FUN-MAZA-MASTI
कावेरी की भाभी माला--2
डेनियल अगली सुबह जागने वालों में से सबसे पहला था...
डेनियल सबसे पह उठा, उस सुबह। सूरज आकाश में चमकने लगा था। और जब उसने उन दोनों महिलाओं को सोते हुये देखा तो वो कावेरी की खुली हुयी शर्ट और उसमे माला के हाथ लगे देख कर ज्यादा उत्साहित हो गया। वो बैठ कर उन दोनों को एकटक देखने लगा और जब दीपक पर उस की नजर पड़ी तो पाया की उसकी पेंट की ज़िप खुली हुयी थी और लिंग भी अपने सुस्तपने में पड़ा हुआ था। दीपक भी जागने लगा था सो डेनियल तुरंत उठ खड़ा हुआ। दीपक जब अपनी नींद से पूरी तरह से जागा तो सामने ही उसने पाया की उसकी पत्नी की शर्ट खुली हुयी है और माला के हाथ उसके अंदर हैं। यह देखकर उसका सुस्त पड़ा लिंग फिर से जोश में आने लगा, वो उन दोनों महिलाओं को वहीं पर सोता हुआ पानी की खोज में निकाल लिया।
कावेरी और माला दोनों ही तब जागी जब सूरज बिल्कुल सिर पर चढ़ गया। और जब उन्होने पाया की वो लोग किस तरह से सो रही थीं और दोनों आदमी लोग वहाँ नहीं हैं, तो जरूर उन लोगों ने उन्हे ऐसे देखा भी होगा। पहले उन्हे धक्का सा लगा यह सोचकर पर फिर उन्हे लगा की किसी ने भी उन्हे इसके लिए नहीं टोका तो ठीक है।
वो सीधे होकर बैठने की कोशिश कर ही रही थीं की डेनियल को आता देख वो दोनों खड़ी हो गई और डेनियल ने उन्हे एक तरफ इशारा करके पानी की धारा की तरफ जाने के लिए रास्ता बता दिया। वहाँ पर दोनों ठंडे पानी में पाँव डाल कर बैठ गई। कावेरी पहले बोली, "मुझे लगता है, की उन लोगों ने हमे देख लिया"
"हाँ, मुझे भी ऐसा ही लगा", माला ने कहा
"मुझे चिंता हो रही है।"
"किस बारे में?", माला ने पूछा
"दीपक ने मेरी शर्ट में आपका हाथ देखा होगा!", कावेरी ने कहा।
"तो क्या?", माला ने कहा
"उसे अच्छा नहीं लगा होगा। " कावेरी ने कहा
"क्यूँ? उसे इसमे बुरा क्या लगा होगा, सोते हुये मेरा हाथ वहाँ जा सकता है। वो समझ सकता है", माला ने कहा
"और अगर नहीं समझ पाया?", कावेरी ने कहा'
"हमने ऐसा कुछ गलत नहीं किया जिससे उसका मूड खराब हो।", माला ने कहा
"पर फिर भी अगर वो गुस्सा हुये?", कावेरी ने शंका जाहिर करी।
"नहीं... वो गुस्सा नहीं करेगा, मैं उसे इतना तो जानती हूँ", माला ने कहा
"आप इतने विश्वास से कैसे कह सकती हो दीदी?", कावेरी ने कहा
"क्यूंकी मैंने भी उस पर गुस्सा नहीं किया था जब उसके हाथ मेरे से छु गए थे", माला ने राज जाहिर करते हुये कहा।
"उन्होने आप को कहाँ छूया?" कावेरी ने पूछा
"उसके हाथ मेरे हिप्स पर गए थे जब उसने कमर में हाथ डाला था।", माला ने बोला
"क्या... जानभूझ कर...?", कावेरी ने फिर से प्रशन दाग दिया।
"उसी से जाकर पूछ लेना।" माला ने मुस्कुराते हुये कहा।
"अच्छा, तो आप दोनों मज़े कर रहे हो?", कावेरी ने कहा।
"मैंने कहा न, तुम चाहो तो उसी से पूछ लो।", माला ने कहा।
कावेरी के लिए एक नया समाचार था, वो दोनों जाने वापस केंप की तरफ लौट लिए। वहाँ डेनियल और दीपक खाने की तयारी कर रहे थे। उन सभी ने बिना ज्यादा बोले खाना खतम किया और फिर डेनियल उन्हे पास के एक तालाब पर ले गया।
कावेरी सबसे पहले तालाब में उतरी और ज्यादा गहराई में न जाकर सिर्फ घुटनो तक के पानी में ही गई और उसकी स्कर्ट पानी में आते ही ऊपर तैरने लगी जिससे की उसकी गोरी जांघें उस साफ पानी में से साफ् नजर आने लगी।
डेनियल और दीपक ने भी पानी में छलांग लगाई और तैरने लगे। और उधर माला और कावेरी आपस में एक दूसरे पर पानी की छींटा छाटी कर रही थीं। उनकी शिर्ट्स पानी से भीग चुकी थी और ब्रा साफ नजर आ रही थी। उन दोनों को अर्धनग्न अवस्था में देख दीपक उत्तेजित था। वो माला की तरफ पीछे की तरफ से बढ़ा और उसे गहरे पानी में खींच लिया। यह देख कर कावेरी खुश होकर ताली बजाने लगी की अचानक उसे भी डेनियल ने आकार पानी में खींच लिया। अब माला ताली बजा रही थी।
दोनों आदमी लोग बारी बारी से माला और कावेरी को पानी में भिगो रहे थे। तभी डेनियल कावेरी को थोड़ा और गहरे पानी में ले जाने लगा, जिसकी वजह से कावेरी थोड़ा घबराई तो डेनियल ने कहा,"रिलैक्स, its ओके !"
उसके इस कथन से उसे विश्वास जागा और जब डेनियल ने पूछा की क्या वो तैरना सीखना चाहेगी? तो कावेरी ने हाँ कर दी।
"आप इसे हटा क्यूँ नहीं देती, इसकी वजह से आप टाँगे नहीं चला पाएँगी", डेनियल ने स्कर्ट के लिए कावेरी को बोला।
"नहीं, मैं नहीं कर सकती।" कावेरी ने अपने पति की तरफ इशारा करते हुये कहा।
"मैं समझता हूँ ", डेनियल ने कहा और उसने कावेरी को अपनी बाहों में भरा और उसे पैर चलाने को कहा। डेनियल के ऐसा करते ही कावेरी उत्तेजना महसूस करने लगी और पैर भी चलाने लगी। कावेरी को डेनियल ने तालाब की सतह पर तैरने के लिए संभाला हुआ था। और अपनी पींथ ऐसे करली थी की दीपक और माला से कावेरी का शरीर छिप रहा था। उधर कावेरी की स्कर्ट से उसकी जांघें दिखाई पढ़ रही थी सो डेनियल उत्तेजित हुये जा रहा था। उसने कावेरी के कंधो पर हाथ रखा और कावेरी को अपने पैर और हाथ चलाने की लिए कहा जिससे की वो तैर सके। कावेरी ऐसा ही करने लगी और जैसे ही थोड़ा और गहरा पानी आया, उसने अपने हाथ कावेरी के सीने पर रख दिये और उसके स्तनो के ऊपरी हिस्सो का एहसास करने लगा। कावेरी उसकी इस हरकत पर अपने को रोक नहीं पायी और जैसे ही डेनियल के हाथों के उसके स्तनो को फिर से छूया वो पलटी और डेनियल के गले में अपने हाथ डाल कर उससे लिपट गई। डेनियल भी उसकी इस हरकत पर उत्तेजना में आ गया और अपने दूसरे हाथ से उसकी पींथ पर से होता हुआ उसके हिप्स पर पहुँच गया। कावेरी आहें भरने लगी जब डेनियल के हाथों ने उसके नितंबो को कस लिया और उसने और जोरों से अपने स्तनो को डेनियल की छाती से दबा दिया। उसके ऐसा करने पर डेनियल को जैसे ग्रीन सिंगनल मिल गया और उसने कावेरी को पूरा ही अपनी बाहों में भर लिया जिससे अब उसका उत्तेजित लिंग कावेरी की कमर पर टकरा रहा था। उसके मोटे और उत्तेजित लिंग का एहसास अपनी कमर पर पाकर कावेरी की योनि से रस छूटने लगा था। वो अपने को रोक नहीं पा रही थी और डेनियल नीचे से ऊपर की तरफ धक्के लगा रहा था तो इसी में उसका लिंग अंडर वेयर में से निकाल कर उसकी कमर पर रगड़ खाने लगा, जिसका एहसास पाकर कावेरी पागल हुये जा रही थी।
कावेरी ने उसके लिंग को अपनी कमर पर बिल्कुल सटा लिया था और डेनियल स्ट्रोक्स लगाए जा रहा था। कावेरी ने महसूस किया की डेनियल का वीर्य निकालने ही वाला है तो उसने अपने छाती को डेनियल से बिल्कुल सटा दिया और अति-उत्साहित होकर डेनियल ने उसकी कमर पर ही वीर्य छोड़ दिया।
कावेरी ने महसूस किया की उसका वीर्य लिंग में निकाल रहा है। यह जानते ही उसने अपने को डेनियल से अलग किया और पानी में दूसरी तरफ मुह करके हाथ और पाँव चलाने लगी की मानो वो तैरने की प्रेक्टिस कर रही हो। और डेनियल को जब यह एहसास हुआ तो उसने भी अपने लिंग को तुरंत अपने अंडर वेयर में डाल लिया।
जब माला और दीपक की नजर उन लोगों पर पड़ी तब तक सब कुछ सामन्य लग रहा था। फिर चारो पानी से बाहर निकाल आए। माला डेनियल को उसके अंडर वेयर में देख कर उत्तेजित हो रही थी। उसकी मांसल टाँगे और चौड़ी छाती को देख उसका मन उन्हे छूने का हो रहा था। उसने भी उससे तैराकी सीखने का सोचा पर शायद सही समय नहीं है यह, सोच रुक गई।
वो लोग गीले ही केंप तक जा रहे थे, सो चारों को एक दूसरे के शरीर के अंगों को गीलेपन के मादक स्वरूप में देखने का मौका मिल रहा था। जल्दी ही ठंडक होने लगी थी। डेनियल ने सभी को चलने के लिए तयार होने को कहा। सूरज डूब गया और चंद्रमा आकाश में आ गया। अब वो लोग एलीफेंट ग्रास में चलने लगे, सभी एक लाइन में चल रहे थे। सबसे आगे डेनियल , फिर कावेरी, माला और अंत में दीपक। माला के हाथों और गालों पर एलीफेंट ग्रास छु जा रही थी और वो इससे मन ही मन खुश थी क्यूंकी इसकी वजह से वो आगे वालों से छिपी हुयी थी , उसके आगे बस बड़ी बड़ी घास आ जा रही थी। वो अचानक उत्तेजना में आई और अपनी गति थोड़ी सी कम कर दी। दीपक ने उसे देखा तो पीछे से उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींच लिया। दीपक ने उसके नितंबो को सहलाना शुरू कर दिया।
"यह क्या कर रहे हो?", माला ने कहा
"मैं थोड़ी गर्मी पैदा करने की कोशिश कर रहा हूँ",
"क्यों?", माला ने कहा
"क्योंकि, आपकी शॉर्ट्स अभी भी गीली है और आपको ठंड लग सकती है।"
"तुम बड़े प्यारे हो ", माला ने इठलाते हुये कहा।
"क्या इसे उतार सकती हो?", दीपक ने शॉर्ट्स के किनारे पकड़े हुये कहा।
"क्या यह जरूरी है ?", माला ने पूछा।
"हाँ, आपके हिप्स जल्दी ही सूख जाएँगे अगर उन्हे हवा लगेगी।"
"ठीक है, फिर उतार दो।" माला ने कहा।
दीपक उसके मुह से यह बात सुनकर सन्न रह गया। उसने अपना हाथ आगे किया और शॉर्ट्स का बटन ढूँढने लगा। और फिर उसने उसे खोला और ज़िप को नीचे कर दिया। माला के दिल की धड़कन बढ़ती चली जा रही थी जैसे जैसे दीपक के हाथ उसके शॉर्ट्स के बटन खोलकर ज़िप को खोल रहे थे।
दीपक ने उसकी शॉर्ट्स को उसकी टाँगों से अलग किया और कंधे पर डाल लिया। इधर माला पेंटी में थी सो उसने अपनी शर्ट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिससे की पेंटी छिप जाये। दीपक ने फिर से उसके नितंबो पर हाथ रखा।
"अब क्या है?", माला ने उसे देखते हुये पूछा।
"मुझे लगता है की तुम्हें यह भी उतार देनी चाहिए।", दीपक ने कहा
"नही...बिल्कुल नहीं।",माला ने विरोध दिखाया।
"अच्छा....तो कोई बात नहीं फिर हवा पहुँचने का दूसरा तरीका भी है।", दीपक ने कहा और उसकी पेंटी को पकड़ कर खींचा जिससे पेंटी ने माला की योनि पर कसाव पैदा कर दिया और वो उत्तेजित होने लगी।
दीपक को भी इस बात का एहसास होने लगा था और उसने माला को अपनी तरफ खींचा और उसकी पेंटी में अपना हाथ डाल लिया। माला खुशी के मारे मरी जा रही थी जब दीपक के गरम हाथ उसके नंगे हिप्स पर छु रहे थे। उसको आनंद में आते देख दीपक ने अपना हाथ और अंदर दोनों हिप्स की दरार में डाला। माला से रहा नहीं गया और उसने भी अपने हाथ पीछे किए और दीपक के हिप्स पर उन्हे रख दिया और फिर अपनी तरफ धक्का मारने लगी। जिससे दीपक माला के एकदम नजदीक आ गया। उसका लिंग माला के पीछे छु रहा था। और जब माला को इस बात का एहसास हुआ तो वो और धीरे चलने लगी, और दीपक ने अपना हाथ और अंदर बढ़ा दिया जहाँ की माला की योनि शुरू होती थी।
"ओह, तुम यह क्या कर रहे हो?" माला आह भरती हुयी बोली जैसे ही दीपक की उंगलियों ने उसके गीले योनि द्वार को छुआ।
"देखो, ....यह भी गीला है।" उसने अपनी उंगलियों को ऊपर की तरफ ले जाते हुये कहा।
"नहीं ...ऐसा तो नहीं है।" उसने जानभूझकर ऐसा बोला
दीपक ने उसकी यह बात नहीं सुनी और उसकी योनि प्रदेश को अपनी हथेली में भर लिया और अपने से चिपटा लिया। उसका लिंग माला की कमर पर अपना एहसास करवा रहा था।
माला पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी। और जब दीपक ने अपने शॉर्ट्स में से ही ही लिंग से हल्के हल्के स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए तो माला ने अपनी पेंटी गीली करनी शुरू कर दी। और उसका शरीर थरथरा गया, जिसे भांप कर दीपक समझ गया की माला को ओरगस्म हो गया है। उसने माला के कंधों पर अपने हाथ रखे और नीचे की तरफ ज़ोर लगाया जिससे माला वहीं पर रुक गई। और जैसे ही वो रुकी , दीपक का लिंग जोकि उसकी कमर से चिपटा हुआ था को थोड़ी सी जगह मिली और वो उसके हिप्स की दरार में अपनी जगह बनाने लगा। वो शॉर्ट्स के अंदर से ही अपने लिंग को माला के हिप्स की दरार में से अंदर की ओर धक्के लगा रहा था और माला भी पीछे की तरफ हिप्स करके उसे इसमे सहायता कर रही थी। और जल्दी ही दीपक ने अपने शॉर्ट्स के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया।
उधर दूसरी तरफ डेनियल और कावेरी थोड़ा आगे चले गए थे और डेनियल अपने कानों पर पूरा ज़ोर देकर यह जानने की कोशिश में था की वो लोग कितने पीछे चल रहे हैं। उसके तेज कानो में कोई आवाज न पा कर वो समझ गया की वो लोग कुछ ज्यादा ही पीछे रह गए हैं। उसने यह मौका उचित समझा और कावेरी का हाथ दबाया, जिसके उत्तर में कावेरी मुस्कुरा दी। उसके मुस्कुराते ही डेनियल ने उसकी जांघों पर हाथ फेरा। जब कावेरी को लगा की डेनियल फिर से उसके करीब आने की कोशिश कर रहा है तो वो डेनियल की तरफ मुड़ी और उसके कंधों के पीछे की तरफ दीपक और माला को देखने की कोशिश करने लगी, की वो कितने दूर हैं?'
डेनियल ने उसे ऐसा करते देखा तो कहा,"वो लोग काफी पीछे रह गए हैं"।
यह सुनकर कावेरी मुस्कुरायी और बोली,"तुम्हें पूरा विश्वास है?"
"हाँ, वो लोग कम से कम 100 मीटर दूर हैं, वरना मैं उन्हे सुन सकता था।", डेनियल ने जवाब दिया।
"अच्छा .... ऐसा है क्या?", कावेरी ने कहा
"हाँ। और तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
"क्यूँ नहीं है ?"
"क्योंकि मैंने तुम्हें देखा की तुम क्या चाहती हो?'
"अच्छा, तुम क्या दिमाग पढ़ना भी जानते हो?", कावेरी ने पूछा
"हाँ, और मैं यह भी जानता हूँ की तुम क्या चाहती हो?" और डेनियल ने कहते हुये अपने हाथो को कावेरी की अंदरूनी जांघों पर फेरा।
कावेरी अपनी जांघों पर उसके गरम हथेलियों का स्पर्श पाकर आह भरती हुयी बोली ," और वो क्या चीज है?"
"तुम्हारे पैर थक गए हैं और इन्हे एक अच्छी मसाज चाहिए।"
"हाँ, वो तो है। मेरे पैर बहुत थक गए हैं", कावेरी ने कहा
"हाँ, मुझे पता है।" डेनियल उसकी जांघों को सहलाता हुआ बोला।
उसने उसकी चूतड़ो को अपनी हथेलियों में जकड़ा और फिर उसकी पेंटी को पकड़ कर बोला "क्या इसे उतार दूँ?"
"क्यों?", कावेरी ने पूछा
"इससे और आराम मिलेगा", डेनियल ने कहा
अब तक कावेरी के बदन में आग लग चुकी थी। और वो बोली, "अगर ऐसा है तो उतार दो .... न "
उसके ऐसा कहते ही डेनियल ने एक झटके में उसकी पेंटी नीचे खींच दी और टाँगों से अलग कर दी और फिर उसे अपनी बाहों में भरने लगा।
डेनियल ने उसकी स्कर्ट ऊपर की और अपने लिंग को उसकी दिख रही योनि में डालने के लिए अपने को व्यवस्थित करने लगा। कावेरी जोरों से आहें भर रही थी और अपने दोनों हाथों से डेनियल के हिप्स पर दवाब बना रही थी और डेनियल के हाथों को अपने हिप्स पर रखने का इशारा दे रही थी।
कावेरी के मुह से उफ निकाल पड़ी जब डेनियल की हथेलियों ने उसकी गीली हो चुकी योनि प्रदेश को भर लिया। और डेनियल का लिंग अंदर जाने को आतुर था, शॉर्ट्स का बटन खोलते ही वो बाहर की तरफ निकाल पड़ा कि तभी दीपक और माला नजदीक आते हुये प्रतीत हुये। उससे रहा नहीं गया उसने तुरंत कावेरी को पीछे की तरफ कर जमीन पर धकेल दिया और बिना शॉर्ट्स उतारे ही उसके ऊपर आ गया। और अपने लिंग से उसकी कमर पर स्ट्रोक्स लगाने लगा। कावेरी का शरीर उसके इस तरह के वहशी पन पर फिदा हो रहा था और उसकी योनि में से योनि रस धारा के रूप में बहे जा रहा था। डेनियल को प्रतीत हो रहा था की वो लोग (दीपक और माला) भी नजदीक आते जा रहे थे और उसके पास ज्यादा समय नहीं था की वो अपना लिंग कावेरी की योनि में डाल पाये। उसने एक बार ज़ोर से कावेरी को किस किया और अपने लिंग को उसकी कमर पर जोरों से रगड़ते हुये उसके नाजुक बदन की गर्मी को महसूस करते हुये उसने उसकी कमर पर ही वीर्य उड़ेल मारा। कावेरी ने उसे कस के पकड़ लिया जैसे ही उसे महसूस हुआ की उसके लिंग में से वीर्य की धारें उसके पेट पर निकल रही हैं।
डेनियल अपना वीर्य निकालने के बाद बिजली की तेजी से खड़ा हुआ, अपनी शॉर्ट वापस ऊपर चढ़ाई और कावेरी को भी खड़ा कर लिया। और जब माला और दीपक वहाँ आए तो वो असली द्र्श्य तो नहीं देख पाये पर जब उन दोनों ने घास में पड़ी कावेरी की पेंटी देखी तो वो माजरा समझ गए। माला ने उसकी पेंटी जब घास में से उठाई तो कावेरी को लगा की जैसे उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई है। पर माला ने उसे फुसफुसाकर कहा, "चिंता मत करो, सब ठीक है", उसके इन शब्दों को सुनकर कावेरी को कुछ राहत आई तो उसने पाया की माला भी पेंटी और शर्ट में उसके सामने खड़ी है और दीपक ने आगे बढ़ कर कावेरी को किस कर लिया।
डेनियल चुपचाप खड़ा देखता रहा और जब उसने देखा की दीपक और कावेरी एक दूसरे को किस कर रहे हैं तो उसे भी राहत आ गई। वो लोग फिर से आगे बढ़े और कुछ दूर आगे जाकर एक गुफा के पास पहुँच गए, जहाँ उन्हे अब आगे की रात बितानी थी।
सभी बुरी तरह थके हुये थे और जब वे लोग जागे तो दोपहर हो चुकी थी, तो उन लोगो ने खाना बनाया और खाया। उसके बाद वो लोग फिर से चलने लगे। और कई किलोमीटर चलने के बाद वो लोग एक बड़ी पहाड़ी के नीचे पहुँच गए। डेनियल ने सभी को रुकने को कहा।
जब दीपक ने उससे पूछा, "क्या हुआ?"
तो डेनियल ने दो रास्तों की तरफ इशारा करते हुये कहा, "दोनों रास्ते ऊपर पहाड़ी पर जाते हैं पर एक बाएँ से और दूसरा दायें से। किस रास्ते से जाएँ?"
"ये रास्ते कहाँ जाकर मिलते हैं?", दीपक ने पूछा
"ये रास्ते जहाँ मिलते हैं, वहाँ भी एक गुफा है जहाँ हम लोग आगे की रात बिताएंगे।", डेनियल ने कहा।
दीपक ने दोनों महिलाओं को देखते हुये कहा, "क्या कहती हो? एक रेस हो जाये? हम लोग ग्रुप्स बना लेते हैं !"
"हाँ, क्यूँ नहीं?" कावेरी ने अपनी इच्छा जाहिर की और कनखियो से डेनियल को देखने लगी।
"तो ठीक है, फिर आप मेरे साथ चलोगी?", दीपक ने माला की तरफ देखते हुये इजाजत मांगी, क्योंकि कावेरी ने तो अपनी इच्छा जाहिर कर ही दी थी।
माला और दीपक उन दोनों की जोड़ी को दूर जाते हुये देख रहे थे। और उन दोनों जोड़ियों में थोड़ी दूरी बन गई तो माला ने दीपक से कहा "हमे भी अब चलना चाहिए!"
"इतनी जल्दी क्या है ?", दीपक ने कहा
"मत भूलो, की यह एक रेस है !", माला ने कहा
"तुम्हें क्या लगता है की हम लोग उन्हे हरा सकते हैं?", दीपक ने डेनियल और कावेरी को उस रास्ते पर नजरों से ओझल होते देख कहा।
"तो फिर तुमने हामी क्यूँ भरी रेस के लिए?", माला ने कहा
"रेस में कौन जीतना चाहता है? मैं तो आपके साथ थोड़ा अकेले में समय निकालना चाहता था!", दीपक ने कहा।
"क्यूँ? ऐसा क्यूँ?", माला ने दीपक के कंधों पर अपने हाथ रखते हुये कहा।
"क्योंकि मैं आपको बहुत नजदीक से देखना चाहता हूँ", दीपक ने कहा
"मतलब, मैं अभी भी तो नजदीक ही खड़ी हूँ, कुछ और तरीके से देखना है क्या?", माला ने पूछा
"हाँ", दीपक ने कहा और अपना हाथ माला के सीने पर रख कर उसकी कमीज के बटन पर पहुँच गया और उन्हे खोलने लगा।
'हे , मेरे बटन क्यूँ खोल रहे हो, यहाँ में गीली नहीं हूँ, जो मुझे हवा की जरूरत हो।", माला ने कहा।
"हाँ, पर आपको पसीना तो आ रहा है न?", दीपक ने कहा
"तो क्या, अगर मुझे पसीना आ रहा है ?", माला ने कहा
"मैं उसे आपके शरीर से पोंछना चाहता हूँ", दीपक ने माला की कमीज उतारते हुये कहा।
"क्या यह जरूरी है की पसीना पोंछने के लिए मेरे कपड़े उतार दिये जाएँ? क्या कपड़े पहने हुये में पसीना नहीं पोंछ सकते?", माला ने कहा
"नहीं, मैं आपके सारे कपड़े उतारना चाहता हूँ भाभी।", दीपक ने अपने मन की बात जाहिर करते हुये कहा।
"यानी ... तुम मुझे नंगा कर दोगे?", माला ने विसमयता से दीपक की ओर देखते हुये कहा।
"हाँ... बिल्कुल नंगा... !!", दीपक ने कहा
"दीपक, क्या तुमने मुझे नंगी देखने के लिए डेनियल और कावेरी को अलग रास्ते पर भेज दिया?", माला ने पूछा
"यह तो मेरे दिमाग में बहुत देर से आया!", दीपक ने कहा।
"तो तुमने उन दोनों को क्यूँ भेजा? क्या तुम्हें अपनी पत्नी के सामने मुझे नंगा करने में डर नहीं लगता?", माला ने पूछा।
"नहीं... ऐसा नहीं है। पर मैं आपको अकेले में नंगी देखना चाहता था।"
"मुझे नंगी देखकर तुम्हें क्या खुशी मिलेगी? क्या तुमने कभी नंगी लड़की नहीं देखी? तुम तो शादीशुदा हो! कावेरी को लगभग हर रात ही नंगी देखते होंगे!", माला ने कहा
"कावेरी को नंगी देखने से मुझे खुशी मिलती है पर आपकी सुंदरता देख कर मैं आपसे भी वही खुशी पाना चाहता हूँ", कहते हुये दीपक ने उसकी पेंटी को नीचे खिसकाना शुरू कर दिया।
"अच्छा.... तो तुम मुझे सिर्फ नंगा देखना चाहते हो?" माला ने कहा
"नहीं, मैं आपसे शारीरिक सुख भी चाहता हूं", दीपक ने कहा
"तुम जानते हो न की मैं तुम्हारी भाभी हूँ न की पत्नी?", माला ने कहा
"हाँ...मैं जानता हूँ, जभी तो मैं आपके लिए इतना पागल हूँ ", दीपक ने कहा
"और तब क्या होगा जब मैं यह सब कावेरी को बताऊँगी", माला ने कहा
"मेरी और मदद हो जाएगी ", दीपक ने कहा
"वो कैसे?", माला ने पूछा
"वो ऐसे की अगर उसे पता चला तो मैं फिर उसके सामने ही यह सब करूँगा।", दीपक ने कहा
"अच्छा ....और अगर उसने भी ऐसा ही कुछ करने की ठान ली? जैसे की वो भी डेनियल के साथ ऐसा कुछ करने की सोचे ... फिर?" माला ने फिर पूछा।
"अच्छा ... आपको क्या लगता है की वो इस समय क्या कर रही होगी?", दीपक ने माला के पैरों में से पेंटी अलग करते हुये कहा।
"मुझे कैसे पता होगा की वो क्या कर रही होगी, मुझे तो बस यह पता है की तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो?", माला ने दीपक के चेहरे हो अपनी हथेलियों में भरते हुये कहा।
"और आपको यह पसंद भी आ रहा है जो कि मैं कर रहा हूँ आपके साथ?", दीपक ने प्रश्न किया।
"हां, दीपक! मुझे बहुत अच्छा लग रहा है" कहते हुये माला ने उसके होंठों से अपने होंठों मिला दिये और जोरदार तरीके से किस करने लगी। और जब किस करके वापस पीछे हुयी तो दीपक ने उसका चेहरा अपने हाथों में भरकर कहा, "माला भाभी, आप बहुत अच्छी हो"
"हाँ... मुझे पता है कि मैं क्यूँ अच्छी हूँ? इसीलिए न कि मैंने तुम्हें होंठों पर किस किया?", माला ने पूछा
"हाँ...वो तो है। मुझे कावेरी के अलावा आज तक किसी ओर ने किस नहीं किया।", दीपक बोला।
"और तुम्हें मजा आ रहा है कि तुम्हारी भाभी तुम्हें ऐसे किस कर रही है?", माला ने कहा
"हाँ भाभी, मुझे मजा आ रहा है और अब मैं आपको नंगा देखना चाहता हूँ", दीपक ने कहा और माला कि ब्रा खोल दी।
"तो क्या दिख रहा है अब तुम्हें?" माला ने प्रश्न किया क्योंकि अब उसके स्तनो पर से ब्रा हट चुकी थी और दीपक कि आँखें उन्हे देखने में जुटी थी।
"आपके बूब्स!", दीपक ने माला के स्तनो पर निगाह डालते हुये बोला।
"तुम्हें अच्छे लगे?" माला ने इठलाते हुये कहा।
"हाँ, मुझे अच्छे लगे..." और दीपक ने उन्हे अपने हाथों से माला के स्तनो का मर्दन शुरू कर दिया।
"क्या कावेरी के इससे अलग तरह के हैं?", माला ने पूछा।
"हाँ, उसके निप्पल ब्राउन हैं, पर आपके ब्लेक हैं और देखने में सेक्सी हैं", दीपक ने कहा।
"तो फिर क्या करने का इरादा है?", माला ने कहा
"मुह में ले के चूसने का इरादा है ", दीपक ने कहा और अपना चेहरा माला के स्तनो के नजदीक ले गया।
"चलो, चूस लो", माला ने अपना सीना आगे बढ़ाते हुये कहा।
दीपक ने उसके एक स्तन को हाथ में पकड़ा और उसको चूसना शुरू कर दिया। माला चिहुल उठी और आहें भरने लगी।
"काश, इनमे दूध भरा होता !", दीपक ने चूसना रोक कर माला के चेहरे कि तरफ देख कर कहा।
"अच्छा जी, ... इसके लिए तो फिर आपको मुझे प्रेग्नेंट करना पढ़ेगा. दीपक बाबू।" माला मुसकुराती हुयी बोली।
"तो फिर ठीक है, मुझे भी नंगा कर दो भाभी", दीपक ने कहा
"क्यूँ, अपने आप नहीं कर सकते ?", माला ने कहा
"नहीं ... मैं चाहता हूँ कि मेरी प्यारी भाभी अपने नरम मुलायम हाथों से यह करे।" दीपक ने कहा
माला ने दीपक के शॉर्ट्स पर हाथ लगाया और उसके उत्तेजित लिंग को महसूस किया।
"हाँ, निकाल दो इसे बाहर। " दीपक ने कहा।
"क्यूँ? मुझे प्रेग्नेंट करने के लिए?... ओह लगता है बड़ा आतुर है यह बाहर आने के लिए", माला ने कहा और उसके शॉर्ट्स का बटन खोलकर उसे नीचे खिसका दिया। माला उसका लिंग पास से देखने के लिए थोड़ा झुकी और बोली, "बड़ा ही सुंदर है जी यह तो?"
"तो इसे अपने हाथों से पकड़ लो न भाभी ", दीपक ने कहा
माला ने अपने दोनों हाथों से उसके लिंग को पकड़ा और सहलाने लगी। जब माला उसके लिंग को सहलाने लगी तो दीपक ने माला को फिर से चूमना शुरू कर दिया और माल को घास में लिटा लिया।
"क्या हुआ? मुझे लिटाया क्यों?", माला ने कहा
"मुझे तुम्हारी वो देखनी है !", दीपक ने कहा।
"तुम्हारा मतलब इससे है क्या?", माला ने अपनी दोनों टांगें फैलाते हुये अपनी जांघे खोलते हुये कहा।
"हाँ, मैं आपकी चूत देखना चाहता हूँ", दीपक ने उसकी जांघों के बीच अपनी निगाह जमाते हुये कहा।
"तुम उसे देख पा रहे हो?" माला ने पूछा
"थोड़ा अपनी टाँगे और फैलाओ ", दीपक ने कहा
"अच्छा ठीक है... लो देखो, ... अब दिखी?" माला ने अपनी जांघे और फैलाते हुये कहा।
"हाँ, अब दिखी.... ब्राउन कलर की सुन्दर चूत!", दीपक ने माला की घने बालो से घिरी पूसी को देखते हुये कहा।
"तुम्हें नहीं लगता मैं तुम्हारी पत्नी से थोड़ी कम गोरी हूँ, मेरा मतलब मेरे बूब्स और पूसी थोड़ी डार्क कलर की हैं", माला ने पूछा
"हाँ...पर डार्कनेस में भी अपना एक मजा है न भाभी।", दीपक ने कहा
"अब कितनी देर तक इसे देखते रहोगे?", माला ने हँसते हुये पूछा
"जब तक यह मेरे दिमाग में न बस जाये", दीपक ने कहा
"क्यों, तुम्हें क्या लगता है की दुबारा कभी मौका नहीं मिलेगा क्या?" माला ने अपनी दोनों टाँगे दीपक के कंधों पर रखते हुये कहा।
"किसे पता कि अगला मौका कब और कैसे मिले?, दीपक ने उसके पूसी लिप्स को देखते हुये कहा।
"अरे ... ऐसा नहीं है दीपक बाबू, तुम जब चाहो, इसे देख सकते हो", माला ने कहा।
"सिर्फ देख सकता हूँ?" दीपक ने कहा
"देख भी सकते हो और जो करना चाहो वो भी कर सकते हो" माला ने उसे अपनी तरफ खींचते हुये जवाब दिया
दीपक उसके ऊपर चित्त लेट गया और पुछने लगा, "क्या आप तैयार हैं?"
"हाँ, मेरे पूरे बदन में आग लगी हुयी है और पूसी फड़क रही है... बुरी तरह", माला ने कहा
"क्या आपकी पूसी मेरे लिंग को अपने अंदर लेना चाहती है?" दीपक ने पूछा।
"हाँ... इस के लिए मेने बहुत इंतजार किया है। जब से तुम्हारे भैया चले गए.... मेने किसी से संबंध नहीं बनाया और तुम्हारे भैया के साथ भी ज्यादा बार नहीं हो पाया था।", माला ने बताया।
"क्या इसलिए ही आप हम दोनों के साथ इस यात्रा पर आयीं थी?", दीपक ने पूछा।
"हाँ, जब मेने इस ट्रिप के बारे में सुना था, तो मुझे लगा कि इस बार शायद तुम्हें पाने का मौका मिल सकता है,... और आज मिल ही गया॥" माला मुस्कुराते हुये बोली।
"तो अगर आप मुझे चाहती थी तो फिर कावेरी के साथ... वो सब क्या था? वो रात में उसकी कमीज में आपके हाथ....?", दीपक ने अपनी शंका रखी।
"उसके सहारे मैं तुम्हारे नजदीक आना चाह रही थी", कहते हुये माला ने उसके लिंग को अपनी योनि के छेद पर टच किया।
"बड़ी चालाक हो आप भाभी", दीपक ने अपने लिंग को अंदर की तरफ धकेलते हुये कहा।
और जब माला ने दीपक के लिंग को अपनी योनि की गहराइयों में जाते हुये महसूस किया तो बोली, "दीपक, अब जल्दी से कर डालो.... फक मी ... फक मी, प्लीज़!"
और जब माला ने उसका नाम लेकर उसे ऐसा बोला तो वो तुरंत चालू हो गया और उसने झटके लगाने शुरू कर दिये। माला अपने शरीर की दीपक के धड़ की तरफ धकेलती जब दीपक अपने लिंग को उसकी योनि में डाल रहा होता था।
"कई महीनो के बाद मेरी योनि में आज कोई लिंग घुसा है....आह॥!" माला बोले जा रही थी।
"मुझे पता है, भाभी पर आज से आप कभी भी मेरा लंड ले सकती हो!", दीपक ने कहा और उसके बाद उसने माला की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करने की स्पीड बढ़ा दी और फिर माला की चूत के अंदर अपना पूरा वीर्य निकाल कर ही रुका।
उधर माला को भी दो बार ओरगास्म हो चुका था और फिर वह दीपक के वीर्य की धार को अपनी योनि में महसूस कर पा रही थी। दीपक कुछ देर तक उसके ऊपर ही लेटा रहा और फिर जब उठा तो बोला "भाभी, बहुत अच्छा लगा"
"मुझे भी बहुत अच्छा लगा," माला बोली "पर अब हमे आगे चलना चाहिए!"
'हाँ भाभी, चलिये... ", दीपक ने अपने कपड़े पहनते हुये कहा। दोनों ने अपने कपड़े पहने और दीपक ने माला का हाथ पकड़ा और उसी दिशा में उस रास्ते में चल दिया जिस पर डेनियल और कावेरी गए थे। उसे ऐसा करते देख माला ने पूछा,"हम इस रास्ते पर क्यूँ जा रहे हैं?"
"चलो न...देखते हैं न की वो दोनों लोग क्या कर रहे हैं?", दीपक ने कहा।
"तो क्या तुम उन दोनों की जासूसी करोगे?" माला ने पूछा।
"नहीं... पर देखूँ तो सही की मेरी प्यारी पत्नी आखिर क्या कर रही है?", दीपक ने कहा।
"तब क्या होगा, अगर वो लोग भी वही सब कर रहे हों....?" माला ने पूछा
"वही तो मुझे देखना है....", दीपक ने कहा।
"तुम वास्तव में पागल हो..." माला ने हँसते हुये कहा।
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कावेरी की भाभी माला--2
डेनियल अगली सुबह जागने वालों में से सबसे पहला था...
डेनियल सबसे पह उठा, उस सुबह। सूरज आकाश में चमकने लगा था। और जब उसने उन दोनों महिलाओं को सोते हुये देखा तो वो कावेरी की खुली हुयी शर्ट और उसमे माला के हाथ लगे देख कर ज्यादा उत्साहित हो गया। वो बैठ कर उन दोनों को एकटक देखने लगा और जब दीपक पर उस की नजर पड़ी तो पाया की उसकी पेंट की ज़िप खुली हुयी थी और लिंग भी अपने सुस्तपने में पड़ा हुआ था। दीपक भी जागने लगा था सो डेनियल तुरंत उठ खड़ा हुआ। दीपक जब अपनी नींद से पूरी तरह से जागा तो सामने ही उसने पाया की उसकी पत्नी की शर्ट खुली हुयी है और माला के हाथ उसके अंदर हैं। यह देखकर उसका सुस्त पड़ा लिंग फिर से जोश में आने लगा, वो उन दोनों महिलाओं को वहीं पर सोता हुआ पानी की खोज में निकाल लिया।
कावेरी और माला दोनों ही तब जागी जब सूरज बिल्कुल सिर पर चढ़ गया। और जब उन्होने पाया की वो लोग किस तरह से सो रही थीं और दोनों आदमी लोग वहाँ नहीं हैं, तो जरूर उन लोगों ने उन्हे ऐसे देखा भी होगा। पहले उन्हे धक्का सा लगा यह सोचकर पर फिर उन्हे लगा की किसी ने भी उन्हे इसके लिए नहीं टोका तो ठीक है।
वो सीधे होकर बैठने की कोशिश कर ही रही थीं की डेनियल को आता देख वो दोनों खड़ी हो गई और डेनियल ने उन्हे एक तरफ इशारा करके पानी की धारा की तरफ जाने के लिए रास्ता बता दिया। वहाँ पर दोनों ठंडे पानी में पाँव डाल कर बैठ गई। कावेरी पहले बोली, "मुझे लगता है, की उन लोगों ने हमे देख लिया"
"हाँ, मुझे भी ऐसा ही लगा", माला ने कहा
"मुझे चिंता हो रही है।"
"किस बारे में?", माला ने पूछा
"दीपक ने मेरी शर्ट में आपका हाथ देखा होगा!", कावेरी ने कहा।
"तो क्या?", माला ने कहा
"उसे अच्छा नहीं लगा होगा। " कावेरी ने कहा
"क्यूँ? उसे इसमे बुरा क्या लगा होगा, सोते हुये मेरा हाथ वहाँ जा सकता है। वो समझ सकता है", माला ने कहा
"और अगर नहीं समझ पाया?", कावेरी ने कहा'
"हमने ऐसा कुछ गलत नहीं किया जिससे उसका मूड खराब हो।", माला ने कहा
"पर फिर भी अगर वो गुस्सा हुये?", कावेरी ने शंका जाहिर करी।
"नहीं... वो गुस्सा नहीं करेगा, मैं उसे इतना तो जानती हूँ", माला ने कहा
"आप इतने विश्वास से कैसे कह सकती हो दीदी?", कावेरी ने कहा
"क्यूंकी मैंने भी उस पर गुस्सा नहीं किया था जब उसके हाथ मेरे से छु गए थे", माला ने राज जाहिर करते हुये कहा।
"उन्होने आप को कहाँ छूया?" कावेरी ने पूछा
"उसके हाथ मेरे हिप्स पर गए थे जब उसने कमर में हाथ डाला था।", माला ने बोला
"क्या... जानभूझ कर...?", कावेरी ने फिर से प्रशन दाग दिया।
"उसी से जाकर पूछ लेना।" माला ने मुस्कुराते हुये कहा।
"अच्छा, तो आप दोनों मज़े कर रहे हो?", कावेरी ने कहा।
"मैंने कहा न, तुम चाहो तो उसी से पूछ लो।", माला ने कहा।
कावेरी के लिए एक नया समाचार था, वो दोनों जाने वापस केंप की तरफ लौट लिए। वहाँ डेनियल और दीपक खाने की तयारी कर रहे थे। उन सभी ने बिना ज्यादा बोले खाना खतम किया और फिर डेनियल उन्हे पास के एक तालाब पर ले गया।
कावेरी सबसे पहले तालाब में उतरी और ज्यादा गहराई में न जाकर सिर्फ घुटनो तक के पानी में ही गई और उसकी स्कर्ट पानी में आते ही ऊपर तैरने लगी जिससे की उसकी गोरी जांघें उस साफ पानी में से साफ् नजर आने लगी।
डेनियल और दीपक ने भी पानी में छलांग लगाई और तैरने लगे। और उधर माला और कावेरी आपस में एक दूसरे पर पानी की छींटा छाटी कर रही थीं। उनकी शिर्ट्स पानी से भीग चुकी थी और ब्रा साफ नजर आ रही थी। उन दोनों को अर्धनग्न अवस्था में देख दीपक उत्तेजित था। वो माला की तरफ पीछे की तरफ से बढ़ा और उसे गहरे पानी में खींच लिया। यह देख कर कावेरी खुश होकर ताली बजाने लगी की अचानक उसे भी डेनियल ने आकार पानी में खींच लिया। अब माला ताली बजा रही थी।
दोनों आदमी लोग बारी बारी से माला और कावेरी को पानी में भिगो रहे थे। तभी डेनियल कावेरी को थोड़ा और गहरे पानी में ले जाने लगा, जिसकी वजह से कावेरी थोड़ा घबराई तो डेनियल ने कहा,"रिलैक्स, its ओके !"
उसके इस कथन से उसे विश्वास जागा और जब डेनियल ने पूछा की क्या वो तैरना सीखना चाहेगी? तो कावेरी ने हाँ कर दी।
"आप इसे हटा क्यूँ नहीं देती, इसकी वजह से आप टाँगे नहीं चला पाएँगी", डेनियल ने स्कर्ट के लिए कावेरी को बोला।
"नहीं, मैं नहीं कर सकती।" कावेरी ने अपने पति की तरफ इशारा करते हुये कहा।
"मैं समझता हूँ ", डेनियल ने कहा और उसने कावेरी को अपनी बाहों में भरा और उसे पैर चलाने को कहा। डेनियल के ऐसा करते ही कावेरी उत्तेजना महसूस करने लगी और पैर भी चलाने लगी। कावेरी को डेनियल ने तालाब की सतह पर तैरने के लिए संभाला हुआ था। और अपनी पींथ ऐसे करली थी की दीपक और माला से कावेरी का शरीर छिप रहा था। उधर कावेरी की स्कर्ट से उसकी जांघें दिखाई पढ़ रही थी सो डेनियल उत्तेजित हुये जा रहा था। उसने कावेरी के कंधो पर हाथ रखा और कावेरी को अपने पैर और हाथ चलाने की लिए कहा जिससे की वो तैर सके। कावेरी ऐसा ही करने लगी और जैसे ही थोड़ा और गहरा पानी आया, उसने अपने हाथ कावेरी के सीने पर रख दिये और उसके स्तनो के ऊपरी हिस्सो का एहसास करने लगा। कावेरी उसकी इस हरकत पर अपने को रोक नहीं पायी और जैसे ही डेनियल के हाथों के उसके स्तनो को फिर से छूया वो पलटी और डेनियल के गले में अपने हाथ डाल कर उससे लिपट गई। डेनियल भी उसकी इस हरकत पर उत्तेजना में आ गया और अपने दूसरे हाथ से उसकी पींथ पर से होता हुआ उसके हिप्स पर पहुँच गया। कावेरी आहें भरने लगी जब डेनियल के हाथों ने उसके नितंबो को कस लिया और उसने और जोरों से अपने स्तनो को डेनियल की छाती से दबा दिया। उसके ऐसा करने पर डेनियल को जैसे ग्रीन सिंगनल मिल गया और उसने कावेरी को पूरा ही अपनी बाहों में भर लिया जिससे अब उसका उत्तेजित लिंग कावेरी की कमर पर टकरा रहा था। उसके मोटे और उत्तेजित लिंग का एहसास अपनी कमर पर पाकर कावेरी की योनि से रस छूटने लगा था। वो अपने को रोक नहीं पा रही थी और डेनियल नीचे से ऊपर की तरफ धक्के लगा रहा था तो इसी में उसका लिंग अंडर वेयर में से निकाल कर उसकी कमर पर रगड़ खाने लगा, जिसका एहसास पाकर कावेरी पागल हुये जा रही थी।
कावेरी ने उसके लिंग को अपनी कमर पर बिल्कुल सटा लिया था और डेनियल स्ट्रोक्स लगाए जा रहा था। कावेरी ने महसूस किया की डेनियल का वीर्य निकालने ही वाला है तो उसने अपने छाती को डेनियल से बिल्कुल सटा दिया और अति-उत्साहित होकर डेनियल ने उसकी कमर पर ही वीर्य छोड़ दिया।
कावेरी ने महसूस किया की उसका वीर्य लिंग में निकाल रहा है। यह जानते ही उसने अपने को डेनियल से अलग किया और पानी में दूसरी तरफ मुह करके हाथ और पाँव चलाने लगी की मानो वो तैरने की प्रेक्टिस कर रही हो। और डेनियल को जब यह एहसास हुआ तो उसने भी अपने लिंग को तुरंत अपने अंडर वेयर में डाल लिया।
जब माला और दीपक की नजर उन लोगों पर पड़ी तब तक सब कुछ सामन्य लग रहा था। फिर चारो पानी से बाहर निकाल आए। माला डेनियल को उसके अंडर वेयर में देख कर उत्तेजित हो रही थी। उसकी मांसल टाँगे और चौड़ी छाती को देख उसका मन उन्हे छूने का हो रहा था। उसने भी उससे तैराकी सीखने का सोचा पर शायद सही समय नहीं है यह, सोच रुक गई।
वो लोग गीले ही केंप तक जा रहे थे, सो चारों को एक दूसरे के शरीर के अंगों को गीलेपन के मादक स्वरूप में देखने का मौका मिल रहा था। जल्दी ही ठंडक होने लगी थी। डेनियल ने सभी को चलने के लिए तयार होने को कहा। सूरज डूब गया और चंद्रमा आकाश में आ गया। अब वो लोग एलीफेंट ग्रास में चलने लगे, सभी एक लाइन में चल रहे थे। सबसे आगे डेनियल , फिर कावेरी, माला और अंत में दीपक। माला के हाथों और गालों पर एलीफेंट ग्रास छु जा रही थी और वो इससे मन ही मन खुश थी क्यूंकी इसकी वजह से वो आगे वालों से छिपी हुयी थी , उसके आगे बस बड़ी बड़ी घास आ जा रही थी। वो अचानक उत्तेजना में आई और अपनी गति थोड़ी सी कम कर दी। दीपक ने उसे देखा तो पीछे से उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींच लिया। दीपक ने उसके नितंबो को सहलाना शुरू कर दिया।
"यह क्या कर रहे हो?", माला ने कहा
"मैं थोड़ी गर्मी पैदा करने की कोशिश कर रहा हूँ",
"क्यों?", माला ने कहा
"क्योंकि, आपकी शॉर्ट्स अभी भी गीली है और आपको ठंड लग सकती है।"
"तुम बड़े प्यारे हो ", माला ने इठलाते हुये कहा।
"क्या इसे उतार सकती हो?", दीपक ने शॉर्ट्स के किनारे पकड़े हुये कहा।
"क्या यह जरूरी है ?", माला ने पूछा।
"हाँ, आपके हिप्स जल्दी ही सूख जाएँगे अगर उन्हे हवा लगेगी।"
"ठीक है, फिर उतार दो।" माला ने कहा।
दीपक उसके मुह से यह बात सुनकर सन्न रह गया। उसने अपना हाथ आगे किया और शॉर्ट्स का बटन ढूँढने लगा। और फिर उसने उसे खोला और ज़िप को नीचे कर दिया। माला के दिल की धड़कन बढ़ती चली जा रही थी जैसे जैसे दीपक के हाथ उसके शॉर्ट्स के बटन खोलकर ज़िप को खोल रहे थे।
दीपक ने उसकी शॉर्ट्स को उसकी टाँगों से अलग किया और कंधे पर डाल लिया। इधर माला पेंटी में थी सो उसने अपनी शर्ट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिससे की पेंटी छिप जाये। दीपक ने फिर से उसके नितंबो पर हाथ रखा।
"अब क्या है?", माला ने उसे देखते हुये पूछा।
"मुझे लगता है की तुम्हें यह भी उतार देनी चाहिए।", दीपक ने कहा
"नही...बिल्कुल नहीं।",माला ने विरोध दिखाया।
"अच्छा....तो कोई बात नहीं फिर हवा पहुँचने का दूसरा तरीका भी है।", दीपक ने कहा और उसकी पेंटी को पकड़ कर खींचा जिससे पेंटी ने माला की योनि पर कसाव पैदा कर दिया और वो उत्तेजित होने लगी।
दीपक को भी इस बात का एहसास होने लगा था और उसने माला को अपनी तरफ खींचा और उसकी पेंटी में अपना हाथ डाल लिया। माला खुशी के मारे मरी जा रही थी जब दीपक के गरम हाथ उसके नंगे हिप्स पर छु रहे थे। उसको आनंद में आते देख दीपक ने अपना हाथ और अंदर दोनों हिप्स की दरार में डाला। माला से रहा नहीं गया और उसने भी अपने हाथ पीछे किए और दीपक के हिप्स पर उन्हे रख दिया और फिर अपनी तरफ धक्का मारने लगी। जिससे दीपक माला के एकदम नजदीक आ गया। उसका लिंग माला के पीछे छु रहा था। और जब माला को इस बात का एहसास हुआ तो वो और धीरे चलने लगी, और दीपक ने अपना हाथ और अंदर बढ़ा दिया जहाँ की माला की योनि शुरू होती थी।
"ओह, तुम यह क्या कर रहे हो?" माला आह भरती हुयी बोली जैसे ही दीपक की उंगलियों ने उसके गीले योनि द्वार को छुआ।
"देखो, ....यह भी गीला है।" उसने अपनी उंगलियों को ऊपर की तरफ ले जाते हुये कहा।
"नहीं ...ऐसा तो नहीं है।" उसने जानभूझकर ऐसा बोला
दीपक ने उसकी यह बात नहीं सुनी और उसकी योनि प्रदेश को अपनी हथेली में भर लिया और अपने से चिपटा लिया। उसका लिंग माला की कमर पर अपना एहसास करवा रहा था।
माला पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी। और जब दीपक ने अपने शॉर्ट्स में से ही ही लिंग से हल्के हल्के स्ट्रोक्स लगाने शुरू किए तो माला ने अपनी पेंटी गीली करनी शुरू कर दी। और उसका शरीर थरथरा गया, जिसे भांप कर दीपक समझ गया की माला को ओरगस्म हो गया है। उसने माला के कंधों पर अपने हाथ रखे और नीचे की तरफ ज़ोर लगाया जिससे माला वहीं पर रुक गई। और जैसे ही वो रुकी , दीपक का लिंग जोकि उसकी कमर से चिपटा हुआ था को थोड़ी सी जगह मिली और वो उसके हिप्स की दरार में अपनी जगह बनाने लगा। वो शॉर्ट्स के अंदर से ही अपने लिंग को माला के हिप्स की दरार में से अंदर की ओर धक्के लगा रहा था और माला भी पीछे की तरफ हिप्स करके उसे इसमे सहायता कर रही थी। और जल्दी ही दीपक ने अपने शॉर्ट्स के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया।
उधर दूसरी तरफ डेनियल और कावेरी थोड़ा आगे चले गए थे और डेनियल अपने कानों पर पूरा ज़ोर देकर यह जानने की कोशिश में था की वो लोग कितने पीछे चल रहे हैं। उसके तेज कानो में कोई आवाज न पा कर वो समझ गया की वो लोग कुछ ज्यादा ही पीछे रह गए हैं। उसने यह मौका उचित समझा और कावेरी का हाथ दबाया, जिसके उत्तर में कावेरी मुस्कुरा दी। उसके मुस्कुराते ही डेनियल ने उसकी जांघों पर हाथ फेरा। जब कावेरी को लगा की डेनियल फिर से उसके करीब आने की कोशिश कर रहा है तो वो डेनियल की तरफ मुड़ी और उसके कंधों के पीछे की तरफ दीपक और माला को देखने की कोशिश करने लगी, की वो कितने दूर हैं?'
डेनियल ने उसे ऐसा करते देखा तो कहा,"वो लोग काफी पीछे रह गए हैं"।
यह सुनकर कावेरी मुस्कुरायी और बोली,"तुम्हें पूरा विश्वास है?"
"हाँ, वो लोग कम से कम 100 मीटर दूर हैं, वरना मैं उन्हे सुन सकता था।", डेनियल ने जवाब दिया।
"अच्छा .... ऐसा है क्या?", कावेरी ने कहा
"हाँ। और तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
"क्यूँ नहीं है ?"
"क्योंकि मैंने तुम्हें देखा की तुम क्या चाहती हो?'
"अच्छा, तुम क्या दिमाग पढ़ना भी जानते हो?", कावेरी ने पूछा
"हाँ, और मैं यह भी जानता हूँ की तुम क्या चाहती हो?" और डेनियल ने कहते हुये अपने हाथो को कावेरी की अंदरूनी जांघों पर फेरा।
कावेरी अपनी जांघों पर उसके गरम हथेलियों का स्पर्श पाकर आह भरती हुयी बोली ," और वो क्या चीज है?"
"तुम्हारे पैर थक गए हैं और इन्हे एक अच्छी मसाज चाहिए।"
"हाँ, वो तो है। मेरे पैर बहुत थक गए हैं", कावेरी ने कहा
"हाँ, मुझे पता है।" डेनियल उसकी जांघों को सहलाता हुआ बोला।
उसने उसकी चूतड़ो को अपनी हथेलियों में जकड़ा और फिर उसकी पेंटी को पकड़ कर बोला "क्या इसे उतार दूँ?"
"क्यों?", कावेरी ने पूछा
"इससे और आराम मिलेगा", डेनियल ने कहा
अब तक कावेरी के बदन में आग लग चुकी थी। और वो बोली, "अगर ऐसा है तो उतार दो .... न "
उसके ऐसा कहते ही डेनियल ने एक झटके में उसकी पेंटी नीचे खींच दी और टाँगों से अलग कर दी और फिर उसे अपनी बाहों में भरने लगा।
डेनियल ने उसकी स्कर्ट ऊपर की और अपने लिंग को उसकी दिख रही योनि में डालने के लिए अपने को व्यवस्थित करने लगा। कावेरी जोरों से आहें भर रही थी और अपने दोनों हाथों से डेनियल के हिप्स पर दवाब बना रही थी और डेनियल के हाथों को अपने हिप्स पर रखने का इशारा दे रही थी।
कावेरी के मुह से उफ निकाल पड़ी जब डेनियल की हथेलियों ने उसकी गीली हो चुकी योनि प्रदेश को भर लिया। और डेनियल का लिंग अंदर जाने को आतुर था, शॉर्ट्स का बटन खोलते ही वो बाहर की तरफ निकाल पड़ा कि तभी दीपक और माला नजदीक आते हुये प्रतीत हुये। उससे रहा नहीं गया उसने तुरंत कावेरी को पीछे की तरफ कर जमीन पर धकेल दिया और बिना शॉर्ट्स उतारे ही उसके ऊपर आ गया। और अपने लिंग से उसकी कमर पर स्ट्रोक्स लगाने लगा। कावेरी का शरीर उसके इस तरह के वहशी पन पर फिदा हो रहा था और उसकी योनि में से योनि रस धारा के रूप में बहे जा रहा था। डेनियल को प्रतीत हो रहा था की वो लोग (दीपक और माला) भी नजदीक आते जा रहे थे और उसके पास ज्यादा समय नहीं था की वो अपना लिंग कावेरी की योनि में डाल पाये। उसने एक बार ज़ोर से कावेरी को किस किया और अपने लिंग को उसकी कमर पर जोरों से रगड़ते हुये उसके नाजुक बदन की गर्मी को महसूस करते हुये उसने उसकी कमर पर ही वीर्य उड़ेल मारा। कावेरी ने उसे कस के पकड़ लिया जैसे ही उसे महसूस हुआ की उसके लिंग में से वीर्य की धारें उसके पेट पर निकल रही हैं।
डेनियल अपना वीर्य निकालने के बाद बिजली की तेजी से खड़ा हुआ, अपनी शॉर्ट वापस ऊपर चढ़ाई और कावेरी को भी खड़ा कर लिया। और जब माला और दीपक वहाँ आए तो वो असली द्र्श्य तो नहीं देख पाये पर जब उन दोनों ने घास में पड़ी कावेरी की पेंटी देखी तो वो माजरा समझ गए। माला ने उसकी पेंटी जब घास में से उठाई तो कावेरी को लगा की जैसे उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई है। पर माला ने उसे फुसफुसाकर कहा, "चिंता मत करो, सब ठीक है", उसके इन शब्दों को सुनकर कावेरी को कुछ राहत आई तो उसने पाया की माला भी पेंटी और शर्ट में उसके सामने खड़ी है और दीपक ने आगे बढ़ कर कावेरी को किस कर लिया।
डेनियल चुपचाप खड़ा देखता रहा और जब उसने देखा की दीपक और कावेरी एक दूसरे को किस कर रहे हैं तो उसे भी राहत आ गई। वो लोग फिर से आगे बढ़े और कुछ दूर आगे जाकर एक गुफा के पास पहुँच गए, जहाँ उन्हे अब आगे की रात बितानी थी।
सभी बुरी तरह थके हुये थे और जब वे लोग जागे तो दोपहर हो चुकी थी, तो उन लोगो ने खाना बनाया और खाया। उसके बाद वो लोग फिर से चलने लगे। और कई किलोमीटर चलने के बाद वो लोग एक बड़ी पहाड़ी के नीचे पहुँच गए। डेनियल ने सभी को रुकने को कहा।
जब दीपक ने उससे पूछा, "क्या हुआ?"
तो डेनियल ने दो रास्तों की तरफ इशारा करते हुये कहा, "दोनों रास्ते ऊपर पहाड़ी पर जाते हैं पर एक बाएँ से और दूसरा दायें से। किस रास्ते से जाएँ?"
"ये रास्ते कहाँ जाकर मिलते हैं?", दीपक ने पूछा
"ये रास्ते जहाँ मिलते हैं, वहाँ भी एक गुफा है जहाँ हम लोग आगे की रात बिताएंगे।", डेनियल ने कहा।
दीपक ने दोनों महिलाओं को देखते हुये कहा, "क्या कहती हो? एक रेस हो जाये? हम लोग ग्रुप्स बना लेते हैं !"
"हाँ, क्यूँ नहीं?" कावेरी ने अपनी इच्छा जाहिर की और कनखियो से डेनियल को देखने लगी।
"तो ठीक है, फिर आप मेरे साथ चलोगी?", दीपक ने माला की तरफ देखते हुये इजाजत मांगी, क्योंकि कावेरी ने तो अपनी इच्छा जाहिर कर ही दी थी।
माला और दीपक उन दोनों की जोड़ी को दूर जाते हुये देख रहे थे। और उन दोनों जोड़ियों में थोड़ी दूरी बन गई तो माला ने दीपक से कहा "हमे भी अब चलना चाहिए!"
"इतनी जल्दी क्या है ?", दीपक ने कहा
"मत भूलो, की यह एक रेस है !", माला ने कहा
"तुम्हें क्या लगता है की हम लोग उन्हे हरा सकते हैं?", दीपक ने डेनियल और कावेरी को उस रास्ते पर नजरों से ओझल होते देख कहा।
"तो फिर तुमने हामी क्यूँ भरी रेस के लिए?", माला ने कहा
"रेस में कौन जीतना चाहता है? मैं तो आपके साथ थोड़ा अकेले में समय निकालना चाहता था!", दीपक ने कहा।
"क्यूँ? ऐसा क्यूँ?", माला ने दीपक के कंधों पर अपने हाथ रखते हुये कहा।
"क्योंकि मैं आपको बहुत नजदीक से देखना चाहता हूँ", दीपक ने कहा
"मतलब, मैं अभी भी तो नजदीक ही खड़ी हूँ, कुछ और तरीके से देखना है क्या?", माला ने पूछा
"हाँ", दीपक ने कहा और अपना हाथ माला के सीने पर रख कर उसकी कमीज के बटन पर पहुँच गया और उन्हे खोलने लगा।
'हे , मेरे बटन क्यूँ खोल रहे हो, यहाँ में गीली नहीं हूँ, जो मुझे हवा की जरूरत हो।", माला ने कहा।
"हाँ, पर आपको पसीना तो आ रहा है न?", दीपक ने कहा
"तो क्या, अगर मुझे पसीना आ रहा है ?", माला ने कहा
"मैं उसे आपके शरीर से पोंछना चाहता हूँ", दीपक ने माला की कमीज उतारते हुये कहा।
"क्या यह जरूरी है की पसीना पोंछने के लिए मेरे कपड़े उतार दिये जाएँ? क्या कपड़े पहने हुये में पसीना नहीं पोंछ सकते?", माला ने कहा
"नहीं, मैं आपके सारे कपड़े उतारना चाहता हूँ भाभी।", दीपक ने अपने मन की बात जाहिर करते हुये कहा।
"यानी ... तुम मुझे नंगा कर दोगे?", माला ने विसमयता से दीपक की ओर देखते हुये कहा।
"हाँ... बिल्कुल नंगा... !!", दीपक ने कहा
"दीपक, क्या तुमने मुझे नंगी देखने के लिए डेनियल और कावेरी को अलग रास्ते पर भेज दिया?", माला ने पूछा
"यह तो मेरे दिमाग में बहुत देर से आया!", दीपक ने कहा।
"तो तुमने उन दोनों को क्यूँ भेजा? क्या तुम्हें अपनी पत्नी के सामने मुझे नंगा करने में डर नहीं लगता?", माला ने पूछा।
"नहीं... ऐसा नहीं है। पर मैं आपको अकेले में नंगी देखना चाहता था।"
"मुझे नंगी देखकर तुम्हें क्या खुशी मिलेगी? क्या तुमने कभी नंगी लड़की नहीं देखी? तुम तो शादीशुदा हो! कावेरी को लगभग हर रात ही नंगी देखते होंगे!", माला ने कहा
"कावेरी को नंगी देखने से मुझे खुशी मिलती है पर आपकी सुंदरता देख कर मैं आपसे भी वही खुशी पाना चाहता हूँ", कहते हुये दीपक ने उसकी पेंटी को नीचे खिसकाना शुरू कर दिया।
"अच्छा.... तो तुम मुझे सिर्फ नंगा देखना चाहते हो?" माला ने कहा
"नहीं, मैं आपसे शारीरिक सुख भी चाहता हूं", दीपक ने कहा
"तुम जानते हो न की मैं तुम्हारी भाभी हूँ न की पत्नी?", माला ने कहा
"हाँ...मैं जानता हूँ, जभी तो मैं आपके लिए इतना पागल हूँ ", दीपक ने कहा
"और तब क्या होगा जब मैं यह सब कावेरी को बताऊँगी", माला ने कहा
"मेरी और मदद हो जाएगी ", दीपक ने कहा
"वो कैसे?", माला ने पूछा
"वो ऐसे की अगर उसे पता चला तो मैं फिर उसके सामने ही यह सब करूँगा।", दीपक ने कहा
"अच्छा ....और अगर उसने भी ऐसा ही कुछ करने की ठान ली? जैसे की वो भी डेनियल के साथ ऐसा कुछ करने की सोचे ... फिर?" माला ने फिर पूछा।
"अच्छा ... आपको क्या लगता है की वो इस समय क्या कर रही होगी?", दीपक ने माला के पैरों में से पेंटी अलग करते हुये कहा।
"मुझे कैसे पता होगा की वो क्या कर रही होगी, मुझे तो बस यह पता है की तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो?", माला ने दीपक के चेहरे हो अपनी हथेलियों में भरते हुये कहा।
"और आपको यह पसंद भी आ रहा है जो कि मैं कर रहा हूँ आपके साथ?", दीपक ने प्रश्न किया।
"हां, दीपक! मुझे बहुत अच्छा लग रहा है" कहते हुये माला ने उसके होंठों से अपने होंठों मिला दिये और जोरदार तरीके से किस करने लगी। और जब किस करके वापस पीछे हुयी तो दीपक ने उसका चेहरा अपने हाथों में भरकर कहा, "माला भाभी, आप बहुत अच्छी हो"
"हाँ... मुझे पता है कि मैं क्यूँ अच्छी हूँ? इसीलिए न कि मैंने तुम्हें होंठों पर किस किया?", माला ने पूछा
"हाँ...वो तो है। मुझे कावेरी के अलावा आज तक किसी ओर ने किस नहीं किया।", दीपक बोला।
"और तुम्हें मजा आ रहा है कि तुम्हारी भाभी तुम्हें ऐसे किस कर रही है?", माला ने कहा
"हाँ भाभी, मुझे मजा आ रहा है और अब मैं आपको नंगा देखना चाहता हूँ", दीपक ने कहा और माला कि ब्रा खोल दी।
"तो क्या दिख रहा है अब तुम्हें?" माला ने प्रश्न किया क्योंकि अब उसके स्तनो पर से ब्रा हट चुकी थी और दीपक कि आँखें उन्हे देखने में जुटी थी।
"आपके बूब्स!", दीपक ने माला के स्तनो पर निगाह डालते हुये बोला।
"तुम्हें अच्छे लगे?" माला ने इठलाते हुये कहा।
"हाँ, मुझे अच्छे लगे..." और दीपक ने उन्हे अपने हाथों से माला के स्तनो का मर्दन शुरू कर दिया।
"क्या कावेरी के इससे अलग तरह के हैं?", माला ने पूछा।
"हाँ, उसके निप्पल ब्राउन हैं, पर आपके ब्लेक हैं और देखने में सेक्सी हैं", दीपक ने कहा।
"तो फिर क्या करने का इरादा है?", माला ने कहा
"मुह में ले के चूसने का इरादा है ", दीपक ने कहा और अपना चेहरा माला के स्तनो के नजदीक ले गया।
"चलो, चूस लो", माला ने अपना सीना आगे बढ़ाते हुये कहा।
दीपक ने उसके एक स्तन को हाथ में पकड़ा और उसको चूसना शुरू कर दिया। माला चिहुल उठी और आहें भरने लगी।
"काश, इनमे दूध भरा होता !", दीपक ने चूसना रोक कर माला के चेहरे कि तरफ देख कर कहा।
"अच्छा जी, ... इसके लिए तो फिर आपको मुझे प्रेग्नेंट करना पढ़ेगा. दीपक बाबू।" माला मुसकुराती हुयी बोली।
"तो फिर ठीक है, मुझे भी नंगा कर दो भाभी", दीपक ने कहा
"क्यूँ, अपने आप नहीं कर सकते ?", माला ने कहा
"नहीं ... मैं चाहता हूँ कि मेरी प्यारी भाभी अपने नरम मुलायम हाथों से यह करे।" दीपक ने कहा
माला ने दीपक के शॉर्ट्स पर हाथ लगाया और उसके उत्तेजित लिंग को महसूस किया।
"हाँ, निकाल दो इसे बाहर। " दीपक ने कहा।
"क्यूँ? मुझे प्रेग्नेंट करने के लिए?... ओह लगता है बड़ा आतुर है यह बाहर आने के लिए", माला ने कहा और उसके शॉर्ट्स का बटन खोलकर उसे नीचे खिसका दिया। माला उसका लिंग पास से देखने के लिए थोड़ा झुकी और बोली, "बड़ा ही सुंदर है जी यह तो?"
"तो इसे अपने हाथों से पकड़ लो न भाभी ", दीपक ने कहा
माला ने अपने दोनों हाथों से उसके लिंग को पकड़ा और सहलाने लगी। जब माला उसके लिंग को सहलाने लगी तो दीपक ने माला को फिर से चूमना शुरू कर दिया और माल को घास में लिटा लिया।
"क्या हुआ? मुझे लिटाया क्यों?", माला ने कहा
"मुझे तुम्हारी वो देखनी है !", दीपक ने कहा।
"तुम्हारा मतलब इससे है क्या?", माला ने अपनी दोनों टांगें फैलाते हुये अपनी जांघे खोलते हुये कहा।
"हाँ, मैं आपकी चूत देखना चाहता हूँ", दीपक ने उसकी जांघों के बीच अपनी निगाह जमाते हुये कहा।
"तुम उसे देख पा रहे हो?" माला ने पूछा
"थोड़ा अपनी टाँगे और फैलाओ ", दीपक ने कहा
"अच्छा ठीक है... लो देखो, ... अब दिखी?" माला ने अपनी जांघे और फैलाते हुये कहा।
"हाँ, अब दिखी.... ब्राउन कलर की सुन्दर चूत!", दीपक ने माला की घने बालो से घिरी पूसी को देखते हुये कहा।
"तुम्हें नहीं लगता मैं तुम्हारी पत्नी से थोड़ी कम गोरी हूँ, मेरा मतलब मेरे बूब्स और पूसी थोड़ी डार्क कलर की हैं", माला ने पूछा
"हाँ...पर डार्कनेस में भी अपना एक मजा है न भाभी।", दीपक ने कहा
"अब कितनी देर तक इसे देखते रहोगे?", माला ने हँसते हुये पूछा
"जब तक यह मेरे दिमाग में न बस जाये", दीपक ने कहा
"क्यों, तुम्हें क्या लगता है की दुबारा कभी मौका नहीं मिलेगा क्या?" माला ने अपनी दोनों टाँगे दीपक के कंधों पर रखते हुये कहा।
"किसे पता कि अगला मौका कब और कैसे मिले?, दीपक ने उसके पूसी लिप्स को देखते हुये कहा।
"अरे ... ऐसा नहीं है दीपक बाबू, तुम जब चाहो, इसे देख सकते हो", माला ने कहा।
"सिर्फ देख सकता हूँ?" दीपक ने कहा
"देख भी सकते हो और जो करना चाहो वो भी कर सकते हो" माला ने उसे अपनी तरफ खींचते हुये जवाब दिया
दीपक उसके ऊपर चित्त लेट गया और पुछने लगा, "क्या आप तैयार हैं?"
"हाँ, मेरे पूरे बदन में आग लगी हुयी है और पूसी फड़क रही है... बुरी तरह", माला ने कहा
"क्या आपकी पूसी मेरे लिंग को अपने अंदर लेना चाहती है?" दीपक ने पूछा।
"हाँ... इस के लिए मेने बहुत इंतजार किया है। जब से तुम्हारे भैया चले गए.... मेने किसी से संबंध नहीं बनाया और तुम्हारे भैया के साथ भी ज्यादा बार नहीं हो पाया था।", माला ने बताया।
"क्या इसलिए ही आप हम दोनों के साथ इस यात्रा पर आयीं थी?", दीपक ने पूछा।
"हाँ, जब मेने इस ट्रिप के बारे में सुना था, तो मुझे लगा कि इस बार शायद तुम्हें पाने का मौका मिल सकता है,... और आज मिल ही गया॥" माला मुस्कुराते हुये बोली।
"तो अगर आप मुझे चाहती थी तो फिर कावेरी के साथ... वो सब क्या था? वो रात में उसकी कमीज में आपके हाथ....?", दीपक ने अपनी शंका रखी।
"उसके सहारे मैं तुम्हारे नजदीक आना चाह रही थी", कहते हुये माला ने उसके लिंग को अपनी योनि के छेद पर टच किया।
"बड़ी चालाक हो आप भाभी", दीपक ने अपने लिंग को अंदर की तरफ धकेलते हुये कहा।
और जब माला ने दीपक के लिंग को अपनी योनि की गहराइयों में जाते हुये महसूस किया तो बोली, "दीपक, अब जल्दी से कर डालो.... फक मी ... फक मी, प्लीज़!"
और जब माला ने उसका नाम लेकर उसे ऐसा बोला तो वो तुरंत चालू हो गया और उसने झटके लगाने शुरू कर दिये। माला अपने शरीर की दीपक के धड़ की तरफ धकेलती जब दीपक अपने लिंग को उसकी योनि में डाल रहा होता था।
"कई महीनो के बाद मेरी योनि में आज कोई लिंग घुसा है....आह॥!" माला बोले जा रही थी।
"मुझे पता है, भाभी पर आज से आप कभी भी मेरा लंड ले सकती हो!", दीपक ने कहा और उसके बाद उसने माला की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करने की स्पीड बढ़ा दी और फिर माला की चूत के अंदर अपना पूरा वीर्य निकाल कर ही रुका।
उधर माला को भी दो बार ओरगास्म हो चुका था और फिर वह दीपक के वीर्य की धार को अपनी योनि में महसूस कर पा रही थी। दीपक कुछ देर तक उसके ऊपर ही लेटा रहा और फिर जब उठा तो बोला "भाभी, बहुत अच्छा लगा"
"मुझे भी बहुत अच्छा लगा," माला बोली "पर अब हमे आगे चलना चाहिए!"
'हाँ भाभी, चलिये... ", दीपक ने अपने कपड़े पहनते हुये कहा। दोनों ने अपने कपड़े पहने और दीपक ने माला का हाथ पकड़ा और उसी दिशा में उस रास्ते में चल दिया जिस पर डेनियल और कावेरी गए थे। उसे ऐसा करते देख माला ने पूछा,"हम इस रास्ते पर क्यूँ जा रहे हैं?"
"चलो न...देखते हैं न की वो दोनों लोग क्या कर रहे हैं?", दीपक ने कहा।
"तो क्या तुम उन दोनों की जासूसी करोगे?" माला ने पूछा।
"नहीं... पर देखूँ तो सही की मेरी प्यारी पत्नी आखिर क्या कर रही है?", दीपक ने कहा।
"तब क्या होगा, अगर वो लोग भी वही सब कर रहे हों....?" माला ने पूछा
"वही तो मुझे देखना है....", दीपक ने कहा।
"तुम वास्तव में पागल हो..." माला ने हँसते हुये कहा।
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