाती थी किंतु एक बार उसका लॅंड खाने के बाद उसे बड़े इज़्ज़त से भैया भैया बोलने लगी थी और अब तो उस पर सन्नी के लंड का जादू ऐसा चॅड गया की वो सन्नी को यार बोल पड़ी ! सन्नी ने यार शब्द सुनते ही कहा
सन्नी - - - थॅंक्स जानेमन
कामया - - - थॅंक्स किस बात का भैया ?
सन्नी - - - मुझे यार बोलने का !
सन्नी - - - रानी कर नही रहा हूँ बस भविष्य के लिए इसे तैयार कर रहा हूँ ! अच्छा एक बात बता ?
कामया - - - क्या ?
सन्नी - - - कभी जीजाजी ने यहाँ करने को नही बोला ?
कामया - - - चुप कर वो तेरे जैसे गंदे नही हैं !
सन्नी - - - और अंकल ने तो बोला होगा वो तो मेरे जैसे गंदे हैं ना ?
कामया - - - उन्होने बोला था मगर मैने मना कर दिया
सन्नी - - - मतलब अपने प्यारे भैया के लिए बचा के रखी हो इसको ! मैं तो उंगली डालते ही समझ गया था की पड़ोसन अभी कोरी है , कोई बात नहीं इसकी सील तो मैं ही तोड़ूँगा !
कामया - - - बड़ा आया सील तोड़ने वाला ! मैं कुछ उल्टा सीधा नही करने नहीं दूँगी समझ ले !
सन्नी - - - अरे तो मैं आज के लिए थोड़ी बोल रहा हूँ जब कभी घर मे कोई ना हो तब के लिए बोल रहा हूँ !
कामया - - - तब की तब देखेंगे तू फिलहाल अभी की सोच !
सन्नी - - - - अभी की क्या सोचूँ ?
कामया - - - क्यों तू ये भी भूल गया क़ि यहाँ क्यों आया है ?
सन्नी - - - नहीं वो ता याद है तुझे यहाँ कस कर चोदने के लिए आया हूँ ?
कामया - - - बेशरम अपनी बहन को ऐसा बोलता है तुम लड़के लोग बहुत गंदे होते हो ! अब यूँ ही मुँह चलाएगा या कुछ करना है ?
कामया की बेताबी देख सन्नी ने उसकी दोनो टाँगों को कंधे मे रखा और एक ही झटके मे अपना खूँटा उसकी गहराई मे अंदर कर दिया !
कामया - - -- उई मम्मी !! भैया मार डाला ! तुमसे बार बार बोलती हूँ एक झटके मे मत घुसाया करो रुक रुक के नही अंदर कर सकते !
सन्नी - - - तुम को इस हालत मे देख कर कौन रुक पाएगा ? जो रुक जाए तो पक्का हिजड़ा ही होगा ! उसके बाद सन्नी ने फिर कामया की धुआँ धार कुटाई चालू कर दी काफ़ी देर तक वो उसे नीचे लिटा के चोदता रहा फिर अचानक उसने पलटी मार दी अब सन्नी नीचे था और कामया उसके उपर थी !

 
अब कामया उपर नीचे हो रही थी और उसके साथ ताल पे ताल मिला सन्नी भी नीचे से कमर उठा रहा था ! सन्नी के दोनो हाथ फ्री हो गये थे इसलिए उसने कामया की चुचियाँ दबाना शुरू कर दिया ! दूध मसलवाई से कामया और भी मस्त होती जा रही थी उसने लंबे लंबे स्ट्रोक मारना शुरू कर दिया ! कामया की जवानी का जोश अब सिर चढ़ कर बोलने लगा ! वो लगभग छः इंच उपर उठ जाती और फिर धम्म से नीचे आ जाती ! कामया के पूरे बदन मे अब केवल काम ही काम रह गया था ! वो टॉम बॉय बन कर सन्नी को चोद रही थी !

 

एक लंबी चुदाई के बाद सन्नी ने अपने बीज़ कामया के खेत मे डाल दिया इस दौरान कामया दो बार सिंचाई कर चुकी थी !
कल सन्नी को निकलना था इसलिए सन्नी आज और कई आसान भी आजमा लेना चाहता था ताकि कामया उसकी सेक्स पावर की मुरीद बन जाए ! सन्नी उसे सेक्स के आनंद की इंतान्ह दिखाना चाहता था और फिर अपने इस हुनर के बदले वो कामया को एक तरीके से अपनी रखैल बना के रख देना चाहता था ! वो जानता था की लड़ऊ जीजा और बूढ़ा ससुर उसके मुकाबले कहीं नहीं लगते इसलिए कामया अब उसके बस मे है !
कुछ देर आराम के बाद सन्नी की बंदूक एक बार फिर फाइरिंग के लिए तैयार हो गई ! उसकी इसी क्षमता ने कामया को भी अचरज मे डाल रखा था !
कामया - - - सन्नी तेरा ये इतनी जल्दी कैसे फिर से तैयार हो जाता है ? तेरे जीजू का तो दस बारह घंटे मरा सा पड़ा रहता है
सन्नी - - - रानी ये तू मुझे भी नहीं मालूम तुम तो बस आम खाओ गुठली गिनने से क्या फ़ायदा! जीजू नहीं हैं तो क्या हुआ ""मैं हूँ ना ""
कामया - - - अछा एक बात बता तू रात भर मे कितनी बार कर सकता है ?
सन्नी - - - अब ये कैसे बता सकता हूँ ! रात भर यहीं रहने दे तो पता चल जाएगा ?
कामया - - - अभी नही कर सकती बस तू अंदाज़ से बता ना !
सन्नी - - - जान तू इतनी सुंदर और सेक्सी है और तेरा फिगर इतना गदराया हुआ है क़ि पूरी रात भर मे दस बार तो तुझे चोद ही दूँगा !!
कामया - - - हे भगवान !!!!! सन्नी तेरी बीवी बड़ी लकी होगी रे ! कितना स्ट्रॉंग मर्द मिलेगा उसको ?
सन्नी - - यार मुझे अब शादी वादी नही करनी मैं तो बस अब आपके सहारे जिंदगी काट लूँगा !सन्नी एक्टिंग करते हुए बोला !
कामया - - - चल पगला ऐसा नहीं होता ! शादी तो तुझे करनी ही पड़ेगी बाकी मैं कोई मना तो नहीं कर रही हूँ जब मन करे आ जाना ! हालाकी कामया सन्नी की इस नकली दीवानगी को सच मान बैठी थी और अंदर ही अंदर गर्वित हो रही थी !












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FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--28

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--28


कामया - - - अच्छा बड़ा आया मेरी फिकर करने वाला !! ये बोलना अपना राष्ता क्लियर कर रहा है ?
सन्नी - - - जो भी समझो लेकिन तुम्हे उनके उठाने की चिंता तो नही रहेगी !
कामया - - - उसके लिए मेरे पास दूसरा रास्ता भी है !
सन्नी - - - दूसरा रास्ता कौन सा ?
कामया - - - बाबूजी रात को दूध पीते हैं उसमे नींद की गोली डाल दूँगी ! अब तो खुश ना !
अब आगे --------

रात को डिनर के बाद शांति और सन्नी अपने अपने रूम मे चले गये तब कामया ने मदनलाल को दूध दे दिया उसने एक की बजाय दो गोली डाल दी ! फिर किचन का काम करके उसके पास हाल मे बैठ गई ! मदनलाल उसे चिपका कर उसका दूध दबाने लगा तब तक दवाई भी असर करने लगी और उसकी पलकें बंद होने लगी !
मदनलाल - - - बहू मैं सोने जा रहा हूँ आज ज़रा नींद आ रही है !
कामया - - - ठीक है बाबूजी लगता हैं कल की थकावट अभी भी है ! कामया ने मुश्कराते हुए कहा ! वो उसके साथ बिस्तर तक गई और उन्हे लिटा कर आ गई ! शांति पहले ही खर्राटे भर रही थी ! मदनलाल के जाने के बाद कामया लगभग आधे घंटे तक अपने कमरे मे ही रही वो अच्छी तरह आश्वस्त हो जाना चाहती थी लेकिन सन्नी बेसबरा बना बार बार कॉल कर रहा था सो आख़िर उसे जाना ही पड़ा ! वो एक सेक्सी नाइटी पहन सन्नी के कमरे मे पहुँच गई !
सन्नी केवल एक शॉर्ट पहना कामया का इंतज़ार कर रहा था ! कामया के पहुँचते ही वो उस पर भूखे बंगाली की तरह टूट पड़ा ! वो उसके शरीर को चारों तरफ से नोचने लगा ! कामया भी उसकी हरकतों और पिछली रात की भक्कम चुदाई को याद कर गरमा गई और शॉर्ट के उपर से ही सन्नी के मूसल को मुठियाने लगी ! जब सन्नी ने उसकी नाइटी उतारी तो देखा की कामया तो अंदर कुछ नही पहनी थी !
सन्नी - - - क्या बात है दीदी बिल्कुल तैयार होकर आई हो ?
कामया - - - चुप कर ! मैं रोज ऐसे ही सोती हूँ !
सन्नी ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे चौड़ी कर दी कामया ने शर्म के मारे आँखें बंद कर ली ! कामया की हसीन चूत अब उसकी नज़रों के सामने चमकने लगी थी ! आज की प्लॅनिंग वो पहले से ही कर चुका था ! आज उसे कामया का शहद पीना था ! वैसे सन्नी बहुत कम औरतों के वहाँ मुँह लगाता था ! बाज़ारू औरतों के साथ तो बिल्कुल नही सिर्फ़ एक दो सॉफ सुथरी भौजी टाइप की थी जिनको वो कभी कभार लिक करता था ! किंतु कामया जैसी तराशी हुई चूत वो भी अपने ही घर की हयजेनिक आइटम हो तो भला कैसे रुका जा सकता था ! पीना तो वो कल ही चाहता था पर मदनलाल का लंड वहाँ घुसता देख फिर उसका मन वहाँ मुँह मारने का नही हुआ ! आख़िर पूरा देश स्वच्छता अभियान से जुड़ा हुआ जो है ! आज कामया एकदम फ्रेश थी इसलिए सन्नी ने अपना मुँह कामया की चिकनी मांसल जांघों के बीच डाल दिया !

 
चूत मे सन्नी की जीभ लगते ही कामया सिसक पड़ी
कामया - - - भैया नहीं !! प्लीज़ वहाँ मत करो ! वो गंदी जगह है
सन्नी - - - जान गंदी नही मेरे लिए तो ये अमृत कुंड है ! और सन्नी ने पूरी चूत को अपनी खुरदूरी गरम जीभ से चाटने लगा ! कामया का बुरा हाल होने लगा क्योंकि सन्नी हर चीज़ मे बाबूजी से बहुत फास्ट था उसमे धीरज तो जैसे था ही नही ! अब कामया के अंदर भी उबाल आने लगा उसने सन्नी के शॉर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और भैया का हथियार अपने हाथ मे संभाल लिया ! सन्नी बड़ी लगन से कामया की गुड़िया की सेवा कर रहा था ऐसी चूत उसे जिंदगी मे पहली बार चाटने मिली थी ! वो चूत के दोनो वर्टिकल लिप्स फैला कर गहराई तक अपनी जीभ पहुँचा रहा था जिससे कामया मदहोश होती जा रही थी !
सन्नी - - - रानी तुम भी चूसो ना
कामया - - - मैं कैसे करूँ तू जो कर रहा है !
सन्नी - - - तुम पलट कर मेरे उपर आ जाओ ! अब दोनो 69 पोज़िशन मे आ गये !

 
दोनो बेहद कामुक तरीके से एक दूसरो के कामांग को चूस रहे थे ! फिर सन्नी 69 पोसीसन मे ही खुद ऊपर आ गया और कामया को अपने नीचे कर दिया ऐसे मे वो ज़्यादा कंट्रोल कर पा रहा था ! सन्नी की नज़र अब सामने कामया की पड़ोसन पर ठहर गई . उसने अपना अंघूठा कामया के अंदर डाल कर लूब्रिकेट किया और उसकी पड़ोसन मे घुसेड दिया !
गाड़ मे अंगूठा घुसते ही कामया दर्द से भर गई !
कामया - - - भैया क्या कर रहे हो ? प्लीज़ वहाँ से हाथ हटाओ ! वहाँ मत डालो प्लीज़ !
अंगूठा पर पड़ोसन की टाइट ग्रिप से ही सन्नी समझ गया की पीछे का माल अभी कोरा है ! कुँवारी गांद की कल्पना से ही सन्नी का घोड़ा कामया के मुँह मे हिनहिनाने लगा !
सन्नी - - - कामया कुछ नही होगा ! क्यों चिंता कर रही हो ? उंगली ही तो डाली है कोई वो थोड़ी डाल दिया !
कामया - - - नहीं निकाल दो प्लीज़ तुम्हारा अंगूठा भी क्या उससे कोई कम है ! मुझे दर्द दे रहा है !
सन्नी - - - जान शुरू मे थोड़ा सा दर्द तो होगा ही बस फिर नही होता बाद मे ! फिर सन्नी ने अपना अंगूठा निकाल दिया और बुर मे डाल कर गीला करने लगा ! कामया फिर लंड चूसने मे मशगूल हो गई तो सन्नी ने फिर अंगूठा गांद मे डाल दिया ! अब अंघूठा कामया की गांद मे था और बीच की दो उंगली उसकी बुर मे थी ! ये दुहरा हमला कामया के लिए एक दम नया अनुभव था ! उसकी गांद भी अब अंघूठा की अभ्यस्त हो गई थी ! दोहरी मार ने उसके तनबदन मे आग लगा दी ,जब एक छेद ही इतना सुख देता था तो अब तो वो दोनो हाथों से सुख बटोर रही थी ! इस डबल मज़े का इनाम उसने सन्नी के लंड को दिया और वो उस पर घायल शेरनी की तरह टूट पड़ी ! सन्नी वासना के मारे कमर उठाने लगा ! उसकी इस दशा को देख कर कामया समझ गई की भैया अब ज़्यादा देर नही रुक पाएँगे
कामया - - - भैया मेरे उपर आ जाओ! मुझे पानी अंदर अपने अंदर चाहिए ! सन्नी को भी लग रहा था की अब पहली किश्त चुकाने का टाइम आ गया है इसलिए उसने कामया को नीचे किया और उसके उपर चढ़ बैठा ! सन्नी का लंड अंदर जाते ही कामया का मुँह खुला का खुला रह गया ! इतना बड़ा सहना भी सब के बस की बात नही थी !

 

एक बार फिर "" मदनलाल निकेतन "" अपनी सेक्सी बहू की सिसकारियों से गूंजने लगा !
कामया - - - आह आहह भैया धीरे करो ना ! ज़ोर से दरद देता है
सन्नी - - - रानी दर्द मे ही तो असली मज़ा है !! इस दरद के लिए तो लड़कियाँ तड़पति रहती हैं !!
फिर सन्नी ने कमरे मे भूकंप ला दिया !! भाई के हाथों बहन की चीख बता रही थी की ""देश मे असहिसनूता बढ़ रही है"" ! अगले तीन मिनिट तक वो कामया की"" बेरहम ""चुदाई करता रहा और अंत मे उसी के उपर पसर कर कामया की बुर का जलाभिषेक कर दिया !
दोनो एक दूसरे से चिपके सुस्ताते रहे ! सन्नी बीच बीच मे उसके सभी नाज़ुउक अंगो से खेल रहा था ! पंद्रह बीस मिनिट बाद जब सन्नी का खूँटा फिर तैयार हुआ तो उसने कामया को घोड़ी बनने को बोला
सन्नी - - - जान चल पीछे घूम ! पीछे से करूँगा
कामया - - - अरे यार सामने से ही कर लो ना
sunny - - - चल तू पलट तो ! चल घोड़ी बन जा ! और सन्नी ने बलपूर्वक उसे घुमा कर घोड़ी बना दिया ! सन्नी ने किसी जगह पड़ा था जो मर्द बेडरूम मे डॉमिनेंट नेचर के होते हैं और थोड़ा रफली हेंडल करते हैं उनसे से लड़कियाँ इंप्रेस होती हैं वही सन्नी कर रहा था !
सन्नी ने पीछे से कामया मे डाल दिया और शुरू हो गया ! रूम मे लोहे की चारपाई वैसे ही चूं चूं करती थी अब इस घुड़ दौड़ से तो वो ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करने लगी ! उसकी आवाज़ सुनकर कामया डर गई वो आगे सरककर हट गई और बोली -
कामया - - - भैया ये खटिया अगर इतनी ही आवाज़ करती रही तो पूरा मुहल्ला घर के बाहर इक्खट्टा हो जाएगा !
सन्नी - - ठीक है चल नीच आ जा फ्लोर मे करते हैं !
कामया - - - नही फ्लोर मे तो मेरे घुटने ही छिल जाएँगे
सन्नी - - - अरे आ यार ! मुझे आज तुझे ऐसे ही चोदना है ! कामया सन्नी के मुख से ऐसे शब्द सुन अचरज मे आ गई फिर बोली
कामया - - - अगर ऐसे ही करना है तो मेरे रूम मे चलो वहाँ डबल बेड है !
सन्नी - - - क्या जीजाजी के रूम मे ???
कामया - - - तो क्या हुआ जब अपने जीजाजी की बीवी इस्तेमाल कर सकते हो तो उनका बेड इस्तेमाल नही कर सकते ?? ऐसा कहकर वो अपनी मेक्शी पहनने लगी तो सन्नी ने उसे रोक दिया ! उसने कामया की मेक्शी उसके हाथों मे पकड़ाई और उसे नंगी ही गोद मे ले कर चल दिया ! कामया ने भी उसके कंधों को थाम लिया ! उसे मधु की बात याद आने लगी जिसने बताया था की उसके ससुर उसे नंगी ही गोद मे उठाकर ले जाते हैं !
 
कामया का बेड डनलप का अच्छा गद्देदार था जिसे देखते ही सन्नी बोला
सन्नी - - - हाँ इसमे आएगा असली मज़ा
कामया - - - चुप कर जैसे अभी तक तो तुझे मज़ा आ ही नही रहा था ! फिर सन्नी ने कामया को वही घोड़ी बनाया और उसके ऊपर सवारी गाँठ ली ! उसके हर धक्के कामया के पूरे बदन को हिला देते थे लेकिन कामया भी पूरी ताक़त से उसका साथ दे रही थी उसे सन्नी का अपने आपको यून रफ यूज़ करना भी पसंद आ रहा था !
सन्नी - - - जान इसी लिए दूल्हा बारात के दिन घोड़ी पे बैठकर आता है ताकि दुल्हन जान जाए की उसे भी ऐसे ही घोड़ी बनना पड़ेगा !
कामया - - - चल बदमाश ! तेरा दिमाग़ उल्टा सीधा बहुत चलता है !

 
सेकेंड राउंड के बाद दोनो एक दूसरे से लिपट कर प्यार करते रहे तभी सन्नी को अपना मिशन इंपॉसिबल याद आ गया !
उसने अपना अंघूठा कामया के रस मे भिगोया और फिर से पड़ोसन के घर मे घुसेड दिया और अंदर बाहर करने लगा !
कामया - - - उई मा भैया निकालो वहाँ से ! हालाकी उसे कोई खास दर्द नही हो रहा था !
सन्नी - - - क्या हुआ ? इतना हाय तौबा क्यों मचाने लगती हो ?
कामया - - - अरे तो वहाँ क्यों करते हो ?
सन्नी - - - तो क्या हुआ वहाँ भी तो करते हैं !
कामया - - - चुप रह वहाँ कोई नही करता ! तेरे को किसने कहा की वहाँ भी करते हैं ?
सन्नी - - - मेरे कई दोस्तो की शादी हो गई है वो लोग वहाँ भी करते हैं
कामया - - - लेकिन वहाँ बहुत दर्द देता है
सन्नी - - - लेकिन आपको कैसे पता की वहाँ बहुत दर्द देता है ? सन्नी के प्रश्न से कामया चौंक गई और टालते हुए बोली
कामया - - - पता है बस तुझे क्या करना
सन्नी - - - पता है तो सीधे बताओ ना कैसे पता है ?
कामया - - - तुझे हर बात बताना ज़रूरी है क्या ?
सन्नी - - - अरे यार तुम फिर नाटक करने लगती हो ! सीधे बता नही सकती ! चल बता ना यार
कामया - - - सन्नी तू हर बात मे अपनी चलाता है ! मेरी एक दो सहेली बता रही थी उन्हे बहुत दर्द हुआ था जब पहली बार उनके हज़्बेंड ने वहाँ किया था
सन्नी - - - कौन सहेली
कामया - - - तुझे क्या मतलब कौन हैं वो ?
सन्नी - - - ठीक है मत बता ! अपने को ज़्यादा ही समझती है
कामया - - - अब मुँह क्यों फूला रहा है ! तू जानता है उन्हे मधु और पिंकी !
सन्नी - - - ओह पिंकी जिसे आप डिफॉल्टर बोलती थी ?
कामया - - - हाँ वही ! दोनो बता रही थी क़ि उनके हज़्बेंड पीछे भी करते हैं और उन्हे बहुत दर्द हुआ था !
सन्नी - - - अभी भी वहाँ करवाती हैं
कामया - - - हाँ वो तो अब होता ही रहता है
सन्नी - - - जब इतना दर्द देता है तो क्यों करवाती हैं पीछे ?
सन्नी की बात सुनकर कामया कोई जवाब नही दे पाई तो सन्नी ने बोला
सन्नी - - - दीदी मेरे दोस्त कह रहे थे की सिर्फ़ पहली बार थोड़ा दर्द होता है फिर वो और ज़्यादा एंजाय करती हैं !
कामया - - - मुझे तो दोनो कह रही थी क़ि बहुत दर्द हुआ था दूसरे दिन दोनो को चलने मे तकलीफ़ हो रही थी !
सन्नी - - - हाँ तो पहली बार तो होता ही है ! पहली बार तो आगे भी दर्द होता है ! चलो ना पीछे करते हैं !
कामया - - - नो सन्नी !! कल सुबह अगर मैं लंगड़ा के चलने लगी तो क्या जवाब दूँगी घर मे !
सन्नी - - - तो कोई और जुगाड़ नहीं है ! यू शुड ऑल्सो एक्सपीरियेन्स दिस न्यू प्लेषर
कामया - - - रहने दे अभी नही कर सकते ! फिर कभी देखेंगे
सन्नी - - - तो फिर कब ?
कामया - - - अभी छोड़ ना यार बस एक ही चीज़ की रट लगा रहा है ! कभी घर मे कोई नही रहेगा तो सोचेंगे! मैं अभी रिस्क नही ले सकती! अब तक कामया भी गांद मे डाले अंघूठे से बहकने लगी थी इसलिए बोली
कामया - - - इधर उधर की मत सोच अभी जो मिल रहा है उसे तो ख़ाले ?
कामया का इशारा सुन सन्नी एक बार फिर कामया पर चढ़ बैठा ! उस रात दो घंटे मे सन्नी ने चार बार कामया का बाजा बजा दिया ! कामया का एक एक पोर दर्द दे रहा था ! वो पूरी तरह से पस्त पड़ गई थी किंतु उसके बाद भी एक अजब ही आनंद महसूस कर रही थी ! जब सन्नी उसके कमरे से गया तो कामया किसी तरह लड़खड़ाते हुए दरवाजा बंद कर के आई और नंगी ही बेड मे पसर गई !
सुबह शांति पाँच बजे उठ कर नहा धो के आ रही थी क़ि अचानक खिड़की से उसकी नज़र नंगी सोती हुई कामया पर पड़ी ! बहू जिस तरीके से नंग धड़ंग अचेत पड़ी थी उससे ऐसा लग रहा था मानो पूरी रात बड़ी बेरहमी से चुदि होगी !

 

उसकी ये दशा देख कर शांति के चेहरे पर एक रहस्यमयी मुश्कान आ गई ! फिर खिड़की का पल्ला बंद करते हुए वो बुदबुदाई """ बेवकूफ़ खिड़की खोल के नंगी सो रही है , पगली को ये भी होश नही की घर मे जवान भाई आया हुआ है "" वहाँ से चलकर जब वो अपने रूम मे पहुँची तो मदनलाल दवाई के असर से अभी तक मुर्दे के समान सो रहा था ! उसकी लुँगी भी खुली हुई थी और बाबाजी का थुल्लु =बाहर को लटक रहा था ! शांति ने उसकी लूँगी ठीक क़ि और एक बार फिर बुदबुदाई "" इनकी तो शुरू से यही आदत है ज़रा सा थक जाते हैं तो एक दम घोड़े बेच कर सोते हैं "" बेचारी शांति क्या जानती थी की आज घोड़े बेचने वाला व्यापारी कोई और था !
अगले दिन सुबह नाश्ता कर के मदनलाल बाहर निकल गया और शांति भी पूजा करने चली गई ! तब कामया भी चेंज करने अपने कमरे मे गई साड़ी पहन कर वो ब्लाउस पहनने लगी अभी एक बटन ही लगाया था की सन्नी पहुँच गया उसने जाते ही उसको पकड़ लिया और मम्मे दबाने लगा

 

कामया - - - सन्नी ये क्या कर रहा है कोई आ जाएगा ? तू जा यहाँ से
सन्नी - - - दीदी कोई नहीं आएगा अंकल बाज़ार गये हैं !
कामया - - - अरे पगले मम्मी तो है तू जा
सन्नी - - - अरे मम्मी पूजा मे बैठ गई हैं ! मैने कल देखा है वो पौन घंटा तो पूजा करती हैं ! बस थोड़ा सा करने दो ना !
कामया - -- क्यों कल रात भर इतना परेशान किया दिल नहीं भरा क्या ?
सन्नी - - - जान तुमसे कभी दिल भर सकता है क्या ? और सन्नी फिर से उसके बूब्स दबाने लगा ! कामया की साँसे उखड़ने लगी !
कामया - - - नही सन्नी तू जा ! दिन मे ये सब नही करने दूँगी ,मुझे डर लग रहा है
सन्नी - - - अच्छा ठीक है केवल दूध पी लेने दो
कामया - --- अरे यार रात को कितना तो पिया तूने पूरे निशान बना दिया है अभी भी मन नही भरा ?
सन्नी - - - दीदी इनको तो मैं चोबिस घंटे पी सकता हूँ ! पता नही जीजाजी तुम को छोड़कर कैसे रह लेते हैं ?
कामया - - - वो तेरे समान बेसबरे नही हैं ! उनको और काम भी रहते हैं ! तब तक सन्नी ने कामया का ब्लाउस उतार दिया
सन्नी - - - क्या खाक काम रहते हैं ? इससे ज़्यादा ज़रूरी काम दुनिया मे कोई और नही होगा !
कामया - - - चुप कर बदमाश ! सब तेरे जैसे लफंगे नही होते ! तब तक सन्नी भी संतरों मे मुँह मार चुका था !

 

अगले आधे घंटे तक सन्नी बारी बारी से कामया के दोनो संतरों का रस निचोड़ता रहा और कामया सिर्फ़ सिसकी लेती रही ! इस दरम्यान सन्नी के हाथ कहाँ कहाँ यात्रा कर रहे थे वो तो दोनो खुद भी जान नहीं सके !












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FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--27

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बहकती बहू--27


इस से पहले की कामया कुछ सम्भल पाती सन्नी ने एक पहलवानी शॉट मार दिया और अगले ही पल कामया के मुख से दर्द भरी चीख निकल गई
कामया ----- उई मम्मी ! मर गई !! ओफफो भैया आहिस्ते से नही डाल सकते थे !! जालिम कहीं के ?
अब आगे - - - - -
अब सन्नी ने कामया की धकापेल चुदाई चालू कर दी ! ब्लो जॉब पाने के बाद वो और भी खून्कार हो गया था ! वो जबरदस्त शॉट मार रहा था जिससे कामया के अस्थि पंजर ढीले होने लगे ! वो आज की रात को कामया के लिए यादगार बना देना चाहता था ! एक ऐसी रात जो वो बार बार चाहे ! कामया भी पूरी मुश्तेदि से मज़े लूट रही थी उसने सन्नी की कमर मे अपने पैर लपेट लिया और जी भरके उसकी चुदाई का लुत्फ़ उठाने लगी ! लेकिन कामया के लिए सन्नी के साथ साथ चल पाना मुश्किल था ! सन्नी का ये एक घंटे के भीतर तीसरा राउंड था वो झड़ने का नाम ही नही ले रहा था !

 

दस मिनिट मे ही कामया दो बार ऑर्गॅज़म पा चुकी थी ! अब उसे अपनी योनि मे दर्द होने लगा सन्नी का मज़ा देने वाला लंड अब उसे सज़ा दे रहा था वो बोली
कामया - - - भैया प्लीज़ अब बस करो ना
सन्नी - - - बस मेरी रानी बस माल तो निकल जाने दे !! सन्नी के मुख से रानी सुन कामया लजा गई
कामया - - - भैया और कितना समय लोगे
सन्नी - - - बस ज़रा सा रुक जा ! तू टेंसन क्यों ले रही है मज़े ले ना मज़े
कामया - - - भैया खाक मज़े लूँ अब तो दर्द दे रहा है ! आपका कितना मोटा है ? लग रहा है जैसे अंदर पूरा छिल गया है
सन्नी - - - बस जान दो मिनिट की बात है !! ये रात तू कभी नहीं भूलेगी ना मुझे भूल पाएगी ?
कामया - - - हाँ इतने बेरहम आदमी को कौन भूल सकता है भला ? और फिर एक बार सन्नी ने ताबड़तोड़ हमले चालू कर दिए ! ऐसा लग रहा था जैसे कोई फ़ौजी दुश्मन पर भयानक ज़मीनी हमले कर रहा हो ! कमरे मे केवल कामया की हल्की हल्की कराहें और सन्नी के ठप ठप की ही आवाज़ आ रही थी ! कामया की जबरदस्त कुटाई के बाद आख़िर मे सन्नी ने एक बार फिर उसकी कोख को अपने बीज़ से लबालब भर दिया ! सन्नी कुछ देर कामया के उपर ही पड़ा रहा फिर बाजू मे लेट गया ,कामया बेसूध सी लेटी हुई थी ! जब मदनलाल ने पहली बार उसे चोदा था तो उसने पहली बार जाना था क़ि मर्द किसे कहते हैं और आज उसे समझ आ गया था की जवान मर्द की चुदाई किसे कहते हैं ! जवान और बूढ़े का फ़र्क अब उसे समझ आ गया था ! आधे घंटे बाद उसने सन्नी से अपने कपड़े माँगे और किसी तरह पहने ! बिस्तर से उतरकर वो जैसे चलने को हुई तो लड़खड़ा कर गिरने लगी सन्नी ने फ़ौरन उसे अपनी बाहों मे थाम लिया ! कामया बहुत थकि हुई थी उसे अपने योनि प्रदेश मे दर्द हो रहा था !
सन्नी - - - दीदी आप ठीक तो हैं ?
कामया - - - देख ले कितना बुरा हाल कर दिया है अपनी दीदी का ? अपनी बहन को कोई इतना सताता है क्या ?
सन्नी - - - सॉरी दीदी !! आप थोड़ा आराम कर लो फिर जाना ! और उसने कामया को बिस्तर मे अपनी बाहों मे सुला दिया !

 
एक घंटे बाद कामया लड़खड़ाती हुई अपने कमरे मे जाकर सो गई ! जो कामया एक पापबोध से भरी सन्नी के कमरे मे गई थी अब वो बिल्कुल बेफिकर थी ! कमरे मे आते ही वो बेसूध सी सो गई ! रात भर उसे सुंदर सुंदर सपने आते रहे ! कभी वो अपने को फूलों से भरे बगीचे मे देखती ,तो कभी अपने को पहाड़ों मे देखती ! कभी वो अपने को नन्हे नन्हे बच्चों के साथ खेलते देखती तो कभी अपने को चहचाहाते पक्षियों के बीच पाती ! सुबह उठकर वो इतने सुंदर सपनो का अर्थ नही समझ पा रही थी ! तभी उसे अपने पापा की बात याद आई एक बार उन्होने कहा था क़ि जब जिंदगी मे कुछ अच्छा होता है तो सुंदर सपने आते हैं ! उसने सोचा तो क्या कल जो कुछ हुआ वो अच्छा हुआ ?? उसे रात की सन्नी की चुदाई याद आने लगी अभी भी उसकी योनि मे दर्द का अहसास था ! "" हे भगवान कितना उतावला है सन्नी और कितना स्टॅमिना है उसमे बिल्कुल घोड़े जैसा , थकता ही नही है "" अगर कल मेरी सुहागरात हुई होती तो आज तो मैं चल फिर भी नही पाती ? कल मिला सुख आज उसके चेहरे पर सॉफ दिख रहा था ,उसका मुख दमक रहा था और आँखों मे एक अजीब सा नशा था ! सुबह वो नहा धोकर बड़ी बनठन कर निकली !

 

मदनलाल उसकी चमक दमक देखकर यही सोच रहा था की कल हम कई दिन बाद बहू के पास गये थे इसी लिए शायद बहू खुश है ! वो बेचारा नही जानता था क़ि वो तो बहू को मन्झधार मे छोड़ आया था ! बहू की नैया पार लगाने वाला मांझी तो सन्नी था जो रात भर कामया को तैराता रहा !
जब कामया सन्नी के कमरे मे गई तो वो खर्राटे मारकर सो रहा था ! उसने उसे उठाते हुए कहा
कामया - - - सन्नी चल उठ ! दिन भर सोता रहेगा क्या ?
सुंन्त - - - दीदी सोने दो ना नींद आ रही है
कामया - - - नही चल उठ नौ बज गये हैं मैं तेरे लिए चाय लाती हूँ ?
सन्नी - - - दीदी बहुत थका हुआ हूँ
कामया - - - तो किसने बोला था थकने को ? खुद ही तो रात भर उल्टे सीधे काम करता है ! कामया ने ऐसा बोलते हुए उसे कनखियों से देखा और किचन मे चल दी ! जब कामया चाय नाश्ता लेकर दुबारा सन्नी के कमरे मे आई तो वो अपना सामान पेक कर रहा था ! सन्नी कामया को देखता ही रह गया साड़ी मे वो बहुत ही सुंदर लग रही थी उसके चेहरे मे खुशी झलक रही थी और होंठों पर मुश्कराहट थी

 

कामया - - - सन्नी ये पेकिंग क्यों कर रहा है ?
सन्नी - - - दीदी आज घर जाना है !! सन्नी घर बिल्कुल नही जाना चाहता था किंतु कामया का मन ले रहा था !
कामया - - - इतनी जल्दी क्या पड़ी है जाने की ? पहली बार तो आया है थोड़ा रुक नही सकता ?
सन्नी - - -- दीदी मेरा काम तो कल हो गया था अब क्या करूँगा रुक कर ? उसने कामया की ओर अर्थपूर्ण दृष्टि डाली
कामया - - -- तो क्या हुआ दो तीन दिन रुक फिर जाना ! तुझे शहर भी दिखा दूँगी !
सन्नी - - - दीदी रहने दीजिए मैं आपको परेशान नही करना चाहता !
कामया - - -- परेशानी वाली क्या बात है ये तो तेरा ही घर है
सन्नी - - -- दीदी वो क्या ना मैने कल रात आपको परेशान कर दिया था ! सन्नी ने इतनी बड़ी बात को इतने हल्के ढंग से कही मानो कुछ हुआ ही ना हो !
कामया ने उसकी बात सुनकर शर्म से आँखें नीची कर ली फिर कुछ देर बाद कहा
कामया - - - तो क्या हुआ ? मैने तेरे से कोई शिकायत की क्या ? कल तो बड़ा कह रहा था दीदी मैं आपको बचपन से प्यार करता हूँ फिर अब क्यों अपनी दीदी को छोड़कर इतनी जल्दी जाना चाहता है ? काम हो गया तो अब दीदी अच्छी नहीं लग रही क्या ?
सन्नी - - -नहीं दीदी ऐसा कैसे हो सकता है आप तो इतनी अच्छी हैं !
कामया - - - चुपचाप नाश्ता कर फिर दिन मे लंच के बाद अपन मार्केट जाएँगे समझे ! और ये पेकिंग वेकिंग सब खोल दे ! इतना कह कर वो चली गई ! कामया के जाते ही सन्नी चेअर्स करने लगा मतलब कामया ने उसको स्वीकार कर लिया था ! यानी की अब सन्नी की बल्ले बल्ले थी !
लंच के बाद कामया सन्नी के साथ मार्केट जाने को निकली ! उसने एक बेहद सेक्सी लाल ट्राउज़र और टीशर्ट पहनी थी ! ये कपड़े सुनील लाया था पर वो आज के पहले कभी पहनी ही नही थी ! वो बेहद ही सेक्सी दिख रही थी उसके इस मॉडर्न रूप को देख कर शांति और मदनलाल भी हेरत मे पड़ गये ! मदनलाल तो इसे अपना ही असर मान रहा था !

 
शांति भी कामया को किसी बात पर रोकती टोकती नही थी ! गाड़ी सन्नी चला रहा था और कामया पीछे बैठी थी ! घर से दूर होते ही कामया सन्नी से चिपक गई ! उसके चुचे सीधा सन्नी की पीठ से जा लगे !! आज उसने ब्रा भी नही पहना था ! पीठ पर कामया की चुचि लगते ही सन्नी का हथियार बग़ावत पर उतर आया ! रास्ते मे एक ब्रेकर पर जैसे ही गाड़ी उछली कामया की चुचियाँ सन्नी की पीठ मे धँस गई ! सन्नी के मुख से आह निकल गई
सन्नी - - -- आह
कामया - - - क्या हुआ सन्नी
सन्नी - - - दीदी गड़ रहे हैं
कामे - - - क्या गड़ रहे हैं ?
सन्नी - - - आपके वो
कामया - -- चुप बदमाश ! बहुत मारूँगी ? इतनी सॉफ्ट चीज़ तुझे गड़ रही है और जब तुम लोग अपना खंजर घोप देते हो हम लोगों पे तब नही गड़ता ?
सन्नी - - - दीदी तब तो मज़ा आता है ! सन्नी की बात सुनकर कामया ने उसे चिकोटी काट दी ! दोनो एक पार्क मे जाकर बैठ गये सन्नी ने उससे जानना चाहा
सन्नी - - - - आप से कुछ पूछना है ?
कामया - -- क्या पूछना है ?
सन्नी - - - दीदी आपका और अंकल का संबंध कैसे बना ?
कामया कुछ देर तो चुप चाप बैठी रही फिर उसे सारी बात विस्तार से बताने लगी ! एक दिन की ही चुदाई मे ही वो सन्नी से ऐसी प्रभावित हो गई थी की उसे अपना भाई नही प्रेमी समझने लगी ! उसने दिल मे जो कुछ था वो सब सन्नी को बता दिया यह भी की उसके जीजू बिस्तर मे बहुत कमज़ोर हैं !!
कामया - - - सन्नी अगर तेरे जीजू पूरे मर्द होते तो आज मुझे ये सब नही करना पड़ता
सन्नी - - - चलो दीदी मेरे लिए तो अच्छा ही हुआ
कामया - - - चुप कर मारूंगी हाँ !! मैं तुझे कितना शरीफ समझती थी पर मुझे क्या मालूम था की तेरी नियत बचपन से ही मुझ पर खराब थी !
सन्नी - - - दीदी नियत मत बोलो !! मैं प्यार करता था आपको मन ही मन !
कामया - - - पर तूने कभी बताया नही
सन्नी - - - कैसे बताता दीदी ? एक तो आप बहन लगती हो दूसरा मुझसे उम्र मे भी बड़ी थी ! बस ऐसे ही घुट घुट कर जी रहा रहा था !
कामया - - - और मेरी नहाने की वीडियो देख कर काम चला रहा था ! हैं ना ?
सन्नी - - - दीदी एक बात बोलू बुरा तो नही मनोगी ?
कामया - - - सन्नी अब तेरे मेरे बीच मे बुरा मानने लायक कुछ बचा ही नही है ! बोल क्या बोल रहा था ?
सन्नी - - - दीदी मैने आपकी वीडियो देखते हुए ही जिंदगी मे पहली बार मास्टरबेट किया था !
कामया - - --- क्या ???? हे भगवान !! सन्नी तू कितना गंदा है रे ! कोई अपनी बहन को देख कर ऐसा करता है ??
सन्नी - - -- दीदी आपको नही मालूम अधिकतर लड़के अपनी बहन को याद कर ही लाइफ की पहली मास्टरबेट करते हैं!!
कामया - --- नही ऐसा कैसे हो सकता है ? लड़के लोग आख़िर ऐसा क्यों करेंगे
सन्नी - - - दीदी असल मे बाहर की लड़कियाँ का शरीर देखना संभव नही होता ! जबकि घर मे बहने अक्सर लापरवाह रहती है ! लड़के उन्हे नहाते हुए ,लापरवाही से सोते हुए , ड्रेस चेंज करते हुए देखते रहते हैं और फिर वो सीन उन्हे चेन नही लेने देता ! बाइकी सब अपने आप हो जाता है !
कामया - - - हे राम ये लड़के भी ना ? कामया उसकी बात सुनकर सन्न रह गई लेकिन तभी उसे याद आया कि उसकी कुछ सहेलियाँ भी अपने भाइयों से कुछ ज़्यादा ही चिपकी रहती थी और पिंकी के बारे मे तो उसे मालूम भी था कि उसका कसिन उसे खुराक देता रहता है ! अचानक सन्नी पूछ बैठा
सन्नी - - - दीदी मैं कैसा लगा आपको ??
कामया - - - चुप बेशरम कहीं का ! सन्नी तेरे को शरम वरम तो बिल्कुल है ही नहीं कुछ भी बोल देता है !
उसके बाद दोनो वहाँ से उठकर फिल्म देखने चल दिए !
कामया - - - सन्नी कौन सी फिल्म देखना है ?
सन्नी - - - दीदी जहाँ ज़्यादा पब्लिक ना हो वो फिल्म देखेंगे
कामया - - - क्यों तुझे पब्लिक से क्या लेना देना है
सन्नी - - - दीदी मुझे ना पब्लिक से लेना देना है , ना ही फिल्म से मुझे तो बस आपसे लेना देना है ! कामया - - - धत पगला कहीं का !! दोनो सिनिमा मे पहुँच गये कामया सन्नी का हाथ पकड़ कर ऐसे चल रही थी जैसे पति पत्नी हों ! जबकि वो बाजार मे सुनील का भी हाथ नही पकड़ती थी पर सन्नी ने रात भर मे पता नही क्या जादू किया उसपर की वो उसकी दीवानी हो गई थी ! बाल्कनी मे मुश्किल से चार पाँच जोड़े बैठे थे और सभी यंग लग रहे थे ! हाल की लाइट बुझते ही सन्नी कामया के संतरों पर टूट पड़ा ! कामया मना करती रह गई पर उसने उसकी शर्ट उपर की और कामया की चुचि चूसने लगा !

 

कामया - - - सन्नी प्लीज़ मत कर ! कोई देख लेगा
सन्नी - - - दीदी कोई नही देखेगा ! तुम्हे दिख रहा है कोई ?
कामया ने देखा की किसी का भी सिर कुर्सी मे नही दिख रहा था ! इसका मतलब ?? हे भगवान ये लड़कियाँ क्या यहीं शुरू हो गई ! सन्नी बहुत बुरी तरह कामया के संतरों का रस पी रहा था जगह जगह उसके निशान बन रहे थे ! कामया उपर से चुसि जा रही थी पर नीचे से उसकी धार बह रही थी ! लगभग पंद्रह मिनिट तक सन्नी दूध पेयेट रहा फिर सन्नी ने अपने किंग कोबरा को बाहर निकाला और कामया के हाथों मे पकड़ा दिया ! कामया ने भी मुट्ठी कस ली ! संग का असर कैसा होता है आज सॉफ दिख रहा था जो संस्कारी बहू बाहर अपने पति का हाथ भी नही पकड़ती थी आज सिनिमा हाल मे पर पुरुष का लंड पकड़ कर बैठी थी ! कामया सन्नी के कोबरा से खेलने लगी कभी वो स्ट्रोक करती तो कभी उसे ताक़त से भींच देती पर उसकी पूरी ताक़त लगाने के बाद भी वो दबता नही था ! तभी सन्नी बोला -
सन्नी - - - - दीदी ब्लो करो ना
कामया - - - क्या ????? सन्नी तू पागल है क्या ? ये पब्लिक प्लेस है
सन्नी - - - दीदी चारों तरफ देखो सब लड़कियाँ यही कर रही हैं ! कामया ने चारों तरफ देखा सब तरफ कुर्सी मे केवल लड़को के ही सिर दिखाई दे रहे थे उनके साथ आई लड़कियाँ का अता पता नही था !
कामया - - - तुम्हारा मतलब सन्नी ये लड़कियाँ सब ??
सन्नी - - - हाँ दीदी सब वही कर रही हैं आप भी करो ना
कामया - - - नही सन्नी मैं खुले मैं ऐसा नही कर सकती !
सन्नी - - -- दीदी प्लीज़ करो ना ! ऐसा कहते हुए सन्नी उसका सिर पकड़कर ज़बरदस्ती नीचे झुकाने लगा!
कामया - - - सन्नी नही मैं नही करूँगी
सन्नी - - - दीदी प्लीज़ दो मिनिट मे ही हो जाएगा
कामया - - नो मीन्स नो
सन्नी - - - ठीक है तो फिर चलो घर
कामया - - - ये क्या बात हुई ?
सन्नी - -- तो ये बोरिंग फिल्म देखकर क्या करेंगे?
कामया - - - तो क्या तू यही कराने यहाँ आया था ?
सन्नी - - - नही ये करवाने नही आया था लेकिन जब सब कर रहे हैं तो मैं यहाँ बैठ कर क्या करूँगा ! चलिए घर चलते हैं ! कामया ने सन्नी को नाराज़ देखकर उसके कंधे पर सिर रखकर कहा
कामया - - - सन्नी तू समझा कर ज़रा , पब्लिक प्लेस मे ये सब नहीं किया जाता ! कल रात तूने बोला था तो मैने किया था ना फिर गुस्सा क्यों हो रहा है !
सन्नी - -- दीदी पब्लिक प्लेस उसे बोला जाता है जहाँ कोई देखने वाला हो जब यहाँ कोई देख ही नही सकता तो काहे का पब्लिक प्लेस ! और मैं गुस्सा नहीं हूँ गुस्सा तो ये है ऐसा कहते हुए उसने फिर कामया के हाथ मे फन पकड़ा दिया !
कामया ने देखा की सन्नी का औजार बेहद गर्म हो रहा था उसने सोचा नही था की ये चीज़ इतनी भी गरम हो सकती है बाबूजी का भी कभी इतना टेंपरेचर नहीं महसूस हुआ !
कामया - - सन्नी ये तो बहुत गरम है तुझे बुखार है क्या ?
सन्नी - - - नही इसे बुखार है ! आपके प्यार का बुखार चाड गया है इसे !!! दीदी प्लीज़ कर दो ना ! ऐसा कहते हुए उसने फिर कामया का सिर नीचे झुकाना चालू कर दिया ! इस बार कामया भी विरोध नहीं कर पाई ! नाक मे मर्दानी गंध आते ही वो विचलित हो गई और मुँह खोल कर मूसल को निगलने लगी ! कामया ने धीरे से शुरुआत करी किंतु तुरंत ही उसने तेज़ी दिखा दी वो सन्नी को जल्दी से फ़ुर्सत करना चाहती थी ! टाकीस मे ये सब करना उसे अजीब लग रहा था ! वो ज़ोर से चूसने लगी सन्नी भी उसके बूब्स दबाने लगा ! पब्लिक प्लेस का थ्रिल ऐसा था की सन्नी भी जल्दी ही झड़ गया और कामया ने भी सारा पानी पी लिया !

 
काम होने के बाद दोनो का मन फिल्म मे लग नही रहा था सो दोनो उठ के चल दिए! कामया ने एक गारमेंट्स की दुकान मे गाड़ी रुकवाई और सन्नी के लिए एक जीन्स खरीदी ! सन्नी भी मूड मे आ गया उसने भी ज़बरदस्ती एक बेहद ही सेक्सी ब्राइडल ब्रा पेंटी कामया के लिए खरीद ली !
कामया - -- सन्नी तू मधु को तो जानता है ना ?
सन्नी - - - वो ही जो आपके पड़ोस मे रहती थी ?
कामया - -- - हाँ वही
सन्नी - - - - क्या हुआ उसको ?
कामया - - - उसका एक बीएफ था शादी के पहले ! मधु बताती थी की वो सिनिमा मे ही मधु से ब्लो करवाता था तब मुझे यकीन नहीं होता था , लेकिन आज पता चला वो सच ही बोलती थी ! तुम सब लड़के एक से ही होते हो अपनी मन की करवाके ही मानते हो !
सन्नी - - - दीदी अंकल आपके साथ रोज करते हैं क्या ?
कामया - - - नहीं रे हफ्ते मे के आध बार ,कल तो कई दिन बाद आए थे !
सन्नी - - - एक काम करना उन्हे आज भी एक बार करवा देना !
कामया - - - क्यों तू क्यों ऐसा बोल रहा है ?
सन्नी - - - दीदी करने के बाद नींद अच्छी आती है ! कल रात आप बार बार उनके उठने की चिंता कर रही थी ! अंकल कर के चले जाएँगे तो फिर तुम बेफिकर रहोगी !
कामया - - - अच्छा बड़ा आया मेरी फिकर करने वाला !! ये बोलना अपना रास्ता क्लियर कर रहा है ?
सन्नी - - - जो भी समझो लेकिन तुम्हे उनके उठाने की चिंता तो नही रहेगी !
कामया - - - उसके लिए मेरे पास दूसरा रास्ता भी है !
सन्नी - - - दूसरा रास्ता कौन सा ?
कामया - - - बाबूजी रात को दूध पीते हैं उसमे नींद की गोली डाल दूँगी ! अब तो खुश ना !












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FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--26

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--26


सन्नी समझ गया था की अब कामया हर हाल मे चुदना चाहेगी और उसे मना नही कर पाएगी तो उसने थोड़ा और तड़पाने की सोची ! सन्नी ने अपनी कमर को नीचे कर अड्जस्ट किया और शिश्न मुण्ड को कामया की चूत मे सेट कर एक हल्का सा धक्का लगा दिया ! ज़रा से पुश से ही शिश्न कामरस से भीगी सुरंग मे सुपाड़े तक अंदर सरक गया ! गरम कठोर मुण्ड के घुसते ही कामया की मुख से मादक कराह निकल गई !
कामया - - - आ उई माँ !
सन्नी ने हालत का जायज़ा लेते हुए फिर पूछा
सन्नी - - - कामया बताओ ना मुझे क्या करना है ! कामया को समझ नही आ रहा था की सन्नी ऐसा क्यों पूछ रहा है ! वो जानबूझ कर ऐसा पूछ रहा है या आज उसका पहली बार है और उसे कुछ मालूम नही है ! सन्नी कामया के मुख से उगलवाना चाहता था ताकि बाद मे कामया उसे भला बुरा ना कहे उसने एक बार फिर पूछा
सन्नी - -- कामया बताओ ना तुम्हारी जलन दूर करने के किए मुझे क्या करना है ?
कामया के लिए अब एक एक पल रुकना भारी पड़ रहा था उसने मज़बूर होकर समर्पण कर दिया ! कामया अपना हाथ नीचे ले गई और सन्नी के मूसल को पकड़ कर बोली
कामया - - - भैया इसको और अंदर डालो ! पूरा अंदर कर दो ना ! कामया की बात सुनकर सन्नी ने एक तगड़ा झटका दिया और उसका खूँटा एक ही बार मे पूरा जड़ तक अंदर समा गया ! कामया के मुख से घुटि घुटि सी चीख निकल गई -
कामया - - - उई माँ !!! मरर गई !! भैया धीरे करो बहुत दर्द दे रहा है ! मार दो गे क्या ? अपनी प्रेम गुफा मे नये पथिक के आते ही कामया पूरे जोश मे आ गई थी ! उसे ये भी महसूस हो गया था की सन्नी का टूल भी बाबूजी के बराबर ही है बल्कि उसका बहुत कड़ा लग रहा था जबकि बाबूजी का इतना कड़ा नही लगता था ! सन्नी भी कामया की चूत मे अपना पूरा घुसेड कर बिल्कुल मस्त हो गया था ! कामया उसकी बचपन से ही फॅंटेसी थी ! सन्नी ने कामया के दोनो संतरों को दबाते हुए कहा
सन्नी - -- दीदी पूरा अंदर कर दिया अब क्या करना है ? कामया को लगा उसका सोचना सही था ये तो पूरा अनाड़ी है जिम जाकर केवल डोले शोले ही बनाता रहा है और कुछ नही सीखा अपनी उम्र के हिसाब से !
कामया - - - भैया तुमने पहले कभी किया नही क्या ?
सन्नी - - - नही मैने आपको बताया तो था की मेरा किसी लड़की से दोस्ती नही है !
कामया - - - तो क्या कभी कोई फिल्म वग़ैरहा भी नही देखी ? उसने अपनी कमर आगे पीछे करते हुए पूछा
सन्नी - - - एक दो बार दोस्तो ने मोबाइल मे दिखाया था बस
कामया - - - तो फिल्म मे क्या करते हैं लड़के ?
सन्नी - - - उसमे तो आदमी लोग आगे पीछे करके अंदर बाहर कर रहे थे !
कामया - - - तो तू भी वही कर ना जो सब करते हैं ! कामया के कहने पर सन्नी अनाड़ी होने का दिखावा कर अंदर बाहर पेलने लगा ! मगर खड़े खड़े करने मे उसे दिक्कत आ रही थी ! दोनो पलंग के किनारे ही खड़े थे सन्नी ने कामया के कंधो को दबा कर उसे बेड मे झुका दिया अब कामया स्टॅंडिंग डॉगी पोज़िशन मे आ गई थी ! अब सन्नी ने कामया की धुआँधार पेलाई चालू कर दी ! कामया के मुख से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी ! सन्नी को स्ट्रोक लगाने मे असुविधा देख कामया ने अपना एक पैर भी उठा कर बेड मे रख लिया अब सन्नी का मूसल उसकी और अधिक गहराई तक पहुँच रहा था !

दोनो आनंद की चरम सीमा की ओर बड़ रहे थे ! कामया को अंदर से इस बात का गर्व भी हो रहा था की वो एक फ्रेश लड़के का उधघाटन करवा रही थी ! अपने अनारी भैया का जोश बड़ाने के लिए वो सिसकारी लेते हुए बोली -
कामया - - -- आह ओह ओह माइ गॉड ! इट फील्स सो गुड ! येस बेबी फक मे हार्ड ! यू आर रियली आ माचो मेन !
सन्नी भी अपने सालों के अनुभव का बखूबी इस्तेमाल कर रहा था ! थोड़ी ही देर मे कामया अपने क्लाइमॅक्स मे आ गई और उसने पानी छोड़ दिया ! ऑर्गॅज़म के बाद उसे अपने भाई से चुदते देख कुछ देर असमंजस सा फील हुआ किंतु सन्नी के लंड का जादू एक बार फिर उसके सिर पर चॅडने लगा और वो फिर खुमारी मे आने लगी ! इधर सन्नी भी करीब चार पाँच दिन से भरा बैठा था इसलिए उसे भी अब रिलीस करने की जल्दी पड़ गई और उसने ताक़तवर स्ट्रोक की बरसात कर दी ! जवान मर्द के शक्तिशाली धक्कों ने एक बार फिर कामया को चरम पर पहुँचा दिया ! वो फिर से कराहने लगी ! कमरा दोनो की सांसो की आवाज़ और कामया की मादक आहों से गूंजने लगा ! लगभग पाँच मिनिट की नोनस्टॉप पेलाई के बाद सन्नी ने अपना माल कामया की कोख मे भरना शुरू कर दिया ! सन्नी की गरम बौछार कामया को किसी गीसर के समान सुखदाई लग रही थी और इस गरम बौछार ने उसे भी पिघला दिया ! कामया भी साथ साथ फिर से बहने लगी ! दोनो कुछ देर ऐसे ही डॉगी बने हान्फते रहे फिर सन्नी ने उसे धक्का देकर बेड मे लिटा दिया और खुद भी उसके बाजू मे लेट गया !
कामया आँख बंद किए लेटी हुई थी जबकि सन्नी उसके हसीन जिस्म को देखने मे लगा हुआ था ! कामया आँख बंद किए हुए अभी अभी मिले जबरदस्त आनंद को याद कर रही थी ! आज कई दिन बाद उसकी जम कर ठुकाई हुई थी वो भी एक जवान गबरू मर्द के द्वारा ! आज कई दिन बाद उसके कोख मे मर्द का बीज गया था पिछले दो बार से तो बाबूजी समय से पहले ही चूक कर दे रहे थे और माल बाहर ही बर्बाद कर रहे थे ! कामया को अपने पिछले अनुभवों से तो यही लग रहा था की आज की फिल्म ख़त्म हो गई है पर वो ये नही जानती थी की पिक्चर तो अब शुरू हुई है ! दरअसल सुनील और बाबूजी दोनो एक ही बार करके सो जाते थे इसलिए कामया को लगता था की मर्दों को एक बार करने के बाद दूसरी बार के लिए कम से कम चार पाँच घंटे का समय चाहिए रहता है ! बेचारी ये नही जानती थी की आज पहली बार उसका असली मर्द से पाला पड़ा है जो पूरी रात ऐसी चुदाई करता है की दूसरे दिन लौंडिया ढंग से चल भी नही पाती है !
कामया अभी अभी बने इस भाई बहन के संबंधों के अच्छाई बुराई के बारे मे सोच ही रही थी क़ि सन्नी ने उसके मम्मो से खेलना चालू कर दिया ! वो चुपचाप पड़ी रही ऐसा अक्सर सुनील और मदनलाल भी करते थे ! चुदाई के बाद वो दोनो भी थोड़ी देर उसके संतरों से खेलते थे फिर सो जाते थे ! इधर सन्नी ने अब उसके बूब्स को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया ! कामया के बदन मे अंदर कहीं फिर से काम लहर बनाना चालू हो गई ! मगर वो सोच रही थी की इस लहर का कोई फ़ायदा नही है क्योंकि अब कोई सरफिंग करने वाला ही नही है ! कुछ देर सन्नी करवट मे ही दूध पीता रहा फिर वो कामया के उपर आकर दूध पीने लगा और उसने कामया की टाँगो को फैला कर अपने को बीच मे सेट कर लिया !


 सन्नी किसी बछड़े की तरह कामया के बूब्स को जिझोड़ रहा था ! जिससे से कामया कामानंद से सिहर उठती ! तभी सन्नी ने अपना लंड उसकी चूत मे सेट कर दिया ! ठोस माँस के टुकड़े को अपनी बुर मे फील करते ही कामया चौंक गई ! उसने सोचा "" हे भगवान इतने जल्दी फिर से !!!! अभी तो पिछला माल निकाले सन्नी को पंद्रह मिनिट ही हुए होंगे ! इसका तो फिर से तैयार हो गया ! वो सन्नी के जोश के बारे मे सोच ही रही थी की सन्नी ने एक झटका मार दिया ! कामया दोनो के काम रस से भरी पड़ी थी सो एक ही बार मे सन्नी का औजार पूरा अंदर सरक गया !


कामया - - - उई मां ! मर गई
सन्नी - - - क्या हुआ जान !
कामया - - -भैया बोल नही सकते थे ! झटके से डाल दिया !
सन्नी - - - दीदी तुमने सीखा दिया है कि अंदर बाहर करना है तो बार बार क्या बोलना ! दोनो एक बार फिर काम सफ़र पर चल पड़े ! सन्नी तेज़ी से रन बना रहा था जबकि कामया को उसके साथ चल पाना मुश्किल पड़ रहा था ! तभी सन्नी ने अंदर डाले ही डाले कामया को लेकर पलट गया ! अब कामया उसके उपर लेटी हुई थी और सन्नी नीचे से शॉट मार रहा था ! सीन ऐसा था मानो कामया सन्नी को चोद रही हो ?




इस पोज़ मे कामया अपने को मर्द फील करने लगी और इसी चक्कर मे वो बहुत जल्दी निपट गई ! सन्नी को ये आसन बहुत पसंद था क्योंकि इस पोज़ मे वो लौंडिया की गांद को ज़ी भर कर सहलाता था जो वो अब भी कर रहा था ! कामया की चुचियाँ सन्नी के सीने मे पिचकी पड़ी थी ! सन्नी काफ़ी देर ऐसा ही कामया को चोदता रहा और जब उसके फारिग होने का समय आया तो उसने फिर कामया को पलटाया और उसकी कोख मे बीज़ारोपण कर दिया ! पंद्रह मिनिट मे ही दूसरी चुदाई ने कामया के सारे कस बल निकाल दिए वो बदहवास सी बिस्तर मे पड़ी रह गई ! लगभग आधे घंटे तक दोनो थके से लेते रहे! दोनो आपस मे बात भी नही कर रहे थे रिश्ता ही ऐसा था की शर्म के कारण कुछ बोला नही जा रहा था ! कामया तो तृप्त होकर लेटी हुई थी ! कामया दिल ही दिल मे खुश थी की सन्नी का काम करके वो एक बहुत बड़ी मुसीबत से निकल गई उसे विश्वास था की अब सन्नी कम से कम उसे बदनाम तो नही करेगा ! आख़िर कोई भाई अपनी बहन को बदनाम कैसे कर सकता है जबकि अब मैने उसकी इच्छा भी पूरी कर दी और उसे अनाड़ी से खिलाड़ी बना दिया ! जब कामया की थोड़ी थकावट कम हुई तो वो बेड से उठने लगी ! काम्यको उठता देख सन्नी ने उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया ! कामया ने उसकी ओर बिना देखे पूछा -
कामया - - - अब क्या है ? सन्नी अब वापस अपने पुराने फॉर्म मे लौट आया और बोला
सन्नी - - - दीदी थोड़ी देर और रूको ना !
कामया - - - क्यों तूने अपनी मनमानी तो करली ना अब क्यों रोक रहा है ?
सन्नी - - - दीदी ऐसा क्यों बोल रही हो ? ये मनमानी नही है !! मैं बचपन से आपका दीवाना हूँ ! आप मेरे बचपन की फॅंटेसी हो !
कामया - - - झूट मत बोल सन्नी ! तूने वो सब देख कर मौके का फ़ायदा उठाया है ! सन्नी अब कामया को फुसलाना चाहता था ! उसे मालूम था की कामया थोड़ा अपसेट है पर वो ये भी जानता था की मदनलाल से अधूरी चुदि कामया को उसने पूरी ठंडाई दी है जो उसके चेहरे मे भी दिख रही थी ! उसने कामया को मक्खन लगाते हुआ कहा -
सन्नी - - - दीदी आप मेरा विश्वास मानिए ! मैं आपको सबूत दे सकता हूँ !
कामया - - - क्या सबूत है तेरे पास !
सन्नी ने अपना मोबाइल निकाला और एक वीडियो ऑन करके कामया को दे दिया ! वीडियो देखते ही कामया की आँखें चौड़ी होने लगी ! एक मिनिट की क्लिप मे कामया टॉप लेस होकर बाथरूम मे नहा रही थी उसके बदन मे सिर्फ़ एक छोटी सी पेंटी थी !


उसमे कामया स्कूल गर्ल लग रही थी एक दम प्यारी सी क्यूट सी मगर बेहद सेक्सी !


क्लिप देखते देखते कामया की आँखों मे फिर शर्म उतार आई उसने सन्नी से पूछा !
कामया - -- - ये कब खींचा तूने ?
सन्नी - - - दीदी आप शुरू से मुझे अच्छी लगती थी ! मैं दिल ही दिल मे आपको प्यार करने लगा था ! एक बार आप एंटर के एग्ज़ॅम देने के बाद हमारे घर रहने आई हुई थी तभी एक दिन जब आप बाथरूम मे थी मैने रोशनदान से खींच ली थी !
कामया को कुछ याद आने लगा वो बोली -( दरअसल उस समय कामया को लगा था क़ि रोशनदान मे मामाजी हैं क्योंकि वो अक्सर ऐसे मौके तलासते रहते थे ! आज कामया ने जाना की बाप तो बाप बेटा भी उसका दीवाना है )
कामया - - - मुझे भी उस समय लगा था की कोई वहाँ से देख रहा है इसलिए मैने उपर देखा भी लेकिन कोई दिखा नही तू डर के मारे भाग गया होगा !
सन्नी - - - सॉरी दीदी मैं आप के प्यार मे पागल हो गया था ! तब से आज तक रोज इसे देखे बिना नींद नही आती !
कामया - - - चुप बदमाश ! बहन को ऐसे देखते शर्म नही आती ! मुझे नही मालूम था तू इतना गंदा बच्चा है !!!
सन्नी - - - दीदी मेरी मज़बूरी भी देखो ना प्यार भी हुआ तो बहन से
कामया - - - सन्नी पर ये ग़लत है जो हुआ सो हुआ पर मैं तुम्हारी बहन हूँ ! इसे यहीं ख़त्म कर देते हैं !
सन्नी - - - दीदी प्यार रिश्ते नाते नही देखता ! आप बोलिए क्या आप अंकल से रिश्ता बंद कर देंगी ? कामया उसकी बात सुनकर निरुत्तर हो गई और उठकर जाने लगी तो सन्नी ने फिर उसका हाथ पकड़ लिया -
कामया - - - सन्नी क्या है अब तो जाने दे ?
सन्नी - - - दीदी कल तो मैं जा रहा हूँ प्लीज़ एक बार और करने दो ना ? पता नहीं क्यूँ कामया को सन्नी पर तरस आ गया किंतु उसने नकली इनकार करते हुए कहा
कामया - - - सन्नी बाजू मे मम्मी पापा सो रहे हैं मैं तेरे तैयार होने तक और दो घंटे तो यहाँ नही रुक सकती ना ?
सन्नी - - - दीदी मैं रुकने को नही बोल रहा हूँ ! ये देखो ना ये तो कब का तैयार हो गया है !!!!! और ऐसा कहते हुए सन्नी ने कामया के हाथ मे अपना हथियार पकड़ा दिया ! सन्नी के लंड पर हाथ लगते ही कामया ताज्जुब रह गई वो फिर किसी सिपाही की तरह सिर उठा के खड़ा था ! कामया ने सिर उठा कर सन्नी के बदमाश को देखा ! वो बड़ा ही प्यारा मगर ख़ूँख़ार लग रहा था ! कामया पहली बार सन्नी के फन्नी को देख रही थी ! इसके पहले सन्नी दो बार उसको पेल चुका था मगर कामया को उसके सेनापति को देखने का मौका नही मिला था ! पहली बार तो सन्नी ने पीछे से ही हमला कर दिया था और दूसरी बार भी शर्म के मारे उसने उसके टूल की तरफ देखा ही नहीं ! कामया ने देखा की सन्नी का हथियार भी बाबूजी से कम नही है उतना ही लंबा चौड़ा था बल्कि उसमे ज़्यादा नसें दिख रही थी जिससे वो ज़्यादा मसकुलीन और ज़्यादा ख़तरनाक हमलावर नज़र आ रहा था !

लंड अभी भी उसकी मुट्ठी मे था वो सम्मोहित सी उसे देख रही थी और फिर अचानक ही उसकी मुट्ठी कस गई ! सन्नी के मुख से सिसकारी निकल गई उसने कहा -
सन्नी - - - दीदी चूसो ना !!
कामया - - - नही मैं वो सब नही करूँगी ! मुझे शरम आ रही है !
सन्नी - - - दीदी प्लीज़ करो ना
कामया - - - नही सन्नी मुझे वो सब अच्छा नही लगता !
सन्नी - - - दीदी आप मुझसे झूट बोल रही हैं ! आप ने अंकल को दो दो बार किया था शुरू मे भी और लास्ट मे तो और जबरदस्त ! कामया को कुछ बोलते नही बना उसे ये मालूम था की सन्नी ने उसे माल गटकते हुए भी देखा है
सन्नी - - - दीदी प्लीज़ करो ना
कामया - - - सन्नी ज़िद मत कर
सन्नी - - - ठीक है दीदी आप अपने छोटे भाई को कोई सुख नही देना चाहती ,अपने भाई के लिए आपके दिल मे कोई प्यार नही है उसने रुआंसे होते हुए कहा ! कामया उसका उतरा हुआ मुख देख कर पिघल गई ,पिघल क्या गई अंदर से तो वो खुद लंड निगलना चाहती थी मगर मानिनी होने के कारण पहल नही कर रही थी !
कामया - - - ठीक है पर थोड़ा सा ही करूँगी ज़्यादा की ज़िद नही करना !
सन्नी - - - ठीक है जितना आप को करना है उतना ही करना बस ! सन्नी तो केवल उसकी झिझक तोड़ना चाहता था उसे मालूम था की एक दिन ऐसा भी आएगा जब कामया मात्र इशारा करने पर ही उसके लंड पर टूट पड़ेगी ! कामया ने थोड़ी देर उसके हथियार को स्ट्रोक किया फिर झुक कर सूपाडे को चूम लिया ! लंड पर कामया के लबों का स्पर्श पड़ते ही सन्नी झन्झना गया ! उसके मुँह से मादक सिसकारी निकल गई ! भाई की सिसकारी सुन कामया मुस्करा दी उसने सोचा आज तक जो बाबूजी से सीखा है आज सब अपने भाई को दे देती हूँ ! कामया अब सन्नी के सुपारे पर अपनी गीली खुरदूरी जीभ फेरने लगी और सन्नी उत्तेजना से काँपने लगा ! थोड़ी देर तक यून ही अपने भाई को तड़पाने के बाद कामया ने पूरा सुपाड़ा गटक लिया ! उसके मुख की भाप से सन्नी को ऐसा लग रहा था जैसे उसका लंड किसी ने गीसर मे रख दिया हो ! वो आहें भरने लगा ! कामया अब लंबे लंबे स्ट्रोक मार कर लंड को गहराई तक उतारने लगी !


कामया अब ब्लो जॉब देने मे मास्टर हो चुकी थी ! वो मर्दों के इस नाज़ुक अंगों की हर कमज़ोरियों को जानने लगी थी उसने सन्नी के इस बदमाश की वो हालात कर दी की सन्नी बिस्तर से उछल उछल जाता ! उसके पूरे शरीर मे उबाल आने लगा ! आज उसे भी पता चल गया था की बाज़ारू औरत और दिल से प्यार करने वाली औरत के प्यार मे कितना फ़र्क होता है ! जब उसे संभालना मुश्किल हो गया तो उसने कामया को बिस्तर मे पटक दिया और उस पर चॅड बैठा ! इस से पहले की कामया कुछ संभल पाती सन्नी ने एक पहलवानी शॉट मार दिया और अगले ही पल कामया के मुख से दर्द भरी चीख निकल गई
कामया ----- उई मम्मी ! मर गई ! ओफफो भैया आहिस्ते से नही डाल सकते थे!! जालिम कहीं के ?
 








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Monday, November 23, 2015

FUN-MAZA-MASTI एक बार रस निकाल दो ना

FUN-MAZA-MASTI

 एक बार रस निकाल दो ना


नमस्कार दोस्तों मैं आपका दोस्त वरुण एक बार फिर आप सबका फन मज़ा मस्ती में स्वागत करता हूँ |
आज मैं आपके लिए अपनी भाभी की कहानी लेकर आया हूँ |
मेरी भाभी का नाम अनुराधा है और उनकी उम्र 28 साल है..उनके बदन में दो ही चीज मस्त है उनकी चूचियां और उनकी गांड |
वैसे तो भाभी की चूत तो मैं पहले चोद चुका हूँ |पर उन्होंने अपनी गांड मुझे देने से मना कर दिया | पर मैंने हार नहीं मानी और कोसिस करता रहा |
कुछ ही दिन बाद मेरा जन्मदिन आने वाला था | मैंने सोच लिया था कि भाभी के चूतड़ों के गुलाबी छेद का मज़ा जरूर लूटूँगा।
एक दिन शाम को भाभी के घर गया, भाभी रसोई में थीं।
ताई जी हमारे घर थीं.. मैंने भाभी को बाँहों में भर लिया।
मेरा लण्ड भाभी के मखमली चूतड़ों से सट गया और हाथों से चूचियों को दबाने लगा।
फिर बोला- भाभी कुछ ही दिनों में मेरा जन्मदिन आ रहा है.. मुझे क्या दोगी।
भाभी बोली- बोल क्या चाहिए तुझे?
‘अभी मांग लिया तो हो सकता है आप मना कर दो.. मैं उसी दिन मांग लूँगा।’
भाभी ने वादा कर दिया।
मैं खुश हो गया, मैं भाभी को चूम रहा था कि अचानक भैया आ गए।
हम अलग हो गए मैं पानी पीने लगा भाभी काम करने लगीं।
भैया अन्दर आ गए मुझसे बोले- और अजय, कैसे हो तुम?
‘मैं ठीक हूँ भैया.. आप बताओ भैया।’
‘क्या बताऊँ.. मैं बहुत बिजी हूँ मुझे अब फिर कुछ दिनों के लिए जाना होगा।’
मैं खुश हो गया कि अब फिर भाभी के साथ मज़ा करूँगा, मैंने भाभी की तरफ आँख मार दी।
भाभी हँस दीं.. फिर थोड़ी बहुत बातें करके मैं घर आ गया।
मैं अपने जन्मदिन वाले दिन भाभी के घर मिठाई लेकर पहुँचा।
मैंने ताई जी को नमस्ते की और मिठाई दी और उनसे भाभी के बारे में पूछा, तो पता चला भाभी नहा रही थीं।
मैंने ताई जी से भैया के बारे में पूछा तो भैया भी अपने टूर पर चले गए थे।
‘आज तो भाभी से पूरा मज़ा ले ही लूँगा,’ मैंने सोचा कि बस अब ताई जी को किसी काम में व्यस्त रखना था।
ताई जी से मैंने कहा- आज तो मेरे घर पार्टी है.. आप मेरे घर जाकर मदद कर दो।
तो ताई जी ने ‘हाँ’ कर दी।
मैं ताई जी को घर छोड़ आया।
ताई जी बोलीं- बेटा अजय तेरी भाभी को भी ले आना।
तो मैंने बोल दिया- मैं भाभी को पार्टी के समय तक ले आऊँगा.. आप चिंता मत करो।
मैं जल्दी से भाभी के घर पहुँच गया।
मैंने मिठाई ली और भाभी के कमरे में आ गया।
भाभी निकलने वाली थीं मैं वापस गेट पर गया और उसे बन्द करके आया, तब तक भाभी भी बाथरूम से निकल आई थीं।
भाभी मुझसे पूछने लगीं- अजय माँ कहाँ हैं?
तो मैंने कहा- उनको मैं अपने घर ले गया हूँ।
और मिठाई उठा कर भाभी के मुँह में लगा दी।
भाभी बोली- यह किस ख़ुशी में?
तो मैंने उन्हें अपने जन्मदिन के बारे में बताया, तो वो खुश हो गईं और मुझे बधाई दी।
मैंने भी भाभी को गले लगा कर ‘थैंक्स’ कहा।
भाभी फिर अपने बालों को संवारने लगीं।
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ कर उनके कान में अपना वादा याद दिलाया।
तो भाभी ने कहा- बोलो.. आपको क्या चाहिए?
मैंने भाभी के चूतड़ों में ऊँगली करके कहा- भाभी ये…!
भाभी ने बड़े आत्मविश्वास से कहा- मुझे पहले से ही पता था कि तुम यही कहोगे… चलो कोई बात नहीं.. अब देवर को गिफ्ट तो देना ही होगा… पहले बताओ कि कोई आ तो नहीं जाएगा?
मैंने बताया- कोई नहीं आएगा.. मैंने ताई जी को कह दिया है कि मैं भाभी को शाम को पार्टी के समय लाऊँगा।
भाभी- बड़े बदमाश हो तुम… सब पहले ही सैट कर दिया।
फिर हम दोनों हँस दिए और मैं फिर भाभी को चूमने लगा।
भाभी तो पहले से ही तौलिए में थीं, मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया।
मैंने बिस्तर पर बैठ कर भाभी को अपनी गोदी में ले लिया।
अपने लण्ड को भाभी के चूतड़ों की दरार में रख कर उनकी उठी हुई चूचियों को पीने लगा। भाभी मस्त होती जा रही थीं।
फिर धीरे-धीरे भाभी के बदन को चूम कर और सहला कर चूतड़ों पर आया।
भाभी लेट गईं.. उन्होंने चूतड़ों को ऊपर उठा दिया।
फिर मैं जल्दी से बाथरूम में जाकर सरसों का तेल लाया और लण्ड पर लगाया और भाभी की गाण्ड में भी तेल लगा दिया।
फिर सुपारा टिका कर लण्ड डालने की धीरे-धीरे कोशिश करने लगा।
मेरा लौड़ा तेल लगाने से खूब चिकना हो गया था.. बस फिर धीरे से अन्दर जाने लगा।
भाभी भी थोड़ी दर्द से सिसकियाँ ले रही थीं।
भाभी कहने लगीं- प्लीज.. आराम से डालना..
मैं- भाभी पूरी तरह आराम से करूँगा।
जब थोड़ा सा लण्ड अन्दर चला गया तो मैंने भी जोर लगाया और लण्ड को धक्का दे दिया, मुझे भी थोड़ा सा दर्द सा हुआ।
भाभी तो चिल्लाने ही लगीं- निकालो इसे.. दर्द हो रहा है।
पर मैंने ऐसे ही रखा और भाभी को सहलाने लगा, मैं झुक कर भाभी की कमर को चूमने लगा, हाथों से चूचियों को भी दबाने लगा।
धीरे-धीरे सब ठीक होता गया और मुझे भी मज़ा आने लगा, भाभी के गद्देदार चूतड़ बहुत मस्ती दे रहे थे।
कुछ देर बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था, मैंने थोड़ा तेज़ी से लण्ड को हिलाना शुरू किया, अब भाभी दर्द से रो रही थीं।
पूरे मज़े के साथ मेरा वीर्य निकल गया। अब मैंने लण्ड को बाहर निकाल लिया, भाभी सीधा होकर बैठ गईं।
मैंने लण्ड को साफ़ किया और भाभी को किस किया ।
मैंने भाभी के आँसू पोंछे और बांहों में भर लिया।
हमारे पास अभी थोड़ा समय और था।
भाभी बोलीं- अब तो तुम खुश हो ना.. अब मुझे फिर मत कहना।
तो मैंने भी वादा किया- अब नहीं कहूँगा..
फिर मैं भाभी की चूचियों को पीने लगा।
उस दिन शाम तक हम दोनों देवर-भाभी चिपके रहे, तभी भाभी का फ़ोन बजा तो उस तरफ से ताई जी बोल रही थीं- कब आओगी?
भाभी ने कहा- बस हम आ ही रहे हैं।
भाभी ने फ़ोन काट दिया। मैं भाभी को चूमे ही जा रहा था।
भाभी- अब बस भी करो.. मन नहीं भरा क्या?
मैं- नहीं.. भाभी आपसे तो कभी मन नहीं भर सकता..
भाभी- चलो अब तुम्हारे घर चलें..
मैं- रुको ना.. थोड़ी मस्ती और कर लो।
मैंने फिर भाभी के चूतड़ों में लण्ड सटा दिया।
भाभी- उफ्फ्फ.. क्या कर रहे हो.. छोड़ो ना..
‘भाभी एक बार लण्ड से रस निकाल दो ना.. देखो कैसे मस्त हो रहा है।’
तो भाभी ने हाथों से सहलाना शुरू कर दिया, बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लण्ड से पिचकारी निकली..
‘आआआह.. भाभी मज़ा आ गया.. तेरी गांड तो बहुत मस्त है ’
भाभी खड़ी हुईं और बोलीं- अब मज़ा भूल जाओ.. और इसे साफ़ कर लो। मैं कपड़े पहन लूँ.. फिर घर चलते हैं.. नहीं तो फंस जाएंगे।
फिर मैंने भी कपड़े पहने और मैं भाभी को लेकर अपने घर आ गया और मैंने जन्मदिन मनाया।
मैंने अपने घर में भी भाभी के साथ मस्ती की…
तो दोंस्तों आपको कैसी लगी ये कहानी..
अपनी राय हमें जरुर दे..












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FUN-MAZA-MASTI चोदम-चोद खेलेंगे

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चोदम-चोद खेलेंगे



दोस्तों मैं फन मजा मस्ती की नियमित पाठक हूँ, मेरा नाम अनुज्ञा है |
चुदाई मेरी आदत में सुमार है जब तक मैं दिन में एक बार चुद नहीं लेती मुझे चैन नहीं आता|
मैं और मेरी सहेली अविका अक्सर शाम को अपने बॉय फ्रेंड्स के साथ मौज मस्ती करने उनके घर  पर जाया करते थे लेकिन किसी कारणवश मेरा मेरे बॉय फ्रेंड के साथ मनमुटाव हो गया और हम अलग हो गये।
 मेरा फिगर है 32-28-34. मैं 21 वर्ष की एक सुन्दर लड़की हूँ. रंग साफ है और 5 फुट 4 इंच का क़द।
मैं दिल्ली में कॉलेज में पढ़ती हूँ, हमारे कॉलेज की बहुत लड़कियाँ नाइट आउट के लिये लड़कों के साथ जाया करती थीं और बहुत बार अनजाने लड़कों के साथ भी निकल लेती थीं।
ऐसी ही घटना का वर्णन करने जा रही हूँ।
मुझे और अविका को पता चला कि रात को लाजपत नगर पुल के नीचे बहुत सी कॉल गर्ल्स ग्राहकों की तलाश में खड़ी रहती हैं और उनमें कुछ तो काफी ऊँचा दाम भी लेती हैं।
मैंने अविका से कहा कि चलो यह भी ट्राई करते हैं।
उसने साफ मना कर दिया लेकिन मेरे ऊपर तो इसे ट्राई करने का भूत सवार था तो मैंने जैसे तैसे अविका तो अपने साथ चलने के लिये मना ही लिया।
रात के 12 बजे मैं अविका के साथ अपनी कार में लाजपत नगर पुल के नीचे पहुँचे तो देखते हैं कि काफी औरतें और कुछ कॉलेज की लड़कियाँ वहाँ मौजूद थीं।
कार से निकल के मैंने सीसा खोलकर लिपस्टिक लगाने लगी ताकि अमिन और सेक्सी दिखू|
मेरी तो गाण्ड फटी हुई थी कि न जाने अब क्या होगा, कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं हो जायगी।
हालांकि मैंने कई बार चुदाई की थी लेकिन सिर्फ अपने बॉय फ्रेंड के साथ ही!
आज यह पहले मौका होगा जब मैं किसी और से चुदूँगी।
मैं लिपस्टिक लगा ही रही थी की एक इनोवा कार मेरे पास आकर रुकी।
अंदर बैठे लड़के ने गाड़ी का शीशा नीचे किया और पूछा- चलेगी? …आजा गाड़ी में!
मैं बोली- कितना देगा? 5000 लगेंगे |वो भी अभी…पैसा देगा तो ही बैठूँगी गाड़ी में!
वो बोला- ठीक है।
और उसने 4000 दे दिये और कहा बाक़ी के 1000 सुबह देगा।
वो पैसे मैंने अविका को दे दिये और कार का नंबर भी लिखवा दिया।
अविका मेरी कार लेकर वापिस घर को चल दी और मैं गाड़ी में चढ़ गई।
मैं गाड़ी में बैठ तो गई लेकिन डर से मेरी टांगें कांप रही थीं।
पहली दफा मैं किसी अनजान लड़के के साथ नाइट आउट पर जा रही थी और वो भी पैसे लेकर।
धीरे धीरे हमने बातें करना शुरू कर दिया।
उसने अपना नाम अभय बताया।
मैंने भी उसे बताया कि यह मेरा पहला अनुभव होगा।
उसने पूछा कि मुझे पता कैसे चला इस जगह के बारे में जहाँ लड़कियां खड़ी होती हैं।
मैंने बताया के मेरे कॉलेज कि कई लड़कियाँ यहाँ आती हैं, उनसे ही मालूम हुआ।
फिर हम दोनों ने सिगरेट जला लीं।
उसका एक हाथ स्टेयरिंग पर था और दूसरा हाथ उसने मेरी जाँघों पर फिराना चालू कर दिया।
धीरे धीरे उसका हाथ जांघ से होता हुआ पीठ पर आ गया और फिर पेट पर। मैं भी आँखें मूंदे चुपचाप इस सबका मज़ा ले रही थी।
कुछ ही देर में गाड़ी की ब्रेक लगी और अभय बोला- घर आ गया।
उसके घर में घुस कर मुझे डर लग रहा था, फिर भी मैं हिम्मत करके चली ही गई।
फ्लैट में जाकर मैंने उससे टॉइलेट के बारे में पूछा तो वो मेरा हाथ पकड़ के मुझे टॉइलेट तक छोड़ आया।
जब मैं बाहर निकली तो देखा कि अभय ने वोड्का के दो पेग बनाकर तय्यार रखे हैं।
थोड़ी वोड्का पीने के बाद अभय ने अपनी टी शर्ट उतार दी और मेरी बगल में आकर बैठ गया।
पहले उसने मेरे कंधे को चूमा, फिर मेरे गालों को, फिर गले को और फिर मेरी पीठ पर से बाल हटा कर पीठ को खूब चूमा।
उसने मेरी टी शर्ट के भीतर हाथ डाल के ब्रा खोल दी और मेरे पीछे बैठ कर मुझे अपनी टांगों के बीच में ले लिया।
मैं आराम से आँखें बंद किये इसका मज़ा ले रही थी कि अचानक से अभय ने मेरे दोनों हाथों को ऊपर किया और कहा कि इनको ऐसे ही खड़ा रखना।
तब उसने एकदम से मेरी टी शर्ट को उतार के फेंक दिया और फिर मेरी ब्रा को पहले से ही खुली हुई थी, उसे भी झटके से उतार कर एक तरफ को फेंक दिया।
उसने मुझे उठा कर खड़ा किया, फिर हम दोनों आमने सामने थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे।
वो मेरे नीचे वाले होंठ चूस रहा था और मैं उसके ऊपर वाले होंठ को।
उसके हाथ मेरी चूचियों को दबा रहे थे, उनके साथ खेल रहे थे।
तब उसने एक झटके से मुझे बेड पर गिरा दिया और वोड्का मेरी चूचुक पर गिरा कर लगा चाटने।
मुझे तो इतना मज़ा आ रहा था जिसका मैं वर्णन नहीं कर सकती।
कुछ देर बाद उसने मेरी नाभि में वोदका भर दी और लगा चूसने चाटने।
फिर उसने मुझे बैठ जाने को कहा तो मैं झट से उठ के बैठ गई।
तभी उसने अपना अकड़ा हुआ लौडा, जो अभी तक उसके लोअर के अन्दर ही था, मेरे सामने कर दिया और मैं लंड को ऊपर से ही पकड़ कर हिलाने सहलाने लगी।
मैंने उसकी लोअर और जॉकी दोनों खींच कर उतार दीं जिस से वो मेरे सामने एकदम नंगा खड़ा हुआ था हालान्कि मैं अभी भी जीन्स पहने हुए थी।
उसने अपना लंड मेरे होंठों से लगा दिया और पहले तो मैंने मना किया लेकिन फिर फटाक से उसे मुंह में ले लिया।
अभी मैंने लंड को चूसना शुरू ही किया था कि अभय ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा 7 इंच का लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया।
मेरी तो सांस ही अटक गई।
लेकिन फिर मैंने लंड को धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया।
अभय के हाथ मेरी चूचियों को दबा रहे थे, उसे जैसे मेरी चूचुक से प्यार हो गया था।
मुझे भी उसका सात इंच का मोटा सा लंड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैं कभी लंड के चौचक पर जीभ घुमाती तो कभी लंड को मुंह से बाहर निकाल के उसे नीचे से ऊपर तक चाट लेती।
लंड जब मेरे मुंह में घुसा हुआ तुनक तुनक करता तो मज़े से पूरे शरीर में सुरसुरी सी दौड़ जाती।
थोड़ी थोड़ी देर के बाद एक चिकनी से बूंद लंड के छेद पर उभर आती जिसे मैं बड़े स्वाद से चाट लेती।
इधर अभय ज़ोर ज़ोर से मेरी चूचियाँ निचोड़े जा रहा था, सच में उसे उन से प्यार ही हो गया था, कभी वो बड़ी नर्मी से मेरे अकड़ाए मम्मे दबाता तो कभी यकायक से पूरे ज़ोर से मसल देता।
मुझे थोड़ा सा दर्द तो होता लेकिन वो दर्द बहुत मज़ा बढ़ाने वाला था जिस से मेरी चूत की आग और भी अधिक भड़क उठती।
फिर वो उठा और फ़्रिज से थोड़ा सा मक्खन निकाल कर गर्म किया।
उसने मेरे चूचों पर बटर लगाया और अपने लंड पर भी लगाया।
फिर उसने मुझे बेड पर लिटा कर मेरे हाथ ऊपर को सिर के पीछे कर दिये और मेरी बगलों में भी मक्खन लगाया।
फिर वो मुड़ा और मेरी टांगों की तरफ मुंह करके उसने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और खुद मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरी चूत को खाने की कोशिश करने लगा।
तभी उसका लौड़ा झड़ गया और उसका लावा मेरे मुँह में भल्ल भल्ल करता हुआ छूटा।
वो दो मिनट तक मेरे ऊपर ही लेटा रहा।
मैं अभी भी उसका झडा हुआ लंड चूसे जा रही थी।
फिर उसने मेरी जींस के बटन खोल दिये और ऊपर आकर मेरी चूचियों पर लगा हुआ मक्खन चाट के साफ किया, फिर मेरी बगलों में लगा हुआ बटर भी चाटा।
फिर उसने मेरी जींस उतार के फेंक दी और मेरी पैंटी को छू कर देखा।
वो बिल्कुल गीली हो रही थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसने पैंटी उतार दी और अपनी जीभ मेरी चूत पर घुमायी तो मस्त होकर मैंने भी अपनी टांगे फैला लीं।
थोड़ी देर चूत चूस के उसने अपनी उंगली चूत में घुसाई और अंदर बाहर करने लगा।
20-25 बार जब उसकी उंगली अंदर बाहर हो गई तो मैं झड़ने लगी।
अभय मुझे झड़ते हुए देखता रहा और फिर उसने चाट के चूत को साफ किया।
वो बोला- थोड़ा सा रेस्ट कर लो।
मैं बोली- ठीक है।
और मैंने एक सिग्रेट सुलगा ली। एक सिग्रेट उसे भी ऑफर की तो उसने भी सिग्रेट जला ली।
मैं अभी सिग्रेट पी ही रही थी कि अभय ने मेरी कमर को पकड़ लिया और बोला- आज तो जी भर के चोदूँगा तुझे!
मैं बोली- इसीलिये तो आई हूँ। पहले सिग्रेट तो पी लें फिर चोदम-चोद खेलेंगे।
पर वो कहाँ सुनने वाला था, उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, खुद मेरे ऊपर चढ़ कर लंड को चूत पर रगड़ने लगा।
फिर उसने एक ज़ोर से धक्का मारा तो लंड आधा मेरी चूत में चला गया।
मुझे दर्द भी हो रहा था क्योंकि काफी दिन से इस चूत का दरवाज़ा किसी लंड के लिये नहीं खुला था।
जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो अभय ने एक धक्का और मारा तो लंड पूरा का पूरा चूत में घुस कर फिट हो गया।
अब वो बार बार लंड को अंदर बाहर करने लगा।
कुछ ही देर में मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने भी नीचे से धक्के मारने चालू कर दिये जबकि अभय ऊपर से धक्के पर धक्का लगा रहा था।
क़रीब 10 मिनट तक ऐसे ही मस्त चुदाई चलती रही, फिर मैं झड़ गई।
अभय लगातार धक्के पेले जा रहा था और 20-25 धक्के ठोकने के बाद उसने लंड को चूत से बाहर निकल लिया, फिर मेरे पेट पर लंड रख के वो ज़ोर से झड़ा।
सारा का सारा गर्म लावा उसने मेरे पेट पर गिरा दिया।
वो मुझे चूमने लगा और मेरे चूचे दबाने लगा।
मैं काफी थक चुकी थी इसलिये मैंने कहा- मैं ज़रा बाथरूम में सफाई करके फ्रेश होकर आती हूँ।
इतना कह के मैं बाथरूम में घुस गई और अपना पेट और चूत साफ करने लगी।
इतने में अभय पीछे से आ गया और मुझे पकड़ लिया।
उसका लंड मेरे चूतड़ों के बीच में फंस गया और वो तभी उसने शावर चालू कर दिया।
हम दो तीन मिनट तक यूँही भीगते रहे और उसके हाथ मेरी बुर को सहलाते रहे।
कुछ देर मे वो खुद मेरे सामने कि तरफ आ गया और मेरे होंठ चूसते हुए उसने उंगली चूत में घुसा दी।
मैंने भी उसका लंड पकड़ लिया और लगी दबाने।
लंड अभी तक बैठा हुआ था लेकिन ज्यों ही मैंने उसे पकड़ा वो फौरन खड़ा हो गया।
हम इसी तरह लगे रहे और थोड़ी देर में एक दूसरे को चूमते चूमते बेडरूम में आ गये।
अब मुझे ठंड लगने लगी थी क्योंकि हम पूरी तरह भीग चुके थे।
अभय उठा और पंखा बंद करके ऐसी को गर्म पर सेट कर दिया, फिर वो बोला- वोड्का पी ले तो ठंड नहीं लगेगी।
उसने दो तगड़े पेग बनाये जिसे मैं एक ही सांस में पी गई।
5 मिनट के बाद मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद उस के ऊपर बैठ कर लगी चूमने, जबकि वो मेरी चूचियाँ निचोड़ने लगा।
रात के 3 बज रहे थे, अब मुझे भी गर्मी चढ़ चुकी थी, मैंने अपनी चूत उसके लंड पर रखी और दबाना शुरू किया तो लंड मेरी पानी पानी हो रही चूत में सेट होता चला गया।
मैंने उछल उछल उसे चोदने के मज़े लेने शुरू किये लेकिन मैं शीघ्र ही थक गई।
फिर अभय उठ के बैठ गया और मुझे अपने लंड पर फिट किये किये मेरे होंठ चूसते हुए झटके लगाने लगा।
मैं भी जवाबी झटके लगातार लगाने लगी।
अभय ने अब तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिये थे।
मेरी चूत भी खूब जूस छोड़ने लगी थी।
हर धक्के में चूत मज़े से व्याकुल होकर और जूस झाड़ती।
मैंने भी अभय की स्पीड से स्पीड मिलते हुए धक्के देने चालू कर दिये और कुछ ही धक्के मार के मैं झड़ गई, लेकिन अभय अभी भी लगातार झटके लगाये जा रहा था।
फिर उसने एक उंगली मेरी गाण्ड में घुसा दी और बराबर धक्के चूत में मारे गया।
थोड़ी देर चोदने के बाद वो बोला कि मेरा बस निकलने ही वाला है।
मैंने कहा- चूत में ना छोड़ना, लंड को मेरी चूचियों पर झाड़ दो।
उसने 5-6 धक्के और लगाये और जैसे ही झाड़ने को हुआ तो लौड़ा चूत से बाहर निकाला और मेरे चूचों के ऊपर सारा माल निकाल दिया।
फिर उसने लंड मेरे मुंह से लगा दिया और मैंने लंड को चूस के चाट के साफ कर दिया।
अभय उठा और फ्रिज से बचा हुआ मक्खन निकाल के ब्रेड पर लगाकर ब्रेड बटर मुझे खिलाया।
तब तक सुबह के 4 बज चुके थे। इतना चुद जाने के बाद मेरे में ज़रा भी जान नहीं बची थी।
अभय ने मुझे बचे हुए 1000 रुपये दिये जो मैंने अपने पर्स में रख लिये।
फिर वो मुझे किस करने लगा और मैं उसी के ऊपर लेट कर सो गई।
सुबह के 10 बजे आँख खुली तो वो मेरे मम्मे दबा रहा था और मेरी टांगें चौड़ी कर के मेरी चूत चाट रहा था।
वो मुझे गरम करने की कोशिश कर रहा था लेकिन मुझ में इतनी जान नहीं बची थी कि चुदाई का एक और राउण्ड झेल सकूं।
अभय ने मुहे रीवाईटल दिया और फिर हम उसकी इन्नोवा में घर की तरफ चल पड़े।
रास्ते में उसने मुझे लंच ऑफर किया।
मैंने भी हाँ कर दी।
लंच करके उसने मुझे मेट्रो स्टेशन पर ड्रॉप कर दिया और मैं अपने घर वापिस आ गई।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी |
आप अपने विचार हमें अवस्य लिखें|










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FUN-MAZA-MASTI बुर की शोभा

FUN-MAZA-MASTI

बुर की शोभा


मेरा नाम अनुराग है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मै फन मजा मस्ती का नियमित पाठक हूँ मुझे यहाँ की कहानिया बहुत पसंद है

मैंने बहुत बार पेलाई की पर आज तक सील नहीं तोडी। मेरी उम्र 21 साल है। मेरे ताऊजी नागपुर में रहते हैं।

दीदी की शादी के बाद ताऊजी और ताईजी अकेले हो गये इसलिये ताऊजी ने मुझे दिल्ली से नागपुर बुलाया।

मेरी वजह से ताऊजी का सुनापन दूर हो गया।

ताऊजी ने मुझे नागपुर के अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया।

मैं अनजान शहर में था, किसी को पहचानता नहीं था।

एक दिन मैं कॉलेज की कैंटीन में बैठा था तभी मेरे सामने एक लड़की आकर बैठ गयी।

मैं उसे देखता ही रह गया।

वो दिखने मे बहुत सुन्दर थी। वो भी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी।

मैंने उसे हाय! कहा तो जवाब में उसने हैलो! कहा।

मैंने उसका नाम पूछा, उसने निकी बताया।

हमने काफी बातें की।

हमने लगभग एक घंटे बात की जिससे हम एक-दूसरे को अच्छे से जान गये थे।

जाते वक्त निकी ने मेरा मोबाईल नंबर लिया, उसी दिन रात को ग्यारह बजे निकी का कॉल आया।

हमने देर रात तक कॉल पर बातें की। और मुझे बहुत मज़ा आया.

फिर हम रोज कॉलेज मे बातें करते, साथ में घूमते।

रात को फोन पर बात करते।

हम दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे।

एक दिन रात को आठ बजे निकी का कॉल आया उसने कहा – आज रात उसके घर में कोई नहीं है।

निकी का घर बहुत बड़ा है उसे डर लगेगा इसलिये निकी ने मुझे बुलाया और मैंने हाँ कर दी।

करीब आधे घंटे बाद निकी मुझे लेने मेरे घर आयी और हम दोनों निकी के घर पहुँचे।

निकी का घर काफी बड़ा था।

निकी ने मुझे अपना बेडरूम दिखाया।

उसका बेडरूम काफी बड़ा और आलिशान था।

उसने मुझे बैठने के लिये बोला और कहा कुछ खाने के लिए लाती हूँ।

पंद्रह मिनट बाद जब निकी आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया।

उसने नीले रंग का पतला नाईटी पहना था जो उसके बदन को चिपक रहा था।

निकी मेरे पास आकर बोली – क्या देख रहे हो?

मैंने कहा – आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो।

निकी ने मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा चांटा मारा और कहा – पाँच मिनट में आती हूँ, तब तक तुम कुछ
खालो।

जब निकी चलते हुए आयी तब उसके चुचे हिल रहे थे।

मैं समझ गया निकी ने ब्रा नहीं पहनी जिस से मेरा लण्ड खडा हो गया।

मैं अपने हाथ से लण्ड को छुपाने की कोशिश कर रहा था।

निकी मेरे हाथ की तरफ देख रही थी।

हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर बात कर रहे थे।

मेरी नजर बार-बार निकी के चूचों पर जा रही थी और निकी मुसकुरा रही थी।

मुझे लगा निकी को चोदने का इस से अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

मैं अपना चेहरा निकी के चेहरे के पास ले गया और उस की आँखों में देख कर कहा – निकी, आज तुम बहुत
सेक्सी दिख रही हो और धीरे-धीरे हमारे होंठ चिपक गये।

पंद्रह मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे।

फिर मैं निकी के उपर चढकर उसे चूमता रहा।

कभी आँखों पर चूमता तो कभी गाल पर, कभी होंठों पर तो कभी गर्दन पर।

नीचे मेरा लण्ड निकी की बुर पर रगड़ रहा था निकी गरम हो चुकी थी उसके मुँह से आह.. आह.. की आवाज
निकल रही थी और मेरा जोश दुगना हो गया।


मैं निकी के चुचे दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने निकी की नाईटी उतार दी। निकी ने ना तो ब्रा पहनी नहीं थी ना ही

पैंटी पहनी थी।

मैं निकी को देखने लगा उसका गोरा-गोरा बदन देख कर मुझे जैसे नशा छाने लगा।

मैंने झट से अपने कपड़े खोले और निकी के उपर चढ गया उसके गोरे-गोरे चूचों पर गुलाबी दाने को चूसने लगा।

जब भी मैं उसके दाने को दाँत से काटता तब उसके मुँह से चीख निकल जाती थी।

धीरे-धीरे मैं उसके पेट पर आया उसके नाभी को चूसने लगा निकी काफी मजे मे आनंद ले रही थी।

अब मैं उसकी बुर पर पहुँचा।

उसकी बुर पर हल्के-हल्के बाल थे जो उसकी बुर की शोभा बड़ा रहे थे।

बुर गीली थी.

उसकी बुर बहुत छोटी थी जैसे किसी बच्ची की होती है जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी|

मैंने देखते ही उसे चूम लिया।

मेरे चूमते ही निकी मछली की तरह तडपने लगी और मेरे मुँह को अपने पैरों में फसा कर अपनी बुर पर दबाने
लगी।

मैं निकी की बुर चूसता रहा और अपनी एक ऊँगली बुर मे डाल दी।

बुर बहुत कसी हुयी थी।

निकी पहले कभी चुदी नहीं थी।

एक-एक कर मैंने अपनी दो उँगली बुर मे डाल दी।

निकी की बुर पानी छोडने लगी, उसमें से अच्छी खुशबु आ रही थी।

मैं पूरा पानी चाट कर पी गया।

अब मैं अपना लण्ड निकी के मुँह के पास ले गया।

निकी ने मेरा लण्ड हाथ में लिया और देखने लगी और कहा – इतना बड़ा।

मैंने निकी को लण्ड चूमने कहा तो उसने साफ मना कर दिया।

मैंने भी निकी पर दबाव नहीं डाला।

मैं फिर से निकी को चूमने लगा।

मैंने निकी के पूरे अंग-अंग को चूमा-चाटा, उसका पूरा स्वाद चखा अब मुझे मेरे लण्ड ने उछल-उछल कर परेशान कर दिया था।

मैं निकी के दोनों पैरों के बीच बैठ कर अपना लण्ड बुर पर रगड़ने लगा।

निकी चिल्लाने लगी – प्लीज, कुछ कर मुझे कुछ हो रहा है।

मैंने भी देर न करते हुए पास रखे टेबल पर से क्रीम लिया और अपने लण्ड पर ढेर सारा लगा लिया।

मैंने लण्ड बुर पर रख कर एक जोर का धक्का लगाया।

लण्ड थोडा ही अंदर गया और निकी जोर से चीख पडी और उसकी आँखों में से पानी बहने लगा।

मैं निकी को चूमने लगा जब दर्द कम हुआ तब मैंने एक जोर का धक्का लगाया।


मेरा लण्ड आधे से ज़्यादा बुर के अंदर जा चुका था।

उसकी झिल्ली फट गयी थी।

खून बाहर आने लगा।

निकी दर्द से तडप रही थी पर उस दर्द में मजा भी बहुत था।

धीरे-धीरे मैंने लण्ड बाहर खीँचा और जोर के धक्के के साथ लण्ड अंदर डाल देता।

थोड़ी देर में मेरे हर धक्के का जवाब निकी गाँड उछाल कर देती थी।

कुछ देर बाद मेरा पानी छुटने वाला था तब तक निकी दो बार झड़ चुकी थी।

पाँच-छे जोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी निकी के बुर पर छोड दिया।

निकी भी तीसरी बार झड़ चुकी थी।

हम थक गये थे और वहीं बिस्तर पर लेट गये।

थोड़ी देर बाद देखा तो रात के एक बज गये थे और चादर पुरी खून से भरी थी।

उसके बाद उसी रात को एक और बार पेलाईकी।

सुबह पाँच बजे तक पेलाईचली। और इस पेलाई में निकी ने कई बार पानी छोड़ा और मेरा भी कई बार पानी
निकला .

मेरे वापस आते समय निकी ने मुझे गले लगाया और एक बडी चूमी दी।

आज भी हम मौका मिलने पे चुदाई कर लेते है...











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FUN-MAZA-MASTI अब तुमसे शरमाना कैसा?

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अब तुमसे शरमाना कैसा?




नमस्कार दोस्तों मेरा नाम वरुन है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ
मैं फन मज़ा मस्ती वेबसाइट का बहुत बड़ा प्रसंसक हूँ और मुझे इस साईट पर कहानियाँ पड़ना बहुत अच्छा लगता है.
दोस्तों मैं  आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह लगभग आज से दो साल पुरानी बात है.
मैं  एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था. फिर कुछ समय पहले ही मेरे माता पिता ने मेरी शादी के लिए लड़की देखना शुरू कर दिया था और फिर उन्होंने मेरी शादी एक सुंदर लड़की अवनी से करवा दी.. वो दिखने में एकदम सुडौल.. बदन 36 की छाती.. पतली कमर और बहुत ही सुंदर थी और मैंने सुहागरात को उसे 5 बार चोदा और उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया. फिर ऐसे ही 3-4 महीने गुज़रे गये और एक दिन मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि मुझे ब्लूफिल्म देखना है. तो में बहुत अचंभित हो गया.. लेकिन फिर भी मैंने पूछा कि तुम्हे किस तरह की ब्लूफिल्म देखनी है? तो उसने मुझसे कहा कि कोई भी ग्रुपसेक्स वाली फिल्म चलेगी. तो मैंने कहा कि क्यों क्या तुम्हे बहुत सारे मर्दो से चुदवाना है? फिर उसने कहा कि नहीं ऐसे ही.. बस आप मुझे सीडी ला दो.

तो मैंने कहा कि ठीक है और में सीडी लेकर आ गया और उस रात में हम दोनों ने मिलकर ब्लूफिल्म देखी और सेक्स किया. तभी अचानक मुझे कंपनी के किसी जरूरी काम से मक्सिको जाना पड़ा..

 मेरी पत्नी ने बहुत जिद कि तो मैंने भी उसे अपने साथ ले लिया और मक्सिको में मैंने एक फ्लेट बुक करवाया और एक दिन ऑफिस का काम खत्म करके रात को में अपने फ्लेट पर लौटा तो मैंने देखा कि एक ब्रा बेड के नीचे गिरी हुई है क्योंकि में अपनी पत्नी की सभी ब्रा पहचानता था इसलिए में जान गया कि यह मेरी पत्नी की ब्रा नहीं है.. लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं बोला और रूम में एक छोटा सा केमरा लगवा दिया और जिसकी जानकारी मेरी पत्नी को नहीं थी. फिर उसके अगले दिन से मैंने उस पर निगरानी रखनी शुरू कर दी. फिर लगभग दोपहर के 2 बजे मैंने देखा कि वो किसी को फोन कर रही है और एक घंटे के बाद रूम में अंदर एक विदेशी लड़की आई.. उस लड़की को रूम पर देखकर में बहुत चकित हो गया और फिर अगले ही पल मेरी पत्नी और वो एक दूसरे को किस करने लगे.. आहह की आवाज़ कैमरे के माइक्रोफोन से बहुत धीमी धीमी सुनाई देती थी.

फिर उस लड़की ने अपना गाऊन उतारा.. मेरी पत्नी का चेहरा एकदम लाल हो गया और मेरी पत्नी उस लड़की की छाती को दबाने लगी और उसकी ब्रा को खोल दिया. में पहली बार एक दूसरी लड़की के बूब्स को देखकर मुठ मारने लगा.. तब विदेशी लड़की ने मेरी बीवी की साड़ी को उतारा और फिर पेटिकोट, फिर पेंटी को भी उतारा.. फिर वो उसकी बुर को चूसने लगी. तभी मेरी बीवी की ज़ोर ज़ोर से आहह उफ्फ्फ आईईइ आहह आवाज़ आने लगी और फिर उस लड़की ने अपने पर्स से लौड़े के आकार का एक खिलौना निकाला और उससे मेरी बीवी को चोदने लगी और फिर कुछ देर बाद मेरी बीवी की बुर से बुर का रस निकलने लगा..

 वो एकदम निढाल होकर पड़ी रही और उसके कुछ समय के बाद मेरी बीवी ने उसको पूरी तरह नंगा कर दिया और दो लडकियों को एक रूम में इस तरह एकदम नंगी देखकर मेरे शरीर में करंट लगने लगा और में ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा. फिर वो विदेशी लड़की उस लौड़े को मेरी बीवी के मुहं में डाल रही थी.. लेकिन वो रबड़ का बना हुआ था इसलिए वो लौड़े बड़ी आसानी से उसके मुहं के बहुत अंदर तक चला गया और दूसरी तरफ अवनी अपनी एक उंगली को उसकी बुर में डालकर ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी. तभी कुछ ही देर के बाद वो झड़ गई और फिर दोनों ने एक दूसरे को किस किया और एक दूसरे का दूध पिया..

बारी बारी से एक दूसरे की बुर में लौड़े डालकर एक दूसरे की बुर को शांत किया. फिर उस लड़की ने मेरी बीवी को एक कपड़े का सेट दिया और वो दोनों कपड़े पहनने लगी. फिर मेरी बीवी ने चाय बनाई और उन दोनों ने एक साथ बैठकर चाय पी और बहुत देर तक बातें कि.. फिर वो लड़की चली गयी.

 दोस्तों यह सिलसिला 12 दिनों तक चला और तेरहवें दिन मैंने बीच में ही आने का प्लान बनाया. फिर मैंने केमरे से देखा कि वो लड़की फ्लेट के अंदर जा चुकी थी.. मेरे फ्लेट की दो चाबी थी तो उसके अंदर जाने के 10 मिनट बाद में आया और चुपके से गेट खोला और अंदर घुस गया. तो मैंने देखा कि बेडरूम में मेरी पत्नी अवनी और वो विदेशी लड़की सेक्स कर रहे थे. में अचानक से बेडरूम में घुस गया और मैंने देखा कि वो दोनों बड़ी ही आपत्तिजनक स्थिति में थी और मेरी पत्नी तो एकदम नंगी खड़ी रही.. लेकिन उस विदेशी लड़की ने मुझे देखकर एक कपड़े से अपने आप को ढकने का प्रयास किया.

तो मैंने कहा कि यह सब क्या हो रहा है? तब वो दोनों भौचक्के होकर मुझे देख रहे थे. तभी मेरी बीवी ने कहा कि यह एक डॉक्टर है और मुझे चेक करने आई है कि में कब तक गर्भवती हो जाउंगी. तो मैंने पूछा कि.. लेकिन इसमे कपड़े खोलने की बात कहाँ हुई? तो उसने कहा कि वो मेरी बुर को चेक करना चाहती थी इसलिए.. मैंने कहा कि ठीक है.. लेकिन उसके लिए तुम्हे कपड़े खोलने थे..

लेकिन इस डॉक्टर ने अपने पूरे कपड़े क्यों खोल रखे है? तो अवनी ने कहा कि नहीं मैंने इससे ऐसा करने को कहा था. तो मैंने कहा कि ठीक है और पूछा कि यह तुम्हे कितने दिनों से चेक कर रही है? तब मेरी पत्नी बोली कि पिछले 12 दिनों से. तो मैंने पूछा कि इसका मतलब पिछले 12 दिनों से तुम दोनों एक ही रूम में नंगे होकर रहते हो? तो उन दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया और मैंने कहा कि मैंने तुम दोनों केमरे से सेक्स करते हुए देखा है. तब उस विदेशी लड़की ने अपने ऊपर से वो कपड़ा हटा लिया और वो बोली कि जब तुमने यह सब देख ही लिया है तो अब तुमसे शरमाना कैसा? आओ हम तीनो मिलकर सेक्स करते है बड़ा मज़ा आएगा.

फिर उसने जल्दी से मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लौड़े पकड़ लिया और मेरे लौड़े को सहलाने लगी.. फिर क्या था? में भी जोश में आ गया और अपनी बीवी के बूब्स के चूची को दबाने लगा. फिर उन दोनों ने मिलकर मेरे सारे कपड़े खोल दिए और वो विदेशी लड़की बेड पर अपने पैर फैलाकर बैठ गयी..

उसकी बुर में से बुर रस बह रहा था और वो एकदम गुलाबी रसीली थी. तो मैंने झट से अपना लंबा लौड़े उसकी बुर में डाल दिया. वो एकदम कुवांरी बुर थी और फिर उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकली आहह उईईइ अह्ह्ह्ह और दर्द के मारे उसकी जान निकल गयी. फिर दूसरी तरफ मेरी बीवी उसके चूची को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रही थी और कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने अपना लौड़े उसकी बुर से बाहर निकालकर मुहं में डाला. वो अपना मुहं आगे पीछे करके मेरे लौड़े की मुठ मार रही थी और कुछ देर बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और वो पूरा का पूरा लौड़े चाट चाटकर साफ करने लगी और उसने मेरा पूरा वीर्य चाटकर साफ कर दिया.

फिर हर रोज की तरह आज भी मेरी बीवी ने हम सभी के लिए चाय बनाई और हम सब ने चाय पी और उसने अपना नाम चरिष्टिना बताया. फिर दोबारा मिलने का वादा करके वो चली गयी और उसके जाने के बाद में अपनी बीवी को रात भर चोदता रहा. तो अवनी ने कहा कि क्या बात है आज मेरी बुर को फाड़कर ही रहोगे? तब मैंने कहा कि तुमने इतनी सुंदर लड़की को मुझसे इतने दिनों तक अलग रखा यह उसी का दंड है. फिर दूसरे दिन से वो हर रोज मेरे फ्लेट पर आने लगी और इस तरह हम तीनों ने 15 दिन तक मिलकर सेक्स किया और टूर खत्म होने के बाद हम इंडिया लौट आए. तो एक दिन अवनी ने मुझसे कहा कि तुम तो एक पराई लड़की से सेक्स कर चुके हो अब में भी कोई पराए लड़के के साथ सेक्स करना चाहती हूँ. तो में भी उसके इस प्रस्ताव के लिए बैताब था.. क्योंकि मैंने नेट पर अमेरिका के एक प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर के बारे में पता कर रखा था और वहां पर एक इंडियन कपल की ज़रूरत थी और इससे यह फायदा होता कि मेरी बीवी को सेक्स का मौका भी मिल जाता और मुझे एक मोटी रकम भी और मैंने अपनी कंपनी से आग्रह करके अपना टूर अमेरिका में फिक्स करा दिया और हम अगले महीने ही अमेरिका चले गये.
वहां पर उस प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर में हम दोनों पहुंच गये.. चूँकि मेरी पत्नी इतनी सुंदर थी कि वहां के मेनेजर ने उसे एक बार देखते ही रख लिया और 1 लाख डॉलर का प्रस्तव् रखा. तो मेरी बीवी ने उसके सामने एक शर्त रखी और कहा कि में जहाँ भी जाउंगी वहां पर मेरे पति भी जाएँगे? तब उस मेनेजर ने कहा कि हाँ क्यों नहीं आप एक कपल की तरह यहाँ पर रह सकते है और आपको ग्राहक का फोन नंबर, नाम, पता मेसेज कर दिया जाएगा. फिर हम अपने फ्लेट पर चले गये और उसके दो दिन के बाद हमे एक मेसेज आया कि आपको एक कपल ने शाम को बुलाया है. तो हम दोनों दिए हुए पते पर पहुँच गये और मैंने दरवाजे पर लगी हुई बेल बजाई.. तभी अंदर से एक बहुत सुंदर औरत निकली उसका जिस्म एकदम सेक्सी दिख रहा था और उसके बूब्स बहुत अच्छे दिख रहे थे. तो उसने मुझसे पूछा कि आप कौन हो और क्या काम है? तो मैंने पूछा कि क्या यह चार्ली मट्टिंसों का घर है? तो उसने कहा कि हाँ तब हमने कहा कि हम प्रॉस्टिट्यूशन सेंटर की तरफ से आए है. उसने कहा कि में ही चार्ली मट्टिंसों हूँ वो औरत लगभग 42 की रही होगी.. कसी हुई छाती, उभरी हुई चूचियाँ वो एक नॉर्मल स्कर्ट टॉप में थी.. लेकिन वो इस कपड़े में बहुत सुंदर लग रही थी.

तो उसने अवनी मतलब मेरी वाईफ को सामने वाले रूम में जाने को कहा क्योंकि उसके पति उसी रूम में थे और हम दोनों को अलग अलग रूम में रखा गया और उन दोनों रूम के बीच की दीवार में एक 10 इंच का मोटा शीशा लगा हुआ था ताकि उसकी पत्नी भी अपने पति को सेक्स करते हुए देख सके.. लेकिन उसको उसका पति नहीं देख सकता था. फिर उस औरत ने अपना टॉप खोल दिया और मुझे किस करने लगी.. उसका होंठ मानो रस से भरा था और में उसको किस करते हुए उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और साथ में अपनी बीवी और उसके पति का सेक्स देख रहा था. फिर मैंने उस औरत की ब्रा को उतार दिया और उसके एकदम गुलाबी चूची देखते ही में जोश में आ गया और चूसने लगा. मैंने उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया और उसकी पेंटी में हाथ घुसाकर बुर में उंगली करने लगा. तभी अचानक मैंने देखा कि एक ग्रुप में 8 और लड़कियां आ गयी और उन सबने मिलकर मेरे सारे कपड़े उतार दिए और उसी वक़्त मैंने देखा कि मेरे सामने वेल कमरे में भी 8 लड़के और आ गये. तो में समझ गया कि आज हम दोनों की वॉट लगने वाली है..
एक लड़की ने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे मुहं पर बुर रखकर चटवाने लगी और एक लड़की मेरे लौड़े को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाकर मुठ मार रही थी और एक लड़की मेरे मुहं पर किस कर रही थी. एक लड़की मेरी छाती दबा रही थी तो दूसरी लड़की मेरे मुहं में थूक रही थी फिर एक ने मेरे शरीर पर पेशाब कर दिया और में पूरी तरह बेहाल हो गया. तभी मैंने देखा कि दूसरे कमरे में अवनी की बुर में एक मर्द ने अपना मोटा लंबा सा लौड़े डाला.. वो ज़ोर से चीख पड़ी.. लेकिन वहां पर किसे उसकी परवाह थी और दूसरी तरफ उसकी गांड में.. उसके मुहं में लौड़े घुसाया जा रहा था.. वो आह्ह्ह आह्ह्ह ईईई बचाओ चिल्ला रही थी. फिर मुझे बेड पर से उठाया और उन सब लड़कियों ने बारी बारी से मेरे मुहं में थूका.. में चुपचाप सबका थूक पीता गया.. तब एक लड़की ने कहा कि आओ मुझे चोदो.. मैंने ख़ुशी से उसके ऑर्डर को माना और मैंने एक झटके में अपना लंबा लौड़े उसकी बुर में घुसा दिया.. वो ज़ोर से चिल्लाई आहह ऑश ईडियट और वो कहने लगी कि झड़ते टाईम लौड़े को बुर से बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके मुहं में डालना. तो में दस मिनट में ही झड़ गया और सारा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया और फिर उसने कहा वीर्य बहुत टेस्टी था. फिर एक लड़की ने कहा कि दोनों पति पत्नी की गांड को साथ में चुदवाया जाए.
तो में बहुत डर गया क्योंकि मैंने आज तक यह काम नहीं किया था और मेरी गांड बहुत टाईट भी थी. लेकिन कभी कभी में अपनी बीवी की गांड चाटता था. फिर हम दोनों को कुत्ता और कुतिया बना दिया गया और दो लंबे लंबे लौड़े वाले दो लोग आए और उन्होंने एक साथ में हम दोनों की गांड में लौड़े डाल दिया. मेरी बीवी की गांड में लौड़े तुरंत घुस गया.. लेकिन में चिल्ला पड़ा.. आहह मदरचोद चोद दिया मेरी गांड इसे छोड़ दे.. इसमें लौड़े नहीं जाएगा.. यह बुर नहीं मेरी गांड है..

 लेकिन फिर भी उसने किसी तरह मेरी गांड में अपना लौड़े घुसा ही दिया और मेरी गांड से खून निकलने लगा. तब वो सब लड़कियां हंसने लगी और उन्होंने कहा कि हमे चोदने चला था और इसी की चुदाई हो गयी. फिर करीब दस मिनट तक वो मेरी गांड में लौड़े को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और उधर मेरी बीवी का भी हाल बहुत बुरा था. उसकी गांड भी उस लौड़े को ज्यादा देर तक नहीं सह सकती थी. फिर हमारी किस्मत से वो जल्दी ही झड़ गए और हमारी गांड को थोड़ी राहत मिली. फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने.. कॉफी पी और वहां से सीधा अपने घर चले गये..

लेकिन 10 दिनों तक मुझसे ठीक से चला नहीं जा रहा था. क्योंकि उन्होंने हमारी गांड को बहुत बेरहमी से चोदा था. तो दोस्त्तों यह थी मेरी कहानी आप लोगों को कैसी लगी हने जरुर बताएं...










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