Saturday, November 30, 2013

FUN-MAZA-MASTI रोहन और रीमा--19

FUN-MAZA-MASTI
 रोहन और रीमा--19

 ५ मिनट के बाद टेक्सी वाला भी आ गया और फिर नीतू रीमा के साथ
टेक्सी में बेठ कर मालिक के बंगले की और चल दी
मलिक के बंगले पर पहंचकर नीतू ने टेक्सी वाले को विदा किया और बंगले के बाहर खड़े गार्ड को अपना नाम बताया तो
उसने उन दोनों को बिना कोई सवाल किये अन्दर जाने को कह दिया और फिर वो दोनों बंगले में चली गयी ,
जैसे ही वो दोनों बंगले में दाखिल हुई तो रीमा ने थोड़ी बेचेनी से कहा ...
भाभी हम यहाँ आ तो गए ..लेकिन आपको पक्का यकीन तो है न की पैसो का इंतजाम हो जायेगा ... कोई गड़बड़ तो नहीं होगी न ?
नीतू ने कहा ...
ह्म्म्म यकीन है तभी तो तुझे यहाँ लेकर आई हूँ बस अब जैसे-२ में कहूँ तू वैसे-२ करती जाना और हाँ एक बात का ख़ास
तौर पर ध्यान रखना की सिर्फ मतलब की बात ही करना बाकी सब में अपने आप संभाल लुंगी ... समझी की नहीं .....
नीतू की बात सुन रीमा ने अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा ... ठीक है भाभी में पूरा ध्यान रखूंगी ...
और फिर वो दोनों चलते -२ मालिक के रूम के पास पहुच गई मलिक के रूम के बाहर पहुंचकर नीतू ने रीमा से कहा
सुन रीमा .... तू अभी यही खड़ी रहना और जब तक में तुझे बुलाने नहीं आऊ तब तक अन्दर नहीं आना क्योकि में
पहले अंदर जाकर मलिक का मूड देखती हूँ फिर तुझे बुला लुंगी ..... ठीक है ...
कहते हुए नीतू मलिक के कमरे में दाखिल हो गयी और रीमा वहीँ बाहर ही रुक गयी ....
कमरे में दाखिल होते ही नीतू की नजर मलिक पर पड़ी जो एक आराम कुर्सी पर अधलेटा हुआ था और उसके हाथ में
शराब का गिलास था ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी ही मस्ती में मस्त पड़ा है क्योकि नीतू के आगमन का भी उसको
कोई आभास नहीं हुआ था ,,
और फिर जैसे ही नीतू की नजर मालिक के पैरो की तरफ गयी तो वो चोंक कर ठिठक गयी क्योकि मलिक के पैरो
के पास नीचे फर्श पर एक औरत जो करीब -२ अर्धनग्न अवस्था में थी बेठी हुई मालिक के पैर दबा रही थी....
नीतू ने मलिक के बिलकुल करीब जाकर उसे हाथ जोड़कर नमस्ते करी तो मलिक का ध्यान भंग हुआ और वो नीतू
को देख कर खुश होते हुए बोला .... अरे तू कब आई ?
नीतू ने फर्श पर बेठी औरत की तरफ देखते हुए कहा ......मलिक साहब ........में कहीं गलत टाइम पर तो नहीं आ गयी .......
मलिक को भी नीतू की कहीं पे निगाहे कहीं पर निशाना वाला डायलोग समझ में आ चूका था ....
इसलिए वो अपने पैर से फर्श पर बेठी औरत के उभारो को दबाते हुए बोला ....
अरे नहीं..,..नहीं मेरी जान ..... तू बिलकुल सही टाइम पर आई है ..... और ये .....ये तो मेरी नयी मेड है ...
कहते हुए मलिक हंसने लगा और फिर नीतू की और देख कर बोला ... जरा देख तो सही माल कैसा है ?
मलिक की बात सुन कर नीतू को मन ही मन उस औरत की किस्मत पर तरस तो बहुत आ रहा था लेकिन वो कर
भी क्या सकती थी इसलिए उसने अपने चेहरे पर बनावटी मुस्कान बिखेरते हुए कहा ....
बहुत अच्छी है सर ... लेकिन पता नहीं क्यों ये मुझे किसी भी एंगल से मेड नहीं लग रही लगता है आप मुझसे
मजाक कर रहे है .,,,,,कहती हुई नीतू मलिक को सवालिया निगाहों से देखने लगी ,,
मलिक ने इस बार हँसते हुए कहा .... तू भी अब समझदार होती जा रही है मेरी जान तूने ठीक समझा है
इसका नाम ज्योति है और ये भी तेरे जैसा ही मेरे टाइम पास का एक खिलौना है .....
कहते हुए मालिक ने अपने पैर से ही फर्श पर बेठी औरत के मुंह को ऊपर उठाते हुए फिर से कहा ...
अभी नयी है न इसलिए इसको ट्रेंड कर रहा हूँ वैसे काफी समझदार है जल्दी ही सब समझ जायेगी ...
मलिक की बात सुन कर नीतू की आँखों में एक पल के लिए मलिक के लिए घर्णा जरूर आई लेकिन अगले ही पल
उसने खुद को संयत करते हुए फर्श पर बेठी ज्योति के चेहरे को गौर से देखा तो ज्योति की बेबस निगाहों ने
नीतू को अन्दर तक झिंझोड़ कर रख दिया ,,
उसकी बेबस निगाहे और चेहरे पर छाई लाचारी को नीतू अच्छी तरह समझ रही थी क्योकि वो खुद भी तो मलिक
की हेवानियत का शिकार बन चुकी थी और अच्छी तरह से जानती थी की मलिक के शिकंजे में फंसी हुई औरत की
स्तिथि ठीक वैसे ही परकटे परिंदे की तरह होती है जो चाह कर भी उड़ान नहीं भर सकता था ,,
इस से पहले की नीतू कुछ बोलती मलिक ने अपने गिलास में बची हुई शराब को एक ही झटके में ख़तम किया और
खाली गिलास को ज्योति की तरफ उछाल कर बोला .... चल उठ............. पेग बना कर ला .....
मलिक का हुक्म सुनते ही ज्योति किसी रोबोट की तरह से उठी और पेग बनाने चली गयी ...
और फिर मलिक ने नीतू का हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद में खींच लिया ...
नीतू भी चुपचाप किसी पालतू जानवर की तरह मलिक की गोद में बेठी गयी और मलिक उसके जिस्म को सहलाने लगा
इसी बीच ज्योति मलिक का पेग बना कर ले आई और नीतू ने उसके हाथ से वो पेग ले लिया अब नीतू मालिक की
गोद में बेठी अपने हाथ से मलिक को शराब पिला रही थी .....
और ज्योति को शायद समझ नहीं आ रहा था की अब वो क्या करे इसलिए वो अपने दोनों हाथो को बाँध कर
अपनी जगह पर खड़ी हो गयी ,
शराब की चुस्की मारते हुए मालिक ने कहा .... हाँ नीतू अब तू बोल ........ क्या कह रही थी फ़ोन पर ?
लेकिन नीतू के दिमाग में शायद अभी कुछ और ही चल रहा था इसलिए उसने अपने नितम्बो को मलिक के लिंग पर
रगड़ते हुए बड़ी अदा से कहा ...............बताती हूँ न इतनी जल्दी भी क्या है ..........कहते कहते नीतू ने ज्योति की और
इशारा करते हुए कहा .... मलिक साहब आपने ये नहीं बताया की इतनी हॉट मेड आपको मिली कैसे ?
नीतू ने जिस अदा से अपने नितम्बो को मलिक के लिंग पर रगडा था उस से मलिक के तन बदन में वासना की
लहरें दौड़ने लगी थी ..... उसने नीतू के उभार को सहलाते हुए कहा ....
इसके खसम ने मुझसे ब्याज पर पैसा लिया था लेकिन उसका बिजनेस फ्लॉप हो गया और जब रकम वापसी का समय
आया तो उसके पास असल तो दूर की बात ब्याज तक देने को नहीं था ,,
उसने मुझसे कर्ज वापसी के लिए थोडा टाइम और माँगा जो मेने दे दिया लेकिन वो फिर भी पैसा लौटाने में नाकाम रहा
तो मेने उसको अपने आदमी भेज कर उठवा लिया और मार -२ के साले को छठी का दूध याद दिलवा दिया ...
ये भी अपने खसम को सूंघते -२ यहाँ तक आ पहुंची और इसको देखते ही मुझे इसके खसम पर दया आने लगी
कहते -२ मलिक ने नीतू के ब्लाउज में अपना हाथ डाल कर उसके उभारो को मसल दिया मलिक की इस हरकत से
नीतू को एहसास होने लगा था की वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चूका है ...
और नीतू भी तो यही चाहती थी की वो मलिक की उत्तेजना को एक बार उसकी चरम सीमा पर पहुंचा दे ....
इसलिए नीतू ने एक बार फिर से अपने नितम्बो को मलिक के लिंग पर रगड़ते हुए बड़े ही चुल्बलेपन से कहा ....
आपको दया आई थी या आपकी बीच वाली टांग को ............
नीतू की इस हरकत से मलिक बहुत ज्यादा उतेजित हो गया और बोला .....
हाँ ........इस साली की मस्त जवानी को देख कर मेरे लंड में ऐसा तूफ़ान मचा की मेने इसको हासिल करने के
लिए इसके खसम के सामने एक शर्त रख दी ....
नीतू .... कैसी शर्त ?
मलिक ... यही की वो जब तक वो मेरे पैसे नहीं लौटाता तब तक ये मेरे घर में मेड बन कर रहेगी ..
नीतू ... फिर क्या हुआ उसने मान लिया इस बात को ..
मलिक किसी शैतान की तरह ठहाका मार के बोला .... मानता कैसे नहीं .... उसके पास और कोई रास्ता ही नहीं था .
आई बात तेरी समझ में या नहीं .................... कहते हुए मलिक ने नीतू के उभार को इस बार बड़ी ही बेदर्दी से मसल दिया
मलिक ने नीतू के उभार को इतनी जोर से मसला था की नीतू चुहंक कर मलिक की गोद में उछल पड़ी
मलिक ने इस बार नीतू के उभारो को प्यार से सहलाते हुए कहा ... चल अब तू बता ..... क्या बात है ?
नीतू को भी अब अपने नितम्बो में गड़े मलिक के लिंग की उत्तेजना का आभास हो रहा था
उसने कहा ................. मुझे आपसे अकेले में बात करनी है ....
नीतू की बात सुन कर मलिक ने ज्योति को कमरे से बाहर जाने का इशारा किया तो वो चुपचाप वहां से चली गयी
अब कमरे में सिर्फ नीतू और मलिक ही थे ... नीतू ने मलिक की छाती के बालो में ऊँगली फेरते हुए कहा
मलिक साहब ..........आज में आपके लिए एक ऐसा तोहफा लायी हूँ जिसको देख कर आप ख़ुशी से उछल पड़ेंगे ...
नीतू की बात सुन कर मलिक ने चोंकते हुए इधर उधर देखा और बोला .......
किधर है मुझे तो कहीं भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा .........
नीतू ने इस बार मुस्कराते हुए कहा ...
१ मिनट रुकिए अभी दिखाती हूँ .........................कहते हुए वो मलिक की गोद से उठी और कमरे के बाहर चली गयी
नीतू जब वापिस आई तो उसके साथ इस बार रीमा थी लेकिन रीमा का चेहरा मलिक को दिखाई नहीं दे रहा था
क्योकि नीतू के कहने पर रीमा में घुंघट से अपने चेहरे को छुपा लिए था ,,
रीमा का हाथ पकड़ कर नीतू उसको मालिक के पास ले गयी और बोली
जरा गौर से देखिये मलिक साहब .... कितना नशीला हुस्न लायी हूँ में आपके लिए ,,,
मलिक को रीमा का चेहरा तो दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन काले लिबास में छुपा रीमा का हुस्न मलिक पर
बिजलिया गिरा रहा था
रीमा को यहाँ लाने से पहले नीतू ने जिस तरह से तैयार किया था वो वाकई में बेमिसाल था
नाभि से नीचे बंधी हुई साड़ी में रीमा के जिस्म के कटाव देख कर मलिक की लार टपकने लगी थी
मलिक से अब रहा नहीं जा रहा था उसने कहा ...........
मुझे तेरा तोहफा पसंद है .............. जल्दी से इसकी कीमत बोल ?

 नीतू ने किसी मंझे हुए सेल्समेन की तरह मालिक को अपने जाल में फंसते देखकर रीमा को उसकी जगह पर
ही खड़े -२ घुमा दिया और उसकी साड़ी को घुटनों तक ऊपर करके बोली ...
बता रही हूँ मलिक साहब इतने उतावले क्यों हो रहे है पहले जरा अच्छी तरह से देखिये तो सही
इसके सांचे में तराशे हुए जिस्म को वो भी ऐसा जैसे मक्खन मलाई से बना हुआ हो ,,
आपने आज तक ऐसा जिस्म देखा बेशक होगा लेकिन इतना में भी दावे से कह सकती हूँ कि भोगा कभी नहीं होगा
मालिक जो पहले से ही रीमा के हुस्न का दवाना बन चूका था वो अब उसकी केले के तने जैसी गोरी चिकनी
पिंडलिया देख बिलकुल पागल हो गया और उत्तेजना में हाँफते हुए बोला ..
तूने सुना नहीं ............इसकी कीमत बोल जल्दी से क्योकि अब मुझसे और रुका नहीं जा रहा अब तो मेरे दिल को
चैन तभी मिलेगा जब में इस कयामत को अपने बिस्तर की रानी बना लूँगा ....
नीतू ने मलिक को गौर से देखते हुए कहा ....
वैसे तो ऐसे नायाब हुस्न की कोई भी कीमत लगाना बेईमानी होगी क्योकि ऐसा हुस्न मेरी नजर में अनमोल है
फिर भी अगर आप इस रसीले योवन का रसपान करना चाहते है तो आपको नजराने में सिर्फ २ लाख देने होंगे
और उन २ लाख रुपयों के एवज में ये सिर्फ एक रात आपके साथ बिताएगी ,,
कहकर नीतू मलिक को मुस्कराती हुई देखने लगी ...
और उधर २ लाख का नाम सुनते ही मलिक के दिमाग से जैसे रीमा के हुस्न के नशे के साथ साथ शराब का नशा भी
ऐसे काफूर हो गया ........जैसे गधे के सर से सींग गायब होते है ........... वो झल्लाता हुआ बोला
पागल हो गयी है क्या तू ... साली रंडी ....२ लाख का मतलब भी जानती है तू ........या ऐसे ही भोंक दिया तूने ....
हालाँकि मलिक ने जिस लहजे में नीतू से ये सब कहा था वो बेहद घटिया था लेकिन फिर भी नीतू ने
बिलकुल संयत लहजे में कहा ......जानती हूँ मलिक साहब और ये भी जानती हूँ की हीरे की कदर सिर्फ जोहरी ही करना
जानता है इसलिए इस हीरे को में सबसे पहले आपके ही पास लायी थी लेकिन आपकी बातो से मुझे अब लग रहा है कि
आपकी परख भी अब उम्र के साथ साथ कमजोर पड़ने लगी है ,,
मलिक को नीतू की ये बात जैसे किसी शूल की तरह से चुभ गयी थी .... उसने तिलमिलाते हुए कहा ...
साली २ टके की औरत अपनी औकात मत भूल तू अच्छी तरह से इस बात को जानती है की में अपने लंड की
ख़ुशी के लिए २ लाख तो क्या १० लाख भी खर्च कर सकता हूँ ....पहले इसकी शक्ल तो दिखा मुझे फिर में भी
तुझे बताता हूँ ये कितनी कीमत का माल है
नीतू को अब लगने लगा था की लोहा पूरी तरह से गरम हो चूका है इसलिए उसने चोट मारने में देरी न करते हुए
रीमा का घूँघट उठा कर उसे मलिक के बिलकुल ठीक सामने खड़ा कर किया ....
मलिक कुछ पल के लिए टकटकी लगाये रीमा के चेहरे को देखता ही रहा फिर कुछ सोचते हुए बोला
ये तो वही है न जो तेरे पड़ोस में रहती है ...... जिसका मर्द अपाहिज है .... वो ही है न ये ?
नीतू ने मुस्कराते हुए कहा ....
जी हां ये बिलकुल ये वही है जिसको आपने उस दिन मेरे घर देखा पर था फिर तो आपको ये भी याद आगया होगा
की इसको देखकर आपको क्या हुआ था ..... कितने बेचेन हो उठे थे आप उस वक़्त इसको हासिल करने के लिए ....
मलिक को जैसे कुछ याद आया हो वो खुश होता हुआ बोला ....
हां--हां सब याद है मुझे लेकिन उस दिन तो तू इसकी शान में बड़े कसीदे पड़ रही थी की ये तो बड़ी ही शरीफ और खुद्दार किस्म की औरत है
इस काम के लिए तो ये किसी भी कीमत पर राज़ी नहीं होगी ....और आज ये अपनी बोली लगवाने खुद चलकर तेरे साथ आई है
कुछ समझ नहीं आया मुझे................. आखिर माजरा क्या है ?
मलिक के इस सवाल ने रीमा के साथ साथ नीतू की भी अंतरात्मा को बुरी तरह से झिंझोड़ कर रख दिया था
क्योकि रीमा के साथ साथ नीतू भी इस बात को अच्छी तरह से जानती थी की किस्मत ने रीमा को किस मोड़ पर लाकर
खड़ा कर दिया है एक ऐसे मोड़ पर जहाँ उसके पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा है आखिर कैसा अनोखा मोड़ था ये ............
खैर वक़्त का तकाजा था की जवाब देना नीतू की मजबूरी थी इसलिए उसने कहा ...
हाँ मलिक साहब मेने उस दिन आपसे जो कहा था वो भी उतना ही सच था जितना इस वक़्त ये सच है की ये खुद
आपके सामने खड़ी अपनी अस्मत का सौदा होते देख रही है ....
मलिक ने अपनी पलकों को झपकाते हुए कहा ...... सीधी-२ बात बता मुझे ...... ये सब चुतियापा मुझे समझ नहीं आता
मुझे तो सिर्फ ये बता की आज इसको यहाँ तक आने के लिए किसी ने मजबूर किया है या ये खुद अपनी मर्जी से आई है ?
नीतू ने कहा .... हाँ इसको मजबूर किया है वक़्त ने ... इसके हालातो ने ........ और ये अपने आप यहाँ आई है ,,
मलिक को जैसे कुछ कुछ समझ आने लगा हो उसने कहा ..... हम्म तो मुद्दा ये है की इसको पैसे की जरूरत है ...
लेकिन पैसे की जरुरत तो इसको उस वक़्त भी थी ....तूने बताया था की ये नौकरी के लिए धक्के खाती फिर रही है ..
उस वक़्त जब ये सती सावित्री थी तो फिर आज अचानक इसने अपना इरादा कैसे बदल दिया ?
नीतू ने इस बार बिलकुल सपाट लहजे में कहा ....
मलिक साहब दरअसल बात ये है की इसके पति की तबियत अचानक बहुत ज्यादा बिगड़ गयी है और उसके ऑपरेशन के लिए
इसको २ लाख रूपये की जरुरत है, इस बेचारी ने हालाँकि पैसो का इंतजाम करने के लिए बहुत कोशिश करी लेकिन कर नहीं पायी
इसलिए जब इसके पास और कोई चारा नहीं बचा तो बहुत मजबूर होकर इसने ये फैसला लिया है ,,कहते -२ नीतू की आवाज भर्राने लगी ,,
लेकिन मलिक जैसे कमीने इंसान के लिए किसी की मज़बूरी या दर्द कोई मायने नहीं रखता था उसको तो जैसे इन सब बातो से
अनजाने में ही फायदे का सौदा दिखाई दे रहा था उसने रीमा की मज़बूरी का फायदा उठाते हुए कहा ....
ह्म्म्म तो ये है असल जड़ की बात .... चल कोई बात नहीं कैसे भी सही अब जब ये मेरे पास आई ही है तो में इसको निराश नहीं करूँगा
लेकिन इसको २ लाख रूपये के बदले मेरे पास पुरे ७ दिनों तक रहना पड़ेगा और पुरे तन मन से मेरी सेवा करनी पड़ेगी ....
अगर मंजूर है तो बोलो .....





FUN-MAZA-MASTI Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator