FUN-MAZA-MASTI
सेक्सी भाभी सुमन से सेक्स किये हुए काफी दिन बीत चुके थे. रामू भैया की बीवी हमारे घर के सामने ही रहती हैं और यह सेक्सी भाभी की चुंचिया देख के मैंने पहले भी कई बार अपने लंड को पिगलाया हुआ था. लेकिन उसके बात तो सुमन भाभी ने मुझे सामने से सेटिंग के लिए पूछा था और उससे चुदाई का चक्कर भी उसने
सामने से ही चलाया था. उसकी माने तो उसके पति रामू का लंड केवल 4 इंच का था जो उसकी हॉट चूत को उत्तेजित नहीं कर पाता था. वैसे पहले मुझे लगा की यह सेक्सी भाभी झूठ बोलती हैं लेकिन जब रामू भैया मुझे एकबार उसकी चुदाई करते हुए देख गए और फिर भी कुछ नहीं बोले तब मैं समझ गया की सेक्सी भाभी की बात में दम लगता हैं. चलिए पिछली बातें बहुत हुई अब मैं वास्तविक समय में आता हूँ. भाभी की चूत चोद चोद के मैंने ना जाने अपना कितना वीर्य उसकी हॉट चूत के अंदर ही निकाला हुआ था. और इसी बीच उसने अपनी चुदाई करवाते करवाते एक दिन मुझे बताया की वो गर्भवती हैं. उसी शाम मैंने रामू भैया को देसी शराब के ठेके पे अपने दोस्तों को दारु की महफिल करवाते देखा. इसे कहते हैं आम कौन बोये और छिलके कौन चुसे. लेकिन सुमन भाभी के गर्भवती होने से मुझे बड़ा नुकसान हुआ. क्यूंकि उसकी सास अब उसके पास ही आ के रहने लगी थी. पहले तो केवल वो और उसका छोटे लौड़े वाला पति ही घर में थे. इसलिए मैंने जब चाहे तब उसकी चूत में लौड़ा दे आता था. लेकिन अब थोडा मुश्किल था. खेर मैंने सेक्सी भाभी को याद कर के मुठ मारनी चालू कर दी और उसकी याद में बाथरूम के अंदर ही वीर्य की बुँदे बहाता रहा. ऐसे ही तीन महीने बीत गए और एक दिन मुझे सुमन भाभी की मिस कॉल आई. मैं समझ गया की बकरी आजाद हैं और गाजर खाने को बेताब हैं. उस दिन वैसे मैं एक शादी में गया हुआ था. लेकिन जैसे ही सेक्सी भाभी ने बताया की उसकी सास आज आधे दिन के लिए बहार हैं तो मैंने तुरंत अपनी बाइक की किक लगाई.
मैंने घर जाके सुमन भाभी को गेलरी में ही खड़ा देखा. मैंने अपनी छत से उसकी छत पे जम्प लगाया और फट से सीढियों से नीचे आ गया. सुमन भाभी का उभरा हुआ पेट और उसके उपर ढीली सी नाईटी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. भाभी आके मुझे चिपक गई और मैंने उसके बालों में अपने हाथ डाल दिए. उसने भी मुझे होंठो पे चुम्मा देना चालू कर दिया. मेरा हाथ उसकी चूत के ऊपर जा के उसकी झांटो को सहलाने लगा. भाभी मुझे चुमते चुमते मेरे लौड़े तक पहुंची और उसे दबाने लगी. मैं उसकी सलवार का नाडा खोलने ही वाला था की वो बोली, “गुलशन अभी नीचे नहीं कर सकते हैं. गर्भ को गिर जाने का खतरा हो सकता हैं.”
मैंने गुस्से से उससे दूर होते हुए कहा, “तो क्या यहाँ मुझे लौड़ा हिलाने के लिए बुलाया हैं.”
सेक्सी भाभी ने मुझे आपनी और खींच के कहा, “अरे मेरे प्यारे देवर आप इतने क्यों गुस्सा होते हो मेरी जान. आप के लौड़े को आप हिलाएं और मैं अपने मुहं में लूँ तो फर्क नहीं पड़ेंगा.”
साला इस सेक्सी भाभी की बात में दम तो था ही. मैंने तुरंत अपनी पेंट की क्लिप खोली और अंदर की अंडरवेर भी खोल डाली. सुमन भाभी एकदम हलके से अपने घुटनों के उपर बैठ गई. उसने मेरे लौड़े को अपने हाथ से सहलाया और बोली, “गुलशन तुम्हारा लौड़ा तो जैसे और भी प्यासा हो गया हैं इन कुछ महीनो में.”
मैंने अपनी आँखे बंध की और सेक्सी भाभी के माथे को अपने लौड़े की और खींचा और उसे कहा, “भाभी आप से दूर जाते ही इसकी प्यास दुगुनी हो जाती हैं. आप की सास कब सिधारेंगी यहाँ से.”
भाभी ने लौड़े को मुहं में लेने से पहले उसे थोडा हिलाया और बोली, “मेरी डिलीवरी तक यही हैं वो.”
और इस सेक्सी भाभी ने लौड़े को अपने मुहं में भर लिया. वाऊ भाभी के गर्म मुहं का मजा लौड़े को बहुत दिनों के बाद आया था. मैंने पलंग के ऊपर आसन जमाया और भाभी मेरे दो घुटनों के बीच में बैठ के मेरे लंड को मजे दे रही थी. उसके होंठ मेरे सुपाड़े के ऊपर घूम रहे थे और उसके हाथ बिच बिच में मेरे लंड को सहला रहे थे. मुझे बहुत दिनों के बाद लंड चुसाई का मजा मिल रहा था. वैसे भाभी की इतनी दिनों की गेरहाजरी में मैं एक बार एक रंडी के पास गया था लेकिन उन्हें लंड चूसाने में बड़ा खतरा रहता हैं. इसलिए मैं सिर्फ कंडोम लगा के उसकी चुदाई कर के वापिस आ गया था. सुमन भाभी ने अब मेरे लौड़े को अपने गले तक खींच लिया और वो उसे जोर जोर से चूसने लग गई. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. सुमन भाभी भी मेरे लौड़े के ऊपर जैसे के भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थी. वो गले तक लौड़े को चूस चूस के मुझे मजे देने के लिए बेताब सी लग रही थी.
मैंने उसके बालो में अपने हाथ दिए और उसके मुहं के अंदर झटके मारने लगा. सेक्सी भाभी के मुहं ने मेरे लौड़े के उपर मस्त ग्रिप बनाई हुई थी और मुझे लगा की अब मैं अपना वीर्य उसके मुहं में ही ढोलने वाला हूँ. मैंने दो झटके और दिए ही थे की मुझे लगा की बदन का सार खून लौड़े की तरफ बहने लगा हैं. आह की आवाज से मैं रुक गया और मेरे लौड़े से एक फव्वारा निकल पड़ा. क्यूंकि बहुत दिनों के बाद आज मुझे भाभी के संग मजे लेने का मौका मिला था; वीर्य भी आज बहुत ही मात्रा में बहार आया था. मैंने एक आखिरी झटका मार के मेरा सारा वीर्य सुमन भाभी के गले में ही निकाल दिया. भाभी ने लंड के सुपाड़े को चूसा और उसे अपने मुहं से बहार निकाला. वाह भाभी ने मुझे बहुत मजे कराये थे आज तो…मुझे लगा की अब भाभी मुझे घर जाने को कहेंगी लेकिन भाभी के दिल में और एक प्लान अभी बाकी था।
सेक्सी भाभी के मुहं के अंदर मेरा वीर्य निकला और मुझे लगा की गुलशन अब दूकान बंद होगी भाभी को और हमें रास्ता नापना होंगा. सुमन भाभी ने मुहं के अंदर ही वीर्य रहने दी और वो बूंद बूंद कर के वीर्य को अपने गले में उतार गई. उसके कड़े चुंचे मेरे लौड़े को ताक रहे थे जैसे; वो झुके तो ऐसे ही थे. सुमन भाभी ने अपने चुंचे एक बार अपने हाथो से दबाये और मुझे पूछा, “गुलशन चाय पिओगें तुम.?”
मैंने कहा, “अरे भाभी ऐसे में क्यों कष्ट करेंगी आप चाय बनाने का.”
सुमन भाभी ने मुझे गाल के ऊपर मारते हुए कहा, “नहीं गुलशन मेरी सास मेरे लिए चाय बना के थर्मोस भर के गई हैं. कप में निकालनी हैं बस.” इतना कह के वो खड़ी हुई और थर्मोस से उसने दो कप भर के चाय निकाली. वो मेरे पास बैठी और हम लोग चाय की चुस्कियां ले रहे थे. भाभी ने फट से अपनी चाय ख़तम की और वो बोली की मैं मूत के आती हूँ. दो मिनिट बाद जब भाभी संडास घर से बहार निकली तो उसने अपने ऊपर के सारे कपडे उतार रखे थे. उसके उभरे हुए चुंचो में एक जान सी आई हुई थी जैसे की. भाभी मेरे पास आई और एक बार फिर मेरे पास बैठ के मेरे लंड को पकड़ने लगी. मैंने समझ गया की भाभी की नियत में आज खराबी हैं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ के उसके सुपाड़े को दबाया और उसके ऊपर हलके से किस दे दी. मैंने समझ गया की भाभी मेरे लंड को तैयार कर रही हैं. लेकिन थोड़ी देर पहले तो उसने अपनी चूत में लंड लेने से मना किया था मुझे. मैंने सोचा शायद उसका इरादा बदल गया होंगा…!
भाभी ने अपने मुहं को खोला और लौड़े को अपने मुहं में ले के वो उसे चुम्मे देने वाली स्टाइल में चूसने लगी. इस सेक्सी भाभी के चुंचे मेरी जांघो को छू रहे थे. मुझे लगा की यह स्तन रोज के मुकाबले आज कुछ ज्यादा ही चिकने थे. और मेरी नजर उनके ऊपर पड़ी तो मैंने देखा की भाभी ने अपने स्तन के ऊपर यह चिकनाहट लगाई हुई थी. उसके चुंचो के बीच में कुछ तेल लगा हुआ था. ओह अब मैं समझा; भाभी को अपने चुंचे चुदवाने होंगे मेरे लौड़े से तभी तो वो उन्हें चिकने कर के आई हुई थी. मैं उनके स्तन के बिच में लौड़ा देने के ख्याल मात्र से उत्तेजित हो रहा था. सुमन भाभी ने अब अपने गले तक मेरे लंड को लिया. धीरे धीरे करते हुए मेरा लौड़ा कब पूरा तन गया जैसे की पता ही नहीं चला. सुमन भाभी ने अब मेरे लंड को अपने मुहं से बहार निकाला. वो उठ खड़ी हुई और फिर से संडास की और गई. संडास के पास के बाथरूम से वो बहार आई और उसके हाथ में एक बोतल थी छोटी सी.
मैंने देखा की उसके अंदर बच्चो की मालिश करने वाला तेल था. सुमन भाभी ने बोतल के ढक्कन को हटा के अपने हाथ में 10-20 बुँदे तेल की ली. अब उसका हाथ मेरे 8 इंच के लौड़े के ऊपर चलने लगा. जी हाँ भाभी तेल से मेरे लंड की मसाज कर रही थी. वाऊ बड़ा मजा आ रहा था मुझे भाभी के छुने मात्र से भी और यहाँ तो भाभी मेरे लौड़े को तेल से मसल रही थी. तभी भाभी अपना मुहं मेरे लौड़े के ऊपर ले के आई. उसने मुहं खोला और मेरे लंड के ऊपर बहुत सा थूंक दिया. अब मेरे लंड के ऊपर दोहरी चिकनाहट थी; भाभी के थूंक की और डाबर लाल तेल की. भाभी ने मेरे लंड को थोडा और मसला और फिर वो लंड को अपने चुंचे के पास ले आई. उसने अपनी कड़ी हुई निपल के ऊपर जैसे ही मेरे लंड को रखा मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था उस वक्त. भाभी ने बारी बारी अपने दोनों चुंचे की निपल्स को मेरे लंड के ऊपर घिसा और वो मेरी तरफ देख के बोली, “क्यों गुलशन मजा आ रहा हैं?”
मैंने आँखे बंध कर के कहा, “अरे भाभी आपने चुंचे तो चूत से भी बड़े कातिल हैं.”
भाभी हंस पड़ी और उसने अपने बड़े चुंचो को अपने हाथो से पकड़ा. और फिर उसने दोनों चुंचो के बिच में मेरे लंड को रख दिया. वो बोली, “गुलशन चोद दे मेरे चुंचो को प्लीज़. उनके अंदर ही बहुत खुजली होती हैं आजकल तो.”
मैं उठा और मैंने भाभी के कंधे दोनों साइड से पकड़ लिए. भाभी ने लौड़े के ऊपर चुंचो का सही प्रेशर पहले से ही बनाया हुआ था. मैंने अपनी गांड को आगे पीछे करनी चालू की और मेरे लौड़े को भाभी के चुंचो के बीच में आगे पीछे करने लगा. तेल और थूंक की चिकनाहट मेरे लौड़े को बड़ा मजा दे रही थी. भाभी अपने चुंचे पकड़ पकड़ के मेरे लौड़े के ऊपर मसल रही थी. बहुत ही मजा आ रहा था. भाभी ने अपने चुंचे और भी जोर से दबाये और मेरे लौड़े के ऊपर और भी प्रेशर आ गया.
आह आह की आवाजें निकाल के भाभी और भी जोर से अपने चुंचे हिला रही थी. मुझे जो मजा आ रहा था वो चूत की और गांड की चुदाई से भी ज्यादा मजेदार था. सुमन भाभी चुंचो को दोनों हाथ से मसल मसल के मेरे लंड के मसल्स को अजब मजा दे रही थी और मैं उसके स्तन को बड़े सेक्सी तरीके से चोद रहा था. और तभी मेरी पिचकारी निकल पड़ी. थोडा वीर्य भाभी के मुहं और नाक के ऊपर जा गिरा और बाकी का सभी वीर्य मैंने लंड हिला के भाभी के स्तन पर खाली कर डाला. सुमन भाभी ने अपने हाथों से वीर्य ले के चाट लिया और लंड के सुपाड़े को चूस के एक एक बूंद अपने गले में गटक ली. उसने कपडे पहले और मैंने भी अपने लंड को पेंट में कैद कर लिया. भाभी ने मुझे सास के ना होने पे जरुर बुलाने का वादा किया और मुझे एक किस दे के वहाँ से विदा कर दिया।
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प्रेग्नेंट भाभी
प्रेषक : गुलशनसेक्सी भाभी सुमन से सेक्स किये हुए काफी दिन बीत चुके थे. रामू भैया की बीवी हमारे घर के सामने ही रहती हैं और यह सेक्सी भाभी की चुंचिया देख के मैंने पहले भी कई बार अपने लंड को पिगलाया हुआ था. लेकिन उसके बात तो सुमन भाभी ने मुझे सामने से सेटिंग के लिए पूछा था और उससे चुदाई का चक्कर भी उसने
सामने से ही चलाया था. उसकी माने तो उसके पति रामू का लंड केवल 4 इंच का था जो उसकी हॉट चूत को उत्तेजित नहीं कर पाता था. वैसे पहले मुझे लगा की यह सेक्सी भाभी झूठ बोलती हैं लेकिन जब रामू भैया मुझे एकबार उसकी चुदाई करते हुए देख गए और फिर भी कुछ नहीं बोले तब मैं समझ गया की सेक्सी भाभी की बात में दम लगता हैं. चलिए पिछली बातें बहुत हुई अब मैं वास्तविक समय में आता हूँ. भाभी की चूत चोद चोद के मैंने ना जाने अपना कितना वीर्य उसकी हॉट चूत के अंदर ही निकाला हुआ था. और इसी बीच उसने अपनी चुदाई करवाते करवाते एक दिन मुझे बताया की वो गर्भवती हैं. उसी शाम मैंने रामू भैया को देसी शराब के ठेके पे अपने दोस्तों को दारु की महफिल करवाते देखा. इसे कहते हैं आम कौन बोये और छिलके कौन चुसे. लेकिन सुमन भाभी के गर्भवती होने से मुझे बड़ा नुकसान हुआ. क्यूंकि उसकी सास अब उसके पास ही आ के रहने लगी थी. पहले तो केवल वो और उसका छोटे लौड़े वाला पति ही घर में थे. इसलिए मैंने जब चाहे तब उसकी चूत में लौड़ा दे आता था. लेकिन अब थोडा मुश्किल था. खेर मैंने सेक्सी भाभी को याद कर के मुठ मारनी चालू कर दी और उसकी याद में बाथरूम के अंदर ही वीर्य की बुँदे बहाता रहा. ऐसे ही तीन महीने बीत गए और एक दिन मुझे सुमन भाभी की मिस कॉल आई. मैं समझ गया की बकरी आजाद हैं और गाजर खाने को बेताब हैं. उस दिन वैसे मैं एक शादी में गया हुआ था. लेकिन जैसे ही सेक्सी भाभी ने बताया की उसकी सास आज आधे दिन के लिए बहार हैं तो मैंने तुरंत अपनी बाइक की किक लगाई.
मैंने घर जाके सुमन भाभी को गेलरी में ही खड़ा देखा. मैंने अपनी छत से उसकी छत पे जम्प लगाया और फट से सीढियों से नीचे आ गया. सुमन भाभी का उभरा हुआ पेट और उसके उपर ढीली सी नाईटी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. भाभी आके मुझे चिपक गई और मैंने उसके बालों में अपने हाथ डाल दिए. उसने भी मुझे होंठो पे चुम्मा देना चालू कर दिया. मेरा हाथ उसकी चूत के ऊपर जा के उसकी झांटो को सहलाने लगा. भाभी मुझे चुमते चुमते मेरे लौड़े तक पहुंची और उसे दबाने लगी. मैं उसकी सलवार का नाडा खोलने ही वाला था की वो बोली, “गुलशन अभी नीचे नहीं कर सकते हैं. गर्भ को गिर जाने का खतरा हो सकता हैं.”
मैंने गुस्से से उससे दूर होते हुए कहा, “तो क्या यहाँ मुझे लौड़ा हिलाने के लिए बुलाया हैं.”
सेक्सी भाभी ने मुझे आपनी और खींच के कहा, “अरे मेरे प्यारे देवर आप इतने क्यों गुस्सा होते हो मेरी जान. आप के लौड़े को आप हिलाएं और मैं अपने मुहं में लूँ तो फर्क नहीं पड़ेंगा.”
साला इस सेक्सी भाभी की बात में दम तो था ही. मैंने तुरंत अपनी पेंट की क्लिप खोली और अंदर की अंडरवेर भी खोल डाली. सुमन भाभी एकदम हलके से अपने घुटनों के उपर बैठ गई. उसने मेरे लौड़े को अपने हाथ से सहलाया और बोली, “गुलशन तुम्हारा लौड़ा तो जैसे और भी प्यासा हो गया हैं इन कुछ महीनो में.”
मैंने अपनी आँखे बंध की और सेक्सी भाभी के माथे को अपने लौड़े की और खींचा और उसे कहा, “भाभी आप से दूर जाते ही इसकी प्यास दुगुनी हो जाती हैं. आप की सास कब सिधारेंगी यहाँ से.”
भाभी ने लौड़े को मुहं में लेने से पहले उसे थोडा हिलाया और बोली, “मेरी डिलीवरी तक यही हैं वो.”
और इस सेक्सी भाभी ने लौड़े को अपने मुहं में भर लिया. वाऊ भाभी के गर्म मुहं का मजा लौड़े को बहुत दिनों के बाद आया था. मैंने पलंग के ऊपर आसन जमाया और भाभी मेरे दो घुटनों के बीच में बैठ के मेरे लंड को मजे दे रही थी. उसके होंठ मेरे सुपाड़े के ऊपर घूम रहे थे और उसके हाथ बिच बिच में मेरे लंड को सहला रहे थे. मुझे बहुत दिनों के बाद लंड चुसाई का मजा मिल रहा था. वैसे भाभी की इतनी दिनों की गेरहाजरी में मैं एक बार एक रंडी के पास गया था लेकिन उन्हें लंड चूसाने में बड़ा खतरा रहता हैं. इसलिए मैं सिर्फ कंडोम लगा के उसकी चुदाई कर के वापिस आ गया था. सुमन भाभी ने अब मेरे लौड़े को अपने गले तक खींच लिया और वो उसे जोर जोर से चूसने लग गई. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. सुमन भाभी भी मेरे लौड़े के ऊपर जैसे के भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थी. वो गले तक लौड़े को चूस चूस के मुझे मजे देने के लिए बेताब सी लग रही थी.
मैंने उसके बालो में अपने हाथ दिए और उसके मुहं के अंदर झटके मारने लगा. सेक्सी भाभी के मुहं ने मेरे लौड़े के उपर मस्त ग्रिप बनाई हुई थी और मुझे लगा की अब मैं अपना वीर्य उसके मुहं में ही ढोलने वाला हूँ. मैंने दो झटके और दिए ही थे की मुझे लगा की बदन का सार खून लौड़े की तरफ बहने लगा हैं. आह की आवाज से मैं रुक गया और मेरे लौड़े से एक फव्वारा निकल पड़ा. क्यूंकि बहुत दिनों के बाद आज मुझे भाभी के संग मजे लेने का मौका मिला था; वीर्य भी आज बहुत ही मात्रा में बहार आया था. मैंने एक आखिरी झटका मार के मेरा सारा वीर्य सुमन भाभी के गले में ही निकाल दिया. भाभी ने लंड के सुपाड़े को चूसा और उसे अपने मुहं से बहार निकाला. वाह भाभी ने मुझे बहुत मजे कराये थे आज तो…मुझे लगा की अब भाभी मुझे घर जाने को कहेंगी लेकिन भाभी के दिल में और एक प्लान अभी बाकी था।
सेक्सी भाभी के मुहं के अंदर मेरा वीर्य निकला और मुझे लगा की गुलशन अब दूकान बंद होगी भाभी को और हमें रास्ता नापना होंगा. सुमन भाभी ने मुहं के अंदर ही वीर्य रहने दी और वो बूंद बूंद कर के वीर्य को अपने गले में उतार गई. उसके कड़े चुंचे मेरे लौड़े को ताक रहे थे जैसे; वो झुके तो ऐसे ही थे. सुमन भाभी ने अपने चुंचे एक बार अपने हाथो से दबाये और मुझे पूछा, “गुलशन चाय पिओगें तुम.?”
मैंने कहा, “अरे भाभी ऐसे में क्यों कष्ट करेंगी आप चाय बनाने का.”
सुमन भाभी ने मुझे गाल के ऊपर मारते हुए कहा, “नहीं गुलशन मेरी सास मेरे लिए चाय बना के थर्मोस भर के गई हैं. कप में निकालनी हैं बस.” इतना कह के वो खड़ी हुई और थर्मोस से उसने दो कप भर के चाय निकाली. वो मेरे पास बैठी और हम लोग चाय की चुस्कियां ले रहे थे. भाभी ने फट से अपनी चाय ख़तम की और वो बोली की मैं मूत के आती हूँ. दो मिनिट बाद जब भाभी संडास घर से बहार निकली तो उसने अपने ऊपर के सारे कपडे उतार रखे थे. उसके उभरे हुए चुंचो में एक जान सी आई हुई थी जैसे की. भाभी मेरे पास आई और एक बार फिर मेरे पास बैठ के मेरे लंड को पकड़ने लगी. मैंने समझ गया की भाभी की नियत में आज खराबी हैं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ के उसके सुपाड़े को दबाया और उसके ऊपर हलके से किस दे दी. मैंने समझ गया की भाभी मेरे लंड को तैयार कर रही हैं. लेकिन थोड़ी देर पहले तो उसने अपनी चूत में लंड लेने से मना किया था मुझे. मैंने सोचा शायद उसका इरादा बदल गया होंगा…!
भाभी ने अपने मुहं को खोला और लौड़े को अपने मुहं में ले के वो उसे चुम्मे देने वाली स्टाइल में चूसने लगी. इस सेक्सी भाभी के चुंचे मेरी जांघो को छू रहे थे. मुझे लगा की यह स्तन रोज के मुकाबले आज कुछ ज्यादा ही चिकने थे. और मेरी नजर उनके ऊपर पड़ी तो मैंने देखा की भाभी ने अपने स्तन के ऊपर यह चिकनाहट लगाई हुई थी. उसके चुंचो के बीच में कुछ तेल लगा हुआ था. ओह अब मैं समझा; भाभी को अपने चुंचे चुदवाने होंगे मेरे लौड़े से तभी तो वो उन्हें चिकने कर के आई हुई थी. मैं उनके स्तन के बिच में लौड़ा देने के ख्याल मात्र से उत्तेजित हो रहा था. सुमन भाभी ने अब अपने गले तक मेरे लंड को लिया. धीरे धीरे करते हुए मेरा लौड़ा कब पूरा तन गया जैसे की पता ही नहीं चला. सुमन भाभी ने अब मेरे लंड को अपने मुहं से बहार निकाला. वो उठ खड़ी हुई और फिर से संडास की और गई. संडास के पास के बाथरूम से वो बहार आई और उसके हाथ में एक बोतल थी छोटी सी.
मैंने देखा की उसके अंदर बच्चो की मालिश करने वाला तेल था. सुमन भाभी ने बोतल के ढक्कन को हटा के अपने हाथ में 10-20 बुँदे तेल की ली. अब उसका हाथ मेरे 8 इंच के लौड़े के ऊपर चलने लगा. जी हाँ भाभी तेल से मेरे लंड की मसाज कर रही थी. वाऊ बड़ा मजा आ रहा था मुझे भाभी के छुने मात्र से भी और यहाँ तो भाभी मेरे लौड़े को तेल से मसल रही थी. तभी भाभी अपना मुहं मेरे लौड़े के ऊपर ले के आई. उसने मुहं खोला और मेरे लंड के ऊपर बहुत सा थूंक दिया. अब मेरे लंड के ऊपर दोहरी चिकनाहट थी; भाभी के थूंक की और डाबर लाल तेल की. भाभी ने मेरे लंड को थोडा और मसला और फिर वो लंड को अपने चुंचे के पास ले आई. उसने अपनी कड़ी हुई निपल के ऊपर जैसे ही मेरे लंड को रखा मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था उस वक्त. भाभी ने बारी बारी अपने दोनों चुंचे की निपल्स को मेरे लंड के ऊपर घिसा और वो मेरी तरफ देख के बोली, “क्यों गुलशन मजा आ रहा हैं?”
मैंने आँखे बंध कर के कहा, “अरे भाभी आपने चुंचे तो चूत से भी बड़े कातिल हैं.”
भाभी हंस पड़ी और उसने अपने बड़े चुंचो को अपने हाथो से पकड़ा. और फिर उसने दोनों चुंचो के बिच में मेरे लंड को रख दिया. वो बोली, “गुलशन चोद दे मेरे चुंचो को प्लीज़. उनके अंदर ही बहुत खुजली होती हैं आजकल तो.”
मैं उठा और मैंने भाभी के कंधे दोनों साइड से पकड़ लिए. भाभी ने लौड़े के ऊपर चुंचो का सही प्रेशर पहले से ही बनाया हुआ था. मैंने अपनी गांड को आगे पीछे करनी चालू की और मेरे लौड़े को भाभी के चुंचो के बीच में आगे पीछे करने लगा. तेल और थूंक की चिकनाहट मेरे लौड़े को बड़ा मजा दे रही थी. भाभी अपने चुंचे पकड़ पकड़ के मेरे लौड़े के ऊपर मसल रही थी. बहुत ही मजा आ रहा था. भाभी ने अपने चुंचे और भी जोर से दबाये और मेरे लौड़े के ऊपर और भी प्रेशर आ गया.
आह आह की आवाजें निकाल के भाभी और भी जोर से अपने चुंचे हिला रही थी. मुझे जो मजा आ रहा था वो चूत की और गांड की चुदाई से भी ज्यादा मजेदार था. सुमन भाभी चुंचो को दोनों हाथ से मसल मसल के मेरे लंड के मसल्स को अजब मजा दे रही थी और मैं उसके स्तन को बड़े सेक्सी तरीके से चोद रहा था. और तभी मेरी पिचकारी निकल पड़ी. थोडा वीर्य भाभी के मुहं और नाक के ऊपर जा गिरा और बाकी का सभी वीर्य मैंने लंड हिला के भाभी के स्तन पर खाली कर डाला. सुमन भाभी ने अपने हाथों से वीर्य ले के चाट लिया और लंड के सुपाड़े को चूस के एक एक बूंद अपने गले में गटक ली. उसने कपडे पहले और मैंने भी अपने लंड को पेंट में कैद कर लिया. भाभी ने मुझे सास के ना होने पे जरुर बुलाने का वादा किया और मुझे एक किस दे के वहाँ से विदा कर दिया।
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