FUN-MAZA-MASTI
जांघ पर नजर पड़ जाए तो चूत का नजारा साफ़ पता चल जाता है। मोटी जांघ हो तो चूत बदबूदार होती है क्योकि उसमे से हवा नही पास होती, अगर पतली जांघे हो तो चूत खूश्बूदार होती है क्योंकि उसमें फ़्रेश हवा जाती रहती है। लेकिन जब जांघ चिकनी हो तो कहना ही क्या? क्योंकि चिकनी जांघ पर आपकी नीयत फ़िसल जाती है। तो कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ्। ध्यान दें कि यह कहानी मेरे एमबीए के मजेदार एडवेंचरो का सिलसिला है जिसमें मेरे दोस्त की गर्लफ़्रेंड की केले के तने जैसी चिकनी जांघे देखकर मेरा दिल फ़िसल गया और मैं बन गया राउडी राठोर!!
मेरा दोस्त अभिषेक मेरा लंगोटिया यार है। हम दोनो साथ ही एमबीए कर रहे थे। उस दिन उसकी गर्लफ़्रेंड कर्तिका का बर्थ डे था और शाम को रेस्टरां में पार्टी थी। उसने विशेष रुप से मुझे बुलाया था। हम तीनो शाम को डिनर करने के लिए रेस्टरां में बैठे थे। वेटर ने आर्डर लिया और हम बैठ कर सूप पीने लगे। मैंने आज पहली बार उसकी गर्ल फ़्रेंड को नजदीक से देखा। उसने मस्त टाप और जैकेट पहन रखी थी। उसकी लाल लाल छोटी सी टाप उसकी बड़ी चूंचियो को छुपाने में नाकामयाब थी और उसकी छोटी सी मिनी जैकेट उसकी चूंचियो के उपर ही टंग रही थी। टाप के उपर से उसके चूचक के उभार साफ़ दिख रहे थे और उसके गोल गोल चूंचो की घाटिया बड़े गले वाले टाप में साफ़ झलक रही थी। मेरी नीयत खराब होने लगी।
मैं फ़्रस्ट्रेट हो रहा था जब मेरे सामने कंटाप माल हो और मेरे हाथो में उसकी चूचे न हो तो मैं तनाव मे आ जाता हू और मेरा लंड इतनी कामुक लड़की को पास देखकर चड्ढी में डांस करने लगता है। तो मेरे खुराफ़ाती दिमाग में एक आइडिया सूझ गया। मैंने अपना मोबाईल नीचे गिरा दिया। वह गिरा तो उठाने के लिए मैंने अपनी मुंडी टेबल के नीचे करी तो अवाक रह गया। उसकी मिनी स्कर्ट बिना चड्ढी की चूत और चिकनी जांघे; ये सब देखकर मेरे दिल की धड़कन शताब्दी एक्स्प्रेस बन गई। मैने मोबाईल उठाया और कैमरे से मस्त चूत की फ़ोटो खीच डाली। अपना लंड ऐठते हुए मैने अपनी मुंडी उपर की।
तभी अभिशेक का फ़ोन आ गया, वह टेबल से उठकर किनारे जाकर बात करने लगा। मैं जान बूझ कर अपनी सीट से खड़ा हो गया। मेरे लंड का उभार जीन के उपर से करीब तीन इंच बाहर उभरा दिख रहा था। कर्तिका ने वह लंड का तनाव देख लिया और मुस्कराने लगी। बोली तबियत तो ठीक है तुम्हारी? मैंने कह दिया जब तुम्हारे जैसी हसीना सामने बैठी हो तो भला तबियत किसकी हरी ना हो जाए। उसने मुझे आंख मार दी।
मैं समझ गया कि साली छटी छिनाल खाई पीयी लड़की है यह्। मैं टेबल पर बैठ कर अपना लंड खीच कर जीप से बाहर निकाल दिया। अभिशेक आ चुका था वह कर्तिका के बगल में मेरे सामने बैठ गया और डिनर करने लगा। मैंने अपने पैरो से कर्तिका के जांघ पर हल्का सा टच किया और उसकी आंखो में गहरा झांक लिया। उसके आंखो के डोरे लाल हो रहे थे। वह अपनी टांग उपर की तरफ़ लायी और मेरे लंड को टटोलने लगी। मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा उसका इंत्जार कर रहा था।
उसकी जांघ और तलवो की छुअन मेरे लंड में आग लगा गई। मैंने अपने बाएं हाथ से उसके तलवो को सहलाना शुरु किया और उसके चेहरे से साफ़ लग रहा था कि इस बर्थ डे पर उसे कुछ अलग गिफ़्ट चाहिए। हमने डिनर पूरा किया और अभिशेक ने कर्तिका को उसके घर छोड़ दिया। मैं अपना लंड लिये अपने फ़्लेट पर आ गया। अभी सोचा कि आज कर्तिका के मस्त चूचो के नाम पर मूठ मार लूं लेकिन अचानक से फ़ोन बजा। देखा तो कर्तिका का फ़ोन था। सेक्सी आवाज में उसने कहा- मुझे गिफ़्ट नही दोगे। मैने कहा बोलो ना क्या चाहिए, वो बोली मेरे तलवो ने जिस लंड को महसूस किया है वो काफ़ी तगड़ा था, क्या वो गिफ़्ट मिल सकता है? मेरी बांछे खिल गई।
मैं सीधा उसके फ़्लेट पर पहुचा, काल बेल दबाई तो लाल लाल बिकनी में वह एकदम परी लग रही थी। गोरी चमड़ी किसी मेम से कम नही लग रही थी। मैने उससे कहा कि ये काम तो अभिशेक ही कर देता तो बोलने लगी, वो कहता है कि प्यार करता हू तुमसे ये सब शादी के बाद ही करना अच्छा रहेगा। मैं समझ गया, इसकी चूत में आग अभी लगी है तो बुझाने के लिए कुंए की खुदाई तुरत करनी पड़ेगी। मैने उसे गोद में उठा लिया और सीधा ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया। अब उसका चेहरा मेरे सामने था और उसके भीगे होठ मेरे होठो के सामने।
मैंने उसके होठो को हल्के से चूमा तो उसने अपनी जीभ निकाल दी बिल्कुल ब्लू फ़िल्म की हीरोईन की तरह। मैने उसकी जीभ को अपने होठो में जकड़ लिया और उसका स्वाद लेने लगा। मैने देखा उसकी मदहोशी बढती जा रही थी। अब मैंने उसके खुले मुह में अपनी जीभ डालकर उसके मुह के अंदर फ़िरानी शुरु कर दी और हर कोने का जायेजा लेने लगा। मेरी यह अदा उसे खतरनाक तरीके से गरम कर गई उसने दन्दना के मेरा लंड पकड़ लिया और ऐंठने लगी। मैने अपने होठ मे उसके कान ले लिए और चूसने लगा। वो और तेज गरम हो रही थी। दोनो हाथो से मैंने उसका पीछ्वाड़ा दबाना शुरु कर दिया और चूमते हुए उसकी चूंचिया चूसने लगा। वो मारे गरमी के बलबलाने लगी थी। उसके खून की गरमी कई ग़ूना बढ़ चुकी थी और अब मैने उसे सरप्राईज देने की सोची
सीधे उसे बेड पर पेट के बल लिटा कर मैने उसकी गांड चूमनी शुरु कर दी वह मचलने लगी। इधर से उधर और मैंने उसके दोनो चूतड़ो के बीच गांड और चूत के बीच वाले भाग पर अपनी चूसाई करनी शुरु कर दी। वह एकदम चुदाई के लिए भीख मांगने लगी थी, मुझे चोदो मुझे चोदो!! पर मैंने इस बार उसे सिर्फ़ उत्तेजित कर के ही झड़ाना चाहता था। मैं चूसता रहा और उसकी चूत पर हाथ भी नही लगाया। गांड के आस पास वाले एरिया को चूसता रहा और वह छ्टपटाती रही। मैंने अपनी जीभ उसकी गांड में डाल दी और वह पानी बिन मछली की तरह करवटे बदल रही थी। उसकी गुलाबी गांड के दायरे में मैने जैसे ही अपनी जीभ फ़िरानी शुरु की, उसकी चूत से निकला गरम पानी मेरे जीभ पर छूता महसूस हुआ। वह बिना चोदे ही झड़ चुकी थी।
अब बारी थी कर्तिका की चिकनी जांघ सहलाकर उसके चूत में लंड डालकर उसकी प्यास बुझाने की। मैने यह काम बाथरुम मे करने का फ़ैसला किया। बाथरुम के अंदर ले जाकर उसे लिटा दिया और शावर का पाईप लेकर उसके टीट पर फ़ोर्स मारने लगा वह मस्ताने लगी। पानी की धार तो आप सबने भी अपने लंड पर महसूस की ही होगी। ऐसा लगता है कि जैसे कोई लंड को जोर जोर से चाट रहा हो। मैने उसके चूत के उपरी भाग जिसे लोग टीट या भग या भगनाशा कहते है, उसपर पानी का फ़ोर्स डालने लगा और वह पानी में ही ऐसे तड़पड़ाने लगी जैसे की कितनी प्यासी हो। उसे चूत मे गुदगुदी हो रही थी और वह इस सनसनाहट को बर्दाश्त नही कर पा रही थी। मैने फ़ोर्स बढ़ा दिया और मारे सनसनाह्ट के उसने मूत मारनी शुरु कर दी। उसके मूत की धार उपर तक आई और मुझे भिगोती हुई चली गई। मैने सोचा साला अच्छा है कि बाथ रुम मे हू वरना इसने तो मुझे गंदा ही कर दिया था।
पानी की धार खाकर उसकी चूत नाव की तरह हिचकोले खाने लगी थी। अब उसमें छेद करने वाले मेरे लंड की जरुरत थी जिसके साथ उसके जवानी की नैया डूब जाती। वो एकदम भीख मांग रही थी चोदने की। चोदो ना चोदो ना और मेरा लंड पकड़ के जोर से खीच दे रही थी। मैं समझ गया कि अब चोदा नही तो ये तड़प के मर ही जाएगी। अब मैने अपना लंड पहली बार उसे मूह मे दिया। वह ऐसे चूस रही थी जैसे कि लंड के रास्ते मेरी आत्मा खीच के अपने अंदर घुसा लेगी। तो मामला चुदाई का सीरीयस हो चुका था और मैने अपने लंड को बाहर निकाला। उसके मुह का एक बड़ा चुम्मा लिया तो वह खुश हो गई। मैने उसके लिये स्पेशल सजा तय की थी। उसे मैने उल्टा खड़ा कर दिया, मतलब कि सर नीचे और पैर उपर्। इस दौरान मैने उसके पैरो का सहारा देकर उसे बैलेंस बनाने मे मदद दी। वह एकदम गरम थी। मैने उसकी चूत की दीवारो को खोल कर देखा उनमें ऐसे कंपन हो रहा था जैसे कि भोसड़े में भूकंप आ गया हो। मैने उपर से अपना लंड उसके चूत मे डाल दिया, इस हालत में उसकी चिकनी जंघा मेरे हाथ मे थी और मेरा लंड उसकी चूत में पूरा 7 इन्च धसा हुआ था। वह जबरदस्त चिल्ला रही थी फ़क मी!! मुझे चोदो!! मेरी चूत का भोसड़ा बना दो!! और मैने अपने लंड को हवाई जहाज बना दिया। उसकी नाव की सवारी करके मैं धन्य हो गया। ये मेरे दोस्त के लिये नायाब तोहफ़ा था। बाद में मैने उसे बता दिया कि इस लड़की की जंघा बहुत चिकनी है, चूत बहुत खुराफ़ाती है और साले तू इसका चक्कर छोड़ चुदाई कर और मजे ले। इसके बाद हमने मिलकर उसे लौंडिया को कई बार चोदा और मजे किये।
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दोस्त को दिया धोखा
जांघ पर नजर पड़ जाए तो चूत का नजारा साफ़ पता चल जाता है। मोटी जांघ हो तो चूत बदबूदार होती है क्योकि उसमे से हवा नही पास होती, अगर पतली जांघे हो तो चूत खूश्बूदार होती है क्योंकि उसमें फ़्रेश हवा जाती रहती है। लेकिन जब जांघ चिकनी हो तो कहना ही क्या? क्योंकि चिकनी जांघ पर आपकी नीयत फ़िसल जाती है। तो कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ्। ध्यान दें कि यह कहानी मेरे एमबीए के मजेदार एडवेंचरो का सिलसिला है जिसमें मेरे दोस्त की गर्लफ़्रेंड की केले के तने जैसी चिकनी जांघे देखकर मेरा दिल फ़िसल गया और मैं बन गया राउडी राठोर!!
मेरा दोस्त अभिषेक मेरा लंगोटिया यार है। हम दोनो साथ ही एमबीए कर रहे थे। उस दिन उसकी गर्लफ़्रेंड कर्तिका का बर्थ डे था और शाम को रेस्टरां में पार्टी थी। उसने विशेष रुप से मुझे बुलाया था। हम तीनो शाम को डिनर करने के लिए रेस्टरां में बैठे थे। वेटर ने आर्डर लिया और हम बैठ कर सूप पीने लगे। मैंने आज पहली बार उसकी गर्ल फ़्रेंड को नजदीक से देखा। उसने मस्त टाप और जैकेट पहन रखी थी। उसकी लाल लाल छोटी सी टाप उसकी बड़ी चूंचियो को छुपाने में नाकामयाब थी और उसकी छोटी सी मिनी जैकेट उसकी चूंचियो के उपर ही टंग रही थी। टाप के उपर से उसके चूचक के उभार साफ़ दिख रहे थे और उसके गोल गोल चूंचो की घाटिया बड़े गले वाले टाप में साफ़ झलक रही थी। मेरी नीयत खराब होने लगी।
मैं फ़्रस्ट्रेट हो रहा था जब मेरे सामने कंटाप माल हो और मेरे हाथो में उसकी चूचे न हो तो मैं तनाव मे आ जाता हू और मेरा लंड इतनी कामुक लड़की को पास देखकर चड्ढी में डांस करने लगता है। तो मेरे खुराफ़ाती दिमाग में एक आइडिया सूझ गया। मैंने अपना मोबाईल नीचे गिरा दिया। वह गिरा तो उठाने के लिए मैंने अपनी मुंडी टेबल के नीचे करी तो अवाक रह गया। उसकी मिनी स्कर्ट बिना चड्ढी की चूत और चिकनी जांघे; ये सब देखकर मेरे दिल की धड़कन शताब्दी एक्स्प्रेस बन गई। मैने मोबाईल उठाया और कैमरे से मस्त चूत की फ़ोटो खीच डाली। अपना लंड ऐठते हुए मैने अपनी मुंडी उपर की।
तभी अभिशेक का फ़ोन आ गया, वह टेबल से उठकर किनारे जाकर बात करने लगा। मैं जान बूझ कर अपनी सीट से खड़ा हो गया। मेरे लंड का उभार जीन के उपर से करीब तीन इंच बाहर उभरा दिख रहा था। कर्तिका ने वह लंड का तनाव देख लिया और मुस्कराने लगी। बोली तबियत तो ठीक है तुम्हारी? मैंने कह दिया जब तुम्हारे जैसी हसीना सामने बैठी हो तो भला तबियत किसकी हरी ना हो जाए। उसने मुझे आंख मार दी।
मैं समझ गया कि साली छटी छिनाल खाई पीयी लड़की है यह्। मैं टेबल पर बैठ कर अपना लंड खीच कर जीप से बाहर निकाल दिया। अभिशेक आ चुका था वह कर्तिका के बगल में मेरे सामने बैठ गया और डिनर करने लगा। मैंने अपने पैरो से कर्तिका के जांघ पर हल्का सा टच किया और उसकी आंखो में गहरा झांक लिया। उसके आंखो के डोरे लाल हो रहे थे। वह अपनी टांग उपर की तरफ़ लायी और मेरे लंड को टटोलने लगी। मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा उसका इंत्जार कर रहा था।
उसकी जांघ और तलवो की छुअन मेरे लंड में आग लगा गई। मैंने अपने बाएं हाथ से उसके तलवो को सहलाना शुरु किया और उसके चेहरे से साफ़ लग रहा था कि इस बर्थ डे पर उसे कुछ अलग गिफ़्ट चाहिए। हमने डिनर पूरा किया और अभिशेक ने कर्तिका को उसके घर छोड़ दिया। मैं अपना लंड लिये अपने फ़्लेट पर आ गया। अभी सोचा कि आज कर्तिका के मस्त चूचो के नाम पर मूठ मार लूं लेकिन अचानक से फ़ोन बजा। देखा तो कर्तिका का फ़ोन था। सेक्सी आवाज में उसने कहा- मुझे गिफ़्ट नही दोगे। मैने कहा बोलो ना क्या चाहिए, वो बोली मेरे तलवो ने जिस लंड को महसूस किया है वो काफ़ी तगड़ा था, क्या वो गिफ़्ट मिल सकता है? मेरी बांछे खिल गई।
मैं सीधा उसके फ़्लेट पर पहुचा, काल बेल दबाई तो लाल लाल बिकनी में वह एकदम परी लग रही थी। गोरी चमड़ी किसी मेम से कम नही लग रही थी। मैने उससे कहा कि ये काम तो अभिशेक ही कर देता तो बोलने लगी, वो कहता है कि प्यार करता हू तुमसे ये सब शादी के बाद ही करना अच्छा रहेगा। मैं समझ गया, इसकी चूत में आग अभी लगी है तो बुझाने के लिए कुंए की खुदाई तुरत करनी पड़ेगी। मैने उसे गोद में उठा लिया और सीधा ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया। अब उसका चेहरा मेरे सामने था और उसके भीगे होठ मेरे होठो के सामने।
मैंने उसके होठो को हल्के से चूमा तो उसने अपनी जीभ निकाल दी बिल्कुल ब्लू फ़िल्म की हीरोईन की तरह। मैने उसकी जीभ को अपने होठो में जकड़ लिया और उसका स्वाद लेने लगा। मैने देखा उसकी मदहोशी बढती जा रही थी। अब मैंने उसके खुले मुह में अपनी जीभ डालकर उसके मुह के अंदर फ़िरानी शुरु कर दी और हर कोने का जायेजा लेने लगा। मेरी यह अदा उसे खतरनाक तरीके से गरम कर गई उसने दन्दना के मेरा लंड पकड़ लिया और ऐंठने लगी। मैने अपने होठ मे उसके कान ले लिए और चूसने लगा। वो और तेज गरम हो रही थी। दोनो हाथो से मैंने उसका पीछ्वाड़ा दबाना शुरु कर दिया और चूमते हुए उसकी चूंचिया चूसने लगा। वो मारे गरमी के बलबलाने लगी थी। उसके खून की गरमी कई ग़ूना बढ़ चुकी थी और अब मैने उसे सरप्राईज देने की सोची
सीधे उसे बेड पर पेट के बल लिटा कर मैने उसकी गांड चूमनी शुरु कर दी वह मचलने लगी। इधर से उधर और मैंने उसके दोनो चूतड़ो के बीच गांड और चूत के बीच वाले भाग पर अपनी चूसाई करनी शुरु कर दी। वह एकदम चुदाई के लिए भीख मांगने लगी थी, मुझे चोदो मुझे चोदो!! पर मैंने इस बार उसे सिर्फ़ उत्तेजित कर के ही झड़ाना चाहता था। मैं चूसता रहा और उसकी चूत पर हाथ भी नही लगाया। गांड के आस पास वाले एरिया को चूसता रहा और वह छ्टपटाती रही। मैंने अपनी जीभ उसकी गांड में डाल दी और वह पानी बिन मछली की तरह करवटे बदल रही थी। उसकी गुलाबी गांड के दायरे में मैने जैसे ही अपनी जीभ फ़िरानी शुरु की, उसकी चूत से निकला गरम पानी मेरे जीभ पर छूता महसूस हुआ। वह बिना चोदे ही झड़ चुकी थी।
अब बारी थी कर्तिका की चिकनी जांघ सहलाकर उसके चूत में लंड डालकर उसकी प्यास बुझाने की। मैने यह काम बाथरुम मे करने का फ़ैसला किया। बाथरुम के अंदर ले जाकर उसे लिटा दिया और शावर का पाईप लेकर उसके टीट पर फ़ोर्स मारने लगा वह मस्ताने लगी। पानी की धार तो आप सबने भी अपने लंड पर महसूस की ही होगी। ऐसा लगता है कि जैसे कोई लंड को जोर जोर से चाट रहा हो। मैने उसके चूत के उपरी भाग जिसे लोग टीट या भग या भगनाशा कहते है, उसपर पानी का फ़ोर्स डालने लगा और वह पानी में ही ऐसे तड़पड़ाने लगी जैसे की कितनी प्यासी हो। उसे चूत मे गुदगुदी हो रही थी और वह इस सनसनाहट को बर्दाश्त नही कर पा रही थी। मैने फ़ोर्स बढ़ा दिया और मारे सनसनाह्ट के उसने मूत मारनी शुरु कर दी। उसके मूत की धार उपर तक आई और मुझे भिगोती हुई चली गई। मैने सोचा साला अच्छा है कि बाथ रुम मे हू वरना इसने तो मुझे गंदा ही कर दिया था।
पानी की धार खाकर उसकी चूत नाव की तरह हिचकोले खाने लगी थी। अब उसमें छेद करने वाले मेरे लंड की जरुरत थी जिसके साथ उसके जवानी की नैया डूब जाती। वो एकदम भीख मांग रही थी चोदने की। चोदो ना चोदो ना और मेरा लंड पकड़ के जोर से खीच दे रही थी। मैं समझ गया कि अब चोदा नही तो ये तड़प के मर ही जाएगी। अब मैने अपना लंड पहली बार उसे मूह मे दिया। वह ऐसे चूस रही थी जैसे कि लंड के रास्ते मेरी आत्मा खीच के अपने अंदर घुसा लेगी। तो मामला चुदाई का सीरीयस हो चुका था और मैने अपने लंड को बाहर निकाला। उसके मुह का एक बड़ा चुम्मा लिया तो वह खुश हो गई। मैने उसके लिये स्पेशल सजा तय की थी। उसे मैने उल्टा खड़ा कर दिया, मतलब कि सर नीचे और पैर उपर्। इस दौरान मैने उसके पैरो का सहारा देकर उसे बैलेंस बनाने मे मदद दी। वह एकदम गरम थी। मैने उसकी चूत की दीवारो को खोल कर देखा उनमें ऐसे कंपन हो रहा था जैसे कि भोसड़े में भूकंप आ गया हो। मैने उपर से अपना लंड उसके चूत मे डाल दिया, इस हालत में उसकी चिकनी जंघा मेरे हाथ मे थी और मेरा लंड उसकी चूत में पूरा 7 इन्च धसा हुआ था। वह जबरदस्त चिल्ला रही थी फ़क मी!! मुझे चोदो!! मेरी चूत का भोसड़ा बना दो!! और मैने अपने लंड को हवाई जहाज बना दिया। उसकी नाव की सवारी करके मैं धन्य हो गया। ये मेरे दोस्त के लिये नायाब तोहफ़ा था। बाद में मैने उसे बता दिया कि इस लड़की की जंघा बहुत चिकनी है, चूत बहुत खुराफ़ाती है और साले तू इसका चक्कर छोड़ चुदाई कर और मजे ले। इसके बाद हमने मिलकर उसे लौंडिया को कई बार चोदा और मजे किये।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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