Saturday, November 30, 2013

FUN-MAZA-MASTI रोहन और रीमा--14

FUN-MAZA-MASTI
 रोहन और रीमा--14
 मेरी बात सुन कर राघव ने बिलकुल सपाट लहजे में कहा ......
मेरी छोडो पहले ये बताओ की तुम इतनी देर तक होटल में क्या कर रही थी ,
उसकी बात सुन कर में बुरी तरह से सकपका गयी फिर भी मेने खुद को सँभालते हुए कहा ....
में यहाँ एक इंटरव्यू के लिए आई थी उसमे जरा ज्यादा टाइम लग गया ...
राघव इस बार थोड़े तल्ख़ लहजे में बोला ....
मुझे समझ नहीं आ रहा की ऐसा कोन सा इंटरव्यू था जो पिछले ३ घंटो से एक बंद कमरे में चल रहा था ..
और उसपर मजे की बात ये है की इंटरव्यू में इकलोती कैंडिडेट सिर्फ तुम ही थी ,,

राघव की बात सुन कर मेरी सिट्टी पिट्टी गूम हो गयी मेने लडखडाती जुबान में कहा
वो ...वो ......इंटरव्यू के बाद सर ने मुझे लंच के लिए रोक लिया था इसलिए देर हो गयी ...
राघव ने बिलकुल मेरी खिल्ली उड़ाने के लहजे में कहा ...
अनीता पहले तू सही से झूठ बोलना तो सीख ले .....तुझे तो झूठ बोलना भी नहीं आता ...,,
मेने झेंपते हुए कहा..............
क्या मतलब ......... तुम्हे ऐसा क्यों लग रहा है की में झूठ बोल रही हूँ ...
राघव ने अपनी सीट के नीचे से निकाल कर एक आइना मुझे देते हुए कहा
पहले जरा अपनी शक्ल देख इसमें फिर बोलना ,,
मेने कांपते हाथो से आईने में अपना चेहरा देखा तो मुझे मेरे माथे पर नील के निशान साफ़ दिखाई देने लगे
और निशान देखते ही मेरी हालत ऐसी हो गयी जैसे में चोरी करते रंगे हाथो पकड़ी गयी हूँ ....
मेने जल्दी से अपने दुप्पटे को अपने माथे पर लपेट लिया और नजरे झुकाते हुए कहा ...
वो तो में सुबह नहाते वक़्त बाथरूम में फिसल गयी थी ,,ये तो तब का है

राघव ने ऑटो रोक दिया और मेरी तरफ घूम कर बोला
अनीता तुम फिर से झूठ बोल रही हो सुबह जब मेने तुम्हे होटल तक छोड़ा था तब तुम्हारे चेहरे पर
ऐसा कोई भी निशान नहीं था......... ये निशान होटल में जाने के बाद बने है ,
तुम जरूर मेरे से कुछ न कुछ छुपाने की कोशिश कर रही हो ,,,सच सच बताओ बात क्या है ?

राघव की बातो से साफ़ जाहिर था की उसने मेरा झूठ पकड़ लिया है और उसको मेरे ऊपर पूरा शक हो चूका है
की में उससे बहुत कुछ छुपा रही हूँ ,
मन ही मन चाहती तो में भी यही थी की में उसको सबकुछ सच सच बता दूँ की में किस मुसीबत में हूँ
लेकिन में राघव को वो सब बाते बता कर उसकी नजरो में गिरना भी नहीं चाहती थी
मुझे खुद पर गुस्सा आने लगा और मेने तिलमिलाते हुए कहा
तुम होते कोन हो मुझ से इस तरह पूछने वाले ...... जल्दी से ऑटो रोको मुझे यही उतरना है ...
राघव ने ऑटो सड़क के किनारे रोक दिया और बोला ....
अनीता में तुम्हारा और कुछ न सही लेकिन एक दोस्त होने के नाते तो तुम मुझे अपनी प्रॉब्लम
बता सकती हो ,, शायद में तुम्हारी कुछ मदद कर सकूँ ..
न जाने क्यों राघव के इतने अपनेपन से कहे ये लफ्ज़ सीधे मेरे दिल में उतर गए और में भावनाओं में
बेहने लगी मेरा दिल कह रहा था की में उसको सब बता दूँ ,,लेकिन एक बार फिर से मेरी मज़बूरी ने
जुबान पर ताला लगा दिया ,,काश कि में उसको बता पाती की में किन हालातो में घुट -२ के जी रही हूँ
मेने जैसे तैसे अपनी भावनाओ पर काबू किया और राघव को कोई जवाब नहीं दिया
और चुपचाप उसके ऑटो से उतर गयी,, राघव को शायद मुझसे ऐसी बेरुखी की उम्मीद नहीं थी
वो मुझे बस देखता ही रह गया कुछ बोला नहीं ...
लेकिन उसकी आँखों से झलकते प्यार के सैलाब को मे साफ़ महसूस कर रही थी मगर अफ़सोस
चाहकर भी कुछ कह न सकी ,
लेकिन जैसे ही में चंद कदम आगे बड़ी मुझे राघव की बाते और उसकी आँखों में मेरे लिए बसा प्यार
बरबस मुझे अपनी और खींचने लगा ,,
मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे मे अनजान भीड़ के सैलाब में किसी अपने से बिछड़ गयी हूँ
दिल बहुत बेचेन हो उठा और कदम बोझिल से होने लगे ,,
दिल मजबूर करने लगा की में भागती हुई वापिस राघव के पास चली जाऊ और उसके सीने पर
अपना सर रख कर उसको सब कुछ सच सच बता दूँ ..
में खुद को रोक नहीं पायी और मेने बड़ी हसरत भरी निगाहों से पलट कर पीछे देखा ,

लेकिन शायद मेने ये फैसला लेने में देर कर दी थी क्योकि जैसे ही मेने पलट कर देखा
राघव वहां नहीं था ................. वो जा चूका था .................................
उस वक़्त पहली बार मुझे एहसास होने लगा था की में राघव से प्यार करने लगी हूँ ....


मेरा दिल रोने लगा और में बड़ी उदासी में थके थके कदमो से एक गली में घुस गयी ....


 में जिस गली में घुसी थी में नहीं जानती थी की वो कहाँ जाती है में तो बस बेमकसद ही
अपनी ही धुन में चली जा रही थी ...
ये भी एक इक्तेफाक था की में जिस गली में जा रही थी वो एक बंद गली थी लेकिन में इस बात को
नहीं जानती थी इसलिए में चलती चली गयी और फिर जैसे ही में गली के आखरी छोर पर पहुंची ......
वहां २-३ लोग एक चारपाई पर बेठे आपस में बतिया रहे थे
मुझे देख कर उनमे से एक आदमी जो काफी उमरदराज था बोला ....कहाँ जाना है बेटी ?
उसकी बात सुन कर जैसे में अपनी तन्द्रा से बाहर आई मेने कहा .....
काका वो में शायद इधर गलती से आ गयी हूँ ... कहती हुई में फिर से वापिस चल दी
वापिस जाते वक़्त मुझे गली में ही एक केमिस्ट की शॉप दिखाई दी और कुछ सोच कर में उस शॉप में चली गयी ..
मुझे देख कर दूकान वाले ने पुछा ..... क्या चाहिए मेडम ?
उसकी बात सुन कर पहले तो में बड़ी कशमकश में पड़ गयी की कैसे कहूँ फिर मेने होंसला करते हुए कहा ...
भाई साहब ...मुझे नींद की गोलिया चाहिए ?
मेरी बात सुन कर वो मुझे गौर से देखता हुआ बोला ....डॉक्टर का परचा दिखाइए
उसकी बात सुन कर में बगले झाँकने लगी ....मेने कहा जी मेरे पास किसी डाक्टर का परचा तो नहीं है

उसने मुझे घूरते हुए कहा ... सॉरी मेडम में आपको बिना पर्चे के गोलिया नहीं दे सकता ...
कहते हुए वो मुझे अनदेखा करके अपने काम मे लग गया ,,
मेने एक बार फिर से हिम्मत करते हुए उसको रिक्वेस्ट के अंदाज़ में कहा ... प्लीज् भाई साहब दे दीजिये न
आप जितने भी पैसे कहेंगे में देने को तैयार हूँ ,
मेरी बात सुन कर वो कुछ पल के लिए सोच में पड़ गया फिर बोला ....
मेडम आपको नींद की गोलिया किस लिए चाहिए ?
उसकी बात के अंदाज़ से अब मुझे लगने लगा की वो शायद मुझे गोलिया दे देगा
मेने कहा ... मुझे कई दिनों से ढंग से नींद नहीं आ रही इसलिए ले रही हूँ ,,
उसने फिर से मेरी तरफ देखते हुए कहा .... कितनी गोलिया चाहिए ?
मेने कहा पूरी शीशी ही दे दीजिये...
मेरी बात सुन कर वो अपनी मुंडी हिलाते हुए बोला ... नहीं नहीं में आपको एकसाथ पूरी शीशी नहीं दे सकता
ज्यादा से ज्यादा २-३ गोलिया ही दे सकता हूँ ,
मेने अपने पर्स से ५०० का नोट निकाल कर उसकी झलक दूकान वाले को दिखाते हुए कहा
देख लीजिए अगर आप नहीं देंगे तो में कहीं और से ले लुंगी कहती हुई में जैसे ही मुड़ी
दूकान वाले ने मुझे आवाज दी और कहा ..... रुकिए मेडम चलिए ले जाइये ..
मेने पलट कर उसकी और देखा तो वो बड़ी खिसियानी हंसी हँसने लगा ..
मेने ५०० का नोट उसको दिया और उससे गोलियों की शीशी ले कर वहां से निकल गयी
उसकी दूकान से बाहर निकलते ही मेरी आँखों की चमक बड़ने लगी शायद मुझे महसूस होने लगा था
की आज मुझे मेरी सारी उलझनों का हल मिल गया है ,,

में अपनी मुट्ठी में गोलियों की शीशी ऐसे दबाये हुए चली जा रही थी जैसे उसमे मेरी जान बसी हो
और मन ही मन ये भी सोच रही थी की घर जाते ही सारी की सारी गोलिये खा कर ऐसी गहरी नींद में
सो जाउंगी की फिर कभी इस जालिम दुनिया में अपनी आँखों को नहीं खोलूंगी ,,


अभी में १५-२० कदम ही चली थी की मुझे रुकना पड़ा क्योकि मेरे सामने राघव खड़ा था ,,
राघव ने गुस्से से मुझे घूरते हुए देखा और बोला ........यहाँ क्या कर रही हो ?
मेने एक बार फिर से झूठ बोलते हुए कहा ..... मुझे यहाँ कुछ काम था
राघव : क्या काम था जरा पता तो चले
मेने नजरे चुराते हुए कहा ....
कहा न मेने........ था कोई काम.......... अब हर बात में तुम्हे बताऊ ये जरूरी तो नहीं
राघव ने मेरे हाथ की और इशारा करते हुए कहा ....
ह्म्म्म........लेकिन ये तुमने अपनी मुट्ठी में क्या दबाया हुआ है ?क्या है इसमें ?
उसकी बात सुनते ही मुझे लगने लगा की अब मेरा सारा खेल बिगड़ गया है मेने अपनी मुट्ठी को और कस
कर बंद कर लिया और तल्ख़ लहजे में कहा ....
मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी ...........प्लीज मेरे रास्ता छोडो.... मुझे जाने दो
राघव ने मेरी कलाई को पकड़ा और बोला .. में तुझे तेरे घर छोड़ कर आता हूँ चल मेरे साथ
मेने राघव से अपनी कलाई छुडवाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाई मेने कसमसाते हुए कहा
नहीं जाना मुझे तुम्हारे साथ ...छोडो मुझे नहीं तो में शोर मचा दूंगी ,,
राघव ने गुस्से में आकर मेरी कलाई को उमेठते हुए कहा ... बस यही सुनना बाकी रह गया था
कहते -२ राघव की आँखे भर आई और उसने झटके से मेरे हाथ को छोड़ दिया
जैसे ही उसने मेरा हाथ छोड़ा मेरी मुट्ठी में दबी शीशी छिटक कर जमीन पर गिर गयी
इस से पहले की में कुछ सोचती राघव ने लपक कर वो शीशी जमीन से उठा ली और जैसे ही उसने
शीशी पर लगे लेबल को पड़ा उसके चेहरे की हवाइया उड़ती चली गयी
कभी वो मुझे देखता तो कभी उस शीशी को मानो उसे यकीन ही न हो रहा हो की ये हकीकत है ,,
और में अपनी निगाहों को किसी अपराधी की तरह नीची किये खड़ी हो गयी
राघव ने भर्राई आवाज में कहा .... ये सब क्या है अनीता ? .....ये क्या कर रही हो तुम ?
मेरी आँखे भर आई लेकिन मेने कोई जवाब नहीं दिया चुपचाप खड़ी रही
राघव ने फिर से कहा ... प्लीज अनीता कुछ तो बोलो ......कम से कम इतना तो बता दो की ऐसी कोनसी
वजह है जो तुम ये सब कर रही हो ...... बोलो अनीता ........बोलो न ....
इधर मेरे भी सब्र का बाँध टूटने के कगार पर आ चूका था लेकिन में उसको अपनी बर्बादी की दास्ताँ
सुनाने का होंसला नहीं कर पा रही थी ,,
राघव ने मेरे दोनों कंधो को पकड़ कर झिंझोड़ते हुए कहा ....
प्लीज अनीता मेरी खातिर कुछ तो बोलो ... तुम अगर झूठ बोलोगी तो वो भी में सच मान लूँगा लेकिन
कुछ तो बोलो .....इस तरह में तुम्हे घुट घुट कर जीता हुआ नहीं देख सकता ,,
राघव की आवाज में इतनी तड़फ थी की में खुद को रोक नहीं पायी और मेरे सब्र का बाँध इस तरह टूटा
की में राघव के गले लग कर फफक फफक कर रोने लगी
राघव बड़े ही प्यार से मेरी पीठ को सहलाते हुए मुझे दिलासा देने की कोशिश जरूर कर रहा था लेकिन
मुझे इस हाल में देख वो खुद भी अपनी आँखों को सुर्ख होने से रोक नहीं पाया ,,
दुनिया से बेखबर में राघव की बाँहों में समाये हुए तड़फ तड़फ के अपने दिल का गुबार निकाल रही थी ....
कुछ देर तक मुझे दिलासा देने के बाद राघव ने मेरे कान में हलके से फुसफुसाते हुए कहा .......
खुद को संभालो अनीता सब हमे ही देख रहे है
उसकी बात सुन कर मुझे अपनी स्तिथि का आभास हुआ और में झेंपती हुई राघव से अलग हो गयी
राघव ने भी मौके की नजाकत समझते हुए मेरा हाथ पकड़ा और मुझे गली से बाहर निकाल कर ले गया
बाहर जाकर राघव ने मुझे ऑटो में बेठने के लिए कहा और में बिना कुछ बोले राघव के ऑटो में बेठ गयी
राघव ने ऑटो चलाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद उसने एक जगह जाकर ऑटो रोका और बोला
आओ अनीता यहाँ बेठ कर बात करते है
में ऑटो से बाहर निकली और देखा तो सामने एक पार्क था
हम दोनों वहां जाकर एक बेंच पर बेठ गए और फिर राघव ने मेरी आँखों में प्यार से देखते हुए कहा ....
अगर अब तुम्हारा मुझे कुछ बताने का मन कर रहा हो तो बता सकती हो
मुझे राघव के इस अंदाज़ पर प्यार आने लगा मेने होले से मुस्कराते हुए कहा ...
में तुम्हे सब कुछ बताउंगी लेकिन मेरी एक शर्त है
राघव ने अपनी आँखों को बंद करके एक पल के लिए कुछ सोचा और फिर बोला
मंजूर है.......... बोलो क्या शर्त है
मेने कहा ....
शर्त ये है की में तुम्हे जो कुछ भी बताउंगी उसको सुन कर तुम गुस्सा नहीं करोगे और
न ही कोई ऐसा कदम उठाओगे जिससे तुम्हे कोई नुक्सान पहुंचे क्योकि में नहीं चाहती की मेरी वजह
से तुम किसी मुसीबत में पड़ो,,
राघव ने मुस्कराते हुए कहा .... तुम मेरी फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा ,,
और फिर मेने राघव को शुरू से आखिर तक अपनी आपबीती सुना दी ...
मेरी आपबीती सुनकर राघव की आँखों में लहू उतर आया और उसके जबड़े भिंचते चले गए
में राघव के इस रोद्र रूप को देख कर सन्न रह गयी मेने डरते हुए राघव से कहा
देखो राघव तुमने मुझसे वादा किया था की तुम गुस्सा नहीं करोगे ..
राघव ने दर्द भरी आवाज में कहा ....
हाँ मेने वादा किया था मुझे याद है लेकिन तुम्हारे साथ उस कमीने ने जो हेवानियत की है उसका
सबक तो में उसको जरूर दूंगा और ऐसा सबक दूंगा की वो मरते दम तक याद रखेगा
राघव की बात सुन कर मुझे डर सताने लगा की अब क्या होगा में मन ही मन सोचने लगी की
अगर कहीं राघव ने मयंक के साथ मार पीट की तो कहीं ऐसा न हो की मयंक मेरे क्लिप्स को नेट पर
डाल दे और यदि ऐसा हुआ तो मेरी जिन्दगी मौत से भी बदतर हो जायेगी ,,
मेने राघव के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा ..... राघव प्लीज तुम शांत हो जाओ .... में जानती हूँ की ये सब
सुन कर तुम्हे बहुत गुस्सा आ रहा है लेकिन जरा ठन्डे दिमाग से सोचो की अगर तुमने जल्दबाजी में
कोई गलत फैसला ले लिया तो मेरा क्या होगा उस कमीने के पास मेरे क्लिप अभी भी है वो उनका कुछ
भी मिस यूज़ कर सकता है
मेरी बात सुन कर राघव सपाट लहजे में बोला ... उस बात की चिंता मुझे भी है लेकिन तुम घबराओ मत
अब ये टेंशन सिर्फ तुम्हारी अकेली की नहीं है बल्कि हम दोनों की है ,,
राघव की बात सुन कर मेरे दिल को बहुत सुकून होने लगा मुझे एहसास होने लगा की में अकेली नहीं हूँ
फिर हम दोनों अपने पुराने दिनों की बाते करने लगे और कुछ देर बाद राघव ने कहा ....
चलो अनीता अब तुम्हे घर छोड़ देता हूँ क्योकि शाम होने को है माँ तुम्हारी राह देख रही होंगी
राघव की बात सुन कर मेने प्यार से राघव को देखते हुए कहा ....
तुम्हे मेरी इतनी चिंता है ये देख कर पता नहीं क्यों मेरे दिल में कुछ -२ होने लगा है ,,
राघव ने मुस्कराते हुए कहा .... रास्ते में बता देना अभी तो चलो

और फिर हम दोनों पार्क से बाहर निकल आये
राघव ने मुझे ऑटो में बेठा कर ऑटो स्टार्ट कर दिया ,,,


 कुछ देर चुप्पी साधने के बाद आखिरकार मेने ही कहा
''तुम मेरे लिए इतना सब कर रहे हो समझ नहीं आ रहा की तुम्हारा कैसे शुक्रिया अदा करू ''

राघव ने मेरी तरफ देखे बिना ही कहा ....
''उसकी कोई जरूरत नहीं बस तुम खुश रहो यही मेरे लिए बहूत है ''
कुछ पल चुप रहने के बाद मेने फिर से कहा ...
''अच्छा ये तो बताओ की तुम इतने दिनों तक कहाँ रहे ?
राघव ने कहा ... समय आने दो सब बता दूंगा
में सोच रही थी की राघव से बातो ही बातो में उसके दिल में मेरे लिए क्या है उगलवा लुंगी
लेकिन राघव था की मेरी हर बात का २ टूक जवाब देकर बात को वही ख़तम कर देता था ,
मेने भी हिम्मत नहीं हारी और फिर से कहा .... अच्छा चलो ये बताओ कल क्या कर रहे हो ?
राघव ने हँसते हुए कहा .... करना क्या है ऑटो ही चलाऊंगा सडको पर पूरा दिन
मेने झेंपते हुए कहा .... मेरा वो मतलब नहीं था,, में तो इसलिए पूछ रही थी की कल तुम्हारे
पास कुछ फ्री टाइम होगा या नहीं ?
राघव ने कहा.......... क्यों मेरे फ्री टाइम का तुमने क्या करना है ?
मेने थोडा सा शरमाते हुए कहा ....
तुमसे बहुत सारी बाते करने का मन कर रहा है इसलिए अगर तुम कल फ्री रहोगे तो .......
मेने अपनी बात को जान बुझ कर अधुरा छोड़ दिया क्योकि में राघव की मर्जी जानना चाहती थी ..
राघव ने इस बार पलट कर मुझे देखा और मुस्कराते हुए बोला ...
बात को इतना गोल गोल क्यों घुमाये जा रही हो सीधे -२ बोलो न जो मन में है
उसकी बात सुन कर में बुरी तरह से झेंप गयी .. और कोई जवाब नहीं दिया
राघव ने फिर से कहा ... जवाब नहीं दिया मेरी बात का
मेने शरमाते हुए कहा .... मे तुम्हे पसंद करने लगी हूँ
राघव ने पलट कर मझे गौर से देखते हुए कहा ... सिर्फ पसंद .......या उस से भी कुछ ज्यादा ?
मेने अपनी नजरे नीचे झुकाते हुए कहा .... हम्म ........उससे भी ज्यादा .......बहुत ज्यादा
राघव ने ऑटो साइड में रोक दिया और पूरी तरह से घूम कर मेरी और देखा और बोला
सच ............. मुझे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा .....एक बार फिर से कहो
उसके इस बात को कहने के अंदाज़ से में बुरी तरह शर्मा गयी
मेने अपनी निगाहे नीची करते हुए अपनी गर्दन को सहमति में हिला दिया ,
और मेरी इस अदा ने न जाने राघव पर क्या जादू कर दिया वो ख़ुशी से झुमने लगा और
उसने अपना हाथ मेरी और बढ़ाते हुए कहा ...... अपना हाथ दो
मेने अपना हाथ आगे बड़ा दिया और राघव ने मेरा हाथ अपने हाथ में बड़े प्यार से ले कर कहा
अनीता तुम नहीं जानती की ये बात कहकर तुमने मुझे मेरी जिन्दगी की सबसे बड़ी ख़ुशी दे दी है
में तुमसे वादा करता हूँ की जब तक मेरी साँस चलेगी ये साथ नहीं छूटेगा ,
राघव की बात सुन कर में मन ही मन सोचने के लिए मजबूर हो उठी की मेरी पूरी हकीकत जान लेने के बाद
भी जिस शख्स के मन में मेरे लिए इतना सम्मान है उसका प्यार कभी झूठा नहीं हो सकता
में फिर से भावुक हो उठी मेने भर्राई आवाज में कहा ...
मे भी अपनी आखरी साँस तक इस प्यार के बंधन को निभाउंगी
राघव ने मेरे हाथ को चूम लिया और फिर बोला ...
चलो अब तुम्हे देर हो रही है इसलिए बाकि की बाते कल तस्सली से करेंगे
और उसने फिर से ऑटो स्टार्ट कर दिया और फिर बातो ही बातो में मेरा घर भी आ गया
राघव से अगले दिन मिलने का वाद करके में अपने घर चली गयी ..

उस दिन घर पहुँचने के बाद मुझे मयंक के दिए जख्मो के दर्द से कहीं ज्यादा अपने दिल में एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हो रही थी
और वो ख़ुशी थी राघव से मिलने की क्योकि राघव के प्यार और अपनेपन ने मुझे उस दिन मेरे साथ जो भी बुरा बीता था वो सब
भूलने के लिए मजबूर कर दिया था और मुझे मन ही मन एहसास होने लगा था की अब मेरे दुखो का अंत होने वाला है
में मन ही मन अगले दिन राघव से अपनी होने वाली मुलाकात का तानाबाना बुनने लगी ,

और फिर अगले दिन जब में राघव से मिलने गयी तो मेरी राघव से खूब सारी बाते हुई मेने अपने दिल में छुपे सारे दर्द को
निकाल कर राघव के आगे रख दिया और राघव ने भी मेरे दिल के जख्मो पर अपने प्यार का मरहम लगाने में कोई कसर
बाकी नहीं छोड़ी ,,
राघव के आगे अपने दिल का गुबार निकालकर मेरे दिल को बहुत सुकून मिला था मुझे ऐसा लगने लगा था
जैसे मेरी बेरंग अँधेरी और उदास जिन्दगी में दिन का उजाला होने लगा है,
और फिर राघव ने मुझे बताया की उसने मुझे मयंक के चंगुल से निकालने के लिए प्लान बना लिया है मेरे बहुत
पूछने पर भी उसने मुझे अपने प्लान के बारे में कुछ ख़ास नहीं बताया लेकिन मुझे क्या करना है वो सब समझा दिया ,,
राघव से मिल कर में अपने घर आ गयी और अब मुझे उस दिन का इंतज़ार था जिस दिन मयंक मुझे बुलाएगा
और फिर इसी दौरान पिताजी ने जिन लड़के वालो को मुझे दिखाने के लिए बुलाया था वो मुझे देखने आये लेकिन
उनको शायद मुझसे कहीं ज्यादा दहेज़ में इंटरेस्ट था इसलिए बात आगे बड नहीं पायी
इस बात से पिताजी बेशक चिंतित हो उठे थे लेकिन मेने मन ही मन राहत की साँस ली थी
क्योकि अब मुझे मेरे सपनो का राजकुमार जो मिल गया था ,
३-४ दिन बीत गए लेकिन मयंक की तरफ से मुझे कोई सन्देश नहीं मिला लेकिन में राघव के संपर्क में लगातार बनी रही
और फिर ठीक सातवे दिन मुझे मयंक का सन्देश मिला इस बार उसने मुझे किसी नयी जगह बुलाया था ....
जैसे ही मुझे मयंक का सन्देश मिला मेने तुरंत राघव को इसकी जानकारी दी
जब में राघव को मयंक के सन्देश के बारे में बता रही थी तब मुझे बहुत घबराहट हो रही थी ..
मुझे घबराता देख राघव ने मुझे तस्सली देते हुए कहा ...
तुम हिम्मत से काम लो और खुद को अकेली मत समझो में साये की तरह तुम्हारे साथ रहूँगा ...
राघव के इन लफ्जों ने मेरे अन्दर बहुत ज्यादा होंसला पैदा कर दिया था ...
और फिर अगले दिन मयंक की बताई जगह पर में राघव के साथ उसकी ऑटो में बेठ कर चली गयी ...

मयंक ने इस बार मुझे किसी गेस्ट हाउस में बुलाया था अगर मुझे अकेली को वहां जाना होता तो शायद मुझे
वहां तक पहुँचने में बहुत परेशानी होती क्योकि वो गेस्ट हाउस लगभग सिटी से बाहर था लेकिन राघव ने मुझे
सीधा मेरी मंजिल तक पहुंचा दिया ..............में ऑटो से उतर कर गेस्ट हाउस में चली गयी ,
जिस रूम में मयंक था मेने उस रूम का दरवाजा खटकाया तो मयंक ने ही दरवाजा खोला में कमरे में दाखिल
हो गयी मेरा दिल बड़ी तेज़ -२ धड़क रहा था क्योकि में नहीं जानती की अब क्या होने वाला है ,
जैसे ही में कमरे में दाखिल हुई मुझे देख कर मयंक बोला ....
सुन छमिया आज मेंने अपने एक ख़ास दोस्त को बुलाया है इसलिए ये बात अपनी खोपड़ी में अच्छी तरह से बेठा ले की
उसके सामने किसी किस्म का नाटक नहीं होना चाहिए वरना तू जानती है की में क्या करूँगा ...
मयंक की बात सुन कर मेरे मन में मयंक के लिए घर्णा और ज्यादा बढती चली गयी लेकिन मेने कोई जवाब नहीं दिया
वो फिर से बोला ....
अगर तू उसको पूरी तरह से खुश कर देगी तो में तुझे फिर से ७ दिन का रेस्ट दे दूंगा समझी न तू ...........
मेने इस बार भी कोई जवाब नहीं दिया तो वो बोला ..
चल अब जल्दी से कपडे उतार और नंगी हो कर बिस्तर पर आजा ...
मुझे अपना हुकुम सुना कर वो अपने कपडे उतारने लगा लेकिन में अपनी जगह पर वैसे ही खड़ी रही ..
मुझे कपडे न उतारता देख वो मुझे घुड़की देता हुआ बोला .... साली तुझे सुनाई नहीं दिया मेने क्या कहा है ..
इस बार मेने जवाब दिया और कहा .... अपने दोस्त को भी आ जाने दो फिर एक ही साथ दोनों कर लेना जो मन हो
मेरी बात सुन कर मयंक खुश होते हुए बोला .... अरे वाह आज तो तूने बिलकुल रंडियों वाली बात करी है सुन कर
मन खुश हो गया बस ऐसे ही मेरी पालतू रंडी बन कर मुझे खुश करती रहा कर ,,
में मन ही मन उसकी इस बेवकूफी पर हंस रही थी क्योकि मुझे राघव ने पहले ही समझा दिया था की में उसको अपनी
बातो में कुछ देर तक उलझाए रखूं ..
और फिर तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी
दस्तक की आवाज सुन कर मयंक बोला ....
लगता है वो आ गया ......जा दरवाजा खोल मेरे यार को और बड़ी इज्ज़त से उसके साथ पेश आना ..
में चुपचाप दरवाजा खोलने चली गयी .. जैसे ही मेने दरवाजा खोला एक आदमी पुलिस की वर्दी में खड़ा नजर आया
उसको देख कर में कुछ समझती इससे पहले वो मुझे साइड में धकेलता हुआ कमरे में दाखिल हो गया ...
पुलिस वाले को देखते ही मयंक भी हडबडा कर बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और अपनी शर्ट पहनने लगा ...
में भी गहरी सोच में पड़ गयी की अब ये पुलिस वाला कोन है जो यहाँ आ धमका है ...
कहीं ये मयंक का ही तो कोई दोस्त नहीं ?
इससे पहले की में अपने सवाल का कोई जवाब तलाशती राघव भी कमरे में दाखिल हो गया ..
राघव को देखते ही मेरी जान में जान आ गयी राघव ने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजे को अन्दर से बंद कर दिया
मयंक की समझ में कुछ नहीं आ रहा था वो बेवकूफों की तरह कभी उस पुलिस वाले को तो कभी राघव को देखने लगा
तभी पुलिस वाले ने कड़क आवाज में कहा ... क्यों बे तेरा नाम मयंक है ?
मयंक थोडा घबराते हुए बोला .... यस सर में ही मयंक हूँ कहिये क्या बात है
पुलिस वाला फिर से बोला .... और ये लड़की कोन है ?
मयंक ने शरीफ बनते हुए कहा .... ये----ये तो मेरी गर्ल फ्रेंड है सर
और हम दोनों तो यहाँ सिर्फ बात चीत करने के लिए आये थे ...
पुलिस वाले ने मेरी और देखते हुए कहा ... क्यों लड़की..... क्या ये सच बोल रहा है ?
मेने राघव की और देखा तो उसने मुझे आँखों ही आँखों में इशारा किया की में सब कुछ सच-२ बता दूँ
मेने कहा .... नो सर ये मेरा कोई नहीं है ये तो मुझे यहाँ जबरदस्ती ले कर आया है और अगर आप नहीं आते तो ये मेरे साथ
कहते -२ मेरी आवाज भर्राने लगी और आँखे भर आई ...

अब उस पुलिस वाले ने अपनी रिवोल्वर निकाल ली और मयंक की और तान कर बोला ...
क्यों बे साले लड़की के साथ जबरदस्ती करता है...चल जल्दी से बता अपने बाप का नाम उसको भी यही बुलवाता हूँ
बाप की बात सुनते ही मयंक बुरी तरह से हडबडा गया उसने बड़ी दयनीय आवाज में पुलिस वाले से कहा
सर प्लीज ......आप इस बात को ज्यादा मत बढाइए ... आप जैसा कहोगे वैसा हो जायेगा
पुलिस वाला बोला..........अच्छा क्या हो जायेगा जरा बता तो सही ?
मयंक पुलिस वाले के करीब आकर बोला ...
आप जितना कहोगे ..... उतना में आपको दूंगा लेकिन आप इस बात को यहीं ख़तम कर दीजिये
पुलिस वाले ने मयंक को एक जोर की लात मारी और मयंक दर्द से तड़फता हुआ फर्श पर जा गिरा उसको शायद पुलिस वाले
से ऐसी उम्मीद नहीं थी इसलिए वो हेरानी से पुलिस वाले की तरफ देखने लगा ..
पुलिस वाले ने मयंक पर गालीयो की बोछार करते हुए कहा ....
साले मादरचोद मुझे रिश्वत का लालच देता है..... भोसड़ी के तुझे में घुसखोर दिखाई देता हूँ .....
मयंक फर्श पर पड़ा दर्द से कराहता हुआ बोला ...
सॉरी सर माफ़ कीजिये मुझसे गलती हो गयी ... प्लीज आप खुद ही बता दीजिये की फिर में आपकी क्या सेवा करूँ
पुलिस वाले ने मयंक से इस बार थोडा नरम लहजे में कहा .....
चल तू खुद ही बता की पैसे के अलावा तू मेरी और क्या-२ सेवा कर सकता है बोल ?
मयंक ने फर्श पर बेठे -२ ही कहा ..
सर अगर आप चाहो तो इस लड़की के साथ ..... कहते हुए मयंक ने मेरी तरफ इशारा किया
जैसे ही मयंक ने मेरी तरफ इशारा किया में सर से पाँव तक सिहर उठी क्योकि में अभी तक इस बात का कोई ठोस अंदाज़ा
नहीं लगा पायी थी की वो पुलिस वाला कोन है और वो राघव के साथ क्यों आया है ....
मेने बड़ी घबराहट में राघव की और देखा लेकिन मेरे हाथ निराशा ही लगी क्योकि राघव मेरी तरफ देख ही नहीं रहा था
उधर पुलिस वाला मयंक की बात सुन कर मुझे घूरता हुआ बोला ...
ह्म्म्म ...... माल तो अच्छा है लेकिन मुझे बिलकुल फ्रेश माल चाहिए ......तेरे पास कोई फ्रेश माल है तो बोल ...
मयंक को पुलिस वाले की बातो से अब समझोते की उम्मीद लगने लगी थी वो उठ कर खड़ा हो गया और
चमचागिरी के अंदाज़ में पुलिस वाले को मक्खन लगाता हुआ बोला .....
सर आप एक बार हुकुम तो करिए में आपके सामने एक से बढकर एक फ्रेश माल की लाइन लगा दूंगा लेकिन उसमे
थोडा सा टाइम लगेगा तब तक आप की सेवा के लिए मेरे पास और बहुत माल है आप कहे तो में आपको दिखाऊ ?
पुलिस वाले ने मयंक की बातो में इंटरेस्ट दिखाते हुए कहा .... अच्छा ........चल दिखा जल्दी से क्या है तेरे पास
मयंक ने अपने मोबाइल को जल्दी से निकाला और उस पुलिस वाले को दिखाते हुए बोला ....
ये देखिये सर इसमें से पसंद कर लीजिये फिर आप जिसको कहोगे वो आपकी सेवा में हाज़िर हो जाएगी ..
पुलिस वाले ने मयंक से मोबाइल लेकर देखना शुरू कर दिया और फिर सब फोटो देख कर मयंक से बोला ...
अबे साले तेरे पास तो पूरा खज़ाना है ,,,, ये सब तेरी पर्सनल सेटिंग है ये रंडिया है ?
मयंक जोश में बोला ... नहीं नहीं सर इसमें से कोई भी रंडी नहीं है ये सब मेरी अपनी सेटिंग है
पुलिस वाले ने मयंक को अचम्भे से देखकर और चडाते हुए कहा ....
अच्छा लेकिन ये तो बता की इन सबको तूने अपने जाल में फंसाया कैसे जरा मुझे भी तो पता चले ..

मयंक को अब पूरा यकीन हो चूका था की पुलिस वाला उसके फेवर में हो चूका है इसलिए उसने बिना कुछ सोचे कहा
सर कोई ख़ास फार्मूला नहीं है बस लड़की को पहले अपने प्यार के जाल में फंसा लेता हूँ और फिर उसको पार्टी के बहाने
किसी जगह अकेले बुलाकर कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलिया खिला कर गहरी नींद में सुला देता हूँ और फिर उसकी नंगी विडियो बना लेता हूँ
उसके बाद तो फिर जो में कहता हूँ वो खुद बा खुद करती है ... कहता हुआ मयंक भद्दी हंसी हंसने लगा ..
और मयंक की बाते सुन -२ कर पुलिस वाला बड़ी हेरानी से मयंक को देखता हुआ बोला ...
वाह वाह ....क्या दिमाग लगाया है तूने ....................साले तू तो सच में बड़ा हरामी है ..............
और मयंक अपनी तारीफ सुन कर इतराने लगा .....
पुलिस वाले ने फिर से कहा ....... अच्छा फिर तो तेरे पास इस लोंडिया का भी विडियो भी जरूर होगा
में समझ गयी की पुलिस वाले का इशारा मेरी तरफ है ...
मयंक ने जल्दी से अपने मोबाइल में मेरा विडियो चालू करके पुलिस वाले को दिखाया और बोला ..
ये देखिये सर ये रहा इस लड़की का विडियो ...
पुलिस वाला मयंक के मोबाइल में मेरे विडियो को बड़ी गौर से देख कर मेरी और देखता हुआ बोला .....
हम्म अब मुझे यकीन हो गया तेरी बात का वैसे एक बात बता तू अपने मोबाइल में ऐसे-२ विडियो रखता है
अगर किसी दिन तेरा मोबाइल कहीं खो जाये या चोरी हो जाये तो तेरी सारी मेहनत तो बेकार हो जाएगी समझ रहा है न तू

मयंक भी अब तक पुरे रंग में आ चूका था उसने अपनी शेखी बखारते हुए कहा ....
कोई चिंता नहीं है सर ...........क्योकि मेरे पास एक चिप में पुरे डाटा की एक कॉपी अलग से सेव है

पुलिस वाला भी मयंक की बातो का पूरा लुत्फ़ उठाता हुआ बोला ....
अच्छा फिर तो जरूर तू उस चिप को कहीं बेंक के लोकर में या किसी सेफ जगह पर रखता होगा ....?
मयंक अब पुलिस वाले से ऐसे पेश आने लगा था जैसे वो उसका दोस्त हो उसने कहा ...
अरे नहीं सर .....लोकर वोकर में क्या रखना है .........वो चिप तो हमेशा मेरे पर्स में रहती है ये देखिये
कहते हुए मयंक ने अपने पर्स से निकाल कर चिप पुलिस वाले को दिखाते हुए कहा ...... ये देखिये
पुलिस वाले ने चिप अपने हाथ में लेकर कहा .....
वैसे यार ये भी कितनी अजीब सी चीज़ है जरा सी है देखने में और इसमें कितना कुछ समां जाता है
कहते हुए उसने वो चिप राघव को दिखाते हुए कहा ... क्यों हवलदार तूने देखि है ऐसी चीज़ कभी ?
राघव ने अपने हाथ में चिप लेकर कहा ... नहीं साहब मे तो आज पहली दफा ऐसी चीज़ देख रहा हूँ ..
और फिर ये बात कहते -२ राघव ने उस चिप को एकदम से मोड़ कर तोड़ दिया .
जैसे ही राघव ने चिप तोड़ी मयंक हडबडाता हुआ बोला ....
अ अर अरे अरे................ हवालदार साहब ये क्या किया आपने आपको पता नहीं इसमें मेरा कितना कीमती डाटा था
कहता हुआ मयंक पुलिस वाले की तरफ बड़े अफ़सोस से देखने लगा ...
राघव ने कहा .... साहब मेने तो बस ऐसे ही इसको मोड़ कर देखा था मुझे क्या पता था की ये टूट जाएगी
पुलिस वाले ने भी अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा ....
हवालदार तू भी पूरा चुतिया है तुझे मोड़ने की भी क्या जरूरत थी अब हो गया न इसका नुक्सान
फिर पुलिस वाले ने मयंक से रूबरू होते हुए कहा ....
चल यार कोई बात नहीं तेरे पास तो और भी कहीं सेव होगा ये डाटा ....
मयंक ने बड़े अफ़सोस से कहा ...
नहीं सर बस मोबाइल और चिप में ही था चलिए कोई बात नहीं अब मोबाइल से नयी चिप में सेव कर लूँगा ,
पुलिस वाले ने कहा ....
हाँ ये ठीक है लेकिन अगर तेरे मोबाइल से भी ये डाटा डीलीट हो जाए तो क्या होगा ?
मयंक ने हँसते हुए कहा ... ऐसा कैसे हो जायेगा भला
पुलिस वाले ने मयंक के हाथ से उसका मोबाइल ले कर जोर से फर्श पर पटक कर मारा और बोला
देख ऐसे ............. कहता हुआ वो पुलिस वाला जोर से हंसने लगा और मयंक तो मानो बिलकुल पागल हो गया
वो बडबडाने लगा और बोला ... ये क्या किया तुमने कोन हो तुम लोग और क्या चाहते हो ?
पुलिस वाले ने मुस्कराते हुए मयंक को देखा और बोला ... ये सब तुझे हवालदार समझाएगा
इससे पहले की मयंक कुछ बोलता राघव ने आगे बढकर मयंक के गाल पर इतनी जोर से तमाचा मारा की मयंक दूर जा गिरा
राघव ने तमाचा इतनी जोर से मारा था की अगले २ मिनट तक मयंक फर्श पर वैसे ही पड़ा रहा जैसे गिरा था
२ मिनट बाद मयंक अपने गाल को पकड कर उठा और बड़ी घबराहट में बोला ....
कोन हो तुम लोग ....... नहीं .......तुम पुलिस वाले नहीं हो सकते ......बोलो क्या चाहते हो मेरे से ?
राघव ने आगे बढकर मयंक को उसके बालो से पकड कर खड़ा किया और इस बार एक जोरदार घूंसा उसके मुंह पर मारा
घूंसा पड़ते ही मयंक की नाक से खून बहना शुरू हो गया और वो दर्द से तड़फता हुआ दरवाजे की और भागने लगा लेकिन
राघव ने लपक कर उसको फिर से पकड़ लिया और फिर तो राघव और उस पुलिस वाले ने मार मार मयंक की वो दुर्गत कर दी
की वो फर्श पर खुनो खून हो कर पड़ा तड़फने लगा बेशक जिस हालत में मयंक था उस हालत में किसी को भी देख कर मन
में दया आ जाती लेकिन उस वक़्त उसकी इस हालत को देख कर मेरे दिल को बेहद सुकून मिल रहा था
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हर एक जख्म का बदला राघव ने ले लिया है ....
और फिर राघव ने फर्श पर टूटा हुआ मयंक का मोबाइल उठा कर उसको टॉयलेट में ले जाकर फ्लेश कर दिया और बाहर
आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे मयंक के पास ले जाकर बोला
इसकी शक्ल को अच्छी तरह से देख ले हरामजादे अगर आज के बाद तूने गलती से भी इसकी तरफ आँख उठा कर
देख लिया तो में तेरी दोनों आँखे नोच दूंगा ,
कहते हुए राघव ने जोर की एक ठोकर मयंक की पसलियों में मारी और मयंक एक बार फिर दर्द से बिलबिला उठा
राघव ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला ... चलो अनीता अब यहाँ और ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं है
मेने राघव से अपना हाथ छुड़वाते हुआ कहा .............जरा एक मिनट रुको
और मेने मयंक के मुंह पर थूकते हुए बड़ी घर्णा से कहा .....कमीने तुझे कीड़े पड़ेंगे


में नहीं जानती थी की मेने ऐसा क्यों किया लेकिन ऐसा करने से मेरे दिल को बड़ा सुकून मिल रहा था ऐसा लग रहा था जैसे
मेने कोई जंग जीत ली हो ,,,





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