FUN-MAZA-MASTI
चूत की कुलबुलाहट--3
चमेली को हटाते हुए ससुर ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, अपनी टांगें चौड़ी करते हुए चमेली बोली- तुम बाप बेटे ने तो मेरी चूत का भोंसड़ा कर दिया है, अगली बार से हज़ार रुपए लूँगी ! कल साले राजू ने खेतों में पकड़ लिया था, उसने और चंपा के आदमी ने मेरी 1 घंटे तक बजाई। अभी तक दुःख रही है।ससुर ने चंपा की चूत में उंगली घुसा दी और बोला- नाराज़ क्यों होती है अगली बार से हज़ार पक्के! कुतिया तेरी जवानी इतनी मदमस्त है, कोई चोदे बिना रह ही नहीं सकता।ससुरे का लौड़ा चमेली की चूत में घुस चुका था, उसकी चूचियाँ जोरों से हिल रही थीं, ससुर धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। शहर में 50 का आदमी ठीक से चल नहीं पाता, यहाँ यह कुत्ता बांका जवान बना हुआ था।इसके बाद ससुर ने चमेली को अपनी गोद में बिठा लिया और पीछे से लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया अंदर घुसा हुआ लंड और चमेली की मसलती हुई चूचियों ने मेरी चूत में आग लगा दी थी। चमेली चूचियाँ दबवाती हुई उह आह करते हुए चुदवा रही थी।चुदाई चरम सीमा पर थी।कुछ देर बाद ससुर ने अपना वीर्य त्याग दिया और उठते हुए बोला- थोड़ी तेल मालिश कर दे। आज तो मज़ाआ गया। जब से बहू को नंगी नहाते हुए देखा है, लौड़ा तब से टनक भी बहुत रहा था। साली रसीली की क्या मस्त गदराई हुई मांसल चूचियाँ हैं।चमेली ससुर के लौड़े और जाँघों की तेल मालिश कर रही थी। चमेली ससुर के लौड़े को मुट्ठी में भर कर मस्ती से उसकी मालिश में लगी हुई थी। दोनों नंगे बैठे हुए थे ससुरजी उसकी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं एकदम से अंदर घुस गई, दोनों हड़बड़ा कर हट गए। ससुर का लौड़ा पूरा तना हुआ था, मैं कुटिलमुस्कराहट देती हुई बाहर आ गई थी।कुछ देर बाद चमेली बाहर आ गई और बोली- दीदी, किसी को बताना नहीं, बाबूजी का मन था तो मालिश कर रहीथी।मैंने उसकी चूतड़ों पर हाथ फेरतेहुए कहा- मैंने सब देख लिया था। लेकिन तुम घबराओ नहीं और यह ले 1000 रुपए, तुझे एक छोटा सा काम बाद में बताऊँगी, कर देना, अब जब तेरा मन हो, तब ससुर जी से चुदवा लेना, मैं तो तेरी सहेली हूँ मैंकिसी से कुछ नहीं कहूँगी। अब तू जा मौज कर।इसके बाद मैं ससुर के कमरे में आगई, ससुर झेंपते हुए से कुरता पहन रहे थे, नज़रें नीची करके बोले- रसीली किसी को बताना नहीं,मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ।कामुक सी अंगड़ाई लेते हुए मैंनेकहा- पापा जी, आप बेकार ही परेशान हो रहे हैं।मैंने नादान बनते हुए 50 साल के ससुर से झूठ बोला- पापा जी मुझे पता है, आप तो अभी सिर्फ 40 के आस पास ही हैं और मम्मीजी आप से 10 साल बड़ी हैं। इस उम्र में तो मन करेगा ही। जब भी घर में हम लोग अकेले हों आप चमेली के साथ जो करना चाहें वो कर लिया करिए, मैंकिसी से नहीं कहूँगी।सुबह चमेली के आने के बाद मेरी सास बाहर भैंसों का काम करने जाती थीं तो 1 घंटे बाद ही वापस आती थीं। अगले दिन मेरी सहमति से चमेली ससुर की मालिश रोज़ इस एक घंटे के बीच करने लगी और सोमवार को जब सासुजी दो घंटे को मंदिर जाती थीं। ससुर साहब लौड़ेसे चमेली की चूत की मालिश कर देते थे।ससुर को अब रोज़ मालिश की आदत पड़ गई थी। यह सब मेरे सहयोग से हो रहा था ! एक सोमवार मैं ससुर के पास लो-कटब्लाउज और पेटीकोट में गई और बोली- पापाजी अगर मेरी बहन की शादी विनोद से हो जाए तो हमारा घर और सुंदर हो जाएगा।ससुर बोले- तेरी सास नहीं मानेगी। मैंने अपनी नाभि पर उंगली घुमाते हुए कहा- पापाजी, कभी बात चले सासू माँ से तो आप मेरी बहन की तारीफ़ कर देना। आपको तो शादी में कोई दिक्कत नहीं है न?ससुर जी का चमेली को चोदने का समय हो रहा था, ससुर बोल पड़े- नहीं नहीं मुझे कोई दिक्कत नहींहै, मैं तेरी हर तरह से मदद कर दूंगा। तू जरा चमेली को भेज दे, कुछ काम है उससे !मैंने कहा- अभी भेजती हूँ।मैं मुस्करा कर वहाँ से चली आई।मेरी सास कभी कभी मेरे देवर विनोद का कमरा खुद ही साफ़ कर देती थीं। एक दिन वो कमरा साफ़ करने जा रही थीं, तब मैंने अपनी बहन रजनी की वो फोटो जिसके पीछे विनोद ने आई लव यू विनोद लिखा था, पलंग के नीचे रख दी और दरवाज़े की ओट से देखने लगी।जैसे ही सास ने पलंग का गद्दा उठाया नीचे मेरी बहन की फोटो रखी थी, फोटो उठाकर वो थोड़ी देर देखती रहीं। मैं पीछे से उनके पास पहुँच गई और अनजान बनते हुए बोली- अरे, यह रजनी की फोटो कहाँ से आई?मैंने मम्मीजी के हाथों से फोटोले ली, उसका पीछे का हिस्सा मेरीतरफ था उस पर लिखा हुआ था आई लव यू विनोद।मम्मीजी की तरफ मुड़ते हुए मैंनेपीछे का हिस्सा दिखाया और बोली- मम्मीजी, विनोद तो मेरी बहन से प्यार करने लगा है, दोनों की शादी हो जाए तो कैसा रहे?तभी मेरा ससुरा भी उधर से निकला,मैंने लंबा सा घूँघट डाल लिया और बोली- पापाजी, विनोद मेरी बहनसे प्यार करते हैं, देखिये !और मैंने फोटो उनकी तरफ बढ़ा दी।ससुर बोले- अरे यह तो अच्छी बात है, दोनों बहनें एक घर में आ जाएँगी तो अच्छा रहेगा।सास बोली- अभी तू जाकर काम कर ! बाद में बात करना इस बारे में !फोटो उठाकर मैंने अपने पास रख ली।अगले दिन रविवार था, मैं सास के पास बैठी थी, देवर उधर से निकला, मैंने पास बुलाकर पूछा- भैयाजी आपको रजनी पसंद है ना, आप उससे शादी करना चाहते हैं ना?देवर सास का बिगड़ा मुँह देखकर बोलने से डर रहा था। मैंने वो फोटो निकालकर उसे दिखाई और बोली- यह आपने ही तो लिखा है। देवर झेंपते हुए बोला- हाँ मैंने ही लिखा है।सासू मुँह बनाते हुए बोली- देख रसीली, तेरी शादी में तो लड़की वालों का खर्च भी हमने उठाया था,अब विनोद से बहन की शादी करनी हैतो अपने बाप से कहना दस लाख रु दहेज़ के देने होंगे।मैं बोली- इतना तो मेरे पापा नहीं दे पाएंगे।सासु बोली- तो मैं अपने विनोद कीशादी तेरी बहन से नहीं करती।शाम को थोड़ी देर के लिए देवर अकेला था, वो मेरे सामने थोड़ा झेंप रहा था, मैंने खुद आगे बढ़करउसको कस कर चिपकाया और उसके होंटों में होंट डालकर एक लम्बाचुम्बन लिया और बोली- सेक्स का मन कर रहा है?देवर बोला- मन तो बहुत कर रहा है लेकिन कैसे करेंगे?मैंने कहा- तुम्हें मेरी दो बातें माननी पड़ेगी।देवर बोला- क्या?मैंने कहा- पहली, तुम्हें 30 दिनतक दाढ़ी नहीं बनानी है, और दूसरा, काम 20 दिन बाद मैं तुम्हें बताऊँगी।देवर बोला- मंजूर है।मैंने कहा- आज तेरे भैया तो ट्रैक्टर का सामान लेने पटना गएहैं, कल आएँगे, रात को एक बजे छुपकर कमरे में आ जाना, अच्छी तरह से चुदाई का खेल खेले बहुत दिन हो गए हैं।देवर रात को छुपते हुए मेरे कमरे में आ गया, मैंने उसे अपनी बाहों में भरते हुए कहा- तुमने अपनी माँ के सामने यह बात मान लीकि तुम रजनी से प्यार करते हो। मैं बहुत खुश हूँ, आज मैं पूरी रात तुम्हे मज़ा दूंगी।"भाभी, माँ ने तो शादी के लिए मनाकर दिया है?"देवर का पजामा नीचे सरकाते हुए बोली- उसकी चिंता न करो, तुम्हारी शादी रजनी से ही होगी।देखो तुम नर्वस हो रहे हो, तुम्हारा लंड पूरा मूंगफली हो रहा है। लाओ इसे पहले चूस कर कड़ककरती हूँ !मैंने अपना ब्लाउज उतारा और इसके बाद देवर के लंड का टोपा बाहर निकाल कर 3-4 बार उस पर अपनी जीभ फिराई। लंड ने हिचकोलेमारने शुरू कर दिया था, अब उसे मैंने अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर में ही कड़क लम्बा लंड मेरे सामने था। देवर ने इस बीच मेरे हॉर्न बजा बजा करचूचियाँ गरम कर दीं थीं। देवर ने मुझे गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा पेटीकोट खींच कर नीचे उतार दिया।देवर अपने हाथ से मेरी चूत सहलाते हुए बोला- रसीली भाभी, चूत तो आपकी बहुत चिकनी हो रही है?मैंने देवर को भींचते हुए कहा- तुम्हारे लिए की है, एक बार चूस कर देखो ना बड़ा मज़ा आता है !हम दोनों 69 में लेट गए, देवर ने चूत के दाने पर सीधा मुँह रखा औरउसे चूसने लगा।"आह, कितना मज़ा आ रहा है !" मैंने भी उसका लंड मुँह में डाल लिया। गज़ब का मज़ा आ रहा था, देवर की जीभमेरी चूत की फलकों में घुस गई थी।कुछ देर तक हम दोनों ने एक दूसरेके गुप्त अंगों को चूसा इसके बाद मैंने देवर को हटा कर अपने चूतड़ों के नीचे मोटा तकिया रखा और उसकी पप्पी लेते हुए बोली- अबअपनी प्यारी कुतिया भाभी को चोददो !देवर ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और उसे धीरे से अंदर घुसा दिया और मेरे ऊपर गिरते हुए पूरा अंदर तक पेल दिया।आह, बड़ा मज़ा आ रहा था। सुबह पति ने चोदा था और अब देवर पेल रहा था, सच मेरी चूत को लौड़े खाने में बड़ा मज़ा आता है। हर लंड से चुदने का एक अलग ही मज़ा होता है।देवर पूरा मज़ा दे रहा था, उसने दनादन मेरी चूत पेलनी शुरू कर दी।आह... आ... ओह... उह... उह... की आवाज़ों से कमरा गूंजने लगा।मैं देवर के गालों की पप्पी लेते हुए बोली- थोड़ा लंड को चूत में आराम करने दो, इतना पेलोगे तो थक जाओगे !देवर ने पेलना रोक दिया, अंदर चूत में मोटा लंड घुसाकर मेरी चुचूकों को चूसने लगा। मुझे बड़ाआनन्द आ रहा था।कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और अपने वीर्यकि मेरी चूत की कन्दरा में भर दिया।अब हम दोनों चिपक कर बातें करने लगे, देवर ने बातें करते करते मेरी गांड में उंगली घुसा दी और भोले बनते हुए पूछा- भाभी, गांड में भी लंड डाला जाता है ना?मैंने उसके गाल नोचते हुए कहा- जहाँ छेद हो, लंड तो वहाँ घुस ही सकता है, लेकिन जो मज़ा चूत चोदनेका है, वो किसी और जगह का नहीं है। तेरे भैया गांड चोदते हैं, इसी कारण जल्दी झड़ जाते हैं। गांड कभी मत चोदना, लंड कमजोर होजाता है। दुनिया में जानवर तक गांड नहीं चोदते।मैं नहीं चाहती थी कि शादी के बाद देवर मेरी बहन की गांड मारे।देवर मेरी बातों से संतुष्ट दिख रहा था। इसके बाद मैंने उसके होंटों पर एक पप्पी ली और बोली- लेकिन पीछे से चूत मारने का मज़ा अलग ही है...
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और अपने वीर्यकि मेरी चूत की कन्दरा में भर दिया।अब हम दोनों चिपक कर बातें करने लगे, देवर ने बातें करते करते मेरी गांड में उंगली घुसा दी और भोले बनते हुए पूछा- भाभी, गांड में भी लंड डाला जाता है ना?मैंने उसके गाल नोचते हुए कहा- जहाँ छेद हो, लंड तो वहाँ घुस ही सकता है, लेकिन जो मज़ा चूत चोदनेका है, वो किसी और जगह का नहीं है। तेरे भैया गांड चोदते हैं, इसी कारण जल्दी झड़ जाते हैं। गांड कभी मत चोदना, लंड कमजोर होजाता है। दुनिया में जानवर तक गांड नहीं चोदते।मैं नहीं चाहती थी कि शादी के बाद देवर मेरी बहन की गांड मारे।देवर मेरी बातों से संतुष्ट दिख रहा था। इसके बाद मैंने उसके होंटों पर एक पप्पी ली और बोली- लेकिन पीछे से चूत मारने का मज़ा अलग ही है... अब जरा पीछे से एक बार मेरी चूत चोद दो।मैं बिस्तर पर चूतड़ उचका कर लेट गई।देवर अब एक अच्छा चोदु हो गया था, उसने बिना देर किये अपना लंडमेरी चूत में घुसा दिया और पीछे से मुझे चोद दिया। एक बार दुबारा मैं वीर्य से नहा गई थी।अगले दिन से देवर ने मेरे कहे अनुसार दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी, उसने मुझसे वादा जो किया था। जब 10 दिन बाद दाढ़ी अच्छी बढ़ गई तो सासू ने बहुत कहा लेकिन उसने दाढ़ी नहीं बनाई।20 दिन बाद मैंने काम वाली बाई चमेली को 1000 रु दिए और उसके कान में कुछ बातें कहीं।अगले दिन चमेली मेरे सामने कुछ कागज सासू जी को दिखाती हुई बोली- माताजी, ये कागज मुझे विनोद भैया के कमरे से मिले हैं। उन कागजों पर मैंने जान कर खून से 'आई लव यू रजनी !' 5-6 बार अपने हाथों से लिख कर चमेली को दे दिया था।चमेली बोली- माताजी, भैया की हालत ठीक नहीं है। रोज़ शाम को 3-4 दिन से वो शाम को जंगल वाले हनुमान जी के मंदिर के पास जो रेलवे लाइन है उस पर खड़े रहते हैं। कल मैं आपको ले चलूँगी।मैंने शाम को देवर से कहा- दूसरीबात कल मैं तुम्हें शाम को 4 बजेजंगल वाले हनुमान जी जो रेलवे लाइन के पास है, वहाँ आकर बताऊँगी, अगर मैं 5 बजे तक नहीं आती हूँ तब तुम वापस आ जाना।अगले दिन चमेली मेरे कहे अनुसारमेरी सास को तीन बजे ही रेलवे लाइन पर ले गई। देवर चार बजे वहाँ पहुँचा और मेरा इंतज़ार करने लगा।यह सब देखकर सास बहुत डर गई कि कहीं विनोद कट के मर न जाए, दौड़ती हुई विनोद के पास गई और हाँफते हुए बोली- तू घर चल ! मैं तेरी शादी रजनी से करा दूँगी, मुझे कुछ नहीं चाहिए।देवर कुछ समझ नहीं पाया, वो सासूके साथ वापस आ गया। घर आते ही सास घबराते हुए बोली- रसीली, मैंशादी के लिए तैयार हूँ, मुझे कुछनहीं चाहिए।मैंने उन्हें पानी दिया और बोली- मम्मीजी, आप पानी पियें, कल हम इस बारे में बात करेंगे।मेरा प्लान सफल हो गया था। मैंने शाम को ही देवर की दाढ़ी बनवा दी।अगले दिन सास से मेरी बात हुई, वो शाम की घटना से डरी हुई थीं, बोली- मुझे पैसे वैसे कुछ नहीं चाहिए। जैसा तुम लोग चाहो, वैसे शादी हो जाएगी।मैंने उनसे कहा- मेरा भाई कमाने लगा है, पापा मम्मी शादी तो अच्छी करेंगे लेकिन नकद पैसा नहीं दे पाएँगे।सब बात हो गई। मैंने दो लाख रुपएअपनी माँ के पास पहले ही रखवा रखे थे। इसलिए धूमधाम से शादी में कोई दिक्कत नहीं थी। अगले दिन मैं अपने मायके जाने के लिए तैयार होने लगी। घर पहुँच कर मैंने सारी बात अपनी माँ को बताई, माँ बहुत खुश हुई। जब मैंने माँ से कहा कि मैं दो लाख की शादी बोल आई हूँ और मैंने उनके पास जो दो लाख रखवाए थे उनसे शादी हो जाएगी।माँ बोली- लेकिन वो तो खर्च हो गए।यह सुनकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन सरक गई, मैंने चिल्लाते हुए कहा- इतने पैसे कहाँ गए?माँ बोली- बेटी 50 हज़ार तो तेरे भाई को दिल्ली में कंप्यूटर कोर्स कराने में लग गए, उसके बादही उसकी नौकरी लग पाई थी। पचास...एक बार...माँ कुछ हिचकिचा रही थीं, मैंने कहा- बोलो जल्दी बोलो !माँ बोली- एक बार तेरा भाई एक रंडी के साथ होटल में पकड़ा गया था, 50 हज़ार उसे छुड़ाने में लग गए और कुछ तेरे पापा ने घर में खर्च कर दिए, थोड़े से बैंक में हो सकते हैं।मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, बैंककी पासबुक लेकर मैं भागकर बैंक गई। बैंक में 20 हज़ार थे। एक लाखके अलावा हर हफ्ते कभी 10 कभी 5 हज़ार निकाले गए थे। पासबुक मेरेऔर पापा के नाम थी। मन ही मन मैं बुदबुदा रही थी- साली बड़ी बेटी तो गरीबी के चक्कर में बुड्ढे से ब्याही गई, छोटी का भी यही हाल न हो। पैसे की इज्जत करना हीनहीं जानते तभी तो गरीबी सर चढ़कर बोल रही है।20 हज़ार रुपए मैंने निकाल लिए और वापस घर आ गई।शाम को ऊपर का कमरा साफ़ कर रही थी तो मैंने देखा वहाँ 3-4 विदेशी शराब की बोतलें पड़ी थीं, सबका MRP 5-6 हज़ार के बीच था। मुझे समझ में आ गया कि बाप ने पैसे विदेशी शराब में उड़ा दिए। अपने पर भी गुस्सा आ रहा था कि पैसे घर में क्यों रखवा दिए थे। भाई को फ़ोन किया- कुछ पैसे दे दे बहन की शादी के लिए !उसका जवाब ही उल्टा था- दीदी मैंकहाँ से दे दूँ? मुझे तो दस हज़ार भी नहीं पड़ते नौकरी में !मुझे गुस्सा आ रहा था, साले रंडीबजाने के लिए कम नहीं पड़ते, घर में देने के लिए कम पड़ रहे हैं।मैं बड़ी दुविधा में पड़ गई थी कि दो लाख कहाँ से आएँगे। घर का हालमैंने देख लिया था। मुझे पता था कि अगर मेरे देवर से बहन की शादीनहीं हो पाई तो उसकी आगे की जिंदगी ख़राब है।अपनी बहन की शादी कराने के लिए मैं तो कोठे पर बैठने को भी तैयार थी लेकिन 5-7 बार चुदने केकौन दो लाख दे देता, ऊपर से मेरा घर टूटने का खतरा और था। किसी तरह से मैंने इन 20 हज़ार रुपयों में बहन की सगाई की और ससुराल वापस आ गई।ससुराल में अगले दिन जब चमेली ससुर की मालिश कर रही थी तब मेरेदिमाग में एक प्लान आया। कुछ दिन बाद मेरी सास को अपने भाई केघर 2-3 दिन को जाना था। मैंने चमेली को चार सौ रुपए दिए और उससे कहा- तू 7 दिन की छुट्टी मार दे।अगले दिन से चमेली छुट्टी पर थी,ससुर 3-4 दिन बाद सोमवार को बिनामालिश के परेशान दिख रहे थे, सासघर में नहीं थीं। मैं उन्हें अर्धनग्न ब्लाउज और पेटीकोट में चाय देने गई, मैंने पूछा- पापा जी आपकी तबीयत तो ठीक है? शरीर में कुछ दर्द हो रहा है क्या?ससुर खी खी करते हुए बोले- हाँ दर्द तो हो रहा है, मालिश की जो आदत पड़ गई है। मैं अपनी नाभि पर उंगली घुमाते हुए बोली- कल मम्मीजी 3 दिन के लिए मामा के यहाँ जा रही हैं अगर आप बुरा न मानें तो कल से मैं आपकी मालिश कर दूंगी लेकिन आप किसी से भूलकर भी यह मत बताना।इतना सुनते ही ससुर के लंड में हलचल हुई और वो बोल उठे- तेरी मर्ज़ी ! मैं किसी को नहीं बताऊँगा।अगले दिन सास सुबह निकल गई, मैं और ससुर घर में अकेले थे।सुबह को ससुर बैचेनी से इधर उधर टहल रहे थे। मैं सीधी सी बनी हुईअपना काम कर रही थी। थोड़ी देर बाद उनसे रहा नहीं गया और बोल पड़े- रसीली तू कल कुछ कह रही थी !मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या कह रही थी?ससुर नज़रें नीची करके बोले- वो तू मालिश के लिए कह रही थी !मैं सर पर झटका देती हुई बोली- ओह पापाजी, मैं तो भूल ही गई थी, आप कमरे में पहुँचें, मैं आ रही हूँ !थोड़ी देर बाद मैं ससुर के कमरे में आ गई। ससुर जी कुछ शरमा भी रहे थे, मैंने कहा- पापाजी, हम औरआप अकेले हैं, आप कपड़े उतार दीजिये।ससुर ने अपनी धोती कुरता उतार दिया देसी चड्डी मेंउनका तना हुआ लंड साफ दिख रहा था। वो पेट के बल लेट गए, मैंने पीछे से पीठ पर उनके धीरे धीरे मालिश शुरू कर दी। मालिश करते करते मैं बोली- पापाजी मैं साड़ी उतार देती हूँ, वर्ना गन्दी हो जाएगी।10 मिनट बाद मैंने उठकर ससुर के सामने अपनी साड़ी उतार दी और पेटीकोट जानबूझ कर काफी नीचे बाँध लिया मेरा चिकना पेट और गर्भ प्रदेश पापाजी का लंड गरम किये हुए था।इसके बाद अंगड़ाई लेकर मैं बोली- अब मैं आपके पेट और सीने पर मालिश कर देती हूँ।मैं पलंग पर बैठ गई और बोली- आप शर्म छोड़कर सीधे लेट जाओ।ससुर जी लेट गए, उनके सीने पे दोनों हाथों से मैंने निप्पल नोचते हुए मालिश शुरू की और पूरे बदन पर 5 मिनट तक हाथ फिराया। लंड उनकी अंडी में पूराटनक रहा था, वो मेरी चूचियों के उभार पर अनजान बन कर हाथ लगा देते थे, मेरा हाथ भी एक दो बार उनके तने हुए लंड से टकरा चुका था।मालिश करने में मेरे ब्लाउज के बटन खुल गए थे सिर्फ दो बटन लगे हुए थे नीचे कुछ पहने नहीं थी बार बार नंगे दूध हिल रहे थे और बुड्ढे के बदन में आग लगा रहे थे, ससुर से रहा नहीं गया, उन्होंने कस कर मेरी चूचियाँ दोनों हाथों से दबा दीं।मैंने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा- पापाजी, गंदी बात !ससुर झेंप गए।कुछ देर बाद मैंने ससुर का कच्छा ऊपर उठाते हुए जाँघों की मालिश शरू कर दी। हाथ जब भी उनकीजंघा पर पहुँचता उनके टट्टों औरलंड का स्पर्श होता था। मेरी बुर का बुरा हाल हो रहा था, मन कररहा था कि सब कुछ भूल कर लंड चूत में घुसवा लूँ। लेकिन इस चूत के खेल में जल्दबाजी करना मुझे सहीनहीं लगा।ससुरे की तारीफ़ थी, 50 का हो रहा था लेकिन इतनी गरम मालिश के बाद भी लंड पूरा हथोड़े की तरह तना हुआ था। मालिश करने में अब मेरे ब्लाउज के सारे बटन खुल गए थे औरमेरी दोनों चूचियाँ बाहर निकल आइ थीं।इसके बाद मैं उठकर बोली- पापाजी आपने कच्छा नाभि के बहुत ऊपर बाँध रखा है अगर आप बुरा नहीं मानें तो तो जो थोड़ा पेट बचा है उस पर भी मालिश कर दूँ।ससुर बोले- जल्दी से कर दे ! बड़ा मज़ा आ रहा है।मैंने उनके कच्छे का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ थोड़ा सा अंदर घुसा दिया और नाभि के चारों तरफ मालिश शुरू कर दी। बार बार मेरे हाथ उनके टनटन करते लंड के टोपे से टकरा रहा था
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चूत की कुलबुलाहट--3
चमेली को हटाते हुए ससुर ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, अपनी टांगें चौड़ी करते हुए चमेली बोली- तुम बाप बेटे ने तो मेरी चूत का भोंसड़ा कर दिया है, अगली बार से हज़ार रुपए लूँगी ! कल साले राजू ने खेतों में पकड़ लिया था, उसने और चंपा के आदमी ने मेरी 1 घंटे तक बजाई। अभी तक दुःख रही है।ससुर ने चंपा की चूत में उंगली घुसा दी और बोला- नाराज़ क्यों होती है अगली बार से हज़ार पक्के! कुतिया तेरी जवानी इतनी मदमस्त है, कोई चोदे बिना रह ही नहीं सकता।ससुरे का लौड़ा चमेली की चूत में घुस चुका था, उसकी चूचियाँ जोरों से हिल रही थीं, ससुर धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। शहर में 50 का आदमी ठीक से चल नहीं पाता, यहाँ यह कुत्ता बांका जवान बना हुआ था।इसके बाद ससुर ने चमेली को अपनी गोद में बिठा लिया और पीछे से लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया अंदर घुसा हुआ लंड और चमेली की मसलती हुई चूचियों ने मेरी चूत में आग लगा दी थी। चमेली चूचियाँ दबवाती हुई उह आह करते हुए चुदवा रही थी।चुदाई चरम सीमा पर थी।कुछ देर बाद ससुर ने अपना वीर्य त्याग दिया और उठते हुए बोला- थोड़ी तेल मालिश कर दे। आज तो मज़ाआ गया। जब से बहू को नंगी नहाते हुए देखा है, लौड़ा तब से टनक भी बहुत रहा था। साली रसीली की क्या मस्त गदराई हुई मांसल चूचियाँ हैं।चमेली ससुर के लौड़े और जाँघों की तेल मालिश कर रही थी। चमेली ससुर के लौड़े को मुट्ठी में भर कर मस्ती से उसकी मालिश में लगी हुई थी। दोनों नंगे बैठे हुए थे ससुरजी उसकी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं एकदम से अंदर घुस गई, दोनों हड़बड़ा कर हट गए। ससुर का लौड़ा पूरा तना हुआ था, मैं कुटिलमुस्कराहट देती हुई बाहर आ गई थी।कुछ देर बाद चमेली बाहर आ गई और बोली- दीदी, किसी को बताना नहीं, बाबूजी का मन था तो मालिश कर रहीथी।मैंने उसकी चूतड़ों पर हाथ फेरतेहुए कहा- मैंने सब देख लिया था। लेकिन तुम घबराओ नहीं और यह ले 1000 रुपए, तुझे एक छोटा सा काम बाद में बताऊँगी, कर देना, अब जब तेरा मन हो, तब ससुर जी से चुदवा लेना, मैं तो तेरी सहेली हूँ मैंकिसी से कुछ नहीं कहूँगी। अब तू जा मौज कर।इसके बाद मैं ससुर के कमरे में आगई, ससुर झेंपते हुए से कुरता पहन रहे थे, नज़रें नीची करके बोले- रसीली किसी को बताना नहीं,मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ।कामुक सी अंगड़ाई लेते हुए मैंनेकहा- पापा जी, आप बेकार ही परेशान हो रहे हैं।मैंने नादान बनते हुए 50 साल के ससुर से झूठ बोला- पापा जी मुझे पता है, आप तो अभी सिर्फ 40 के आस पास ही हैं और मम्मीजी आप से 10 साल बड़ी हैं। इस उम्र में तो मन करेगा ही। जब भी घर में हम लोग अकेले हों आप चमेली के साथ जो करना चाहें वो कर लिया करिए, मैंकिसी से नहीं कहूँगी।सुबह चमेली के आने के बाद मेरी सास बाहर भैंसों का काम करने जाती थीं तो 1 घंटे बाद ही वापस आती थीं। अगले दिन मेरी सहमति से चमेली ससुर की मालिश रोज़ इस एक घंटे के बीच करने लगी और सोमवार को जब सासुजी दो घंटे को मंदिर जाती थीं। ससुर साहब लौड़ेसे चमेली की चूत की मालिश कर देते थे।ससुर को अब रोज़ मालिश की आदत पड़ गई थी। यह सब मेरे सहयोग से हो रहा था ! एक सोमवार मैं ससुर के पास लो-कटब्लाउज और पेटीकोट में गई और बोली- पापाजी अगर मेरी बहन की शादी विनोद से हो जाए तो हमारा घर और सुंदर हो जाएगा।ससुर बोले- तेरी सास नहीं मानेगी। मैंने अपनी नाभि पर उंगली घुमाते हुए कहा- पापाजी, कभी बात चले सासू माँ से तो आप मेरी बहन की तारीफ़ कर देना। आपको तो शादी में कोई दिक्कत नहीं है न?ससुर जी का चमेली को चोदने का समय हो रहा था, ससुर बोल पड़े- नहीं नहीं मुझे कोई दिक्कत नहींहै, मैं तेरी हर तरह से मदद कर दूंगा। तू जरा चमेली को भेज दे, कुछ काम है उससे !मैंने कहा- अभी भेजती हूँ।मैं मुस्करा कर वहाँ से चली आई।मेरी सास कभी कभी मेरे देवर विनोद का कमरा खुद ही साफ़ कर देती थीं। एक दिन वो कमरा साफ़ करने जा रही थीं, तब मैंने अपनी बहन रजनी की वो फोटो जिसके पीछे विनोद ने आई लव यू विनोद लिखा था, पलंग के नीचे रख दी और दरवाज़े की ओट से देखने लगी।जैसे ही सास ने पलंग का गद्दा उठाया नीचे मेरी बहन की फोटो रखी थी, फोटो उठाकर वो थोड़ी देर देखती रहीं। मैं पीछे से उनके पास पहुँच गई और अनजान बनते हुए बोली- अरे, यह रजनी की फोटो कहाँ से आई?मैंने मम्मीजी के हाथों से फोटोले ली, उसका पीछे का हिस्सा मेरीतरफ था उस पर लिखा हुआ था आई लव यू विनोद।मम्मीजी की तरफ मुड़ते हुए मैंनेपीछे का हिस्सा दिखाया और बोली- मम्मीजी, विनोद तो मेरी बहन से प्यार करने लगा है, दोनों की शादी हो जाए तो कैसा रहे?तभी मेरा ससुरा भी उधर से निकला,मैंने लंबा सा घूँघट डाल लिया और बोली- पापाजी, विनोद मेरी बहनसे प्यार करते हैं, देखिये !और मैंने फोटो उनकी तरफ बढ़ा दी।ससुर बोले- अरे यह तो अच्छी बात है, दोनों बहनें एक घर में आ जाएँगी तो अच्छा रहेगा।सास बोली- अभी तू जाकर काम कर ! बाद में बात करना इस बारे में !फोटो उठाकर मैंने अपने पास रख ली।अगले दिन रविवार था, मैं सास के पास बैठी थी, देवर उधर से निकला, मैंने पास बुलाकर पूछा- भैयाजी आपको रजनी पसंद है ना, आप उससे शादी करना चाहते हैं ना?देवर सास का बिगड़ा मुँह देखकर बोलने से डर रहा था। मैंने वो फोटो निकालकर उसे दिखाई और बोली- यह आपने ही तो लिखा है। देवर झेंपते हुए बोला- हाँ मैंने ही लिखा है।सासू मुँह बनाते हुए बोली- देख रसीली, तेरी शादी में तो लड़की वालों का खर्च भी हमने उठाया था,अब विनोद से बहन की शादी करनी हैतो अपने बाप से कहना दस लाख रु दहेज़ के देने होंगे।मैं बोली- इतना तो मेरे पापा नहीं दे पाएंगे।सासु बोली- तो मैं अपने विनोद कीशादी तेरी बहन से नहीं करती।शाम को थोड़ी देर के लिए देवर अकेला था, वो मेरे सामने थोड़ा झेंप रहा था, मैंने खुद आगे बढ़करउसको कस कर चिपकाया और उसके होंटों में होंट डालकर एक लम्बाचुम्बन लिया और बोली- सेक्स का मन कर रहा है?देवर बोला- मन तो बहुत कर रहा है लेकिन कैसे करेंगे?मैंने कहा- तुम्हें मेरी दो बातें माननी पड़ेगी।देवर बोला- क्या?मैंने कहा- पहली, तुम्हें 30 दिनतक दाढ़ी नहीं बनानी है, और दूसरा, काम 20 दिन बाद मैं तुम्हें बताऊँगी।देवर बोला- मंजूर है।मैंने कहा- आज तेरे भैया तो ट्रैक्टर का सामान लेने पटना गएहैं, कल आएँगे, रात को एक बजे छुपकर कमरे में आ जाना, अच्छी तरह से चुदाई का खेल खेले बहुत दिन हो गए हैं।देवर रात को छुपते हुए मेरे कमरे में आ गया, मैंने उसे अपनी बाहों में भरते हुए कहा- तुमने अपनी माँ के सामने यह बात मान लीकि तुम रजनी से प्यार करते हो। मैं बहुत खुश हूँ, आज मैं पूरी रात तुम्हे मज़ा दूंगी।"भाभी, माँ ने तो शादी के लिए मनाकर दिया है?"देवर का पजामा नीचे सरकाते हुए बोली- उसकी चिंता न करो, तुम्हारी शादी रजनी से ही होगी।देखो तुम नर्वस हो रहे हो, तुम्हारा लंड पूरा मूंगफली हो रहा है। लाओ इसे पहले चूस कर कड़ककरती हूँ !मैंने अपना ब्लाउज उतारा और इसके बाद देवर के लंड का टोपा बाहर निकाल कर 3-4 बार उस पर अपनी जीभ फिराई। लंड ने हिचकोलेमारने शुरू कर दिया था, अब उसे मैंने अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर में ही कड़क लम्बा लंड मेरे सामने था। देवर ने इस बीच मेरे हॉर्न बजा बजा करचूचियाँ गरम कर दीं थीं। देवर ने मुझे गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा पेटीकोट खींच कर नीचे उतार दिया।देवर अपने हाथ से मेरी चूत सहलाते हुए बोला- रसीली भाभी, चूत तो आपकी बहुत चिकनी हो रही है?मैंने देवर को भींचते हुए कहा- तुम्हारे लिए की है, एक बार चूस कर देखो ना बड़ा मज़ा आता है !हम दोनों 69 में लेट गए, देवर ने चूत के दाने पर सीधा मुँह रखा औरउसे चूसने लगा।"आह, कितना मज़ा आ रहा है !" मैंने भी उसका लंड मुँह में डाल लिया। गज़ब का मज़ा आ रहा था, देवर की जीभमेरी चूत की फलकों में घुस गई थी।कुछ देर तक हम दोनों ने एक दूसरेके गुप्त अंगों को चूसा इसके बाद मैंने देवर को हटा कर अपने चूतड़ों के नीचे मोटा तकिया रखा और उसकी पप्पी लेते हुए बोली- अबअपनी प्यारी कुतिया भाभी को चोददो !देवर ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और उसे धीरे से अंदर घुसा दिया और मेरे ऊपर गिरते हुए पूरा अंदर तक पेल दिया।आह, बड़ा मज़ा आ रहा था। सुबह पति ने चोदा था और अब देवर पेल रहा था, सच मेरी चूत को लौड़े खाने में बड़ा मज़ा आता है। हर लंड से चुदने का एक अलग ही मज़ा होता है।देवर पूरा मज़ा दे रहा था, उसने दनादन मेरी चूत पेलनी शुरू कर दी।आह... आ... ओह... उह... उह... की आवाज़ों से कमरा गूंजने लगा।मैं देवर के गालों की पप्पी लेते हुए बोली- थोड़ा लंड को चूत में आराम करने दो, इतना पेलोगे तो थक जाओगे !देवर ने पेलना रोक दिया, अंदर चूत में मोटा लंड घुसाकर मेरी चुचूकों को चूसने लगा। मुझे बड़ाआनन्द आ रहा था।कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और अपने वीर्यकि मेरी चूत की कन्दरा में भर दिया।अब हम दोनों चिपक कर बातें करने लगे, देवर ने बातें करते करते मेरी गांड में उंगली घुसा दी और भोले बनते हुए पूछा- भाभी, गांड में भी लंड डाला जाता है ना?मैंने उसके गाल नोचते हुए कहा- जहाँ छेद हो, लंड तो वहाँ घुस ही सकता है, लेकिन जो मज़ा चूत चोदनेका है, वो किसी और जगह का नहीं है। तेरे भैया गांड चोदते हैं, इसी कारण जल्दी झड़ जाते हैं। गांड कभी मत चोदना, लंड कमजोर होजाता है। दुनिया में जानवर तक गांड नहीं चोदते।मैं नहीं चाहती थी कि शादी के बाद देवर मेरी बहन की गांड मारे।देवर मेरी बातों से संतुष्ट दिख रहा था। इसके बाद मैंने उसके होंटों पर एक पप्पी ली और बोली- लेकिन पीछे से चूत मारने का मज़ा अलग ही है...
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और अपने वीर्यकि मेरी चूत की कन्दरा में भर दिया।अब हम दोनों चिपक कर बातें करने लगे, देवर ने बातें करते करते मेरी गांड में उंगली घुसा दी और भोले बनते हुए पूछा- भाभी, गांड में भी लंड डाला जाता है ना?मैंने उसके गाल नोचते हुए कहा- जहाँ छेद हो, लंड तो वहाँ घुस ही सकता है, लेकिन जो मज़ा चूत चोदनेका है, वो किसी और जगह का नहीं है। तेरे भैया गांड चोदते हैं, इसी कारण जल्दी झड़ जाते हैं। गांड कभी मत चोदना, लंड कमजोर होजाता है। दुनिया में जानवर तक गांड नहीं चोदते।मैं नहीं चाहती थी कि शादी के बाद देवर मेरी बहन की गांड मारे।देवर मेरी बातों से संतुष्ट दिख रहा था। इसके बाद मैंने उसके होंटों पर एक पप्पी ली और बोली- लेकिन पीछे से चूत मारने का मज़ा अलग ही है... अब जरा पीछे से एक बार मेरी चूत चोद दो।मैं बिस्तर पर चूतड़ उचका कर लेट गई।देवर अब एक अच्छा चोदु हो गया था, उसने बिना देर किये अपना लंडमेरी चूत में घुसा दिया और पीछे से मुझे चोद दिया। एक बार दुबारा मैं वीर्य से नहा गई थी।अगले दिन से देवर ने मेरे कहे अनुसार दाढ़ी बढ़ानी शुरू कर दी, उसने मुझसे वादा जो किया था। जब 10 दिन बाद दाढ़ी अच्छी बढ़ गई तो सासू ने बहुत कहा लेकिन उसने दाढ़ी नहीं बनाई।20 दिन बाद मैंने काम वाली बाई चमेली को 1000 रु दिए और उसके कान में कुछ बातें कहीं।अगले दिन चमेली मेरे सामने कुछ कागज सासू जी को दिखाती हुई बोली- माताजी, ये कागज मुझे विनोद भैया के कमरे से मिले हैं। उन कागजों पर मैंने जान कर खून से 'आई लव यू रजनी !' 5-6 बार अपने हाथों से लिख कर चमेली को दे दिया था।चमेली बोली- माताजी, भैया की हालत ठीक नहीं है। रोज़ शाम को 3-4 दिन से वो शाम को जंगल वाले हनुमान जी के मंदिर के पास जो रेलवे लाइन है उस पर खड़े रहते हैं। कल मैं आपको ले चलूँगी।मैंने शाम को देवर से कहा- दूसरीबात कल मैं तुम्हें शाम को 4 बजेजंगल वाले हनुमान जी जो रेलवे लाइन के पास है, वहाँ आकर बताऊँगी, अगर मैं 5 बजे तक नहीं आती हूँ तब तुम वापस आ जाना।अगले दिन चमेली मेरे कहे अनुसारमेरी सास को तीन बजे ही रेलवे लाइन पर ले गई। देवर चार बजे वहाँ पहुँचा और मेरा इंतज़ार करने लगा।यह सब देखकर सास बहुत डर गई कि कहीं विनोद कट के मर न जाए, दौड़ती हुई विनोद के पास गई और हाँफते हुए बोली- तू घर चल ! मैं तेरी शादी रजनी से करा दूँगी, मुझे कुछ नहीं चाहिए।देवर कुछ समझ नहीं पाया, वो सासूके साथ वापस आ गया। घर आते ही सास घबराते हुए बोली- रसीली, मैंशादी के लिए तैयार हूँ, मुझे कुछनहीं चाहिए।मैंने उन्हें पानी दिया और बोली- मम्मीजी, आप पानी पियें, कल हम इस बारे में बात करेंगे।मेरा प्लान सफल हो गया था। मैंने शाम को ही देवर की दाढ़ी बनवा दी।अगले दिन सास से मेरी बात हुई, वो शाम की घटना से डरी हुई थीं, बोली- मुझे पैसे वैसे कुछ नहीं चाहिए। जैसा तुम लोग चाहो, वैसे शादी हो जाएगी।मैंने उनसे कहा- मेरा भाई कमाने लगा है, पापा मम्मी शादी तो अच्छी करेंगे लेकिन नकद पैसा नहीं दे पाएँगे।सब बात हो गई। मैंने दो लाख रुपएअपनी माँ के पास पहले ही रखवा रखे थे। इसलिए धूमधाम से शादी में कोई दिक्कत नहीं थी। अगले दिन मैं अपने मायके जाने के लिए तैयार होने लगी। घर पहुँच कर मैंने सारी बात अपनी माँ को बताई, माँ बहुत खुश हुई। जब मैंने माँ से कहा कि मैं दो लाख की शादी बोल आई हूँ और मैंने उनके पास जो दो लाख रखवाए थे उनसे शादी हो जाएगी।माँ बोली- लेकिन वो तो खर्च हो गए।यह सुनकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन सरक गई, मैंने चिल्लाते हुए कहा- इतने पैसे कहाँ गए?माँ बोली- बेटी 50 हज़ार तो तेरे भाई को दिल्ली में कंप्यूटर कोर्स कराने में लग गए, उसके बादही उसकी नौकरी लग पाई थी। पचास...एक बार...माँ कुछ हिचकिचा रही थीं, मैंने कहा- बोलो जल्दी बोलो !माँ बोली- एक बार तेरा भाई एक रंडी के साथ होटल में पकड़ा गया था, 50 हज़ार उसे छुड़ाने में लग गए और कुछ तेरे पापा ने घर में खर्च कर दिए, थोड़े से बैंक में हो सकते हैं।मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, बैंककी पासबुक लेकर मैं भागकर बैंक गई। बैंक में 20 हज़ार थे। एक लाखके अलावा हर हफ्ते कभी 10 कभी 5 हज़ार निकाले गए थे। पासबुक मेरेऔर पापा के नाम थी। मन ही मन मैं बुदबुदा रही थी- साली बड़ी बेटी तो गरीबी के चक्कर में बुड्ढे से ब्याही गई, छोटी का भी यही हाल न हो। पैसे की इज्जत करना हीनहीं जानते तभी तो गरीबी सर चढ़कर बोल रही है।20 हज़ार रुपए मैंने निकाल लिए और वापस घर आ गई।शाम को ऊपर का कमरा साफ़ कर रही थी तो मैंने देखा वहाँ 3-4 विदेशी शराब की बोतलें पड़ी थीं, सबका MRP 5-6 हज़ार के बीच था। मुझे समझ में आ गया कि बाप ने पैसे विदेशी शराब में उड़ा दिए। अपने पर भी गुस्सा आ रहा था कि पैसे घर में क्यों रखवा दिए थे। भाई को फ़ोन किया- कुछ पैसे दे दे बहन की शादी के लिए !उसका जवाब ही उल्टा था- दीदी मैंकहाँ से दे दूँ? मुझे तो दस हज़ार भी नहीं पड़ते नौकरी में !मुझे गुस्सा आ रहा था, साले रंडीबजाने के लिए कम नहीं पड़ते, घर में देने के लिए कम पड़ रहे हैं।मैं बड़ी दुविधा में पड़ गई थी कि दो लाख कहाँ से आएँगे। घर का हालमैंने देख लिया था। मुझे पता था कि अगर मेरे देवर से बहन की शादीनहीं हो पाई तो उसकी आगे की जिंदगी ख़राब है।अपनी बहन की शादी कराने के लिए मैं तो कोठे पर बैठने को भी तैयार थी लेकिन 5-7 बार चुदने केकौन दो लाख दे देता, ऊपर से मेरा घर टूटने का खतरा और था। किसी तरह से मैंने इन 20 हज़ार रुपयों में बहन की सगाई की और ससुराल वापस आ गई।ससुराल में अगले दिन जब चमेली ससुर की मालिश कर रही थी तब मेरेदिमाग में एक प्लान आया। कुछ दिन बाद मेरी सास को अपने भाई केघर 2-3 दिन को जाना था। मैंने चमेली को चार सौ रुपए दिए और उससे कहा- तू 7 दिन की छुट्टी मार दे।अगले दिन से चमेली छुट्टी पर थी,ससुर 3-4 दिन बाद सोमवार को बिनामालिश के परेशान दिख रहे थे, सासघर में नहीं थीं। मैं उन्हें अर्धनग्न ब्लाउज और पेटीकोट में चाय देने गई, मैंने पूछा- पापा जी आपकी तबीयत तो ठीक है? शरीर में कुछ दर्द हो रहा है क्या?ससुर खी खी करते हुए बोले- हाँ दर्द तो हो रहा है, मालिश की जो आदत पड़ गई है। मैं अपनी नाभि पर उंगली घुमाते हुए बोली- कल मम्मीजी 3 दिन के लिए मामा के यहाँ जा रही हैं अगर आप बुरा न मानें तो कल से मैं आपकी मालिश कर दूंगी लेकिन आप किसी से भूलकर भी यह मत बताना।इतना सुनते ही ससुर के लंड में हलचल हुई और वो बोल उठे- तेरी मर्ज़ी ! मैं किसी को नहीं बताऊँगा।अगले दिन सास सुबह निकल गई, मैं और ससुर घर में अकेले थे।सुबह को ससुर बैचेनी से इधर उधर टहल रहे थे। मैं सीधी सी बनी हुईअपना काम कर रही थी। थोड़ी देर बाद उनसे रहा नहीं गया और बोल पड़े- रसीली तू कल कुछ कह रही थी !मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या कह रही थी?ससुर नज़रें नीची करके बोले- वो तू मालिश के लिए कह रही थी !मैं सर पर झटका देती हुई बोली- ओह पापाजी, मैं तो भूल ही गई थी, आप कमरे में पहुँचें, मैं आ रही हूँ !थोड़ी देर बाद मैं ससुर के कमरे में आ गई। ससुर जी कुछ शरमा भी रहे थे, मैंने कहा- पापाजी, हम औरआप अकेले हैं, आप कपड़े उतार दीजिये।ससुर ने अपनी धोती कुरता उतार दिया देसी चड्डी मेंउनका तना हुआ लंड साफ दिख रहा था। वो पेट के बल लेट गए, मैंने पीछे से पीठ पर उनके धीरे धीरे मालिश शुरू कर दी। मालिश करते करते मैं बोली- पापाजी मैं साड़ी उतार देती हूँ, वर्ना गन्दी हो जाएगी।10 मिनट बाद मैंने उठकर ससुर के सामने अपनी साड़ी उतार दी और पेटीकोट जानबूझ कर काफी नीचे बाँध लिया मेरा चिकना पेट और गर्भ प्रदेश पापाजी का लंड गरम किये हुए था।इसके बाद अंगड़ाई लेकर मैं बोली- अब मैं आपके पेट और सीने पर मालिश कर देती हूँ।मैं पलंग पर बैठ गई और बोली- आप शर्म छोड़कर सीधे लेट जाओ।ससुर जी लेट गए, उनके सीने पे दोनों हाथों से मैंने निप्पल नोचते हुए मालिश शुरू की और पूरे बदन पर 5 मिनट तक हाथ फिराया। लंड उनकी अंडी में पूराटनक रहा था, वो मेरी चूचियों के उभार पर अनजान बन कर हाथ लगा देते थे, मेरा हाथ भी एक दो बार उनके तने हुए लंड से टकरा चुका था।मालिश करने में मेरे ब्लाउज के बटन खुल गए थे सिर्फ दो बटन लगे हुए थे नीचे कुछ पहने नहीं थी बार बार नंगे दूध हिल रहे थे और बुड्ढे के बदन में आग लगा रहे थे, ससुर से रहा नहीं गया, उन्होंने कस कर मेरी चूचियाँ दोनों हाथों से दबा दीं।मैंने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा- पापाजी, गंदी बात !ससुर झेंप गए।कुछ देर बाद मैंने ससुर का कच्छा ऊपर उठाते हुए जाँघों की मालिश शरू कर दी। हाथ जब भी उनकीजंघा पर पहुँचता उनके टट्टों औरलंड का स्पर्श होता था। मेरी बुर का बुरा हाल हो रहा था, मन कररहा था कि सब कुछ भूल कर लंड चूत में घुसवा लूँ। लेकिन इस चूत के खेल में जल्दबाजी करना मुझे सहीनहीं लगा।ससुरे की तारीफ़ थी, 50 का हो रहा था लेकिन इतनी गरम मालिश के बाद भी लंड पूरा हथोड़े की तरह तना हुआ था। मालिश करने में अब मेरे ब्लाउज के सारे बटन खुल गए थे औरमेरी दोनों चूचियाँ बाहर निकल आइ थीं।इसके बाद मैं उठकर बोली- पापाजी आपने कच्छा नाभि के बहुत ऊपर बाँध रखा है अगर आप बुरा नहीं मानें तो तो जो थोड़ा पेट बचा है उस पर भी मालिश कर दूँ।ससुर बोले- जल्दी से कर दे ! बड़ा मज़ा आ रहा है।मैंने उनके कच्छे का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ थोड़ा सा अंदर घुसा दिया और नाभि के चारों तरफ मालिश शुरू कर दी। बार बार मेरे हाथ उनके टनटन करते लंड के टोपे से टकरा रहा था
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