FUN-MAZA-MASTI
चूत की कुलबुलाहट--2
देवर से मस्ती का खेल आज से शुरूहो गया था। मैं देवर से अपनी बहनकी शादी करवाना चाहती थी, मेरा चूत का खेल शुरू हो गया था। देवरअब जब भी मौका मिलता था, कभी मेरी चूची दबा देता था कभी मेरे चूतड़ मल देता था।15 दिन बाद देवर और मैं फिर अकेले थे, अबकी साथ साथ हम नहाए तो मैंने उसके लौड़े पर साबुन लगाया और उसके टोप़े पर अपनी जीभ फिरा कर उसे गर्म कर दिया। उसके बाद नहाते हुए देवर मुझे चोदने को उतावला हो रहा था मुझे घोड़ी बनाकर देवर बार बार लंड चूत में घुसाने का प्रयास कर रहा था, उसका मन मुझे चोदने का कर रहा था पर मैंने उसे हटाते हुए उसका लौड़ा मुँह में भर लिया और बोली- अभी चुसाई का मज़ा लो, चुदाई का कुछ बनने के बाद !चूचियाँ दबवाते हुए मैंने लौड़ा चूस चूस कर देवर का पूरा वीर्य अपने मुँह में भर लिया और उसे ढीला कर दिया।मेरा देवर अब धीरे धीरे मेरा गुलाम होता जा रहा था।एक दिन देवर का बैंक में सलेक्शन हो गया, इंटरव्यू 15 दिन बाद दिल्ली में होना था। मुझे जब यह पता चला तो मौका देख कर मैंने उसकी पैंट में से लौड़ा निकाल कर जी भर कर चूसा और वीर्यमुँह में गटकते हुए बोली- अगर तुम सलेक्ट हो गए तो तुम्हारे लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।विनोद मुझसे बोला- भाभी, अगर दिल्ली में कोई रिश्तेदार हो तो15 दिन इंटरव्यू की तैयारी कर आता !मैंने कहा- तुम सामान बांधो, इंतजाम मैं करती हूँ।अतुल की याद आई मुझे, मैंने उसे फोन करके कहा- मेरा देवर तुम्हारे साथ आकर रहेगा, उसका ख्याल रखना, अगली बार जब मिलोगे तो मस्त कर दूँगी।अतुल बोला- दीदी, आपको तो मैं ना तो नहीं कह सकता।देवर दिल्ली चला गया, सारा खर्च अतुल ने उठाया। वहाँ से अतुल ने फ़ोन पर मुझसे बात की, हमारे बीच कुछ गुप्त बातें हुईं।20 दिन बाद विनोद लोट आया, उसने मुझे बताया- इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ।मैंने अनजान बनते हुए कहा- इंटरव्यू वगैरा तो पैसे कमाने के लिए होते हैं। मेरी पहचान के एक रिश्तेदार हैं वो दो लाख में सलेक्शन करा देते हैं।विनोद ने मेरी सास को यह बात बताई तो वो मुझसे चुपके से बोलीं- हम 2 लाख दे देंगे, तू बतादे कब देना है !मैंने उनसे दो दिन बाद पैसे लिए और बोली- विनोद को मत बताना, वर्ना उसे दुःख होगा ! और वो आई एएस और पी सी एस की तैयारी नहीं करेगा।15-20 साल पहले रिजल्ट पेपर में दो हफ्ते बाद आता था। अतुल से मैंने दो हफ्ते पहले ही रिजल्ट पता कर लिया था विनोद सलेक्ट हो गया था, सास के पैसे मैंने अपनी माँ के पास रखवा दिए और सास से बोली- विनोद का सलेक्शन हो जाएगा लेकिन आप किसी को बताना नहीं, नहीं तो रिजल्ट केंसिल हो जाएगा।मैंने एक हफ्ते को अपनी बहन को बुला लिया और विनोद से उसे चिपकाने लगी। दोनों में दोस्ती हो गई थी। थोड़ी बहुत चूचियों की मसलाई और चूमा चाटी भी हो गई थी।एक हफ्ते बाद वो चली गई। दो दिन बाद विनोद चिल्लाता हुआ आया कि बैंक में उसका सलेक्शन हो गया है।सब लोग बहुत खुश हुए सास ने छुपकर मुझे धन्यवाद भी दिया।दो दिन बाद अकेले में मौका देखकर देवर मेरी गोद में आकर लेट गया और बोला- अब वादा पूरा करना है।मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा- औरत का असली सुख चूत मारने पर ही मिलता है। रविवार को सभी हाट में जाएँगे। तब तुम अपनी जानू भाभी की चूत मार सकते हो। अब तुम जवान हो गए हो, खाने की तरह तुम्हें चूत चोदने की भी भूख लगेगी, वादा करो कि बाहर की गन्दी औरतों को कभी नहीं चोदोगे, जब तक अकेले हो, जब भी मनकरेगा मुझे बताओगे।मैंने अपने दूध खोल कर देवर को पकड़ा दिए थे और मैं उसका लण्ड निकाल कर सहलाने लगी, देवर के कान में फुसफुसा कर बोली- मेरी बहन से शादी कर लो ! दो दो चूतों के मज़े जिन्दगी भर लोगे और भाभी की सहेलियों की भी चूत चोदने को मिलेगी।देवर बोला- मैं तो तैयार हूँ लेकिन माँ और बाबूजी तैयार नहींहोंगे।मैंने कहा- वो मुझ पर छोड़ो, तुम तो तैयार हो ना?लौड़े की मस्ती और चूचियों की गर्मी ने उसे कमज़ोर बना दिया, उसने हाँ भर दी।एक विकेट गिर गया था, अभी सास और ससुर के दो विकेट गिराने बाकी थे।रविवार को सभी लोग ट्रेक्टर मेंसवार होकर शहर चले गए थे। देवर ने पढ़ाई का बहाना बना दिया। अब देवर और मैं घर पर अकेले थे। देवर ने मुझे आकर कोली में भर लिया और अपने से चिपकाते हुए बोला- भाभी आज तो बात पक्की है न?मैंने आँख मारते हुए कहा- चूत तोऔरत की मारी जाती है, भोंसड़ी के !भाभी कहते हुए मारेगा, तो क्या मार पाएगा। मैं तो अब तेरी कुतिया हूँ, आज तो घर में भी कोई नहीं है, अब देर न कर ! जल्दी से चोद दे, तेरा चिकना लौड़ा एक महीने से सहला सहला कर तो मैं भीबहुत प्यासी हो रही हूँ। देर क्यों कर रहा है कुत्ते? जल्दी से नंगी कर और अपना लंड पेल। तेरी भाभी की कुतिया चूत तुम्हारे लंड को घुसवाने के लिएतुझसे ज्यादा पगला रही है। जब चोदे तो भाभी-शाभी सब भूल के चोदियो, अब जल्दी लौड़ा निकाल और इस रसीली रांड को चोद।देवर अपने कपड़े उतारने लगा, भरा हुआ बदन था, आगे बढ़कर उसकी निप्पल नोचते हुए मैं बोली- क्या गोरा बदन है ! जल्दी से मुझे भी कपड़ों से आजाद कर दे ! पूरी चूत पानी पानी हो रही है !देवर ने आगे बढ़कर मेरी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी उतार कर मुझे निरावृत-वक्षा यानि टॉपलेस कर दिया और मेरे चूचों को मसलते हुए चूसने लगा।मेरा हाथ उसके कच्छे में घुस गया था, क्या कड़क लंड हो रहा था, हाथ से सहलाने पर और मोटा हो गया था, मैं काम अग्नि से जल रही थी।देवर बोला- चलो भाभी, लेटते हैं।मैंने देवर की चड्डी उतारते हुएकहा- भाभी गई भाड़ में ! मैं तो इस समय रंडी हूँ ! जो चाहे वो गाली बक कर चोद लेकिन दोबारा भाभी बोला तो मैं चली और तू अपने लंड की मुठ मार लेना।देवर का लंड हिलाते हुए बोली- कितना सुंदर कुंवारा लंड है, तेरे लंड को देखकर तो अच्छी अच्छी सावित्रियाँ का मन डोल जाएगा। आह, पहले इसे चूसने दे, फिर जम कर अपनी भोंसड़ी में डलवाती हूँ !देवर की चड्डी हटाकर मैंने दो मिनट तक उसका लंड चूसा, उसके बादहम बिस्तर पर आ गए।मैं बिस्तर पर जांघें फ़ैला कर लेट गई और देवर से बोली- चुचू के मुरब्बे चड्डी उतार ! सोच क्या रहा है?देवर ने मेरी चड्डी उतार दी और चिकनी चूत पर हाथ फिराते हुए बोला- आह, कितनी मस्त चूत है।देवर ने मेरी चूत पर लंड लगा दिया और चूचियाँ पकड़ कर मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गेंदों को गोल गोल घुमाने लगा, दो तीन बार लंड को धक्का दिया, लंड अंदर घुसही नहीं रहा था।मैं बोली- साले, हरामी तेरे बाप और भाई तो गाँव की औरतों की चूत और गांड 19 साल की उम्र से चोदतेआ रहे हैं और तूने अभी तक चूत में घुसना भी नहीं सीखा है? मादरचोद छेद पर लगाएगा तभी तो अंदर घुसेगा !हाथ से उसका लंड पकड़ कर थोड़ा नीचे करके मैंने अपनी चूत के होंटों पर लगा दिया और बोली- अब धक्का मार !देवर में ताकत तो थी ही, एक ही धक्के में लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया, मैं उन्माद से चिल्ला उठी- आह... आह... आह... उह... मज़ा आ गया... आह... और चोद मेरे प्यारे विनोद कुत्ते... क्या ठोका है... फाड़ दे इस कुतिया की... मज़ा आ गया !मैंने देवर का मुँह अपनी चूचियों पर लगा लिया, देवर धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मार रहा था। धीरे धक्कों से नए लंड से चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहाथा।देवर की यह पहली चुदाई थी, उ... आह... उह... आह... की आवाज़ों से कमरा गूंज रहा था, हम दोनों चुदाई के मज़े ले रहे थे।5 मिनट की चुदाई के बाद देवर झड़ गया तो मैंने उसे अपने स्तनों में चिपका लिया। देवर का लंड फिर सुलगने लगा था। देवर के बाल सहलाते हुए मैंने उसके कान में कहा- कुत्ते, तूने तो मेरी कुतिया चूत को मस्त कर दिया, चल तेरे लिए दूध लाती हूँ ! उसके बाद दुबारा खेलते हैं।दूध पिलाने के बाद देवर को अपनी गोद में लिटाते हुए देवर के लंड की मालिश करने लगी, देवर से बोली- गाली सुनते हुए चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आया, तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?देवर मेरी चूचियों से चिपकता हुआ बोला- आज तो मुझे जीवन का सबसे बड़ा आनन्द आया है, एक बार और चोदने का मन कर रहा है। देवर का लंड फिर कड़क हो गया था, मैंने उसके होंटों को चूमते हुए कहा- 6बजे के बाद रात ही सब आते हैं, तबतक एक बार नहीं जितनी बार तुम कहोगे उतनी बार अपनी चूत में तुम्हारा लंड लूँगी।झूठा नाटक करते हुए मैं बोली- सचतुम्हारा लंड तो बहुत अच्छा है, कितनी देर तक मेरी चूत इसने चोदी है, मुझे तो इतना मज़ा कभी नहीं आया। तुम्हारे भैया तो एक मिनट से ज्यादा चोद ही नहीं पाते हैं। अबकी प्यार से रसीली बोलते हुए चोदना।देवर को उठाते हुए बोली- अब इस रसीली को अपने लौड़े पर बिठाओ।देवर दोनों जांघें फ़ैला दीं, लौड़ा पूरा ऊपर की ओर तना हुआ था, बिस्तर पर फिसलती हुई मैं देवर की गोद में इस तरह से बैठ गई कि देवर का लंड मेरी चूत के मुँह परटन टन कर रहा था, चूचियों की घुन्डियाँ उसके हाथ में खेल रहीथीं।मैं देवर से बोली- मेरी चूत के राजा इस हरामी लंड को टन टन क्यों करा रहे हो, चूत में पेलो ना !और अपने को थोड़ा उठाते हुए लंड चूत में डलवा लिया। लंड अब आराम से चूत में घुसा हुआ था और दोनोंचूचियाँ दब रहीं थीं।विनोद चूचियों का दबा दबा कर जूस निकाल रहा था, उसने मेरे ऊपरझुककर मेरे होंट चूसना शुरू कर दिए थे।आह मस्त मज़ा आ रहा था !इसके बाद बहुत देर तक इस आसन मेंबैठकर हम मज़े लेते रहे, लौड़ा चूतमें डला हुआ था। अब मेरा मन कर रहा था कि मेरी चूत की पिलाई हो !थोड़ी देर बाद मैं बिस्तर पर आगे झुक गई और बोली- विनोद अब चोद दे! चूत में तड़प ज्यादा हो रही है !और मैं पलंग पर घोड़ी बन गई, मेरी पनीली चूत पर हाथ से पकड़ कर देवरने लंड पीछे से छुला दिया और देरकिये बिना चूत में लंड घुसा दिया।आह ! एक कुशल खिलाड़ी की तरह विनोद मेरी चूत पेलने लगा।"उह... उह... आह... पेल मेरे राजा, पेल ! आह ! और चोद ! चोद ! क्या चोदता है कुत्ते, मज़ा आ गया ! पेलऔर पेल ! वाःह वाह, क्या मस्त मज़ादिया है, पूरी फाड़ डाली है, चोद और चोद ! बड़ा मज़ा आ रहा है !" वाह क्या चुदाई हुई थी।देवर अब चोदू देवर में बदल गया था। चुदाई के बाद हम हट गए। शाम के 3 बज़ रहे थे उठकर मैंने साड़ी ब्लाउज पहन लिया, अब मैं एक शरीफऔर शर्मीली दुल्हन लग रही थी। मैंने पास से एक कागज़ निकाला और बोली- अगर तुम्हें मज़ा आया है तोइस पर 'आई लव यू' लिख दो।देवर ने बिना देर किये 'आई लव यू ! विनोद' लिख दिया। यह मेरी बहन रजनी की फोटो का पीछे का हिस्सा था। देवर की पप्पी लेते हुए मन ही मनबोली- रजनी को तो मैं तुम्हारी बीवी बनाकर रहूँगी।दो दिन बाद देवर की पोस्टिंग बैंक ऑफिसर के पद पर गाँव से दो घंटे की दूरी पर हो गई अब वो रोज़ बैंक आने जाने लगा।
4-5 दिन बाद मैंने अपनी बहन को अपने यहाँ बुला लिया। मेरी बहन मेरी तरह बदमाश नहीं थी, विनोद की उससे अच्छी पटी। मैंने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि विनोद उसे चोद न दे। मेरी चुदाई करने के बाद से विनोद का लंड चोदने केलिए फड़फड़ा रहा था।एक रविवार शाम को घर में कोई नहीं था, मैं खाना बना रही थी, उसने पीछे से मेरे दूध दबा लिए और गांड पर लंड चिपकाते हुए कहा-भाभी चोदने का बहुत मन कर रहा है।मैंने मुड़कर उसकी पप्पी लेते हुए कहा- मुझे पता है, एक बार चूतचोदने के बाद बिना चोदे नहीं रहा जाता। अब तुम्हारी शादी रजनी से जल्दी करनी पड़ेगी।देवर बोला- भाभी, लंड में तो आग लगी हुई है, एक बार चूत मारने दो न।मैंने उसके गालों पर नोचते हुए कहा- मेरी सासू जी बाहर सब्जी लेरही हैं, कभी अकेले होंगे तब मारलेना।तभी दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई, देवर बाहर भागा।सासू अंदर आ गई थीं, बोली- बहू, सब्जी रख मैं नहा कर आती हूँ। विनोद, तू बाहर का दरवाज़ा बंद करदे, गाय आ जाएगी !सासू नहाने चली गई, विनोद दरवाज़ा बंद करके आ गया, मुझे देखकर कान पकड़ते हुए बोला- बाल बाल बचे !मैंने इशारे से पास बुलाया और जाकर बाथरूम का दरवाज़ा बाहर से बंद कर दिया।विनोद आश्चर्य से बोला- बाथरूम में तो मम्मी हैं।मैंने पीछे से साड़ी उठाते हुए देवर को आँख मारी और बोली- अपना लंड अब जल्दी से मेरी चूत में पेल दे ! रसोई की स्लैब के पत्थर पर मैं झुक गई, देवर ने पीछे से मेरी साड़ी और ऊपर तक उठा दी और पैंट से अपना लंबा सा लंड निकाल कर पीछे से मेरी चूत में पेल दिया और मुझे चोदने लगा। उह आह की आवाजें करते हुए मैं चुदाई का मज़ा लेने लगी।पाँच मिनट देवर ने जम कर अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ा और अपना वीर्य मेरी मटकी में भर दिया।मैंने देवर की एक पप्पी ली और बोली- अब जाकर बाथरूम का दरवाज़ा खोल दो।मेरी सास हर सोमवार को मेरे पति के साथ सुबह दो घंटे के लिए मंदिर जाती थीं। सास के जाने के बाद मैं नहाने चली गई। मैं पूरी नंगी होकर नहाती थी, जब मैं नहा रही थी तब मुझे लगा देवर चोर आँखों से झांक कर मेरे नग्न संगमरमरी बदन का नज़ारा ले रहा है। मैंने अपनी चूत में उंगली डाली, इसके बाद अपनी चूचियाँ साबुन से मलते हुए दबाने लगी। दस मिनट तक मैं नहाने का मज़ा लेती रही और देखने वाले को देती रही। नहा कर जब बाहर आई तो एक बीड़ी बाहर पड़ी हुई थी।अचानक मुझे याद आया देवर तो आज बैंक गए हैं और घर में नहीं हैं, बीड़ी तो घर में सिर्फ ससुर ही पीते है। अब मेरी समझ में आ गया मेरा कुत्ता ससुर ही मेरी नंगी जवानी के मज़े ले रहा था। चंपा पहले ही मुझे बता चुकी थी कि ये मेरे असली ससुर नहीं हैं, ये मेरे पति के चाचा थे और मेरे असली ससुर के मरने के बाद गलत संबंधों के चलते इनकी शादी मेरीसास से हो गई थी। चंपा ने एक बार मुझे बताया था जब भी सास मामा केया कहीं दो-तीन दिन को बाहर जातीहैं तब ये घर में काम करने वाली 33-34 साल की चमेली से अपने बदन की मालिश करवाते हैं और एक बार दो साल पहले पटना के एक होटल मेंलड़की चोदते हुए पकड़े भी गए थे। मेरे मन में एक कुटिल योजना जन्म लेने लगी।एक महीने बाद सास को किसी काम सेमाएके जाना पड़ा। देवर बैंक चले गए थे और पति खेत में चले गए। घर में ससुर अकेले थे। मैं जान कर नौकरानी चमेली के आने से पहले नहाने गई और ससुर जी से बोली- पापा जी, मैं नहाने जा रही हूँ, नहा कर आपकी चाय बना दूँगी।आदत से मजबूर ससुर ने बाथरूम में झांकना शुरू कर दिया मैं भी बेशर्म होकर नंगी नहाने लगी और उन्हें नग्न जवानी देखने का पूरा मज़ा दिया। मैं चाह रही थी कि ससुर जी का लंड आज पूरा गर्म हो और वो नौकरानी चमेली को चोदें।चमेली के आने के बाद मैं नहा कर बाहर आई। चमेली ऊपर काम कर रही थी मैंने चाय बनाई और टॉपलेस बदन के ऊपर साड़ी का पल्लू गीला करके डाल लिया, पूरी चूचियाँ साड़ी के बाहर से नंगी चमक रही थीं। चाय लेकर मैं ससुर जी के पास गई और मुस्कराते हुए चाय मेज पर रख दी।इसके बाद जानबूझ कर साड़ी का पल्ला नीचे गिरा दिया दोनों नंगे कबूतर बाहर आ गए ससुर जी का मुर्गा कबूतर देखकर कुकडूं कुं करने लगा। मैंने अपने दोनों दूध ढके और घबराने का नाटक करते हुए बोली- ओह, आपकी चाय बनाने के चक्कर मैंब्लाउज पहनना तो मैं भूल ही गई।मैं बाहर आ गई बाहर आकर मैंने अच्छी तरह से कपड़े पहने और अंदर जाकर पूरा घूंघट डालकर बोली- पापाजी, आज की बात सासू माँ को मत बताना। मुझे बड़ी शर्म आ रही है। मैं चंपा भाभी के पास जा रहीहूँ, एक घंटे बाद आऊँगी। ऊपर चमेली काम कर रही है, कुछ काम हो तो उसे बता दीजियेगा।ससुर का जवाब सुने बिना मैं दरवाज़े तक आई और दरवाज़ा खोलकर वापस घर में अंदर घुस गई और छुप कर एक कमरे में बैठ गई। मुझे आज चमेली की चुदाई देखनी थी।जैसा मैंने सोचा था, वैसा ही हुआ, ससुर 5 मिनट बाद बाहर निकलाऔर उसने बाहर का दरवाज़ा बंद करके चमेली को इशारे से नीचे बुला लिया। छत पर चढ़कर मैंने रोशनदान से देखा तो चमेली ससुर की टांगों पर बैठी थी और ससुर कीदेसी अंगिया का नाड़ा खोल रही थी। सुसर ने उसकी ब्लाउज को खोलकर उसकी चूचियाँ लपक ली थीं और उन्हें मल रहा था।थोड़ी देर में ससुर का लंड चमेली के हाथ में था। वाह क्या मोटा लंड था, बिल्कुल मेरे पति की तरह।ससुर का लौड़ा सहलाते हुए चमेली बोली- आज तो शेर के बहुत दिन बाद दर्शन हो रहे हैं।ससुर खी खी करते हुए बोला- जल्दीसे चुस्सी कर ले, जब से बहू आई है, मौका ही नहीं मिलता है।चमेली ने खड़े होकर अपना पेटीकोटअलग किया और बोली- कुछ माल तो दे दो !ससुर ने एक 500 का नोट थमा दिया।चमेली लौड़े को सहलाते हुए बोली- बहू तो तुम्हारी बड़ी माल है। बाथरूम में झांक झांक कर खूब मज़े लेते हो?ससुर ने उसकी गांड दबाते हुए कहा- थोड़ा धीरे बोल, दीवारों के भी कान होते हैं। अब जल्दी से लंड चूस, आज तो बहु का नंगा बदन देखकर आग लगी हुई है, क्या माल रसीला बदन है, काश चोदने को मिल जाए।चंपा झुककर सुसरे का लौड़ा चूसनेलगी। चमेली को हटाते हुए ससुर ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, अपनी टांगें चौड़ी करते हुए चमेली बोली- तुम बाप बेटे ने तो मेरी चूत का भोंसड़ा कर दिया है, अगली बार से हज़ार रुपए लूँगी ! कल साले राजू ने खेतों में पकड़ लिया था, उसने और चंपा के आदमी ने मेरी 1 घंटे तक बजाई। अभी तक दुःख रही है।ससुर ने चंपा की चूत में उंगली घुसा दी और बोला- नाराज़ क्यों होती है अगली बार से हज़ार पक्के! कुतिया तेरी जवानी इतनी मदमस्त है, कोई चोदे बिना रह ही नहीं सकता।ससुरे का लौड़ा चमेली की चूत में घुस चुका था, उसकी चूचियाँ जोरों से हिल रही थीं, ससुर धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। शहर में 50 का आदमी ठीक से चल नहीं पाता, यहाँ यह कुत्ता बांका जवान बना हुआ था।इसके बाद ससुर ने चमेली को अपनी गोद में बिठा लिया और पीछे से लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया अंदर घुसा हुआ लंड और चमेली की मसलती हुई चूचियों ने मेरी चूत में आग लगा दी थी। चमेली चूचियाँ दबवाती हुई उह आह करते हुए चुदवा रही थी।चुदाई चरम सीमा पर थी।कुछ देर बाद ससुर ने अपना वीर्य त्याग दिया और उठते हुए बोला- थोड़ी तेल मालिश कर दे। आज तो मज़ाआ गया। जब से बहू को नंगी नहाते हुए देखा है, लौड़ा तब से टनक भी बहुत रहा था। साली रसीली की क्या मस्त गदराई हुई मांसल चूचियाँ हैं।
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चूत की कुलबुलाहट--2
देवर से मस्ती का खेल आज से शुरूहो गया था। मैं देवर से अपनी बहनकी शादी करवाना चाहती थी, मेरा चूत का खेल शुरू हो गया था। देवरअब जब भी मौका मिलता था, कभी मेरी चूची दबा देता था कभी मेरे चूतड़ मल देता था।15 दिन बाद देवर और मैं फिर अकेले थे, अबकी साथ साथ हम नहाए तो मैंने उसके लौड़े पर साबुन लगाया और उसके टोप़े पर अपनी जीभ फिरा कर उसे गर्म कर दिया। उसके बाद नहाते हुए देवर मुझे चोदने को उतावला हो रहा था मुझे घोड़ी बनाकर देवर बार बार लंड चूत में घुसाने का प्रयास कर रहा था, उसका मन मुझे चोदने का कर रहा था पर मैंने उसे हटाते हुए उसका लौड़ा मुँह में भर लिया और बोली- अभी चुसाई का मज़ा लो, चुदाई का कुछ बनने के बाद !चूचियाँ दबवाते हुए मैंने लौड़ा चूस चूस कर देवर का पूरा वीर्य अपने मुँह में भर लिया और उसे ढीला कर दिया।मेरा देवर अब धीरे धीरे मेरा गुलाम होता जा रहा था।एक दिन देवर का बैंक में सलेक्शन हो गया, इंटरव्यू 15 दिन बाद दिल्ली में होना था। मुझे जब यह पता चला तो मौका देख कर मैंने उसकी पैंट में से लौड़ा निकाल कर जी भर कर चूसा और वीर्यमुँह में गटकते हुए बोली- अगर तुम सलेक्ट हो गए तो तुम्हारे लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।विनोद मुझसे बोला- भाभी, अगर दिल्ली में कोई रिश्तेदार हो तो15 दिन इंटरव्यू की तैयारी कर आता !मैंने कहा- तुम सामान बांधो, इंतजाम मैं करती हूँ।अतुल की याद आई मुझे, मैंने उसे फोन करके कहा- मेरा देवर तुम्हारे साथ आकर रहेगा, उसका ख्याल रखना, अगली बार जब मिलोगे तो मस्त कर दूँगी।अतुल बोला- दीदी, आपको तो मैं ना तो नहीं कह सकता।देवर दिल्ली चला गया, सारा खर्च अतुल ने उठाया। वहाँ से अतुल ने फ़ोन पर मुझसे बात की, हमारे बीच कुछ गुप्त बातें हुईं।20 दिन बाद विनोद लोट आया, उसने मुझे बताया- इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ।मैंने अनजान बनते हुए कहा- इंटरव्यू वगैरा तो पैसे कमाने के लिए होते हैं। मेरी पहचान के एक रिश्तेदार हैं वो दो लाख में सलेक्शन करा देते हैं।विनोद ने मेरी सास को यह बात बताई तो वो मुझसे चुपके से बोलीं- हम 2 लाख दे देंगे, तू बतादे कब देना है !मैंने उनसे दो दिन बाद पैसे लिए और बोली- विनोद को मत बताना, वर्ना उसे दुःख होगा ! और वो आई एएस और पी सी एस की तैयारी नहीं करेगा।15-20 साल पहले रिजल्ट पेपर में दो हफ्ते बाद आता था। अतुल से मैंने दो हफ्ते पहले ही रिजल्ट पता कर लिया था विनोद सलेक्ट हो गया था, सास के पैसे मैंने अपनी माँ के पास रखवा दिए और सास से बोली- विनोद का सलेक्शन हो जाएगा लेकिन आप किसी को बताना नहीं, नहीं तो रिजल्ट केंसिल हो जाएगा।मैंने एक हफ्ते को अपनी बहन को बुला लिया और विनोद से उसे चिपकाने लगी। दोनों में दोस्ती हो गई थी। थोड़ी बहुत चूचियों की मसलाई और चूमा चाटी भी हो गई थी।एक हफ्ते बाद वो चली गई। दो दिन बाद विनोद चिल्लाता हुआ आया कि बैंक में उसका सलेक्शन हो गया है।सब लोग बहुत खुश हुए सास ने छुपकर मुझे धन्यवाद भी दिया।दो दिन बाद अकेले में मौका देखकर देवर मेरी गोद में आकर लेट गया और बोला- अब वादा पूरा करना है।मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा- औरत का असली सुख चूत मारने पर ही मिलता है। रविवार को सभी हाट में जाएँगे। तब तुम अपनी जानू भाभी की चूत मार सकते हो। अब तुम जवान हो गए हो, खाने की तरह तुम्हें चूत चोदने की भी भूख लगेगी, वादा करो कि बाहर की गन्दी औरतों को कभी नहीं चोदोगे, जब तक अकेले हो, जब भी मनकरेगा मुझे बताओगे।मैंने अपने दूध खोल कर देवर को पकड़ा दिए थे और मैं उसका लण्ड निकाल कर सहलाने लगी, देवर के कान में फुसफुसा कर बोली- मेरी बहन से शादी कर लो ! दो दो चूतों के मज़े जिन्दगी भर लोगे और भाभी की सहेलियों की भी चूत चोदने को मिलेगी।देवर बोला- मैं तो तैयार हूँ लेकिन माँ और बाबूजी तैयार नहींहोंगे।मैंने कहा- वो मुझ पर छोड़ो, तुम तो तैयार हो ना?लौड़े की मस्ती और चूचियों की गर्मी ने उसे कमज़ोर बना दिया, उसने हाँ भर दी।एक विकेट गिर गया था, अभी सास और ससुर के दो विकेट गिराने बाकी थे।रविवार को सभी लोग ट्रेक्टर मेंसवार होकर शहर चले गए थे। देवर ने पढ़ाई का बहाना बना दिया। अब देवर और मैं घर पर अकेले थे। देवर ने मुझे आकर कोली में भर लिया और अपने से चिपकाते हुए बोला- भाभी आज तो बात पक्की है न?मैंने आँख मारते हुए कहा- चूत तोऔरत की मारी जाती है, भोंसड़ी के !भाभी कहते हुए मारेगा, तो क्या मार पाएगा। मैं तो अब तेरी कुतिया हूँ, आज तो घर में भी कोई नहीं है, अब देर न कर ! जल्दी से चोद दे, तेरा चिकना लौड़ा एक महीने से सहला सहला कर तो मैं भीबहुत प्यासी हो रही हूँ। देर क्यों कर रहा है कुत्ते? जल्दी से नंगी कर और अपना लंड पेल। तेरी भाभी की कुतिया चूत तुम्हारे लंड को घुसवाने के लिएतुझसे ज्यादा पगला रही है। जब चोदे तो भाभी-शाभी सब भूल के चोदियो, अब जल्दी लौड़ा निकाल और इस रसीली रांड को चोद।देवर अपने कपड़े उतारने लगा, भरा हुआ बदन था, आगे बढ़कर उसकी निप्पल नोचते हुए मैं बोली- क्या गोरा बदन है ! जल्दी से मुझे भी कपड़ों से आजाद कर दे ! पूरी चूत पानी पानी हो रही है !देवर ने आगे बढ़कर मेरी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी उतार कर मुझे निरावृत-वक्षा यानि टॉपलेस कर दिया और मेरे चूचों को मसलते हुए चूसने लगा।मेरा हाथ उसके कच्छे में घुस गया था, क्या कड़क लंड हो रहा था, हाथ से सहलाने पर और मोटा हो गया था, मैं काम अग्नि से जल रही थी।देवर बोला- चलो भाभी, लेटते हैं।मैंने देवर की चड्डी उतारते हुएकहा- भाभी गई भाड़ में ! मैं तो इस समय रंडी हूँ ! जो चाहे वो गाली बक कर चोद लेकिन दोबारा भाभी बोला तो मैं चली और तू अपने लंड की मुठ मार लेना।देवर का लंड हिलाते हुए बोली- कितना सुंदर कुंवारा लंड है, तेरे लंड को देखकर तो अच्छी अच्छी सावित्रियाँ का मन डोल जाएगा। आह, पहले इसे चूसने दे, फिर जम कर अपनी भोंसड़ी में डलवाती हूँ !देवर की चड्डी हटाकर मैंने दो मिनट तक उसका लंड चूसा, उसके बादहम बिस्तर पर आ गए।मैं बिस्तर पर जांघें फ़ैला कर लेट गई और देवर से बोली- चुचू के मुरब्बे चड्डी उतार ! सोच क्या रहा है?देवर ने मेरी चड्डी उतार दी और चिकनी चूत पर हाथ फिराते हुए बोला- आह, कितनी मस्त चूत है।देवर ने मेरी चूत पर लंड लगा दिया और चूचियाँ पकड़ कर मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गेंदों को गोल गोल घुमाने लगा, दो तीन बार लंड को धक्का दिया, लंड अंदर घुसही नहीं रहा था।मैं बोली- साले, हरामी तेरे बाप और भाई तो गाँव की औरतों की चूत और गांड 19 साल की उम्र से चोदतेआ रहे हैं और तूने अभी तक चूत में घुसना भी नहीं सीखा है? मादरचोद छेद पर लगाएगा तभी तो अंदर घुसेगा !हाथ से उसका लंड पकड़ कर थोड़ा नीचे करके मैंने अपनी चूत के होंटों पर लगा दिया और बोली- अब धक्का मार !देवर में ताकत तो थी ही, एक ही धक्के में लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया, मैं उन्माद से चिल्ला उठी- आह... आह... आह... उह... मज़ा आ गया... आह... और चोद मेरे प्यारे विनोद कुत्ते... क्या ठोका है... फाड़ दे इस कुतिया की... मज़ा आ गया !मैंने देवर का मुँह अपनी चूचियों पर लगा लिया, देवर धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मार रहा था। धीरे धक्कों से नए लंड से चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहाथा।देवर की यह पहली चुदाई थी, उ... आह... उह... आह... की आवाज़ों से कमरा गूंज रहा था, हम दोनों चुदाई के मज़े ले रहे थे।5 मिनट की चुदाई के बाद देवर झड़ गया तो मैंने उसे अपने स्तनों में चिपका लिया। देवर का लंड फिर सुलगने लगा था। देवर के बाल सहलाते हुए मैंने उसके कान में कहा- कुत्ते, तूने तो मेरी कुतिया चूत को मस्त कर दिया, चल तेरे लिए दूध लाती हूँ ! उसके बाद दुबारा खेलते हैं।दूध पिलाने के बाद देवर को अपनी गोद में लिटाते हुए देवर के लंड की मालिश करने लगी, देवर से बोली- गाली सुनते हुए चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आया, तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?देवर मेरी चूचियों से चिपकता हुआ बोला- आज तो मुझे जीवन का सबसे बड़ा आनन्द आया है, एक बार और चोदने का मन कर रहा है। देवर का लंड फिर कड़क हो गया था, मैंने उसके होंटों को चूमते हुए कहा- 6बजे के बाद रात ही सब आते हैं, तबतक एक बार नहीं जितनी बार तुम कहोगे उतनी बार अपनी चूत में तुम्हारा लंड लूँगी।झूठा नाटक करते हुए मैं बोली- सचतुम्हारा लंड तो बहुत अच्छा है, कितनी देर तक मेरी चूत इसने चोदी है, मुझे तो इतना मज़ा कभी नहीं आया। तुम्हारे भैया तो एक मिनट से ज्यादा चोद ही नहीं पाते हैं। अबकी प्यार से रसीली बोलते हुए चोदना।देवर को उठाते हुए बोली- अब इस रसीली को अपने लौड़े पर बिठाओ।देवर दोनों जांघें फ़ैला दीं, लौड़ा पूरा ऊपर की ओर तना हुआ था, बिस्तर पर फिसलती हुई मैं देवर की गोद में इस तरह से बैठ गई कि देवर का लंड मेरी चूत के मुँह परटन टन कर रहा था, चूचियों की घुन्डियाँ उसके हाथ में खेल रहीथीं।मैं देवर से बोली- मेरी चूत के राजा इस हरामी लंड को टन टन क्यों करा रहे हो, चूत में पेलो ना !और अपने को थोड़ा उठाते हुए लंड चूत में डलवा लिया। लंड अब आराम से चूत में घुसा हुआ था और दोनोंचूचियाँ दब रहीं थीं।विनोद चूचियों का दबा दबा कर जूस निकाल रहा था, उसने मेरे ऊपरझुककर मेरे होंट चूसना शुरू कर दिए थे।आह मस्त मज़ा आ रहा था !इसके बाद बहुत देर तक इस आसन मेंबैठकर हम मज़े लेते रहे, लौड़ा चूतमें डला हुआ था। अब मेरा मन कर रहा था कि मेरी चूत की पिलाई हो !थोड़ी देर बाद मैं बिस्तर पर आगे झुक गई और बोली- विनोद अब चोद दे! चूत में तड़प ज्यादा हो रही है !और मैं पलंग पर घोड़ी बन गई, मेरी पनीली चूत पर हाथ से पकड़ कर देवरने लंड पीछे से छुला दिया और देरकिये बिना चूत में लंड घुसा दिया।आह ! एक कुशल खिलाड़ी की तरह विनोद मेरी चूत पेलने लगा।"उह... उह... आह... पेल मेरे राजा, पेल ! आह ! और चोद ! चोद ! क्या चोदता है कुत्ते, मज़ा आ गया ! पेलऔर पेल ! वाःह वाह, क्या मस्त मज़ादिया है, पूरी फाड़ डाली है, चोद और चोद ! बड़ा मज़ा आ रहा है !" वाह क्या चुदाई हुई थी।देवर अब चोदू देवर में बदल गया था। चुदाई के बाद हम हट गए। शाम के 3 बज़ रहे थे उठकर मैंने साड़ी ब्लाउज पहन लिया, अब मैं एक शरीफऔर शर्मीली दुल्हन लग रही थी। मैंने पास से एक कागज़ निकाला और बोली- अगर तुम्हें मज़ा आया है तोइस पर 'आई लव यू' लिख दो।देवर ने बिना देर किये 'आई लव यू ! विनोद' लिख दिया। यह मेरी बहन रजनी की फोटो का पीछे का हिस्सा था। देवर की पप्पी लेते हुए मन ही मनबोली- रजनी को तो मैं तुम्हारी बीवी बनाकर रहूँगी।दो दिन बाद देवर की पोस्टिंग बैंक ऑफिसर के पद पर गाँव से दो घंटे की दूरी पर हो गई अब वो रोज़ बैंक आने जाने लगा।
4-5 दिन बाद मैंने अपनी बहन को अपने यहाँ बुला लिया। मेरी बहन मेरी तरह बदमाश नहीं थी, विनोद की उससे अच्छी पटी। मैंने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि विनोद उसे चोद न दे। मेरी चुदाई करने के बाद से विनोद का लंड चोदने केलिए फड़फड़ा रहा था।एक रविवार शाम को घर में कोई नहीं था, मैं खाना बना रही थी, उसने पीछे से मेरे दूध दबा लिए और गांड पर लंड चिपकाते हुए कहा-भाभी चोदने का बहुत मन कर रहा है।मैंने मुड़कर उसकी पप्पी लेते हुए कहा- मुझे पता है, एक बार चूतचोदने के बाद बिना चोदे नहीं रहा जाता। अब तुम्हारी शादी रजनी से जल्दी करनी पड़ेगी।देवर बोला- भाभी, लंड में तो आग लगी हुई है, एक बार चूत मारने दो न।मैंने उसके गालों पर नोचते हुए कहा- मेरी सासू जी बाहर सब्जी लेरही हैं, कभी अकेले होंगे तब मारलेना।तभी दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई, देवर बाहर भागा।सासू अंदर आ गई थीं, बोली- बहू, सब्जी रख मैं नहा कर आती हूँ। विनोद, तू बाहर का दरवाज़ा बंद करदे, गाय आ जाएगी !सासू नहाने चली गई, विनोद दरवाज़ा बंद करके आ गया, मुझे देखकर कान पकड़ते हुए बोला- बाल बाल बचे !मैंने इशारे से पास बुलाया और जाकर बाथरूम का दरवाज़ा बाहर से बंद कर दिया।विनोद आश्चर्य से बोला- बाथरूम में तो मम्मी हैं।मैंने पीछे से साड़ी उठाते हुए देवर को आँख मारी और बोली- अपना लंड अब जल्दी से मेरी चूत में पेल दे ! रसोई की स्लैब के पत्थर पर मैं झुक गई, देवर ने पीछे से मेरी साड़ी और ऊपर तक उठा दी और पैंट से अपना लंबा सा लंड निकाल कर पीछे से मेरी चूत में पेल दिया और मुझे चोदने लगा। उह आह की आवाजें करते हुए मैं चुदाई का मज़ा लेने लगी।पाँच मिनट देवर ने जम कर अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ा और अपना वीर्य मेरी मटकी में भर दिया।मैंने देवर की एक पप्पी ली और बोली- अब जाकर बाथरूम का दरवाज़ा खोल दो।मेरी सास हर सोमवार को मेरे पति के साथ सुबह दो घंटे के लिए मंदिर जाती थीं। सास के जाने के बाद मैं नहाने चली गई। मैं पूरी नंगी होकर नहाती थी, जब मैं नहा रही थी तब मुझे लगा देवर चोर आँखों से झांक कर मेरे नग्न संगमरमरी बदन का नज़ारा ले रहा है। मैंने अपनी चूत में उंगली डाली, इसके बाद अपनी चूचियाँ साबुन से मलते हुए दबाने लगी। दस मिनट तक मैं नहाने का मज़ा लेती रही और देखने वाले को देती रही। नहा कर जब बाहर आई तो एक बीड़ी बाहर पड़ी हुई थी।अचानक मुझे याद आया देवर तो आज बैंक गए हैं और घर में नहीं हैं, बीड़ी तो घर में सिर्फ ससुर ही पीते है। अब मेरी समझ में आ गया मेरा कुत्ता ससुर ही मेरी नंगी जवानी के मज़े ले रहा था। चंपा पहले ही मुझे बता चुकी थी कि ये मेरे असली ससुर नहीं हैं, ये मेरे पति के चाचा थे और मेरे असली ससुर के मरने के बाद गलत संबंधों के चलते इनकी शादी मेरीसास से हो गई थी। चंपा ने एक बार मुझे बताया था जब भी सास मामा केया कहीं दो-तीन दिन को बाहर जातीहैं तब ये घर में काम करने वाली 33-34 साल की चमेली से अपने बदन की मालिश करवाते हैं और एक बार दो साल पहले पटना के एक होटल मेंलड़की चोदते हुए पकड़े भी गए थे। मेरे मन में एक कुटिल योजना जन्म लेने लगी।एक महीने बाद सास को किसी काम सेमाएके जाना पड़ा। देवर बैंक चले गए थे और पति खेत में चले गए। घर में ससुर अकेले थे। मैं जान कर नौकरानी चमेली के आने से पहले नहाने गई और ससुर जी से बोली- पापा जी, मैं नहाने जा रही हूँ, नहा कर आपकी चाय बना दूँगी।आदत से मजबूर ससुर ने बाथरूम में झांकना शुरू कर दिया मैं भी बेशर्म होकर नंगी नहाने लगी और उन्हें नग्न जवानी देखने का पूरा मज़ा दिया। मैं चाह रही थी कि ससुर जी का लंड आज पूरा गर्म हो और वो नौकरानी चमेली को चोदें।चमेली के आने के बाद मैं नहा कर बाहर आई। चमेली ऊपर काम कर रही थी मैंने चाय बनाई और टॉपलेस बदन के ऊपर साड़ी का पल्लू गीला करके डाल लिया, पूरी चूचियाँ साड़ी के बाहर से नंगी चमक रही थीं। चाय लेकर मैं ससुर जी के पास गई और मुस्कराते हुए चाय मेज पर रख दी।इसके बाद जानबूझ कर साड़ी का पल्ला नीचे गिरा दिया दोनों नंगे कबूतर बाहर आ गए ससुर जी का मुर्गा कबूतर देखकर कुकडूं कुं करने लगा। मैंने अपने दोनों दूध ढके और घबराने का नाटक करते हुए बोली- ओह, आपकी चाय बनाने के चक्कर मैंब्लाउज पहनना तो मैं भूल ही गई।मैं बाहर आ गई बाहर आकर मैंने अच्छी तरह से कपड़े पहने और अंदर जाकर पूरा घूंघट डालकर बोली- पापाजी, आज की बात सासू माँ को मत बताना। मुझे बड़ी शर्म आ रही है। मैं चंपा भाभी के पास जा रहीहूँ, एक घंटे बाद आऊँगी। ऊपर चमेली काम कर रही है, कुछ काम हो तो उसे बता दीजियेगा।ससुर का जवाब सुने बिना मैं दरवाज़े तक आई और दरवाज़ा खोलकर वापस घर में अंदर घुस गई और छुप कर एक कमरे में बैठ गई। मुझे आज चमेली की चुदाई देखनी थी।जैसा मैंने सोचा था, वैसा ही हुआ, ससुर 5 मिनट बाद बाहर निकलाऔर उसने बाहर का दरवाज़ा बंद करके चमेली को इशारे से नीचे बुला लिया। छत पर चढ़कर मैंने रोशनदान से देखा तो चमेली ससुर की टांगों पर बैठी थी और ससुर कीदेसी अंगिया का नाड़ा खोल रही थी। सुसर ने उसकी ब्लाउज को खोलकर उसकी चूचियाँ लपक ली थीं और उन्हें मल रहा था।थोड़ी देर में ससुर का लंड चमेली के हाथ में था। वाह क्या मोटा लंड था, बिल्कुल मेरे पति की तरह।ससुर का लौड़ा सहलाते हुए चमेली बोली- आज तो शेर के बहुत दिन बाद दर्शन हो रहे हैं।ससुर खी खी करते हुए बोला- जल्दीसे चुस्सी कर ले, जब से बहू आई है, मौका ही नहीं मिलता है।चमेली ने खड़े होकर अपना पेटीकोटअलग किया और बोली- कुछ माल तो दे दो !ससुर ने एक 500 का नोट थमा दिया।चमेली लौड़े को सहलाते हुए बोली- बहू तो तुम्हारी बड़ी माल है। बाथरूम में झांक झांक कर खूब मज़े लेते हो?ससुर ने उसकी गांड दबाते हुए कहा- थोड़ा धीरे बोल, दीवारों के भी कान होते हैं। अब जल्दी से लंड चूस, आज तो बहु का नंगा बदन देखकर आग लगी हुई है, क्या माल रसीला बदन है, काश चोदने को मिल जाए।चंपा झुककर सुसरे का लौड़ा चूसनेलगी। चमेली को हटाते हुए ससुर ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया, अपनी टांगें चौड़ी करते हुए चमेली बोली- तुम बाप बेटे ने तो मेरी चूत का भोंसड़ा कर दिया है, अगली बार से हज़ार रुपए लूँगी ! कल साले राजू ने खेतों में पकड़ लिया था, उसने और चंपा के आदमी ने मेरी 1 घंटे तक बजाई। अभी तक दुःख रही है।ससुर ने चंपा की चूत में उंगली घुसा दी और बोला- नाराज़ क्यों होती है अगली बार से हज़ार पक्के! कुतिया तेरी जवानी इतनी मदमस्त है, कोई चोदे बिना रह ही नहीं सकता।ससुरे का लौड़ा चमेली की चूत में घुस चुका था, उसकी चूचियाँ जोरों से हिल रही थीं, ससुर धक्के पर धक्के मारे जा रहा था। शहर में 50 का आदमी ठीक से चल नहीं पाता, यहाँ यह कुत्ता बांका जवान बना हुआ था।इसके बाद ससुर ने चमेली को अपनी गोद में बिठा लिया और पीछे से लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया अंदर घुसा हुआ लंड और चमेली की मसलती हुई चूचियों ने मेरी चूत में आग लगा दी थी। चमेली चूचियाँ दबवाती हुई उह आह करते हुए चुदवा रही थी।चुदाई चरम सीमा पर थी।कुछ देर बाद ससुर ने अपना वीर्य त्याग दिया और उठते हुए बोला- थोड़ी तेल मालिश कर दे। आज तो मज़ाआ गया। जब से बहू को नंगी नहाते हुए देखा है, लौड़ा तब से टनक भी बहुत रहा था। साली रसीली की क्या मस्त गदराई हुई मांसल चूचियाँ हैं।
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