Sunday, August 31, 2014

FUN-MAZA-MASTI पुजारी हवस का --4

FUN-MAZA-MASTI

 पुजारी हवस का --4

 हाथों पे लोशन लगाने के बाद वो पैरों पे लोशन लगाने के लिए झुकी और उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर की एक झलक दिखी रचना ने ब्राउन टॉप के अंदर वाइट कलर की शमीज और उसके अंदर वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी पूरे रूम में उनके बदन की डियो की और लोशन की खुशबू महक रही थी फिर लोशन लगा के उन्होंने बोतल साइड में रखी और मुस्कुराते हुए अपनी आईब्रो ऊपर करके मुझे इशारा किया मैंने उस से कहा "रचना बहुत सेक्सी लग रही हो यार" वो बोली "अच्छा मुझे तो पता ही नहीं था" और हसने लगी हम दोनों मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे तभी मम्मी आई और बोली "नहा ली रचना " उसने कहा "हाँ मम्मी " मम्मी बोली "चलो तुम दोनों खाना खा लो" रचना बोली "पापा को आ जाने दो मम्मी साथ में खाते है " मम्मी ने कहा ठीक है फिर मम्मी रूम में चली गयी और थोड़ी देर बाद उन्होंने रचना को रूम में बुला लिया मैं वहीँ बैठा बैठा अपने लंड पे हाथ फेरने लगा और वो सीन याद करने लगा जब रचना झुकी थी और उनकी वाइट ब्रा मुझे दिखी थी मैं बस यही सोच रहा था की रचना की ब्रा मैं उतारूंगा ,आज रात को जब हम दोनों रूम में अकेले होंगे तब तो चुदाई करनी पड़ेगी। में ये सोच ही रहा था तब ही रचना वंहा किसी काम से आई और उसने मुझे अकेले बैठा देखा तो

उस ने मुझ पर थोडा सा पानी फेंका और हँसने लगी मैं उसके पीछे भागा और उसे पकड़ लिया और उसके गुदगुदी करने लगा वो मुझे खुद से छुड़ाने लगी फिर उसने मेरे हाथ पे काट लिया मैंने उसे छोड़ दिया फिर वो मुझे पकड़ने लगी मैं भाग के बेडरूम में चला गया बेडरूम में मम्मी कुर्सी पे बैठी थी टीवी देख रही थी मम्मी के कुर्सी से पहले आगे की तरफ डबल बेड था मैं भाग के डबल बेड पे चढ़ गया रचना ने मुझे पकड़ के बेड पे लिटा दिया और मेरे ऊपर क्रोस लेग करके बैठ गयी और मुझे गुदगुदी करने लगी रचना की पीठ मम्मी की तरफ थी मम्मी भी हमें देख के हंस रही थी रचना मेरे गुदगुदी करे जा रही थी मेरे हाथ रचना के कंधों पे थे रचना झुक के मुझे गुदगुदी कर रही थी मुझे उसके ब्राउन टॉप के लटके हुए गले में से उसकी वाइट ब्रा दिख रही थी बहुत ही सेक्सी शेप बन रहा था रचना की ब्रा का ,उसके झुके होने के कारण उनके बोबे भी थोड़े से लटके हुए थे एक दम से मैंने अपने दोनों हाथ रचना के कंधों पे से हटा के उसके दोनों बोबो पे रख दिए और उसके बोबे दबाने लगा और एक नजर से मम्मी को देखने लगा मम्मी टीवी देख रही थी और मैं रचना के बोबे दबा रहा था जब भी मम्मी का मुंह घूमता मैं अपने हाथ दीदी के कंधो पे रख देता इस तरह से मैं रचना के बोबे दबाने लगा हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और मैं रचना के बोबे दबाता रहा थोड़ी देर बाद पापा आ गए


और हम सब खाना खाने बैठ गए मैं और मेरी प्यारी बहन डाइनिंग टेबल पे एक तरफ बैठे थे और पापा और मम्मी हमारे सामने हम खाना खाने लगे खाना खाते हुए मैंने रचना की कैप्री पे से उनकी झांग पे हाथ रखा रचना ने जल्दी से मेरा हाथ हटा दिया मैंने वापस अपना हाथ रखा और उसकी झांग को सहलाने लगा वो चुप चाप खाना खाने लगी फिर मैंने टेबल के नीचे से उसका हाथ पकड़ा और उसे सहलाने लगा फिर धीरे धीरे मैंने उसका हाथ ले जाके अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पे रख दिया रचना थोडा सा खांसी और पानी पीने लगी उसने अपना हाथ छुडाना चाहा लेकिन मैंने उसका हाथ नहीं छोड़ा और उसके हाथ को पकडे हुए उसके हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ छुड़ाना बंद कर दिया मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और वो खुद अपने हाथ से लोअर पे से मेरा लंड सहलाने लगी और मैं अपने हाथ से रचना की कैप्री पे से उसकी चूत को सहला रहा था मैंने उसकी टांगें थोड़ी चौड़ी करने की कोशिश की ताकि मैं अच्छी तरह से रचना की चूत सहला सकू लेकिन रचना ने अपनी टांगें ज्यादा नहीं खोली वो बहुत ही सेक्सी सीन था सामने पापा मम्मी और हम दोनों भाई बेहेन एक हाथ से खाना खा रहे थे और टेबल के नीचे अपने दूसरे हाथ से एक दूसरे के लंड चूत को सहला रहे थे
थोड़ी देर बाद रचना ने अपना हाथ हटा लिया मैंने भी अपना हाथ हटा लिया हम सबने खाना खा लिया था अब मैं बस यही सोच रहा था की अब हम दोनों रूम में अकेले होंगे मैं अब रचना को और खोलना चाहता था और मैंने इसके लिए एक आईडिया भी सोच लिया थोड़ी देर बाद पापा मम्मी अपने रूम में चले गए और हम अपने रूम में आ गए रूम में आते ही मैंनेरचना को हग कर लिया वो भी मुझसे लिपट गई फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगा उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे बेड पे ले गया वो शर्माती हुई मेरे साथ साथ चलने लगी मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और उनके पास बैठ के उनसे कहा



"रचना मुझे तुझसे कुछ कहना है" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "मैंने पिछले दिनों मॉम और डैड को चुदाई करते देखा था तब ही से में मॉम को चोदना चाहता हु ये कहते हुए मैंने उसके टॉप के गले को खींचा और अंदर देखने लगा रचना ने चोंक कर कहा ,क्या भैया अब आप मॉम को भी ?में ने कहा " हा रचना मेने इन सबके लिए बहुत इंतजार किया हे ,मॉम इतनी सेक्सी हे की में अब उन्हें भी चोदना चाहता हु,बल्कि तुम दोनों को साथ साथ एक ही बेड़ पर चोदना चाहता हु ,रचना ने कहा भैया पहले लाइट बंद कर दो मुझे बहुत शर्म आ रही है" मैंने कहा "रचना अब शर्म की कोई बात नही हे चल अभी इस बात को छोड़ मुझे अभी तुझे ढंग से देखना है" तो उसने कहा "अभी नहीं प्लीज लाइट बंद कर दे" मैंने कहा "ठीक है एक शर्त पे" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "तुम अपने हाथ से सहलाओगी" उन्होंने कहा "क्या" मैंने कहा "मेरा लंड" उसने धीरे से कहा "ह्म्म्म आप पहले लाइट बंद कर दे जल्दी" मैंने लाइट बंद की और बेड पे सहारा लेके बैठ गया और रचना को खुद से चिपका के अपनी बाँहों में भर के बिठा लिया रचना भी मुझसे चिपक के बैठ गयी और अपने हाथ से लोअर पे से मेरा लंड सहलाने लगी मैंने कहा "रचना तुम इतनी खूबसूरत हो की में बता ही नही सकता,तुम्हारी चूत तुम्हारे बोबे सभी लाजवाब हे मैंने कहा "रचना सहलाती रहो ना मेरा लंड" रचना बोली "हाँ सहला तो रही हूँ" और वो मेरा लंड सहलाने लगी फिर वो बोली "मुझे दो तीन बार पता चला था जब आपने मेरे बदन पे हाथ फेरा था जब मैं सो रही थी" मैंने कहा "क्या रचना तुझको पता था तो उस रात कुछ बोला क्यों नहीं" वो बोली "क्या बोलती" फिर मैंने कहा "रचना तूने टेबल के नीचे अपनी टांगें क्यों नहीं खोली थी, ना आप अभी खोल रही हो ,मुझे सहलाने दो ना तेरी चूत" वो बोली "अरे समझा करो " मैंने कहा "क्या तुझको मजा नहीं अत जब मैं सहलाता हूँ तेरी चूत" तो वो बोली "वो बात नहीं है भैया प्रॉब्लम है " मैंने कहा 'क्या" वो बोली "डाउन हूँ" मैंने कहा "मतलब" तो वो बोली "अरे सिली पीरियड्स में हूँ" मैंने कहा "कैसे रचना शाम को जब मैंने तेरी पेंटी में हाथ डाला था तब तो कुछ नहीं था" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "अरे स्कूल से आके पैड हटा दिया था जलन हो रही थी"


मैंने पूछा "रचना तुम कौनसा पैड यूज़ करते हो" वो बोली "व्हिस्पर अल्ट्रा" मैंने कहा "रचना तू फ्री कब होगे" वो बोली "मंडे को" उनकी ये सब बातें सुन के मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसने सब कुछ मुझे बता दिया था मैं रचना को किस करने लगा फिर उसके टॉप पे से उनके बोबे दबाते हुए कहा "रचना लोअर के अंदर हाथ डालो ना अंदर से सहलाओ ना" उसने हाथ अंदर डाला और मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने रचना के टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा और वो मेरा नंगा लंड अपने हाथ से सहलाने लगी तभी लाइट चली गयी पंखा कूलर बंद हो गया मम्मी की आवाज आई "अरे रचना लाइट चली गई है तुम लोग हमारे रूम में आजाओ पता नहीं कब आएगी लाइट अब इन्वर्टर दो रूम का लोड नहीं ले पाएगा यहीं आजाओ दोनों " रचना बोली "हाँ मम्मी" वो उठने लगी मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला "बट रचना " वो बोली "चलो आ जाओ बाथरूम में, मैं आपको फ्री कर देती हूँ नहीं तो दर्द होगा और जल्दी कर फटाफट मम्मी कहीं अंदर ना आजाए" हम बाथरूम में गए बाथरूम में अँधेरा था कुछ दिख नहीं रहा था फिर रचना ने मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी मैं उसे किस करने के लिए आगे बड़ा वो बोली "किस नहीं आवाज होगी" वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिलाने लगी और मैंउसके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया उसने शमीज भी पेहेन रखी थी लेकिन शमीज बार बार नीचे आ रही थी रचना बोली "रुको " उसके हाथ मेरे लंड से हट गए थोड़ी देर बाद उसने वापस मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और बोली "अब कर लो " मैंने हाथ फेरा तो उसके खड़े हुए निप्पल मुझे टच हुए मैंने कहा "रचना तूने सब कुछ ...." इतने में वो बोल पड़ी "हाँ मैंने टॉप शमीज और ब्रा सब उतार दी है जल्दी करो "


मुझे यकीन ही नहीं हुआ की उस वक़्त रचना मेरे साथ बिलकुल नंगी थी ऊपर से उसने बस कैप्री पेहेन रखी थी वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था मैं भी रचना के नंगे बोबे दबाने लगा उसके बोबे दबाते हुए मैंने कहा "रचना मुंह में लो ना" वो बोली "आवाज होगी पता चल जाएगा लाइट नहीं है शांति है सब जगह" मुझे उसकी बात सही लगी वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसके नंगे बोबे दबा रहा था थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया रचना ने कहा "हो गया" मैंने कहा "हाँ " उसने पूछा "मजा आया" मैंने कहा "बहुत " वो बोली "चल अब बाहर जाओ जल्दी से कहीं मम्मी यहाँ न आ जाये बहुत देर हो गई और उनसे बोल देना मैं आ रही हू अभी" मैं बाहर निकला और पापा मम्मी के रूम की तरफ चल दिया


 मैं पापा मम्मी के रूम कि तरफ चला पड़ा मैं बहुत खुश था जब रचना ने अपने सारे कपडे अपनी ख़ुशी से उतार दिए वो भी मेरे लिए लेकिन मैं उनके बदन को हमेशा नंगा देखना चाहता था उन्हें पूरी नंगी निहारना चाहता था मैं चाहता था कि बस रचना हमेशा अपनी उँगलियों से मेरे लंड को सहलाती रहें और मैं उसके बोबे और चूत से खेलता रहूँ ये सब सोचते सोचते मेरा लंड वापस खड़ा होने लगा मैं रूम में गया मम्मी बोली "आजा रचना कहाँ है " मैंने कहा "मम्मी वो अभी आ रही है" मम्मी बोली "चल तू यहाँ सोजा पापा के पास मैं और रचना नीचे सो जाते है " लेकिन मैं रचना के साथ सोना चाहता था तो मैंने कहा "लेकिन मम्मी मैं नींद में फिर लातें मारूंगा तो पापा डिस्टर्ब होगे ना " तो मम्मी बोली कि "फिर कैसे करे सोने का " इतने में रचना रूम में आ गई और बोली "मम्मा भैया और मैं नीचे सो जाते है पापा और आप ऊपर सो जाओ" हम दोनों एक दूसरे को देख के मुस्कुरा रहे थे मम्मी बोली "बेटा फिर नीचे तुम लोगो को नींद नहीं आएगी ना" तो मैंने कहा "मम्मी जब लाइट आ जाएगी तो हम अपने रूम में चले जाएंगे" मम्मी बोली "ठीक है" हम दोनों नीचे लेट गए थोड़ी देर बाद मम्मी ने रूम की लाइट बंद कर दी लाइट बंद होते ही मैं रचना से चिपक गया
वो बोली "हाँ इसीलिए मेरे साथ सोना था न आपको " मैंने धीरे से कहा "हाँ रचना " और मैंने अपना हाथ रचना के टॉप के ऊपर से उनके बोबे पे रखा और उनके बोबे दबाने लगा वो बोली "फिर शुरू हो गयागए आप तो अभी अभी तो किया था" मैंने कहा "रचना तू हो ही इतनी सेक्सी के हमेशा तुझे प्यार करने कि इच्छा होती है"उस से बातें करते हुए मैं उसके टॉप पे से उसके बोबे दबा रहा था फिर मैं अपना हाथ उसके टॉप के नीचे से अंदर डालने लगा वो बोली " अब यहाँ पे भी सब उता रोगे क्या अगर मम्मी को जरा सी भी भनक लग गई ना तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी ऊपर ऊपर से ही कर लो " और मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर से निकाल लिया और रचना के टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा थोड़ी देर तक रचना के बोबे दबाने के बाद मैं अपना हाथ नीचे लेके जाने लगा और उसकी कैप्री पे से उसकी चूत को सहलाने लगा रचना ने अपने आप अपनी टांगें चौड़ी कर ली ताकि मैं उसकी चूत को अच्छी तरह से सेहला सकू रचना की पतली सी कैप्री पे से मुझे उसकी चूत अच्छी तरह से महसूस हो रही थी

मैंने उसकी चूत सहलाते हुए उस से पूछा "तेरा पैड कहाँ गया " उसने कहा "हटा दिया बहुत कम हो रही थी इसीलिए" मैंने उसकी चूत सहलाते हुए उस से कहा "रचना मुझे वेजिना लिक करनी है " उसने मेरे कान में कहा "अभी नहीं बाद में जब फ्री हो जाउंगी तब करना" मैं उसकी बात सुन के बहुत उत्तेजित हो गया मैंने करवट ली और मैं रचना के ऊपर लेट गया और उसके ऊपर लेट के उसको किस करने लगा वो भी मुझे किस कर रही थी लेकिन हम दोनों ही बहुत धीरे धीरे किस कर रहे थे ताकि कोई आवाज ना हो हम दोनों धीरे धीरे और बड़े ध्यान से एक दूसरे को किस करने लगे मैं रचना के होंठ चूस रहा था और रचना मेरे ,फिर मैं नीचे जाने लगा और रचना के टॉप पे से उसके बोबो पे स्मूच करने लगा उन्हें किस करने लगा उन्हें दबाने लगा मैंने उसके टॉप के ऊपर से हीउसके बोबे को अपने मुह में ले लिया रचना मेरे बालों में हाथ फेर रही थी और मैं उनके बोबे चूस रहा था मैंने उनका टॉप ऊपर करना चाहा

लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया मुझे उसकी बात याद आ गई और मैं वापस उसके टॉप के ऊपर से उनके बोबो पे स्मूच करने लगा फिर मैं नीचे गया और उसके पेट पे किस किया उसके पेट पे स्मूच किया फिर मैं और नीचे गया और रचना कि कैप्री पे से उसकी चूत पे किस करने लगा उसकी चूत पे अपने होंठ फेरने लगा रचना को बहुत मजा आ रहा था वो मेरे बालों को सेहला रही थी मैंने उसकी टांगें चौड़ी की और उसकी कैप्री पे से उसकी पूरी चूत पे किस करने लगा और जल्दी जल्दी अपने होंठो से स्मूच करने लगा तभी रचना के मुंह से एक सिसकी निकल गई "स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ........." और मम्मी ने जल्दी से पूछा "क्या हुआ रचना " मैं फटाफट उनके ऊपर से उतर के साइड में लेट गया मम्मी ने लाइट जलाई और पूछा "क्या हुआ रचना " रचना बोली "कुछ नहीं मम्मी शायद चींटी खा गई" मम्मी बोली "इसीलिए केह रही कि नीचे नहीं सो पाओगे दिखा जरा मुझे " तभी रचना ने बात पलट दी वो बोली "अरे मम्मा शायद लाइट आ गई " मम्मी ने चेक किया और बोली अरे हाँ आ गई लाइट चलो अब तुम अपने रूम में चले जाओ और सो जाओ मैं बहुत खुश था हम दोनों अपने रूम में आये मैंने हमारे रूम का गेट थोडा सा ढलका दिया और उसके पीछे एक चेयर रख दी ताकि अगर कोई गेट खोले तो हमें पता चल जाए चेयर रख के मैंने जल्दी से रचना को पकड़ लिया और उसे टाइट हग कर लिया और उसे पकड़े हुए मैं उनकी कैप्री पे से उसके हिप्स को दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा आज रचना कि गांड मेरे हाथों में थी थोड़ी देर तकउसके हिप्स सहलाने के बाद मैंने उसे खुद से अलग किया और उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे उसे किस करते हुए मैंने उनकी कैप्री पे से उसकी चूत सहलाना शुरू किया इस से रचना और ज्यादा उत्तेजित हो गई और मुझे कस के पकड़ के किस करने लगी उसकी आँखें बंद थी मैं उसे किस करते हुए उसकी चूत को उसकी कैप्री के ऊपर से सेहला रहा था फिर मैंने उसकी कैप्री के अंदर अपना हाथ डाल दिया और रचना कि पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसके होंठ छोड़े और घुटनों के बल नीचे बैठ गया और एक झटके में उसकी कैप्री नीचे कर दी अब रचना पेंटी में मेरे सामने थी उसकी गोरी चिकनी टांगें चमक रही थी उसने पिंक कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मैंने उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे अपना हाथ फेरा फिर उसकी पेंटी पे से उसकी चूत पे किस करने ही वाला था कि उसने मेरा सर अपने हाथ से पकड़ लिया मैंने ऊपर देखा तो उसने कहा "अभी वहाँ गंदा है भैया बाद में करना" मैं मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखते हुए उसकी पेंटी पे से उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा












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