FUN-MAZA-MASTI
नाना नानी के घर
मैं अमृतसर से बोबी, यह बात तीन महीने पुरानी है जब मैं गर्मी की छुट्टी में अपने नाना नानी के घर गया था वहां मेरे मामा मामी रहते थे मेरी मामी मस्त माल थी हमेशा बड़े गले का कुरता पहना करती थी उनको देख कर मेरा मन डगमगाता था ऐसा लगता था जैसे वो मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी मैं बार बार उनके झुकने का इन्तज़ार करता रहता था। मेरी मामी का नाम सोनिया है। मुझे जब भी लगता था कि वो झुकने वाली है तो मैं सामने जाकर खड़ा हो जाता था और तिरछी नज़र से उनके बड़े बड़े गोरे गोरे और चिकने चिकने बूब्स को देखा करता था मुझे उनके बूब्स बेहद पसन्द थे,
मुझे उन्हे छूने का बेहद मन करता था कभी कभी जान बूझ कर मैं उनसे सामने से जाकर टकरा जाता था और बड़ी होशियारी से उनके बूब्स को छू लिया करता था। लेकिन इतने में मेरा मन नहीं भरता था। मैं उन्हे सहलाना चाहता था वो बहुत गोरी है। उनको देख कर मुझे उनको चोदने का मन करता था। वो बहुत गदराई हुई बदन की है मैं भी वैसा ही हूं। एक दिन मेरे मामा को कुछ काम से ६ दिनो के लिये दुबई जाना पड़ा। मैं घर के हाल में बैठा ही था तब मेरी मामी हाल में आयी और उन्होने मुझे एक चिट्ठी दी
उस चिट्ठी में लिखा था, "मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है मैं तुम्हारे साथ अकेले में कुछ वक्त गुज़ारना चाहती हूं, ये बात मैंने चिट्ठी में इसलिये कहीं क्योंकि मुझे शरम आ रही थी अगर तुम मुझसे मिलोगे तो आज रात ११:०० बजे मेरे कमरे में आ जाना और तुम्हारी ओर से हां है तो चिट्ठी मुझे वापस लौटा देना मैं तुम्हारा इन्तज़ार करुंगी"।
ये पढ़ कर तो मेरा मन ही उछल पड़ा, मैंने तुरन्त वो चिट्ठी उनको वापस लौटा दी और ११ बजने का इन्तज़ार करने लगा। रात हो चुकी है ११ बज रहे है, मैं कमरे में चला गया कमरे के अन्दर घुसते ही मैंने देखा कि मेरी मामी काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी, उन्हे देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्होने अंदर कुछ भी नहीं पहना है। उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरुआत कहां से करुं। तभी अचानक मेरी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया ये उस हसीन रात की शुरुआत थी। मैने भी मामी की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच लिया और उन्हे चूमने लगा।
उनके गालों को चूमते चूमते मैं उनके होंठों तक पहुंच गया। जब मैने देखा कि मेरी मामी मेरे चुम्मो का आनंद ले रही है तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। मेरे हाथों ने जैसे ही उनकी चूचियों को छुआ वो कांप सी गयी मुझे उनके बूब्स छूने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो बहुत नरम थे तभी मैने उनकी नाइटी को उनके कंधे से नीचे उतार दिया उनके चिकने बूब्स अब पुरी तरह से मेरे हाथ में थे मैने अपनी उंगलियों से उनके गुलाबी निप्पल को रगड़ना शुरु किया तो वो काफ़ी उत्सुक हो गयी और मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया। मैं अपना चेहरा उनके बूब्स के पास ले गया और अपने गालो और जीभ से उनके बूब्स को सहलाने लगा। मैने अपने हाथ से उनके बूब को पकड़ लिया और छूने लगा ऐसा करते ही मेरी मामी पागल सी हो गयी उन्होने मेरा लंड और कस कर पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर मैने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अनपे छोटु को निकाल के उनके हाथ में दे दिया। मेरी मामी बहुत अच्छी तरह से मेरे छोटु को सहला रही थी,
तभी मैने उन्हे पलंग पर बैठा दिया और उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वो समझ गयी कि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड को चूसे, उन्होने मेरे लंड को कस कर पकड़ा और चूमने लगी। मैने उन्हे अपने लंड को मुंह में लेने को कहा, उन्होने मेरे छोटु के सामने वाले हिस्से को जिसे हम सुपाड़ा कहते हैं, उसे मुंह में ले लिया, मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था, मैं और मज़ा लेना चाहता था, मैने अपनी मामी के सिर को पकड़ा और अपना लंड को और अन्दर घुसाता चला गया, देखते ही देखते मेरा पूरा का पूरा लंड उनके मुंह के अन्दर था, मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था,
मुझे लगा कि मेरा लस कहीं उनके मुंह में ही न गिर जाये इसलिये मैने अपने छोटु को निकाल लिया। उसके बाद पता नहीं मामी को क्या हुआ, मामी ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया, मेरा लंड फ़ुलसाइज़ का हो गया था फिर मैं पूरा नंगा हो गया, मामी की नाइटी भी पूरी उतार दी उनको नंगा देखकर मेरा लौड़ा पूरा सनसना उठा। अब मेरे लौड़े को कुछ चाहिये था, तो वो थी मामी की चूत, मैंने मामी को बिस्तर में लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड से उनकी चूत को सहलाने लगा फ़िर थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना लंड उनकी चूत में डाला तो मेरी मामी के मुंह से आवाज़ निकली "आऊउछह्हह" ऐसा लगा जैसे मामा ने उन्हे कभी चोदा ही नहीं। मैंने कन्डोम भी नहीं लगाया था मैंने अपनी मामी को कस के पकड़ लिया और अपना लंड और अन्दर घुसाता चला गया, मेरी मामी दर्द से सिमट सी गयी थी।
थोड़ी देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा मैने जब चोदते हुए अपनी मामी के चेहरे की तरफ़ देखा तो वह आंखें बंद कर के मुस्करा रही थी उन्हे काफ़ी आनंद आ रहा था। फिर मैने अपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा वो दोनो घुटनो और हाथो के बल अपनी गांड मेरी तरफ़ करके लेट गयी। मैने अपने हाथो से उनकी गांड को पकड़ कर पहला दिया मुझे उनकी गांड का छेद नजर आ रहा था। मेरा लौड़ा उसमे घुसने को बिल्कुल तैयार था मैने अपना लौड़ा जैसे ही उनकी गांड में टिकाया तो मेरी मामी ने मना कर दिया, कहने लगी कि गांड में घुसाने में बहुत दर्द करता है। लेकिन लौड़ा है कि मानता नहीं, मैं ज़िद करने लगा तो मामी मान गयी और कहा कि धीरे धीरे घुसाना, मैं अपना लौड़ा ले कर तैयार हो गया और घुसाने लगा, मैं जानता था कि मामी को दर्द हो रहा है लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था, उनकी गांड का छेद बहुत छोटा और टाइत था,
बहुत मुश्किल से अन्दर घुस रहा था, मैने भी पूरा ज़ोर लगा दिया। धीरे धीरे जगह बनती गयी और छेद फैलने लगा, मेरा लंड और अन्दर घुसता चला गया। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करता गया, मामी की चिकनी चिकनी गांड में मेरा लंड मज़े कर रहा था फिर मैने अपना लंड उनकी गांड से निकाल लिया और मामी को लिटा दिया और उनके पेट पर बैठ गया और अपने लंड को दोनो बूब्स के बीच सहलाने लगा, मैने अपनी मामी से कहा कि क्या चिकनी चूची है तो मामी शरमाने लगी। मैने अपनी मामी से कहा कि मेरे लंड को चूसो न, तो मामी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने गालों से सहलाने लगी और मुझसे पूछा कि कैसा लग रहा है, मैने कहा पहले चूसो तो। तब मामी मेरे लंड को अपनी जीभ से चूसने लगी और दातों से काटने लगी, मैं तो मज़े में पागल हो रहा था, मुझसे सहा नहीं गया और मैने उनके मुंह में ही गिरा दिया,
मामी मेरे लस को चाटने लगी। मेरी मामी ने कहा कि ये तूने क्या किया, मैं समझ गया कि मामी अभी और चुदवाना चाहती है। मैने कहा कि घबराओ नहीं, अभी मैं तुम्हे और चोदुंगा। लेकिन मेरा लंड मुरझा गया था। मैं अपनी मामी के बूब्स को पकड़ के चूसने लगा और अपनी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा, मामी में अभी भी बहुत जोश बाकी था। उन्होने भी मेरे लंड को सहलाना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से तनने लगा था, जैसे ही मेरा लंड थोड़ा कड़ा हुआ, मेरी मामी ने उसे अपने मुंह में ले लिया और कस कस के चूसने लगी, वो मुझसे किसी भी हाल में और चुदवाना चाहती थी, मेरे लंड को बार बार अपने मुंह में घुसाती और निकालती। वो मेरे लंड को इतनी जोर से चूस रही थी कि उनके चूसने की आवाज़ आने लगी, मेरा लंड भी अब तैयार हो गया था मैं भी उनके चेहरे को हाथ में लेके अपने लंड को अन्दर ठेलने लगी,
क्या मज़ा आ रहा था। मामी ने कहा कि मुझे और चोदो न, तभी मैने अपनी मामी को लिटा दिया और उनकी जांघ को चाटने लगा, चाटते चाटते मैं उनकी कमर तक पहुंचा तो देखा कि मेरी मामी मज़े में तिलमिला उठी। तभी मैने उनकी १ टांग को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उनकी चूत में टिका दिया और अन्दर घुसा दिया और फ़िर इतनी रफ़्तार से चोदा उनको, मामी बोल रही थी थोड़ा धीरे धीरे करो, मामी की चूत गीली हो गयी थी चोदने में और मज़ा आ रहा था मेरा लंड चूत में आसानी से फ़िसल रहा था, मैंने मामी की चूत ढीली कर दी थी, मुझे डर था कि मामा को पता न चल जाये क्योंकि मामी की चूत बहुत टाइट थी। और मैंने चोद चोद कर उसे ढीली कर दी थी
फिर मैंने मामी को कहा कि चलो कोई और स्टेप करते है मामी ने मुझे पलंग में लेटने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ गयी वो अपने बूब्स के निप्पल को मेरे होंठों के पास लाने लगी मैं उनके निप्पल काटने लगा फ़िर वो मेरे लंड को पकड़ के मेरे लंड से अपने चूत को सहलाने लगी, फ़िर धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगी, मामी मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और हिलने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
जब वो मेरे ऊपर बैठ कर हिल रही थी तब उनके बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे, वो नाज़ारा मैं कभी नहीं भूल सकता मामी के गोरे गोरे दूध और गुलाबी गुलाबी निप्पल मामी अपने हाथ से अपने बूब्स को सहला रही थी और अपने निप्पल को दबा रही थी मैने फ़िर मामी की गांड को कस कर पकड़ा और निकोटने लगा फ़िर मैंने मामी को नीचे लिटा दिया और मेंढक की तरह चढ़ गया फ़िर मैं मामी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, मामी अपने दोनो हाथो से मेरी गांड को पकड़ने और मारने लगी, मैने चोदना और तेज़ कर दिया,
मामी की चूत से पानी छूट गया और मैंने भी अपना लस अन्दर ही गिरा दिया मामी ने कहा कि मुझे ऐसा कभी किसी ने नहीं चोदा है, मैं एकदम ही लस्त पड़ गया था कुछ करने की हालत में ही नहीं था। घड़ी की तरफ़ देखा तो ४ बज रहा था। ये चुदाई मैंने पूरे ६ दिन की और जब भी मैं वहां जाता हूं तब तब मामी को किसी न किसी बहाने से होटल ले जा कर चोदता हूं।
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नाना नानी के घर
मैं अमृतसर से बोबी, यह बात तीन महीने पुरानी है जब मैं गर्मी की छुट्टी में अपने नाना नानी के घर गया था वहां मेरे मामा मामी रहते थे मेरी मामी मस्त माल थी हमेशा बड़े गले का कुरता पहना करती थी उनको देख कर मेरा मन डगमगाता था ऐसा लगता था जैसे वो मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थी मैं बार बार उनके झुकने का इन्तज़ार करता रहता था। मेरी मामी का नाम सोनिया है। मुझे जब भी लगता था कि वो झुकने वाली है तो मैं सामने जाकर खड़ा हो जाता था और तिरछी नज़र से उनके बड़े बड़े गोरे गोरे और चिकने चिकने बूब्स को देखा करता था मुझे उनके बूब्स बेहद पसन्द थे,
मुझे उन्हे छूने का बेहद मन करता था कभी कभी जान बूझ कर मैं उनसे सामने से जाकर टकरा जाता था और बड़ी होशियारी से उनके बूब्स को छू लिया करता था। लेकिन इतने में मेरा मन नहीं भरता था। मैं उन्हे सहलाना चाहता था वो बहुत गोरी है। उनको देख कर मुझे उनको चोदने का मन करता था। वो बहुत गदराई हुई बदन की है मैं भी वैसा ही हूं। एक दिन मेरे मामा को कुछ काम से ६ दिनो के लिये दुबई जाना पड़ा। मैं घर के हाल में बैठा ही था तब मेरी मामी हाल में आयी और उन्होने मुझे एक चिट्ठी दी
उस चिट्ठी में लिखा था, "मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है मैं तुम्हारे साथ अकेले में कुछ वक्त गुज़ारना चाहती हूं, ये बात मैंने चिट्ठी में इसलिये कहीं क्योंकि मुझे शरम आ रही थी अगर तुम मुझसे मिलोगे तो आज रात ११:०० बजे मेरे कमरे में आ जाना और तुम्हारी ओर से हां है तो चिट्ठी मुझे वापस लौटा देना मैं तुम्हारा इन्तज़ार करुंगी"।
ये पढ़ कर तो मेरा मन ही उछल पड़ा, मैंने तुरन्त वो चिट्ठी उनको वापस लौटा दी और ११ बजने का इन्तज़ार करने लगा। रात हो चुकी है ११ बज रहे है, मैं कमरे में चला गया कमरे के अन्दर घुसते ही मैंने देखा कि मेरी मामी काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी, उन्हे देख कर ऐसा लग रहा था कि उन्होने अंदर कुछ भी नहीं पहना है। उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरुआत कहां से करुं। तभी अचानक मेरी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया ये उस हसीन रात की शुरुआत थी। मैने भी मामी की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच लिया और उन्हे चूमने लगा।
उनके गालों को चूमते चूमते मैं उनके होंठों तक पहुंच गया। जब मैने देखा कि मेरी मामी मेरे चुम्मो का आनंद ले रही है तो मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। मेरे हाथों ने जैसे ही उनकी चूचियों को छुआ वो कांप सी गयी मुझे उनके बूब्स छूने में बहुत मज़ा आ रहा था। वो बहुत नरम थे तभी मैने उनकी नाइटी को उनके कंधे से नीचे उतार दिया उनके चिकने बूब्स अब पुरी तरह से मेरे हाथ में थे मैने अपनी उंगलियों से उनके गुलाबी निप्पल को रगड़ना शुरु किया तो वो काफ़ी उत्सुक हो गयी और मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया। मैं अपना चेहरा उनके बूब्स के पास ले गया और अपने गालो और जीभ से उनके बूब्स को सहलाने लगा। मैने अपने हाथ से उनके बूब को पकड़ लिया और छूने लगा ऐसा करते ही मेरी मामी पागल सी हो गयी उन्होने मेरा लंड और कस कर पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर मैने अपनी पैंट की ज़िप खोली और अनपे छोटु को निकाल के उनके हाथ में दे दिया। मेरी मामी बहुत अच्छी तरह से मेरे छोटु को सहला रही थी,
तभी मैने उन्हे पलंग पर बैठा दिया और उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वो समझ गयी कि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड को चूसे, उन्होने मेरे लंड को कस कर पकड़ा और चूमने लगी। मैने उन्हे अपने लंड को मुंह में लेने को कहा, उन्होने मेरे छोटु के सामने वाले हिस्से को जिसे हम सुपाड़ा कहते हैं, उसे मुंह में ले लिया, मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था, मैं और मज़ा लेना चाहता था, मैने अपनी मामी के सिर को पकड़ा और अपना लंड को और अन्दर घुसाता चला गया, देखते ही देखते मेरा पूरा का पूरा लंड उनके मुंह के अन्दर था, मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था,
मुझे लगा कि मेरा लस कहीं उनके मुंह में ही न गिर जाये इसलिये मैने अपने छोटु को निकाल लिया। उसके बाद पता नहीं मामी को क्या हुआ, मामी ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया, मेरा लंड फ़ुलसाइज़ का हो गया था फिर मैं पूरा नंगा हो गया, मामी की नाइटी भी पूरी उतार दी उनको नंगा देखकर मेरा लौड़ा पूरा सनसना उठा। अब मेरे लौड़े को कुछ चाहिये था, तो वो थी मामी की चूत, मैंने मामी को बिस्तर में लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड से उनकी चूत को सहलाने लगा फ़िर थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना लंड उनकी चूत में डाला तो मेरी मामी के मुंह से आवाज़ निकली "आऊउछह्हह" ऐसा लगा जैसे मामा ने उन्हे कभी चोदा ही नहीं। मैंने कन्डोम भी नहीं लगाया था मैंने अपनी मामी को कस के पकड़ लिया और अपना लंड और अन्दर घुसाता चला गया, मेरी मामी दर्द से सिमट सी गयी थी।
थोड़ी देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा मैने जब चोदते हुए अपनी मामी के चेहरे की तरफ़ देखा तो वह आंखें बंद कर के मुस्करा रही थी उन्हे काफ़ी आनंद आ रहा था। फिर मैने अपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा वो दोनो घुटनो और हाथो के बल अपनी गांड मेरी तरफ़ करके लेट गयी। मैने अपने हाथो से उनकी गांड को पकड़ कर पहला दिया मुझे उनकी गांड का छेद नजर आ रहा था। मेरा लौड़ा उसमे घुसने को बिल्कुल तैयार था मैने अपना लौड़ा जैसे ही उनकी गांड में टिकाया तो मेरी मामी ने मना कर दिया, कहने लगी कि गांड में घुसाने में बहुत दर्द करता है। लेकिन लौड़ा है कि मानता नहीं, मैं ज़िद करने लगा तो मामी मान गयी और कहा कि धीरे धीरे घुसाना, मैं अपना लौड़ा ले कर तैयार हो गया और घुसाने लगा, मैं जानता था कि मामी को दर्द हो रहा है लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था, उनकी गांड का छेद बहुत छोटा और टाइत था,
बहुत मुश्किल से अन्दर घुस रहा था, मैने भी पूरा ज़ोर लगा दिया। धीरे धीरे जगह बनती गयी और छेद फैलने लगा, मेरा लंड और अन्दर घुसता चला गया। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करता गया, मामी की चिकनी चिकनी गांड में मेरा लंड मज़े कर रहा था फिर मैने अपना लंड उनकी गांड से निकाल लिया और मामी को लिटा दिया और उनके पेट पर बैठ गया और अपने लंड को दोनो बूब्स के बीच सहलाने लगा, मैने अपनी मामी से कहा कि क्या चिकनी चूची है तो मामी शरमाने लगी। मैने अपनी मामी से कहा कि मेरे लंड को चूसो न, तो मामी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपने गालों से सहलाने लगी और मुझसे पूछा कि कैसा लग रहा है, मैने कहा पहले चूसो तो। तब मामी मेरे लंड को अपनी जीभ से चूसने लगी और दातों से काटने लगी, मैं तो मज़े में पागल हो रहा था, मुझसे सहा नहीं गया और मैने उनके मुंह में ही गिरा दिया,
मामी मेरे लस को चाटने लगी। मेरी मामी ने कहा कि ये तूने क्या किया, मैं समझ गया कि मामी अभी और चुदवाना चाहती है। मैने कहा कि घबराओ नहीं, अभी मैं तुम्हे और चोदुंगा। लेकिन मेरा लंड मुरझा गया था। मैं अपनी मामी के बूब्स को पकड़ के चूसने लगा और अपनी मामी की चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा, मामी में अभी भी बहुत जोश बाकी था। उन्होने भी मेरे लंड को सहलाना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से तनने लगा था, जैसे ही मेरा लंड थोड़ा कड़ा हुआ, मेरी मामी ने उसे अपने मुंह में ले लिया और कस कस के चूसने लगी, वो मुझसे किसी भी हाल में और चुदवाना चाहती थी, मेरे लंड को बार बार अपने मुंह में घुसाती और निकालती। वो मेरे लंड को इतनी जोर से चूस रही थी कि उनके चूसने की आवाज़ आने लगी, मेरा लंड भी अब तैयार हो गया था मैं भी उनके चेहरे को हाथ में लेके अपने लंड को अन्दर ठेलने लगी,
क्या मज़ा आ रहा था। मामी ने कहा कि मुझे और चोदो न, तभी मैने अपनी मामी को लिटा दिया और उनकी जांघ को चाटने लगा, चाटते चाटते मैं उनकी कमर तक पहुंचा तो देखा कि मेरी मामी मज़े में तिलमिला उठी। तभी मैने उनकी १ टांग को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उनकी चूत में टिका दिया और अन्दर घुसा दिया और फ़िर इतनी रफ़्तार से चोदा उनको, मामी बोल रही थी थोड़ा धीरे धीरे करो, मामी की चूत गीली हो गयी थी चोदने में और मज़ा आ रहा था मेरा लंड चूत में आसानी से फ़िसल रहा था, मैंने मामी की चूत ढीली कर दी थी, मुझे डर था कि मामा को पता न चल जाये क्योंकि मामी की चूत बहुत टाइट थी। और मैंने चोद चोद कर उसे ढीली कर दी थी
फिर मैंने मामी को कहा कि चलो कोई और स्टेप करते है मामी ने मुझे पलंग में लेटने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ गयी वो अपने बूब्स के निप्पल को मेरे होंठों के पास लाने लगी मैं उनके निप्पल काटने लगा फ़िर वो मेरे लंड को पकड़ के मेरे लंड से अपने चूत को सहलाने लगी, फ़िर धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगी, मामी मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और हिलने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
जब वो मेरे ऊपर बैठ कर हिल रही थी तब उनके बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे, वो नाज़ारा मैं कभी नहीं भूल सकता मामी के गोरे गोरे दूध और गुलाबी गुलाबी निप्पल मामी अपने हाथ से अपने बूब्स को सहला रही थी और अपने निप्पल को दबा रही थी मैने फ़िर मामी की गांड को कस कर पकड़ा और निकोटने लगा फ़िर मैंने मामी को नीचे लिटा दिया और मेंढक की तरह चढ़ गया फ़िर मैं मामी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, मामी अपने दोनो हाथो से मेरी गांड को पकड़ने और मारने लगी, मैने चोदना और तेज़ कर दिया,
मामी की चूत से पानी छूट गया और मैंने भी अपना लस अन्दर ही गिरा दिया मामी ने कहा कि मुझे ऐसा कभी किसी ने नहीं चोदा है, मैं एकदम ही लस्त पड़ गया था कुछ करने की हालत में ही नहीं था। घड़ी की तरफ़ देखा तो ४ बज रहा था। ये चुदाई मैंने पूरे ६ दिन की और जब भी मैं वहां जाता हूं तब तब मामी को किसी न किसी बहाने से होटल ले जा कर चोदता हूं।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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