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बीवी को चुदवाया अपने बॉस से – 1
हाय दोस्तों मेरा नाम सुधीर है में इस कहानी को मेरे उस मित्रों को समर्पित करता हूँ जो मुझसे रूठा हुआ है। अगर वो इसे पढ़े तो मुझसे फोन पर बात जरुर करे।बीवी को चुदवाया अपने बॉस से – 1
आज मैं ऑफीस में अपने बॉस के सामने बैठा था और उनसे कहने लगा सर उस दिन पार्टी मे आप मेरी वाईफ को बहुत घूर रहे थे। मैंने अपने बॉस को कुछ शरारती अंदाज मे कहा।
तभी उन्होंने कहा : में??
वो कुछ बौखला से गये थे।
उन्होंने कहा : में तो आपकी वाईफ को जानता भी नहीं हूँ।
सर वो जो ग्रीन साड़ी मे थोड़ा लो कट का ब्लाउज पहने हुए थी और आपकी नज़रे उसका हर जगह पीछा कर रही थी और में आपको लगातार देख रहा था वो ही मेरी वाईफ है मैंने कहा।
लेकिन उसने तो ऐसे कपड़े पहन रखे थे और सभी उसे ही देख रहे थे। मैंने ऐसे तो कुछ नहीं घूरा था, अब वो सफाई देने लगे थे। तुम उसे कहो कि कपड़े ज़रा ढंग के पहने वो ऐसे कपड़े पहनेगी तो सभी घूरेंगे ही।
मैंने प्लान किया कि अपने सीधे सादे बॉस से राजश्री को चुद्वाऊंगा और में खुद मज़ा लूँगा।
लेकिन मेरा बॉस एकदम सीधा साधा आदमी था। वो राजश्री को चोदने को ऐसे ही तैयार नहीं होता तभी मैंने एक प्लान बनाया कि राजश्री को सेक्सी ड्रेस में बॉस के सामने ले आऊ तो शायद हो सकता है कि वो उसे देखकर थोड़ा पिघल जाए।
दोस्तों मैंने ही उस दिन बहुत बुरी तरह से पीछे पड़कर राजश्री को ऐसे कपड़े पहनने को मजबूर कर दिया था। वो बहुत ही लो कट का ब्लाउज पहने थी और अंदर से टाईट ब्रा जिससे उसके बूब्स करीब करीब आधे दिख रहे थे। पतली सी साड़ी के नीचे कटी बाहँ का ब्लाउज और खूबसूरत चूचियां झलकाते हुए वो सचमुच उस दिन सभी मर्दों कि आँखों का केन्द्र बनी हुई थी। और उसने वहाँ पर सभी लोगो का लंड एक बार तो खड़ा कर दिया था।
सर में आपसे कोई शिकायत नहीं कर रहा हूँ अब मैंने चालाकी से कहा में तो यह कह रहा हूँ कि आप को शायद मेरी पत्नी बहुत पसंद आई है। सर आप मेरे बॉस है आप अगर चाहे तो उससे भी ज़्यादा कुछ देख सकते है।
तभी वो कहने लगे तुम कहना क्या चाहते हो। वो कुछ ना समझ कर मुझे देखने लगे थे।
सर उस दिन उसने लो कट का ब्लाउज पहना था तो आपको बहुत पसंद आया था और अगर आप चाहे तो में आपको उससे भी ज़्यादा दिखा सकता हूँ। अब वो कहने लगे में अब भी नहीं समझा। लेकिन बॉस अब सब कुछ समझ गये थे।
प्लीज सर आप आज हमारे यहाँ डिनर पर आइये मुझे मालूम है आज कल आपकी वाईफ मायके गयी हुई है। तो आज आप हमारे यहाँ खाना खाकर कुछ देर आराम भी कर सकते हैं।
ठीक है में आ जाऊंगा बॉस मन ही मन खुश हो रहे थे, लेकिन ऊपर से गंभीर बने हुए थे। अब मेरा प्लान का पहला भाग सफल हुआ था। अब मुझे राजश्री को चुदवाने के लिए तैयार करना था। मेरी पत्नी मेरे बॉस से चुदवा सकती है। जब वो मुझसे चुदवा सकती है तो मेरे बॉस से क्यों नहीं, इससे मेरा काम भी होगा और मेरा बदला भी पूरा हो जाएगा।
सबसे पहली तैयारी अब मुझे सोचना था कि राजश्री को कैसे तैयार करूं उस दिन भी वो बड़ी मुश्किल से लो कट का ब्लाउज पहनने को तैयार हुई थी। आज मेरा इरादा था कि में ना सिर्फ़ पूरा ब्लाउज खुलवाऊ बल्कि साड़ी और पेंटी भी खुलवा कर उसे पूरा ही नंगा करूंगा और सर से चुदवाऊंगा भी। अब इतना करवाना तो बहुत ही मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन सा था।
अब मैंने घर जाकर उसे समझाना शुरू किया। मैंने उसे सभी झूठ कहा “राजश्री आज मुझसे एक बहुत बड़ी भूल हो गयी है और मेरी ग़लती कि वजह से कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है तभी राजश्री बोली हे भगवान अब क्या होगा। मैंने और रोनी सूरत बना कर बोला अब शायद मेरी नौकरी चली जाए और मुझे जेल भी हो सकती है।
अब जी क्या करना होगा, आप वकील से बात करो। मेरी बीवो घबरा गयी थी तभी मैं बोला यह सब कुछ मेरे बॉस के हाथ में है। हमे उन्हे मनाना होगा कि वो मुझ पर कोई एक्शन ना ले और अगर तुम चाहो तो मेरी जिंदगी बचा भी सकती है।
तभी राजश्री ने पूछा वो कैसे बस तुम मेरे बॉस को कैसे भी खुश कर दो अब “तुम्हे बॉस को खुश करना होगा। वो बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थी लेकिन मैंने उसको कहा। देखो राजश्री अगर तुमने नहीं किया तो शायद मेरा जेल जाना तो तय है। शुरू मैं तुम सिर्फ़ अपनी चूचियां दिखाना वैसे भी तुम्हारे बूब्स किसी के देख लेने से बदसूरत तो नहीं हो जाएँगे, जिस तरह शक्ल सभी लोग देखते है तो कोई फर्क नहीं पड़ता है उसी तरह तुम बूब्स भी उन्हें देखने दो तुम्हारे बूब्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
तभी उसने कहा नहीं, और अगर देखने के बाद वो मेरे साथ कुछ और भी कर बैठेंगे तो में क्या करूंगी।
अब में बहुत खुश था क्योंकि में तो बस इसी लाइन पर उसे लाना चाहता था। उसकी इस बात ने मेरा काम आसान कर दिया था। तभी मैंने कहा कि मेरी जान अगर उन्होंने तुम्हे छू भी लिया तो क्या हुआ। क्या तुम्हारे बूब्स घिस जाएँगे या फिर छोटे हो जाएँगे, तुम कोई ऐसी चीज़ तो हो नहीं कि एक बार इस्तमाल करने के बाद कभी इस्तमाल नहीं हो सकती हो, में तो कहता हूँ कि अगर वो चाहे तो उन्हें तुम चोदने भी देना, शायद इससे मेरी नौकरी बच जाए वैसे भी तुम्हारी चूत कोई कंडोम थोड़ी है कि एक बार उसमें लंड के घुसने के बाद कभी कोई इस्तेमाल ही नहीं कर सकता है देखो जान में तो कहता हूँ कि चूत चोदने से अगर वो खुश है तो तुम वही करना जो वो तुमसे कहे।
मैंने देखा कि अब राजश्री धीरे धीरे शांत हो रही है यानी वो मान जाएगी। मैंने आगे कहा डार्लिंग पहली बार तुम्हे ये सब खराब लगेगा। लेकिन तुम एक बार किसी दूसरे से चुदवा कर तो देखो और अभी मुझे तुम्हारे साथ की ज़रूरत भी है और तुम एक बार लंड लेकर देखो, मुझे पूरा भरोसा है कि तुम बार बार दूसरो से चुदवाना चाहोगी और फिर घर कि बात घर में ही रहेगी। हर बार एक नया लंड तुम्हारी चूत मे तुम्हे हर बार एक नया मज़ा देगा, फिर तुम खुद कहने लगोगी कि आज मेरे लिए किसी नये लंड का इंतेजाम कर दीजिए। आज में बहुत कामुक हो रही हूँ और हाँ बॉस को बस ऐसा लगे कि तुम उसे खुश कर रही हो।
मैंने भी जानबूझ कर अपने बॉस के साथ उसकी चुदाई की बात शुरू में नहीं की थी और झूठा बहाना बनाया वरना वो चुदाई के नाम से बिदक जाती और बहुत बहस करने के बाद आख़िर उसे मैंने मजबूर कर ही दिया था। अब प्लान का तीसरा पार्ट था कि बॉस बिल्कुल राज़ी हो जाए मेरी बीवी को चोदने के लिए।
उसी शाम को मैंने खुद उसे नहलाया फिर उसकी चूत के बाल भी मैंने खुद साफ किये राजश्री कि चूत एकदम मखमल चूत की तरह दिख रही थी और मेरा मन करने लगा उसे वही चोद दूँ लेकिन मैं उसे बॉस से ही चुदवाना चाहता था। शाम को सर आए तो उसने वही ग्रीन साड़ी और लो कट का ब्लाउज पहन रखा था। मैंने उसे ब्रा पहनने नहीं दिया था।
मैंने बॉस को देखा तो वो राजश्री की चूचियों को घूर रहे थे और उनका लंड भी खड़ा होने लग रहा था, साफ मालूम पड़ रहा था कि उनका लंड खड़ा हो गया है अब उन्होंने राजश्री की तरफ देखा तो वो भी बॉस के लंड को घूर रही थी।
तभी मैंने बॉस से कहा यह मेरी प्यारी पत्नी राजश्री है और राजश्री से बोला कि बॉस के लिए ड्रिंक्स ले आओ। राजश्री ने अपना सर हिलाकर बोला अभी लाती हूँ।
सर के पास बैठ कर मैंने राजश्री को विस्की ग्लास मे डालने को कहा वो झुककर विस्की ग्लास में ढाल रही थी, तो उसके बूब्स अब और भी दिखने लगे थे।
अब मैंने उसका आँचल खींच कर गिरा दिया और बोला कि लीजिए सर ये देखिए झुका होने की वजह से ब्लाउज के अंदर तक दिख रहा था सर कुछ डर रहे थे। मैंने एक उंगली से उसके ब्लाउज को और थोड़ा नीचे खिसकाया ताकी बूब्स और ज़्यादा साफ दिखे।
अब बॉस भौंचक्के से ब्लाउज मे झाँक रहे थे और रूचि बड़ती हुई देखकर मैंने उनका हौसला और बढ़ाया उनका हाथ पकड़ कर मैंने उसे उसके बूब्स पर रख दिया और कहा लीजिए सर छू कर देखिये। डरिये नहीं अब राजश्री के चेहरे का रंग उड़ने लगा था।
बॉस ने भी धीरे धीरे हिम्मत की और अब उन्होने धीरे से बूब्स को हाथ मे ले लिया था। राजश्री को जैसे करंट सा लगा हो उसके मुँह से सिर्फ़ अह्ह्ह कि आवाज़ आई और वो सीधी खड़ी हो गयी और उनका हाथ नीचे आ गया था, बॉस भी कांप रहे थे। पल्लू नीचे गिर गया था और वो घबराहट मे उसे उठा भी नहीं पा रही थी इसलिए बूब्स थोड़े थोड़े दिख रहे थे अब मैंने उसे कहा डार्लिंग तुम घबराओ नहीं तुम पास में बैठ जाओ बॉस घर के ही आदमी है।
लेकिन वो सामने सोफे पर बैठ गयी थी। बिना पल्लू ठीक किए हुए हम दोनो ने अपने ग्लास उठा लिए थे और मैंने उसे भी विस्की लेने को कहा उसे अब होश आया उसने पल्लू ठीक किया और अपने लिए विस्की डालने लगी। सर की हिचकिचाहट अब बहुत दूर हो चुकी थी और अब वो उसके बूब्स को भूखी नज़र से देख रहे थे, लेकिन राजश्री घबरा रही थी और जैसे सिमटी जा रही थी। पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
पहली बार मैंने शेर के आगे बकरी देखी थी। लगभग आधा पेग पीने के बाद मैंने कहा सर में आपकी हिचकिचाहट समझ रहा हूँ लेकिन आप बिल्कुल संकोच ना करे जाइए आप उस सोफे पर उसकी बगल मे बैठ जाइए तो आप दोनो ही की झिझक कुछ कम होगी।
मैंने उन्हे राजश्री के साथ उसी सोफे पर भेज दिया और सामने बैठ कर उन्हे देखने लगा था, वो चुपचाप बैठे थे दोनो बिल्कुल शांत थे। मैंने आख़िर उठकर फिर से एक बार उसका पल्लू नीचे गिरा दिया था और सर का हाथ पकड़ कर उसके ब्लाउज पर ले गया।
सर आप बिना झिझक के इसके बटन खोल दीजिए। मैंने आपको प्रॉमिस किया है की मैं आपको उस दिन से ज़्यादा दिखाऊंगा आख़िर आप मेरे बॉस हैं और अब मुझ पर भी ड्रिंक्स का नशा चड़ने लगा था।
राजश्री ने अपने हाथ से अपना ब्लाउज छुपाना चाहा लेकिन उन्होने उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए। मैंने जल्दी से ब्लाउज को पीछे से खींच कर उतार दिया था, अब वो सिर्फ़ ब्रा में बैठी थी। सर का चेहरा देखने लायक था। मैंने राजश्री के पीछे खड़े खड़े ही उनको उसके बूब्स छूने का इशारा किया। उन्होने हाथ बड़ा कर बूब्स छूने शुरू कर दिए थे। अब ब्रा के ऊपर बूब्स के नंगे भाग को वो सहला रहे थे।
फिर उन्होने ब्रा के अंदर उंगली घुसा दी थी और धीरे से नीचे की तरफ घुसाने लगे थे। जल्दी ही उनकी उंगली उसके निप्पल तक पहुँच गयी थी और अब मेरा भी लंड खड़ा हो गया था। मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और मौका देखकर मैंने ब्रा का हुक खोल दिया था। ब्रा के खुलते ही उन्होने पूरे बूब्स को पूरी हथेली मे जकड़ लिया था और अब मैंने ब्रा को खींच कर पूरा उतार दिया था।
अब वो ऊपर से पूरी नंगी बैठी थी और उसकी चुचियों से मेरे बॉस खेल रहे थे। में वापस सामने अपने सोफे पर आ गया था और विस्की पीने लगा था बॉस दोनो हाथों से उसकी दोनो चूचियों को सहला रहे थे और मसल रहे थे। उसके निप्पल को दबा रहे थे राजश्री अब भी घबराई सी सर झुकाए बैठी थी।
उसकी समझ मे नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। एक बार सर ने मेरी तरफ देखा, तभी मैंने जल्दी से इशारा किया और वो उसके निप्पल चूसने लगे थे और उन्होने तुरन्त इशारा समझ लिया और वो उसके बूब्स को चूमने चाटने और निपल्स को धीरे धीरे दांतों से काटने भी लगे थे।
अब बूब्स को दोनो हाथो से दबाते हुए उन्होने उसे अपने पास ज़ोर से खींचा और राजश्री को लगभग अपने से चिपका के उसके होठ चूमने लगे थे अब वो पूरी तरह से तैयार हो गये थे और वो मुझे शक्ल से बहुत कामुक लग रहे थे। मेरा काम बन चुका था और अब मुझे विश्वास हो गया था कि अब मुझे अपनी बीबी को उनसे चुदवाना मुश्किल काम नहीं है और अब तो वो भी तैयार हैं और बीबी भी ज़्यादा नखरे नहीं दिखाएगी क्योंकि उसे भी अब बॉस का लंड चाहिए था।
अबकी बार जैसे ही मेरी नज़रे बॉस से मिली। मैंने उन्हे उसकी साड़ी ढीली करने का इशारा किया, एक हाथ से उसे अपने बदन से चिपकाए हुए उसके होठो को चूमते हुए उन्होने दूसरा हाथ बूब्स से नीचे किया और साड़ी खोलने लगे थे।
राजश्री ने घबरा कर उनका हाथ पकड़ लिया। लेकिन उसके हाथ को भी सहलाते हुए वो उसकी साड़ी ढीले करते रहे साड़ी खोलना कोई मुश्किल तो होता नहीं है। उन्होंने तुरंत ही खींची और साड़ी बिखर गयी और अब उसका पेटिकोट दिखने लगा था। उन्होने साड़ी को पूरा फैला दिया जिससे सामने के भाग मे साड़ी लगभग पूरी हट गयी थी। उन्होने उसके पेट और कमर को सहलाते हुए पेटिकोट का नाडा भी अचानक खींच दिया और उसे मालूम भी नहीं पड़ा था।
अब अचानक राजश्री ने एक हाथ से उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन तब तक वो पेटिकोट को भी थोड़ा नीचे सरका चुके थे और अब पेंटी दिख रही थी उन्होने अब उसे पूरा खींच कर अपनी गोद मे ही बैठा लिया और इसी दौरान नीचे से साड़ी और पेटिकोट भी खींच दिये थे।
अब वो सिर्फ़ पेंटी मे मेरे सामने के सोफे पर मेरे बॉस कि गोद मे बैठी थी और मेरे बॉस कभी उसका पेट सहलाते कभी बूब्स चूमते और कभी बूब्स दबाते और होठ चूम रहे थे। उनके हाथ पेंटी के अंदर भी घुस कर उसकी चूत सहला रहे थे राजश्री आँख बंद करके सिर्फ़ सिसकारीयां भर रही थी और गरम भी हो रही थी।
में अब ये सोच रहा था कि उन्हे अंदर बेडरूम मे कैसे बुलाया जाए ताकि वो आराम से उसे जी भर के चोद सके। मैंने उन दोनो के विस्की के ग्लास उठाए और उन दोनो के होंठो तक ले जा कर बोला आप दोनो ने विस्की तो पी नहीं रहे है लीजिए में आपकी मदद करता हूँ उन दोनो ने ही मेरे हाथ से पीते हुए ग्लास से विस्की कि एक एक घूँट ली और फिर चूमने चाटने मे जुट गये। अभी तक सर पूरे कपड़ो में थे और राजश्री सिर्फ़ पेंटी में थी।
सर मेरे ख्याल से आप भी अपने कपड़े उतार दें तो ज़्यादा ठीक रहेगा और आख़िर मैंने कहा और वो तुरन्त तैयार हो गये। राजश्री को वापस सोफे पर बैठा कर वो उठे और शर्ट उतारने लगे थे। शर्ट उतारने के बाद उन्होने पेंट भी उतार दी थी, लेकिन अंडरवियर नहीं उतारी और फिर सोफे पर बैठ कर मेरी बीबी को अपनी गोद मे खींच लिया था।
अब उनके नंगे बदन से अपना नंगा बदन टच होने से और लगातार इतना चूमने चाटने और अपने बूब्स दबवाने के बाद अब राजश्री का भी अपने ऊपर से कंट्रोल खत्म सा हो गया था और उसकी सांस ज़ोर ज़ोर से चल रही थी और उनके चुम्मो के बदले मे बीच बीच मे वो भी चूम लेती थी।
पेट के नीचे से सर का लंड बिल्कुल तना हुआ पेंट से बाहर आने को बेचैन सा दिख रहा था और शायद उसे देखकर अब राजश्री भी कुछ कुछ बेचैन होने लगी थी और आख़िर मुझे फिर उनका हौसला बढ़ाना पड़ा।
फिर मैंने राजश्री का हाथ पकड़ा और उसे सर के लंड पर रख कर उसकी मुठ्ठी बंद कर दी जिससे लंड उसकी मुठ्ठी मे आ गया था। सर के मुहं से सिसकारीयां निकल गयी थी और अब वो उसे खूब ज़ोर से चूमने लगे थे। उसके दोनों बूब्स उनके सीने से बुरी तरह से दबे हुए थे।
अब सर का लंड जो ढीली अवस्था मे 7 इंच का था और वो अब धीरे धीरे खड़ा होने लगा था राजश्री एक हाथ से लंड को सहला रही थी। जिससे लंड पूरा खड़ा हो गया था उस लंड को देखकर में ही नहीं राजश्री भी डर गयी थी क्योंकि उसकी लंबाई अब 8.5 और 2 इंच का मोटा हो गया था।
अब वो उनके लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी थी मुझे मालूम था वो अपने आप इससे आगे फिर कुछ नहीं करेगी तो इसलिए एक बार फिर आगे आ कर अब मैंने उसका हाथ पेंट के अंदर घुसा दिया जिससे अब लंड सीधे सीधे ही उसके हाथ मे आ गया था। उसने उनके लंड को ज़ोर से कसकर पकड़ लिया था।
अब वो चुदवाने के लिए बिल्कुल तैयार दिख रही थी पर अब भी हिचक बाकी थी। सर ने उसकी पेंटी को खींचना शुरू किया तो उसने रोकने की। कोशिश करने के बजाय उसने चूतड़ उठाकर उन्हे पेंटी को आराम से उतार लेने दिया और अब उनका लंड भी अंडरवियर से बाहर झाँक रहा था और राजश्री उसे लगातार सहला रही थी।
उन्होने अपनी अंडरवियर भी पूरी तरह उतार दी और अब वो दोनो मेरे सामने के सोफे पर पुरे नंगे बैठे हुए एक दूसरे से सब कुछ बेहिचक कर रहे थे। में फिर से विस्की का ग्लास लेकर उनके पास गया और उन्हे विस्की पिलाने लगा था।
फिर में राजश्री का हाथ पकड़ कर उसे उठाने लगा तो वो दोनो ही सवाली नज़ारो से मुझे देखने लगे थे।
आगे की कहानी अगले भाग में …
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