FUN-MAZA-MASTI
हैलो दोस्तो, कैसे हैं आप? मेरी उम्र 25 साल है, लंबाई 5 फीट 8 इंच है। मेरा शरीर बहुत कसा हुआ है और लण्ड की लंबाई 8 इंच और मोटाई 3 इंच है। बचपन से ही किस्मत मुझ पर मेहरबान थी, सो पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहा और कॉलेज पूरा करते ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में मेरी जॉब लग गई। मेरा मासिक वेतन सत्तर हज़ार है, तो मेरी सारी जरूरतें बहुत अच्छी तरह से पूरी हो जाती हैं।
अब आता हूँ मुद्दे की बात पर, जिसको सुनने के लिए आप सभी के लंड और चूत बेकरारी से इंतज़ार कर रहे हैं।
मेरे ही ऑफिस में सुनयना नाम की एक मस्त लड़की काम करती थी, जो की एक बहुत ही कामुक दिखने वाली लड़की थी। उसकी उम्र 23 साल थी। उसका बदन तो माशाअल्लाह बहुत ही कमाल का था। जिसको देखकर किसी बुढ्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए। सुनयना का फिगर 36-34-36 था।
चूँकि वो इंदौर से थी और भोपाल में एक फ्लैट लेकर अकेली रहती थी। सुनयना से मेरी अच्छी पटती थी। उसका सेक्सी फिगर बहुत ही कयामत बरसाता था। मज़ाक-मज़ाक में ही मैं कभी भी उसके शरीर को छू लेता था, लेकिन वो बस हँस देती थी।
मैं अक्सर अपने लैपटॉप पर कहानियाँ पढ़ता रहता था। एक दिन वो मेरा लैपटॉप माँगने लगी। मैंने भी मना नहीं किया और दे दिया।
कुछ देर बाद उसने मुझे लैपटॉप वापिस कर दिया और कहा कि वो मेरे साथ मेरे फ्लैट पर जाना चाहती है क्योंकि उसको मुझसे कोई ज़रूरी बात करनी है।
मेरे दिमाग़ में शक़ हुआ, लेकिन मैंने मना नहीं किया। उस दिन उसने काली स्कर्ट और नीली टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें वो बिल्कुल सन्नी लियोन जैसी लग रही थी।
मैंने उसको पीछे बाइक पर बिठाया और अपने फ्लैट की तरफ चल पड़ा। बीच-बीच में स्पीड पर एकदम से ब्रेक मार देता ताकि उसके मस्त मम्मे मेरी पीठ पर टकरा कर मुझे मज़ा दे सकें।
वो भी मेरी इस हरकत का मजा ले रही थी। धीरे से मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया। वो उसको पैंट के ऊपर से ही दबाने लगी। इतने में बारिश भी होने लगी। अब तो मौसम भी बड़ा रोमान्टिक हो चुका था।
मेरे फ्लैट पर पहुँचकर हम दोनों अन्दर घुसे। मैंने लैपटॉप चालू कर दिया और मैं रसोई में कॉफी बनाने चला गया। कॉफी लेकर बाहर आया तो देखा, सुनयना कुछ अजीब सी हरकतें कर रही थी और उसके बिंदास मम्मे हिल रहे थे। जब पीछे से चुपके से जाकर देखा तो वो कहानी पढ़ रही थी।
मैंने पीछे से जाकर उसको अपनी बाँहों में ले लिया। वो चौंक गई, लेकिन उसने मना नहीं किया। कुछ ही देर में हम दोनों बिस्तर पर थे।
हम दोनों का चुम्बन शुरू हो गया, वो मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर चूसने लगी।
एक अजीब सा नशा हम दोनों के शरीर में दौड़ रहा था। मैं एक हाथ से उसके मम्मे दबा रहा था और दूसरे हाथ से जाँघ सहलाने लगा। वो भी तब तक मस्ती में आ चुकी थी।
मैंने उठकर लैपटॉप पर एक ब्लू फिल्म लगा दी, जिससे हम दोनों के बीच की रही-सही शर्म भी मर गई। मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया। अन्दर उसने नीले रंग की ब्रा पहनी थी जिसमें से उसके मस्त मम्मे झाँक रहे थे। मैंने ब्रा उतार दी तो उसकी दोनों मस्त चूचियाँ उछल कर बाहर आ गईं। मैंने दोनों हाथों से उनको पकड़ा और उनको दबा-दबा कर उनके गुलाबी चूचुक चूसने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी।
उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रखने के लिए मेरी पैंट की ज़िप खोल दी। वो मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को मसलने लगी। मेरा लण्ड भी टनटना गया और कड़क हो गया।
उसके बाद मैंने उसकी जाँघों से उसका स्कर्ट पूरी तरहा हटा दिया, अन्दर भी उसने काले रंग की ही चड्डी पहनी थी, उसको उतार कर मैंने उसकी जाँघें चौड़ी कीं, तो देखा वहाँ से एक तरह की मदहोश कर देने वाली खुश्बू आ रही थी। मैं तुरंत ही उसकी भगनासा को अपनी जीभ से छेड़ने लगा, वो बुरी तरह से सिसयाने लगी।
दोस्तों उसकी मदनमणि बिल्कुल गुलाबी थी और बिल्कुल मोती की तरह चमक रही थी। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत की कलिकाओं को खोला, बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों की तरह नाज़ुक और गुलाबी थीं।
मैं उसे चाटने लगा उसका चेहरा पूरी तरह से लाल भभूका हो रहा था। उसकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया।
उसके बाद मैंने अपना लण्ड निकाला और उसके हाथ में पकड़ा दिया। उसने बड़ी प्यारी तरह से अपने नाज़ुक और रसीले होंठों में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। जब वो अपनी जीभ मेरे लण्ड के छेद में घुसाती, तो कसम से यारों जन्नत नज़र आ जाती। मेरे लण्ड के सुपारे को उसने गोलाई में जीभ फिराना शुरू किया।
उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गए और एक-दूसरे को मज़े देते रहे।
करीब बीस मिनट बाद बोली- जान, अब रहा नहीं जाता, जल्दी से मेरी चूत में अपने लण्ड को सैर करवा दो।
मैंने भी कहा- डोंट-वरी जान, यह लण्ड तो बना ही तुम्हारी चूत में सैर करने के लिए।
उसने अपनी जाँघें चौड़ी कर लीं और अपने हाथ से अपनी चूत को खोल लिया और बड़े ही कामुक अंदाज में बोली- कम ऑन जानू.. चोद-चोद कर मेरी चूत फाड़ डालो..!
मैंने भी अपने लण्ड का सुपारा उसके भगनासे पर रगड़ा और उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी, इसलिए उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। लेकिन मैंने उसके मुँह पर अपने होंठों से उसकी चिल्लम-पों को दबा दिया और अपनी काम वासना को और जगा दिया।
मेरा आठ इंच का लण्ड बड़ी मुश्किल से उसकी नाज़ुक चूत में गया। लेकिन जब गया, तो दोनों ही काम के सागर में गोते लगाने लगे। वो भी नीचे से अपने नितंब उठा-उठा कर चुदवाने लगी।
उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं और कहने लगी- चोदो हार्दिक.. चोदो.. वाकई तुम्हारा लण्ड कमाल का है.. फाड़ डालो मेरी भोसड़ी को.. बना लो मुझे अपने बिस्तर की दुल्हन..!
मैं भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोल रहा था- आजा मेरी रानी, ले ले मेरा लंड अपनी चूत में.. खूब चुद मेरी जान.. अपने इस आशिक से..!
हम दोनों यूँ कहें कि एक-दूसरे में समाने की ज़िद कर रहे थे। दोनों में से कोई भी पीछे नहीं था, शायद इस समंदर में खो जाना चाहते थे। लगभग 45 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ गया। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था।
उसके बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा। पाँच मिनट बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में निकल गया। उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे के जिस्म से ऐसे चिपक गए जैसे फेविकोल का जोड़।
उस रात हम दोनों ने चार बार घमासान चुदाई की।
उस दिन के बाद जब भी हमको मौका मिलता, हम मस्त चुदाई करते।
उसके बाद उसने उसकी कई सहेलियों की चूत मुझे दिलवाई।
दोस्तो, मेरे लण्ड में एक बात है कि वो कम से कम एक घंटे की चुदाई माँगता है। इस बीच कई लड़कियाँ 2-4 बार तो झड़ ही जाती हैं। इसलिए सुनयना और उसकी सारी सहेलियाँ, मेरे इस आठ इंच के लण्ड की दीवानी हैं।
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कम ऑन जानू
हैलो दोस्तो, कैसे हैं आप? मेरी उम्र 25 साल है, लंबाई 5 फीट 8 इंच है। मेरा शरीर बहुत कसा हुआ है और लण्ड की लंबाई 8 इंच और मोटाई 3 इंच है। बचपन से ही किस्मत मुझ पर मेहरबान थी, सो पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहा और कॉलेज पूरा करते ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में मेरी जॉब लग गई। मेरा मासिक वेतन सत्तर हज़ार है, तो मेरी सारी जरूरतें बहुत अच्छी तरह से पूरी हो जाती हैं।
अब आता हूँ मुद्दे की बात पर, जिसको सुनने के लिए आप सभी के लंड और चूत बेकरारी से इंतज़ार कर रहे हैं।
मेरे ही ऑफिस में सुनयना नाम की एक मस्त लड़की काम करती थी, जो की एक बहुत ही कामुक दिखने वाली लड़की थी। उसकी उम्र 23 साल थी। उसका बदन तो माशाअल्लाह बहुत ही कमाल का था। जिसको देखकर किसी बुढ्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए। सुनयना का फिगर 36-34-36 था।
चूँकि वो इंदौर से थी और भोपाल में एक फ्लैट लेकर अकेली रहती थी। सुनयना से मेरी अच्छी पटती थी। उसका सेक्सी फिगर बहुत ही कयामत बरसाता था। मज़ाक-मज़ाक में ही मैं कभी भी उसके शरीर को छू लेता था, लेकिन वो बस हँस देती थी।
मैं अक्सर अपने लैपटॉप पर कहानियाँ पढ़ता रहता था। एक दिन वो मेरा लैपटॉप माँगने लगी। मैंने भी मना नहीं किया और दे दिया।
कुछ देर बाद उसने मुझे लैपटॉप वापिस कर दिया और कहा कि वो मेरे साथ मेरे फ्लैट पर जाना चाहती है क्योंकि उसको मुझसे कोई ज़रूरी बात करनी है।
मेरे दिमाग़ में शक़ हुआ, लेकिन मैंने मना नहीं किया। उस दिन उसने काली स्कर्ट और नीली टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें वो बिल्कुल सन्नी लियोन जैसी लग रही थी।
मैंने उसको पीछे बाइक पर बिठाया और अपने फ्लैट की तरफ चल पड़ा। बीच-बीच में स्पीड पर एकदम से ब्रेक मार देता ताकि उसके मस्त मम्मे मेरी पीठ पर टकरा कर मुझे मज़ा दे सकें।
वो भी मेरी इस हरकत का मजा ले रही थी। धीरे से मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया। वो उसको पैंट के ऊपर से ही दबाने लगी। इतने में बारिश भी होने लगी। अब तो मौसम भी बड़ा रोमान्टिक हो चुका था।
मेरे फ्लैट पर पहुँचकर हम दोनों अन्दर घुसे। मैंने लैपटॉप चालू कर दिया और मैं रसोई में कॉफी बनाने चला गया। कॉफी लेकर बाहर आया तो देखा, सुनयना कुछ अजीब सी हरकतें कर रही थी और उसके बिंदास मम्मे हिल रहे थे। जब पीछे से चुपके से जाकर देखा तो वो कहानी पढ़ रही थी।
मैंने पीछे से जाकर उसको अपनी बाँहों में ले लिया। वो चौंक गई, लेकिन उसने मना नहीं किया। कुछ ही देर में हम दोनों बिस्तर पर थे।
हम दोनों का चुम्बन शुरू हो गया, वो मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर चूसने लगी।
एक अजीब सा नशा हम दोनों के शरीर में दौड़ रहा था। मैं एक हाथ से उसके मम्मे दबा रहा था और दूसरे हाथ से जाँघ सहलाने लगा। वो भी तब तक मस्ती में आ चुकी थी।
मैंने उठकर लैपटॉप पर एक ब्लू फिल्म लगा दी, जिससे हम दोनों के बीच की रही-सही शर्म भी मर गई। मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया। अन्दर उसने नीले रंग की ब्रा पहनी थी जिसमें से उसके मस्त मम्मे झाँक रहे थे। मैंने ब्रा उतार दी तो उसकी दोनों मस्त चूचियाँ उछल कर बाहर आ गईं। मैंने दोनों हाथों से उनको पकड़ा और उनको दबा-दबा कर उनके गुलाबी चूचुक चूसने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी।
उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रखने के लिए मेरी पैंट की ज़िप खोल दी। वो मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को मसलने लगी। मेरा लण्ड भी टनटना गया और कड़क हो गया।
उसके बाद मैंने उसकी जाँघों से उसका स्कर्ट पूरी तरहा हटा दिया, अन्दर भी उसने काले रंग की ही चड्डी पहनी थी, उसको उतार कर मैंने उसकी जाँघें चौड़ी कीं, तो देखा वहाँ से एक तरह की मदहोश कर देने वाली खुश्बू आ रही थी। मैं तुरंत ही उसकी भगनासा को अपनी जीभ से छेड़ने लगा, वो बुरी तरह से सिसयाने लगी।
दोस्तों उसकी मदनमणि बिल्कुल गुलाबी थी और बिल्कुल मोती की तरह चमक रही थी। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत की कलिकाओं को खोला, बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों की तरह नाज़ुक और गुलाबी थीं।
मैं उसे चाटने लगा उसका चेहरा पूरी तरह से लाल भभूका हो रहा था। उसकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया।
उसके बाद मैंने अपना लण्ड निकाला और उसके हाथ में पकड़ा दिया। उसने बड़ी प्यारी तरह से अपने नाज़ुक और रसीले होंठों में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। जब वो अपनी जीभ मेरे लण्ड के छेद में घुसाती, तो कसम से यारों जन्नत नज़र आ जाती। मेरे लण्ड के सुपारे को उसने गोलाई में जीभ फिराना शुरू किया।
उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गए और एक-दूसरे को मज़े देते रहे।
करीब बीस मिनट बाद बोली- जान, अब रहा नहीं जाता, जल्दी से मेरी चूत में अपने लण्ड को सैर करवा दो।
मैंने भी कहा- डोंट-वरी जान, यह लण्ड तो बना ही तुम्हारी चूत में सैर करने के लिए।
उसने अपनी जाँघें चौड़ी कर लीं और अपने हाथ से अपनी चूत को खोल लिया और बड़े ही कामुक अंदाज में बोली- कम ऑन जानू.. चोद-चोद कर मेरी चूत फाड़ डालो..!
मैंने भी अपने लण्ड का सुपारा उसके भगनासे पर रगड़ा और उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी, इसलिए उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। लेकिन मैंने उसके मुँह पर अपने होंठों से उसकी चिल्लम-पों को दबा दिया और अपनी काम वासना को और जगा दिया।
मेरा आठ इंच का लण्ड बड़ी मुश्किल से उसकी नाज़ुक चूत में गया। लेकिन जब गया, तो दोनों ही काम के सागर में गोते लगाने लगे। वो भी नीचे से अपने नितंब उठा-उठा कर चुदवाने लगी।
उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं और कहने लगी- चोदो हार्दिक.. चोदो.. वाकई तुम्हारा लण्ड कमाल का है.. फाड़ डालो मेरी भोसड़ी को.. बना लो मुझे अपने बिस्तर की दुल्हन..!
मैं भी उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोल रहा था- आजा मेरी रानी, ले ले मेरा लंड अपनी चूत में.. खूब चुद मेरी जान.. अपने इस आशिक से..!
हम दोनों यूँ कहें कि एक-दूसरे में समाने की ज़िद कर रहे थे। दोनों में से कोई भी पीछे नहीं था, शायद इस समंदर में खो जाना चाहते थे। लगभग 45 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ गया। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था।
उसके बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा। पाँच मिनट बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में निकल गया। उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे के जिस्म से ऐसे चिपक गए जैसे फेविकोल का जोड़।
उस रात हम दोनों ने चार बार घमासान चुदाई की।
उस दिन के बाद जब भी हमको मौका मिलता, हम मस्त चुदाई करते।
उसके बाद उसने उसकी कई सहेलियों की चूत मुझे दिलवाई।
दोस्तो, मेरे लण्ड में एक बात है कि वो कम से कम एक घंटे की चुदाई माँगता है। इस बीच कई लड़कियाँ 2-4 बार तो झड़ ही जाती हैं। इसलिए सुनयना और उसकी सारी सहेलियाँ, मेरे इस आठ इंच के लण्ड की दीवानी हैं।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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