FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
भाभी ने इच्छा पूरी की
हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को मेरी और मेरी भाभी की एक
सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, जो
मेरे जीवन में कुछ समय पहली घटित हुई
एक एकदम सच्ची घटना है,
जिसने मेरा जीने का तरीका ही बदल दिया और में अब उन दिनों
के हमेशा याद किया करता हूँ और आज में अपनी उसी घटना को आप सभी को थोड़ा
विस्तार से फन मज़ा मस्ती पर सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ
कि यह आप सभी को पसंद जरुर आएगी, लेकिन
यह मेरी पहली कहानी है, प्लीज अगर
मुझसे कोई भी गलती हुई हो तो मुझे माफ़ करें और अब में आप सभी का ज्यादा समय
खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ। दोस्तों में जम्मू
में रहता हूँ और जब मेरे कज़िन भाई की शादी हुई तब में 23 साल का था। मेरा भाई और में बहुत नजदीक थे, मेरे भाई का नाम श्याम है और मेरा नाम सुभाष
है। मेरा श्याम के घर पर बहुत आना जाना रहता था और श्याम की शादी एक लव
मैरिज थी तो उसकी बीवी (मेरी भाभी) श्याम से साल बड़ी थी और वो मुझसे 8 साल बड़ी थी और फिर उनकी शादी के कुछ
साल बाद यानी एक या दो साल के बाद में
और भाभी एक दूसरे से बहुत बातें हंसी मजाक करने लगे और तब भाभी
उस समय 32 साल
की थी, लेकिन
वो दिखने में इतनी बड़ी लगती नहीं थी।
हम दोनों में बहुत हँसी मज़ाक होता था। मेरा ऑफिस
पार्ट टाईम था और में दोपहर को ऑफिस
से दो बजे अपने घर पर आ जाता था और में सीधा भाभी के घर जाता
था, लेकिन
में जब
भी उनके घर पर जाता था तो भाभी हमेशा टाईट टी-शर्ट और एक छोटी सी स्कर्ट
में रहती थी और वो कपड़े उनके जिस्म के कुछ हिस्से को ढक तो लेते थे, लेकिन उनके जिस्म को बाहर से पूरी तरह
प्रदर्शित करते थे, जिसमें
से उनके बूब्स
का साईज पूरी तरह साफ साफ दिखता था। दोस्तों उनके बूब्स बहुत बड़े थे और
गांड भी, जिन्हें
देखकर किसी का भी लंड झटके मारने लगता और वैसे मैंने बहुत दिनों से मुठ नहीं मारी थी। मेरा
ध्यान उस दिन भी भाभी के बूब्स की
तरफ जा रहा था और में उनके जिस्म को देखकर बहुत ज्यादा गरम हो
गया था। तो मैंने
भाभी से कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे बहुत प्यार
करता हूँ और में ऐसा कहने के बाद बहुत डर गया था,
लेकिन मेरी भाभी
ने बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसने कहा कि हाँ में भी
तुमसे प्यार करती
हूँ।
दोस्तों हम भाभी देवर और एक बहुत अच्छे
दोस्त भी है, तो दोस्ती
में कभी कभी प्यार भी होता है और भाभी ने अलग तरीके से वो लिया और मैंने
मन में कहा कि चलो इतना तो वो जान गयी और कुछ महीनों के बाद मैंने भाभी
को फोन किया और कहा कि भाभी आज हम बाहर कहीं मिलेंगे। तो भाभी ने कहा कि
ठीक है हम मिलेंगे और भाभी हर शाम को कोचिंग जाती थी इसलिए वो बोली कि ठीक
है में घर पर फोन करके कह दूंगी कि आज मुझे घर पर आने में थोड़ी देर होने
वाली है। तो मैंने कहा ठीक है फिर तो हम शाम को 7.00
बजे गार्डेन में
मिलेंगे और में 7
बजे गार्डेन में पहुंच गया और मेरे वहां पर पहुंचने के दस मिनट
के बाद भाभी आ गई और भाभी ने एक बहुत मस्त साड़ी पहनी हुई थी और उस साड़ी
में वो एकदम सेक्सी पटाखा लग रही थी। उनका एकदम गोल फिगर, पतली कमर,
गहरी सी नाभि और गांड बहुत जबरदस्त लग रही थी और फिर हम दोनों
गार्डेन में एक
टेबल पर बैठ गए और एक दूसरे से इधर उधर की बातें करने लगे और अब मेरा ध्यान
उनके बूब्स पर था और तभी बातें करते करते मैंने जोश में आकर भाभी का हाथ
मेरे हाथ में ले लिया और भाभी एकदम चुपचाप हो गई और फिर मैंने कहा कि क्यों
भाभी बुरा तो नहीं लगा? लेकिन
वो कुछ नहीं बोली और हम रोमेंटिक बातें
करने लगे थे और मैंने जानबूझ कर यह टॉपिक शुरू किया था। तो
मैंने भाभी से पूछा
कि भाभी आप 20-22 साल
की उम्र में तो बहुत सुंदर रही होगी?
तो वो बोली
कि हाँ तब मेरे कॉलेज में सब मेरे फिगर को घूर घूरकर देखते थे
और में दिखने
में बहुत अच्छी लगती थी। तो मैंने कहा कि भाभी में एक बात कहूँ कहीं आप
बुरा तो नहीं मानोगे? तो
भाभी बोली कि हाँ बिना किसी झिझक के बोलो। तो मैंने कहा कि आज भी तुम्हारा फिगर एकदम
मस्त है और वो मेरी तरफ मुस्कुराकर
देखने लगी और फिर हम दोनों बिल्कुल शांत बैठे और मैंने उसी
वक्त मन में ठान ली
कि आज में कुछ ना कुछ जरुर करूंगा और तभी मैंने उनसे कहा कि भाभी मेरे दिल
की एक इच्छा है, क्या
तुम वो पूरी करोगी? तो
झट से वो बोली कि हाँ क्यों
नहीं, बताओ
क्या इच्छा है? तो
मैंने कहा कि मुझे एक बार तुम्हारे
बूब्स को हाथ लगाना है।
तो भाभी मेरी तरफ एकदम चुपचाप होकर
देखने लगी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और हम
थोड़ी देर बाद वहां से जाने लगे
और फिर भाभी मुझसे बोली कि तुम्हारी इच्छा तुम चाहो तो आज पूरी
कर सकते हो और
फिर में एकदम पागल हो गया, में
वहीं कोने में पेड़ के नीचे भाभी के पीछे
खड़ा हो गया और पीछे से मैंने भाभी के साड़ी के पल्लू के नीचे से हाथ डालकर बूब्स
को हाथ लगाया और अब में पागल हो गया था क्योंकि में आज मेरी भाभी के बूब्स
को हाथ लगा रहा था, जिस
काम को में बहुत समय से करने की सोच रहा था। भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में समा
नहीं रहे थे, लेकिन
मैंने ब्लाउज के
ऊपर से ही बहुत ज़ोर ज़ोर से दोनों बूब्स को दबाया। तो भाभी को थोड़ा दर्द हुआ
और करीब 2 मिनट
तक में बूब्स को दबाता रहा और मैंने पीछे से उनकी गांड पर अपने लंड को चिपकाया हुआ था। दोस्तों
में पहली बार किसी औरत के बूब्स
दबा रहा था और वो भी मेरी भाभी के, जिसको में हमेशा चोदने और उनके बूब्स को दबाने
के सपने देखा करता था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने लगा।
फिर कुछ देर बाद हम अपने अपने घर चले गये, लेकिन दो दिन बाद मैंने शाम को 7 बजे भाभी को मोबाइल किया और उनसे पूछा कि
क्या आज आप मिलोगी? वो
बोली कि आज मुझे
कोचिंग में काम है, तुम
ऐसा करो कि शाम को 7.30 बजे
मेरी कोचिंग आ जाओ।
तो मैंने कहा कि ठीक है और में 7.30 बजे
भाभी के कोचिंग चला गया। भाभी
उस समय कोचिंग में बिल्कुल अकेली थी तो वो मुझसे बोली कि आओ
बैठो ना और फिर
में भाभी के पास बैठ गया उस समय वो कुछ लिख रही थी और हाथ के नीचे से एक
साईड से भाभी के ब्लाउज में से उनका एक बूब्स बहुत जबरदस्त दिख रहा था और
मेरा लंड उसे देखकर एकदम खड़ा हो गया था। तो मैंने अपनी दोनों जाँघो में अपने
लंड को दबाकर रखा था, भाभी
का काम होते ही उन्होंने मुझसे पूछा कि और
बताओ कैसे हो? तो
मैंने कहा कि आप बोलो कैसी हो? वो
बोली कि में बिल्कुल ठीक
हूँ। उनका जवाब देने का तरीका आज बिल्कुल अलग था। वो मुझे उनके चहरे से नजर
आ रहा था और वो मुझसे हंस हंसकर बातें कर रही थी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत
करके कहा कि भाभी उस दिन मैंने आपके बूब्स सिर्फ़ दबाए थे, लेकिन मुझे आज में आपके बूब्स को देखना भी
चाहता हूँ। तो भाभी बोली कि तुम पागल
हो क्या सुभाष?
मैंने कहा कि प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ और फिर वो बोली ठीक
है, लेकिन
एकदम दूर से देखना उन्हे छूना मना है। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है भाभी जैसा आप कहोगी में वैसा ही
करूंगा। दोस्तों ये कहानी आप
फन मज़ा मस्ती पर पड़ रहे है।
फिर भाभी रूम के दरवाजे के पास गयी और दरवाजे
को अंदर से बंद किया, मेरी
तरफ मुड़ गई में थोड़ा दूर रुका हुआ था
तो भाभी ने धीरे धीरे अपनी साड़ी का पल्लू हटाया, मेरे दिल की धड़कन तेज़ होने
लगी थी, मेरी
नजरे उनके बूब्स पर एकदम टिकी हुई थी। मेरा लंड भी अब धीरे धीरे अपने आप हल्के हल्के झटके
देने लगा था। फिर भाभी ने अपना लाल कलर
का ब्लाउज और ब्रा को थोड़ा ऊपर किया और तभी उनके बड़े बड़े बूब्स
एकदम लटकते हुए
बाहर आ गए जैसे कोई आम लटके हुए हो वैसे वो झूल रहे थे। दोस्तों मुझे तो
मज़ा ही आ गया, क्योंकि
आज मेरी नजरों के सामने मेरी भाभी खुद अपना
ब्लाउज और ब्रा ऊपर करके मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी और में
धीरे धीरे से मौका
देखकर उन्हे छूने, महसूस
करने, दबाने
की इच्छा मन में लेकर नज़दीक आने
लगा। तो भाभी ने एकदम झटके से अपने ब्लाउज को नीचे कर दिया, लेकिन में अब एकदम पागल हो गया था। तो भाभी ने मुझसे
पूछा कि क्यों अच्छे लगे मेरे
बूब्स? मैंने
कहा कि भाभी आप बहुत सेक्सी हो। में तब तक भाभी के बहुत करीब आ चुका
था और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हे खींच लिया,
लेकिन मैंने पहली
बार अपनी भाभी को अपनी तरफ खींचकर गले लगाया।
उनके बड़े बड़े बूब्स मेरी
छाती पर डब रहे थे। वो मेरे जीवन का एकदम अलग अहसास था और फिर मैंने ज्यादा
देर ना करते हुए भाभी की गांड की दरार में अपनी 4
उंगली डाली और
उंगली को ज़ोर से दबाई तो वो मेरे उंगली करने और गांड पर हाथ
घुमाने से अब मदहोश
होने लगी। तो मैंने कहा कि भाभी आज में आपको मेरा खड़ा हुआ लंड दिखाना
चाहता हूँ, क्या
में आपको दिखाऊँ? तो
भाभी बोली कि नहीं, अभी
नहीं। यहाँ
हमे कोई भी देख सकता है, ऐसा
फिर कभी करना। अभी यहाँ से चलो और फिर
मैंने भाभी के पूरे बदन पर हाथ घुमाया और हम वहां से बाहर
निकले। फिर दो दिन
बाद मैंने अपने घर से थोड़ी सी दूरी पर एक छोटी सी पार्टी रखी, लेकिन मैंने सिर्फ़ उसमे भाभी और भाई को ही
बुलाया था और हम तीनों एक बड़े
गार्डेन रेस्टोरेंट में गए। मैंने और भैया ने रूम का ऑर्डर
दिया, भैया
ने भाभी
से कहा कि क्यों तुम भी कुछ लो? तो
वो बोली कि तुम मंगवाओ ना कुछ और
फिर उन्होंने भाभी के लिए वोड्का मँगवाई और मैंने जानबूझ कर
बहुत कम पिया, लेकिन
भैया ने पूरा खत्म किया और वो बियर पीने लगे और भाभी दूसरा पेग पी रही
थी और अब भाभी भी मूड में आ चुकी थी।
तो भाभी तब बहुत सजधज कर आई थी
और उन्होंने गुलाबी कलर की साड़ी और गुलाबी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था। में
टेबल के नीचे से भाभी के पैरों को अपने पैर से स्पर्श कर रहा था और उस समय
रात के 12 बज
चुके थे और हम तीनों बातें कर रहे थे और हंसी मज़ाक कर रहे थे और टेबल के नीचे से मेरा काम
चालू था। तो भाई उठकर टॉयलेट के लिए
चला गया और मैंने तुरंत मेरा पैर भाभी की साड़ी के अंदर डाला तो
भाभी ने भी अपने
दोनों पैर एक दूसरे से थोड़े अलग किए जिसकी वजह से मेरा पैर भाभी के जाँघो
तक गया और मैंने ज़ोर से पैर को अंदर डाला। मेरे पैर को भाभी की पेंटी
महसूस हुई जो चूत रस से बिल्कुल गीली थी। तो मैंने भाभी को पूछा कि अंदर
कौन से रंग की पेंटी पहने हुई हो? तो
भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर
थोड़ा शरमाई, मैंने
कहा कि क्यों बताओ ना भाभी? तो
वो बोली कि हल्के भूरे रंग
की है और उस पर हल्के पीले रंग के फूल बने हुए है। तो मैंने पैर की उंगलियों
से भाभी की चूत को रगड़ना चालू किया और अब भाभी भी बहुत जोश में थी।
वो मेरे पैर को आगे तक जाने दे रही थी,
लेकिन कुछ देर बाद भाई को वापस आते देखकर मैंने अपने पैर को हटाया और
भाभी को इशारा किया और फिर वो भी
अपने कपड़ो को ठीक करने लगी। फिर हम कुछ देर बाद अपने अपने घर
पर चले गये और उसके
बाद मैंने अपने घर पर पहुंचकर भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया, लेकिन अब में उन्हे चोदने के नये नये
तरीके ढूंढने लगा और फिर एक दिन मैंने
अपनी वो सभी इच्छा पूरी की और मैंने उन्हे जमकर चोदा ।।
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