FUN-MAZA-MASTI
चाची की मस्त चुदाई
मै एक दिन चाची के साथ बैठा मस्ती कर रहा था तभी मेरे ताऊ के लड़के अंकित भाई आ गए....
अंकित भाई को देख के मेरी गांड ही फट गई जैसे. मुझे लगा की शायद भैया ने मुझे यहाँ आते देख लिया होंगा और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन अंकित भाई को देख के चाची को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
अनीता चाची: क्या बात हैं अंकित , आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
अंकित भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह चाची को अंकित भाई भी पेलते होंगे.
अंकित भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने चाची की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो चाची आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लौड़ा तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
चाची ने दोनों को ब्लोजोब दिया
अंकित भाई वही खड़े रहे और चाची को घूरने लगे.
चाची: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
अंकित भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए चाची ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
अंकित भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो चाची के पास आ गए. अनीता चाची ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लौड़ा बहार निकाला. सच में मेरा लौड़ा मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. चाची वापस मेरा लौड़ा चूसने लगी और अंकित भाई का लौड़ा सहलाने लगी. अंकित भाई चाची को देख रहे थे जब वो मेरा लौड़ा अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को चाची के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. अनीता चाची भी लौड़ा को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. चाची मेरा लौड़ा कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. चाची का लौड़ा चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह चाची तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी बुर की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लौड़ा को चाची के मुहं से निकाल लिया. चाची ने अब अंकितभाई का लौड़ा अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
चाची की मस्त चुदाई
अंकित भाई का लौड़ा चूसते हुए चाची अपनी गांड को हिला रही थी. मैंने धीरे से चाची की गांड पर से कपडे हटा दिए और अंदर की पेंटी भी उतारफेंकी. चाची लौड़ा चूसने की मस्ती में इतनी वव्यस्त थी की उसने मूड के एक बार भी पीछे नहीं देखा. मैंने अब अपने लौड़ा के सुपाड़ें पर थूंक लगाया और चाची की बुर के ऊपर लौड़ा को रख दिया. चाची की बुर की गरमी और चिपचिपापन मुझे अपने लौड़ा के ऊपर महसूस हो रहा था. जैसे ही मैंने लौड़ा को थोडा अंदर पम्प किया चाची की आह निकली. उसने पहली बार मुड़ के पीछे देखा और वो हंस रही थी. उसके होंठो पर अंकितभाई के लौड़ा से निकला हुआ प्रिकम लगा हुआ था. चाची इस अदा में और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मैं एक और झटका दे के लौड़ा को पूरा के पूरा चाची की बुर में डाल दिया. चाची की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लौड़ा के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से चाची की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लौड़ा को उसकी बुर के अंदर पम्प करने लगा. चाची भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लौड़ा चाची की बुर म ठोक रहा था. अंकितभाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लौड़ा इस चाची को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लौड़ा चाची की बुर की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. अंकितभाई ने अभी चाची के बाल पकड लिए थे और वो चाची को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो चाची का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लौड़ा बुर में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. अनीता चाची भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लौड़ा को मजे दे रही थी. तभी अंकितभाई बेड से उठे और चाची ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. अंकितभाई आगे से फिर से लौड़ा मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लौड़ा तो कभी भी इस चाची की बुर से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लौड़ा जोर जोर से चाची की बुर में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लौड़ा वीर्य की पिचकारी मारने लगा. चाची ने बुर टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. अंकित भाई सामने थी फिर भी मैंने चाची की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी बुर के अंदर….!
चाची के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. अंकितभाई ने अपना लौड़ा इस चाची के मुहं से निकाला और वो अब चाची की बुर चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. अंकितभाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. चाची की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से चाची की चुदाई देखने लगा. चाची को अंकितभाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….! और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन अंकित भाई को देख के चाची को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
अनीता चाची: क्या बात हैं अंकित , आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
अंकित भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह चाची को अंकितभाई भी पेलते होंगे.
अंकित भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने चाची की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो चाची आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लौड़ा तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
चाची ने दोनों को ब्लोजोब दिया
अंकित भाई वही खड़े रहे और चाची को घूरने लगे.
चाची: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
अंकित भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए चाची ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
अंकित भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो चाची के पास आ गए. अनीता चाची ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लौड़ा बहार निकाला. सच में मेरा लौड़ा मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. चाची वापस मेरा लौड़ा चूसने लगी और अंकितभाई का लौड़ा सहलाने लगी. अंकितभाई चाची को देख रहे थे जब वो मेरा लौड़ा अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को चाची के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. अनीता चाची भी लौड़ा को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. चाची मेरा लौड़ा कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. चाची का लौड़ा चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह चाची तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी बुर की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लौड़ा को चाची के मुहं से निकाल लिया. चाची ने अब अंकितभाई का लौड़ा अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
अंकित भाई का लौड़ा चूसते हुए चाची अपनी गांड को हिला रही थी. मैंने धीरे से चाची की गांड पर से कपडे हटा दिए और अंदर की पेंटी भी उतारफेंकी. चाची लौड़ा चूसने की मस्ती में इतनी वव्यस्त थी की उसने मूड के एक बार भी पीछे नहीं देखा. मैंने अब अपने लौड़ा के सुपाड़ें पर थूंक लगाया और चाची की बुर के ऊपर लौड़ा को रख दिया. चाची की बुर की गरमी और चिपचिपापन मुझे अपने लौड़ा के ऊपर महसूस हो रहा था. जैसे ही मैंने लौड़ा को थोडा अंदर पम्प किया चाची की आह निकली. उसने पहली बार मुड़ के पीछे देखा और वो हंस रही थी. उसके होंठो पर अंकितभाई के लौड़ा से निकला हुआ प्रिकम लगा हुआ था. चाची इस अदा में और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मैं एक और झटका दे के लौड़ा को पूरा के पूरा चाची की बुर में डाल दिया. चाची की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लौड़ा के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से चाची की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लौड़ा को उसकी बुर के अंदर पम्प करने लगा. चाची भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लौड़ा चाची की बुर म ठोक रहा था. अंकित भाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लौड़ा इस चाची को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लौड़ा चाची की बुर की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. अंकित भाई ने अभी चाची के बाल पकड लिए थे और वो चाची को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो चाची का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लौड़ा बुर में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. अनीता चाची भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लौड़ा को मजे दे रही थी. तभी अंकितभाई बेड से उठे और चाची ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. अंकित भाई आगे से फिर से लौड़ा मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लौड़ा तो कभी भी इस चाची की बुर से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लौड़ा जोर जोर से चाची की बुर में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लौड़ा वीर्य की पिचकारी मारने लगा. चाची ने बुर टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. अंकित भाई सामने थी फिर भी मैंने चाची की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी बुर के अंदर….!
चाची के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. अंकितभाई ने अपना लौड़ा इस चाची के मुहं से निकाला और वो अब चाची की बुर चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. अंकित भाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. चाची की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से चाची की चुदाई देखने लगा. चाची को अंकित भाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….!
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
चाची की मस्त चुदाई
मै एक दिन चाची के साथ बैठा मस्ती कर रहा था तभी मेरे ताऊ के लड़के अंकित भाई आ गए....
अंकित भाई को देख के मेरी गांड ही फट गई जैसे. मुझे लगा की शायद भैया ने मुझे यहाँ आते देख लिया होंगा और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन अंकित भाई को देख के चाची को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
अनीता चाची: क्या बात हैं अंकित , आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
अंकित भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह चाची को अंकित भाई भी पेलते होंगे.
अंकित भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने चाची की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो चाची आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लौड़ा तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
चाची ने दोनों को ब्लोजोब दिया
अंकित भाई वही खड़े रहे और चाची को घूरने लगे.
चाची: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
अंकित भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए चाची ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
अंकित भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो चाची के पास आ गए. अनीता चाची ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लौड़ा बहार निकाला. सच में मेरा लौड़ा मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. चाची वापस मेरा लौड़ा चूसने लगी और अंकित भाई का लौड़ा सहलाने लगी. अंकित भाई चाची को देख रहे थे जब वो मेरा लौड़ा अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को चाची के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. अनीता चाची भी लौड़ा को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. चाची मेरा लौड़ा कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. चाची का लौड़ा चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह चाची तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी बुर की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लौड़ा को चाची के मुहं से निकाल लिया. चाची ने अब अंकितभाई का लौड़ा अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
चाची की मस्त चुदाई
अंकित भाई का लौड़ा चूसते हुए चाची अपनी गांड को हिला रही थी. मैंने धीरे से चाची की गांड पर से कपडे हटा दिए और अंदर की पेंटी भी उतारफेंकी. चाची लौड़ा चूसने की मस्ती में इतनी वव्यस्त थी की उसने मूड के एक बार भी पीछे नहीं देखा. मैंने अब अपने लौड़ा के सुपाड़ें पर थूंक लगाया और चाची की बुर के ऊपर लौड़ा को रख दिया. चाची की बुर की गरमी और चिपचिपापन मुझे अपने लौड़ा के ऊपर महसूस हो रहा था. जैसे ही मैंने लौड़ा को थोडा अंदर पम्प किया चाची की आह निकली. उसने पहली बार मुड़ के पीछे देखा और वो हंस रही थी. उसके होंठो पर अंकितभाई के लौड़ा से निकला हुआ प्रिकम लगा हुआ था. चाची इस अदा में और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मैं एक और झटका दे के लौड़ा को पूरा के पूरा चाची की बुर में डाल दिया. चाची की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लौड़ा के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से चाची की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लौड़ा को उसकी बुर के अंदर पम्प करने लगा. चाची भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लौड़ा चाची की बुर म ठोक रहा था. अंकितभाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लौड़ा इस चाची को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लौड़ा चाची की बुर की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. अंकितभाई ने अभी चाची के बाल पकड लिए थे और वो चाची को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो चाची का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लौड़ा बुर में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. अनीता चाची भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लौड़ा को मजे दे रही थी. तभी अंकितभाई बेड से उठे और चाची ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. अंकितभाई आगे से फिर से लौड़ा मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लौड़ा तो कभी भी इस चाची की बुर से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लौड़ा जोर जोर से चाची की बुर में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लौड़ा वीर्य की पिचकारी मारने लगा. चाची ने बुर टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. अंकित भाई सामने थी फिर भी मैंने चाची की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी बुर के अंदर….!
चाची के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. अंकितभाई ने अपना लौड़ा इस चाची के मुहं से निकाला और वो अब चाची की बुर चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. अंकितभाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. चाची की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से चाची की चुदाई देखने लगा. चाची को अंकितभाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….! और वो अभी तक सब देख चुके थे. लेकिन अंकित भाई को देख के चाची को तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं. वो तो आराम से वही बैठी रही और फिर उसने जो कहा उस से मेरी हिम्मत खुल गई.
अनीता चाची: क्या बात हैं अंकित , आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किये?
अंकित भाई कुछ नहीं बोले लेकिन मैं समझ गया की यह चाची को अंकितभाई भी पेलते होंगे.
अंकित भाई को भी सांप सूंघ गया था और मुझे भी. फिर उन्होंने चाची की और देख के कहा, अरे इतने छोटे लडको को क्यूँ फंसती हो चाची आप?
अरे छोटा कहा हैं ये. इसका लौड़ा तेरे से भी बड़ा हैं देख तो. और आज सच में लकी दिन होंगा मेरे लिए तभी तो तुम आ गए साथ ही में. दोनों आ जाओ मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हैं.
चाची ने दोनों को ब्लोजोब दिया
अंकित भाई वही खड़े रहे और चाची को घूरने लगे.
चाची: देख ले तुझे रुकना हैं तो रुक वरना जा.
अंकित भाई मुझे घूर रहे थे इसलिए चाची ने उन्हें कहा: देख इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिठ्ठा खोल के रख दूंगी. आना हैं तो आजा हमारे साथ.
अंकित भाई दो मिनिट सोचते रहे और फिर वो चाची के पास आ गए. अनीता चाची ने उनकी पेंट में हाथ डाला और उनका लौड़ा बहार निकाला. सच में मेरा लौड़ा मेरे बड़े भाई से भी बड़ा था. चाची वापस मेरा लौड़ा चूसने लगी और अंकितभाई का लौड़ा सहलाने लगी. अंकितभाई चाची को देख रहे थे जब वो मेरा लौड़ा अपने गले तक भर क चूस रही थी. मैंने अपने हाथ को चाची के माथे पर रखा था और मैं उसे आगे पीछे कर रहा था असली मजे के लिए. अनीता चाची भी लौड़ा को जबान से चाटती थी और फिर उसे मस्त खिंच खिंच के चूसती थी. चाची मेरा लौड़ा कुछ पांच मिनिट अपने मुहं में डाल के ऐसे ही चूसती रही और मुझे लौड़े के अंदर जैसे की करंट के झटके लग रहे थे. चाची का लौड़ा चूसने का स्टाइल इतना मस्त था की मजा असीमित था. मैंने सोचा की अगर ऐसे ही चूसती रही यह चाची तो मलाई अभी निकल पड़ेंगी और उसकी बुर की मजा लेने को नहीं मिलेंगा. यह सोच के मैं लौड़ा को चाची के मुहं से निकाल लिया. चाची ने अब अंकितभाई का लौड़ा अपने मुहं में डाला और उसे चूसने लगी.
अंकित भाई का लौड़ा चूसते हुए चाची अपनी गांड को हिला रही थी. मैंने धीरे से चाची की गांड पर से कपडे हटा दिए और अंदर की पेंटी भी उतारफेंकी. चाची लौड़ा चूसने की मस्ती में इतनी वव्यस्त थी की उसने मूड के एक बार भी पीछे नहीं देखा. मैंने अब अपने लौड़ा के सुपाड़ें पर थूंक लगाया और चाची की बुर के ऊपर लौड़ा को रख दिया. चाची की बुर की गरमी और चिपचिपापन मुझे अपने लौड़ा के ऊपर महसूस हो रहा था. जैसे ही मैंने लौड़ा को थोडा अंदर पम्प किया चाची की आह निकली. उसने पहली बार मुड़ के पीछे देखा और वो हंस रही थी. उसके होंठो पर अंकितभाई के लौड़ा से निकला हुआ प्रिकम लगा हुआ था. चाची इस अदा में और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मैं एक और झटका दे के लौड़ा को पूरा के पूरा चाची की बुर में डाल दिया. चाची की सिसकी निकल पड़ी और वो अपनी गांड को मेरे लौड़ा के ऊपर दबाने लगी. मैंने दोनों हाथ से चाची की गांड को अपने हाथ में =पकड ली और फिर मैं लौड़ा को उसकी बुर के अंदर पम्प करने लगा. चाची भी मस्तियाँ उठी और उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर हिला के अपना लौड़ा चाची की बुर म ठोक रहा था. अंकित भाई वहीँ जमीन पर लेटे हुए अपना लौड़ा इस चाची को चूसा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा पराक्रम करते हुए देख रहे थे.
मेरा लौड़ा चाची की बुर की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और भी जोर जोर से चोदता ही गया. अंकित भाई ने अभी चाची के बाल पकड लिए थे और वो चाची को जोर जोर से मुहं में चोद रहे थे. जब वो चाची का मुहं जोर से चोदते थे तो मेरा लौड़ा बुर में और भी मस्त तरीके से अंदर बहार होता था. अनीता चाची भी आह आह कर के दोनों भाइयों के लौड़ा को मजे दे रही थी. तभी अंकितभाई बेड से उठे और चाची ने भी अब पूरी तरह कुतिया वाला पोज़ ले लिया. अंकित भाई आगे से फिर से लौड़ा मुहं में डाल के ठोकने लगे. मेरा लौड़ा तो कभी भी इस चाची की बुर से बहार आया ही नहीं था.
अब मुझे लगा की मैं अब ढलने वाला हूँ. मैं अपना लौड़ा जोर जोर से चाची की बुर में मारने लगा. और दूसरी ही मिनिट मेरा लौड़ा वीर्य की पिचकारी मारने लगा. चाची ने बुर टाईट की और वीर्य को अंदर भर लिया. अंकित भाई सामने थी फिर भी मैंने चाची की गांड पर जोर से मारा और कहा, ले रंडी ले मेरा पानी तेरी बुर के अंदर….!
चाची के ऊपर ही मैं निढाल हो गया. अंकितभाई ने अपना लौड़ा इस चाची के मुहं से निकाला और वो अब चाची की बुर चोदने के लिए आगे बढे. मैंने पेंट पहनी और मैं खड़ा हुआ. अंकित भाई ने मुझ इशारा कर के बहार जाने को कहा. चाची की चुदाई वो अकेले में करना चाहते थे शायद. मैं वहाँ से निकला लेकिन दरवाजे के पीछे से चाची की चुदाई देखने लगा. चाची को अंकित भाई से चुदते देखना भी बड़ा मजा दे रहा था मुझे….!
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
No comments:
Post a Comment