FUN-MAZA-MASTI
फ्री की चूत
मैं बिहार का रहने वाला हूँ.....मेरे पास चुदाई का बहुत अनुभव है और आज मैं आपके साथ अपनी एक सच्ची घटना बाटने जा रहा हूँ ये आज से 4 साल पुरानी है, मैं अब अपनी मास्टर डिग्री कर रहा हूँ और मैं अपने दोस्त के साथ एक फ्लैट में रहता हूँ......
अब कहानी सुनाता हूँ........
मेरी उम्र उस समय 23 साल थी और एक दिन मेरे रूम पार्ट्नर की अपेंडिक्स के ऑपरेशन के चलते उसे हॉस्पिटल मे भर्ती होना पड़ा...
मैं सुबह शाम उसे देखने जाता था और उसकी खबर लेता,
वो बड़े ही मज़े मे था क्योकि उसी समय कुछ नयी नर्स का इंटरन चल रहा था और वो दिन भर उन्हे अपनी वासना वाली निगाहों से तकता रहता था,
लेकिन एक सनडे की सुबह जब मैं वाहा पहुचा तो देखा एक सेक्सी लेडी नर्स उसका चेकअप कर रही थी,
अब थोड़ा नर्स के बारे मे बता दूँ , उसका नाम नीतू था और उसकी उमर 30-31 होगी उसकी चुचियों का साइज़ 34सी,28,36 और हाइट 5’7 होगी....
एक मस्त सी सफ़ेद साड़ी पहने सब पेशेंट से बाते करते हुई रिपोर्ट बना रही थी, जब भी वो चलती थी उसकी गांड को मचलता देख किसी लड़के को बस आँख बंद करने की ज़रूरत है.और बाकी काम दिमाग़ अपने आप कर देगा
मैं तो बस उसे ताकता ही रह गया, उसे देखने के लिए मैं लगातार दो दिन सुबह जल्दी उठकर हॉस्पिटल जा रहा था ......
बातों बातों मे पता चला की वो विधवा औरत है और उसका मोबाइल नंबर भी मैने ले लिया अपने दोस्त के बहाने...
मैं उसे रोज़ 3-4 मेसेज भेजता था और करीब एक महीने बाद उसकी कॉल आई, तो फिर मैने अपना नाम बताया और अपने दोस्त का तो वो झट से पहचान गयी,...
इसी बीच हमारी दोस्ती और गहरी होने लगी और मैने एक दिन उससे बाहर मिलने के लिए बोला तो वो तुरंत मान गयी ...
मैं जान-बुझ कर उसे बाइक की जगह ट्रेन और बस में घुमाता ताकि उसे दुबारा घर छोडने का मौका मिले और ताकि बस और ट्रेन की भीड़ मे अपने लॅंड के मोटे सुपाडे का उसे एहसास करा सकूँ .....
मैने भी अपने प्लान पे काम जरी रक्खा , कभी-कभी अपनी गरम साँसे उसकी गर्दन पर छोड़ते हुए अपना लॅंड उसकी गांड मे रग़ड देता और ऐसा दिखता की जैसे कुछ हुआ ही ना हो,
अब मैं अपने बारे मे बता दूँ मेरी हाइट 6फीट 3 इंच और लॅंड 7.3 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है ...........
अब एक दिन मैने अपने दोस्त को प्लान करके भगा दिया और कहा जब तक फोन ना करू फ्लैट मे नही आना.
इसी बीच मैने नीतू को फ़ोन और बताया मेरी तबीयत बहुत खराब है आप जल्दी से आ जाओ
मेरे फ़ोन करने के आधे घंटे में वो मेरे फ्लैट में पहुची उस समय मैने सिर्फ़ हाफ पैंट पहन रक्खी थी जिसमें मेरे लॅंड का उभार साफ पता चल रहा था ....
वो एक मस्त साडी और काले कलर के ब्लाउस मे आई थी.....
मैं तो दरवाज़े पे ही उसके बदन को घुरे जा रहा था मन कर रहा था वही चोद डालूं.....
मैने उसे अंदर आने को कहा और मैं अपने हाथो को बस कंट्रोल कर रहा था ताकि मैं उसपर झपटकर उसका रेप ना कर दू .....
अब वो तो मुझे देखते ही समझ गयी मैने उसे बदमाशी करने के लिए बुलाया है.....
मैने अब ज़बरदस्ती उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीचा और उसे पीछे से जकड़ लिया और धीरे-धीरे पीछे से धक्के देते हुए उसे मेरे कंप्यूटर के सामने ले आया...
मैंने कहा कहा मैने जो तुम्हरी कई सारी तस्वीरे ली थी उसे तुम्हे दिखाने के लिए बुलाया है...
आपको बता दूँ की हम इस बीच 5 बार एक दूसरे से मिल चुके थे और गहरी दोस्ती भी हो गयी थी, लेकिन सेक्स-रिलेटेड बाते ना मैने और ना ही उसने कभी अपने मूह से कही थी.
मैंने अच्छी तरह से उसे जकड़ रखा था और वो छुड़ाने की कोशिश किए जा रही थी....
नीतू -मुझे जाना है अभी...
मैं -एक शर्त है पहले तुम्हे मेरी ली हुई तस्वीरो को देखोगी तब....
मैं अब भी उसके पीछे चिपका हुआ था और मेरे लॅंड का तनाव धीरे-धीरे बढ़ रहा था....
नीतू -ठीक है मगर जल्दी.....
मैं तब कंप्यूटर के सामने बैठ गया और उसे अपनी गोद मे बिठा लिया.......
वो एक झटके मे खड़ी हो गयी और कहने लगी “यह क्या कर रहे हो राहुल ”....
मैने उसकी कोई ना सुनी और दुबारा उसकी कमर कस ली और अपनी गोद मे बिठा लिया और कहा “एक ही कुर्सी है आज प्लीज़ मुझसे काम चला लो, मुझे अपनी कुर्सी ही मान लो”
मैने उसकी दोनो टाँगों को एक तरफ करके उसे अपनी गोद में बिठा लिया और मैने उसकी फोटो वाला फोल्डर भी खोल दिया....
अब उसका ध्यान उधर चला गया और मैं उसे अच्छे से जाकड़ कर फ़ोटोज़ दिखाने लगा.....
मैने माउस को इस तरह पकड़ा हुआ था की जब भी माउस को थोडा दायें या बाएं करू तो मेरे हाथ उसकी चुचियों को छू जाए
मेरा लॅंड ठीक उसकी गांड के नीचे था, मैं एक के बाद एक फोटो उसे दिखाए जा रहा था
मैं अपना चेहरा उसके कंधों के पास ले जाकर उसके कानो के पास अपनी गरम और तेज़ होती हुई साँसे लगातार छोड़े जा रहा था.
मैं जान-बुज कर मैने उसकी चुचियाँ और उसकी कमर और पीछे से उसकी गांड की फोटो ली थी, जिसे देख कर वो गुस्से से मेरी ओर देखे और मेरी ओर घूमकर मुझे अपनी बाड़ी बाड़ी नशीली आँखों से गुस्सा दिखाए....
जिसका मुझे पता था और जेसे ही वो फोटो स्क्रीन पर आती मैं अपना मुहं उसकी ओर घुमा देता ताकि वो जैसे ही गुस्से वाली नज़रो से मुझे देखे तो मेरे होंठ उसके होंठों को छू जाए,
ऐसा 4 बार होने के बाद वो मेरी सैतानी समझ गयी और अपना मुह स्क्रीन की तरफ से नहीं हटाया
मेरा लॅंड पैंट के अंदर एकदम खड़ा हो गया था और वो मेरे मोटे लॅंड को महसूस कर रही थी इसका मुझे अच्छे से पता चल चुका था, क्योकि वो बीच-बीच मे थोड़ा हिल डुल रही थी और इधर-उधर अपनी गांड को सरका रही थी....
मैने अब थोड़ी हिम्मत बढ़ा कर अपना दूसरा हाथ उसकी कमर पर रखा.....
उउफ़फ्फ़ उसकी कमर कितनी चिकनी और थोड़ी गीली हो गयी थी पसीने की वजह से ............
मैने अपना मूह उसके कानो के और करीब ले जाकर उसके कानो मे पूछने लगा "फोटो कैसी लगी?".....
जिसका जवाब उसने नही दिया क्योकि उसकी आंखे बंद थीऔर वो मजे ले रही थी ......
मैं अब अपना हाथ उसके पेट के बिल्कुल बीचो-बीच ले जाकर उसकी नाभि के छेद मे डाल कर धीरे-धीरे घूमाते हुए उसके कानो को चूमकर एक बार फिर पूछा “पिक्स केसे लगी?”....
जिसका जवाब उसने घूमकर मेरे होंठों को चूमते हुए दिया.....
अब मैने दूसरे हाथ से उसका चेहरा अपनी ओर घूमाकर उसे अच्छे से किस करने लगा और होठों को पागलों की तरह चूसने लगा.....
अब किस करते हुए मैने उसे अपने सामने खड़ा कर दिया और उसका मूह मेरी तरफ घूमाते हुए उसके होंठों को चूसने लगा और धीरे-धीरे मैं भी खड़ा हो गया....
वो भी मुझसे चिपक गयी ......
मेरे दोनो हाथ उसकी गांड पर थे और मैं उसकी गांड को दबाते हुए उसे अपनी ओर खीच रहा था......
आप को क्या बताऊ उसकी गांड एकदम बचे के सोने की गद्दे जेसी नरम और मुलायम थी.....
इसी बीच मैने अपनी हाफ पैंट थोड़ी नीचे कर दी ताकि मेरा लॅंड बाहर आ सके और एक झटके मे उसके पल्लू और कमर से साडी को अलग कर दिया....
साडी उसके बदन से आधी लिपटी हुई थी और आधी ज़मीन पर पड़ी हुई थी....
वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट मे थी......
मुझसे और बर्दाश नही हुआ मैने उसका ब्लाउस अपने दोनो हाथो से फाड़ डाला जिससे उसकी चुचियाँ झलकने लगी....
उसने लाल रंग की ब्रा पहन रक्खी थी ....
मैने उसकी ब्रा के अंदर हाथ डालकर उसकी दाई चुची बाहर निकाली और मूह मे जितना हो सके भर कर चूसने लगा.......
मैं उम्म्म्म आअम्म्म ऊऊंम्म आहहह ऊऊ करके उसकी चूची चूस रहा था
नीतू सिसकियाँ लेते हुए ऊओ राज ऊहह राआआआजजज ये क्या कर रहीईई हूऊऊओ मत कार्रो ऊओ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ और्र नही आआआआ उउई मा उूुउउ मुझे मना किये जा रही थी....
मैं अपनी जीभ को उसके निप्पल पर गोल-गोल करके घूमाने लगा.....
एक बार पूरी तरह गोल करके घूमाता और फिर काट लेता.....
मैने उसे घुमा दिया और ठीक उसके पीछे आकर उसकी पीठ पे किस करने लगा और उसे पीछे अपनी बाहों मे जाकड़ कर उसकी चुचियाँ दोनो हाथों से दबाने लगा
अब मैंने एक हाथ से उसकी पेटिकोट का नाडा खोल दिया.....
जैसे ही पेटिकोट का नारा खोला मैं तो हैरान रह गया उसने पैंटी नही पहनी थी....
मैने अब उसके गालों को अपने हाथों से दबोचा और मेरी तरफ दुबारा घुमा कर "पूछा साली पनटी कहा गयी तेरी"
उसने बताया की जेसे वो मेरे घर आई उसे पता चल गया था की आज मैं क्या करूँगा तो उसने फ्रेश होने के बहाने मेरे ही बाथरूम मे पैंटी उतार कर वही रख दी थी.
मेरा खून अब दुगनी रफ़्तार से पूरे बदन मे दौड़ने लगा और अब मैने उसे वही कंप्यूटर टेबल पर बिठा दिया और एक उंगली सीधी उसकी चूत मे डाल दी....
उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी और उसका रस टपक रहा था...
उसकी चूत की खुसबू मुझे दीवाना कर रही थी .....
अब मैने अपने लॅंड पर थोड़ा थूक लगा कर, उसकी टाँगों को फैलाया और सीधे उसके चूत मे दे मारा......
मैंने एक झटके मे लॅंड चूत के आधा अंदर घुसेड दिया और दूसरे हाथ से उसके मूह को बंद कर दिया ताकि चीख घर मे ही रह जाए......
उसकी चूत काफ़ी टाइट थी सिर्फ़ 4 इंच मेरा लॅंड अंदर जाकर फस गया था....
अब मैने अपनी पोज़िशन थोड़ी सि बदली और उसकी एक टाँग मैने अपने कंधे पर उठा ली और मैं ज़मीन पर खड़ा था...
वो कंप्यूटर टेबल पर मेरे शरीर और दीवार के बीच पीस रही थी......
मैने अब लॅंड दुबारा बाहर निकाला और लॅंड पे थोडा और थूक लगा कर एक ज़ोरदार झटके के साथ पूरा का पूरा लॅंड उसकी चूत मे घुसेड दिया......
वो चिल्ला उठी " मार गईईई .... साले छोड़ दे मुझे, फट गाइिईई मेरी चूत आआआआअ मार जाऊगी प्लज़्ज़्ज़्ज़ आज छोड़ दे अगले दिन चोद लेना प्लीज राहुल छोड़ दो मुझे "
ये सुनकर मुझमे अलग जोश आ गया और मै ताबक-तोड़ झटके मारने शुरू कर दिए और कसकर उसकी गांद पर 4-5 तमाचे मार दिए जिससे उसकी गांद लाल हो गयी.....
मैं अपने पूरे बदन की ताक़त से उसे चोदेते हुए उसके बदन पर अपना भार दिए जा रहा था जिससे वो दीवार और मेरे बीच पूरी पीसती जा रही थी.....
उसके हिलने का क्या? साँस लेने तक की जगह मैने नही छोड़ी थी .....
मैं “रंडी, रखेल, कुतिया”गलियाँ देते हुए चोदे जा रहा था.....
मैं कभी उसकी गांड को दबाता तो कभी तमाचे मारता......
वो सिर्फ़ चीखे जा रही थी ज़ोर-ज़ोर से "प्लीज राहुल मुझे छोड़ दो किए जा रही थी"
अब मैने उसकी ब्रा का हुक खोलकर, बड़ी-बड़ी सी उसकी दोनो चुचियाँ दबा रहा था और निपल्स को घुमा रहा था,
मेरा लॅंड अब काफी मोटा हो गया था, मैने अब उसकी गर्दन पकड़ ली और बिजली की तरह उसकी गर्दन दबोचते हुए चोदने लगा.....
अब उसे भी मज़ा आने लगा था, नीतू “हरामी कुत्ते फ्री की चूत समझ कर ठोके जा रहा है कमीने ”.
मैं -"हां कुतिया तेरी चूत की खुशबू का जादू मुझ पर सवार है और रंडी तेरे जेसी चिकनी माल को चोदने के लिए कोई भी कुत्ता हरामी बन जाए"
नीतू -"आअहह आआआआः मैं झड़ने वाली हूँ राहुल चोदते रहो प्लीज रोको मत चोदते रहो बहुत दिनो से काफ़ी पानी जमा हुआ है इसमे"
अब मैने उसकी ब्रा का हुक खोलकर, बड़ी-बड़ी सी उसकी दोनो चुचियाँ दबा रहा था और निपल्स को घुमा रहा था,
मेरा लॅंड अब काफी मोटा हो गया था, मैने अब उसकी गर्दन पकड़ ली और बिजली की तरह उसकी गर्दन दबोचते हुए चोदने लगा.....
अब उसे भी मज़ा आने लगा था, नीतू “हरामी कुत्ते फ्री की चूत समझ कर ठोके जा रहा है कमीने ”.
मैं -"हां कुतिया तेरी चूत की खुशबू का जादू मुझ पर सवार है और रंडी तेरे जेसी चिकनी माल को चोदने के लिए कोई भी कुत्ता हरामी बन जाए"
नीतू -"आअहह आआआआः मैं झड़ने वाली हूँ राहुल चोदते रहो प्लीज रोको मत चोदते रहो बहुत दिनो से काफ़ी पानी जमा हुआ है इसमे"
ओह्ह्ह्हह आआआआआः और तेज़्ज़्ज़्ज़ और तेज राहुल चोदो मुझे भोसड़ा बना दो मेरी चूत का ....
ये कहते हुए वो झड़ गयी.....
अब मैने उसकी आँखों मे प्यार से देखा और उसे अपनी बाहों मे उठा लिया और उसके होठों को चूमने लगा....
वो मेरे कन्धो को जकड़ कर पकड़े हुए थी और मैं उसकी गांड को उठा कर उसे अपनी बाहों मे लेकर खड़ा था....
उसने अपने टाँगों को कैची की तरह मेरी कमर और पीठ को जकड़ लिया....
मेरा लॅंड अभी भी उसकी चूत मे था और उसका गरम पानी मेरे लॅंड को छुते हुए नीचे की तरफ जा रहा था....
अब मैने उसी स्थिति मे लगातार चुमते हुए उसे बाथरूम मे ले गया और शावर चला कर उसके नीचे खड़ा हो गया और उसे धीरे-धीरे नीचे बिठा कर उसके मूह मे अपना लॅंड डाल दिया.
वो भी मस्त होकर लॉलिपाप की तरह चूसे जा रही थी....
उसके चूत के पानी और शावर के पानी के साथ मेरे लॅंड को अच्छे से चूस रही थी....
कभी नीचे आकर मेरी गोलियों को मूह मे लेकर चूसती तो कभी उन्हें दबाते हुए लॅंड को चूसे जा रही थी......
अपनी ज़ुबान मेरे लाल मोटे सुपाडे के चारो ओर घूमाते हुए मज़े से चूस रही थी...
बीच-बीच मे अपनी जीभ की नोख से मेरे लॅंड के छेद मे अपनी जीभ घुसाती तो मैं पागलों की तरह आहह उह्ह करने लगता.....
मैं भी धीरे-धीरे धक्के लगाते हुए उसका मूह चोद रहा था...
कभी कभी तो उसके सर के बाल पकड़ कर पूरा लॅंड उसकी मूह मे पेल देता जिससे लॅंड उसकी गर्दन तक चला जाता था और उसे साँस लेने मे परेशानी होती थी.....
मैने एक हाथ से उसका नाक बंद कर दिया और अपना लॅंड उसके नाक और होंठों के बीच रखकर जोरो से घिसने लगा.....
फिर उसके पूरे चेहरे पर लॅंड को अच्छे से घिसने लगा यही चीज़ मैं दोहराता जा रहा था.....
उसकी आँखों मे एक अजीब सा नशा था जैसे भूखे को एक लंबे समय के बाद अच्छा खाना मिल गया हो...
मैने अब उसे दुबारा खड़ा किया और अब एक साथ दो उंगली उसकी चूत मे डालकर हिलाने लगा और उसके होठों को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.
मैंने उसकी एक टाँग स्टूल पर रखी और ठीक उसके पीछे आ गया और उसके दोनो हाथों को दीवार पर टिका कर धीरे-धीरे अपना लॅंड उसकी चूत मे डालने लगा....
वो भी अपनी चूत को मेरे लंड के सामने लाकर मेरे लॅंड को अपने चूत मे घुसेड ली......
अब बिना समय खराब किये मैंने उसकी कमर को दोनो हाथों से पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए....
हम दोनो के बदन पर शावर का पानी जितनी तेज़ी से गिर रहा था उससे कही और ज्यादा स्पीड से मैं अपना लॅंड उसकी चूत मे अंदर-बाहर किए जा रहा था....
पूरे बातरूम से सिर्फ़ उसके चीखने और लंड चूत की फच फच की आवाज़ आ रही थी....
अब मैने उसकी गांड पर ज़ोर ज़ोर से चाटा मार के लाल कर दिए और मेरे हाथों के निशान उसके गांड पर सॉफ दिखाई देने लगे...
अब वो जोर जोर से अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह करने लगी और मुझे अपने चुतड से चोदने लगी ......
अब मैंने उसे सीधा किया और दीवाल के सहारे स्टूल पे बैठा दिया और उसकी टांगे अपने हाथों में उठा कर अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.....
अब वो लगातार अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह करने लगी....
मैं उसे जोर जोर से चोद रही थी और वो अपने चुतड को स्टूल पर पटक रही थी.......
अब वो एक बार फिर से ऐठने लगी मैं समझ गया अब वो फिर से झड़ने वाली है इसीलिए मैने अपना लॅंड उसकी चूत से बाहर निकल लिया, वो पागलों की तरह बिलकने लगी गिड-गिडाने लगी प्लीज मुझे चोदो नहीं तो मैं मर जाउंगी....
उसने जबरजस्ती मेरी लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत में डालकर अपने चुतड को उचकाने लगी ....
अब मैने उसके बालों को पकड़ कर वही बातरूम की फर्श पर लेटा दिया और उसकी चुचियों को धीरे-धीरे दबाते हुए चूसने लगा और उसकी आँखों मे प्यास को महसूस करने लगा.
एक बार मेरा लंड फिर उसकी चूत से बाहर था....
मैं उसकी दोनो टाँगों के बीच में आकर अपना लॅंड उसकी चूत की दीवारो के पास घूमाने लगा और धीरे-धीरे उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.....
वो ऐठने लगी और चुदवाने के लिए तड़पने लगी ...
मैने उसकी चुचियों को कसकर अपने हाथों मे दबोच लिया......
मैंने उसकी तड़प को देखते हुए अपना लंड एक ही झटके उसकी चूत के जड़ में उतार दिया.....
मैं उसकी दोनो टाँगों को उठा कर उसकी छूट के दाने को अपनी अंगूठे से ज़ोर से दबाते हुए गोल-गोल करके मसलने लगा और उसे चोदने लगा
इतनी बेरहम चुदाई को वो सहन नहीं कर पाई और मुझे अपने सिने से लिपटा लिया......
वो मुझसे लिपटकर झड गयी.....
उसके गर्म पानी ने मेरा भी सब्र तोड़ दिया और मैंने अपने लंड का सारा पानी उसकी चूत में भर दिया....
उसकी चूत मेरे वीर्य से पूरी भर गयी....
उसकी चूत से दोनो का वीर्य मिलकर बहने लगा....
फिर हम दोनों एक दुसरे से अलग हुए और अपने को साफ किया और कपडे पहने...
ये कहानी यही समाप्त होती है....
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
फ्री की चूत
मैं बिहार का रहने वाला हूँ.....मेरे पास चुदाई का बहुत अनुभव है और आज मैं आपके साथ अपनी एक सच्ची घटना बाटने जा रहा हूँ ये आज से 4 साल पुरानी है, मैं अब अपनी मास्टर डिग्री कर रहा हूँ और मैं अपने दोस्त के साथ एक फ्लैट में रहता हूँ......
अब कहानी सुनाता हूँ........
मेरी उम्र उस समय 23 साल थी और एक दिन मेरे रूम पार्ट्नर की अपेंडिक्स के ऑपरेशन के चलते उसे हॉस्पिटल मे भर्ती होना पड़ा...
मैं सुबह शाम उसे देखने जाता था और उसकी खबर लेता,
वो बड़े ही मज़े मे था क्योकि उसी समय कुछ नयी नर्स का इंटरन चल रहा था और वो दिन भर उन्हे अपनी वासना वाली निगाहों से तकता रहता था,
लेकिन एक सनडे की सुबह जब मैं वाहा पहुचा तो देखा एक सेक्सी लेडी नर्स उसका चेकअप कर रही थी,
अब थोड़ा नर्स के बारे मे बता दूँ , उसका नाम नीतू था और उसकी उमर 30-31 होगी उसकी चुचियों का साइज़ 34सी,28,36 और हाइट 5’7 होगी....
एक मस्त सी सफ़ेद साड़ी पहने सब पेशेंट से बाते करते हुई रिपोर्ट बना रही थी, जब भी वो चलती थी उसकी गांड को मचलता देख किसी लड़के को बस आँख बंद करने की ज़रूरत है.और बाकी काम दिमाग़ अपने आप कर देगा
मैं तो बस उसे ताकता ही रह गया, उसे देखने के लिए मैं लगातार दो दिन सुबह जल्दी उठकर हॉस्पिटल जा रहा था ......
बातों बातों मे पता चला की वो विधवा औरत है और उसका मोबाइल नंबर भी मैने ले लिया अपने दोस्त के बहाने...
मैं उसे रोज़ 3-4 मेसेज भेजता था और करीब एक महीने बाद उसकी कॉल आई, तो फिर मैने अपना नाम बताया और अपने दोस्त का तो वो झट से पहचान गयी,...
इसी बीच हमारी दोस्ती और गहरी होने लगी और मैने एक दिन उससे बाहर मिलने के लिए बोला तो वो तुरंत मान गयी ...
मैं जान-बुझ कर उसे बाइक की जगह ट्रेन और बस में घुमाता ताकि उसे दुबारा घर छोडने का मौका मिले और ताकि बस और ट्रेन की भीड़ मे अपने लॅंड के मोटे सुपाडे का उसे एहसास करा सकूँ .....
मैने भी अपने प्लान पे काम जरी रक्खा , कभी-कभी अपनी गरम साँसे उसकी गर्दन पर छोड़ते हुए अपना लॅंड उसकी गांड मे रग़ड देता और ऐसा दिखता की जैसे कुछ हुआ ही ना हो,
अब मैं अपने बारे मे बता दूँ मेरी हाइट 6फीट 3 इंच और लॅंड 7.3 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है ...........
अब एक दिन मैने अपने दोस्त को प्लान करके भगा दिया और कहा जब तक फोन ना करू फ्लैट मे नही आना.
इसी बीच मैने नीतू को फ़ोन और बताया मेरी तबीयत बहुत खराब है आप जल्दी से आ जाओ
मेरे फ़ोन करने के आधे घंटे में वो मेरे फ्लैट में पहुची उस समय मैने सिर्फ़ हाफ पैंट पहन रक्खी थी जिसमें मेरे लॅंड का उभार साफ पता चल रहा था ....
वो एक मस्त साडी और काले कलर के ब्लाउस मे आई थी.....
मैं तो दरवाज़े पे ही उसके बदन को घुरे जा रहा था मन कर रहा था वही चोद डालूं.....
मैने उसे अंदर आने को कहा और मैं अपने हाथो को बस कंट्रोल कर रहा था ताकि मैं उसपर झपटकर उसका रेप ना कर दू .....
अब वो तो मुझे देखते ही समझ गयी मैने उसे बदमाशी करने के लिए बुलाया है.....
मैने अब ज़बरदस्ती उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीचा और उसे पीछे से जकड़ लिया और धीरे-धीरे पीछे से धक्के देते हुए उसे मेरे कंप्यूटर के सामने ले आया...
मैंने कहा कहा मैने जो तुम्हरी कई सारी तस्वीरे ली थी उसे तुम्हे दिखाने के लिए बुलाया है...
आपको बता दूँ की हम इस बीच 5 बार एक दूसरे से मिल चुके थे और गहरी दोस्ती भी हो गयी थी, लेकिन सेक्स-रिलेटेड बाते ना मैने और ना ही उसने कभी अपने मूह से कही थी.
मैंने अच्छी तरह से उसे जकड़ रखा था और वो छुड़ाने की कोशिश किए जा रही थी....
नीतू -मुझे जाना है अभी...
मैं -एक शर्त है पहले तुम्हे मेरी ली हुई तस्वीरो को देखोगी तब....
मैं अब भी उसके पीछे चिपका हुआ था और मेरे लॅंड का तनाव धीरे-धीरे बढ़ रहा था....
नीतू -ठीक है मगर जल्दी.....
मैं तब कंप्यूटर के सामने बैठ गया और उसे अपनी गोद मे बिठा लिया.......
वो एक झटके मे खड़ी हो गयी और कहने लगी “यह क्या कर रहे हो राहुल ”....
मैने उसकी कोई ना सुनी और दुबारा उसकी कमर कस ली और अपनी गोद मे बिठा लिया और कहा “एक ही कुर्सी है आज प्लीज़ मुझसे काम चला लो, मुझे अपनी कुर्सी ही मान लो”
मैने उसकी दोनो टाँगों को एक तरफ करके उसे अपनी गोद में बिठा लिया और मैने उसकी फोटो वाला फोल्डर भी खोल दिया....
अब उसका ध्यान उधर चला गया और मैं उसे अच्छे से जाकड़ कर फ़ोटोज़ दिखाने लगा.....
मैने माउस को इस तरह पकड़ा हुआ था की जब भी माउस को थोडा दायें या बाएं करू तो मेरे हाथ उसकी चुचियों को छू जाए
मेरा लॅंड ठीक उसकी गांड के नीचे था, मैं एक के बाद एक फोटो उसे दिखाए जा रहा था
मैं अपना चेहरा उसके कंधों के पास ले जाकर उसके कानो के पास अपनी गरम और तेज़ होती हुई साँसे लगातार छोड़े जा रहा था.
मैं जान-बुज कर मैने उसकी चुचियाँ और उसकी कमर और पीछे से उसकी गांड की फोटो ली थी, जिसे देख कर वो गुस्से से मेरी ओर देखे और मेरी ओर घूमकर मुझे अपनी बाड़ी बाड़ी नशीली आँखों से गुस्सा दिखाए....
जिसका मुझे पता था और जेसे ही वो फोटो स्क्रीन पर आती मैं अपना मुहं उसकी ओर घुमा देता ताकि वो जैसे ही गुस्से वाली नज़रो से मुझे देखे तो मेरे होंठ उसके होंठों को छू जाए,
ऐसा 4 बार होने के बाद वो मेरी सैतानी समझ गयी और अपना मुह स्क्रीन की तरफ से नहीं हटाया
मेरा लॅंड पैंट के अंदर एकदम खड़ा हो गया था और वो मेरे मोटे लॅंड को महसूस कर रही थी इसका मुझे अच्छे से पता चल चुका था, क्योकि वो बीच-बीच मे थोड़ा हिल डुल रही थी और इधर-उधर अपनी गांड को सरका रही थी....
मैने अब थोड़ी हिम्मत बढ़ा कर अपना दूसरा हाथ उसकी कमर पर रखा.....
उउफ़फ्फ़ उसकी कमर कितनी चिकनी और थोड़ी गीली हो गयी थी पसीने की वजह से ............
मैने अपना मूह उसके कानो के और करीब ले जाकर उसके कानो मे पूछने लगा "फोटो कैसी लगी?".....
जिसका जवाब उसने नही दिया क्योकि उसकी आंखे बंद थीऔर वो मजे ले रही थी ......
मैं अब अपना हाथ उसके पेट के बिल्कुल बीचो-बीच ले जाकर उसकी नाभि के छेद मे डाल कर धीरे-धीरे घूमाते हुए उसके कानो को चूमकर एक बार फिर पूछा “पिक्स केसे लगी?”....
जिसका जवाब उसने घूमकर मेरे होंठों को चूमते हुए दिया.....
अब मैने दूसरे हाथ से उसका चेहरा अपनी ओर घूमाकर उसे अच्छे से किस करने लगा और होठों को पागलों की तरह चूसने लगा.....
अब किस करते हुए मैने उसे अपने सामने खड़ा कर दिया और उसका मूह मेरी तरफ घूमाते हुए उसके होंठों को चूसने लगा और धीरे-धीरे मैं भी खड़ा हो गया....
वो भी मुझसे चिपक गयी ......
मेरे दोनो हाथ उसकी गांड पर थे और मैं उसकी गांड को दबाते हुए उसे अपनी ओर खीच रहा था......
आप को क्या बताऊ उसकी गांड एकदम बचे के सोने की गद्दे जेसी नरम और मुलायम थी.....
इसी बीच मैने अपनी हाफ पैंट थोड़ी नीचे कर दी ताकि मेरा लॅंड बाहर आ सके और एक झटके मे उसके पल्लू और कमर से साडी को अलग कर दिया....
साडी उसके बदन से आधी लिपटी हुई थी और आधी ज़मीन पर पड़ी हुई थी....
वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट मे थी......
मुझसे और बर्दाश नही हुआ मैने उसका ब्लाउस अपने दोनो हाथो से फाड़ डाला जिससे उसकी चुचियाँ झलकने लगी....
उसने लाल रंग की ब्रा पहन रक्खी थी ....
मैने उसकी ब्रा के अंदर हाथ डालकर उसकी दाई चुची बाहर निकाली और मूह मे जितना हो सके भर कर चूसने लगा.......
मैं उम्म्म्म आअम्म्म ऊऊंम्म आहहह ऊऊ करके उसकी चूची चूस रहा था
नीतू सिसकियाँ लेते हुए ऊओ राज ऊहह राआआआजजज ये क्या कर रहीईई हूऊऊओ मत कार्रो ऊओ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ और्र नही आआआआ उउई मा उूुउउ मुझे मना किये जा रही थी....
मैं अपनी जीभ को उसके निप्पल पर गोल-गोल करके घूमाने लगा.....
एक बार पूरी तरह गोल करके घूमाता और फिर काट लेता.....
मैने उसे घुमा दिया और ठीक उसके पीछे आकर उसकी पीठ पे किस करने लगा और उसे पीछे अपनी बाहों मे जाकड़ कर उसकी चुचियाँ दोनो हाथों से दबाने लगा
अब मैंने एक हाथ से उसकी पेटिकोट का नाडा खोल दिया.....
जैसे ही पेटिकोट का नारा खोला मैं तो हैरान रह गया उसने पैंटी नही पहनी थी....
मैने अब उसके गालों को अपने हाथों से दबोचा और मेरी तरफ दुबारा घुमा कर "पूछा साली पनटी कहा गयी तेरी"
उसने बताया की जेसे वो मेरे घर आई उसे पता चल गया था की आज मैं क्या करूँगा तो उसने फ्रेश होने के बहाने मेरे ही बाथरूम मे पैंटी उतार कर वही रख दी थी.
मेरा खून अब दुगनी रफ़्तार से पूरे बदन मे दौड़ने लगा और अब मैने उसे वही कंप्यूटर टेबल पर बिठा दिया और एक उंगली सीधी उसकी चूत मे डाल दी....
उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी और उसका रस टपक रहा था...
उसकी चूत की खुसबू मुझे दीवाना कर रही थी .....
अब मैने अपने लॅंड पर थोड़ा थूक लगा कर, उसकी टाँगों को फैलाया और सीधे उसके चूत मे दे मारा......
मैंने एक झटके मे लॅंड चूत के आधा अंदर घुसेड दिया और दूसरे हाथ से उसके मूह को बंद कर दिया ताकि चीख घर मे ही रह जाए......
उसकी चूत काफ़ी टाइट थी सिर्फ़ 4 इंच मेरा लॅंड अंदर जाकर फस गया था....
अब मैने अपनी पोज़िशन थोड़ी सि बदली और उसकी एक टाँग मैने अपने कंधे पर उठा ली और मैं ज़मीन पर खड़ा था...
वो कंप्यूटर टेबल पर मेरे शरीर और दीवार के बीच पीस रही थी......
मैने अब लॅंड दुबारा बाहर निकाला और लॅंड पे थोडा और थूक लगा कर एक ज़ोरदार झटके के साथ पूरा का पूरा लॅंड उसकी चूत मे घुसेड दिया......
वो चिल्ला उठी " मार गईईई .... साले छोड़ दे मुझे, फट गाइिईई मेरी चूत आआआआअ मार जाऊगी प्लज़्ज़्ज़्ज़ आज छोड़ दे अगले दिन चोद लेना प्लीज राहुल छोड़ दो मुझे "
ये सुनकर मुझमे अलग जोश आ गया और मै ताबक-तोड़ झटके मारने शुरू कर दिए और कसकर उसकी गांद पर 4-5 तमाचे मार दिए जिससे उसकी गांद लाल हो गयी.....
मैं अपने पूरे बदन की ताक़त से उसे चोदेते हुए उसके बदन पर अपना भार दिए जा रहा था जिससे वो दीवार और मेरे बीच पूरी पीसती जा रही थी.....
उसके हिलने का क्या? साँस लेने तक की जगह मैने नही छोड़ी थी .....
मैं “रंडी, रखेल, कुतिया”गलियाँ देते हुए चोदे जा रहा था.....
मैं कभी उसकी गांड को दबाता तो कभी तमाचे मारता......
वो सिर्फ़ चीखे जा रही थी ज़ोर-ज़ोर से "प्लीज राहुल मुझे छोड़ दो किए जा रही थी"
अब मैने उसकी ब्रा का हुक खोलकर, बड़ी-बड़ी सी उसकी दोनो चुचियाँ दबा रहा था और निपल्स को घुमा रहा था,
मेरा लॅंड अब काफी मोटा हो गया था, मैने अब उसकी गर्दन पकड़ ली और बिजली की तरह उसकी गर्दन दबोचते हुए चोदने लगा.....
अब उसे भी मज़ा आने लगा था, नीतू “हरामी कुत्ते फ्री की चूत समझ कर ठोके जा रहा है कमीने ”.
मैं -"हां कुतिया तेरी चूत की खुशबू का जादू मुझ पर सवार है और रंडी तेरे जेसी चिकनी माल को चोदने के लिए कोई भी कुत्ता हरामी बन जाए"
नीतू -"आअहह आआआआः मैं झड़ने वाली हूँ राहुल चोदते रहो प्लीज रोको मत चोदते रहो बहुत दिनो से काफ़ी पानी जमा हुआ है इसमे"
अब मैने उसकी ब्रा का हुक खोलकर, बड़ी-बड़ी सी उसकी दोनो चुचियाँ दबा रहा था और निपल्स को घुमा रहा था,
मेरा लॅंड अब काफी मोटा हो गया था, मैने अब उसकी गर्दन पकड़ ली और बिजली की तरह उसकी गर्दन दबोचते हुए चोदने लगा.....
अब उसे भी मज़ा आने लगा था, नीतू “हरामी कुत्ते फ्री की चूत समझ कर ठोके जा रहा है कमीने ”.
मैं -"हां कुतिया तेरी चूत की खुशबू का जादू मुझ पर सवार है और रंडी तेरे जेसी चिकनी माल को चोदने के लिए कोई भी कुत्ता हरामी बन जाए"
नीतू -"आअहह आआआआः मैं झड़ने वाली हूँ राहुल चोदते रहो प्लीज रोको मत चोदते रहो बहुत दिनो से काफ़ी पानी जमा हुआ है इसमे"
ओह्ह्ह्हह आआआआआः और तेज़्ज़्ज़्ज़ और तेज राहुल चोदो मुझे भोसड़ा बना दो मेरी चूत का ....
ये कहते हुए वो झड़ गयी.....
अब मैने उसकी आँखों मे प्यार से देखा और उसे अपनी बाहों मे उठा लिया और उसके होठों को चूमने लगा....
वो मेरे कन्धो को जकड़ कर पकड़े हुए थी और मैं उसकी गांड को उठा कर उसे अपनी बाहों मे लेकर खड़ा था....
उसने अपने टाँगों को कैची की तरह मेरी कमर और पीठ को जकड़ लिया....
मेरा लॅंड अभी भी उसकी चूत मे था और उसका गरम पानी मेरे लॅंड को छुते हुए नीचे की तरफ जा रहा था....
अब मैने उसी स्थिति मे लगातार चुमते हुए उसे बाथरूम मे ले गया और शावर चला कर उसके नीचे खड़ा हो गया और उसे धीरे-धीरे नीचे बिठा कर उसके मूह मे अपना लॅंड डाल दिया.
वो भी मस्त होकर लॉलिपाप की तरह चूसे जा रही थी....
उसके चूत के पानी और शावर के पानी के साथ मेरे लॅंड को अच्छे से चूस रही थी....
कभी नीचे आकर मेरी गोलियों को मूह मे लेकर चूसती तो कभी उन्हें दबाते हुए लॅंड को चूसे जा रही थी......
अपनी ज़ुबान मेरे लाल मोटे सुपाडे के चारो ओर घूमाते हुए मज़े से चूस रही थी...
बीच-बीच मे अपनी जीभ की नोख से मेरे लॅंड के छेद मे अपनी जीभ घुसाती तो मैं पागलों की तरह आहह उह्ह करने लगता.....
मैं भी धीरे-धीरे धक्के लगाते हुए उसका मूह चोद रहा था...
कभी कभी तो उसके सर के बाल पकड़ कर पूरा लॅंड उसकी मूह मे पेल देता जिससे लॅंड उसकी गर्दन तक चला जाता था और उसे साँस लेने मे परेशानी होती थी.....
मैने एक हाथ से उसका नाक बंद कर दिया और अपना लॅंड उसके नाक और होंठों के बीच रखकर जोरो से घिसने लगा.....
फिर उसके पूरे चेहरे पर लॅंड को अच्छे से घिसने लगा यही चीज़ मैं दोहराता जा रहा था.....
उसकी आँखों मे एक अजीब सा नशा था जैसे भूखे को एक लंबे समय के बाद अच्छा खाना मिल गया हो...
मैने अब उसे दुबारा खड़ा किया और अब एक साथ दो उंगली उसकी चूत मे डालकर हिलाने लगा और उसके होठों को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.
मैंने उसकी एक टाँग स्टूल पर रखी और ठीक उसके पीछे आ गया और उसके दोनो हाथों को दीवार पर टिका कर धीरे-धीरे अपना लॅंड उसकी चूत मे डालने लगा....
वो भी अपनी चूत को मेरे लंड के सामने लाकर मेरे लॅंड को अपने चूत मे घुसेड ली......
अब बिना समय खराब किये मैंने उसकी कमर को दोनो हाथों से पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए....
हम दोनो के बदन पर शावर का पानी जितनी तेज़ी से गिर रहा था उससे कही और ज्यादा स्पीड से मैं अपना लॅंड उसकी चूत मे अंदर-बाहर किए जा रहा था....
पूरे बातरूम से सिर्फ़ उसके चीखने और लंड चूत की फच फच की आवाज़ आ रही थी....
अब मैने उसकी गांड पर ज़ोर ज़ोर से चाटा मार के लाल कर दिए और मेरे हाथों के निशान उसके गांड पर सॉफ दिखाई देने लगे...
अब वो जोर जोर से अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह करने लगी और मुझे अपने चुतड से चोदने लगी ......
अब मैंने उसे सीधा किया और दीवाल के सहारे स्टूल पे बैठा दिया और उसकी टांगे अपने हाथों में उठा कर अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.....
अब वो लगातार अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह करने लगी....
मैं उसे जोर जोर से चोद रही थी और वो अपने चुतड को स्टूल पर पटक रही थी.......
अब वो एक बार फिर से ऐठने लगी मैं समझ गया अब वो फिर से झड़ने वाली है इसीलिए मैने अपना लॅंड उसकी चूत से बाहर निकल लिया, वो पागलों की तरह बिलकने लगी गिड-गिडाने लगी प्लीज मुझे चोदो नहीं तो मैं मर जाउंगी....
उसने जबरजस्ती मेरी लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत में डालकर अपने चुतड को उचकाने लगी ....
अब मैने उसके बालों को पकड़ कर वही बातरूम की फर्श पर लेटा दिया और उसकी चुचियों को धीरे-धीरे दबाते हुए चूसने लगा और उसकी आँखों मे प्यास को महसूस करने लगा.
एक बार मेरा लंड फिर उसकी चूत से बाहर था....
मैं उसकी दोनो टाँगों के बीच में आकर अपना लॅंड उसकी चूत की दीवारो के पास घूमाने लगा और धीरे-धीरे उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.....
वो ऐठने लगी और चुदवाने के लिए तड़पने लगी ...
मैने उसकी चुचियों को कसकर अपने हाथों मे दबोच लिया......
मैंने उसकी तड़प को देखते हुए अपना लंड एक ही झटके उसकी चूत के जड़ में उतार दिया.....
मैं उसकी दोनो टाँगों को उठा कर उसकी छूट के दाने को अपनी अंगूठे से ज़ोर से दबाते हुए गोल-गोल करके मसलने लगा और उसे चोदने लगा
इतनी बेरहम चुदाई को वो सहन नहीं कर पाई और मुझे अपने सिने से लिपटा लिया......
वो मुझसे लिपटकर झड गयी.....
उसके गर्म पानी ने मेरा भी सब्र तोड़ दिया और मैंने अपने लंड का सारा पानी उसकी चूत में भर दिया....
उसकी चूत मेरे वीर्य से पूरी भर गयी....
उसकी चूत से दोनो का वीर्य मिलकर बहने लगा....
फिर हम दोनों एक दुसरे से अलग हुए और अपने को साफ किया और कपडे पहने...
ये कहानी यही समाप्त होती है....
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