FUN-MAZA-MASTI
बुर की शोभा
मेरा नाम अनुराग है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मै फन मजा मस्ती का नियमित पाठक हूँ मुझे यहाँ की कहानिया बहुत पसंद है
मैंने बहुत बार पेलाई की पर आज तक सील नहीं तोडी। मेरी उम्र 21 साल है। मेरे ताऊजी नागपुर में रहते हैं।
दीदी की शादी के बाद ताऊजी और ताईजी अकेले हो गये इसलिये ताऊजी ने मुझे दिल्ली से नागपुर बुलाया।
मेरी वजह से ताऊजी का सुनापन दूर हो गया।
ताऊजी ने मुझे नागपुर के अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया।
मैं अनजान शहर में था, किसी को पहचानता नहीं था।
एक दिन मैं कॉलेज की कैंटीन में बैठा था तभी मेरे सामने एक लड़की आकर बैठ गयी।
मैं उसे देखता ही रह गया।
वो दिखने मे बहुत सुन्दर थी। वो भी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी।
मैंने उसे हाय! कहा तो जवाब में उसने हैलो! कहा।
मैंने उसका नाम पूछा, उसने निकी बताया।
हमने काफी बातें की।
हमने लगभग एक घंटे बात की जिससे हम एक-दूसरे को अच्छे से जान गये थे।
जाते वक्त निकी ने मेरा मोबाईल नंबर लिया, उसी दिन रात को ग्यारह बजे निकी का कॉल आया।
हमने देर रात तक कॉल पर बातें की। और मुझे बहुत मज़ा आया.
फिर हम रोज कॉलेज मे बातें करते, साथ में घूमते।
रात को फोन पर बात करते।
हम दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे।
एक दिन रात को आठ बजे निकी का कॉल आया उसने कहा – आज रात उसके घर में कोई नहीं है।
निकी का घर बहुत बड़ा है उसे डर लगेगा इसलिये निकी ने मुझे बुलाया और मैंने हाँ कर दी।
करीब आधे घंटे बाद निकी मुझे लेने मेरे घर आयी और हम दोनों निकी के घर पहुँचे।
निकी का घर काफी बड़ा था।
निकी ने मुझे अपना बेडरूम दिखाया।
उसका बेडरूम काफी बड़ा और आलिशान था।
उसने मुझे बैठने के लिये बोला और कहा कुछ खाने के लिए लाती हूँ।
पंद्रह मिनट बाद जब निकी आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया।
उसने नीले रंग का पतला नाईटी पहना था जो उसके बदन को चिपक रहा था।
निकी मेरे पास आकर बोली – क्या देख रहे हो?
मैंने कहा – आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो।
निकी ने मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा चांटा मारा और कहा – पाँच मिनट में आती हूँ, तब तक तुम कुछ
खालो।
जब निकी चलते हुए आयी तब उसके चुचे हिल रहे थे।
मैं समझ गया निकी ने ब्रा नहीं पहनी जिस से मेरा लण्ड खडा हो गया।
मैं अपने हाथ से लण्ड को छुपाने की कोशिश कर रहा था।
निकी मेरे हाथ की तरफ देख रही थी।
हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर बात कर रहे थे।
मेरी नजर बार-बार निकी के चूचों पर जा रही थी और निकी मुसकुरा रही थी।
मुझे लगा निकी को चोदने का इस से अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
मैं अपना चेहरा निकी के चेहरे के पास ले गया और उस की आँखों में देख कर कहा – निकी, आज तुम बहुत
सेक्सी दिख रही हो और धीरे-धीरे हमारे होंठ चिपक गये।
पंद्रह मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे।
फिर मैं निकी के उपर चढकर उसे चूमता रहा।
कभी आँखों पर चूमता तो कभी गाल पर, कभी होंठों पर तो कभी गर्दन पर।
नीचे मेरा लण्ड निकी की बुर पर रगड़ रहा था निकी गरम हो चुकी थी उसके मुँह से आह.. आह.. की आवाज
निकल रही थी और मेरा जोश दुगना हो गया।
मैं निकी के चुचे दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने निकी की नाईटी उतार दी। निकी ने ना तो ब्रा पहनी नहीं थी ना ही
पैंटी पहनी थी।
मैं निकी को देखने लगा उसका गोरा-गोरा बदन देख कर मुझे जैसे नशा छाने लगा।
मैंने झट से अपने कपड़े खोले और निकी के उपर चढ गया उसके गोरे-गोरे चूचों पर गुलाबी दाने को चूसने लगा।
जब भी मैं उसके दाने को दाँत से काटता तब उसके मुँह से चीख निकल जाती थी।
धीरे-धीरे मैं उसके पेट पर आया उसके नाभी को चूसने लगा निकी काफी मजे मे आनंद ले रही थी।
अब मैं उसकी बुर पर पहुँचा।
उसकी बुर पर हल्के-हल्के बाल थे जो उसकी बुर की शोभा बड़ा रहे थे।
बुर गीली थी.
उसकी बुर बहुत छोटी थी जैसे किसी बच्ची की होती है जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी|
मैंने देखते ही उसे चूम लिया।
मेरे चूमते ही निकी मछली की तरह तडपने लगी और मेरे मुँह को अपने पैरों में फसा कर अपनी बुर पर दबाने
लगी।
मैं निकी की बुर चूसता रहा और अपनी एक ऊँगली बुर मे डाल दी।
बुर बहुत कसी हुयी थी।
निकी पहले कभी चुदी नहीं थी।
एक-एक कर मैंने अपनी दो उँगली बुर मे डाल दी।
निकी की बुर पानी छोडने लगी, उसमें से अच्छी खुशबु आ रही थी।
मैं पूरा पानी चाट कर पी गया।
अब मैं अपना लण्ड निकी के मुँह के पास ले गया।
निकी ने मेरा लण्ड हाथ में लिया और देखने लगी और कहा – इतना बड़ा।
मैंने निकी को लण्ड चूमने कहा तो उसने साफ मना कर दिया।
मैंने भी निकी पर दबाव नहीं डाला।
मैं फिर से निकी को चूमने लगा।
मैंने निकी के पूरे अंग-अंग को चूमा-चाटा, उसका पूरा स्वाद चखा अब मुझे मेरे लण्ड ने उछल-उछल कर परेशान कर दिया था।
मैं निकी के दोनों पैरों के बीच बैठ कर अपना लण्ड बुर पर रगड़ने लगा।
निकी चिल्लाने लगी – प्लीज, कुछ कर मुझे कुछ हो रहा है।
मैंने भी देर न करते हुए पास रखे टेबल पर से क्रीम लिया और अपने लण्ड पर ढेर सारा लगा लिया।
मैंने लण्ड बुर पर रख कर एक जोर का धक्का लगाया।
लण्ड थोडा ही अंदर गया और निकी जोर से चीख पडी और उसकी आँखों में से पानी बहने लगा।
मैं निकी को चूमने लगा जब दर्द कम हुआ तब मैंने एक जोर का धक्का लगाया।
मेरा लण्ड आधे से ज़्यादा बुर के अंदर जा चुका था।
उसकी झिल्ली फट गयी थी।
खून बाहर आने लगा।
निकी दर्द से तडप रही थी पर उस दर्द में मजा भी बहुत था।
धीरे-धीरे मैंने लण्ड बाहर खीँचा और जोर के धक्के के साथ लण्ड अंदर डाल देता।
थोड़ी देर में मेरे हर धक्के का जवाब निकी गाँड उछाल कर देती थी।
कुछ देर बाद मेरा पानी छुटने वाला था तब तक निकी दो बार झड़ चुकी थी।
पाँच-छे जोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी निकी के बुर पर छोड दिया।
निकी भी तीसरी बार झड़ चुकी थी।
हम थक गये थे और वहीं बिस्तर पर लेट गये।
थोड़ी देर बाद देखा तो रात के एक बज गये थे और चादर पुरी खून से भरी थी।
उसके बाद उसी रात को एक और बार पेलाईकी।
सुबह पाँच बजे तक पेलाईचली। और इस पेलाई में निकी ने कई बार पानी छोड़ा और मेरा भी कई बार पानी
निकला .
मेरे वापस आते समय निकी ने मुझे गले लगाया और एक बडी चूमी दी।
आज भी हम मौका मिलने पे चुदाई कर लेते है...
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बुर की शोभा
मेरा नाम अनुराग है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मै फन मजा मस्ती का नियमित पाठक हूँ मुझे यहाँ की कहानिया बहुत पसंद है
मैंने बहुत बार पेलाई की पर आज तक सील नहीं तोडी। मेरी उम्र 21 साल है। मेरे ताऊजी नागपुर में रहते हैं।
दीदी की शादी के बाद ताऊजी और ताईजी अकेले हो गये इसलिये ताऊजी ने मुझे दिल्ली से नागपुर बुलाया।
मेरी वजह से ताऊजी का सुनापन दूर हो गया।
ताऊजी ने मुझे नागपुर के अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया।
मैं अनजान शहर में था, किसी को पहचानता नहीं था।
एक दिन मैं कॉलेज की कैंटीन में बैठा था तभी मेरे सामने एक लड़की आकर बैठ गयी।
मैं उसे देखता ही रह गया।
वो दिखने मे बहुत सुन्दर थी। वो भी मुझे तिरछी नज़रों से देख रही थी।
मैंने उसे हाय! कहा तो जवाब में उसने हैलो! कहा।
मैंने उसका नाम पूछा, उसने निकी बताया।
हमने काफी बातें की।
हमने लगभग एक घंटे बात की जिससे हम एक-दूसरे को अच्छे से जान गये थे।
जाते वक्त निकी ने मेरा मोबाईल नंबर लिया, उसी दिन रात को ग्यारह बजे निकी का कॉल आया।
हमने देर रात तक कॉल पर बातें की। और मुझे बहुत मज़ा आया.
फिर हम रोज कॉलेज मे बातें करते, साथ में घूमते।
रात को फोन पर बात करते।
हम दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे।
एक दिन रात को आठ बजे निकी का कॉल आया उसने कहा – आज रात उसके घर में कोई नहीं है।
निकी का घर बहुत बड़ा है उसे डर लगेगा इसलिये निकी ने मुझे बुलाया और मैंने हाँ कर दी।
करीब आधे घंटे बाद निकी मुझे लेने मेरे घर आयी और हम दोनों निकी के घर पहुँचे।
निकी का घर काफी बड़ा था।
निकी ने मुझे अपना बेडरूम दिखाया।
उसका बेडरूम काफी बड़ा और आलिशान था।
उसने मुझे बैठने के लिये बोला और कहा कुछ खाने के लिए लाती हूँ।
पंद्रह मिनट बाद जब निकी आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया।
उसने नीले रंग का पतला नाईटी पहना था जो उसके बदन को चिपक रहा था।
निकी मेरे पास आकर बोली – क्या देख रहे हो?
मैंने कहा – आज तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो।
निकी ने मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा चांटा मारा और कहा – पाँच मिनट में आती हूँ, तब तक तुम कुछ
खालो।
जब निकी चलते हुए आयी तब उसके चुचे हिल रहे थे।
मैं समझ गया निकी ने ब्रा नहीं पहनी जिस से मेरा लण्ड खडा हो गया।
मैं अपने हाथ से लण्ड को छुपाने की कोशिश कर रहा था।
निकी मेरे हाथ की तरफ देख रही थी।
हम दोनों बिस्तर पर बैठ कर बात कर रहे थे।
मेरी नजर बार-बार निकी के चूचों पर जा रही थी और निकी मुसकुरा रही थी।
मुझे लगा निकी को चोदने का इस से अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
मैं अपना चेहरा निकी के चेहरे के पास ले गया और उस की आँखों में देख कर कहा – निकी, आज तुम बहुत
सेक्सी दिख रही हो और धीरे-धीरे हमारे होंठ चिपक गये।
पंद्रह मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे।
फिर मैं निकी के उपर चढकर उसे चूमता रहा।
कभी आँखों पर चूमता तो कभी गाल पर, कभी होंठों पर तो कभी गर्दन पर।
नीचे मेरा लण्ड निकी की बुर पर रगड़ रहा था निकी गरम हो चुकी थी उसके मुँह से आह.. आह.. की आवाज
निकल रही थी और मेरा जोश दुगना हो गया।
मैं निकी के चुचे दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने निकी की नाईटी उतार दी। निकी ने ना तो ब्रा पहनी नहीं थी ना ही
पैंटी पहनी थी।
मैं निकी को देखने लगा उसका गोरा-गोरा बदन देख कर मुझे जैसे नशा छाने लगा।
मैंने झट से अपने कपड़े खोले और निकी के उपर चढ गया उसके गोरे-गोरे चूचों पर गुलाबी दाने को चूसने लगा।
जब भी मैं उसके दाने को दाँत से काटता तब उसके मुँह से चीख निकल जाती थी।
धीरे-धीरे मैं उसके पेट पर आया उसके नाभी को चूसने लगा निकी काफी मजे मे आनंद ले रही थी।
अब मैं उसकी बुर पर पहुँचा।
उसकी बुर पर हल्के-हल्के बाल थे जो उसकी बुर की शोभा बड़ा रहे थे।
बुर गीली थी.
उसकी बुर बहुत छोटी थी जैसे किसी बच्ची की होती है जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी|
मैंने देखते ही उसे चूम लिया।
मेरे चूमते ही निकी मछली की तरह तडपने लगी और मेरे मुँह को अपने पैरों में फसा कर अपनी बुर पर दबाने
लगी।
मैं निकी की बुर चूसता रहा और अपनी एक ऊँगली बुर मे डाल दी।
बुर बहुत कसी हुयी थी।
निकी पहले कभी चुदी नहीं थी।
एक-एक कर मैंने अपनी दो उँगली बुर मे डाल दी।
निकी की बुर पानी छोडने लगी, उसमें से अच्छी खुशबु आ रही थी।
मैं पूरा पानी चाट कर पी गया।
अब मैं अपना लण्ड निकी के मुँह के पास ले गया।
निकी ने मेरा लण्ड हाथ में लिया और देखने लगी और कहा – इतना बड़ा।
मैंने निकी को लण्ड चूमने कहा तो उसने साफ मना कर दिया।
मैंने भी निकी पर दबाव नहीं डाला।
मैं फिर से निकी को चूमने लगा।
मैंने निकी के पूरे अंग-अंग को चूमा-चाटा, उसका पूरा स्वाद चखा अब मुझे मेरे लण्ड ने उछल-उछल कर परेशान कर दिया था।
मैं निकी के दोनों पैरों के बीच बैठ कर अपना लण्ड बुर पर रगड़ने लगा।
निकी चिल्लाने लगी – प्लीज, कुछ कर मुझे कुछ हो रहा है।
मैंने भी देर न करते हुए पास रखे टेबल पर से क्रीम लिया और अपने लण्ड पर ढेर सारा लगा लिया।
मैंने लण्ड बुर पर रख कर एक जोर का धक्का लगाया।
लण्ड थोडा ही अंदर गया और निकी जोर से चीख पडी और उसकी आँखों में से पानी बहने लगा।
मैं निकी को चूमने लगा जब दर्द कम हुआ तब मैंने एक जोर का धक्का लगाया।
मेरा लण्ड आधे से ज़्यादा बुर के अंदर जा चुका था।
उसकी झिल्ली फट गयी थी।
खून बाहर आने लगा।
निकी दर्द से तडप रही थी पर उस दर्द में मजा भी बहुत था।
धीरे-धीरे मैंने लण्ड बाहर खीँचा और जोर के धक्के के साथ लण्ड अंदर डाल देता।
थोड़ी देर में मेरे हर धक्के का जवाब निकी गाँड उछाल कर देती थी।
कुछ देर बाद मेरा पानी छुटने वाला था तब तक निकी दो बार झड़ चुकी थी।
पाँच-छे जोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी निकी के बुर पर छोड दिया।
निकी भी तीसरी बार झड़ चुकी थी।
हम थक गये थे और वहीं बिस्तर पर लेट गये।
थोड़ी देर बाद देखा तो रात के एक बज गये थे और चादर पुरी खून से भरी थी।
उसके बाद उसी रात को एक और बार पेलाईकी।
सुबह पाँच बजे तक पेलाईचली। और इस पेलाई में निकी ने कई बार पानी छोड़ा और मेरा भी कई बार पानी
निकला .
मेरे वापस आते समय निकी ने मुझे गले लगाया और एक बडी चूमी दी।
आज भी हम मौका मिलने पे चुदाई कर लेते है...
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