Sunday, August 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI होली का असली मजा--15

FUN-MAZA-MASTI

 होली का असली मजा--15

 " मम्मी , इन्हे सोने से पहले दुद्धू पीने की आदत है " और साथ ही मैंने उनका हाथ खींच के सीधे मम्मी के ब्लाउज के बटन पे रख दिया।


' ठीक तो है। लगता है समधन जी ने लगा दी है। और मुन्ना दूध नहीं पियेगा , तो कुश्ती कैसे लड़ेगा " कुछ प्यार से कुछ चिढ़ाते हुए मम्मी बोलीं और उन्हें और खींच के अपने से सटा लिया।

हिम्मत कर उन्होंने मम्मी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और झ्हक से , गोरे गोरे दूध से भरे कटोरे बाहर आगये।


झिझकते शर्माते वो बोले , " मम्मी दूध पी लूँ। "

बस मम्मी ने जोर से उनके बाल पकड़ के उनका मुंह अपने हाथ से दबा के खोल दिया और निपल सीधे ठेल दिया और दोनों हाथों से उनका सर पकड़ के अपने जोबन से चिपका लिया , और जोर से हड़काया ,

" मम्मी भी बोलते हो और पूछते भी हो , पियो न , जितना मन हो उतना। और आगे से फिर कभी पूछा न तो बहुत पिटोगे मेरे हाथ से "

मैं क्यों पीछे रहती , मैंने उनका एक हाथ पकड़ के मम्मी के दूसरे मम्मे पे रख दिया।

पुचुर पुचुर वो मम्मी का निपल चूस रहे थे और एक हाथ से उस बूब्स को पकडे थे , और दूसरा हाथ दूसरे बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था , मसल रहा था

कितने दिनों की उनकी साध पूरी हो रही थी।









और मम्मी भी प्यार से उनके बाल सहला रही थीं , कभी गालों पे हाथ फेर देतीं।

दस मिनट कस कस के मम्मी की रसीली चून्चियों का मजा लेने के बाद , सांस लेने को उन्होंने मुंह खोला और मम्मी ने प्यार से उनके गाल को पिंच करते हुए पुछा ,

" मजा आया "
" हाँ मम्मी बहुत , " ख़ुशी से उनका चेहरा दमक उठा।


मम्मी ने चट से हलके से उनके गाल पे मारा ,

" बदमाश , फिर दुबारा अगर तुमने पुछा न , तो बहुत पिटोगे। मम्मी से शर्माते हो। और जब मन करे तब , मेरी इस बेटी या किसी बेटी से शर्माने की जरूरत नहीं है। जब चाहो तब और उनके सामने भी , समझ गए न। "

हाँ समझदार बच्चे की तरह उन्होंने सर हिलाया। और एक बार फिर जीभ निकाल के मम्मी के बड़े निपल फ्लिक करने लगे।

मम्मी को भी बहुत मजा आ रहा था।
उनकी नाक पकड़ के शरारत से मम्मी ने पुछा ,

" अच्छा बोल मेरे ज्यादा मस्त हैं या समधन के "


एक पल के लिए उनके चेहरे पे शरमाहट आयी फिर वो मुस्करा के बोले ,

" मम्मी , आप दोनों के एक से बढ़ के एक हैं "

मम्मी भी जोर से खिलखिलायीं और उनके होंठो पे खूब कस के एक चुम्मी ले के कहा , बहुत चालाक हो तुम।

मम्मी का हाथ उनके चौड़े सीने पे टहल रहा था। अपने नाख़ून से उनके टिट्स को जोर स्क्रैच कर के पुछा ,,

" और समधन की नीचे वाली कुठरिया "

अब उनकी भी झिझक ख़तम हो गयी थी , वो मुस्करा के बोले

" मम्मी अभी आप की नीचे वाली कुठरिया का मजा कहाँ लिया है जो बताऊँ की उनकी कैसी है और आपकी कैसी। "

मम्मी कुछ जवाब देती उकसे पहले मैंने मम्मी से बोल पड़ी ,

" मम्मी , इसका मतलब आपका दामाद , "
मम्मी ने मुझे जोर से आँखे तरेर कर देखा और बोली , खुल के बोल न जो बोलना चाहती है।

" मम्मी , इसका मतलब आपके दामाद , मादर चोद हैं। "
"गलत एकदम गलत , "मम्मी ने फिर मेरी बात काटी और बोलीं ,

" ये मादर चोद नहीं पक्का मादर चोद है , पैदायशी मादरचोद क्यों है ना " उनकी पीठ सहलाते मम्मी बोलीं।

वो क्या बोलते उके मुंह तो मम्मी की चूंची चूसने मन लगा था। और मम्मी ने जोर से एक हाथ से उनका सर दबा रखा था , तो वो हटा भी नहीं सकते थे।

मम्मी ने फिर मेरी ओर देखते हुए समझाया ,

" तू भी न , मादरचोद को , मादरचोद बोलने में हिचक रही थी। मेरे दामाद को कोई हिचक नहीं , तो तुम क्यों झिझक रही थी। कल से तुम सबके सामने इसे मादरचोद बुलाओ देखना ये जवाब देगा। अरे जब मादरचोद होने में शर्म नहीं , तो मादरचोद कहलाने में क्या शर्म , क्यों बेटा। "




" तू भी न , मादरचोद को , मादरचोद बोलने में हिचक रही थी। मेरे दामाद को कोई हिचक नहीं , तो तुम क्यों झिझक रही थी। कल से तुम सबके सामने इसे मादरचोद बुलाओ देखना ये जवाब देगा। अरे जब मादरचोद होने में शर्म नहीं , तो मादरचोद कहलाने में क्या शर्म , क्यों बेटा। "
….
वो बिचारे क्या बोलते उनके मुंह में तो मम्मी की 38 डी डी साइज की चूंची भरी थी।
मम्मी ने मुझे समझाना जारी रखा ,

" देख मेरी समधन ने न जाने कहाँ कहाँ घूम घूम के , किससे चुदवा के पहले तो गाभिन हुयी होंगी , फिर ९ महीने पेट में रखा होगा , फिर बचपन में सबसे पहले इसकी नूनी पकड़ के सु सु करना सिखाया होगा।

नूनी का चमड़ा खोल के कड़वा तेल लगाती होंगी , तभी तो इतना मस्त मोटा ,… फिर उनका कुछ हक़ है कि नहीं इसके मोटे डण्डे पे. क्यों बेटा। "

बिना मम्मी के चूंची पर से मुंह हटाये सर हिला के उन्होंने हामी भरी।



" तुम सही करते हो जो मेरी बांकी समधन को चोदते हो ,वरना कहीं इधर उधर , " मम्मी ने अपनी चूंची पर से उनका मुंह हटाते हुए कहा।

हम तीनो मुस्करा रहे थे। अब मम्मी ने उके होंठ अपने दूसरे उरोज पे रखे ,

" अरे इसको भी तो चूस जरा। इसका भी मजा ले।

जोबन का मजा लेने में तो उनका कोई मुकाबला नहीं था और ये मुझसे अच्छा कौन जानता था।

और वो जोर जोर से मम्मी की चूंची चूसने लगे। मम्मी का एक हाथ उनके सर पे था और दूसरा शार्ट के ऊपर से 'उसे ' दबा , सहला रहा था।

उनकी जीभ कभी पूरे उरोजों को चाटती तो कभी निपल के चारों ओर घूमती , कभी निपल को वो मुंह में ले के जोर जोर से चूसते ,चुभलाते। और रह रह के बाइट कर लेते।

" क्यों , समधन का भोंसड़ा कभी चूसा है , कैसा है। "





उन्होंने निपल चूसते हुए सिर्फ सर हिलाया पर मैं उन्हें इतनी आसानी से थोड़े ही छोड़ने वाली थी।
" बोलो न , मम्मी कुछ पूछ रही हैं " मैं बोली।
सर हटा के वो बोले , " हाँ "


" अरे पूरा बोलो न , मम्मी से क्या शर्माना। " मैंने भी छेड़ रही थी।
" हाँ चूसा है , बहुत रसीला है। " बोल के फिर से वो अपने काम में जुट गए।



मम्मी मस्ती से सिसकारी भर रही थी।
मम्मी इतनी जल्दी उन्हें नहीं छोड़ने वाली थीं , उन्होंने अगला सवाल पुछा ,




" और मेरी समधन ने सिर्फ अपना भोंसड़ा चुसवाया या मुन्ने को गांड भी चटवाई। "
मम्मी की छेड़छाड़ में उन्हें भी मजा आ रहा था , वो बोले।
"गांड भी चटवाई।








" अब मान गए तुम नंबरी मादरचोद हो। " मम्मी ख़ुशी से बोलीं और मुझे देख के कहा ,
" मैं कह रह थी न तुमसे तेरा 'ये ' सिर्फ मादरचोद ही नहीं है , बल्कि नम्बरी , पक्का मादरचोद है , हरामी का जना "




मम्मी की गालियां और रसीली बातें सुन के उनका चेहरा मस्ती से दमक रहा था और तम्बू में बम्बू एकदम तना था। साथ में मम्मी खुल के शार्ट के ऊपर से अपनी उँगलियों से उसे दबोच रही थीं , सहला रही थीं।
" और तेरी बुआ का जोबन भी तो बहुत गद्दर है , मजा आया था उनकी लेने में " मम्मी ने उनके निपल को जोर से स्क्रैच करते पुछा।


" और तेरी बुआ का जोबन भी तो बहुत गद्दर है , मजा आया था उनकी लेने में " मम्मी ने उनके निपल को जोर से स्क्रैच करते पुछा।

अब तो उनके चेहरे पे हवाईयॉ उड़ रही थी। वो आलमोस्ट उठ बैठे , और बोले , " नहीं मम्मी , हाँ मतलब ,… लेकिन। ।आप्को कैसे पता "




मम्मी ने हाथ अब शार्ट में डाल दिया और जोर जो से लंड मुठियाते बोलीं

" मम्मी बोलता है और पूछता है , कैसे पता। मुझे सब पता है। तेरी बुआ की शादी के पहले ही तूने नंबर लगा दिया था न। मुझे तो ये भी मालूम है की उस दिन तेरी बुआ ने क्या पहना था। बोल अब उनकी शादी के बाद होता है गुल्लीडंडा कि नहीं ?





मैं ख़ुशी और आश्चर्य से मम्मी की और देख रही थी। मम्मी को तो पुलिस में दरोगा होना चाहिए , सब राज उन्होंने कैसे कबूलवा लिए।

उनकी बुआ और मेरी बुआ सास , थी भी बहोत सेक्सी और गाली दे के बात करने में तो सास से भी दो हाथ आगे। जिस तरह से वो ननद भौजाई बातें करती थी , हम ननद भौजाइयों के लिए सबक था।

जब मुंह दिखायी हो रही थी और मैं पैर छू रह थी तो मेरी सास ने उकसाया , ज़रा लहंगा उठा के अंदर की हालचाल देख ले , तेरे ससुर की खास पसंद है अंदर।

मैं आपनी सास की आज्ञाकारी बहु ,

पैर छूते छूते , मैंने झट से लहंगा दोनों हाथो से पकड़ के उलट दिया , पूरा। चिड़िया दिख गयी। एकदम मक्खन मलायी। और जब बुआ ने ठीक करने की कोशिश की तो सासु जी ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और बोली ,

" अरे ननद रानी इतनी देर बाद बुलबुल खुली है तो थोड़ी हवा पानी खा लेने दो उसे न।




फिर तो मेरी बुआ जी से पक्की दोस्ती हो गयी। वैसे भी उम्र में 'इनसे ' ७-८ साल ही बड़ी होंगी। ३२-३३ की। सुहागरात के पहले सबसे ज्यादा ज्ञान उन्होंने ही दिया। और जब सुबह नौ बजे मेरी ननदे कमरे से निकाल के ले गयी , तो वो बाहर ही मिल गयीं और सबसे पहले 'मुंह दिखायी ' भी उन्होंने की। '




नीचे वाले मुंह की '.




मम्मी उन्हें चिढ़ा रही थी , " अरे बुआ से तो चोदने का रिश्ता है , काहें शरमा रहे हो। अरे उनके भाई मेरी समधन को दिन रात चोदते हैं न , तो तूने उनकी बहन चोद ली बस , तो बोलो अब भी चलती है पेलगाड़ी न ,

' हाँ , मेरी शादी में वो आयी थी न , तो बस २-३ बार "



झिझकटे हुए उन्होंने कबूला।



अब मैंने थोडा डायरेक्शन बदला , और उनका हाथ मम्मी के गोरे चिकने पेट पे सहलाते हुए बोला ,

" मैं और तुम्हारी नमकीन सालियाँ यही पे थे। "

"और निकलीं किधर से " उन्होंने मुस्करा के मुझे छेड़ते हुए , पूछा।

मेरे एक हाथ ने मम्मी के साये का नाडा खोल के नीचे सरका दिया और दूसरे हाथ से उनका हाथ पकड़ के सीधे , 'वहीँ ' पे मम्मी की जाँघों के बीच ,

जो मैंने सोचा वही हुआ। उनका चेहरा देख के लग रहा था की , जैसे हलवाई की भट्ठी पे हाथ पड़ गया हो।

मम्मी भी धीमें धीमें मुस्करा रही थीं , उन्होंने दोनों जांघो के बीच जोर से उनका हाथ दबा दिया।
और अब मम्मी की बारी थी , उनका शार्ट सरका के सीधे , फर्श पे फेंकने की।

फिर मैं कैसे बचती। सास , दामाद ने मिलके मेरा ब्लाउज और साया भी दूर फ़ेंक दिया और हम तीनो एक जैसे।








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