FUN-MAZA-MASTI
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भाभी को सिखाया कार चलाना
हैल्लो दोस्तों, आप सभी फन मज़ा मस्ती के चाहने
वालों को मेरी तरफ से धन्यवाद। दोस्तों मेरा नाम ऋषि गुप्ता है और आज में
आप सभी को अपनी एक आपबीती सुनाना चाहता हूँ और यह बात एक साल पहले की है, दोस्तों मैंने अपना कॉलेज ख़त्म किया और
में नौकरी की तलाश में दिल्ली
गया हुआ था और फिर कुछ दिन ढूंढने के बाद मेरी नौकरी दिल्ली की
एक प्राइवेट कम्पनी
में लगी। में दिल्ली में एक फेमिली के यहाँ पर किराए से रूम लेकर रह
रहा था और में हर रोज ऑफिस से शाम को 6-7
बजे तक आता था और यहाँ पर आए हुए मुझे कुछ दिन ही हुए थे, लेकिन दिल्ली के कुछ मस्त, सेक्सी,
माल देखकर
मेरा हाल बहाल था। में जिधर भी देखता मुझे उधर ही मस्त मस्त
लड़कियाँ दिखती।
कभी किसी के छाती दिखती, तो
कभी किसी की चूत, कभी
किसी बड़ी बड़ी गांड
और यह सब देखकर तो मेरी जान ही निकल जाती। में तो यह सोचता कि बस अभी पकडूं
और चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन
क्या करें? इतनी
आसानी से चीज़े नहीं मिलती, इस सबको पाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती
है। यह सब देखकर मेरा दिमाग़
घूमने लगता और में सोचता कोई मुझे भी ऐसा माल मिल जाए में रोज सुबह शाम
उसे चोदूँ और उसे बहुत मज़े दूँ। तो ऑफिस से सीधा घर पर आते ही में पॉर्न
फिल्म देखने बैठ जाता था और अपना लंड बहुत ज़ोर ज़ोर से हिलाता था, लेकिन अब मेरी प्यास दिनों दिन और बड़ती
ही जा रही थी।
तो अचानक से एक दिन ऑफीस जाते समय मेरी नज़र सामने वाले
घर पर पड़ी, वहां
पर एक भाभी रहती थी।
उनका नाम सविता था, उनकी
कुछ समय पहले तलाक हो चुका था और वो दो साल
से यहाँ पर रह रही है और नौकरी कर रही है, लेकिन अकेले ही रह रही थी, क्योंकि उनके दोनों बच्चे उनके पति के
साथ रहते थे और उनके बच्चे उनको हर
शुक्रवार को मिलने आते और शनिवार को वापस चले जाते। दोस्तों
कुछ भी कहो, लेकिन
जब मैंने सविता भाभी को पहली बार देखा तो में तो दंग रह गया, वो क्या एकदम सेक्सी माल थी उन्हे देखकर ऐसा लगा
कि जैसे वो जन्नत से उतरकर आई है
और उन्हे कोई भी एक बार देख ले तो एक बार क्या हजार बार उन्हे
चोदने की सोचे।
दोस्तों में उस दिन तो भूल गया था कि मुझे ऑफिस जाना था बस उन्हे ही देखता
रहा, जब
तक वो ऑफिस के लिए नहीं निकल गयी। दोस्तों में तुम लोगों को सविता भाभी का फिगर के बारे में क्या बताऊँ? ऐसी कायनात मैंने कभी कहीं नहीं
देखी और वो बड़ी मुश्किल से देखने को मिलती है,
लेकिन वो भी किस्मत
वालों को। उनका फिगर का साईज़ 38-26-40
और उनका वजन 53-56 किलो
होगा।
फिर उस दिन से तो में रोज ऑफिस 15 मिनट लेट पहुंचता था, वो हर रोज ऑफिस मेट्रो ट्रेन
से जाती थी। तो एक दिन ऑफिस से वापस आते समय मैंने उन्हे देखा वो शायद
ऑफिस से मार्केट गई और वहां से आ रही थी और उनके पास बहुत सारा सामान था
और वो उसे बहुत मुश्किल से उठा पा रही थी। तो में उनके पास गया और उनको पूछ
कि क्या में आपकी कुछ मदद करूं? पहले
तो उन्होंने कहा कि नहीं सब ठीक
है में खुद कर लूंगी। तो मैंने उनको कहा कि आपके पास बहुत
सामान है में आपकी
थोड़ी मदद कर देता हूँ और इतना सारा समान आप अकेले नहीं उठा पाओगे और ऐसा
करने से आपको हो सकता है कि कमर दर्द हो जाए,
लेकिन वो आनाकानी करने
लगी। मैंने कहा कि प्लीज आप मुझे ग़लत मत समझो, में आपका समान लेकर कहीं भाग
नहीं जाऊंगा। फिर मैंने उन्हे अपना पूरा परिचय दिया,
मेरा नाम ऋषि है
और में यहाँ पर दिल्ली में नौकरी करता हूँ और आपके घर के सामने
वाले घर में किराए
से रहता हूँ और तब जाकर वो मानी और उन्होंने कहा कि में सविता हूँ, में भी नौकरी करती हूँ और फिर में उनका
सामान लेकर उनके साथ चल दिया। तो
हमने पूरे रास्ते बहुत बातें की और फिर में उनके घर पहुंचा।
मैंने वो सारा सामान
उनके दरवाजे पर रख दिया और उन्हे बाय कहकर जाने लगा,
तभी उन्होंने
कहा कि रुको ऐसे कहाँ जा रहे हो?
चलो अंदर आ जाओ और ठंडा पानी पी लो। तो मैंने कहा कि नहीं बस में अब चलता हूँ, लेकिन में मन ही मन कह रहा था कि पिलाना
है तो जानेमन एक बार अपने बूब्स में भरा हुआ अमृत पिला दे। फिर भाभी बोली
कि धन्यवाद इतनी मदद करने के लिए। मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आपको जब भी मेरी मदद चाहिए हो आप मुझे याद कर
लें। फिर उन्होंने एक स्माइल दी और
बोला कि ठीक है और भाभी के पास एक कार भी थी। मैंने उनसे पूछा
कि आपको मैंने
कभी कार चलाते हुए नहीं देखा, ऐसा
क्यों? तो
सविता जी बोली कि वो मुझे
कार चलानी ठीक से नहीं आती है बीच बीच में बंद हो जाती है।
तो मैंने कहा कि आप सीख क्यों नहीं लेते? तो वो बोली कि मुझे कोई सीखने वाला नहीं
है और बाहर जो सिखाते है वो बहुत पैसे माँगते है। तो मैंने झट से कहा कि
आप क्यों इतना परेशना हो रहे हो? में
आपको कार चलाना सिखा दूँगा। मुझे
बहुत अच्छे से आती है। तो भाभी एकदम खुश होकर बोली कि क्या सच
तुम सिख़ाओगे मुझे? तो मैंने कहा कि हाँ फ्री और कोई चार्ज
भी नहीं, तो
वो बोली कि फिर कब
से शुरू करना है? मैंने
कहा कि शनिवार से शुरू करते है और फिर में वहां से जाने लगा। तो उन्होंने पूछा कि जाने
की इतनी जल्दी भी क्या है? तो
मैंने कहा
कि जल्दी तो नहीं है, लेकिन
कोई मुझे लगा कि देर हो रही होगी और आपको
भी सोना होगा और वैसे भी अब रात के 9:00 बज गये है। तो वो
बोली कि तुम्हे कहाँ
दूर जाना है? सामने
ही तो जाना है। तो मैंने कहा लेकिन में अभी तक आपके लिए एक अजनबी हूँ और ऐसे भी अच्छा
नहीं लगता कि में आपके यहाँ पर इतनी
रात तक रुकूँ और कोई भी
मुझे देखेगा तो कुछ भी गलत समझ लेगा। तो वो बोली कि
हाँ यह बात तो ठीक है। अब तुम जाओ,
हम अगले दिन मिलते है और फिर मैंने कहा कि ठीक है और में वहां से चला आया।
तो अगले दिन में सुबह 7:00 बजे ही उन्हे गुड
मोर्निंग बोलने के लिए उनके घर पर पहुंच गया और मैंने दरवाजे पर लगी हुई बेल बजाई और फिर जैसे
ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में
उन्हे देखता ही रह गया। वो क्या मस्त माल लग रही थी? उन्होंने गोल्डन कलर का
एक गाऊन पहना हुआ था। उसके अंदर ब्रा नहीं थी,
जिसकी वजह से उनके बूब्स उसमें से उभरे हुए दिख रहे थे, लेकिन उन्होंने एक जालीदार चुन्नी से
अपनी छाती
को छुपा रखा था, लेकिन
फिर भी जालीदार चुन्नी होने की वजह से मुझे वो सब दिख रहा था और उनकी गाऊन सिर्फ़
घुटनों से ज़रा सा नीचे तक ही थी और
उसके नीचे कुछ भी नहीं था,
जिसकी वजह से उनकी गोरी गोरी जांघे देखकर मेरा तो
मन मचल रहा था और लंड एकदम तन गया था। तभी उन्होंने मुझे गुड मोर्निंग कहा
और बोला कि ऐसे क्या देख रहे हो? क्या
कभी कोई लड़की नहीं देखी? तो मैंने
कहा कि मैंने लड़की तो बहुत देखी, लेकिन
आप जैसी कभी नहीं देखी। इतनी
सुंदर, सेक्सी
और हॉट नहीं देखी। तो वो बोली कि क्या?
मैंने कहा कि सॉरी
में कंट्रोल नहीं कर पाया,
इसलिए सब बोल दिया,
मेरा मतलब था कि मैंने आपसे ज्यादा सुंदर लड़की इस दुनिया में नहीं
देखी। आप तो एकदम परी हो। तो वो यह
बात सुनकर थोड़ी शरमा गयी और कुछ नहीं बोली। मैंने पूछा कि
क्या हुआ? वो बोली
कि कुछ नहीं बहुत दिनों के बाद मुझसे ऐसा किसी ने बोला है तो मुझे थोड़ा
अजीब सा लग रहा है और फिर में उनके करीब गया और अपने हाथ से उनका मुहं ऊपर
किया और उनकी आँखो में आंखे डालकर मैंने उनसे कहा कि आप बहुत सुंदर हो और
आपसे ज्यादा सुंदर लड़की इस पूरे जहाँ में नहीं है। में यह सब कुछ अपने दिल
से कह रहा हूँ और फिर एक मीठी सी हवा हमारे पास गुज़री जिससे उनके मुहं
पर हंसी आ गई और उन्होंने कहा कि धन्यवाद और बोली कि क्यों आज तुम्हे ऑफिस
नहीं जाना? और
अब मुझे भी जाने दो। तो मैंने उनको कहा कि मेरा आज ऑफिस जाने का मन नहीं है और में सोच रहा हूँ
कि आज ऑफिस से छुट्टी ले लूँ और
आपको आज से ही कार चलाना सिखा दूं। तो वो बोली कि मन तो मेरा
भी जाने का नहीं
कर रहा है, तभी
मैंने कहा कि तो फिर क्या? ले
लो छुट्टी, में
आज कार चलाना
भी सीखा दूँगा, सोचना
क्या है? तो
बोली कि ठीक है और मैंने कहा कि हम
फ्रेश होकर एक घंटे में मिलते है। वो बोली कि ठीक है और एक
घंटे बाद में उनके
घर पर पहुंचा और डोर बेल दबाई तो उन्होंने दरवाजा खोला, मेरी तो आँखे और मुहं खुला का खुला रह गया, वो क्या कमाल लग रही थी? वो लाल कलर की गहरे गले
वाली ड्रेस में थी। उसमे उनके बूब्स और भी बड़े मस्त लग रहे थे और वो ड्रेस
उसके शरीर से एकदम चिपकी हुई और पीछे का हिस्सा उभरा हुआ लग रहा था, उसकी चूत और उसके बूब्स तो मुझे पागल ही
कर रहे थे। मेरा लंड उन्हे देखकर
एकदम तन गया था।
तो में एकदम उल्टा घूमा और एक हाथ से
लंड को ठीक किया
और उनसे बोला कि चलो शुरू करते है आपकी सवारी,
मेरा मतलब है कि कार
चलाना। तो उन्होंने मुझे तिरछी नज़रों से देखा और स्माइल दी, मैंने उन्हे छेड़ने के लिए कहा कि आप तो सुपरहॉट माल
लग रही हो। तो वो बोली कि तुम भी
यार अच्छा मज़ाक करते हो और शरमा गयी और में उन्हे थोड़ा शहर से
बाहर एक खाली
जगह पर ले गया वहां पर लोग अक्सर कार सीखने आते है। तो मैंने उनको कहा कि
अब आप ड्राइव करोगे और में आपको बताऊंगा,
वो ड्राइवर सीट पर आकर बैठी और गाड़ी को चलाना शुरू किया। उन्होंने
पहले तो कुछ झटके दिए और उस टाईम में
उन्हे कुछ नहीं बता रहा था। बस उनके बूब्स और उनकी स्माइल उनके
होंठो पर ध्यान
दे रहा था और में तो बस इन ख्यालों में खोया हुआ था कि कब इनकी मस्त जवानी
का दीदार करूँगा? और
यह सोचकर मेरा लंड खड़ा था और जींस फाड़कर बाहर आने को तैयार था। तो वो एकदम ज़ोर से
बोली कि क्या सोच रहे हो? तो
मैंने कहा
कि कुछ नहीं बस थोड़ा तुम्हारे बारे में सोच रहा था और फिर उसने यह बात सुनते
ही एकदम से कार रोकी और वो एकदम झटके से आगे की तरफ जाने लगी। तो मैंने
उनको एकदम से रोका और मेरा एक हाथ उनके दोनों बूब्स के बीच में था। उस
झटके की वजह से उनके बूब्स मेरे हाथ से एकदम दबे हुए थे। दोस्तों ये कहानी
आप फन मज़ा मस्ती पर पड़ रहे है।
तो मैंने कहा कि क्या कर रहे हो? वो बोली कि में कहाँ कुछ कर रही हूँ तुम
ही तो सब कुछ कर रहे हो? और उन्होंने
नज़र मेरे हाथ की तरफ की और मैंने एकदम से हाथ हटाया। फिर मैंने उनसे
कहा कि सॉरी, तभी
मुझे एक विचार आया और मैंने उनको कहा कि आप कार तो एकदम ठीक तरह से चला लेते हो, लेकिन आपको कुछ चीज़ सीखनी है। अगर आप
बुरा नहीं
मानो तो मेरे पास एक उपाय है। वो बोली कि क्या?
तो मैंने कहा कि वो
थोड़ा अजीब है, लेकिन
आप उससे बहुत अच्छी तरह से सीख पाओगे और मैंने कहा कि आपको मेरे साथ ड्राइवर सीट पर बैठना है
आपको मेरी गौद में जैसे एक छोटे
बच्चे को सिखाते है वैसे बैठना है। तो वो बोली कि नहीं ऐसा
नहीं हो सकता, तो
मैंने बोला कि कुछ नहीं होगा, मुझे
आपको यह सिखना है कि आपको कब रेस को
छोड़ना है और कब क्लच दबाना है,
वो आप ऐसे नहीं समझ सकती। आप मेरी गोद में बैठोगे
पैर पे पैर रखोगे तभी तो अच्छी तरह समझ में आएगा। तो वो फिर थोड़ी देर
गहन सोच में थी, लेकिन
वो मेरे बहुत देर तक समझाने के बाद मान गयी और अब मैंने गाड़ी शुरू की वो मेरे ऊपर थी
और उसकी चूत बहुत मुलायम थी। वो
बिल्कुल सही जगह पर बैठी हुई थी। मेरा लंड एकदम तना हुआ था और
उसकी चूत के बिल्कुल
बीच में था, लेकिन
में अपने लंड को उनकी चूत पर छूने नहीं दे रहा था और उनकी रेशमी जुल्फें बार मेरे
चेहरे पर उड़ उड़कर आ रही थी, उनके
जिस्म की
खुश्बू मुझे मदहोश कर रही थी। तो एक बार फिर से उन्होंने ब्रेक वैसे ही ज़ोर
से दबाए और मैंने फिर से उन्हे रोका,
लेकिन इस बार उनके दोनों बूब्स सीधे मेरे दोनों हाथ में थे और मेरा लंड
भी उनकी चूत को छू रहा था। तो
मैंने इस बार का अच्छा मौका नहीं गँवाया और धीरे धीरे उनके
बूब्स को अपने हाथों
से सहलाने लगा, मसलने
लगा और लंड को धीरे धीरे करके आगे पीछे करने लगा। तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? लेकिन मेरे ऐसा करने से उसको भी बहुत
मज़ा आ रहा था, लेकिन
पता नहीं फिर भी क्यों वो मुझसे यह सवाल पूछ रही थी।
फिर मैंने कहा कि में प्यार कर रहा हूँ
और मैंने धीरे से उनकी गर्दन
पर चूमा और वो सिसकियाँ भरने लगी उम्म्म आहह उऊहह और फिर बोली कि यह सब
ग़लत है। तो मैंने कहा कि कुछ ग़लत नहीं है तुम भी प्यासी हो और में भी प्यासा
हूँ। चलो आज हम एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं और फिर मैंने अपना एक हाथ
उनकी ड्रेस का एक बटन खोलकर अंदर घुसा दिया,
तो वो बोली कि आह
उह्ह्हह्ह प्लीज ऐसा मत करो उहह अहह और अब तो जैसे वो आपे के
बाहर ही होने लगी
और उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और अपने हिसाब से बूब्स पर मसलने लगी और
बूब्स को दबाने लगी और अब उसके आधे आधे बूब्स मेरे हाथ में थे और वो आआहह
उऊहह यअहह एआहह और अब वो पूरी मेरी तरफ घूम गयी थी और अब हम दोनों एक दूसरे
को चूम रहे थे और चाट रहे थे और एक दूसरे को स्मूच कर रहे थे। हमने करीब
25 मिनट
तक स्मूच किया होगा और उसके बाद वो बोली कि आज तुमने मेरी सोई हुई
चूत को जगा दिया है और अब तुम ही उसकी प्यास बुझाओगे, उसे शांत करोगे।
तो मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी तुझे भी तो
मेरे इस भूखे प्यासे शेर के लंड की
प्यास शांत करनी है,
यह तो तभी शांत होगा जब यह लंड तेरी गोरी गोरी चूत में
घुस जाएगा। तो वो बोली कि अब किस बात का इंतज़ार है घुसा दे अपने लंड को
मेरी चूत में और फिर मैंने कहा कि इतनी जल्दी भी क्या है? हम पहले थोड़ी देर और प्यार कर ले थोड़ी और तड़प बड़ा
लें, फिर
हम दोनों को और भी मज़ा आएगा।
वो तो सिसकियाँ ही भरे जा रही थी आआआहह उूउऊहह चोदो मुझे प्लीज चोदो मुझे
चोदो बुझाओ मेरी प्यास उहहअहह चोदो मुझे,
चोदो राजा मेरी प्यासी चूत को अह्ह्ह्हह और अब हमने एक दूसरे के
कपड़े उतारने शुरू किए और जैसे में
उसके कपड़े उतार रहा था। मेरी तो नियत उसका फिगर देखकर खराब ही
होती जा रही थी
और मुझे तो इतनी ख़ुशी थी कि ऐसा माल मुझे ही मिला है, में तो भगवान का शुक्रिया करने लगा। तो वो मेरे सामने पेंटी
और ब्रा में थी, उसने
मेरी शर्ट फाड़
दी थी और मेरी पेंट को उतार रही थी। मैंने पेंट के नीचे कुछ नहीं पहना
हुआ था। तो उसने मुझे पूरा नंगा किया और मेरा लंड देखकर बोली कि इतना बड़ा
है और यह कितना लंबा है यह मेरी चूत के अंदर कैसे जाएगा? तो मैंने कहा कि 7
इंच का है और यह तुम्हारी चूत के अंदर बड़े प्यार से जाएगा। तो
मैंने भी
अब उनकी पेंटी को उतारा और फिर उसकी ब्रा अब हम दोनों एक दूसरे को ऊपर से
नीचे तक चूम रहे थे। कभी तो गर्दन तो कभी जांघे को चाट रहे थे और हमने कार
में ही अपनी सीट को लेटा लिया था तो भी हमे थोड़ी परेशानी हो रही थी। तो
मैंने कहा कि हम यहाँ पर एक दूसरे को चूमकर प्यार कर सकते है, लेकिन एक दूसरे की प्यास नहीं मिटा पाएँगे। तो वो
बोली कि नहीं मुझे कार में ही
चुदना है। तो मैंने कहा कि जानेमन में तुम्हे कार में भी
चोदूंगा, लेकिन
एक काम
करो तुम धीरे धीरे कार चलाओ बाकी में तुम्हे चोदूंगा और भी मज़ा आएगा। उसने
कार शुरू की और हम दोनों एकदम नंगे ही थे और हमने कार के साईड के शीशों
को अपने कपड़ो से ढक दिया था और में ड्राइवर सीट के सामने नीचे की तरफ
बैठा हुआ था। तो मैंने उसके पैरों को थोड़ा सा फैलाया और उसकी चूत चाटने लगा।
क्या मुलायम, मखमली
चूत थी और क्या मीठी मीठी सी स्मेल थी उसकी?
मुझे तो
उसका नशा होने लगा और में बड़े प्यार से और धीरे धीरे चूत को चूस रहा था और
चूम रहा था, मैंने
उसकी चूत करीब आधे घंटे ऐसे ही चाटा और उसकी प्यासी चूत की प्यास अपने मुहं से बुझाई।
फिर उसके बूब्स दबाए वो सिसकियाँ ले
रही थी आअहह उम्म्म्म और ज़ोर से और चूसो फाड़ दो इसे आहहहह और ज़ोर से ज़ोर
ज़ोर से चूसो आआहह हम घर से करीब आधे घंटे दूर थे हमने बीच में कार रोकी
और सीट नीचे की। फिर घर की तरफ चल दिए। इस बार वो नीचे बैठ थी और मेरा लंड
चूस रही थी और उसे प्यार कर रही थी और बीच बीच में सहला रही थी और वो उसे
लोलीपोप की तरह चूसने लगी और फिर मुझे स्मूच देती। करीब ऐसा उसने 20 मिनट तक किया और फिर नंगी ही मेरी गोद
में आकर बैठ गयी और प्यार करने लगी।
धीरे धीरे लंड भी सहला रही थी। तो हम घर पहुंचे, मैंने अंदर ही पेंट पहनी और
कार उसके घर के अंदर पार्किंग में खड़ी की तो मैंने उसको कार से एकदम नंगा
अपनी गोद में उठाकर घर के अंदर चूमते हुए ले गया और उसको उसके बेडरूम में
ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया। फिर मैंने उसे नीचे से चूमना शुरू किया
और धीरे धीरे ऊपर तक गया और उसमे वापस गर्मी जगाई,
उसकी सिसकियों में
भी ऐसा जादू है कि कितना भी सोया हुआ लंड जाग जाए और जो कोई
उसे नंगा देखे, वो
कभी रह ही नहीं पाए ओहआअहह अह्ह्ह्ह और ज़ोर से करो मिटा दो मेरी पूरी प्यास
जानेमन। मैंने अब उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड पर थोड़ा
तेल लगाया और धीरे से उसकी चूत पर टिकाया और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगा, लेकिन दोस्तों उसकी चूत इतनी टाईट थी कि
जैसे कोई कुंवारी चूत हो।
फिर मैंने लंड को चूत के थोड़ा अंदर घुसाने
के बाद एक हल्का, लेकिन
तेज झटका दिया
और उसको दबोच लिया, वो
थोड़ा सा चिल्लाई और फिर उसने मेरे होंठ पर
अपने होंठ रख दिए और धीरे धीरे आगे पीछे होने लगी और अब वो
धीरे धीरे गरम हो
रही थी, लेकिन
वो चूत को हर तरफ घुमा रही थी और अब उसने तेज झटके भी लेने शुरू कर दिए और अब उसने मेरा लंड
पूरा का पूरा अंदर ले लिया और ऐसे ही
मेरे ऊपर आ गयी और पूरे जोश से ऊपर नीचे होने लगी और झटके
मारने लगी। वो सिसकियाँ
भर रही थी ओहआअहह आआअहह और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह,
मिटा दो मेरी
पूरी प्यास आहहउउहह,
जानेमन क्या मज़ा आ रह है। आज सालों बाद तूने इसकी प्यास
बुझाकर एकदम सही काम किया और अब मुझे कितनी सालों बाद ऐसी शांति मिलेगी
और वो चूमने लगी। तो ऐसे करते करते हम धीरे धीरे हर एक पोज़िशन में एक
दूसरे से मज़े ले रहे थे। कभी कुर्सी पर,
तो कभी बेड पर,
तो कभी डाइनिंग
टेबल पर, तो
कभी किचन में और कभी स्टोर रूम में। फिर उसके बाद हम बाहर भी गये और मैंने उसकी कार में चुदने वाली
भी इच्छा पूरी की। फिर मैंने उसे कार
के बोनट पर लेटाकर बहुत देर तक चोदा, घर के लॉन में और वो ज़ोर ज़ोर से ओहआअहह
और ज़ोर से चोदो और फच फच की आवाज़ होने लगी। फिर हम छत पर भी गये और उस
चाँदनी रात में भी एक दूसरे को बहुत प्यार किया। फिर हम रूम में आए और मैंने
उसको बेड पर लेटाकर फिर थोड़ा और चोदा। इस बार आहाहहऔहह उम्म्म्मम हम दोनों
ही कर रहे थे। तो वो कहने लगी कि मेरे अंदर ही निकल दो अपना वीर्य मेरे
राजा। में भी बोला आआअहह उहहऔहह हाँ मेरी रानी में तेरे अंदर ही निकालूँगा
और हम धीरे धीरे करके झड़ने लगे।
फिर पहले वो ज़ोर ज़ोर से आआआआआअहह
ऊऊऊहह करते हुए झड़ी और फिर मैंने कहा कि में भी झड़ रहा हूँ हउहहअहह ले मेरी जानेमन, करते हुए उसकी चूत में ही झड़ गया और
फिर हमने एक दूसरे
को बहुत चूमा करीब आधे घंटे तक और फिर हम बाथरूम में अपने आपको साफ करने
चले गये और हमने एक दूसरे को साफ किया और फिर साफ करते करते हमारी प्यास
जाग उठी और हमने एक बार और बाथरूम में चुदाई की और आखरी में एक दूसरे को
साफ करके बाहर आ गये और एक ही रज़ाई में एक दूसरे को चूमते हुए, छेड़ते हुए सो गये और जब सुबह उठे तो फिर से
हमारा चुदाई का काम शुरू हो गया।
दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? अब तो हर सप्ताह के आखरी में हमारी
चुदाई चलती है और अब
तो हमे जब भी मौका मिलता है, हम
चुदाई करते है और बहुत खुश होते। वो
मुझसे कहती है कि जानेमन मुझे तुम्हारा साथ चाहिए और में भी
उनको यह बात कहता
हूँ और अब तो हम साथ ही रहते है और नयी नयी जगह जाकर चुदाई करते है और बहुत
मज़े करते है ।।
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