Sunday, August 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI होली का असली मजा--17

FUN-MAZA-MASTI

 होली का असली मजा--17

 वो थोडा सा मुस्कराये और फिर मुझे देख के मेरी ओर इशारा कर के कबूले ,

" मम्मी , इसकी बड़ी ननद को "

मेरी तो फट के हाथ में आ गयी। बड़ी ननद को भी , मम्मी ने आज क्या क्या पता लगाया।



मम्मी ने फिर पुछा , " क्यों शादी के पहले चोदी थी ,या "
मम्मी की काट के वो जोर से मुस्कराते बोले ,




" मैंने कित्ता बोला लेकिन वो नहीं मानी बोली ,

"शादी के बाद भैया , चाहे जित्ती बार ले लो। "

चोदा तो इसलिए शादी के बाद , लेकिन उसके पहले हथियार की दीवानी थी वो। स्कूल से हम दोनों साथ आते थे , और आते ही कपडे बाद में बदलते थे ,



वो मेरी नेकर खोल के , सीधे मुंह में ले के , जबरदस्त चूसती थी। पूरी मलायी गटक लेती थी।




फिर मैं भी उसकी स्कर्ट उठा के चूसता , कम से कम दो बार पानी निकालता था उसका। सब कुछ करवाती थी।


लंड चूत पे रगड़वाती थी , गांड पे रगड़वाती थी लेकिन बस अंदर नहीं घुसेड़नी देती थी।

लेकिन मैं भी , उसकी शादी के चार दिन बाद हमारे भाई चौथी ले के जाता है बस , मैंने उसी के बिस्तर पे पटक के पेल दिया। फिर तो क्या मायका क्या ससुराल , और जीजू का थ्रीसम का मन था तो कई बार तो मैंने और जीजू ने मिल के उसकी सैंडविच बनायी। "





मैं भी सोच सोच के मुस्करा रही थी। तभी तो ननदोई जी और कुछ खुला है। मेरे भाई की दोनों ने मिल के गांड मारी।

और छुटकी का प्लान है , ननदोई जी का तो है भी खूब मोटा , अब बस मैं भी इनके और नंदोई जी के साथ सैंडविच बनूँगी




लेकिन इसी बीच मम्मी ने अगला सवाल पूछ दिया ,

" और इसकी छोटी ननद "



उन्होंने जो जवाब दिया उससे मुझे भी पड़ी और उन्हें भी।


मम्मी ने हड़काया , " छोटी , मतलब "

वो कुछ हिचकिचाते बोले , " छुटकी से दो चार महीने छोटी होगी "
मम्मी ने और जोर से हड़काया।

" बुद्धू हो तुम। इसका मतलब वो कब की चुदने लायक हो गयी है। "





फिर मम्मी का गुस्सा मेरी ओर,

" छोटी ननदों को फुसलाने , पुचकारने , पटाने का काम किसका है भाभी का न। तो। सारी गलती तेरी है। अपने तो रोज रात , बिना नागा , उसके भाई का लंड गपागप घोंटती हो और चिंता है तुम्हे बिचारी छोटी ननद की , उस के भी तो खुजली मचती होगी। बिचारी बैगन , मूली , खीरे से काम चलाती होगी। तेरी जिम्मेदारी है उसकी सील तुड़वाने की "

मैं मम्मी को उनके सामने कैसे बताती की उसकी सील तो ऐन होली के दिन मेरे भाई ने तोड़ दी। और उसके बाद उस ख़ुशी में मैंने उसे पाव भर अपनी कुप्पी से सीधे सुनहला शरबत भी पिलाया।

मम्मी फिर चालु हो गयीं ,

" सुन भाभी का है की अपनी ननद की कच्ची चूत में से अपने सैयां का लंड , अपने हाथ से पकड़ के डलवाये। ननद को पुचकारे , समझाए , थोडा जोर जबरदस्ती करे।

अरे कच्ची कली है , नया माल है तो थोडा , पटाना , फुसलाना ,…यही तो काम है भाभी का। सुन , ससुराल पहुँच के रंगपंचमी के पहले , दामाद जी का अपनी छोटी ननद के अंदर , एक दो बार तू चुदवा देगी उसके बाद तो खुद ही उसके चूत में चींटे काटेंगे। "

"एकदम मम्मी " मैंने तुरंत हामी भरी।


और अब मम्मी का रुख उनकी ओर मुड़ गया।

" ये तो बेवकूफ है , लेकिन देखो इसीलिए तुम्हारे सामने बोल रही हूँ। अगर ये जरा भी गड़बड़ करे न तो मुझे बताना। अब तुम सोचो न , तुम दोनों का फायदा है।


तुम्हारी बड़ी बहन तो कुछ दिन बाद ससुराल चली ही जायेगी। और इसके भी महीने में पांच दिन तो छुट्टी के , तो क्या करोगे उन दिनों में , जवान हो , हथियार भी जबरदंग है तो , व्वो इसकी छोटी ननद पटी रहेगी तो काम चलेगा न। उन पांच दिनों में उसका बाजा बजाना। मैं तो कहती हूँ कुछ दिन उसे अपने पास , सुला सब खेल तमाशे सीख जायेगी। "

और इसी के साथ मम्मी की चूत जो खेल तमासे कर रही थीवो मैने सिर्फ पढा , सुना था , लेकिन देखा नही था


 नट क्रैकर , जी बस काम सूत्र मे पढा था. इसमे औरत लिंग पूरी तरह अन्दर लेने के बाद , बजाय धक्के लगाने के अपनी चूत की मसल्स सिकोडती है , वो भी इस तरह की सबसे पहले , चूत के सबसे बाहरी हिस्से की मसल्स सिकोडेगी. जिससे लन्ड के बेस पे दबाव पडेगा और फिर धीरे धीरे , और उपर की ओर, दस सेकेन्ड के अन्दर वो पूरे लन्ड को निचोड के रख देगी. और फिर दुबारा लन्ड के बेस से सुपाडे तक, एक लहर की तरह.




मुझे मम्मी की चूत की मसल्स की स्ट्रेन्थ अच्छी तरह मालूम है। एक बार उनकी चूत में मैंने ऊँगली की थी , पूरी अंदर। और उन्होंने जरा सा यही किया और मुझे लगा की मेरी ऊँगली की हड्डी टूट जायेगी। कोई नारमल मर्द होता तो दो तीन मिनट में पानी फ़ेंक देता , ये तो ' ये ' थे जो बिना रुके आधे घंटे तक फूल स्पीड चोद सकते थे ,…

पता नहीं ' नट क्रैकर ' कमाल था या जिस तरह मम्मी मेरी छोटी ननद के बारे में बातें कर रही थीं , उससे उनको जो जोश चढ़ा था। बाजी पलट गयी।






अब ऊपर और मम्मी नीचे।


लेकिन ये पोज थोड़े देर रहा , फिर तो उनका फेवरिट पोज़ , डागी स्टाइल , मम्मी को कुतिया बना के उन्होंने एक बार में बित्ते भर अपना , मेरी कलाई से भी मोटा लंड , ठूंस दिया , जड़ तक।




फिर तो क्या कातिक में कुत्ते , कुतिया चुदाई करते होंगे। हचक हचक के।



और जब वो रुक जाते तो मम्मी , उनसे दूने जोर से , अपने मोटे मोटे चूतड़ , पीछे की ओर धक्के मारतीं। चोदते समय भी उनकी निगाहें मम्मी के चूतड़ों से चिपकी थीं , सहलाती ललचाती। मैं देख देख के झड़ गयी।

लेकिन जब वो झड़े , तो एक बार फिर मम्मी उनके नीचे दबी हुयी थीं। मम्मी और वो साथ साथ झड़े। और कम से कम दो अँजुरी भर गाढ़ी , थक्केदार मलायी निकली होगी।




थोड़ी देर तक वो दोनों अखाड़े थके पहलवानो की तरह पड़े रहे ,

फिर मम्मी मुझे देखा , और इनसे इशारा किया की वो बगल में रखी कुर्सी बैठ जाएँ , और मुझसे अपनी फैली जाँघों के बीच भरी मलायी की ओर इशारा करते ,बोला ,

"अरे , तेरा ही माल है , देख क्या रही है। गपक ले। "

मुझे दुबारा कहने की जरूरत नहीं थी। क्या मस्त क्रीमपाई थी।




और मैं सपड़ सपड़ चाटने लगी। पहले मम्मी की जांघो पे लगी , लिपटी , चुपड़ी मलायी चाटी , फिर बुर के बाहर लगी , लिथड़ी ,लगी।



लेकिन मैं भी तो मम्मी की बेटी थी। लगे हाथ मेरी जीभ , मम्मी की क्लिट भी चाट लेती थी , जीभ की टिप , खड़े उत्तेजित दाने को छेड़ देती थी।



और असर मम्मी पे जबरदस्त हुआ। मारे जोश के वो फिर नीचे से चूतड़ उचकाने लगी, उनकी बड़ी बड़ीचूंचियाँ पथराने लगीं , निपल फिर से कड़े हो गए।

मैंने उनकी बुर को अंगूठे और तरजनी से फैला के , अंदर जीभ डाल के मलायी खाना शुरू करने ही वाली थी , की मम्मी ने रोक दिया।


उनकी आँखे अपने दामाद पे लगी थी। हम लोगों की 'प्रेम लीला ' देख के उनका खूंटा फिर से तन्ना गया था , एकदम ९ इंच का खड़ा , मोटा।


 मम्मी ने मुस्करा के मुझसे बोला " तू अकेले अकेले खा पी रही है , और मेरा बिचारा दामाद बैठ के टुकुर टुकुर देख रहा है , जबकि अभी उसने इतनी मेहनत भी कि है। "


फिर उनकी ओर मुंह कर के मम्मी ने पूछा , " बियर पीते हो न "

" अरे मम्मी नेकी और पूछ पूछ " हंस के उन्होंने बोला।

मम्मी उठ के निकली लेकिन दरवाजे के पास से रुक के बोलीं ,

" कोई बदमाशी नहीं तुम दोनों की और हे , ( आपने दामाद से बोलीं ) हाथ भी मत लगाना उसे , वरना हाथ बाँध दूंगी। "

वो पांच मिनट के बाद लौटीं।

हम लोग वैसे ही रहे मैं उनके तन्नाये लंड को देखती रही , लेकिन आँखों ही आँखों में उन्होंने अपने दिल की बात कह दी। बस मैं किसी तरह उन्हें मम्मी की गांड दिलवा दूँ।

और मेरी आँखों ने भी हामी भर दी।






मेरे लिए मेरे पी की इच्छा सबसे ऊपर ,

और तब तक मम्मी आयी , बियर का बड़ा सा मग ( कम से कम दो कैन ) और ऊपर खूब झाग आलमोस्ट बहता हुआ ,

और अपने दामाद को उन्होंने मग पकड़ा दिया।

लेकिन जिस तरह उन्होेंने घुसते हुए जबरदस्त आँख मुझे मारी थी ये साफ था की उसमें कम से कम , १/३ मम्मी की 'पर्सनल बियर , उनकी सुनहली शराब ' उसमे मिली थी।

अब तो उनका नशा दूना होना था। सास की 'शराब ' पी के।






मैंने फिर मम्मी की चूत फैला के मलायी खाना शुरू किया , लेकिन अबकी 69 की पोज में , मम्मी ऊपर मैं नीचे।


मम्मी ने उन्हें चेताया , " हे जल्दी बियर ख़तम करो। अगर बियर ख़तम होने के पहले , हम में से कोइ झड़ गया न , तो बस गांड मार लेंगे तुम्हारी। "

मैंने मम्मी के कान में फुस्फसया " लेकिन अगर बियर पहले ख़तम हो गयी तो "

मम्मी ने धीरे से हड़काया 'चुप '
. मैं उनकी ट्रिक समझ रही थी। जल्दी के चक्कर में उन्हें इस बात का ध्यान नहीं रहेगा की बियर की कॉकटेल में क्या मिला है, मम्मी की असली 'सुनहरी बियर '.




मैंने मम्मी की बुर के अंदर अपनी जीभ पूरी घुसेड़ ली।



एकदम अंदर तक मलायी भरी थी।


इन्होने पिचकारी सीधे मम्मी की बच्चेदानी पे मारी थी। एकदम लबरेज थी मम्मी की बुर , और मेरे तो मजे हो गए सपड़ सपड चाट रही थी। और साथ में मम्मी की रस मलायी भी।


थोड़ी देर में मम्मी पे भी चूत चटाई का नशा चढ़ने लगा और मुझ पे भी।

चूत चाटने के साथ मैंने उनकी क्लिट भी चूसनी शुरू कर दी।

वो हम दोनों की चूत चटाई देख रहे थे। मजे से बियर ख़तम होने के कगार पे थी पर उनका ध्यान बियर पे एकदम नहीं था।




मैंने देखा वो मेरे चेहरे की ओर देख रहे थे , लेकिन कुछ देर में समझ गयी।

69 में मैं नीचे थी और मम्मी ऊपर ,और मेरे चेहरे के ठीक ऊपर मम्मी के बड़े बड़े चूतड़ ऊपर नीचे हो रहे थे , वो उसे देख रहे थे , और ललचा रहे थे।

और मैं उन्हें ललचाता हुये देख रही थी।

लेकिन थे तो वो मेरे साजन , मैंने आग में थोडा और घी छोड़ा।

मम्मी कि बुर चूसते हुए मेरे हाथ अब उनके भारी भारो नितम्बों को सहला रहे थे , दबा रहे थे और फिर मैंने उनके दोनों चूतङों को दोनों हाथों से फैला के जोर खोला ,…

एकदम जादू की तरह असर हुआ उन पे। मैं कनखियों से देख रही थी. लंड उन का पत्थर का हो गया।
एकदम ९० डिग्री।


और एक घूँट में सारी बची हुयी बियर , ( जिसमे १/३ मम्मी की 'पर्सनल सुनहली बियर ' मिली थी ) उन्होंने गटक ली।

मुझे बहुत मजा आ रहा था उनकी ये हालत देख के , लेकिन अभी तो शुरुआत थी।











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