Wednesday, November 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI आंटी फिर से गरम हो गयी

FUN-MAZA-MASTI

आंटी फिर से गरम हो गयी


मैं रीवा मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ |मेरी उम्र 18 साल है मेरा लंड की लम्बाई 8 इंच और मोटाई 2 इंच है :
मैं काम वासना का पुजारी हूँ सच में दोस्तों जिन्दगी में सेक्स से बढकर कोई चीज नहीं है|
अब मैं आपको वो घटना बताने जा रहा हु जो अब से 1 साल पहले की है ....
मैं और सुन्दर बहुत अछे दोस्त थे
सुन्दर का घर हमारे घर से दो तीन घर छोड़ कर था ...
हम अक्सर एक दुसरे के घर आया जाया करते थे .....
सुन्दर की माँ का नाम नलिनी है वो तो बला की खूबसूरत है उनके बारे में बताने से पहले ही मेरा लंड खड़ा हो गया है
उनकी लम्बाई कोई 5 फिट 3 इंच होगी और उनके बूब्स वो तो लिसी का भी लंड खड़ा कर सकते थे....
उनके बूब्स की साइज़ 38,कमर 30 और उनके मस्त चुतरों की साइज़ कुछ ४० की होगी....
वो हमेशा बड़े गले की ब्लाउज पहनती थी जिससे उनकी चूचियां हमेशा झाकती रहती थी और मर्दों के लंड कड़े करती रहती थी ...
सुन्दर के पिता मुंबई में प्राइवेट कंपनी में काम करते थे जिससे वो घर बहुत काम आते थे....
मैं और सुन्दर एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और अक्सर चुदाई की बाते किया करते थे....क्योकि आप जानते है की अगर लड़के जवान है तो चुदाई बात करने के लिए सबसे फेमस टॉपिक है ............
एक दिन मैं सुन्दर के यहाँ गया और तो पता चला की सुन्दर अपनी मौसी के यहाँ गया था घर पर उसकी माँ अकेली थी ....
सुन्दर के न होने के कारण उसकी माँ ने मुझे कुछ काम के लिए अपने घर पर रोक लिया.....
आज उन्होंने नीले कलर की साड़ी पहन रक्खी थी जिसमे वो काम की देवी लग रही थी...
उन्होंने मुझे सोफे पे बैठने के लिए बोला और चाय बनाने चली गयी......
वो चाय बना कर लायी और मुझे झुककर देने लगी जिससे उनकी चूचियां साफ दिख रही थी......
मैंने जान बुझ कर चाय का प्याला अपने हाथो से छोड़ दिया जिससे चाय मेरे पैंट पर गिर गयी और प्याला निचे गिर गयी....
आंटी- ओह्ह ये काया हो गया .....रुको मैं तौलिया ले कर आती हूँ
और आंटी दौड़ कर तौलिया ले आई और मेरे  पैंट पर गिरी चाय पोछने लगी.....
मैंने जीन्स पहन रक्खी थी इस लिए चाय अन्दर नहीं घुस पाई.....
मैं सोफे पर बैठा था और आंटी झुककर मेर लंड के पास गिरी चाय को साफ़ कर रही थी....
उनकी चूचियां ठीक मेरी आँखों के सामने थी और आंटी मरे पैंट पर गिरी चाय ऐसे पोछ रही थी जैसे वो पैंट के ऊपर से लंड सहला रही हो....
उनकी सफ़ेद चुचियों को देखने और लंड की सहलाने की वजह से मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और आंटी के हाथ में लड़ने लगा
अब मेरी पैंट पर गिरी चाय साफ़ हो गयी थी पर फिर भी आंटी साफ़ कर रही थी मुझे भी मजा अया रहा था और सायद आंटी को भी ......
मैंने कहा “आंटी अब चाय साफ हो गयी है....”
आंटी झेपते हुए “हा.... और उन्होंने मेरी पैंट से तौलिया हटा लिया”
अब मेरा खड़ा लड़ साफ़ दिख रहा था मैं अपने लंड को हाथो से ढकने लगा
आंटी ने मुस्कराते हुए कहा “अब तुम जवान हो गए हो”
चाय गिरने से मेरी पैंट भीग गयी थी तो आंटी ने कहा की मैं पैंट बदल लू और मुझे सुन्दर की पैंट दी |
मैं वहीँ अपना पैंट निकलने लगा....
मैंने जैसे ही अपनी पैंट बाहर निकली मेरा लंड खड़ा होने के कारण मेरी अंडरवियर से बाहर निकल गया और आंटी यह देख कर हसने लगी....
मैं भी क्या कर करता जल्दी से अपने लंड को पैंट में डालने लगा पर खड़ा लड़ जाने अन्दर जाने का नाम नहीं ले रहा था
तभी आंटी बोली मैं डाल देती हूँ और पास आकर मेरा लंड पकड़ लिया......
मुझे तो जैसे 440 वोल्ट का करेंट लग गया हो मैं बस मुह खोल के देख रहा था
आंटी की आँखों में वासना के डोरे खीचने लगे थे क्योकि उन्हें लंड के दर्शन किये बहुत दिन हो गए थे
वो लंड को दबाते हुए बोली “अरुन तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है मैंने तो सोचा अभी तुम बच्चे हो पर तुम तो पुरे मर्द हो गए हो “
मैं भी क्या बोलता मेरा लंड तो खुद ही जवाब दे रहा था ....
उन्होंने कहा “इसे अंडरवीयर में घुसाने के लिए छोटा करना पड़ेगा पर तुम चिंता मत करो मैं इसे छोटा कर देती हु” इतना कहकर उन्होंने मेरे लंड को अपनी मुट्टी में भर कर आगे पीछे करने लगी
दोस्तों क्या बताऊ कितना मजा अया रहा था “उनके नर्म हाथों से मुठ” मेरे सरीर मेर गजब की आग लगा रहा था |
मैंने भी अपना हाथ उनकी चुचियों पे रख दिया....क्या नर्म चूचियां थी जैसे मक्खन.....
मैं अपने दोनों हाथो से हॉर्न की तरह उनकी दोनों चुचियों को जोर जोर से दबाने लगा....
अब वो भी गर्म हो रही थी और अपने होठो को अपने दांतों से काट रही थी.....
मैंने अपना एक हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उनकी चुचिया मसलने लगा..
मेरा लंड पुरे जोश में था अब वो मेरे गुलाबी सुपाडे को मसल रही थी मैं झड़ने की कगार पर था तो मैंने उनका हाथ अपने लंड से हटा कर उन्हें पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया और झुककर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा
उनके मोटे मोटे होठ चूसने में बहुत अच्छा लग रहा था और मैं बहुत खुस था की आज मुझे आंटी को चोदने का मौका मिलेगा....
मैंने उनके ब्लाउज को उतार दिया....
उन्होंने ब्लू कलर की ब्रा भी पहन रक्खी थी जो उनके गोरे गोरे बूब्स में चार चाँद लगा रही थी.....
ब्रा के ऊपर से ही उनके खड़े निप्पल पता चल रहे थे.....
मैं अपने आप को उनकी चुचियों को देखने से ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया और उनकी ब्रा को भी निकाल फेका.....
अब उनके बड़े बड़े कबूतरों की तरह चुचिया मेरे सामने थी मैंने भी देर न करते हुए उनकी चुचियों को दबा दबा के चूसने लागा ......
आंटी ऊपर से अब आधी नंगी हो चुकी थी......
वासना की आग इतनी हावी हो चुकी थी की हम सब कुछ भूल कर वासना के सागर में गोते लगा रहे थे
वो फिर अपने हांथो से मेरे लंड को हिलाने लगी.....
मैंने भी अपना हाथ पेटीकोट में डाल दिया.....
उन्होंने पैंटी नहीं पहन रक्खी थी जिससे मेरा हाथ सीधे उनकी चूत पर पहुच और उनकी चूत का लसलसा पानी मेरे हाथ पर लगा....
मैने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डाल कर अन्दर बहार करने लगा......
चुदाई को काफी दिन होने से उनकी चूत काफी कसी हुई लग रही थी......
वो भी अब आहे भरने लगी....
मैंने अपनी एक और अंगुली उनकी चूत में डाल दी और अन्दर बहार करने लगा उनकी चूत बहुत तेज पानी छोड़ रही थी
आंटी ने कहा “अरुन अब मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज अपना लंड से मेरी चूत को फाड़ दो “
मैंने भी अब देर करना सही नहीं समझा और उनकी साड़ी और पेटीकोट उतार कर उन्हें सोफे पर लिटा दिया
उनकी चिकनी और रसदार चूत मेरे लंड को पेलने के लिए दावत दे रही थी ......
मैंने भी अपनी शर्ट और बनियान  उतार कर एकदम नंगा हो गया....
अब हम दोनों माधरजात नंगे थे ...
मैंने अपने लंड का सुपाडा उनकी चूत पर रक्खा और धीरे से पेल दिया
सायद उनके पति का लड़ मेरे इतना बड़ा नहीं था इसीलिए मेरे लंड के जाने पर उनको दर्द हो रहा था या हो सकता है ज्यादा दिन के बाद चुदाई होने की वजह से ऐसा था .....
अब मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और आंटी आह्ह्ह ..... उह्ह्ह्ह.... करने लगी |
उनकी कसी चूत को चोदने में मजा आ रहा था मेरा लंड भी बुरी तरह से उनकी चूत की दीवारों से रगड़ रहा था
अब आंटी अह्ह्ह्ह..... उह्ह्हह्ह......म्मम्मम .....और चुतड उठा उठा कर चुदवा रही थी.....
अब मैंने उनको अपना लंड बाहर निकला और उनका मुह सोफे पर रख उन्हें उन्हें घोड़ी बनाकर पीछे से उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया...
मैं फचाफच उनकी चुदाई कर रहा था.......उनकी चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी .....
 मेरी जांघे उनके चूतडो पे धप धप कर रही थी......
उनकी चूत भी घप घप मेर लंड को ले रही थी....
करीब 10 मिनट चुदाई के बाद आंटी  जोर से झड गयी और आंटी के झड़ने की धार इतनी तेज थी की मेरा लंड उनकी चूत से बाहर आ गया और उनका माल फर्श पर फ़ैल गया
अब मैंने उन्हें सीधा करके सोफे पर लिटा दिया और  उनकी चूत में अपना लंड जोर से पेल दिया
और जोर जोर से चोदने लगा
उनकी चूत का पानी निकलने से मेरा लंड सटासट अन्दर बहार हो रहा था .....
अब मैंने आंटी की एक चूची मुह में लेकर चूसने लगा|
आंटी फिर से गरम हो गयी थी  और आहे भरने लगी ....
मैं पूरी स्पीड में चोदे का रहा था.....मेरे धक्कों से आंटी की चूचियां आगे पीछे कर रही थी  और सोफा भी मच मच कर रहा था....
आंटी अब चिल्लाने लगी “और जोर से चोद अरुन.....बहुत अच्छा चोदता है तू ...अह्ह्ह..बहुत दिन हो गए चुदे हुए .....उह्ह्ह चोद मेरे राजा”
इतनी जबरजस्त चुदाई से मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और उनकी चूत में मेरा लावा छूट गया .....
मेरे गर्म ज्वालामुखी से वो भी अपने आप को रोक नहीं पाई और चूतड उछाल कर झड गयी.......
मैं इतना थक गया था की आंटी के ऊपर ही लेट गया....
कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपडे पहने क्योकि अब सुन्दर भी आने वाला था.....
आंटी ने मुझे बाँहों में भर कर किस किया और मुझसे रोज चोदने का वादा लिया.....
उसके बाद मैंने आंटी को कई बार चोदा........












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