FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
पड़ोसन के साथ बहुत मज़ा आता है
हैल्लो दोस्तों, में फन मज़ा मस्ती का रेग्युलर रीडर हूँ
और मैंने इस पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मैंने जब से इसकी कहानियाँ
पढ़ी हैं, तब
से आस पास किसी आंटी या किसी भी लड़की को चोदने का मौका ढूंढ़ता रहता हूँ। फिर एक दिन मुझे
वो सुंदर मौका मिला। दोस्तों अब में
सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को अपनी कहानी
थोड़ा विस्तार में
सुनाता हूँ। दोस्तों में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ और कुछ समय पहले में लड़कियों
से बात करने में
थोड़ा शर्मीला था, लेकिन
अब बिल्कुल भी नहीं, तो
यह कहानी
है कुछ महीने पहले की, जब
मेरे पड़ोस की बिल्डिंग में एक आंटी रहती
थी। जिनका नाम संगीता था और मुझे उनकी बेटी बहुत पसंद थी, जिसका नाम नेहा था। वो बहुत ही हॉट थी कि उसे देखते ही
मेरी पेंट में टेंट बन जाता था। फिर
मैंने उस लड़की से बात करने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी उससे बात नहीं हो पाई
और उसके पीछे ना जाने कितने लड़के पढ़े हुए थे और में भी उनमें से एक था।
फिर यह सब चलते हुए उसे देखते लाईन देते
हुए एक दो महीने हो गये थे, वो रोज़ सुबह अपने कॉलेज जाती और में भी
उसी टाईम पर अपने घर से अपने
कॉलेज के लिए निकलता और कई बार उससे मेरी मुलाकात भी होती, लेकिन उसने कभी नहीं देखा और ना कभी ध्यान दिया। फिर वो
जब भी आस पास होती, तो
में उसे अच्छी
तरह से जी भरकर देखता, उसके
बूब्स का नाप ले लेता और उसकी गांड को भी
बहुत अच्छे से देखता। फिर उसके बाद तो जैसे में उसे सोचा करता
कि में उसकी गांड
मार रहा हूँ और उसकी चूत चाट रहा हूँ,
उसके बूब्स चूस रहा हूँ और यह सब सोचकर एकदम से मेरा लंड खड़ा हो जाता
और फिर मुझे मुठ मारकर ही अपना काम
चलाना पढ़ता था और उसके लिए तो में एकदम पागल हो चुका था। फिर
मैंने एक दिन
सोचा कि मुझे अब उससे बात आगे बढ़ानी चाहिए और एक दिन उसको मेल करके आग्रह
भेजा, तो
वो समझ गई कि कौन है और उसने वो आग्रह मान भी लिया,
लेकिन
हमारी ज़्यादा बात नहीं होती थी। फिर मैंने उससे इस बीच एक दो
बार मोबाईल नंबर
भी माँगा, लेकिन
उसने नहीं दिया और मुझे साफ मना कर दिया।
तो एक बार अख़बार वाला उनका अख़बार उसके घर से
एक मंजिल नीचे डाल गया और वो मैंने
देख लिया और उसी का बहाना बनाकर मैंने पेपर उठाया और में उसके
घर पर दे आया और
जब मैंने घर पर अख़बार दिया था, तो
उस समय उसी ने दरवाज़ा खोला और मुझसे
पेपर लिया, लेकिन
उस समय उसे मुझमें ज्यादा रूचि नहीं दिखाई और मुझसे पेपर लेकर मुझे धन्यवाद कहकर दरवाज़ा बंद कर
लिया और मुझे बहुत बुरा लगा कि
मेरी उससे कोई भी बात नहीं हो पाई। फिर एक बार वो पार्किंग से
अपनी गाड़ी बाहर
निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन
वो बीच में फंस गयी। फिर मैंने उस
काम में भी उसकी मदद की,
लेकिन वो वहाँ पर भी मुझसे धन्यवाद बोलकर चली गयी और
उसने कुछ ख़ास रूचि नहीं दिखाई। फिर एक दिन मैंने देखा कि उनका एक कोरियर
मेरी बिल्डिंग के लेटर बॉक्स में पढ़ा हुआ हैं,
तो में एक अच्छा
मौका देखकर वो कोरियर लेकर उसके घर पर पहुंच गया और मैंने मेरा
आज मन बना रखा
था कि में आज कुछ भी हो जाए, में
उससे बात करके ही रहूँगा और जैसे ही
में उसके घर पहुंचा,
तो उसकी माँ ने दरवाज़ा खोला और में थोड़ा निराश हो गया, लेकिन उसकी माँ भी कुछ कम नहीं थी और
उनके बूब्स तो बहुत बड़े बड़े थे
कि में उनमे खो ही जाऊँ और चूस चूसकर इसका सारा दूध पी जाऊँ।
फिर मैंने उनको
कोरियर दिया, तो
उन्होंने भी मुझे धन्यवाद बोला, लेकिन
मेरा वहाँ से जाने
का मन नहीं किया, क्योंकि
मुझे लगा कि नेहा अंदर ही कहीं होगी और
किस्मत से आंटी ने मुझसे अंदर आने को कहा। फिर मैंने एक बार
मना किया, लेकिन
उन्होंने फिर से कहा, तो
मैंने हाँ कर दी और अंदर आ गया और सोफे पर
बैठ गया। फिर उन्होंने मुझे पानी लाकर दिया और जैसे ही
उन्होंने ग्लास टेबल पर
रखा, तो
मैंने उनकी थोड़ी सी छाती की झलक देख ली,
जिसे देखकर मेरा लंड
किसी चूत को फाड़ने के लिए तैयार था। फिर मैंने उनसे थोड़ी देर
बात की और मैंने
उनसे थोड़ी देर के बाद बातों ही बातों में पूछ लिया कि नेहा कहाँ हैं? तो वो बोली कि वो तो कॉलेज गई हुई हैं
और फिर नेहा के छोटे भाई के बारे
में भी पूछा, जो
कि स्कूल गया हुआ था। फिर और कुछ देर बाद ही मुझे बातों ही बातों में पता चला कि आंटी के पति उन्हे
छोड़कर जा चुके हैं और इस बात को 4-5 साल
हो गये हैं।
दोस्तों अब मुझे धीरे धीरे समझ में आ
रहा था कि शायद
तभी नेहा ज़्यादा बात नहीं करती या मुझमें रूचि नहीं दिखाती और संगीता आंटी
बहुत दुखी रहती थी, उन्हें
बातें करते करते रोना भी आ गया था,
लेकिन
फिर वो एकदम उठकर अंदर चली गयी और फिर में अपने घर पर आ गया।
फिर कुछ दिनों के
बाद मैंने देखा कि आंटी बाजार से घर का कुछ समान ला रही थी और उनके हाथ में
बहुत सारे बेग थे, तो
मैंने उनसे कहा कि क्या में आपकी थोड़ी बहुत मदद कर दूँ और उनके मना करने के बाद भी
मैंने उनके हाथ से दो तीन बेग ले लिए और
ऊपर जाकर उनके घर पर रख आया। जब में बेग नीचे रखकर वापस जाने
लगा, तो उन्होंने
कहा कि थोड़ी देर रूको और वो मेरे लिए जूस लेकर आई और ऐसे कई बार कुछ
ना कुछ होता था कि में आंटी के घर पहुंच जाता था,
उनके कामों में उनको
थोड़ा बहुत सहारा देने लगा और वो मुझे बदले में कुछ खिला पिला
देती थी। फिर एक
बार ऐसा ही फिर से हुआ कि आंटी के यहाँ पर कोई प्लमबर घर आने वाला था और वो
उनका घर ढूंढते हुए मुझे मिल गया और में उसे अपने साथ आंटी के घर पर ले गया।
फिर मैंने आंटी को बताया, तो उन्होंने कहा कि बाथरूम का शावर खराब
हो गया हैं और आंटी ने उस टाईम मुझसे कहा कि उन्हें कहीं जाना हैं और वो
थोड़ा लेट हो जाएगी, तो
मैंने उनसे कहा कि आप बिना चिंता के चली जाए,
में प्लमबर
से काम करवा लूँगा और उससे काम करवाने के बाद आंटी ने जो मुझे घर की
चाबी दी थी, में
उससे ताला लगाकर अपने साथ ले गया और शाम को जब मैंने देखा कि आंटी और नेहा अपने बेटे के साथ
आ रही है, तो
में उन्हे चाबी देने उनके
पीछे पीछे उनके घर पर पहुंच गया और मैंने थोड़ा नेहा को भी देखा और एक बार
नेहा अपने किसी दोस्त के साथ तीन चार दिन के लिए कहीं बाहर गई हुई थी। फिर
में जब सुबह कॉलेज जा रहा था, तब
आंटी ने मुझे रोका और कहा कि उन्हे
घर का कुछ सामान चाहिए और फिर मैंने कहा कि हाँ में आते समय ले
आऊंगा और उन्होंने
मुझे पैसे दिए और में लोटते समय उनका सामान ले आया और उनके घर पर पहुंच
गया। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि अंदर आ जाओ,
उन्होंने सामान मुझसे
लिया और टेबल पर रख दिया और एक बेग नीचे गिरा हुआ था, तो वो उठाने लगी, तो उनके बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स मैंने देख
लिए। दोस्तों वाह क्या बूब्स थे, वो
तो नेहा से भी मोटे और तने हुए दिख रहे थे और में उनमे खो सा गया और मेरा
लंड पेंट के अदंर ही टेंट बन गया। फिर आंटी ने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि
क्या देख रहे हो? और
कहाँ खो गए? तो
में एकदम बहुत डर गया कि कहीं आंटी
ने मुझे उनके बूब्स देखते हुए तो नहीं देख लिया। फिर उन्होंने
मुझसे कहा कि
बैठो और कुछ खाकर जाओ और में मना नहीं कर पाया,
क्योंकि मेरे सामने उनके बूब्स जो थे। फिर वो मेरे लिए कुछ खाने
को लाई वो बहुत स्वादिष्ट था, तो मैंने
आंटी की बहुत तारीफ भी की, कितना
अच्छा खाना है। फिर मैंने उनसे उनके
पति के बारे में पूछा,
तो उनको बुरा लगा और वो रो पढ़ी। फिर मैंने आंटी को सॉरी
कहा, लेकिन
वो फिर भी रोती रही और मैंने आंटी के गाल पर हाथ रखा और उन्हे सॉरी कहा, तो उन्होंने अपना सर मेरी छाती पर रख
दिया और रोने लगी, फिर
वो बोली कि में पिछले 4-5 साल
से बिल्कुल अकेली हूँ और फिर मैंने भी
उन्हे हग कर लिया। अब तो मानो कि जैसे मेरे पूरे शरीर में एक
करंट सा लगने लगा
था और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया, जैसे
तो टेंट हो। फिर मैंने और ज़ोर
से हग कर लिया,
आंटी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आंटी आप बहुत
सुंदर हो और अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता और फिर हग कर लिया और शायद उनका
भी मन था कि में उन्हे हग करूं, क्योंकि
वो 4-5 साल
से बिल्कुल अकेली जो
थी और उन्होंने मुझे भी हग कर लिया।
फिर वो मेरे ऊपर गिर गयी और मैंने
उन्हें स्मूच किया, वो
कहने लगी कि यह सब सही नहीं हैं, लेकिन
मैंने उनकी
आँखो की तरफ देखते हुए उन्हे एक और किस किया और उन्हे बहुत अच्छा लगा और
मैंने उन्हे अपने ऊपर गिरा लिया। फिर उसके बाद उनका सूट खोला और उनकी ब्रा
देखी, क्या
मोटे मोटे बूब्स थे और मैंने उनकी छाती पर अपना मुहं रख दिया और रगड़ दिया, आंटी चिल्ला उठी और कहने लगी कि हाँ और
ज़ोर से करो और ज़ोर
से करो, मेरी
ब्रा फाड़ दो। फिर में और ज़ोर ज़ोर से करने लगा और मैंने जब उनकी ब्रा खोली, तो बड़े बड़े तरबूज़ जैसे बूब्स एकदम बाहर
आ गये और में उनके
निप्पल को पागलों की तरह चूसने लगा। तभी आंटी ने बोला कि ज़ोर से काटो और
दोनों को काटो और मैंने वैसा ही किया और अब आंटी को बहुत मज़े आ रहे थे और
वो बोली कि 4-5 साल
बाद मुझे मज़े लेने का मौका मिला हैं और ज़ोर से काटो और इनके साथ खेलो, यह सब तुम्हारे है। दोस्तों ये कहानी आप
फन मज़ा मस्ती पर पड़ रहे है।
फिर 10-15
मिनट यह सब करने के बाद वो बोली कि क्या अब में भी तुम्हे थोड़े मज़े दूँ? तो उन्होंने पहले मेरी शर्ट उतारी और
मेरी छाती
को अच्छे से लिक किया और उसके एकदम नरम,
मुलायम हाथों से मानो मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ रहा था और
फिर उन्होंने मेरी जीन्स उतारी और
उन्होंने मेरी अंडरवियर में मेरा टेंट देखा और उसे बाहर से
सहलाने लगी, तो मुझसे
अब कंट्रोल नहीं हो रहा था और में बोला कि निकल जाएगा, वो बोली कि इतनी जल्दी किस बात की है। फिर उसने
मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे
खड़े लंड को पकड़कर सहलाने लगी और एकदम से उसे चूसने लगी और
पूरा का पूरा लंड
मुहं में डाल लिया और उन्होंने बहुत मन से मेरा लंड चूसा, उस पर अपना पूरा थूक लगा दिया और जिस तरह उन्होंने
मेरा लंड चूसा था, वो
में ज़िंदगी भर
याद रखूँगा। फिर थोड़ी देर में मेरा गरम गरम लावा निकल गया और वो सारा उनके
चेहरे पर लग गया और वो उसे साफ करके पूरा पी गयी,
लेकिन मेरा लंड तब
भी तनकर खड़ा हुआ था। फिर उन्होंने फिर से अपने सारे कपड़े
उतारने को कहा और
मैंने उनकी पेंटी भी देखी और वो बिल्कुल गीली थी और फिर में उनकी पेंटी को
उतारकर उनकी चूत में उंगली करने लगा और वो एकदम मदहोश हो गयी और वो सिसकियाँ
लेने लगी, अह्ह्हह्ह्ह
उह्ह्ह उह्ह्ह माँ में मरी, थोड़ा
और ज़ोर से
करो और अंदर डालो, ज़ोर
से चाटो इसे और वो पूरे मूड में आ गयी। दोस्तों उनकी चूत बहुत बड़ी थी और चौड़ी थी। फिर
मैंने उसमे एक साथ अपनी दो तीन
उंगलियाँ डाल दी। फिर उन्होंने कहा कि हाँ चाट मेरी चूत को और
ज़ोर से चाट, चूस
और ज़ोर से चूस, तो
में चूत को चाटने लगा और में एक मिनट के लिए रुका तो उन्होंने मेरा सर पकड़कर वापस से चूत को
चटवाया और सर को अपनी दोनों गोरी
गोरी जांघो के अंदर करती रही कि में चूत को चाटू और ना रुकूं, लेकिन दोस्तों उनकी चूत बहुत लज़ीज़ थी और
उसमे से क्या स्वादिष्ट जूस निकल रहा
था, शायद
वो जन्नत या कोई अलग ही दुनिया में थी और वो बोली कि इस चूत का सारा
चाट जाओ और उसके बाद वो भी झड़ गयी और उनका सारा जूस में पी गया, वो क्या जूस था, वो फिर भी कहाँ रुकने वाली थी। वो मुझे
अपने बेडरूम में ले गई और
मुझसे कहा कि लेट जाओ, तो
में लेट गया और वो मेरे ऊपर लंड अपनी चूत के अंदर घुसाकर बैठ गयी और धीरे धीरे ऊपर
नीचे होने लगी और मुझे कहा कि और
ज़ोर लगाओ, क्या
इससे पहले कभी किया नहीं क्या? तो
मैंने कहा कि नहीं और फिर
उसने कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,
आज से में तुम्हे सब कुछ सिखा दूँगी।
दोस्तों शायद वो आज फुल मूड में थी और
मेरा लंड उसकी प्यासी
चूत के अंदर जाकर बहुत मज़े लूट रहा था और में उनके बूब्स को देखकर उनके
बूब्स को मस्त हिला रहा था और जब वो ऊपर नीचे होकर चुद रही थी, तो में उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा। फिर
मैंने और आंटी ने अब अपनी चुदाई की
स्पीड बढ़ा दी। फिर मैंने कहा कि में झड़ रहा हूँ और एक आखरी
बार ज़ोर लगाकर
उनके अंदर ही पूरा वीर्य गिरा दिया और अंदर ही झड़ गया। फिर कुछ देर बाद
वो भी झड़ गयी और थककर मेरे ऊपर गिर गयी। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि इतने
दिनों बाद यह सब किया है और मुझे इसमें बहुत मज़े भी आए। फिर मैंने आंटी
से बोला कि यह मेरी पहली चुदाई है,
तो वो मुझे बोली कि यहाँ पर आते रहना,
तुम्हे सीखने को बहुत कुछ मिलेगा। फिर उसके बाद हम बाथरूम में
गए और एक
दूसरे को साफ किया और फिर से एक बार शावर में चुदाई की, उस दिन मैंने शाम 4
बजे तक उन्हे कई बार चोदा,
अलग अलग कमरों में और अलग अलग पोज़िशन में चोदा
और उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया। फिर वो बोली कि मेरे लिए एक गर्भनिरोधक
गोली ले आना, ताकि
में गर्भवती ना हो जाऊँ और मैंने वो जाकर ले आया। तब से अब तक में उन्हे कई बार चोद
चुका हूँ और हर बार हमे चुदाई में
बहुत मज़ा आता है ।।
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