FUN-MAZA-MASTI
मामी की गदराई गांड-8
“ क्यूँ तू थोड़ी ही है मेरे काबू में ?”
“तो क्या, दिन रात आपके बारे में तो सोचता रहता हूँ, में तो गुलाम हूँ आपका.”
“अच्छा अच्छा, बाते मत बना, ऐसा होता तो में बुलाते ही मुझे मिलने आ जाता”
“बहोत जी करता है मामी, पर क्या करू? खैर जाने दीजिये में आपका नंबर देता हूँ मेरे दोस्त को, मुरलीधर नाम है उस्सका, उस्सका नंबर भी आपको sms करता हूँ.”
“ठीक है, दोपहर को करने को कहना उस्से फ़ोन, तभी में अकेली होती हूँ घर में”
“जी मामी, अभी देता हूँ उस्से आपका नंबर, शायद वो अभी कॉल करेगा, तो अब रखू फ़ोन?”
“ठीक है, करते रहना फ़ोन”
“बिलकुल मामी, खयाल रखना अपना bye”
“अच्छा”
मैंने फ़ोन कट करके मुरलीधर को कॉल किया और उस्से मामी का नंबर दिया, और उस्से मामी को फ़ोन करने को कहा और मामीसे जो भी बातचीत हो उस्से रिकॉर्ड करके मुझे भेजने के लिए भी कह दिया. अब में उस्सके रिकार्डेड कॉल का ही इन्तेजार कर रहा था, उनमे क्या क्या बात होगी ये सोचकर ही मुझे बहोत उत्तेजना हो रही थी. मेरी खानदानी मामी किसी अंजान आदमी से गंदी गंदी बाते कर रही होगी अभी ये सोचकर ही मेरा दिल जोर जोरोसे धड़क रहा था. करीब एक घंटे बाद उस्सने मुझे वो रिकार्डेड फाइल भेजी. ऑफिस hours ख़त्म होने के बाद मैंने घर जाकर वो रिकॉर्डिंग ओपन की.. करीब 50 मिनिट तक उनकी बातचीत हुयी थी. मैंने एक सिगरेट जलायी और प्ले बटन दबाया..........................
“हेलो sss”
“हेलो, राहुलने आपका नंबर दिया मुझे, आप उस्सकी मामी हो ना?”
“हां, में उस्सकी मामीही हूँ”
“नमस्ते मामीजी, क्या बताया था उस्सने में कॉल करूँगा?”
“हाँ, बताया था”
“अच्छा, मेरा नाम मुरलीधर है, क्या आपका नाम जान सकता हूँ?”
“जी, विजया है मेरा नाम”
“बहोत ही प्यारा नाम है आपका विजया जी”
मुरली की सासे जोर से चलने आवाज आ रही थी. मामीसे बात करते वक़्त वो मूठ मार रहा था. मामिजिका का आवाज भी घुगरा था.
“जी, शुक्रिया”
“विजयाजी वैसे तो औरत को उस्सकी उम्र नहीं पूछनी चाहिए, फिर भी मेरी गुस्ताखी माफ़ करके आपकी उम्र क्या है बतायेंगी मुझे?”
“कोई बात नहीं जी, ४५ उम्र है मेरी”
“काफी जवान हो आप तो फिर, और फोटो में तो आप ४० की ही लगती हो”
“जवान तो नहीं रही में. मेरे लड़की के २ बच्चे है, दादी हूँ में”
“हाँ बताया था राहुल ने मुझे , लेकिन लगता नहीं आप दादी भी हो सकती हो,आप तो २-३ साल उम्र वाले बच्चोंकी माँ लगती हो”
“हा हा हा, सच में?”
“हाँ, सच कह रहा हूँ”
“लेकिन आप ने मेरा चेहरा थोड़ी ही देखा है?”
“हाँ देखा न मेने, अभी दिखाया राहुल ने मुझे”
“अच्छा, तो में फीर भी आपको जवान लगती हूँ?
“हाँ आप तो दुनिया की सबसे सुन्दर स्त्री हो”
“कुछ भी”
“सच में”
“हम्म “
“अच्छा, क्या में आपको विजया पुकार सकता हूँ?”
“ठीक है, कोई दिक्कत नहीं”
“क्या कर रही थी तुम मेरा फोन आने से पहले?”
“कुछ नहीं, ऐसे ही लेटी थी टीवी देखते देखते”
“अच्छा, दिनभर अकेली ही होती हो क्या घर में तुम?”
“हाँ, दोपहर पती आते है मेरे खाना खाने , बाकी के वक़्त अकेली ही होती हूँ”
“हम्म.. तो तुम सच में मिलोगी मुझे, में तुम्हारे गाव आया तो?”
“हाँ, क्यूँ नहीं”
“में बहोत बेकरार हूँ तुमसे मिलने के लिए विजया, बहोत दिन से कह रहा था में राहुल से की तुमसे बात करे”
“हाँ, राहुल ने बताया मुझे”
“तो बताओ मुझे, मिलके क्या करेंगे हम?”
“आप क्या चाहते हो?”
“में तो तुम्हे अपने गोद में बिठाना चाहता हूँ! बेठोगी मेरे गोद में?”
“हम्म”
“क्या हुआ, शरमा गयी क्या?”
“नहीं”
“तुम्हे पसंत नहीं ऐसी बाते?”
“ऐसा नहीं है, पहले कभी अंजान आदमी से बाते नहीं की”
“शरमा ओ मत विजया, खुल के बात करो, तुम्हे भी मजा आएगा बाते करने में, और जब मिलेंगे तब और भी मजे करेंगे.”
“जी”
“तो बताओ, बेठोगी मेरे गोद में?”
“हाँ”
“आह, और क्या करेंगे हम?”
“आपको क्या क्या पसंत है, आप ही बता दीजिये”
“पहले तो तुम्हे अपनी गोद में बिठाके तुम्हारे गदराये नितंब को प्यार से सहलाउंगा, तुम्हारा नितंब बहोत ही चोडा और उभरा हुआ है विजया, बहोत ही रसीला लगता है,जब से देखा है तबसे दीवाना हूँ में तुम्हारा.”
“ह्म्म्म, आपको गांड ज्यादा पसंत आती है क्या.”
“हाँ, तुम्हारी तो बहोत बड़ी है. मुहे तो बहोत पसंत है तुम्हारी गांड, साइज़ क्या है तुम्हारी गांड का?”
“आप ही आकर गिन लीजियेगा”
“वो तो में गिनूंगा, लेकिन बताओ ना, किस साइज़ की निकर लगती है तुम्हे, पहेनती हो ना निकर?”
“हाँ पहेनती हूँ, ११० cm साइज़ की लगती है मुझे”
“म्मम्मम्म, 44” मतलब, काफी मोटी है तुम्हारी गांड, मजा आएगा नंगी गांड देखकर तेरी, २४ घंटे पहेनती हो निकर या कभी कभी”
“कभी कभी निकालती हूँ, नहीं तो हमेशा होती है”
“अच्छा”
“तो कब आ रहे है आप?”
“वो प्लान करेंगे राहुल के साथ, तुम्हारा पती होगा ना, तो तुम्हारे घर में तो नहीं कर सकते, तुम्हे ही किसी होटल में आना पड़ेगा. वही होटल में कमरा लेकर मजे करेंगे.”
“लेकिन में तो गाव में रेहती हूँ, इधर होटल नहीं होते.”
“हम्म, तो क्या करे?”
“देखते है, राहुल कोई प्लान कर लेगा”
“हाँ उससे बात करता हूँ में, और बताओ”
“क्या?”
“मजा आ रहा है तुम्हे बात करके?”
“जी”
“पहले कभी की है ऐसी बाते किसीसे तुमने?”
“जी नहीं”
“अच्छा”
“में भी पहली बार कर रहा हूँ”
“अच्छा”
“अभी क्या पहना है तुमने?”
“साड़ी”
“घर में होती हो तो नायटी नहीं पहेनती?”
“नहीं हमेशा साड़ी ही पहेनती हूँ, छोटा गाव है ना”
“हम्म, निकर पहनी है अभी?”
“हाँ”
“कोनसा कलर है?”
“गुलाबी”
“अच्छा, कोटन की?”
“हम्म”
“प्लेन कलर है या डिज़ाइन है?”
“सफ़ेद और गुलाबी रेषाए है आढी”
“अच्छा अच्छा”
“satin की है क्या तुम्हारे पास निकर?”
“जी नहीं, सिर्फ कॉटन की है”
“क्यूँ तुम्हारा पती कभी नहीं चाहता तुम्हे satin के निकर में देखने के लिए?”
“नहीं”
“अच्छा”
“थोड़ी देर में कॉल करेंगे आप?”
“क्यूँ कुछ काम है क्या?”
“जी बाथरूम जाना था”
“सु-सु करनी है ?”
“हाँ “
“तो करो ना, फोन बंद करने की क्या जरूरत है”
“ठीक है, में आती हूँ फिर”
“फोन अपने पास ही रखना”
“क्यूँ?”
“मुझे सुननी है आवाज”
“आपको पसंद है ये सब?”
“हाँ बहोत, मुझे पसंद है औरतों की सु-सु करते वक़्त बजने वाली सिटी”
“ठीक है”
.
.
.
“बाथरूम में करती हो या टॉयलेट में?”
“बाथरूम में”
“पोहोच गयी बाथरूम में?”
“हाँ”
“तो पास में ही रखो फोन”
“जी”
फिर पुरे ४५ सेकेंड मामी के सु सु की आवाज आ रही थी.. मेरी मामी तो बिलकुल मजे ले रही थी मुरली के साथ बात करते करते..
“हेलो”
“हो गयी?”
“जी हाँ”
“अच्छा”
“आ रही थी आवाज?”
“हाँ, जोर से बजती है अभीभी तुम्हारी सिटी”
“हा हा हा”
“सच में.”
“ह्म्म्म, आप क्या करते है?”
“मेरी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकाने है चेन्नई में”
“अच्छा”
“हाँ,”
“आपके बच्चे कितने है?”
“२ बेटे है, एक १८ का और एक २० का ”
“अभी फिर दुकान में हो आप?”
“नहीं, तुमसे बात करनी थी इसीलिए घर आया था, नंगा होकर बात करनी थी”
“इश, तो क्या आप नंगे हो अभी?”
“हाँ”
“बीवी नहीं है?”
“नहीं वो जॉब करती है”
“अच्छा”
“काश तुम्हे अभी मेरे गोद में ले सकता”
“लीजिये ना, किसने रोका है? हा हा हा”
“लूँगा लूँगा जल्दीही, तो बताओ, मेरा चूसोगी तुम?”
“जी नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगता”
मामी झूठ कह रही थी, सुबह ही उन्होंने महेश का चूसा था, शायद चिढ़ा रही थी वो मुरली को.
“क्यूँ? कभी चूसा नहीं अपने पती का?”
“ छी ,नहीं, उन्हें अच्छा नहीं लगता..”
“अरे मजा आता है चूसने में औरतों को”
“उस्समे क्या मजा है?”
“मिलने के बाद मेरा चूसो तब पता लगेगा तुम्हे”
“ठीक है”
“तो चुसोगी ना?”
“देखते है”
“देखो में बहोत दूर आ रहा हूँ तुम्हे मिलने के लिए, मुझे पूरा मजा लेना है,तुम्हे चाहिए तो पैसे लेना”
“जी? कितना दे सकते हो मुझे?”
“तुम्हे कितना चाहिए?”
“में पूछ रही हूँ आपसे”
“२०००”
“बस? उतने में तो रांड आती है, वो तो आपको वहा भी मिलेगी, इतनी दूर क्यों आ रहे आप फिर?”
“मुझे घरेलु शादीशुदा औरत चाहिए”
“अच्छा, तो फिर इतने में थोड़ी ही शादीशुदा इज्जतदार औरत मिलेगी?”
“तुम जितना कहोगी उतना दूंगा, मुझे बस मजा देना होगा तुम्हे, मुझे खुश किया तो रानी बना कर रखूँगा”
“हा हा हा , में शादी शुदा हूँ, बच्चे है मेरे, में कैसे आपकी रानी बन सकती हूँ?”
“ह्म्म्म, तो एक बार ही मिलोगी क्या?”
“आपको मजा आया तो कभीभी आइये”
“देखते है फिर”
“तो फिर रखू फोन?”
“क्यूँ जल्दी क्या है?”
“मेरे पती आने का टाइम होगया है”
“अच्छा, फिर कब कॉल करू?”
“अभी मन भरा नहीं?”
“नहीं”
“ठीक है, आप कॉल करियेगा, फ्री हुयी तो उठाऊंगी”
“ठीक है”
“अच्छा, रखती हूँ फोन फिर”
मेरे मामी का ये रूप देखकर में तो जोर जोर से मूठ मार रहा था जैसे ही रिकॉर्डिंग खत्म हुयी मेरा गिर गया. इतना मजा मुझे पहेली बार मिला था मूठ मारकर.मुझे कुछ एहसास ही नहीं हो रहा था, मैंने मेरा पानी उषर ही खड़े खड़े फर्श पे छोड़ दिया, बाथरूम तक जाने का वक़्त ही नहीं मिला मुझे”
मैंने मामी को फोन लगाया..
“हेलोsss”
“हाँ मामीजी बात हुयी आपकी मुरलीधर से?”
“हाँ”
“कैसा लगा आपको वो?”
“बडी गंदी गंदी बाते कर रहा था”
“अच्छा, आपको अच्छा नहीं लगा?”
“नहीं वो बात नहीं”
“फिर?”
“तू भी ना ....”
“ हा हा हा.. तो आपको भी अच्छी लगी लगती है उस्सकी बाते”
“हट बेशरम, मामी को चिढाता है?”
“क्या बाते हुयी बताइए ना”
“नहीं, बताने लायक नहीं है”
“आप भी ना, अब मुझसे क्या शर्माना?
“हट बदमाश, मामी हूँ तुम्हारी में”
“तो क्या हुआ? मेरी प्यारी, किंकी मामी हो आप”
“तू बड़ा शैतान है, कुछ भी बोलते हो”
“अच्छा अच्छा , घुस्सा मत हो”
“क्या कर रहा है तू?”
“आप ही को याद कर रहा था अभी”
“मतलब मेरा नाम लेके हिला रहा था..”
“तो आप भी सिख गयी गंदी बाते करना उस्ससे?”
“बदमाश”
“हा हा हा”
“तो आगे क्या करना है? कैसे मिलु में मुरलीधर से?”
“क्यूँ इतनी कलसी है उस्से मिलने की?”
“चल में रखती हूँ फोन”
“सॉरी सॉरी मामी, नहीं चिढाऊंगा अब”
“बोल फिर”
“आपको बताता हूँ में १-२ दिन में सोचकर, कैसे और कहा मिलना है”
“ठीक है, जल्दी सोच”
“ठीक है, तो रखू फोन?”
“हाँ”
“bye”
“bye बेटा”
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मामी की गदराई गांड-8
“ क्यूँ तू थोड़ी ही है मेरे काबू में ?”
“तो क्या, दिन रात आपके बारे में तो सोचता रहता हूँ, में तो गुलाम हूँ आपका.”
“अच्छा अच्छा, बाते मत बना, ऐसा होता तो में बुलाते ही मुझे मिलने आ जाता”
“बहोत जी करता है मामी, पर क्या करू? खैर जाने दीजिये में आपका नंबर देता हूँ मेरे दोस्त को, मुरलीधर नाम है उस्सका, उस्सका नंबर भी आपको sms करता हूँ.”
“ठीक है, दोपहर को करने को कहना उस्से फ़ोन, तभी में अकेली होती हूँ घर में”
“जी मामी, अभी देता हूँ उस्से आपका नंबर, शायद वो अभी कॉल करेगा, तो अब रखू फ़ोन?”
“ठीक है, करते रहना फ़ोन”
“बिलकुल मामी, खयाल रखना अपना bye”
“अच्छा”
मैंने फ़ोन कट करके मुरलीधर को कॉल किया और उस्से मामी का नंबर दिया, और उस्से मामी को फ़ोन करने को कहा और मामीसे जो भी बातचीत हो उस्से रिकॉर्ड करके मुझे भेजने के लिए भी कह दिया. अब में उस्सके रिकार्डेड कॉल का ही इन्तेजार कर रहा था, उनमे क्या क्या बात होगी ये सोचकर ही मुझे बहोत उत्तेजना हो रही थी. मेरी खानदानी मामी किसी अंजान आदमी से गंदी गंदी बाते कर रही होगी अभी ये सोचकर ही मेरा दिल जोर जोरोसे धड़क रहा था. करीब एक घंटे बाद उस्सने मुझे वो रिकार्डेड फाइल भेजी. ऑफिस hours ख़त्म होने के बाद मैंने घर जाकर वो रिकॉर्डिंग ओपन की.. करीब 50 मिनिट तक उनकी बातचीत हुयी थी. मैंने एक सिगरेट जलायी और प्ले बटन दबाया..........................
“हेलो sss”
“हेलो, राहुलने आपका नंबर दिया मुझे, आप उस्सकी मामी हो ना?”
“हां, में उस्सकी मामीही हूँ”
“नमस्ते मामीजी, क्या बताया था उस्सने में कॉल करूँगा?”
“हाँ, बताया था”
“अच्छा, मेरा नाम मुरलीधर है, क्या आपका नाम जान सकता हूँ?”
“जी, विजया है मेरा नाम”
“बहोत ही प्यारा नाम है आपका विजया जी”
मुरली की सासे जोर से चलने आवाज आ रही थी. मामीसे बात करते वक़्त वो मूठ मार रहा था. मामिजिका का आवाज भी घुगरा था.
“जी, शुक्रिया”
“विजयाजी वैसे तो औरत को उस्सकी उम्र नहीं पूछनी चाहिए, फिर भी मेरी गुस्ताखी माफ़ करके आपकी उम्र क्या है बतायेंगी मुझे?”
“कोई बात नहीं जी, ४५ उम्र है मेरी”
“काफी जवान हो आप तो फिर, और फोटो में तो आप ४० की ही लगती हो”
“जवान तो नहीं रही में. मेरे लड़की के २ बच्चे है, दादी हूँ में”
“हाँ बताया था राहुल ने मुझे , लेकिन लगता नहीं आप दादी भी हो सकती हो,आप तो २-३ साल उम्र वाले बच्चोंकी माँ लगती हो”
“हा हा हा, सच में?”
“हाँ, सच कह रहा हूँ”
“लेकिन आप ने मेरा चेहरा थोड़ी ही देखा है?”
“हाँ देखा न मेने, अभी दिखाया राहुल ने मुझे”
“अच्छा, तो में फीर भी आपको जवान लगती हूँ?
“हाँ आप तो दुनिया की सबसे सुन्दर स्त्री हो”
“कुछ भी”
“सच में”
“हम्म “
“अच्छा, क्या में आपको विजया पुकार सकता हूँ?”
“ठीक है, कोई दिक्कत नहीं”
“क्या कर रही थी तुम मेरा फोन आने से पहले?”
“कुछ नहीं, ऐसे ही लेटी थी टीवी देखते देखते”
“अच्छा, दिनभर अकेली ही होती हो क्या घर में तुम?”
“हाँ, दोपहर पती आते है मेरे खाना खाने , बाकी के वक़्त अकेली ही होती हूँ”
“हम्म.. तो तुम सच में मिलोगी मुझे, में तुम्हारे गाव आया तो?”
“हाँ, क्यूँ नहीं”
“में बहोत बेकरार हूँ तुमसे मिलने के लिए विजया, बहोत दिन से कह रहा था में राहुल से की तुमसे बात करे”
“हाँ, राहुल ने बताया मुझे”
“तो बताओ मुझे, मिलके क्या करेंगे हम?”
“आप क्या चाहते हो?”
“में तो तुम्हे अपने गोद में बिठाना चाहता हूँ! बेठोगी मेरे गोद में?”
“हम्म”
“क्या हुआ, शरमा गयी क्या?”
“नहीं”
“तुम्हे पसंत नहीं ऐसी बाते?”
“ऐसा नहीं है, पहले कभी अंजान आदमी से बाते नहीं की”
“शरमा ओ मत विजया, खुल के बात करो, तुम्हे भी मजा आएगा बाते करने में, और जब मिलेंगे तब और भी मजे करेंगे.”
“जी”
“तो बताओ, बेठोगी मेरे गोद में?”
“हाँ”
“आह, और क्या करेंगे हम?”
“आपको क्या क्या पसंत है, आप ही बता दीजिये”
“पहले तो तुम्हे अपनी गोद में बिठाके तुम्हारे गदराये नितंब को प्यार से सहलाउंगा, तुम्हारा नितंब बहोत ही चोडा और उभरा हुआ है विजया, बहोत ही रसीला लगता है,जब से देखा है तबसे दीवाना हूँ में तुम्हारा.”
“ह्म्म्म, आपको गांड ज्यादा पसंत आती है क्या.”
“हाँ, तुम्हारी तो बहोत बड़ी है. मुहे तो बहोत पसंत है तुम्हारी गांड, साइज़ क्या है तुम्हारी गांड का?”
“आप ही आकर गिन लीजियेगा”
“वो तो में गिनूंगा, लेकिन बताओ ना, किस साइज़ की निकर लगती है तुम्हे, पहेनती हो ना निकर?”
“हाँ पहेनती हूँ, ११० cm साइज़ की लगती है मुझे”
“म्मम्मम्म, 44” मतलब, काफी मोटी है तुम्हारी गांड, मजा आएगा नंगी गांड देखकर तेरी, २४ घंटे पहेनती हो निकर या कभी कभी”
“कभी कभी निकालती हूँ, नहीं तो हमेशा होती है”
“अच्छा”
“तो कब आ रहे है आप?”
“वो प्लान करेंगे राहुल के साथ, तुम्हारा पती होगा ना, तो तुम्हारे घर में तो नहीं कर सकते, तुम्हे ही किसी होटल में आना पड़ेगा. वही होटल में कमरा लेकर मजे करेंगे.”
“लेकिन में तो गाव में रेहती हूँ, इधर होटल नहीं होते.”
“हम्म, तो क्या करे?”
“देखते है, राहुल कोई प्लान कर लेगा”
“हाँ उससे बात करता हूँ में, और बताओ”
“क्या?”
“मजा आ रहा है तुम्हे बात करके?”
“जी”
“पहले कभी की है ऐसी बाते किसीसे तुमने?”
“जी नहीं”
“अच्छा”
“में भी पहली बार कर रहा हूँ”
“अच्छा”
“अभी क्या पहना है तुमने?”
“साड़ी”
“घर में होती हो तो नायटी नहीं पहेनती?”
“नहीं हमेशा साड़ी ही पहेनती हूँ, छोटा गाव है ना”
“हम्म, निकर पहनी है अभी?”
“हाँ”
“कोनसा कलर है?”
“गुलाबी”
“अच्छा, कोटन की?”
“हम्म”
“प्लेन कलर है या डिज़ाइन है?”
“सफ़ेद और गुलाबी रेषाए है आढी”
“अच्छा अच्छा”
“satin की है क्या तुम्हारे पास निकर?”
“जी नहीं, सिर्फ कॉटन की है”
“क्यूँ तुम्हारा पती कभी नहीं चाहता तुम्हे satin के निकर में देखने के लिए?”
“नहीं”
“अच्छा”
“थोड़ी देर में कॉल करेंगे आप?”
“क्यूँ कुछ काम है क्या?”
“जी बाथरूम जाना था”
“सु-सु करनी है ?”
“हाँ “
“तो करो ना, फोन बंद करने की क्या जरूरत है”
“ठीक है, में आती हूँ फिर”
“फोन अपने पास ही रखना”
“क्यूँ?”
“मुझे सुननी है आवाज”
“आपको पसंद है ये सब?”
“हाँ बहोत, मुझे पसंद है औरतों की सु-सु करते वक़्त बजने वाली सिटी”
“ठीक है”
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“बाथरूम में करती हो या टॉयलेट में?”
“बाथरूम में”
“पोहोच गयी बाथरूम में?”
“हाँ”
“तो पास में ही रखो फोन”
“जी”
फिर पुरे ४५ सेकेंड मामी के सु सु की आवाज आ रही थी.. मेरी मामी तो बिलकुल मजे ले रही थी मुरली के साथ बात करते करते..
“हेलो”
“हो गयी?”
“जी हाँ”
“अच्छा”
“आ रही थी आवाज?”
“हाँ, जोर से बजती है अभीभी तुम्हारी सिटी”
“हा हा हा”
“सच में.”
“ह्म्म्म, आप क्या करते है?”
“मेरी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकाने है चेन्नई में”
“अच्छा”
“हाँ,”
“आपके बच्चे कितने है?”
“२ बेटे है, एक १८ का और एक २० का ”
“अभी फिर दुकान में हो आप?”
“नहीं, तुमसे बात करनी थी इसीलिए घर आया था, नंगा होकर बात करनी थी”
“इश, तो क्या आप नंगे हो अभी?”
“हाँ”
“बीवी नहीं है?”
“नहीं वो जॉब करती है”
“अच्छा”
“काश तुम्हे अभी मेरे गोद में ले सकता”
“लीजिये ना, किसने रोका है? हा हा हा”
“लूँगा लूँगा जल्दीही, तो बताओ, मेरा चूसोगी तुम?”
“जी नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगता”
मामी झूठ कह रही थी, सुबह ही उन्होंने महेश का चूसा था, शायद चिढ़ा रही थी वो मुरली को.
“क्यूँ? कभी चूसा नहीं अपने पती का?”
“ छी ,नहीं, उन्हें अच्छा नहीं लगता..”
“अरे मजा आता है चूसने में औरतों को”
“उस्समे क्या मजा है?”
“मिलने के बाद मेरा चूसो तब पता लगेगा तुम्हे”
“ठीक है”
“तो चुसोगी ना?”
“देखते है”
“देखो में बहोत दूर आ रहा हूँ तुम्हे मिलने के लिए, मुझे पूरा मजा लेना है,तुम्हे चाहिए तो पैसे लेना”
“जी? कितना दे सकते हो मुझे?”
“तुम्हे कितना चाहिए?”
“में पूछ रही हूँ आपसे”
“२०००”
“बस? उतने में तो रांड आती है, वो तो आपको वहा भी मिलेगी, इतनी दूर क्यों आ रहे आप फिर?”
“मुझे घरेलु शादीशुदा औरत चाहिए”
“अच्छा, तो फिर इतने में थोड़ी ही शादीशुदा इज्जतदार औरत मिलेगी?”
“तुम जितना कहोगी उतना दूंगा, मुझे बस मजा देना होगा तुम्हे, मुझे खुश किया तो रानी बना कर रखूँगा”
“हा हा हा , में शादी शुदा हूँ, बच्चे है मेरे, में कैसे आपकी रानी बन सकती हूँ?”
“ह्म्म्म, तो एक बार ही मिलोगी क्या?”
“आपको मजा आया तो कभीभी आइये”
“देखते है फिर”
“तो फिर रखू फोन?”
“क्यूँ जल्दी क्या है?”
“मेरे पती आने का टाइम होगया है”
“अच्छा, फिर कब कॉल करू?”
“अभी मन भरा नहीं?”
“नहीं”
“ठीक है, आप कॉल करियेगा, फ्री हुयी तो उठाऊंगी”
“ठीक है”
“अच्छा, रखती हूँ फोन फिर”
मेरे मामी का ये रूप देखकर में तो जोर जोर से मूठ मार रहा था जैसे ही रिकॉर्डिंग खत्म हुयी मेरा गिर गया. इतना मजा मुझे पहेली बार मिला था मूठ मारकर.मुझे कुछ एहसास ही नहीं हो रहा था, मैंने मेरा पानी उषर ही खड़े खड़े फर्श पे छोड़ दिया, बाथरूम तक जाने का वक़्त ही नहीं मिला मुझे”
मैंने मामी को फोन लगाया..
“हेलोsss”
“हाँ मामीजी बात हुयी आपकी मुरलीधर से?”
“हाँ”
“कैसा लगा आपको वो?”
“बडी गंदी गंदी बाते कर रहा था”
“अच्छा, आपको अच्छा नहीं लगा?”
“नहीं वो बात नहीं”
“फिर?”
“तू भी ना ....”
“ हा हा हा.. तो आपको भी अच्छी लगी लगती है उस्सकी बाते”
“हट बेशरम, मामी को चिढाता है?”
“क्या बाते हुयी बताइए ना”
“नहीं, बताने लायक नहीं है”
“आप भी ना, अब मुझसे क्या शर्माना?
“हट बदमाश, मामी हूँ तुम्हारी में”
“तो क्या हुआ? मेरी प्यारी, किंकी मामी हो आप”
“तू बड़ा शैतान है, कुछ भी बोलते हो”
“अच्छा अच्छा , घुस्सा मत हो”
“क्या कर रहा है तू?”
“आप ही को याद कर रहा था अभी”
“मतलब मेरा नाम लेके हिला रहा था..”
“तो आप भी सिख गयी गंदी बाते करना उस्ससे?”
“बदमाश”
“हा हा हा”
“तो आगे क्या करना है? कैसे मिलु में मुरलीधर से?”
“क्यूँ इतनी कलसी है उस्से मिलने की?”
“चल में रखती हूँ फोन”
“सॉरी सॉरी मामी, नहीं चिढाऊंगा अब”
“बोल फिर”
“आपको बताता हूँ में १-२ दिन में सोचकर, कैसे और कहा मिलना है”
“ठीक है, जल्दी सोच”
“ठीक है, तो रखू फोन?”
“हाँ”
“bye”
“bye बेटा”
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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