Sunday, August 31, 2014

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--30

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--30

अब आगे
*********

 देवी लाल को ऐसा मज़ा आज से पहले कभी नही आया था..उसने बोतल अपने हाथ मे ली और कुछ और बूंदे टपका दी..उन्हे भी वो भूखी बिल्ली चट कर गयी...अब वो देवी लाल को ऐसे देख रही थी जैसे कुत्ता देखता है अपने मालिक को की कब वो रोटी का टुकड़ा उसके पास फेंके जिसे वो खा जाए..ऐसी ही चमक दिख रही थी रश्मि की प्यासी आँखों मे..

देवी लाल ने बोतल अपने मुँह से लगा ली...और एक तगड़ा सा घूंठ भरकर शराब को अपने मुँह मे इकट्ठा कर लिया..और फिर उसने रश्मि को इशारे से उठने के लिए कहा..वो समझ गयी की वो क्या चाहता है...वो वफ़ादार कुतिया की तरह उपर उठी और उसके चेहरे के बिल्कुल पास आ गयी..और अगले ही पल खुद ही अपने रसीले होंठों को उसके होंठों से लगाकर उसके मुँह मे इकट्ठी शराब को अपने अंदर ले लिया और एक ही घूंठ मे पी गयी..

रश्मि को ऐसा लगा की उसने अमृत पी लिया है...उसका शरीर हवा मे उड़ता हुआ महसूस हुआ उसको..नशे का एक झटका सा लगा उसके शरीर को...उसकी आँखे बोझिल सी होने लगी और वो लड़खड़ा सी गयी..

देवी लाल ने उसको अपनी बाहों मे लेकर संभाल लिया...दूसरे हाथ मे पकड़ी बोतल से उसने फिर से एक और घूंठ भरा..रश्मि फिर से चुंबक की तरह उसके चेहरे की तरफ खींचती चली गयी..पर इस बार देवी लाल ने कुछ और ही सोचा हुआ था..उसने रश्मि के ब्लाउस के हुक खोलने शुरू कर दिए..

रश्मि भी उन कपड़ों की घुटन से बाहर निकलना चाहती थी..आज़ाद परिंदे की तरह नंगी होकर नशे के बादलों मे उड़ना चाहती थी..उसने झट से अपने सारे हुक खोलकर अपना ब्लाउस निकाल फेंका और फिर अपनी ब्रा भी...

उसके कठोर मुम्मे देखकर एक पल के लिए तो देवी लाल का नशा भी काफूर सा हो गया..उसके होंठों के किनारों से शराब बहकर बाहर गिरने लगी..पर जो उसने सोचा था, वो करना भी ज़रूरी था..

वो अपने शराब से भरे होंठों के गुब्बारे उसके स्तनों पर लेकर गया और अपना मुँह ठीक उसके निप्पल्स के उपर खोलकर उसके मुम्मे को निगल गया..मुँह खुलते ही उसके अंदर भरी शराब रश्मि के सफेद पर्वत पर फैल गयी और उसकी जलन को महसूस करते ही रश्मि तड़प सी उठी..

देवी लाल ने अपना गीला मुँह दूसरे मुम्मे पर भी फेराया और वहाँ भी शराब को पूरी तरह से लगाकर उसके दोनो मुम्मों को पूरी तरह से शराबी कबाब बना दिया..

फिर आराम से वो एक-2 करते हुए उन्हे चाटने लगा..उसकी जीभ की हर चटाई से वो ज़ोर से सिसक उठती..उसके चेहरे को ज़ोर से अपने मुम्मे पर दबा देती...और ज़ोर -2 से चिल्लाती ...


''अहह......... ओह .....कितना मज़ा आ रहा है...............चाट ले इसको......चूस ले.....खा जा इन्हे.......नोच ले मेरे मुममे......आहह''

देवी लाल की हर बाईट से वो खूंखार सी होती चली जा रही थी...और साथ ही साथ शराब का नशा भी उसपर असर करने लगा था..एक अजीब सी खुमारी छा रही थी...उसका सिर हवा मे घूम रहा था..अब वो जल्द से जल्द उसके लंबे लंड को अपनी चूत मे लेना चाहती थी...

वो बिस्तर पर चादर की तरह बिछ गयी...अपनी साड़ी और ब्लाउस को घुटने से उपर उठा कर एक ही बार मे उसने अपनी चिकनी चूत देवी लाल के सामने परोस दी..और उसे अपनी टाँगों से पकड़कर अंदर की तरफ खींचने लगी..

देवी लाल भी पूरी तरह से मूड मे आ चुका था...आज तो उसने ऐसी चुदाई करनी थी की अपनी पिछले सालों की सारी कसर निकाल सके..

उसने शराब की बोतल उठाई और बची हुई शराब को अपने मुँह मे भरकर नीचे झुका और रश्मि उसपर ऐसे झपटी जैसे उसने कोई बोटी दिखा दी हो अपने पालतू जानवर को..और एक ही झटके मे उसके होंठ रश्मि के कब्ज़े मे थे..और देवी लाल का लंड उसकी चूत मे.


''उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म। ............... स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह''

रश्मि नशे मे थी, इसलिए वो महसूस नही कर पाई की इतना मोटा लंड उसकी चूत मे कैसे गया..अगर होश में होती तो पूरे मोहल्ले को अपने सिर पर उठा लेती..

एक लंबी स्मूच करने के बाद देवी लाल उपर उठा और उसके दोनो मुम्मों को पकड़कर अपनी पकड़ बनाई और अपने लंड को बाहर की तरफ खींचा..जिसपर रश्मि की चूत का रस लग जाने की वजह से वो चमक रहा था

और जैसे ही धक्का देकर फिर से अंदर जाने लगा..बाहर का दरवाजा खड़का..और आवाज़ आई..

''बापू.......ओ......बापू...... आज फिर से पीकर सो गया है क्या..''

विक्की बाहर खड़ा होकर ज़ोर-2 से दरवाजा पीट रहा था.

देवी लाल ने घबराकर रश्मि की तरफ देखा..वो नशे की हालत मे जाकर बेहोश हो चुकी थी..

ये देखकर देवी लाल की फट कर हाथ मे आ गयी..उसकी समझ मे नही आ रहा था की क्या करे और क्या नही.


 बाहर खड़ा विक्की लगातार दरवाजा पीट रहा था..देवी लाल की हालत खराब थी, उसका सारा नशा उतर चुका था, उसकी अपने बेटे से काफ़ी फटती थी, क्योंकि वही उसके लिए पैसों का इंतज़ाम करता था,खाने पीने का,दारू का..

अचानक देवी लाल को पिछले दरवाजे की याद आई,जो पीछे वाली तंग गली मे खुलता था..उसने जल्दी -2 रश्मि के सारे कपड़े ठीक किए और अपनी सारी शक्ति समेत कर किसी तरह से रश्मि को उठाया और पिछले दरवाजे से लेजाकर एक खड़ी हुई रेहड़ी के उपर लिटा दिया

फिर दरवाजा बंद करके वापिस अंदर आया और भागकर बाहर का दरवाजा खोला.

विक्की दनदनाता हुआ सा अंदर आ घुसा : "इतनी देर से बाहर खड़ा हू,क्या कर रहे थे आप,कितनी बार बोला है की दिन के समय ना तो पिया करो और ना ही सोया करो...''

फिर वो पैर पटकता हुआ अंदर आ गया, वो पूरी तरहासे भीग गया था..

देवी लाल ने बाहर निकल कर देखा तो काफ़ी तेज बारिश शुरू हो गयी थी..उसने तो ये देखा भी नही और रश्मि को उठा कर बाहर छोड़ आया था वो..पता नही क्या हाल हो रहा होगा उसका..

अगर वो होश मे आ गयी तो वापिस अंदर आ जाएगी..और फिर उसका क्या हश्र होगा ये तो वही जानता था..

उसने जल्दी से बहाना बनाया की अपने दोस्त के घर कुछ काम है और वो बाहर निकल आया..और अपने एक दोस्त के घर की तरफ निकल गया,जो वहाँ से काफ़ी दूर था.

दूसरी तरफ, अपने चेहरे पर गिरते पानी से एकदम से रश्मि को होश आ गया, उसने आस पास देखा और सोचने लगी की वो वहाँ कैसे आ गयी..उसके दिमाग़ मे एक पल मे ही सारा वाक़या गुजर गया, पर शराब पीने से वो कब लुड़क गयी ये उसको याद नही था..वो पूरी भीग चुकी थी...और सोचने लगी की वो वहाँ कैसे आई..

उसने गली से बाहर निकल कर देखा तो उसकी समझ मे आया की वो कहाँ है...आख़िर वो भी तो उसी मोहल्ले मे रही थी..

वो मुड़ कर वापिस विक्की के घर तक पहुँची,नशे की वजह से वो अभी भी लड़खड़ा रही थी पर आज वो किसी भी हालत मे विक्की से मिलना चाहती थी, चाहे उसके लिए उसके बाप से ही क्यो ना चूदना पड़े

उसने फिर से दरवाजा खड़काया...विक्की बाथरूम मे था और अपने गीले कपड़े उतार कर नहा रहा था..

वो झल्लाता हुआ सा टावल लपेट कर बाहर निकला और दरवाजा खोल दिया, उसने तो सोचा था की उसका बाप वापिस आ गया होगा..पर बाहर रश्मि को भीगा हुआ खड़ा देखकर उसकी आँखे आश्चर्य से फैल गयी..

रश्मि को भी समझ नही आया की इतनी जल्दी विक्की कैसे वापिस आ गया..और फिर उसकी समझ मे आया की वो क्यो पिछली गली मे पहुचा दी गयी थी..उसकी नज़रें देवी लाल को ढूढ़ने लगी..

विक्की : "अरे आंटी आप....इस समय...और वो भी मेरे घर...''

रश्मि (इधर उधर देखते हुए ) : "वो तुम्हारे पापा नही है क्या ..."

विक्की : "जी ...वो तो अभी शायद अपने दोस्त के घर गये हैं...दो घंटे मे ही आएँगे वहाँ से.....''

उसकी बात सुनकर जैसे उसने राहत की साँस ली और जल्दी से अंदर आ गयी..

विक्की हैरान सा खड़ा होकर उसे अंदर आते हुए देखता रहा...फिर उसने जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया..टावल मे उसके लंड ने खड़े होकर बवाल मचाना शुरु कर दिया था ..रश्मि के मोटे-2 मुम्मे पानी मे भीगकर पानी भरे गुब्बारों की तरहा थिरक रहे थे..उसके दिमाग़ मे तो कल की बातें ही घूम रही थी..वो समझ गया था की वो वहाँ किसलिए आई है...उसके लंड से चुदने के लिए..पर वो भी पूरा कमीना था, वो जानता था की ये मछली तो उसके जाल मे पूरी फँस ही चुकी है, उसका असली निशाना तो उसके बेटी काव्या थी, जिसने उसकी कई बार बेइजत्ती की थी..वो चाहता तो रश्मि को अभी के अभी चोद कर मज़े ले सकता था, पर वो उसको अच्छी तरह तड़पाना चाहता था, ताकि वो खुद उसकी मदद करे काव्या को चोदने मे..पर वो बिदक ना जाए इसके लिए उसको ललचाना भी ज़रूरी था..और सही मौके पर ही उसे अपनी योजना को अंजाम देना था.

विक्की : "अरे आंटी, आप तो पूरी भीग गयी हैं....आप अंदर जाओ उस कमरे मे, वहाँ मेरी मों के कपड़े पड़े हैं कुछ, वो पहन लो..''

एक तो शराब का नशा, उपर से आधी चुदकर उसकी बुर भी जल रही थी...वो किसी भी तरह से आज विक्की का लंड लेना चाहती थी..वैसे भी चुदाई के लिए उसको कपड़े उतारने ही थे, वो अंदर गयी और अलमारी खोलकर देखने लगी..काफ़ी पुराने कपड़े थे वो, और छोटे भी थे..शायद उसकी माँ थोड़ी दुबली पतली सी थी..उसने एक पेटीकोट उठाया और अपने पूरे कपड़े उतारकर सिर्फ़ वही पहन लिया, उसने अपने मोटे-2 मुम्मे उस पेटीकोट के नीचे छुपा लिए ,नीचे से वो पेटीकोट उसकी जाँघो तक ही आ रहा था..और उसमे वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी..वो जानती थी की उसको ऐसी हालत मे देखकर विक्की सब समझ जाएगा और उसपर टूट पड़ेगा..


एक भले घर की औरत एक रंडी जैसा बिहेव कर रही थी..पर इस वक़्त उसके दिमाग़ मे ये सब बाते नही आ रही थी, उसे तो बस चिंता थी अपनी दोनो टाँगो के बीच हो रही खुजली की.

वो धीरे-2 चलती हुई बाहर आई..विक्की वहीं खड़ा था अपने टॉवल मे..एक पल के लिए तो उसका भी ईमान डोल गया रश्मि को ऐसी हालत मे देखकर..उसके बदन से टपक रही पानी की बूंदे देखकर उसके मुँह मे भी पानी आ गया..वो जानता था की रश्मि उसको ललचा रही है..पर आज उसकी परीक्षा की घड़ी थी..उसे किसी भी तरह से अपने आप पर कंट्रोल रखना था..

रश्मि : "वो सब कपड़े तो छोटे लग रहे थे...इसलिए यही पहन लिया बस...''

विक्की : "अच्छी ...लग रही हो आप इसमे भी...''

उसकी नज़रें रश्मि के मुम्मों के उपर लगे किशमिश के दानों पर टिकी थी, जो गीले कपड़े से झाँककर चमक रहे थे.


 फिर रश्मि बोली : "मैं तो तुम्हारा थेंक्स करने के लिए आई थी....कल तो सही से बोल भी सकी,तुमने जिस तरह से कल मेरी इज़्ज़त बचाई.....मैं तुम्हारी काफ़ी एहसानमंद हू....थेंक्स ..''

विक्की कुछ नही बोला, वो सुनता रहा..

कुछ देर बाद रश्मि बोली : "तुमने तो बोला था की मुझे फोन करोगे...पर तुम्हारा फोन आया ही नही, इसलिए मैं खुद आ गयी..''

वो बचकानी सी बातें कर रही थी, जिसका विक्की पूरी तरह से स्वाद ले रहा था..वो मुस्कुरा रहा था.

विक्की : "मैं घर आकर आप ही को फोन करने वाला था...अच्छा हुआ आप आ ही गयी यहाँ..लेकिन थेंक्स बोलने का आपका तरीका कल तो कुछ और था..आज इतनी दूर से खड़े होकर क्यो थेंक्स बोल रही है..''

उसकी बात सुनते ही रश्मि के पूरे शरीर मे झुरजुरी फैल गयी...वो समझ गयी की विक्की क्या कहना चाहता है..और वैसे भी, वो खुद भी तो यही चाहती थी..

वो धड़कते दिल के साथ आगे आई और विक्की के बिल्कुल करीब पहुँचकर उसने उसकी तरफ देखा..और फिर एकदम से उसपर झपटकर उसके चेहरे को अपने हाथों मे दबोच कर उसके होंठों को किसी पिशाचिनी की तरह चूसने लगी..उसकी फुटबॉल जैसी छातियाँ विक्की के चौड़े सीने से पीसकर पिचक कर रह गयी..विक्की ने भी अपने दाँतों और होंठों को काम पर लगा दिया और रश्मि के योवन से भरे होंठों का शहद इकट्ठा करने लगा.

उसके मुँह से आ रही शराब की महक सूँघकर विक्की समझ गया की वो पीकर आई है...पर ये सोचकर वो कुछ नही बोला की शायद ये उसका रोज का काम होगा...उँचे लोगो की उँची बातें....





हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator