Saturday, November 16, 2013

FUN-MAZA-MASTI शुभारम्भ-21

FUN-MAZA-MASTI

शुभारम्भ-21

 मेरी गांड फट रही थी की कहीं कांच वांच रह गया तो ........

मैंने तुरंत अंडरवियर उतारी और अपने प्रिय बाबुराव को अपने हाथों से छुपाकर खड़ा हो गया. अभी भी मेरी गांड चाची की तरफ थी मगर अब पासा बदल गया था.
कहाँ तो मैं चाची को नंगा देखना चाह रहा था और कहाँ मैं खुद नंगा खड़ा था.....किस्मत है.

चाची बोली, "शुक्र है राम जी का........खून तो छिलने से आया है......कांच तो नहीं घुसा और बस थोड़े से टुकड़े चिपके है.......हटाये देती हूँ "

चाची ने हलके हलके हाथों से मेरी गांड पर चिपके कांच के टुकड़े साफ़ किये. किसी भी मर्द के नितम्ब उसके गोटों जैसे ही संवेदनशील होते है. चाची के हलके हाथ और टुकड़े हटाने की हलकी हलकी थाप से मुझे अजीब से गुदगुदी हो रही थी. धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लगा और बाबुराव ने भी सर उठा लिया. मैंने उसको अपने हाथों में छुपाये रखा. मगर चाची इतने प्यार से हौले हौले सहला रही थी की कमीना बार बार सर उठा कर देख रहा था.

चाची बोली, "लल्ला......कांच तो अब नहीं है.....मगर ये मरी मोमबत्ती में कुछ दिख नहीं रहा......तू बिस्तर पर लेट जा........एक बार ढंग से देख लूँ....हें......?

मैं चुप चाप बिस्तर पर पेट के बल लेट गया. चाची ने मोम्बाती बेड के कोर्नर पर रखी और मेरे बिलकुल पास पालथी मार कर बैठ गयी. उनके इस तरह से बैठने से उनका बंधा हुआ टोवल थोडा सा खुल गया और उनकी चिकनी जांघें दिखाई देने लगी......उनका पूरा ध्यान मेरी घायल गांड पर था और मेरा पूरा ध्यान उनके जांघ पर लिखे "बलमा" पर था. न जाने क्यों मैं जब भी चाची की जांघ का टेटू देखता मेरा बाबुराव सनक जाता.....पहले से ही कंट्रोल में नहीं था मगर अब तो उसने बगावत ही कर दी. मैं पेट के बल लेटा था इस तरह मैंने बाबुराव को अपने पेट से चिपका कर फंसा लिया था ताकि वो सर न उठा सके. मगर अब वो कुलबुलाने लगा और मेरी हालत ख़राब होने लगी.

इधर चाची मेरी गांड का मुआयना ऐसे कर रही थी जैसे रोड के उद्घाटन से पहले इंजिनियर साहब करते है. वो मेरी गांड पर मस्ती से हाथ फेर रही थी और उनके एक एक स्पर्श से मेरी नसे सनसना रही थी. उन्होंने उनके हाथ से मेरी टांगो को खोलने की कोशिश की. मैंने नहीं खोली क्यूँ की मुझे डर था की कहीं उन्हें मेरी गुस्से में फुफकारता शेषनाग दिख गया तो. चाची बोली, "लल्ला......जरा इधर भी देखने दे बेटा........कहीं इधर उधर कांच चुभ गया तो बाद में दिक्कत ना हो,,,"

भेनचोद....दिक्कत तो अभी हो रही थी.......मेरा बाबुराव अब दुखने लगा था. मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी टंगे चौड़ी की.......और बाबुराव को और जोर से दबा लिया.
चाची ने धीरे से मेरे गोटों को सहलाया मानो सच में चेक कर रही हो की कांच तो नहीं चुभा. मेरी सांसें बंद होने लगी........तभी चाची ने नाखुनो से मेरे गोटों को रगड़ दिया. मेरे मुंह से आह निकल गयी. चाची बोली, "हाय राम......दुःख रहा है क्या लल्ला.......

 अब मैं चाची को क्या बोलता की चाची ऐसे ही करो मज़ा आ रहा है. इधर साला बाबुराव कहना नहीं मान रहा था और उधर चाची की उंगलिया जाने कहाँ कहाँ जादू चला रही थी. मेरी हालत टाईट हो रही थी. टालने के लिए मैंने कहाँ, "न न नहीं च च चाची.......ल ल ल लगता है की कांच के कुछ टुकड़े आगे की तरफ भी आ गए......मुझे आगे भी दुःख रहा है...."

चाची बोली, "हाय राम.........देखने दे बेटा .....घूम जा......" मैं कुछ बोलता या कर पता इतनी देर में तो चाची ने मुझे धक्का देकर घुमा दिया. बाबुराव जो अब तक लीबिया की जनता जैसा दबा हुआ था एक दम उछल के चाची के हाथों से जा टकराया....

चाची जोर से चिल्लाई, "हाय राम........"

मेरी भी गांड फटी की ये क्या हो गया.........मैंने झट से बाबुराव को छुपा लिया मगर अब तो वो फन उठा चूका था........घंटा छुपने वाला था ???
मेरे बाबुराव का चमकदार सुपाडा मोमबत्ती की टिमटिमाती रौशनी में ठुनक ठुनक कर चाची को सलाम कर रहा था.

चाची बोली, "बेशरम........चोट लगी है मगर.......अभी भी.........लल्ला.........तू तो बहुत ही बदमाश है रे.........हाय राम........" यह कह कर चाची ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया मानो मैं अपने लंड उनके मुंह में घुसेड़ने वाला हूँ.

मैंने कहा, "न न न नहीं च च चाची........म म म मैंने नहीं क क क किया अपने आ आ आ आप हो गया......."

चाची की नज़ारे तो लंड पर ही जमी थी जैसे बिल्ली की नज़ारे दूध के बर्तन पर लगी हो. उन्होंने अपने सूखे होटों पर जुबान फेरी और बोली, "हम्म...कहाँ कांच लगा है......दिखा तो ज़रा ?" मैंने अपने हाथ नहीं हटाया तो चाची ने मेरे हाथों को मेरे बाबुराव से हटा दिया.

जैसे स्प्रिंग को दबा कर छोड़ दो......तो उछलती है वैसे ही बाबुराव ने झटका खाया और ठुन्कियाँ मारने लगा. चाची अपनी ऑंखें सिकोड़ कर एकटक बाबुराव को निहारे जा रही थी.....ऐसा लग रहा था मानो अपनी नज़रों से उसको सहला रही हो.......उनका मुंह हल्का सा खुल गया था और उनकी नाक के दोनों कोने फुल गए था.
चाची बोली, " हाय राम लल्ला......तुझे कुछ चैन भी है की नहीं.......जब देखो तब ही तलवार लेकर खड़ा रहता है, अभी तो चोट लगी है फिर भी यह क्या.........."

मैं घबरा भी रहा था और मुझे मज़ा भी आ रहा था, मैं कहा, "च च चाची वो....आप मेरे पीछे......म म मेरा मतलब है की मेरे पुठ्ठो पर से कांच हटा रही थी न इसलिए यह अ अ अ ऐसा ह ह ह हो गया.........मैंने जानबूझ कर नहीं किया...."

चाची मेरे बाबुराव को घूरते हुए ठंडी सांस लेकर बोली, "हाँ रे लल्ला......जानबूझ कर अगर हो जाता तो तेरे चाचा आज बाप बन चुके होते......"

वो एकटक मेरे लिंग को देखे जा रही थी. फिर अचानक जैसे उनका मूड फिर बदला और वो बोली, " चल वो सब छोड़.....मुझे बता की कहा दर्द है.....कहीं इधर उधर कांच घुसा होगा तो फिर तेरी लुगाई को खुश कैसे रखेगा......"

यह कह कर उन्होंने मेरे थरथराते लिंग को किसी कुशल सपेरे की तरह पकड़ लिया. मेरे मुंह से तुरंत सिसकारी निकल गयी.

 चाची ने झटके से मेरी तरफ देखा और बोली, "दुखा क्या ?"
अब मैं क्या बोलता की चाची दुखा नहीं मज़ा आया ऐसे ही हिलाती रहो. मैंने हाँ में सर हिला दिया. चाची ने मेरे बाबुराव को जड़ से पकड़ा और उसका गौर से मुआयना करने लगी. कांच वांच तो घंटा नहीं लगा था मगर थोडा नाटक करना जरुरी था. मैं ऑंखें बंद किया धीरे धीरे सिसकारी लेने लगा. चाची बड़े ध्यान से मेरे सामान पर चोट के निशान ढूंढ़ रही थी. उन्होंने मेरे बाबुराव की स्किन को थोडा सा निचे सरकाया और सुपाड़े का निरिक्षण करने लगी. मेरी तो सांसे मरते आदमी जैसी रुक रुक कर चल रही थी. उन्होंने फिर से मेरे बाबुराव की स्किन ऊपर की और धीरे से फिर निचे कर दी.

साली.....चाची मेरी मुठ मार रही थी. मुझे इतना मज़ा आ रहा था की बता नहीं सकता. मेरे मुंह से सिस्कारिया और आह पे आह निकलने लगी. क्या सीन था.....मैं चाची के बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ, चाची सिर्फ टॉवेल में अपने जोबन छुपाये. चाची मेरा बाबुराव हिला रही थी और यह सब बल्लू चाचा के बिस्तर पर उनकी बीवी के साथ हो रहा था.

अचानक चाची ने हिलाना बंद कर दिया और बोली, "क्यों रे हरामी........चोट वोट कुछ नहीं लगी है......हिरसू......साले.....बेशरम मैं तो सोच रही थी की लल्ला को कांच चुभा होगा और तू हरामी मज़े ले रहा है......."

मज़े की बात ये थी की यह सब बोलते हुए भी वो ठरकी औरत मेरा बाबुराव हिला रही थी और उसके होटों पर वोही टेडी मुस्कान नाच रही थी. चाची भी पक्की कमीनी थी......उसके कमीनेपन का जवाब कमीनेपन से ही देना था.

मैंने कहा, "नहीं चाची.......च च चोट तो लगी है.......आप ध ध ध्यान से देखो.......आप के नहाने के चक्कर में मेरी तो ग ग ग गांड ही छिल गयी......"
मुझे लगा की चाची के सामने गांड बोल दिया. कहीं नाराज़ न हो जाये मगर वो तो गाँव की ठेठ औरत थी.....मेरा बाबुराव हिलाती हुयी बोली, "गांड तो छिली है लल्ला मगर ये तुम्हारा ........मुन्ना तो ठीक ठाक है......"

मैंने अनजान बनके पूछा, " म म मुन्ना.......मतलब......"
चाची ने वो ही टेडी मुस्कान मरी और मेरी आँखों में देखते हुए कहा, "ये तेरा लौड़ा..........."

दोस्तों......औरत के मुंह से ऐसे शब्दों को सुनने का आनंद ही कुछ और है. और जब वो औरत चाची जैसी बिंदास और ठरकी हो और ऐसे शब्द आपकी आँखों में ऑंखें डाल कर कहे तो वियाग्रा या किसी तेल की क्या जरुरत......लंड खड़ा नहीं होता बल्कि फटने लगता है.

चाची ने मेरे लंड को हिलाना जरी रखा. मैंने कहा, "चाची शायद निचे की तरफ कुछ चुभ रहा है........."

चाची ने कहा, "निचे कहा लल्ला........हंडवों पर.......?"

माँ कसम.....अब तो चाची पुरे फार्म में आ गयी थी. मैंने हाँ में सर हिलाया. चाची ने कहा, "थोडा पीछे होजा बेटा.....
और टाँगें चौड़ी कर........मैं देखू जरा कहाँ चुभा......."

मैंने तुरंत अपनी टाँगें चौड़ी कर ली........और चाची मेरी टांगो के बिच कुतिया की तरह बैठ गयी और मेरे गोटों को देखने लगी.......देख तो क्या रही थी.......मज़े से सहला रही थी.....कभी कभी नाखूनों से रगड़ देती.......कांच ढूंढने के
नाम पर पूरा मज़ा ले रही थी. चाची के ऐसी झुके रहने से ऐसा ही लग रहा था मानो वो मेरा लंड चूसने के लिए ही ऐसे बैठी है. हेयर रिमोवल क्रीम की वजह से मेरे लंड और गोटों पर एक भी बाल नहीं था. चाची मज़े से हाथ फेरे जा रही थी.
तभी उन्होंने मेरे गोटों और एसहोल के बिच की जगह पर सहलाया. मेरे मुंह से सिसकारी और आह दोनों एक साथ निकल गए. चाची ने मेरी और देखा. हम दोनों की नज़ारे मिली और ऐसे ही मेरी आँखों में देखते हुए चाची ने फिर से वहीँ पर सहलाया, मैंने भी चाची के चेहरे पर नज़ारे गडाए हुए एक और आह भरी. चाची उस जगह से सहलाते सहलाते मेरे गोटों से होती हुयी मेरे लंड तक पहुंची और मेरे सुपाड़े की स्किन पीछे करके अपनी उंगली मेरे लंड के छेद पर फिराने लगी. मज़े से मेरी ऑंखें बंद हुयी जा रही थी मगर चाची की नशीली आँखों में देख कर मज़ा आ रहा था. इसलिए मैं एकटक उनको देखता रहा.

अचानक चाची सीधी होकर बैठ गयी और बोली, "चल लल्ला...उठ....और कहीं नहीं लगी है.......बोरोलीन लगाकर कपडे पहन ले.......सब लोग आते होंगे....."

भेनचोद.......लंड कपडे पहन ले.......इसी को कहते है खड़े लंड पर डंडा......KLPD

मैंने कहा, "च च चाची.......प्लीज़.......म म म मेरा प प पानी निकल तो दो.........नहीं तो रात भर दुखेंगा......"

चाची ने टेडी मुस्कान मरते हुए कहा, "वाह रे लल्ला.........खुद ही निकाल ले.......वो तेरे कागजों में.......रोज़ तो मुठ मारता है......"

मैं समझ की साली मादरचोद भाव खा रही है........मगर खड़े लंड की खातिर तो कुछ भी करना ही था.

मैंने थोडा सा आगे झुक कर चाची का हाथ पकड़ा जिससे उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा था और उनके हाथ को मेरे लंड के ऊपर हिलाने लगा. चाची मुस्कुराते हुए मुझे देख रही थी. अचानक चाची ने मेरे लंड को कस के पकड़ लिया और उनके चेहरे पर उत्तेजना के भाव आ गए. उन्होंने दांत भींचे हुए थे और मेरे लंड को कस के हाथ में पकडे जोर जोर से मुठ मरने लगी. मैं समझ गया की अब चाची की गांड फट रही है की घरवाले आ न जाये. इसिलए वो जल्दी से मेरा पानी निकलना चाहती है




FUN-MAZA-MASTI Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator