FUN-MAZA-MASTI
सौतेला बाप--13
अपने कपड़े समेटकर वो जैसे ही अपने कमरे के बाहर पहुँची वो फिसलते-2 बची, नीचे देखा तो नितिन के लॅंड से निकला चिपचिपा पानी था, उसे समझते देर नही लगी की नितिन वहां खड़ा होकर क्या कर रहा था, वैसे तो वो उसका बड़ा भाई था, और उसने उसके बारे मे कभी ऐसा नही सोचा था, पर आज उसके माल को महसूस करके उसके अंदर ना जाने कैसी चिंगारियाँ दहकने लगी...वो फिर से गर्म होने लगी...
********
अब आगे
********
अपने कमरे मे जाकर वो फिर से नंगी हो गयी और अपने भाई के बारे मे सोचते हुए अपनी चूत के अंदर अपनी चारों उंगलियों से खुदाई करके वहा छुपा हुआ अमृत निकालने लगी
और जैसे ही वो गर्म पानी का फव्वारा वहाँ से निकला, उसे ये एहसास हुआ की ये उसकी जिंदगी का सबसे अछा ऑर्गॅज़म था
वो अब एक सही मौके का इंतजार करने लगी, ताकि अपने भाई के साथ वो सब कर सके, जिसके बारे मे सोचकर ही इतने मज़े मिल रहे थे उसको.
और वो मौका जल्द ही मिल गया, एक दुर्घटना के रूप मे ..
अपने कॉलेज से आते हुए नितिन की बाइक एक कार से टकरा गयी और वो गिर गया, जिसकी वजह से उसके दांये हाथ पर एक महीने का प्लास्टर लग गया, और बाँये हाथ पर भी कुछ पट्टियाँ लगी थी.
श्वेता के मम्मी-पापा जॉब करते थे, इसलिए अपने भाई को संभालने की ज़िम्मेदारी उसके पर आ गयी.
उस एक्सीडेंट के दो दिन के बाद श्वेता अपने रूम मे बैठ कर टीवी देख रही थी तब नितिन ने उसे पुकारा
वो भागकर नीचे पहुँची तो नितिन ने सिर झुकाए हुए, उससे नज़रे चुरा कर कहा : "श्वेता .... वो ....मुझे ....नहाना था ...''
दो दिन से नही नाहया था नितिन, इसलिए शायद उस से अब बर्दाश्त नही हो रही थी अपने अंदर से आ रही दुर्गंध..
श्वेता भी उसकी बात सुनकर हैरान रह गयी, उसने इस बारे मे तो कभी सोचा भी नही था, की उसे अपने जवान भाई को कभी नहलाना भी पड़ेगा ..
उसके दिमाग़ मे फिर से वही तस्वीरे आने लगी, जिनके बारे मे सोचकर उसने अपनी चूत मे उंगलियाँ डाली थी
श्वेता ने भी ऐसे मुँह बनाया जैसे वो ये सब करना चाहती ही नही है और बोली : "क्या ???? तुम चाहते हो की मैं तुम्हारी मदद करू, नहाने मे ...दिमाग़ तो ठीक है ना तुम्हारा ...''
नितिन भी अपनी बहन का ये रूप देखकर घबरा गया, उसने तो सोचा था की उसकी हालत देखकर वो कभी मना नही करेगी और उसके नाज़ुक हाथों का स्पर्श अपने शरीर पर महसूस होगा, पर यहा तो पासा ही उल्टा पड़ गया..
नितिन : "श्वेता ....माँ ने कहा था ना की मेरा हर काम अब तुम्हे ही देखना होगा...सो....प्लीज़...''
वो कुछ देर तक सोचने का नाटक करते हुए अपना मुँह बना कर खड़ी रही...फिर बोली : "चल ठीक है, ज़्यादा सेंटी मत कर अब ...''
नितिन का चेहरा खिल उठा, वो बोला : "थॅंक्स ...ये एहसान मैं कभी नही भूलूंगा ...इसके बदले मैं कुछ भी कर सकता हू..''
श्वेता ने उसके चेहरे को गौर से देखा, उसकी आँखों मे आ रही चमक को देखकर वो भी खुश हो गयी .
श्वेता ने पूछा : "कैसे करना है ?"
नितिन के मन मे आया की बोल दे : "तू नंगी होकर घोड़ी बन जा, मैं पीछे से तेरी चूत मारूँगा ...''
उसको सोचते देखकर वो बोली : "बोल ना, कैसे नहाना है ...''
वो शायद उसके प्लास्टर को देखकर चिंतित थी ..की कही वो भीग ना जाए ..
नितिन : "ओह, इस प्लास्टर के उपर तो मैं प्लास्टिक शीट लगा कर इसको ढक लेता हू, और फिर बाथ टब में या शावर मे नहा सका हू ..''
श्वेता : "तुम्हे किसमे कम्फर्टेबल रहेगा ..?"
नितिन : "बाथ टब ठीक रहेगा ...''
उसकी खुली आँखो ने सपने देखने शुरू कर दिए ..
श्वेता : "अब चलो भी...क्या सोचने लगे...''
नितिन अपने सपनो से बाहर आया और बाथरूम की तरफ चल पड़ा..वहा पहुँचकर श्वेता ने उससे कहा : "तुम ऐसा करो, अंदर जाओ और टब मे अपने कपड़े उतारकर लेट जाओ ..फिर मुझे आवाज़ दे देना ..''
वो सिर हिला कर अंदर चला गया और अपने कपड़े उतारकर उसने अपनी दोनो बाजुओं को प्लास्टिक शीट से कवर कर लिया और बाथ टब भरने के बाद उसमे जाकर लेट गया..
और फिर उसने श्वेता को आवाज़ देकर अंदर बुला लिया
अंदर जाते हुए श्वेता का दिल ज़ोर-2 से धड़क रहा था, उसके दिमाग़ मे उस दिन की पिक्चर आ रही थी जब उसके कमरे के बाहर उसने नितिन के लॅंड का माल बिखरा हुआ देखा था, उसके बारे मे सोचते ही उसकी चूत गीली होने लगी..
वैसे नितिन के बारे मे उसने और काव्या ने कई बार स्कूल मे भी डिसकस किया था, काव्या उसके बारे मे बोलकर हमेशा श्वेता को चिढ़ाती रहती थी की काश ऐसा भाई उसका होता तो वो कब का उसे फँसा कर मज़े ले चुकी होती,
हालाँकि काव्या का नितिन के प्रति कुछ भी नही था, पर आज वो सब बाते याद करके श्वेता को बहुत अच्छा फील हो रहा था
वो अंदर गयी तो देखा की नितिन का पूरा शरीर झाग वाले पानी के अंदर है, सिर्फ़ उसकी गर्दन और दोनो बाजुए बाहर थी, और बाजुओं पर उसने प्लास्टिक लपेट कर उन्हे भीगने से बचा रखा था.
वो बाथ टब के किनारे पर बैठ गयी और साबुन उठा कर नितिन को सीधा बैठने के लिए कहा, और फिर उसके कंधे और पीठ पर साबुन लगा कर अपने कोमल हाथों से रगड़ने लगी
उसने पहली बार नोट किया की उसके भाई की बॉडी कितनी सुडोल हो चुकी है पिछले कुछ सालो मे..उसके कंधे कितने चौड़े थे ...और उसकी मांसपेशियाँ भी अलग ही चमक रही थी..शायद जिम जाने का फल था ये..लड़कियो को हमेशा जिम जाने वाले लड़के और उनकी मसकुलर बॉडी पसंद आती है...और श्वेता के उपर भी ये बात लागू होती थी..
वो मंत्रमुग्ध सी होकर उसकी पीठ रगड़ रही थी..कुछ देर बाद उसने नितिन को फिर से पीछे होकर लेटने के लिए कहा, और फिर उसकी छाती पर साबुन लगाने लगी..चौड़ी छाती पर हल्के-2 बॉल थे, जिनमे अपनी नाज़ुक उंगलिया घुमाकर वो एक अलग ही दुनिया मे पहुँच चुकी थी ..
उसके बाद उसने नितिन को बोला : "टांगे ...''
नितिन ने अपनी टांगे उठा कर बाथ टब के किनारे पर रख दी..श्वेता खिसक कर नीचे की तरफ गयी और उसकी दोनो टाँगो पर साबुन लगाने लगी..और तब उसने देखा की नितिन ने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ है...वो पूरा नंगा था..उसकी मोटी-2 गोटियां झाग वाले पानी मे चमक रही थी..और एक बार तो उसने नितिन के लंबे लॅंड का निचला हिस्सा भी देख लिया..जिसे देखकर उसकी आँखों मे गुलबीपन सा उतार आया ...
नितिन को भी शायद ये एहसास हो चुका था की उसके खड़े हुए लॅंड के दर्शन श्वेता ने कर लिए है, इसलिए वो उससे आँखे मिलाने से कतरा रहा था .
और श्वेता भी उससे नज़रे चुरा कर बार -2 उसकी टाँगो के बीच ही देख रही थी..हालाँकि उसे नितिन के लॅंड के पूरे दर्शन नही हो पा रहे थे, पर उसकी छुपी-2 सी झलक भी उसे अंदर तक रोमांचित कर रही थी ..
दोनो भाई-बहन एक दूसरे से नज़र नही मिला रहे थे ..
नितिन की आँखे बंद थी, और लॅंड खड़ा था..और वो तो तब से खड़ा था जब से श्वेता ने उसे नहलाने की हामी भारी थी ..और अपनी बंद आँखों से वो उस दिन का नज़ारा देख रहा था जब वो और काव्या नंगी होकर एक दूसरे को चूसने मे लगी हुई थी ...
पर वो दस फीट का फासला था और अब कुछ भी नही , वही श्वेता अब उसके इतने करीब बैठी थी ..काश वो पूरी नंगी होकर उसे नहला रही होती ..
वो श्वेता के शरीर को निहारने लगा
उसने एक पिंक कलर का टॉप पहना हुआ था, जो उसकी बॉडी से पूरी तरहा से चिपका हुआ था, उसके मोटे-2 मुम्मे ब्रा के अंदर जकड़े हुए थे, और गोर से देखने पर उसे श्वेता के खड़े हुए निप्पल भी दिख रहे थे, जो कपड़े की दोनो परतों की परवाह किए बिना बाहर तक उजागर होकर ये बता रहे थे की वो किस जगह पर है ..
उसकी पतली कमर के नीचे का हिस्सा वो देख नही पा रहा था, पर उसे मालूम था की उसकी फेली हुई गाण्ड भी कम सेक्सी नही है ..
चूँकि श्वेता उससे नज़रें मिलाने से कतरा रही थी, इसलिए नितिन अब बेख़ौफ़ सा होकर उसके हर अंग को अपनी आँखो से तोल रहा था ..
उसकी दोनो टाँगो को भी पूरा रगड़ने के बाद वो बोली : "हो गया सब...अब मैं चलती हू ...''
नितिन : "वो ...बस बाथ टब का पानी निकालने मे मेरी मदद कर दो..''
श्वेता ने अपना हाथ अंदर डालकर पानी रोकने वाले प्लग को ढूँढने की कोशिश की..जिसमे उसका हाथ एक-दो बार उसके खड़े हुए लॅंड से भी टकरा गया ...पर पानी उपर तक भरा था , इसलिए उसका हाथ नीचे तक नही पहुँच पा रहा था...वो थोड़ा और झुकी और उसने प्लग को खींच कर बाहर निकाल दिया, पर ऐसा करते हुए , उसकी दोनो ब्रेस्ट पूरी तरह पानी मे भीग गयी..और जब वो उठकर खड़ी हुई तो उसकी टी शर्ट पानी मे भीगकार पूरी ट्रांसपेरेंट हो चुकी थी, उसकी ब्लॅक ब्रा चमक रही थी , जैसे वो सिर्फ़ अपनी ब्रा मे ही खड़ी हो उसके सामने ...और उसके उभरे हुए निप्पल और भी सॉफ दिखने लगे ..
नितिन को अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखकर श्वेता को अपनी हालत का एहसास हुआ और वो भागकर अपने कमरे की तरफ चल दी ...
और पीछे रह गया खाली टब मे बैठा हुआ नितिन और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हुआ उसका लंबा लॅंड..
अपने कमरे का दरवाजा बंद करके श्वेता ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके ..और अपनी गीली छातियों को मसलते हुए अपनी रसीली चूत के अंदर अपनी उंगलियाँ पेल कर उसे जोतने लगी...
और दूसरी तरफ नितिन बेचारा तो वो भी नही कर सकता था..उसका एक हाथ प्लास्टर मे था और दूसरे मे इतनी शक्ति नही थी की अपनी ज़ख्मी उंगलियो से अपने लॅंड की सेवा कर सके..बस श्वेता के बारे मे सोचते हुए वो वहा काफ़ी देर तक बैठा रहा और फिर जैसे-तैसे कपड़े पहने और अपने रूम मे जाकर लेट गया..
पर उसके दिमाग़ ने अब काम करना शुरू कर दिया था की कैसे श्वेता की रसीली जवानी का मज़ा लिया जाए..
आग दोनो तरफ थी, पर पहल कौन करे,इसका इंतजार था बस..
शाम को दोनो के बीच कोई ख़ास बात नही हुई, श्वेता भी ना जाने क्या सोचने मे लगी थी, ये पहला मौका था जब उसने इतनी बड़ी बात अपनी सहेली काव्या को नही बताई थी, वो ये तय नही कर पा रही थी की उसे कैसे बताए, अभी बता दे या कुछ होने का वेट करे और उसके बात बताए..
अगले दिन दोनो के मा बाप अपनी-2 जॉब पर चले गये..और दोनो भाई बहन मिलकर मूवी देखने लगे
नितिन ने झिझकते-2 श्वेता से कहा : "श्वेता, क्या आज भी तुम मुझे नहाने मे हेल्प कर सकती हो ...''
श्वेता को पता था की ये सवाल कभी भी आ सकता है..वो तो पहले से ही तय्यार थी..पर फिर भी सोचने का नाटक करते हुए बोली : "मेरे पास और कोई चारा भी तो नही है ...''
नितिन के चेहरे पर मुस्कान आ गयी .
श्वेता : "लेकिन आज शावर मे नहाना तुम, कल तुम्हे नहलाते हुए मैं पूरा टाइम झुकी रही और मेरी कमर बुरी तरह से अकड़ गयी थी ...अभी तक पेन हो रही है ..''
नितिन को क्या प्राब्लम हो सकती थी, उसने हा मे सिर हिला दिया और बोला : "जैसा तुम्हे ठीक लगे..मैं उपर तुम्हारा वेट कर रहा हू..''
और फिर वो उपर अपने कमरे की तरफ चल दिया
थोड़ी देर बाद धड़कते दिल से श्वेता भी वहा पहुँची , नितिन अपने दोनो हाथों को प्लास्टिक से कवर कर रहा था
श्वेता टब के अंदर गयी और उपर लगे शवर को ऑन कर दिया, ठंडे और गर्म पानी का तालमेल बिठाने मे एक दो मिनट लगे , इसी बीच नितिन ने अपने कपड़े उतार दिए , अब वो सिर्फ़ अपने जॉकी में था
श्वेता ने उसे अंदर जाने के लिए कहा और खुद बाहर खड़ी होकर उसके बदन पर साबुन लगाने लगी
पर नितिन के जिस्म से छिटककर पानी उसके उपर आ रहा था और वो भी गीली हो रही थी..
श्वेता थोड़ी देर के लिए रुकी और नितिन से बोली : "मैं अभी आई ...''
और इतना कहकर वो एकदम से बाथरूम से बाहर निकल गयी, वो बेचारा सोचता रह गया की ऐसे वो एकदम से क्यो चली गयी ..पर अगले पाँच मिनट मे जब वो आई तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी..
श्वेता सिर्फ़ अपने अंदुरूनी कपड़ो मे थी...सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे.
उसकी मोटी ब्रेस्ट उस सेक्सी ब्रा मे समा भी नही पा रही थी, और उसके डाइमंड की तरहा चमक रहे निप्पल सॉफ दिख रहे थे.
और नीचे उसने डोरी वाली पेंटी पहनी हुई थी..जो पीछे से इतनी पतली थी की उसकी गांड के दोनो ग्लोब्स पुरे नंगे दिख रहे थे और आगे वी के आकार के पेच ने उसकी चूत को ढक कर रखा हुआ था .
अपनी सग़ी बहन को इतने सेक्सी रूप मे देखकर उसके लॅंड ने उपर उठना शुरू कर दिया..पर उसकी हालत ऐसी थी की वो अपने उभार को छुपा भी नही सकता था.
श्वेता : "यही एक तरीका था, भीगना तो मुझे वैसे भी था, अब कम से कम मेरे कपड़े तो बचे रहेंगे...''
इतना कहकर श्वेता मटकती हुई उसकी तरफ चल दी, चलते हुए उसके मोटे-२ मुम्मे ब्रा में ऐसी उछल कूद मचा रहे थे मानो अपने सारे बंधन तोड़कर बाहर निकलना चाहते हो ....
अब श्वेता भी टब के अंदर आ गयी और नितिन के सामने खड़ी हो गयी.
नितिन ने दूसरी तरफ मुँह कर लिया, ताकि श्वेता उसके लॅंड के उभार को ना देख सके.
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सौतेला बाप--13
अपने कपड़े समेटकर वो जैसे ही अपने कमरे के बाहर पहुँची वो फिसलते-2 बची, नीचे देखा तो नितिन के लॅंड से निकला चिपचिपा पानी था, उसे समझते देर नही लगी की नितिन वहां खड़ा होकर क्या कर रहा था, वैसे तो वो उसका बड़ा भाई था, और उसने उसके बारे मे कभी ऐसा नही सोचा था, पर आज उसके माल को महसूस करके उसके अंदर ना जाने कैसी चिंगारियाँ दहकने लगी...वो फिर से गर्म होने लगी...
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अब आगे
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अपने कमरे मे जाकर वो फिर से नंगी हो गयी और अपने भाई के बारे मे सोचते हुए अपनी चूत के अंदर अपनी चारों उंगलियों से खुदाई करके वहा छुपा हुआ अमृत निकालने लगी
और जैसे ही वो गर्म पानी का फव्वारा वहाँ से निकला, उसे ये एहसास हुआ की ये उसकी जिंदगी का सबसे अछा ऑर्गॅज़म था
वो अब एक सही मौके का इंतजार करने लगी, ताकि अपने भाई के साथ वो सब कर सके, जिसके बारे मे सोचकर ही इतने मज़े मिल रहे थे उसको.
और वो मौका जल्द ही मिल गया, एक दुर्घटना के रूप मे ..
अपने कॉलेज से आते हुए नितिन की बाइक एक कार से टकरा गयी और वो गिर गया, जिसकी वजह से उसके दांये हाथ पर एक महीने का प्लास्टर लग गया, और बाँये हाथ पर भी कुछ पट्टियाँ लगी थी.
श्वेता के मम्मी-पापा जॉब करते थे, इसलिए अपने भाई को संभालने की ज़िम्मेदारी उसके पर आ गयी.
उस एक्सीडेंट के दो दिन के बाद श्वेता अपने रूम मे बैठ कर टीवी देख रही थी तब नितिन ने उसे पुकारा
वो भागकर नीचे पहुँची तो नितिन ने सिर झुकाए हुए, उससे नज़रे चुरा कर कहा : "श्वेता .... वो ....मुझे ....नहाना था ...''
दो दिन से नही नाहया था नितिन, इसलिए शायद उस से अब बर्दाश्त नही हो रही थी अपने अंदर से आ रही दुर्गंध..
श्वेता भी उसकी बात सुनकर हैरान रह गयी, उसने इस बारे मे तो कभी सोचा भी नही था, की उसे अपने जवान भाई को कभी नहलाना भी पड़ेगा ..
उसके दिमाग़ मे फिर से वही तस्वीरे आने लगी, जिनके बारे मे सोचकर उसने अपनी चूत मे उंगलियाँ डाली थी
श्वेता ने भी ऐसे मुँह बनाया जैसे वो ये सब करना चाहती ही नही है और बोली : "क्या ???? तुम चाहते हो की मैं तुम्हारी मदद करू, नहाने मे ...दिमाग़ तो ठीक है ना तुम्हारा ...''
नितिन भी अपनी बहन का ये रूप देखकर घबरा गया, उसने तो सोचा था की उसकी हालत देखकर वो कभी मना नही करेगी और उसके नाज़ुक हाथों का स्पर्श अपने शरीर पर महसूस होगा, पर यहा तो पासा ही उल्टा पड़ गया..
नितिन : "श्वेता ....माँ ने कहा था ना की मेरा हर काम अब तुम्हे ही देखना होगा...सो....प्लीज़...''
वो कुछ देर तक सोचने का नाटक करते हुए अपना मुँह बना कर खड़ी रही...फिर बोली : "चल ठीक है, ज़्यादा सेंटी मत कर अब ...''
नितिन का चेहरा खिल उठा, वो बोला : "थॅंक्स ...ये एहसान मैं कभी नही भूलूंगा ...इसके बदले मैं कुछ भी कर सकता हू..''
श्वेता ने उसके चेहरे को गौर से देखा, उसकी आँखों मे आ रही चमक को देखकर वो भी खुश हो गयी .
श्वेता ने पूछा : "कैसे करना है ?"
नितिन के मन मे आया की बोल दे : "तू नंगी होकर घोड़ी बन जा, मैं पीछे से तेरी चूत मारूँगा ...''
उसको सोचते देखकर वो बोली : "बोल ना, कैसे नहाना है ...''
वो शायद उसके प्लास्टर को देखकर चिंतित थी ..की कही वो भीग ना जाए ..
नितिन : "ओह, इस प्लास्टर के उपर तो मैं प्लास्टिक शीट लगा कर इसको ढक लेता हू, और फिर बाथ टब में या शावर मे नहा सका हू ..''
श्वेता : "तुम्हे किसमे कम्फर्टेबल रहेगा ..?"
नितिन : "बाथ टब ठीक रहेगा ...''
उसकी खुली आँखो ने सपने देखने शुरू कर दिए ..
श्वेता : "अब चलो भी...क्या सोचने लगे...''
नितिन अपने सपनो से बाहर आया और बाथरूम की तरफ चल पड़ा..वहा पहुँचकर श्वेता ने उससे कहा : "तुम ऐसा करो, अंदर जाओ और टब मे अपने कपड़े उतारकर लेट जाओ ..फिर मुझे आवाज़ दे देना ..''
वो सिर हिला कर अंदर चला गया और अपने कपड़े उतारकर उसने अपनी दोनो बाजुओं को प्लास्टिक शीट से कवर कर लिया और बाथ टब भरने के बाद उसमे जाकर लेट गया..
और फिर उसने श्वेता को आवाज़ देकर अंदर बुला लिया
अंदर जाते हुए श्वेता का दिल ज़ोर-2 से धड़क रहा था, उसके दिमाग़ मे उस दिन की पिक्चर आ रही थी जब उसके कमरे के बाहर उसने नितिन के लॅंड का माल बिखरा हुआ देखा था, उसके बारे मे सोचते ही उसकी चूत गीली होने लगी..
वैसे नितिन के बारे मे उसने और काव्या ने कई बार स्कूल मे भी डिसकस किया था, काव्या उसके बारे मे बोलकर हमेशा श्वेता को चिढ़ाती रहती थी की काश ऐसा भाई उसका होता तो वो कब का उसे फँसा कर मज़े ले चुकी होती,
हालाँकि काव्या का नितिन के प्रति कुछ भी नही था, पर आज वो सब बाते याद करके श्वेता को बहुत अच्छा फील हो रहा था
वो अंदर गयी तो देखा की नितिन का पूरा शरीर झाग वाले पानी के अंदर है, सिर्फ़ उसकी गर्दन और दोनो बाजुए बाहर थी, और बाजुओं पर उसने प्लास्टिक लपेट कर उन्हे भीगने से बचा रखा था.
वो बाथ टब के किनारे पर बैठ गयी और साबुन उठा कर नितिन को सीधा बैठने के लिए कहा, और फिर उसके कंधे और पीठ पर साबुन लगा कर अपने कोमल हाथों से रगड़ने लगी
उसने पहली बार नोट किया की उसके भाई की बॉडी कितनी सुडोल हो चुकी है पिछले कुछ सालो मे..उसके कंधे कितने चौड़े थे ...और उसकी मांसपेशियाँ भी अलग ही चमक रही थी..शायद जिम जाने का फल था ये..लड़कियो को हमेशा जिम जाने वाले लड़के और उनकी मसकुलर बॉडी पसंद आती है...और श्वेता के उपर भी ये बात लागू होती थी..
वो मंत्रमुग्ध सी होकर उसकी पीठ रगड़ रही थी..कुछ देर बाद उसने नितिन को फिर से पीछे होकर लेटने के लिए कहा, और फिर उसकी छाती पर साबुन लगाने लगी..चौड़ी छाती पर हल्के-2 बॉल थे, जिनमे अपनी नाज़ुक उंगलिया घुमाकर वो एक अलग ही दुनिया मे पहुँच चुकी थी ..
उसके बाद उसने नितिन को बोला : "टांगे ...''
नितिन ने अपनी टांगे उठा कर बाथ टब के किनारे पर रख दी..श्वेता खिसक कर नीचे की तरफ गयी और उसकी दोनो टाँगो पर साबुन लगाने लगी..और तब उसने देखा की नितिन ने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ है...वो पूरा नंगा था..उसकी मोटी-2 गोटियां झाग वाले पानी मे चमक रही थी..और एक बार तो उसने नितिन के लंबे लॅंड का निचला हिस्सा भी देख लिया..जिसे देखकर उसकी आँखों मे गुलबीपन सा उतार आया ...
नितिन को भी शायद ये एहसास हो चुका था की उसके खड़े हुए लॅंड के दर्शन श्वेता ने कर लिए है, इसलिए वो उससे आँखे मिलाने से कतरा रहा था .
और श्वेता भी उससे नज़रे चुरा कर बार -2 उसकी टाँगो के बीच ही देख रही थी..हालाँकि उसे नितिन के लॅंड के पूरे दर्शन नही हो पा रहे थे, पर उसकी छुपी-2 सी झलक भी उसे अंदर तक रोमांचित कर रही थी ..
दोनो भाई-बहन एक दूसरे से नज़र नही मिला रहे थे ..
नितिन की आँखे बंद थी, और लॅंड खड़ा था..और वो तो तब से खड़ा था जब से श्वेता ने उसे नहलाने की हामी भारी थी ..और अपनी बंद आँखों से वो उस दिन का नज़ारा देख रहा था जब वो और काव्या नंगी होकर एक दूसरे को चूसने मे लगी हुई थी ...
पर वो दस फीट का फासला था और अब कुछ भी नही , वही श्वेता अब उसके इतने करीब बैठी थी ..काश वो पूरी नंगी होकर उसे नहला रही होती ..
वो श्वेता के शरीर को निहारने लगा
उसने एक पिंक कलर का टॉप पहना हुआ था, जो उसकी बॉडी से पूरी तरहा से चिपका हुआ था, उसके मोटे-2 मुम्मे ब्रा के अंदर जकड़े हुए थे, और गोर से देखने पर उसे श्वेता के खड़े हुए निप्पल भी दिख रहे थे, जो कपड़े की दोनो परतों की परवाह किए बिना बाहर तक उजागर होकर ये बता रहे थे की वो किस जगह पर है ..
उसकी पतली कमर के नीचे का हिस्सा वो देख नही पा रहा था, पर उसे मालूम था की उसकी फेली हुई गाण्ड भी कम सेक्सी नही है ..
चूँकि श्वेता उससे नज़रें मिलाने से कतरा रही थी, इसलिए नितिन अब बेख़ौफ़ सा होकर उसके हर अंग को अपनी आँखो से तोल रहा था ..
उसकी दोनो टाँगो को भी पूरा रगड़ने के बाद वो बोली : "हो गया सब...अब मैं चलती हू ...''
नितिन : "वो ...बस बाथ टब का पानी निकालने मे मेरी मदद कर दो..''
श्वेता ने अपना हाथ अंदर डालकर पानी रोकने वाले प्लग को ढूँढने की कोशिश की..जिसमे उसका हाथ एक-दो बार उसके खड़े हुए लॅंड से भी टकरा गया ...पर पानी उपर तक भरा था , इसलिए उसका हाथ नीचे तक नही पहुँच पा रहा था...वो थोड़ा और झुकी और उसने प्लग को खींच कर बाहर निकाल दिया, पर ऐसा करते हुए , उसकी दोनो ब्रेस्ट पूरी तरह पानी मे भीग गयी..और जब वो उठकर खड़ी हुई तो उसकी टी शर्ट पानी मे भीगकार पूरी ट्रांसपेरेंट हो चुकी थी, उसकी ब्लॅक ब्रा चमक रही थी , जैसे वो सिर्फ़ अपनी ब्रा मे ही खड़ी हो उसके सामने ...और उसके उभरे हुए निप्पल और भी सॉफ दिखने लगे ..
नितिन को अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखकर श्वेता को अपनी हालत का एहसास हुआ और वो भागकर अपने कमरे की तरफ चल दी ...
और पीछे रह गया खाली टब मे बैठा हुआ नितिन और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हुआ उसका लंबा लॅंड..
अपने कमरे का दरवाजा बंद करके श्वेता ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके ..और अपनी गीली छातियों को मसलते हुए अपनी रसीली चूत के अंदर अपनी उंगलियाँ पेल कर उसे जोतने लगी...
और दूसरी तरफ नितिन बेचारा तो वो भी नही कर सकता था..उसका एक हाथ प्लास्टर मे था और दूसरे मे इतनी शक्ति नही थी की अपनी ज़ख्मी उंगलियो से अपने लॅंड की सेवा कर सके..बस श्वेता के बारे मे सोचते हुए वो वहा काफ़ी देर तक बैठा रहा और फिर जैसे-तैसे कपड़े पहने और अपने रूम मे जाकर लेट गया..
पर उसके दिमाग़ ने अब काम करना शुरू कर दिया था की कैसे श्वेता की रसीली जवानी का मज़ा लिया जाए..
आग दोनो तरफ थी, पर पहल कौन करे,इसका इंतजार था बस..
शाम को दोनो के बीच कोई ख़ास बात नही हुई, श्वेता भी ना जाने क्या सोचने मे लगी थी, ये पहला मौका था जब उसने इतनी बड़ी बात अपनी सहेली काव्या को नही बताई थी, वो ये तय नही कर पा रही थी की उसे कैसे बताए, अभी बता दे या कुछ होने का वेट करे और उसके बात बताए..
अगले दिन दोनो के मा बाप अपनी-2 जॉब पर चले गये..और दोनो भाई बहन मिलकर मूवी देखने लगे
नितिन ने झिझकते-2 श्वेता से कहा : "श्वेता, क्या आज भी तुम मुझे नहाने मे हेल्प कर सकती हो ...''
श्वेता को पता था की ये सवाल कभी भी आ सकता है..वो तो पहले से ही तय्यार थी..पर फिर भी सोचने का नाटक करते हुए बोली : "मेरे पास और कोई चारा भी तो नही है ...''
नितिन के चेहरे पर मुस्कान आ गयी .
श्वेता : "लेकिन आज शावर मे नहाना तुम, कल तुम्हे नहलाते हुए मैं पूरा टाइम झुकी रही और मेरी कमर बुरी तरह से अकड़ गयी थी ...अभी तक पेन हो रही है ..''
नितिन को क्या प्राब्लम हो सकती थी, उसने हा मे सिर हिला दिया और बोला : "जैसा तुम्हे ठीक लगे..मैं उपर तुम्हारा वेट कर रहा हू..''
और फिर वो उपर अपने कमरे की तरफ चल दिया
थोड़ी देर बाद धड़कते दिल से श्वेता भी वहा पहुँची , नितिन अपने दोनो हाथों को प्लास्टिक से कवर कर रहा था
श्वेता टब के अंदर गयी और उपर लगे शवर को ऑन कर दिया, ठंडे और गर्म पानी का तालमेल बिठाने मे एक दो मिनट लगे , इसी बीच नितिन ने अपने कपड़े उतार दिए , अब वो सिर्फ़ अपने जॉकी में था
श्वेता ने उसे अंदर जाने के लिए कहा और खुद बाहर खड़ी होकर उसके बदन पर साबुन लगाने लगी
पर नितिन के जिस्म से छिटककर पानी उसके उपर आ रहा था और वो भी गीली हो रही थी..
श्वेता थोड़ी देर के लिए रुकी और नितिन से बोली : "मैं अभी आई ...''
और इतना कहकर वो एकदम से बाथरूम से बाहर निकल गयी, वो बेचारा सोचता रह गया की ऐसे वो एकदम से क्यो चली गयी ..पर अगले पाँच मिनट मे जब वो आई तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी..
श्वेता सिर्फ़ अपने अंदुरूनी कपड़ो मे थी...सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे.
उसकी मोटी ब्रेस्ट उस सेक्सी ब्रा मे समा भी नही पा रही थी, और उसके डाइमंड की तरहा चमक रहे निप्पल सॉफ दिख रहे थे.
और नीचे उसने डोरी वाली पेंटी पहनी हुई थी..जो पीछे से इतनी पतली थी की उसकी गांड के दोनो ग्लोब्स पुरे नंगे दिख रहे थे और आगे वी के आकार के पेच ने उसकी चूत को ढक कर रखा हुआ था .
अपनी सग़ी बहन को इतने सेक्सी रूप मे देखकर उसके लॅंड ने उपर उठना शुरू कर दिया..पर उसकी हालत ऐसी थी की वो अपने उभार को छुपा भी नही सकता था.
श्वेता : "यही एक तरीका था, भीगना तो मुझे वैसे भी था, अब कम से कम मेरे कपड़े तो बचे रहेंगे...''
इतना कहकर श्वेता मटकती हुई उसकी तरफ चल दी, चलते हुए उसके मोटे-२ मुम्मे ब्रा में ऐसी उछल कूद मचा रहे थे मानो अपने सारे बंधन तोड़कर बाहर निकलना चाहते हो ....
अब श्वेता भी टब के अंदर आ गयी और नितिन के सामने खड़ी हो गयी.
नितिन ने दूसरी तरफ मुँह कर लिया, ताकि श्वेता उसके लॅंड के उभार को ना देख सके.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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