FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
दोस्त की माँ ने मुझे काम में लिया
हैल्लो,
दोस्तों मेरा नाम संदीप है और में पंजाब का रहने वाला
हूँ, दोस्तों
में आज आप सभी को फन मज़ा मस्ती पर अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, यह घटना आज से दो साल पुरानी है और इसने मेरी
लाईफ को बिल्कुल ही बदल कर रख दिया और तब मेरी उम्र 21 साल की थी, लेकिन में इस साईट का बहुत सालों से दीवाना
हूँ और मुझे इस पर सेक्सी
कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता था और में उन्हे पढ़कर बहुत मज़े
करता था और अब
में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ। में जब 21
साल का तब में यूरोप
में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा
दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और
उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें
उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे। तो रॉकी ने मेरी मदद करने
के लिए मुझे अपने
रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट
का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट
काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक
दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना
पड़ा।
तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद
करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी
स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती
थी। दोस्तों आंटी
बहुत सुंदर थी, उनका
रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन
वो एकदम कयामत थी उनकी
हाईट करीब 5 फीट
9 इंच
और मस्त सेक्सी फिगर, पतली
कमर, गदराया
हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था
कि वो एक 20 साल
के लड़के की माँ
है और उनकी उम्र 35 साल
है, लेकिन
रॉकी के पापा की उम्र 48 साल
थी। तो फिर
कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और
अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह
से वो ज्यादातर समय
जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे
साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा
था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी
सी जीन्स, जिस
में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और
उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो
उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही
थी, लेकिन मेरी
नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी
पता चल गया था।
फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और
आंटी जी मुझे
अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर
पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और
मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स
पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी
मेरे पास आ गई और
बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने
मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया
कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ,
मेरी कोई
गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी?
तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए
और अगर वो
तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने
दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं
कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन
रेस्टोरेंट में बहुत काम था और
उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो
कई बार काम करते
समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को
छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग
बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम
करूँ, क्योंकि
अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह
से हम सिर्फ़ दोनों
ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया।
आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे
पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान
हो, अभी तुम्हारी
उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।
तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग
आने लगा और अब तो
विस्की ज्यादा, पानी
कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर
आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके
बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ
और उनका घर मेरे
घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने
लगी थी, तो
मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली
गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या
गजब लग रही थी?
उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से
उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी
मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया
और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ,
तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और
वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी
हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल
बूब्स घूमने लगे।
मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी।
तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर
देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते
वक़्त वो थोड़ा
झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम
खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी
चुका था। दोस्तों ये कहानी आप
फन मज़ा मस्ती पर पड़ रहे है।
मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और
मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा
रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज
चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के
लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास
आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ
आंटी के बूब्स पर था, तो
आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो
जा, तुझसे
चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर
तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा?
और आंटी मुझे अपने
बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि
रॉकी की थी।
फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी
मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस
किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया,
लेकिन में अभी भी
अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़
लिया और बोली कि
वाह! इतना बड़ा? दोस्तों
मेरा लंड 7 इंच
का है। तो उन्होंने कहा कि
मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड
को अंडरवियर से
बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से
खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद
उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने
मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर
रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े
बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना
हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर
किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड
को मुहं में डाल
लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने
बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा
रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने
जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके
पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।
तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने
मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत
को और फिर कुछ 15 मिनट
तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग
चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को
पकड़ा और चाटने लगी,
लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस
करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे
अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी।
तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और
करीब 7-8 मिनट
तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर
दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत
में बूंद बूंद करके टपकाने लगा,
लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से
बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे
लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के
बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे
बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग
रहा था।
तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और
कहा कि हमारे बीच कल
रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन
इस राज को बस हम दोनों ही अपने
पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो
तुम्हारी जॉब भी जाएगी
और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल,
रॉकी नहीं लौटकर
आए, मैंने
बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड
के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते
ही एक दूसरे के पति, पत्नी
बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी
सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत
मज़े करते है और हमें
एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।
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