FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
कल्पना भाभी को अपना बनाया
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अक्षय है और
मेरी उम्र
24 साल
है। दोस्तों में आज एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक और सच्ची घटना
सुनाने जा रहा हूँ.. जिसमे मैंने अपनी पड़ोस की एक भाभी जिनका नाम कल्पना
है.. उनको जमकर चोदा। दोस्तों वो दिखने में एकदम हॉट, सेक्सी जिनकी उम्र 34
साल की है।
दोस्तों मेरे पड़ोस में एक फैमिली रहती
है.. जिसमे
कल्पना भाभी, उनके
पति राजेश अग्रवाल.. जिनकी उम्र 38 साल
और वो एक स्कूल
में टीचर है.. उनका बड़ा बेटा शिवम 7
साल का है और छोटा बेटा सत्यम 5
साल। दोस्तों में खुद भी एक टीचर हूँ.. इसलिए मेरा उनके यहाँ
और आना जाना लगा
रहता है। दोस्तों यह आज से करीब एक साल पहले की बात है.. जब में एक काम से
उनके घर पर गया हुआ था तो गेट खुले हुए थे और में सीधा उनके घर के अंदर चला
गया और में बिना कुछ कहे सोफे पर बैठ गया। फिर मैंने एक आवाज़ लगाई शिवम..
लेकिन कोई भी जवाब नहीं आया तो में इधर उधर देखने लगा। तभी मुझे बाथरूम
से कल्पना भाभी के गुनगुनाने की आवाज़ आई और में दबे पैर उस तरफ चला गया
और मैंने बाथरूम के गेट में लगी एक जाली से देखा तो अंदर कल्पना भाभी नंगी
थी और वो झुककर बाल्टी को किनारे कर रही थी और उनकी गांड बिल्कुल मेरे सामने
थी और उनके गोरे गोर कूल्हो के बीच का काला सा गांड का हिस्सा एकदम मदहोश
कर रहा था। फिर वो बैठ गई और रगड़ रगड़कर अपने जिस्म को साफ करने लगी और
उनके मोटे मोटे बूब्स उन पर दो काले तिल एकदम कातिल लग रहे थे और भाभी नहाने
लगी.. लेकिन कुछ देर तक मैंने उन्हे नहाते हुए देखा। फिर यह सब मुझे रिस्क
ही लगा तो में सीधा अपने घर पर लौट आया।
फिर वापस आते वक़्त मुझे
सत्यम मिला.. लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं कहा और घर आ गया और घर पर आकर सबसे
पहले तो मैंने एक बार कल्पना भाभी के नाम की मुठ मारी.. तब जाकर मुझे कुछ
चैन मिला.. लेकिन करीब एक घंटे के बाद सत्यम आया और मुझसे बोला कि चाचू मम्मी
ने आपको अभी बुलाया है.. थोड़ा जल्दी चलो। फिर मैंने सोचा कि उन्होंने मुझे अचानक इतना जल्दी क्यों
बुलाया होगा। फिर भी में सोचता हुआ
चला गया तो उन्होंने मुझे चाय पिलाई और ठीक मेरे सामने बैठ गई।
उस समय घर पर
मेरे और उनके आलावा कोई भी नहीं था और में उनको घूरकर देख रहा था। फिर अचानक
से वो बोली कि आज तुम मुझे इतना क्यों घूर रहे हो?
मैंने कहा कि कुछ
नहीं भाभी.. ऐसा तो कुछ नहीं है। फिर वो बोली कि ऐसा ही है..
जब किसी औरत को
कोई मर्द नंगा नहाते हुए देख लेता है तो उसके ख्याल बदल जाते है और घूरना
शुरू हो जाता है.. तो दोस्तों में बहुत हैरान था कि यह क्या हो गया? और वो बोली कि मुझे सत्यम ने बताया कि
जब में बाथरूम में थी.. तब तुम मुझे
नहाते हुए देख रहे थे। फिर मैंने मन ही मन कहा कि यह कम्बख़्त
का बच्चा उस वक्त
कहाँ छुप गया था और फिर मैंने सच सच बात बताने में ही अपनी भलाई समझी। फिर
मैंने कहा कि हाँ मैंने आपको देखा है.. आप बहुत अच्छी हो और देखने लायक
भी हो और आपका जिस्म एकदम सेक्सी लगता है। फिर मैंने देखा कि वो मेरा जवाब
सुनकर थोड़ा झिझकी, शरमाई
और फिर बोली कि अच्छा तो बताओ.. तुम्हे
मुझमें ऐसा क्या अच्छा लग गया.. क्योंकि में दो बच्चो की मम्मी
हूँ। फिर मैंने
कहा कि मम्मी हो तो क्या हुआ? आप
आख़िरकार हो तो एक औरत और कोई भी
औरत बच्चो की माँ हो या ना हो.. उसके पास तो वो चीज़ होती ही
है.. जिसे हर कोई
देखना चाहता है और अब हम लोगों की बातों में एकदम से इतना खुलापन आ गया था
कि हमारे बीच वो हर बात हो रही थी और फिर उन्होंने मुझसे साफ साफ पूछा कि
क्या मेरे बेडरूम में चलोगे? फिर
में तो इस ऑफर को सुनकर ही एकदम खुश हो
गया और अब आख़िरकार मुझे वो मिल रहा था.. जिसकी मुझे कोई
उम्मीद नहीं थी। फिर
मैंने झट से कहा कि हाँ क्यों नहीं और कुछ ही मिनट के बाद हम लोग बेडरूम
में थे और फिर उन्होंने सत्यम को बाहर भेज दिया और दरवाजा बंद करके मेरे
पास आ गई और बोली कि छुपकर देखते हो मुझे.. एक बार खुलकर भी देख लो और वो
खुद ही अपनी साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट,
ब्रा पेंटी जल्दी जल्दी उतारने लगी और वो सब पल भर में ही उतर गए।
फिर वो मुझे अपने बूब्स दिखाकर बोली कि
यह देख लो मेरे बूब्स। फिर अपनी चूत खोलकर दिखाई और बोली कि यह देखो और फिर
मुड़ गई और झुककर दोनों हाथों से अपने कूल्हे खोलकर मुझे अपनी गांड दिखाकर
बोली कि लो यह भी देख लो। फिर मैंने लपककर पीछे से उनको पकड़ा और बेड
पर गिराकर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके दोनों बूब्स पकड़कर कहा कि ऐसे मत दिखाओ..
यह तो बहुत ही कीमती चीज़ है तो वो बोली कि इनकी कीमत लंड है.. प्लीज
एक बार मुझे उसका स्वाद चखा दो और ले लो मेरी चूत। फिर मैंने कहा कि हाँ
अभी चखा देता हूँ.. लेकिन पहले माल तो चेक कर लूँ तो वो बोली कि एकदम ठीक
माल है.. बेकार नहीं है और में बोला कि हाँ देखने से लग तो रहा है और में
उसके मोटे मोटे बूब्स चूसने, दबाने
लगा और वो मेरी कमर पर अपने दोनों
पैर लपेट चुकी थी। फिर मैंने कहा कि भाभी आप बहुत ही हॉट हो तो
वो बोली कि ऐसा
है तो मेरे पति हफ्ते में एक बार ही क्यों चोदते है?
तो मैंने कहा कि
भाभी अगर आप चाहो तो आप रोज चुद सकती हो.. में कब आपके काम
आऊंगा? हाँ
भैया का
दिल भर गया होगा.. वैसे भी घर की मुर्गी दाल बराबर होती है।
फिर वो बोली कि हाँ यार इसलिए वो मुझे हफ्ते
में एक बार ही चोदते है और अब में
उनकी चूत में उंगलियाँ डालकर चलाने लगा.. वो भी मज़ा ले रही
थी। तभी वो बोली
कि अपना पप्पू तो दिखाओ। फिर मैंने कहा कि आप खुद ही देख लो और फिर उन्होंने
मेरी पेंट को खोलकर मेरी अंडरवियर में से लंड को बाहर निकाला.. जो कि
पहले से तना हुआ था और बोली कि अरे वाह राजा जी.. यह तो एकदम सीना तानकर
खड़ा है। फिर मैंने कहा कि हाँ अपनी रानी से मिलने की आस में खड़ा हुआ है..
अब मिलवा भी दो। भाभी बोली कि हाँ मिलवाना तो पड़ेगा ही और वो मेरे एक हाथ
से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर मैंने कहा कि क्या भाभी एकदम सूखा
सूखा लग रहा है.. प्लीज थोड़ा गीला कर दो। वो मुझसे बदमाश कहकर बोली कि साफ
साफ क्यों नहीं बोलता कि भाभी मेरे लंड को चूसो। फिर में बोला कि आप खुद
ही इतनी समझदार हो और वो बोली कि हाँ वो तो में हूँ और यह कहकर मेरे लंड
को अपने मुहं में भरकर चूसने लगी.. मेरे मुहं से सईईईईई अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़
की आवाज़ आने लगी और वो बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी.. मुझे बहुत मज़ा
आ रहा था। फिर मैंने कहा कि भाभी मुझे भी एक बार अपनी गांड चाटने दो। फिर
वो बोली कि आज तुम मेरा सब कुछ चाट लो और में नीचे लेट गया और उनको पकड़कर
अपने मुहं पर बिठा लिया और अब उनकी गांड मेरे होंठो पर आ गई और में उनकी
गांड चूसने लगा.. तो वो भी आगे की तरफ झुककर मेरे लंड को चूसने लगी। कुछ
देर में वो अपनी गांड हिलाकर अपनी गांड चुसवाने लगी.. मेरा पूरा मुहं उनके
पिछवाड़े में दबा हुआ था.. में भी उसका मज़ा ले रहा था और कूल्हो को ज़ोर
ज़ोर से दबाया कि वो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कहने लगी। फिर मैंने उनको पकड़ा
और एकदम सीधा लेटा दिया और कहा कि भाभी अब लो लंड। फिर वो हवा में पैर
फैलाकर अपना पूरा चूतड़ खोलकर बोली कि लो अब घुसा दो लंड चूत में.. में तो
मरी जा रही हूँ अब और मत तड़पाओ। फिर मैंने भी जैसे ही डालने की कोशिश की
तो वो हट गई। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ?
तो वो बोली कि ज्यादा
जल्दबाज़ी में अपने होश मत खो बैठो और में कुछ समझ पाता.. इसके
पहले ही उन्होंने
गद्दे के नीचे से कंडोम निकालकर कहा कि यह लो और लगाओ जल्दी। फिर मैंने
जल्दी से कंडोम अपने लंड पर लगाया और वो फिर से वैसे ही अपने पैर उठाकर
लेट गई। फिर मैंने उसकी गरम चूत के मुहं पर अपना सख्त लंड रखा और धीरे
से धक्का लगाकर लंड को घुसाता गया.. जब तक कि पूरा लंड अंदर ना चला जाये
तो उनके मुहं से आईईई उफफ्फ्फ्फ़ माँ थोड़ा धीरे अह्ह्ह्हह करो बहुत दर्द
हो रहा है.. प्लीज थोड़ा अह्ह्ह्ह उह्ह्ह माँ मरी। फिर मैंने उसकी एक ना
सुनी और फिर वही किया जो मेरे मन में था और वो फिर से आआहा अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़
और सिसकियाँ लेने लगी। फिर मैंने पूरा लंड अंदर जाते ही ज़ोर ज़ोर से
धक्के देकर चोदना शुरू किया.. वो आहुहुहू अहहहाहाहा बस उह्ह प्लीज बाहर करो
इसे.. बोल रही थी। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्ती पर पड़ रहे है।
फिर में धक्के देकर चोद रहा था और मेरी
गोटियाँ उनकी गांड पर टकराकर ठप ठप की
आवाज़ को बढ़ा रही थी। फिर मैंने उनके दोनों पैरों को पकड़ा और
एकदम से पलट दिया
तो उनके घुटने उन्ही के कानों तक कर दिए और अब उनका पूरा चूतड़ ऊपर हो
गया। फिर मैंने लंड से चूत पर निशाना लगाया और सीधा एक ही बार में आधा लंड
गांड में डाल दिया.. वो आसस्स्स्स्स्स्स्सस्स हाहआहा। दोस्तों मैंने गांड
में लंड बिना बताए डाल दिया था.. जिसकी वजह से वो एकदम से दर्द की वजह से
छटपटाने लगी.. लेकिन बिना बताए लंड डाला है तो कुछ मज़ा भी तो मिलेगा और
फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारा.. सरसरता हुआ लंड पूरा का पूरा अंदर हो
गया और वो एकदम चीख पड़ी और में उनके ऊपर उचक उचककर उन्हे चोदने लगा.. वो अह्ह्ह
उह्ह्ह्ह प्लीज मत आहह मत करो.. में मरी मेरी गांड फट गई प्लीज छोड़ दो
मुझे.. अह्ह्ह कहने लगी। दोस्तों वो कुछ भी बोलती कि उससे पहले ही में ज़ोर
से धक्का मार देता तो वो ठीक से ना बोल सकी.. वो बस आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह करने
लगती।
फिर मैंने रगड़कर उनकी गांड मारी तो वो
थक सी गई और ढीली पड़ने
लगी। फिर मैंने गांड से लंड को बहर निकाला और उनको सीधा किया और लंड को
चूत में डालने लगा.. लेकिन वो अब भी बराबर हांफ रही थी। फिर मेरे मुहं से
निकल गई कि भाभी आप बहुत सेक्सी हो और भैया मूर्ख है.. जो आपकी रोज चुदाई
नहीं करते। अगर में होता तो एक दिन में दो बार तो तुम्हे अपने नीचे लेता।
फिर वो बोली कि हाँ यार तुम बहुत अच्छा चोदते हो और ज़ोर से चोदो.. मेरी
चूत में खुजली लगी है। फिर मैंने भी जमकर उनको चोदा। वो मेरी पीठ पर हाथ
फेर रही थी.. उन्होंने लेटे लेटे ही मेरी टी-शर्ट अलग कर दी और मेरे निप्पल
को चूमने लगी। फिर मैंने कह दिया कि भाभी आप मस्त आईटम हो.. कसम से मेरी
हो जाओ और में तुम्हे रोज चोदूंगा और में तुम्हारी हर रोज ले लूँगा। फिर
वो हाह्ह्ह औऊउ आईईईई कहती हुई बोली कि अब थोड़ा सा मेरी मनपसंद तरीके से
भी चोद दो।
फिर मैंने कहा कि अरे बताओ ना जानेमन
किस तरीके से लेना
पसंद है? तो
उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटाया और ज़मीन पर खड़ी ही गई.. मुझे अपने पीछे बुलाया और खुद
घुटने के बल बैठकर अपनी कमर के ऊपर वाले
हिस्सा को बेड पर रखकर बोली कि लो अब अच्छे से चोदो। फिर मैंने
कहा कि भाभी
क्या मस्त लग रही हो कुतिया स्टाईल में और मैंने उनकी कमर को पकड़कर उन्हे
चूमते हुए उनकी चूत में लंड घुसा दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगा.. मुझे
चुदाई करते हुए करीब 15 मिनट
हो गए थे और अब मेरा काम होने वाला था और
में तेज़ी से उनकी चुदाई कर रहा था.. ओह्ह्ह्ह और ज़ोर से चोदो
चोदो और आह्ह्ह
ज़ोर से मज़ा आ रहा है और चोदो मुझे चुदवाने में बहुत मज़ा आता है और चोदो।
फिर में भी उनकी तरह बोलने लगा.. हाँ लो और चुद लो और पूरा लंड लो और
अंदर लो.. वो क्या मस्ती में चुदवा रही थी और में कह रहा था कि तुम्हारी गांड
बहुत मस्त है और चूत बहुत सेक्सी.. लो चुद लो और अब मेरी स्पीड तेज हो
गई और भाभी ढीली पड़ गई। फिर मैंने दो तीन धक्के पूरी ताक़त से लगाए और उनसे
एकदम लिपट गया और कंडोम में अपना पूरा माल निकाल दिया। फिर लंड को चूत से
बाहर निकालकर कंडोम को अलग किया और हम दोनों बेड पर आकर लेट गये.. कुछ देर
शांत रहे। फिर हम दोनों लिपट गए तो मैंने कहा कि भाभी सच में बहुत मज़ा आया
तो वो बोली कि मज़ा तो मुझे भी आ गया। फिर हम दोनों बिना कपड़े पहने लिपट
गए.. जैसे कि प्रेमी हो। फिर मैंने कहा कि भाभी मुझे फिर से चोदना है तो
वो बोली कि अब कल इसी वक़्त आना और जमकर चोद लेना और अगर थोड़ा जल्दी आ पाओ
तो जरुर आना और मुझे
बाथरूम में नहाते वक़्त चोदना। फिर में हाँ कहकर वापस अपने घर पर आ गया। फिर उसके अगले
दिन मैंने जाकर उन्हे फिर से दो बार
चोदा। इस तरह से मेरे और उनके बीच चुदाई का रिश्ता बन गया.. जो
कि अभी भी चल
रहा है ।।
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