FUN-MAZA-MASTI
ननदों में एक गीता 27 साल की, उसकी दिल्ली शादी हो चुकी है और दूसरी कविता 18 साल की बहुत ही सुन्दर और कामुक बदन की लौंडिया है। उसे देखकर हर लड़के के लण्ड में पानी आ जाता है। ऐसा ही मेरे साथ हुआ।
तब तक मैंने चुदाई नहीं की थी लेकिन मैं सम्भोग के विषय में सब कुछ जानता था आप तो जानते ही हैं कि आजकल ब्लू-फिल्मों और कामुक पुस्तकों के माध्यम से चुदाई के बारे में जानना कोई बड़ी बात नहीं है। मेरा अभी रिज़ल्ट नहीं आया था, इसलिए मैं जीजी की ससुराल में चला गया।
मेरे जीजा जी बड़े बिजनेसमैन हैं और वे अपने व्यापारिक कार्यों के कारण अधिकतर व्यस्त रहते हैं। मेरी और कविता की खूब बनती थी।
कविता की चूत बहुत ज़्यादा बड़ी नहीं थी, लेकिन उसके मम्मे बहुत बड़े थे। वह 32 नम्बर की ब्रा पहनती थी। मैं उसे चोदना चाहता था।
ऐसा ही एक दिन आ गया कि मेरे जीजा जी एक व्यापारिक सिलसिले में सात दिन के लिए गोवा गए थे और मेरी बहन के दोनों देवर जवाहर लाल नेहरू यूनीवरसिटी में पढ़ते हैं और वे उस समय कॉलेज की तरफ से टूर पर थे। घर पर केवल मैं, मेरी बहन और कविता और बहन की सासू माँ थीं।
बहन की सासू का आँख का ऑपरेशन होना था, इसलिए वो उन्हें लेकर 3 दिन के लिए कैलाश हॉस्पिटल नॉएडा गई थीं।
इसलिए घर पर मैं और कविता ही थे। इसलिए कविता ने घर का काम जल्दी ही निपटा लिया और खाना जल्दी बना कर और ख़ाकर हम दोनों आज एक ही कमरे में लेट गए। थोड़ी देर टीवी देख कर टीवी बंद कर दिया और सो गए।
थोड़ी देर बाद मेरी आँख खुली तो कविता सोई हुई थी या नहीं ये मैं नहीं जानता, लेकिन मेरा दिल उसके साथ मस्ती करने के लिए कर रहा था। मैं उससे चिपक गया और अपना हाथ धीरे से उसके मम्मे पर रख दिया और धीरे से दबाने लगा।
उसने कुछ नहीं कहा, धीरे-धीरे मैं उससे चिपक गया और मेरा लण्ड उससे सटने लगा। लण्ड बहुत गरम हो गया था। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी सलवार पर टिका दिया और ऊपर से उसके चूतड़ दबाने लगा।
इतने मैं वो जाग गई। मैं एकदम से डर गया और अलग हो गया। लेकिन कविता भी मुझसे चुदने के लिए एकदम तैयार थी इसलिए उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और बोली- आई लव यू सतेंद्र..!
तो मैं एकदम खुश हो गया और उससे पहले की तरह चिपक गया और उसे चूमने लगा। धीरे-धीरे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और अब कविता केवल ब्रा व पैन्टी में थी और मैं केवल अंडरवियर में था। मेरा लण्ड 6.5 लम्बा खड़ा था। मैं उसके मम्मे ज़ोर से दबाने लगा और चूसने लगा, वह भी मेरा साथ दे रही थी, वह अब मेरे लण्ड को दबा रही थी।
हम दोनों ने करीब 1 घन्टे तक चूसा चुसाई कि उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार दी। उसकी चूत पर छोटे-छोटे कम बाल थे। मेरे भी लण्ड पर बहुत बाल थे, क्यूँकि मैंने बहुत दिनों से शेव नहीं की थी, इसलिए पहले हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे के बाल साफ किए और फ्रेश हो गए। उसके बाद हम बेड पर आकर लेट गए।
मैंने कविता की चूत चाटनी शुरू की, तो वो मेरा सर अपनी चूत में दबा रही थी और मज़े ले रही थी। वो अब पानी छोड़ चुकी थी। उसके बाद उसने मेरा लण्ड करीब 10 मिनट तक चूसा। मैंने उसके टाँगें चौड़ी कर दीं और दोनों टाँगों को फैला कर अपना लण्ड उसकी चूत में बाड़ दिया।
ज्योंही मेरा सुपारा उसकी बुर में घुसा.. वह चिल्ला पड़ी- ऊई माँ मैं ईईइ मर गाइिईईईई मर जाऊँगी… मुझे छोड़ दे..!
उसके लगातार चिल्लाने से मुझे लगा कि कहीं ‘खड़े लण्ड पे धोखा न हो जाए’.. सो मैंने उसका मुँह अपने होंठों से दबा दिया और एक जोरदार ठाप मारी और करीब 3 इंच लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसके बाद धीरे-धीरे मैंने पूरा लण्ड उसके 6.5 लम्बा उसकी चूत में ठोक दिया और वह ‘सीई सीईईईई औ आहह हुउऊुउ’ की आवाज़ करती रही।
थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा। उसकी चूत से खून फूट पड़ा था उसकी सील टूट चुकी थी। धकापेल चुदाई के बाद उसने और मैंने लगभग एक साथ पानी छोड़ा और चुदाई का पूरा मज़ा लिया।
उस रात मैंने उसको 3 बार चोदा। फिर मैं उसको दिन में भी चोद देता था और आज भी चोदता हूँ।
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
बहन की ननद की सील
मेरी जीजी की शादी 2 साल पहले हुई है, वो पलवल हरियाणा में रहते हैं। उनकी फैमिली बड़ी है, जीजी जीजाजी, और जीजी के 2 देवर और सास-ससुर और 2 ननदें, सब एक साथ रहते हैं।ननदों में एक गीता 27 साल की, उसकी दिल्ली शादी हो चुकी है और दूसरी कविता 18 साल की बहुत ही सुन्दर और कामुक बदन की लौंडिया है। उसे देखकर हर लड़के के लण्ड में पानी आ जाता है। ऐसा ही मेरे साथ हुआ।
तब तक मैंने चुदाई नहीं की थी लेकिन मैं सम्भोग के विषय में सब कुछ जानता था आप तो जानते ही हैं कि आजकल ब्लू-फिल्मों और कामुक पुस्तकों के माध्यम से चुदाई के बारे में जानना कोई बड़ी बात नहीं है। मेरा अभी रिज़ल्ट नहीं आया था, इसलिए मैं जीजी की ससुराल में चला गया।
मेरे जीजा जी बड़े बिजनेसमैन हैं और वे अपने व्यापारिक कार्यों के कारण अधिकतर व्यस्त रहते हैं। मेरी और कविता की खूब बनती थी।
कविता की चूत बहुत ज़्यादा बड़ी नहीं थी, लेकिन उसके मम्मे बहुत बड़े थे। वह 32 नम्बर की ब्रा पहनती थी। मैं उसे चोदना चाहता था।
ऐसा ही एक दिन आ गया कि मेरे जीजा जी एक व्यापारिक सिलसिले में सात दिन के लिए गोवा गए थे और मेरी बहन के दोनों देवर जवाहर लाल नेहरू यूनीवरसिटी में पढ़ते हैं और वे उस समय कॉलेज की तरफ से टूर पर थे। घर पर केवल मैं, मेरी बहन और कविता और बहन की सासू माँ थीं।
बहन की सासू का आँख का ऑपरेशन होना था, इसलिए वो उन्हें लेकर 3 दिन के लिए कैलाश हॉस्पिटल नॉएडा गई थीं।
इसलिए घर पर मैं और कविता ही थे। इसलिए कविता ने घर का काम जल्दी ही निपटा लिया और खाना जल्दी बना कर और ख़ाकर हम दोनों आज एक ही कमरे में लेट गए। थोड़ी देर टीवी देख कर टीवी बंद कर दिया और सो गए।
थोड़ी देर बाद मेरी आँख खुली तो कविता सोई हुई थी या नहीं ये मैं नहीं जानता, लेकिन मेरा दिल उसके साथ मस्ती करने के लिए कर रहा था। मैं उससे चिपक गया और अपना हाथ धीरे से उसके मम्मे पर रख दिया और धीरे से दबाने लगा।
उसने कुछ नहीं कहा, धीरे-धीरे मैं उससे चिपक गया और मेरा लण्ड उससे सटने लगा। लण्ड बहुत गरम हो गया था। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी सलवार पर टिका दिया और ऊपर से उसके चूतड़ दबाने लगा।
इतने मैं वो जाग गई। मैं एकदम से डर गया और अलग हो गया। लेकिन कविता भी मुझसे चुदने के लिए एकदम तैयार थी इसलिए उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और बोली- आई लव यू सतेंद्र..!
तो मैं एकदम खुश हो गया और उससे पहले की तरह चिपक गया और उसे चूमने लगा। धीरे-धीरे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और अब कविता केवल ब्रा व पैन्टी में थी और मैं केवल अंडरवियर में था। मेरा लण्ड 6.5 लम्बा खड़ा था। मैं उसके मम्मे ज़ोर से दबाने लगा और चूसने लगा, वह भी मेरा साथ दे रही थी, वह अब मेरे लण्ड को दबा रही थी।
हम दोनों ने करीब 1 घन्टे तक चूसा चुसाई कि उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार दी। उसकी चूत पर छोटे-छोटे कम बाल थे। मेरे भी लण्ड पर बहुत बाल थे, क्यूँकि मैंने बहुत दिनों से शेव नहीं की थी, इसलिए पहले हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे के बाल साफ किए और फ्रेश हो गए। उसके बाद हम बेड पर आकर लेट गए।
मैंने कविता की चूत चाटनी शुरू की, तो वो मेरा सर अपनी चूत में दबा रही थी और मज़े ले रही थी। वो अब पानी छोड़ चुकी थी। उसके बाद उसने मेरा लण्ड करीब 10 मिनट तक चूसा। मैंने उसके टाँगें चौड़ी कर दीं और दोनों टाँगों को फैला कर अपना लण्ड उसकी चूत में बाड़ दिया।
ज्योंही मेरा सुपारा उसकी बुर में घुसा.. वह चिल्ला पड़ी- ऊई माँ मैं ईईइ मर गाइिईईईई मर जाऊँगी… मुझे छोड़ दे..!
उसके लगातार चिल्लाने से मुझे लगा कि कहीं ‘खड़े लण्ड पे धोखा न हो जाए’.. सो मैंने उसका मुँह अपने होंठों से दबा दिया और एक जोरदार ठाप मारी और करीब 3 इंच लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसके बाद धीरे-धीरे मैंने पूरा लण्ड उसके 6.5 लम्बा उसकी चूत में ठोक दिया और वह ‘सीई सीईईईई औ आहह हुउऊुउ’ की आवाज़ करती रही।
थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा। उसकी चूत से खून फूट पड़ा था उसकी सील टूट चुकी थी। धकापेल चुदाई के बाद उसने और मैंने लगभग एक साथ पानी छोड़ा और चुदाई का पूरा मज़ा लिया।
उस रात मैंने उसको 3 बार चोदा। फिर मैं उसको दिन में भी चोद देता था और आज भी चोदता हूँ।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment