Tuesday, August 26, 2014

FUN-MAZA-MASTI कावेरी की भाभी माला--4

FUN-MAZA-MASTI
 
कावेरी की भाभी माला--4
 कावेरी आज पूजा के हिसाब से ही तैयार हुई थी. गहरे लाल रंग की साडी और ब्लाउस में वो बिल्कुल नयी नवेली दुल्हन लग रही थी जबकि दीपक ने एक टी शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी. दोनो लगभग ५ मिनट में ही गुफा के प्रवेश द्वार पर पहुँच गये. गुफा के आसपास बहुत सुंदर दृश्य था. कावेरी इतने सुंदर वातावरण को देखकर मंत्रमुग्ध हो चुकी थी. उन दोनो ने गुफा में साथ साथ प्रवेश किया. गुफा के अंदर सीमित मात्रा में प्रकाश था पर देखने लायक तो था ही. वो लोग गुफा में और अंदर गये और वहाँ रखी एक मूर्ति के सामने पहुँच गये.

अब कावेरी ने डेनियल के बताए तरीके से पूजा करना शुरू किया. पहले उसने साथ लाए पानी से उस मूर्ति को धोया और उसे तिलक वगेरह करके फूल चडाए. और फिर दोनो ने हाथ जोड़कर प्रार्थना की और मूर्ति के सामने पालथी मार के बैठ गये. कावेरी ने पूजा की थाली में से थोड़ी सी भस्म उठाई जो डेनियल ने पूजा के सामान के साथ दी थी  जो कि वास्तव में यौन उत्तेजना बढाने वाली जड़ी बूटी का चूर्न था. कावेरी और दीपक ने उस भस्म को थोड़ा थोडा अपने मूह मे रख लिया.
कावेरी – मुझे लगता है कि पूजा ठीक ही हुई है.
दीपक – हां, अब बाकी काम भी ठीक से हो जाए तो हम अवश्य सफल होंगे.
कावेरी यह सोच कर शर्मा रही थी कि उसे अगला काम मूर्ति के सामने पवित्र गुफा में करना होगा. दोनो खड़े हो गए. दीपक अपने कपड़े उतारने लगा. यह देख कर कावेरी ने भी अपनी साडी उतार दी. तब तक दीपक अपनी टी शर्ट उतार चुका था और अपनी पैंट उतार रहा था जिसके अंदर उसने अंडरवेर नही पहना हुआ था. उसका लिंग दिखाई देने लगा जो अभी से थोडा उत्तेजित हो चुका था. कावेरी ने अपना ब्लाउस खोला और ब्रा नही पहने होने के कारण उसके दोनो स्तन आज़ाद हो गये. और फिर उसने अपना पेटीकोट भी उतारकर अपने को पूरा नंगा कर लिया. उसने भी चड्डी नही पहनी थी. अब दोनो बिल्कुल नंगे हो चुके थे. दीपक अपनी नंगी हो चुकी पत्नी को देख रहा था. कावेरी दीपक के लिंग को देखकर सोच रही थी की माला दीदी को कैसा लगा होगा जब उन्होने इस लिंग को अंदर लिया था. शुरुआत कावेरी ने ही की. वो दीपक के लिंग को अपने हथेलियों में लेकर उसे सहलाने लगी. हथेलियों का स्पर्श पा कर दीपक का लिंग तुरंत तनाव में आ गया और अपना पूरा आकार लेने लगा और दीपक ने भी उसके स्तनो को मसलना शुरू कर दिया.
दोनो एक दूसरे को अपनी बाहों में भर कर लेट गये. दीपक ने अपने एक हाथ से निपल को मसलते हुए कहा, "ओह कावेरी, ... तुम नही जानती मैं कितना खुश हूं यहाँ आकर. मुझे और तुम्हे दोनो को ही अपने अपने मन की खुशी मिल गई ... क्यों?"
"हां ....सच है ... और तो और माला दीदी को भी आपकी वजह से वो सुख मिल गया जिसके बिना वो अपने आप को अधूरा महसूस कर रही थी." कावेरी ने दीपक के लिंग को सहलाते  हुए कहा. कावेरी की योनि गीली होनी शुरू हो गयी थी. पर अभी दीपक के लिंग को अंदर डालने का सही समय नही आया था.
वो अपनी जगह से उठी और खड़ी हो गयी. उसके बाद वो दीपक के मूह ही तरफ़ गयी और अपनी कमर को नीचे की तरफ करने लगी. दीपक उसकी गोरी और चिकनी जांघों को अपने मूह के नज़दीक आता देख और उत्तेजित होने लगा. वो धीरे धीरे इस तरह से बैठ गयी की उसकी पुसी लिप्स उसके मूह से कुछ इंच पर ही रह गये थे. दीपक बोला, "थोडा नीचे आओ, कावेरी."
कावेरी ने अपनी कमर और नीचे कर दी और दीपक अपनी जीभ से कावेरी के पुसी लिप्स को सहलाने लगा. उसकी जीभ का स्पर्श अपनी योनि पर पाकर कावेरी भी पागल सी हो गयी. दीपक ने उसकी भग को चाटना शुरू कर दिया. वो उसकी क्लाइटॉरिस से लेकर नीचे तक अपनी जीभ फिरा रहा था. वो बीच बीच में उसकी क्लाइटॉरिस को भी अपने होंठों से दबा लेता था... कावेरी पीछे की तरफ झुकी और अपनी योनि का रस उसके मूह पर छोड़ने लगी. जैसे ही दीपक के चाटने की स्पीड बढ़ी, कावेरी क्लाइमॅक्स के नज़दीक पहुँच गई. दीपक अपनी दो उंगलिया उसकी योनि में डाल कर अंदर बाहर करने लगा जिसे कावेरी सहन नही कर पाई. एक जोरदार सिसकारी के साथ उसने अपना योनिरस निकाल दिया.

वो लंबी लंबी साँसे लेते हुई वो ज़मीन पर एक तरफ लेट गयी... दीपक उसके स्तनो को मसलने में लगा था और उसका लिंग अब कावेरी की योनि में जाने को आतुर हो रहा था... उसने कावेरी का एक हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया... वो उसे बताना चाहता था की अब वो तय्यार है. कावेरी भी समझ गयी की अब वक्त आ चुका है. उसने दीपक को अपने उपर आने के लिए कहा और उसका लिंग अपने हाथों में पकड़ कर अपनी योनी से सटा दिया. फिर दीपक ने धीरे धीरे लिंग को उसकी योनी के अंदर डालना शुरू किया. जैसे ही दीपक ने महसूस किया की लिंग पूरा अंदर चला गया है, उसने अपने को पीछे किया और लिंग को उसके सिरे तक बाहर निकाला और फिर से अंदर धकेल दिया. वो ऐसा बार बार दोहराने लगा. उसने कावेरी के कंधे पकड़ लिए थे. उधर दीपक के गरम गरम लिंग का एहसास कावेरी को मदहोश किए जा रहा था. वो अपने अंदर फिर से ऑर्गॅज़म की लहर महसूस कर रही थी और जैसे ही दीपक ने उसके बूब्स को चूसना शुरू करा, वो फिर से क्लाइमॅक्स पर पहुँच गयी. दीपक ने भी इसे महसूस किया और अपनी स्पीड बढ़ा दी. पूरी गुफा में उनकी रतिक्रिया की मादक आवाज़ें गूँज रही थी. दीपक पूरे वेग से धक्के लगा रहा था. और फिर उसने एक तगड़े झटके के साथ अपना वीर्य कावेरी की योनि में उड़ेलना शुरू कर दिया .... उसके वीर्य की बौछारें कावेरी ने अपनी योनि महसूस की तो वो फिर झड गयी.
दोनो ही बहुत बुरी तरह थक चुके थे और एक दूसरे को अपनी बाहों में भरकर लेट गये थे ... उनकी साँसे तेज तेज चल रही थी और कावेरी की योनि में स्पंदन हो रहे थे. कुछ देर तक शांत पड़े रहने के बाद दोनो ने एक दूसरे को किस किया और आपस में लिपट कर लेट गये ... उन्हें पता ही नहीं चला कि वो कब नींद कि आगोश में चले गये!!
उधर गुफा के बाहर माला ने जब कावेरी और दीपक को गुफा में जाते हुए देखा तो कहा, "डेनियल, जब तक ये लोग वापस नही आते हम लोग क्या करेंगे? मेने तो सोचा था की मुझे भी अंदर जाने का मौका मिलेगा ... तुमने पहले नही बताया की सिर्फ़ शादीशुदा जोड़े ही अंदर जा सकते हैं...!"
"मेने सोचा की आपको पता होगा ... खैर .. आप मेरे साथ उस तरफ चलिए ... वहाँ काफ़ी घने पेड़ हैं और पास में एक झरना भी है." डेनियल ने जवाब दिया.
"ठीक है ... चलो.” माला ने डेनियल के साथ चलते हुए कहा.
"क्या आप यह नही चाहती थी?" डिनाइयल ने कहा
"क्या?" माला ने पूछा
"मतलब कि मेरे साथ कुछ समय अकेले बिताना ...!", डिनाइयल ने कहा
"हां, यह तो सही है ..... पर आगे क्या क्या?", माला ने डिनाइयल के हाथों को अपने हाथ में पकड़ कर पूछा
"पहले आप यह बताइए कि दीपक जी से पहले आप ने कितने दिन से किसी पुरुष का साथ महसूस नही किया?" डेनियल ने पूछा
"कई महीने हो गये ... जब से मेरे हज़्बेंड की डेथ हुई तभी से" माला ने कहा.
माला ने काले रंग की साडी पहनी हुई थी और उसका गोरा रंग उसमे खूब खिल रहा था. उसने लो कट ब्लाउस भी जान बुझ कर पहना था. वैसे वो यह सब दीपक के लिए कर रही थी पर अब डेनियल उसके सामने था. वो दोनो जल्दी ही घने पेड़ों की छाया में पहुँच गये. डेनियल ने अपने बैग में से एक चादर निकाल कर नीचे घास पर डाल दी.
"ओह...यह तो बहुत बुरा हुआ ..." डेनियल ने माला को अपनी बाहों में भरते हुए कहा.
डेनियल का बिना उत्तेजना का लिंग माला के पेट पर टकरा रहा था जिसके स्पर्श मात्र से माला उन दृश्यों को याद करने लगी जब उसने उस लिंग को कावेरी की योनी में जाते हुए देखा था. डेनियल ने माला को किस करना शुरू कर दिया और उसके इस तरह से किस करने से माला का सब्र का बाँध टूट रहा था. जैसे ही डेनियल ने उसे किस करना खतम किया, माला थोड़ा पीछे हुयी और बोली, "ओह, डेनियल ... इस तरह से मुझे किसी ने नहीं चूमा. तुम मेरे साथ क्या करने वाले हो? "
"बहुत कुछ .... जो की आपने आज तक महसूस न किया हो. हमारे पास बहुत टाइम है. मैं चाहता हूँ की पहले आप अपने सारे कपड़े उतार लें. मैं आपको अच्छी तरह देखना चाहता हूँ. मुझे न जाने क्यों ऐसा लगता है कि आप ने कावेरी जी से भी ज्यादा हुस्न पाया है।" डेनियल ने कहा
"अच्छा...? झूठ!!! जब दीपक मुझे फक कर रहा था तब तुमने मुझे नग्न नहीं देखा था क्या?" माला ने कहा
"उस समय मैं गौर नहीं कर पाया क्योंकि उस समय तो मैं सिर्फ कावेरी जी को देख रहा था।" डेनियल ने जवाब दिया।
"अच्छा ठीक है..." कहती हुये माला ने अपनी साड़ी, ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार दिया। डेनियल उसे यह सब करते हुये देख रहा था। जब माला ने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और डेनियल ने उसे पहली बार करीब से देखा तो बस देखता ही रेह गया।
माला का एकदम गोरा शरीर, उन्नत स्तन करीब 36 साइज़ के, काले निप्पल, एकदम खड़े हुये उत्तेजना से, गदराया हुया बदन, पतली कमर और पुष्ट हिप्स और दोनों जांघों के बीच एक हल्की सी दरार .... सब कुछ एक दम से उत्तेजित कर देने वाला था। डेनियल ने अनुभव किया कि माला कावेरी से भी ज्यादा उत्तेजक हुस्न की स्वामी है। डेनियल अब उसे पा लेने को आतुर हुये जा रहा था।
डेनियल ने माला को बैठने के लिए कहा। माला शरमाती और सकुचाती हुयी डेनियल के सामने बैठ गई। आज वो किसी अंजान व्यक्ति के साथ संबंध बनाने जा रही थी। दीपक तो वैसे भी उसका रिश्तेदार था पर डेनियल उसके लिए एकदम पराया था। डेनियल ने माला का हाथ पकड़ कर कहा, "चलो.... यहाँ आ कर जरा लेटो तो ...!" और माला को उसने लिटा दिया और उनको दोनों टाँगों को फैला कर उनके बीच में बैठ गया। उसको ऐसा करते देख माला ने पूछा, "यह क्या कर रहे हो, डेनियल ?"
"देखती जाओ..." डेनियल ने कहा
माला ने अपनी गर्दन उठाई और कोहनियों का सहारा लेती हुयी डेनियल को देखने लगी की वो क्या करने वाला है .... और उधर डेनियल झुका और उसकी पूसी पर किस करने लगा।
"ओह भगवान .... आह ... नहीं.... डेनियल ...!!" माला के मुह से निकला।
डेनियल ने अपनी उंगलियों से उसके पूसी लिप्स को थोड़ा सा फैलाया और उसकी दरार को अच्छी तरह से चूमने लगा। और माला घास पर बिछी चादर पर फिर से पीछे की तरफ लेट गई। डेनियल ने उसकी क्लिटोरिस को अपनी जीभ से छूना शुरू किया और उसी वक्त माला की योनि से योवन रस बहना शुरू हो गया।
"आह ... नहीं.... डेनियल..... अब मत करो... गुदगुदी हो रही है..." माला बार बार यही बोले जा रही थी और उसके हाथों ने पास के एक पौधे के तने को कस कर पकड़ रखा था। पर डेनियल कहा रुकने वाला था? वो बार बार उसकी योनि को हर संभव तरीके से चूसने और चूमने में लिप्त था। माला अब नहीं रुक सकती थी और उसको उसकी ज़िंदगी का सबसे ज्यादा हिला देने वाला ओरगास्म हुआ और वो आनंद से चीख उठी। डेनियल ने अपनी आखों के सामने उसकी योनि को संकुचन और स्पंदन करते हुये देखा। माला ने डेनियल का हाथ पकड़ा और कहा, "डेनियल, ... अब आ जाओ।"
डेनियल उसकी टाँगों के बीच में से उठा. माला ने अपने आप ही अपने दोनों पैर अपने हाथों से पकड़े और अपनी छाती से चिपका लिया. उसके ऐसा करने से उसकी योनि पहले से ज्यादा खुल गई और उसके इस प्रयास को देख डेनियल भी मैथुन करने को आतुर हो गया। वो थोड़ा सा आगे बढ़ कर माला के नजदीक आ गया। और माला का एक हाथ पकड़ कर अपने शॉर्ट्स पर रख दिया और अपने लिंग का एहसास उसे करवाने लगा। उसका लिंग उत्तेजना में आ चुका था और सीधा तना हुआ था। उसका लिंग मानो उसके शॉर्ट्स में से बाहर निकालने को आतुर हुये जा रहा था। माला पहले थोड़ी सकुचाई और फिर अपने हथेलियों से उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसके लिंग के कड़ेपन को अनुभव करने लगी। डेनियल ने शॉर्ट्स को निकाल कर फेंक दिया. अब उसका कड़ा और उत्तेजित लिंग माला की आँखों के सामने था। वो डेनियल के बड़े और अनोखे लिंग को देख कर चकित थी । वो अपने जीवन में इस तरह का पहला लिंग देख रही थी. उसका चेहरा शर्म और वासना से लाल हो रहा था। उसने डेनियल के लिंग को हाथ से पकड़ा और उसे ऊपर-नीचे मलने लगी। दो तीन बार ऐसा करने पर माला ने गौर किया की डेनियल के लिंग में से कुछ चिकना चिकना प्री-कम निकाल रहा था।
डेनियल फुसफुसा के बोला, "आपके हाथ बहुत कोमल हैं, माला जी।"
माला बोली, "यह तो बहुत बड़ा है..."
"सच में....? अभी तो यह और बड़ा हो सता है" डेनियल ने कहा।
"क्या? ... इससे भी बड़ा?" माला ने आश्चर्य से पूछा
"हाँ...क्यों नहीं?" डेनियल ने आह भरते हुये कहा, "बस ... तुम इसे ऐसे ही सहलाते रहो और देखना की यह कितना बड़ा हो जाएगा।"
माला उसके लिंग की खाल को ऊपर तक ले गई और फिर नीचे खींचा... और फिर धीरे धीरे उसके लिंग को सहलाना शुरू कर दिया। और माला के ऐसा करने से डेनियल का लिंग आश्चर्यजनक रूप से आकार बढ़ाने लगा। डेनियल भी नहीं समझ पा रहा था की आज उसके लिंग में इतना जोश कहाँ से आ रहा है. वो भी अपने लिंग के इस विशाल रूप को देख कर हैरान होने लगा था। माला कामोत्तेजना से आहें भर रही थी। फिर उसने एक आश्चर्य जनक कदम उठाया... माला ने अपनी कोहनी के बल अपने को उठाया और डेनियल की जांघों के बीच झुकने लगी। डेनियल यह सोच कर रोमांचित हो रहा था कि माला उसके लिंग को अपने मुह में लेने वाली है ... ओह ... कितना कामुक होगा वो अनुभव?
डेनियल ने धीमे से माला के सर के पीछे अपना हाथ रखा और माला के सर को आगे कि तरफ धक्का देकर यह जता दिया कि वो भी यही चाहता है। माला ने उसके लिंगमुंड को किस किया। अब उसके होंठ डेनियल के लिंग के ऊपरी हिस्से को छू रहे थे और फिर एक दो बार किस करने के बाद माला ने अपनी जीभ उसके लिंग पर फिरानी शुरू कर दी .... डेनियल आँखें बंद कर के इस एहसास का आनंद ले रहा था। माला को भी मजा आने लगा था। उसने अपना मुह खोला और लिंग को थोड़ा अंदर लेते हुए अपने होंठों से कस लिया। उसके ऐसा करते ही डेनियल को अपने लिंग पर माला के मुह की आंतरिक गरमाहट महसूस हुयी और उसे लगा कि उसका वीर्य उसी समय निकल जाएगा। उसने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर के अपनी उत्तेजना और रोमांच पर काबू किया. फिर उसने अपने हिप्स उसके मुह की तरफ उठा दिये जिससे की ज्यादा से ज्यादा लिंग उसके मुह मे जा सके और उसके मुह की गरमाहट अपने लिंग पर महसूस कर सके। वो सब्र नहीं कर पा रहा था और उसने माला का सर पकड़ कर अपने तरीके से अपने लिंग पर ऊपर नीचे करवाने लगा। उसकी गरम गरम साँसे भी वो अपने लिंग के आसपास महसूस कर पा रहा था।
माला का खुला हुआ मुह डेनियल के लिंग का आधे से ज्यादा हिस्सा अपने अंदर समा चुका था और माला भी उसके लिंग को अपने मुह में लेकर अपने मन में गर्वित सा महसूस कर रही थी और उसके चेहरे पर एक उत्साह दिख रहा था। माला कुछ और देर तक उसके लिंग को अपने मुह में अंदर लिए रही और फिर साँस लेने लेने के लिए थोड़ा रुक गई। पर डेनियल अब कहाँ रुकना चाहता था। उसने माला को लिटा दिया. वो समझ गई की अब वक्त आ चुका है। उसने अपनी टाँगे फैला दी. डेनियल उस की फैली हुई टाँगों के बीच आया और उस के ऊपर लेट गया। माला उसके गरम और मांसल शरीर का स्पर्श पाकर अपने को निहाल मान रही थी। डेनियल का उत्तेजित लिंग माला की योनि से टकरा रहा था। डेनियल ने अपने आप को दो तीन बार थोड़ा नीचे-ऊपर किया जिससे कि उसका लिंग माला की योनि की दरार पर रगड़ खाने लगा। अब उसका लिंग भी अपने अंदर से चिकनाहट-युक्त स्त्राव छोडने लगा था। डेनियल उसकी योनि की गरमाहट को पूरी तरह से महसूस कर पा रहा था।
डेनियल ने माला के निचले होंठ को अपने होंठों में दबाया और उसे चूसने लगा। उसके ऐसा करते ही माला की योनि पानी छोडने लगी। ऐसा कहा जाता है कि स्त्री का निचला होंठ सीधा क्लिटोरिस से जुड़ा होता है. इसलिए उसे चूसने पर क्लिटोरिस उत्तेजित हो जाती है और योनि पानी छोडने लगती है. डेनियल ने इसी बात का फायदा उठाया। उसे पता था कि माला की योनि अभी कसावट लिए होगी. उसका बड़ा लिंग माला को परेशान न करे इसके लिए योनी में चिकनाहट होना बहुत जरूरी है। डेनियल ने अपने हिप्स को ऊपर नीचे करना शुरू किया। उसका लिंगमुंड बार बार उसकी क्लिटोरिस पर दस्तक दे रहा था जिससे वो हर पल ओरगास्म के नजदीक पहुँचती जा रही थी। अब माला व्याकुल हो चुकी थी। उसकी योनि अंदर ही अन्दर स्पंदन पर स्पंदन करे जा रही थी। उसकी साँसे तेज हो गई थी। उसके मचलने के कारण डेनियल अपना लिंग उसकी योनि के द्वार पर नहीं टिका पा रहा था। उसकी यह मुश्किल माला को समझ में आ गई। उसने अपने हाथ से डेनियल के लिंग को पकड़ कर उसे अपने योनिद्वार से सटा दिया और दूसरे हाथ से डेनियल के हिप्स को नीचे की तरफ धकेला. डेनियल समझ गया और उसने अंदर की तरफ धक्का दे दिया। डेनियल ने जैसे अपने लिंग के गिर्द गरमाहट और गीलेपन को महसूस किया वो हल्के हल्के धक्के लगाने लगा और उसका मोटा और लंबा लिंग माला की योनि में प्रवेश करने लगा था. ... माला का मुह खुला हुआ था और उस से आहें निकल रही थी। आज पहली बार डेनियल ने किसी योनि में अपने लिंग को घुसाने में इतना समय लगाया था। और जब उसने महसूस किया की उसका लिंग काफी अंदर जा चुका है तब उसने अपने हिप्स को हरकत देना शुरू किया। उसके लिंग पर माला की योनि की चिकनाहट आ चुकी थी और अब उसका लिंग बड़ी आसानी से अंदर बाहर होने लगा था। डेनियल माला की योनि की कसावट को अपने लिंग के इर्द गिर्द महसूस कर पा रहा था। वो अपने को बहुत भाग्यशाली समझ रहा था की आज कितने अर्से के बाद उसे एक पूर्ण संतुष्ट करने वाले संभोग का एहसास हो रहा था।

उधर माला का भी ऐसा ही हाल था। वो डेनियल के मोटे और लंबे लिंग के धक्के अपनी योनि में साफ साफ महसूस कर पा रही थी। उसको एक बार फिर से ओरगास्म होने वाला था सो उसने भी अपने नितंब उठाने शुरू कर दिए। डेनियल उसकी इस हरकत से अपना काबू खोने लगा .... वैसे भी वो बहुत देर से अपने को रोके हुआ था। डेनियल ने माला को अपनी बाहों में भींच लिया और उसी बीच माला को ओरगास्म होने लगा. उसकी योनि लिंग के इर्द-गिर्द स्पंदन करने लगी जिसे डेनियल सहन नहीं कर पाया और वह एक के बाद एक अपने वीर्य की गरम गरम धार मारने लगा। जब डेनियल ने महसूस किया की माला की योनि ने उसके वीर्य की आखिरी बूंद भी में निचोड़ ली है और उसका लिंग सिकुडने लगा है, वो पागलों की तरह माला को चूमने लगा मानो कि उसकी कृपा का धन्यवाद दे रहा हो. माला ने भी खुशी से उसे अपनी बांहों में भींच लिया. दोनों एक दूसरे को बाहों में भरे हुये लेते रहे। कुछ देर बाद जब दोनों की साँसे सामान्य हुईं तो माला ने पहला शब्द कहा, "डेनियल, मैं तुम्हें क्या कहूँ ... तुमने आज मुझे जो आनंद दिया है वो मुझे पहले कभी नहीं मिला .. सच में..."
"मैं भी यही कहना चाहता था, माला ... तुम मेरी ज़िंदगी में पहली औरत हो जिसे मेने पूरी संतुष्टि और आनन्द से भोगा है ... तुम्हारे जैसा कामोत्तेजक हुस्न मैंने आज तक नहीं देखा. ... काश यह हमेशा के लिए मेरा हो सकता" डेनियल ने कहा
"तुमने तो मेरे मन की बात कह दी” माला ने कहा।
डेनियल को तो मानो मुह मांगी चीज मिलने जा रही थी. आज तक वो गुफा की यात्रा पर आने वाली महिलाओं के साथ संबंध पर ही निर्भर था और वो भी हर बार संभव नहीं होता था। और माला जैसी औरत उसे कहाँ मिलने वाली थी. उसने कहा, "माला, क्या यह हो सकता है कि हम कभी अलग न हों? मैं तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ"
"चलो, अब उठो और कपड़े पहनो, और मुझे भी पहनने दो .... कावेरी और दीपक आते ही होंगे. मैं नहीं चाहती कि वे शादी से पहले हमें हनीमून की अवस्था में देखें", माला ने डेनियल को अपने ऊपर से हटाते हुये कहा। डेनियल भी हँसते हुये उठा. उसने माला को किस किया और अपने कपड़े पहनने लगा। माला भी अपने कपडे पहनने लगी।  और फिर दोनों वही पर बैठ कर कावेरी और दीपक के आने का इंतजार करने लगे।
कुछ ही देर बाद वो लोग गुफा से बाहर आ गए. कावेरी आगे चल रही थी और आकर माला के पास रुकी. उसे माला की आँखों में दिख रही चमक और गालो पर छाई गुलाबी रंगत से अंदाजा हो गया था की शायद वो डेनियल से संभोग सुख प्राप्त कर चुकी हैं। वो इस बारे में पूछताछ करने के लिए माला को एक तरफ ले गई.
वो कुछ पूछती इस से पहले ही माला ने पूछा, "तो कैसी रही तुम लोगो की पूजा और पूजा के बाद वाला कार्यक्रम?"
यह सुन कर कावेरी लजा गई पर उसने जवाब में कहा, "पूजा भी अच्छी तरह से हो गई और उसके बाद वाला काम भी पर आप यह बताओ की आपने और डेनियल ने इतनी देर क्या किया?"
"वही जो तुम लोग गुफा में कर रहे थे ... मेरा मतलब है पूजा के बाद! और अब यह होता रहेगा ... मैंने और डेनियल ने शादी करने का फैसला कर लिया है" माला ने उसे बताया।
"सच भाभी? ..... दीपक, सुनो .... डेनियल और माला भाभी आपस में शादी करने वाले हैं। कितनी अच्छी बात हैं न?" कावेरी ने दीपक को बताते हुये कहा।
"हाँ...., पर ऐसा फैसला .... इतनी जल्दी ...?" दीपक ने माला की तरफ प्र्श्न्वाचक निगाह से पूछा।
"हाँ, .... कुछ फैसलो में देरी न करना ही बेहतर है" कावेरी ने जवाब दिया।
डेनियल ने दीपक और कावेरी से कहा, "अभी मैं और माला यहीं रुकेंगे. आप लोग लौट जाइये और जल्दी ही हम से मिलने वापस आइये।"
दीपक और कावेरी को यह ठीक लगा। वो लोग माला और डेनियल से विदा ले कर और उन्हे शुभकामनाएँ देकर वहाँ से वापस लौट लिए। कुछ हफ़्तों के बाद पता चला कि कावेरी गर्भवती हो चुकी थी. और उधर डेनियल और माला ने शादी कर के पवित्र गुफा के पास ही अपना घर बना लिया था। उनका जीवन बहुत ही सुखमय हो गया था।











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