FUN-MAZA-MASTI
कभी चूत कभी सूखा--4
अनिता अब मारवाड़ी की आँखों में आँखें डालकर देखती है, मारवाड़ी उसका हाथ अनिता के कमर से उसकी गांड पर चला जाता है, और गांड को सहलाने लगता है. अनिता बिना कुछ बोले मारवाड़ी की मालिश कर रही थी, इसलिए मारवाड़ी की हिम्मत बढ़ गई और वो जोर जोर से अनिता की गांड सहलाने लगता है और अनिता का एक हाथ पकड़कर सीधे उसके लंड पर रख देता है. इस बार अनिता थोड़ी डर जाती है और झटसे मारवाड़ी के लंड से हाथ हटा देती है और मारवाड़ी की तरफ थोड़े गुस्से में देखकर बोलती है "मालिक आप ये क्या कर रहे हैं"
मारवाड़ी(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए): "अनिताजी मैं तो बस आपको इस जगह पर मालिश करने के लिए कह रहा था"
अनिता: "मालिक आपको शरम नहीं आती ऐसी हरकत करते हुए"
मारवाड़ी: "अनिताजी इसमें शरम की क्या बात है ये भी तो मेरे शरीर का एक हिस्सा है"
अनिता(मारवाड़ी के लंड की तरफ देखते हुए): "नहीं मालिक ये गलत है मैं आपके वहां मालिश नहीं कर सकती"
मारवाड़ी: "अनिताजी प्लीज सिर्फ एक बार कर दीजिए"
अनिता: "नहीं मालिक आप दीदी से कहो वो आपके वहा मालिश कर देंगी"
मारवाड़ी: "वहां मतलब कहा"
अनिता(मारवाड़ी के लंड की तरफ इशारा करते हुए): "मालिक वहां पर"
मारवाड़ी(अनिता का हाथ पकड़कर लंड पर रखता है): "ये क्या बात हुई इसका भी कुछ नाम हैं"
अनिता(शरमाते हुए): "मालिक ये कैसी बातें कर रहे हैं, मेरा हाथ छोड़ीए मुझे खाना पकाना है"
मारवाड़ी: "अनिताजी सिर्फ एक बार मालिश कर दो प्लीज"
अनिता: "मालिक मुझे वहां की मालिश करने नहीं आती आप अंजली दीदी को कहो वो कर देंगी"
अनिता ने इस बार मारवाड़ी के लंड से हाथ हटाया नहीं था
मारवाड़ी: "अनिताजी अगर आप ने मेरी बात मान ली तो मैं आप जो मांगेगी वो चीज़ दे दूंगा"
अनिता: "नहीं मालिक मुझे कुछ नहीं चाहिए आप मेरा हाथ छोड़ दो मुझे बहुत डर लग रहा है"
मारवाड़ी: "डरो मत और एक ठीक से सोच लो"
अनिता: "नहीं मालिक अगर अंजली दीदी को ये सब पता चल गया तो वो मेरी जान ले लेंगी"
मारवाड़ी: "अनिताजी ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेंगी हम किसी और को ये पता नहीं चलने देंगे"
अनिता: "मालिक पर मुझे ये सब ठीक नहीं लग रहा है"
अब मारवाड़ी उसका लंड अंडरवेअर से बहार निकालकर अनिता के हाथ में रख देता है, मारवाड़ी का लंड लंबाई में राजु के लंड से थोड़ा छोटा था पर राजु के लंड से दोगुना मोटा था, अनिता ने सिर्फ उसके पति और राजु इन दोनों के लंड देखे थे और अब मारवाड़ी का लंड उसके हाथ में था. इतना मोटा लंड देखकर अनिता की आँखें खुली की खुली रह जाती है.
मारवाड़ी: "अनिताजी मैंने जब से आपको देखा है तब से मेरा लंड आपको चोदने के लिए बेताब है"
मारवाड़ी के मुँह से लंड और चुदाई कि बातें सुनकर अनिता चौक जाती है.
अनिता: "मालिक ऐसी बातें आपको शोभा नहीं देती"
मारवाड़ी: "अनिताजी आय लव्ह यु"
अनिता: "हे भगवान आप समझ क्यों नहीं रहे हो"
मारवाड़ी: "अनिताजी मैं आपको इतना पैसा दे दूंगा कि आप सोच भी नहीं सकती एक बार फिर से सोचों"
अनिता पैसे का नाम सुनकर एक मिनट के लिए सोच में पड़ जाती है.
अनिता मन ही मन सोचती है "अगर मैं अपने बेटे से चुद सकती हूँ तो इसके साथ चुदने में क्या बुराई है और ये मुझे पैसे देने की भी बात कर रहा है, अच्छा मौका है पैसे भी मिल जाएंगे और इसके लंड से चुदाई करवाने से मेरी प्यास भी बुज जाएगी और खुद के बेटे के साथ जो पाप कर रही हूँ उस से छुटकारा मिल जाएगा"
मारवाड़ी: "अनिताजी तो क्या फैसला किया है आपने"
अनिता(थोड़ासा नाटक करती हैं): "मालिक अगर दीदी को पता चल गया तो"
मारवाड़ी: "अरे आप उसकी फिकर मत करो हम सिर्फ मौका मिलने पर ही चुदाई करेंगे"
अनिता: "मुझे तो बहुत डर लग रहा है"
मारवाड़ी(उठकर अनिता को बाहों में लेते हुए): "डरो मत मैं हूँ ना"
फिर मारवाड़ी उसके एक हाथ से अनिता की चूचियां दबाने लगता है, अनिता के मुँह से जोर सिसकारी निकल जाती है "आआह ससइइइइ मालिक....... ऐसा मत करो छोड़ दो".
अनिता का हाथ अभी तक मारवाड़ी के लंड पर था.
मारवाड़ी: "अनिताजी आपकी चूचियां बहुत मुलायम है मजा आ रहा है"
अनिता: "आह मालिक छोड़ दो मुझे"
अब मारवाड़ी अनिता को पकड़कर कर बिस्तर पर गिरा देता है और उसके उपर चढ़कर उसके मुँह में मुँह डालकर किस करने लगता है, मारवाड़ी का लंड अनिता के पेट पर दब गया था. अनिता मारवाड़ी को हलका विरोध कर रही थी पर उसके कामवासना के आगे हार गई. अनिता अब कुछ भी विरोध नहीं कर रही थी, मारवाड़ी अनिता की एक चूचि जोर से दबा देता है तब अनिता के मुँह उम्मउम्ममम की आवाज आती है. अनिता ने जब मुँह खोला था तब मारवाड़ी ने उसकी जीभ अनिता के मुँह के अंदर घुसा देता है और उसके जीभ के साथ खेलने लगता है.
मारवाड़ी १० मिनट तक अनिता के मुँह में जीभ डालकर उसे किस करता है, मारवाड़ी की इस हरकत से अनिता बहुत गरम हो गई थी, अनिता की चूत से पानी निकल रहा था और उसकी पँन्टी पुरी तरह से गीली हो गई थी. फिर मारवाड़ी अनिता के उपर से उठ जाता है और अनिता की कमिज उतारने लगता है, अनिता भी उठकर झटसे उसके दोनों हाथ उपर करके कमिज उतारने में मारवाड़ी की मदद करती हैं. अब अनिता के शरीर पर सिर्फ ब्रा और सलवार थी, मारवाड़ी अनिता की चूचियां देखकर सीधे उनपर तुट पडता है और ब्रा के उपर से ही चूचियां मुँह में लेकर चूसने लगता है. अनिता के मुँह से जोर से आह निकाल जाती है, फिर मारवाड़ी अनिता की ब्रा भी उतार कर फेक देता है और एक एक करके दोनों चूचियां चूसने लगता है.
अनिता: "आह मालिक धीरे से चूसोना आपके दात चूभ रहे हैं"
मारवाड़ी: "कब से मैं तुम्हारी चूचियां चूसना चाहता था"
मारवाड़ी अनिता की दोनों चूचियां १० मिनट तक चूसता है और उसके बाद मारवाड़ी अनिता के पेट पर किस करते करते उसकी चूत तक पहुँच जाता है और उसके सलवार का नाडा खोलकर सलवार उतार देता है. अब अनिता के शरीर पर सिर्फ एक छोटी पँन्टी थी, वो भी पुरी तरह से गीली हो गई थी. अनिता की गीली पँन्टी देखकर मारवाड़ी समझ जाता है कि इसे भी मजा आ रहा है, मारवाड़ी उसका लंड पँन्टी के उपर से ही अनिता के चूत मे घुसाने का प्रयास कर रहा था पर मारवाड़ी का सिर्फ आधा सुपाडा ही उसकी चूत मे घुसा था. अनिता को बहुत मजा आ गया था, फिर मारवाड़ी अनिता की पँन्टी भी उतार देता है. अनिता की झांटो से भरी चूत देखकर मारवाड़ी के मुँह में पानी आ जाता है और वो उसका मुँह अनिता की चूत में डालकर चूत चाटने लगता है. अनिता इसके लिए तैयार नहीं थी और कोई पहली बार अनिता की चूत चाट रहा था इसलिए अनिता को कुछ अलग ही लग रहा था.
अनिता: "आह मालिक ये आप क्या कर रहे हैं, वो गंदी जगह है वहाँ पर आप क्यों चाट रहे हो"
मारवाड़ी उसका मुँह चूत से बाहर निकलकर बोलता है "अनिताजी आप सिर्फ देखते जाइए मैं आपको इतना मजा दूँगा की आज तक आपको किसी ने नहीं दिया होगा"
मारवाड़ी फिर से उसका मुँह अनिता की चूत मे डाल देता है, अनिता के चूत पर बहुत झांटे थी इसलिए मारवाड़ी को उसकी चूत चाटने में थोड़ी परेशानी हो रही थी, मारवाड़ी ने उसकी पुरी जीभ अनिता के चूत में घुसेड़ दी थी और एक उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था, अनिता की दोनों आंखें बंद थी और वो मस्ती में सिसकियाँ ले रही थी. फिर मारवाड़ी अनिता के चूत से उसकी जीभ बहार निकाल लेता है, अब मारवाड़ी अनिता के दोनों पैर फैलाता है और उसकी गांड के छेद में उसकी जीभ घुसेड़ देता है. मारवाड़ी पुरे जोश में उसकी जीभ अनिता की गांड में अंदर बाहर कर रहा था और उसकी दो उंगलियां अनिता की चूत में अंदर बाहर हो रही थी, अनिता उसकी गांड उठा उठा कर मारवाड़ी को साथ दे रही थी. अनिता ज्यादा देर मारवाड़ी के सामने टिक नहीं पाती, अनिता मारवाड़ी के हाथों पर ही झड जाती है, मारवाड़ी उसकी जीभ फिरसे चूत में डालकर अनिता के चूत का सारा रस पी जाता है.
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कभी चूत कभी सूखा--4
अनिता अब मारवाड़ी की आँखों में आँखें डालकर देखती है, मारवाड़ी उसका हाथ अनिता के कमर से उसकी गांड पर चला जाता है, और गांड को सहलाने लगता है. अनिता बिना कुछ बोले मारवाड़ी की मालिश कर रही थी, इसलिए मारवाड़ी की हिम्मत बढ़ गई और वो जोर जोर से अनिता की गांड सहलाने लगता है और अनिता का एक हाथ पकड़कर सीधे उसके लंड पर रख देता है. इस बार अनिता थोड़ी डर जाती है और झटसे मारवाड़ी के लंड से हाथ हटा देती है और मारवाड़ी की तरफ थोड़े गुस्से में देखकर बोलती है "मालिक आप ये क्या कर रहे हैं"
मारवाड़ी(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए): "अनिताजी मैं तो बस आपको इस जगह पर मालिश करने के लिए कह रहा था"
अनिता: "मालिक आपको शरम नहीं आती ऐसी हरकत करते हुए"
मारवाड़ी: "अनिताजी इसमें शरम की क्या बात है ये भी तो मेरे शरीर का एक हिस्सा है"
अनिता(मारवाड़ी के लंड की तरफ देखते हुए): "नहीं मालिक ये गलत है मैं आपके वहां मालिश नहीं कर सकती"
मारवाड़ी: "अनिताजी प्लीज सिर्फ एक बार कर दीजिए"
अनिता: "नहीं मालिक आप दीदी से कहो वो आपके वहा मालिश कर देंगी"
मारवाड़ी: "वहां मतलब कहा"
अनिता(मारवाड़ी के लंड की तरफ इशारा करते हुए): "मालिक वहां पर"
मारवाड़ी(अनिता का हाथ पकड़कर लंड पर रखता है): "ये क्या बात हुई इसका भी कुछ नाम हैं"
अनिता(शरमाते हुए): "मालिक ये कैसी बातें कर रहे हैं, मेरा हाथ छोड़ीए मुझे खाना पकाना है"
मारवाड़ी: "अनिताजी सिर्फ एक बार मालिश कर दो प्लीज"
अनिता: "मालिक मुझे वहां की मालिश करने नहीं आती आप अंजली दीदी को कहो वो कर देंगी"
अनिता ने इस बार मारवाड़ी के लंड से हाथ हटाया नहीं था
मारवाड़ी: "अनिताजी अगर आप ने मेरी बात मान ली तो मैं आप जो मांगेगी वो चीज़ दे दूंगा"
अनिता: "नहीं मालिक मुझे कुछ नहीं चाहिए आप मेरा हाथ छोड़ दो मुझे बहुत डर लग रहा है"
मारवाड़ी: "डरो मत और एक ठीक से सोच लो"
अनिता: "नहीं मालिक अगर अंजली दीदी को ये सब पता चल गया तो वो मेरी जान ले लेंगी"
मारवाड़ी: "अनिताजी ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेंगी हम किसी और को ये पता नहीं चलने देंगे"
अनिता: "मालिक पर मुझे ये सब ठीक नहीं लग रहा है"
अब मारवाड़ी उसका लंड अंडरवेअर से बहार निकालकर अनिता के हाथ में रख देता है, मारवाड़ी का लंड लंबाई में राजु के लंड से थोड़ा छोटा था पर राजु के लंड से दोगुना मोटा था, अनिता ने सिर्फ उसके पति और राजु इन दोनों के लंड देखे थे और अब मारवाड़ी का लंड उसके हाथ में था. इतना मोटा लंड देखकर अनिता की आँखें खुली की खुली रह जाती है.
मारवाड़ी: "अनिताजी मैंने जब से आपको देखा है तब से मेरा लंड आपको चोदने के लिए बेताब है"
मारवाड़ी के मुँह से लंड और चुदाई कि बातें सुनकर अनिता चौक जाती है.
अनिता: "मालिक ऐसी बातें आपको शोभा नहीं देती"
मारवाड़ी: "अनिताजी आय लव्ह यु"
अनिता: "हे भगवान आप समझ क्यों नहीं रहे हो"
मारवाड़ी: "अनिताजी मैं आपको इतना पैसा दे दूंगा कि आप सोच भी नहीं सकती एक बार फिर से सोचों"
अनिता पैसे का नाम सुनकर एक मिनट के लिए सोच में पड़ जाती है.
अनिता मन ही मन सोचती है "अगर मैं अपने बेटे से चुद सकती हूँ तो इसके साथ चुदने में क्या बुराई है और ये मुझे पैसे देने की भी बात कर रहा है, अच्छा मौका है पैसे भी मिल जाएंगे और इसके लंड से चुदाई करवाने से मेरी प्यास भी बुज जाएगी और खुद के बेटे के साथ जो पाप कर रही हूँ उस से छुटकारा मिल जाएगा"
मारवाड़ी: "अनिताजी तो क्या फैसला किया है आपने"
अनिता(थोड़ासा नाटक करती हैं): "मालिक अगर दीदी को पता चल गया तो"
मारवाड़ी: "अरे आप उसकी फिकर मत करो हम सिर्फ मौका मिलने पर ही चुदाई करेंगे"
अनिता: "मुझे तो बहुत डर लग रहा है"
मारवाड़ी(उठकर अनिता को बाहों में लेते हुए): "डरो मत मैं हूँ ना"
फिर मारवाड़ी उसके एक हाथ से अनिता की चूचियां दबाने लगता है, अनिता के मुँह से जोर सिसकारी निकल जाती है "आआह ससइइइइ मालिक....... ऐसा मत करो छोड़ दो".
अनिता का हाथ अभी तक मारवाड़ी के लंड पर था.
मारवाड़ी: "अनिताजी आपकी चूचियां बहुत मुलायम है मजा आ रहा है"
अनिता: "आह मालिक छोड़ दो मुझे"
अब मारवाड़ी अनिता को पकड़कर कर बिस्तर पर गिरा देता है और उसके उपर चढ़कर उसके मुँह में मुँह डालकर किस करने लगता है, मारवाड़ी का लंड अनिता के पेट पर दब गया था. अनिता मारवाड़ी को हलका विरोध कर रही थी पर उसके कामवासना के आगे हार गई. अनिता अब कुछ भी विरोध नहीं कर रही थी, मारवाड़ी अनिता की एक चूचि जोर से दबा देता है तब अनिता के मुँह उम्मउम्ममम की आवाज आती है. अनिता ने जब मुँह खोला था तब मारवाड़ी ने उसकी जीभ अनिता के मुँह के अंदर घुसा देता है और उसके जीभ के साथ खेलने लगता है.
मारवाड़ी १० मिनट तक अनिता के मुँह में जीभ डालकर उसे किस करता है, मारवाड़ी की इस हरकत से अनिता बहुत गरम हो गई थी, अनिता की चूत से पानी निकल रहा था और उसकी पँन्टी पुरी तरह से गीली हो गई थी. फिर मारवाड़ी अनिता के उपर से उठ जाता है और अनिता की कमिज उतारने लगता है, अनिता भी उठकर झटसे उसके दोनों हाथ उपर करके कमिज उतारने में मारवाड़ी की मदद करती हैं. अब अनिता के शरीर पर सिर्फ ब्रा और सलवार थी, मारवाड़ी अनिता की चूचियां देखकर सीधे उनपर तुट पडता है और ब्रा के उपर से ही चूचियां मुँह में लेकर चूसने लगता है. अनिता के मुँह से जोर से आह निकाल जाती है, फिर मारवाड़ी अनिता की ब्रा भी उतार कर फेक देता है और एक एक करके दोनों चूचियां चूसने लगता है.
अनिता: "आह मालिक धीरे से चूसोना आपके दात चूभ रहे हैं"
मारवाड़ी: "कब से मैं तुम्हारी चूचियां चूसना चाहता था"
मारवाड़ी अनिता की दोनों चूचियां १० मिनट तक चूसता है और उसके बाद मारवाड़ी अनिता के पेट पर किस करते करते उसकी चूत तक पहुँच जाता है और उसके सलवार का नाडा खोलकर सलवार उतार देता है. अब अनिता के शरीर पर सिर्फ एक छोटी पँन्टी थी, वो भी पुरी तरह से गीली हो गई थी. अनिता की गीली पँन्टी देखकर मारवाड़ी समझ जाता है कि इसे भी मजा आ रहा है, मारवाड़ी उसका लंड पँन्टी के उपर से ही अनिता के चूत मे घुसाने का प्रयास कर रहा था पर मारवाड़ी का सिर्फ आधा सुपाडा ही उसकी चूत मे घुसा था. अनिता को बहुत मजा आ गया था, फिर मारवाड़ी अनिता की पँन्टी भी उतार देता है. अनिता की झांटो से भरी चूत देखकर मारवाड़ी के मुँह में पानी आ जाता है और वो उसका मुँह अनिता की चूत में डालकर चूत चाटने लगता है. अनिता इसके लिए तैयार नहीं थी और कोई पहली बार अनिता की चूत चाट रहा था इसलिए अनिता को कुछ अलग ही लग रहा था.
अनिता: "आह मालिक ये आप क्या कर रहे हैं, वो गंदी जगह है वहाँ पर आप क्यों चाट रहे हो"
मारवाड़ी उसका मुँह चूत से बाहर निकलकर बोलता है "अनिताजी आप सिर्फ देखते जाइए मैं आपको इतना मजा दूँगा की आज तक आपको किसी ने नहीं दिया होगा"
मारवाड़ी फिर से उसका मुँह अनिता की चूत मे डाल देता है, अनिता के चूत पर बहुत झांटे थी इसलिए मारवाड़ी को उसकी चूत चाटने में थोड़ी परेशानी हो रही थी, मारवाड़ी ने उसकी पुरी जीभ अनिता के चूत में घुसेड़ दी थी और एक उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था, अनिता की दोनों आंखें बंद थी और वो मस्ती में सिसकियाँ ले रही थी. फिर मारवाड़ी अनिता के चूत से उसकी जीभ बहार निकाल लेता है, अब मारवाड़ी अनिता के दोनों पैर फैलाता है और उसकी गांड के छेद में उसकी जीभ घुसेड़ देता है. मारवाड़ी पुरे जोश में उसकी जीभ अनिता की गांड में अंदर बाहर कर रहा था और उसकी दो उंगलियां अनिता की चूत में अंदर बाहर हो रही थी, अनिता उसकी गांड उठा उठा कर मारवाड़ी को साथ दे रही थी. अनिता ज्यादा देर मारवाड़ी के सामने टिक नहीं पाती, अनिता मारवाड़ी के हाथों पर ही झड जाती है, मारवाड़ी उसकी जीभ फिरसे चूत में डालकर अनिता के चूत का सारा रस पी जाता है.
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