FUN-MAZA-MASTI
बदनाम रिश्ते--राजन के कारनामे--7
आंटी उछलकर बैठती हुई बोली - ये क्या कह रहे हो .....मै उसकी माँ हूँ ..वो मेरा बेटा है ....मै उसके साथ कैसे ....नहीं ......नही....बिल्कुल नहीं ........
मैंने आंटी की मुलाएम जाँघों को सहलाते हुए कहा - अगर वो आपका बेटा है तो मै भी आपके बेटे सरीखा हूँ ....जब मै आपको चोद सकता हूँ तो वरुण क्यों नहीं .....? फिर भी सोंच लीजिये जिस बेटे को बचाने के लिए बेटे के दोस्त से अपनी ये मखमली चूत ( तब तक मैंने अपनी बीच की ऊँगली उनके बुर में पेल दिया ) मरवा ली , वही बेटा अगर आपकी चूत चोदकर ठीक हो सकता है तो क्यों नहीं ......
तुम समझते क्यों नहीं ......आंटी खींजे स्वर में बोली - शायद वह भी तैयार न हो ....उसकी बात मै नहीं जानती , मै खुद ही उसके बारे में कल्पना नहीं कर सकती ....ना ...ना .....हमारा समाज इसकी इजाजत ही नहीं देता |
मै सब समझता हूँ आंटी ......मै उनको पुचकारते हुए बोला - जहाँ तक समाज का सवाल है ..उसे मारीये गोली ....इकलौता बच्चा आपका वर्वाद हो रहा है , समाज को क्या पड़ी है ....और उसे बताने कौन जाएगा ....मै ?......वरुण ?.........या आप ?
..और हाँ ! जहां तक आपकी मानसिक असमंजस की स्थिति है मै उसमे आपकी सहायता कर सकता हूँ |
आंटी उत्सुकता से पूछी - वो कैसे ?
मै प्यार से बोला- मै जब भी आपकी चूत बजा रहा होऊं तो आप ये कल्पना करना की वरुण आपको चोद रहा है .....सिर्फ सोंचना ही नहीं है बोलना भी है .....इसी तरह जब आप बोल-बोल के बार -बार चुदाएंगी तभी आप मानसिक रूप से तैयार हो पाएंगी ....देखिये आपको अपना बेटा बचाना है ... फिर इसके बाद उसे seduce (रिझाना ) भी है ,वैसे आपकी बड़ी-बड़ी चुन्चियों का वह पहले से ही दीवाना है .....ललचाइये उसे ....
फिर भी .....आंटी हल्का विरोध सी करती हुई बोली --फिर भी अपने ऊपर उसकी कल्पना नहीं कर सकती |
मैंने कहा - फिर आँखे बंद करके मुझे वरुण समझिये |
अरे नहीं ......आंटी ने प्रतिवाद किया - जब भी आँख खोलूंगी तुम्हे ही तो देखूंगी ...फिर कल्पना कैसे होगी |
अब मुझे लगा की आंटी अब लाइन पर आ रही है , मैंने बोला - वो मुझ पर छोड दीजिये ......
फिर मैंने कुर्सी पर रखी उनकी चुन्नी उठाकर आंटी के पीछे जाकर उनके आँखों पर पट्टी की तरह बाँध दिया .........
चुन्नी बिल्कुल काली पट्टी की तरह काम कर रही थी | मैंने फिर आंटी को लिटा दिया और गौर से उनके पुरे शारीर को निहारने लगा | क्या मस्त लग रही थी ...हलकी झांटो से भरी बुर को मै नजदीक से देखने लगा ......तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैंने अपना मोबाइल उठाकर उसे साइलेंट मोड पर करके फटाफट आंटी के तीन-चार स्नैप्स ले लिया ...फिर बुर को ज़ूम करके दो फोटो निकाली | तभी मेरे शैतानी दिमाग में एक और आइडिया सुझा ....अब मै आंटी को चुदाई करते हुए उनकी विडियो बनाना चाहता था ....लेकिन उसमे एक रिस्क था ...मै अपनी आवाज उसने नहीं रखना चाहता था | इसलिए मैंने आंटी को बोला - आंटीजी ! मै धीरे धीरे फुसफुसा कर बोलूँगा ..वो बोली - क्यों ?
मै बोला - जब मै धीरे धीरे सेक्सी और husky voice में बोलूंगा तो आपको और सेक्स चढ़ेगा और आपको अपने बेटे के बारे में imagine करने में सुविधा होगी |
आंटी बोली - ठीक है ...
अब मेरा पूरा प्लॉट तैयार था | मोबाइल को विडियो मोड पर रखकर अपने पीछे टेबल पर सेट कर दिया , वहां से मेरी पीठ विडियो में आ रही थी ,पर आंटी का पूरा चेहरा ..पूरा जिस्म विडियो में कैद हो रहा था फिर धीरे से फुसफुसाया - मम्मी ! मै आपका दूध पिउं ?....
हाँ बेटा! पी ले ...इसी दूध को पीकर तू बड़ा हुआ है .....लेकिन अब तेरे दांत निकल आये है ....काटना नहीं ...
मै अब आंटी की दोनों चुचियों को पकरकर सहलाने लगा और बारी-बारी से दोनों चूचको को चुभलाने लगा ज्यों-ज्यों मै चूचको को चुभला रहा था , त्यों - त्यों वो अग्रिम प्रत्याशा में कड़ी होती जा रही थी | आंटी उतेजना में गहरी साँसे लेनी शुरू कर दी ....बीच -बीच में अपनी छाती उछालकर अपने अप्रतिम आनंद की अभिव्यक्ति कर रही थी लगभग ५ मिनट तक मै चूसता रहा ...मेरा मुह दुखने लगा तो मै आंटी के गालों की तरफ चढ़ा |
मम्मी ! केवल दांत ही नहीं......मेरे शारीर में अब कांटे भी निकल आयें है ...ये पकड़ो .....अपना लौड़ा आंटी के हांथो में पकडाते हुए उनके कान में फुसफुसाया ........और आंटी के कान के लबों पर अपना जीभ फिराया .....
आँ......आउच..( जब मैंने कान के लबों को दांतों से काटा , फिर अपना जीभ उनके गालों पर फिर फिराने लगा )
आ ...ह .......इ स्स...................आंटी हलके - हलके सिसिया रही रही थी
फिर मै आंटी के गालों को चाटने लगा ....बीच-बीच में गालों पर हल्के दांत भी गडाने लगा ..मुझे बहुत मजा आ रहा था ...आंटी भी मेरे लंड को सहलाकर .....मसलकर( जब मै दांतों से गालों को काटता तो वो लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मसलने लगती ) मूसल बना रही थी | अब मैंने आंटी के होंटों को अपने होंटों से दबाकर चूसने लगा और अपने दोनों हांथो से उनकी बड़ी बड़ी चुन्चियों को मसलने लगा ....
आ...ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...........आंटी मेरे मुंह से अपना मुंह हटाते हुए सिसकी ..........बेटा ! इतनी बेदर्दी से मेरी चूचियां मत दबाओ....आखिर , मै तुम्हारी माँ हूँ .......
मै फुसफुसाया - तू माँ नहीं एक नंबर की चुदक्कड़ रंडी है .....अपने बेटे का लंड मसल रही है ......तेरी बुर चुदने के लिए तडफड़ा रही रही है .......बोल चुदेगी अपने बेटे से ....
अचानक पता नहीं क्या हुआ ...आंटी उतेजना में जोर जोर से बोलने लगी - हाँ , वरुण बेटा हाँ ! .....आज चोद ले अपनी माँ को जी भरके .......मै तेरे लंड के लिए तड़प रही हूँ ......घुसा दे अपने मुसल को मेरी बुर में ......देख यही से तो तू आया है ....(आंटी ने मेरा लंड छोड़कर अपनी बुर को अपने हांथो से छितराकर दिखाने लगी )
मै भी उठकर बैठ गया और आंटी की छितराई बुर को देखने लगा | आह ...मजा आ गया ......बुर के अन्दर की बिल्कुल सफ़ेद मांस दिख रहा था जिसमे से रिसकर मदनरस बाहर आ रहा था .... मैंने अपना मोबाइल उठाया और बुर का क्लोजअप शॉट लेने लगा , फिर मैंने ऑडियो पर ऊँगली रखकर (अपना आवाज छिपाते हुए ) आंटी से कहा - मम्मी ! जरा अपनी बुर को उँगलियों से चोदो , मुझे तुम्हे मास्टरवेट करते हुए देखना है ....
उईईइ....(आंटी ने बुर में अपनी दो उँगलियाँ डाली )........बदमाश कही के ! घोड़े जैसा लंड रखकर भी अपनी माँ को उन्ग्लीचोदन के लिए कह रहा है ...........आ...ह...ह.........इ...स्स.....स्स.........अब ....बर्दास्त.... नहीं ....हो रहा है .......पेल दे ....आ..ह....बेटा ...अपनी ...माँ को क्यों तडपा रहा है .....बस....अब चोद ....मुझे ..
मै फटाफट इतने अच्छे दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर रहा था , अब लेकिन मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था | ऑडियो पर ऊँगली रखते मै फिर बोला- मम्मी! तू तो मस्त चुदासी है ...अपने बेटे के लंड खाने के लिए मरी जा रही है ....अब देख मै कैसे फाड़ता हूँ तेरी बुर ......चाहे तू जितना चिल्ला .....बिना फाड़े नहीं मानूंगा ......ले संभाल अपने बेटे का गदहलंड .....
मैंने आंटी के जांघो को पकड़कर अपने कंधे पर डाला और उनके ऊपर झुककर अपना मूसल उनके ओखल में एक ही झटके में धांस दिया .....४० साल की फटी बुर मेरे प्रथम प्रहार से और फटती हुई बिलबिला उठी......
मार.... दिया..... रे ........हाय रे........ मेरे.... जालिम......चोदू.......आ......ह्ह्ह्ह्ह,,,,,,,,,फ..ट....गयी...मेरी.............................अपनी....माँ....को....इतनी.....बेदर्दी.....से...ना..............चो..द...........इ....स्स.................मै गयी.....इ..इ...इ.....ई........| ये क्या...... आंटी तो दो तीन झटको में ही झड़ने लगी , मै सबेरे से तीन बार झड चूका था मै इतनी जल्दी तो कभी नहीं आ सकता था .......इसलिए मै लगातार चोदे जा रहा था ....लगभग १० मिनट तक मै दनादन चोदता रहा.........आंटी के बुर से पानी नहीं झड़ना बह रहा था .....पूरा कमरा फच-फच ...घच-घच...की आवाज से गूंज रहा था .....इस दौरान आंटी का शारीर कई बार तना और रिलैक्स हुआ |
मै एक हाथ से आंटी की चुदते हुए एक्सप्रेशन की विडियो बना रहा था , फिर विडियो बंद कर मैंने आंटी के आँखों की पट्टी को खोल दिया | आंटी बार-बार छोड़ दे बेटा ....छोड़ दे बेटा ....अब मत चोद.....मेरे में अब जान नहीं है ....मेरी बुर भी चनचना रही है ( शायद मेरे लंड ने बुर का कोई कोना छिल दिया था )........| मै अब भी झड़ा तो नहीं था ,लेकिन एक ही आसन में चोदते-चोदते थोडा थक गया था | मैंने आसन बदलने के लिए लंड को बाहर निकाला तो आंटी जान में जान आई , वो तुरंत छिटककर बिस्तर के किनारे बैठ गयी | मै बिस्तर के नीचे खडा हो गया .....मेरा लंड अब भी फुफकार रहा था ......
मैंने कहा - मम्मी ...घोड़ी बन जा ...अब मै पीछे से चोदुंगा .....
वो बोली - अरे नही बेटा ! .....बस अब बहुत हो गया .....
मैंने प्रतिवाद किया - मेरा मन अभी भरा नहीं है .......देख माँ ! .मेरा लंड भी अभी झडा नहीं है ......
नहीं बेटा ....तू समझता क्यों नहीं है .....मेरे बुर में जलन हो रही है .....
मैंने कहा - तू घोड़ी तो बन .....पीछे से तेरी बुर देखकर मै मुठ मारूंगा .....
वो अनमने मन से घोड़ी बन गयी ...........
चूँकि मै घर से तैयारी करके चला था , मैंने फटाफट नीचे पड़ी पैन्ट की जेब से वेसलिन निकाला और अपने दाहिने हाथों में चुपड़कर आंटी के पीछे खडा हो गया ........बाएं हाथ से अपना लंड सहला रहा था और दाहिने हाथ की उँगलियों से गांड के छेद को सहलाते हुए धीरे धीरे वेसलिन की सहायता से गांड में ऊँगली पेल रहा था ..आंटी एक दो बार ऊँगली घुसने पर चिहुंकी और पीछे मुडकर देखि ...मुझे एक हाथ से मुठ मारते हुए देखकर फिर अपनी आँखे बंद कर मजा लेने लगी | धीरे धीरे मैंने ढेर सारी वेसलिन आंटी के गांड में डाल दिया |अब मैंने बाए हाथ की उँगलियाँ आंटी गांड को लगा दिया और वेसलिन चपड़े हाथों से लंड मुठीयाने लगा | आंटी को लग रहा था की मै मुठ मारकर शांत हो जाउंगा पर मेरा इरादा कुछ और था ........धीरे धीरे मैंने लंड को गांड के छेद के पास लाया और फिर इससे पहले की आंटी कुछ समझती मैंने झटके से आंटी को दबोच कर आंटी के गांड में अपना लंड पेल दिया ....आंटी जोर से चिला उठी ....आह....मर....गई .......ये क्या किया..........और बंधनमुक्त होने के लिए छटपटाने लगी ....लेकिन मैंने मजबूती से पकड़ रखा था वो निकल नहीं पाई | वो चिल्लाती रही और मै अपने एक तिहाई लंड से उनकी गांड मारता रहा .....अंत में उन्होंने अपना शारीर ढीला छोड दिया और बडबडाने लगी ,,,,मार ले बेटा .....अपनी मम्मी की गांड भी मार ले ........शायद अब उनको मजा ....फिर मै जोर जोर से आंटी की गांड मारने लगा ......आंटी भी मेरे हर धक्के का जबाब अपनी गांड पीछे करके दे रही थी ... .और अंत में एक जोरदार हुंकार के साथ फलफलाकर उनके गांड में ही झड़ने लगा.....अब आंटी निढाल होकर पेट के बल पड़ी थी और उनके गांड से जीवनश्रृष्टिरस थोड़े थोड़े अंतराल पर निकलकर मखमली चूत को भिगोते हुए बिस्तर के चादर में समा रहा था | मैंने उनको उसी अवस्था में छोड़कर अपना कपड़ा पहनकर मोबाइल लेकर घर आ गया .........
इसके बाद मैंने आंटी को कई बार चोदा और गांड भी मारी | पहले शुरुआत में तो उनके आँखों को पट्टी बांधकर ही वरुण के बारे में इमेजिनेशन करवाई , परन्तु बाद में आंटी खुली आँखों से भी मेरे से चुदते वक्त अपने बेटे की कल्पना करने लगी थी ...वास्तव में वो अपने बेटे को सही दिशा दिखाना चाहती थी |इसलिए वो कई बार मुझसे पूछ लेती---वरुण को अपनी तरफ कैसे आकर्षित करूँ...... बेटा बताओ ?
मैंने बताया - आंटी आप अपने चूचियां जान- भुझकर वरुण को दिखाइये ...कभी किसी बहाने.....कभी किसी और बहाने से ...अपनी खुली फड़कती बुर दिखाइए बहाने से .....फिर देखिये .....किसी न किसी दिन वरुण आपको पकड़ के चोदेगा जरुर .......
हाँ ! वो अगर आपको चोदते समय फेल भी हो जाए ....मेरा मतलब है कि आपको संतुष्ट न कर पाए तब भी आपको उसका हौसला बढ़ाना है , ये याद रखियेगा | आंटी को टिप्स बताकर , फिर उनको जी भरके चोदकर घर तो आ जाता, पर मेरा खुद का मन व्याकुल रहने लगा ......जब भी घर पर आंटी की चुदाई की विडियो मोबाइल पर देखता ...जिसमे वो वो मुझसे बेटा .-बेटा कहकर चुदवा रही है ......मेरा मन अपनी माँ के इर्द-गिर्द घुमने लगता.....................क्या वो भी कभी मेरे साथ ......................?...................??
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आंटी उछलकर बैठती हुई बोली - ये क्या कह रहे हो .....मै उसकी माँ हूँ ..वो मेरा बेटा है ....मै उसके साथ कैसे ....नहीं ......नही....बिल्कुल नहीं ........
मैंने आंटी की मुलाएम जाँघों को सहलाते हुए कहा - अगर वो आपका बेटा है तो मै भी आपके बेटे सरीखा हूँ ....जब मै आपको चोद सकता हूँ तो वरुण क्यों नहीं .....? फिर भी सोंच लीजिये जिस बेटे को बचाने के लिए बेटे के दोस्त से अपनी ये मखमली चूत ( तब तक मैंने अपनी बीच की ऊँगली उनके बुर में पेल दिया ) मरवा ली , वही बेटा अगर आपकी चूत चोदकर ठीक हो सकता है तो क्यों नहीं ......
तुम समझते क्यों नहीं ......आंटी खींजे स्वर में बोली - शायद वह भी तैयार न हो ....उसकी बात मै नहीं जानती , मै खुद ही उसके बारे में कल्पना नहीं कर सकती ....ना ...ना .....हमारा समाज इसकी इजाजत ही नहीं देता |
मै सब समझता हूँ आंटी ......मै उनको पुचकारते हुए बोला - जहाँ तक समाज का सवाल है ..उसे मारीये गोली ....इकलौता बच्चा आपका वर्वाद हो रहा है , समाज को क्या पड़ी है ....और उसे बताने कौन जाएगा ....मै ?......वरुण ?.........या आप ?
..और हाँ ! जहां तक आपकी मानसिक असमंजस की स्थिति है मै उसमे आपकी सहायता कर सकता हूँ |
आंटी उत्सुकता से पूछी - वो कैसे ?
मै प्यार से बोला- मै जब भी आपकी चूत बजा रहा होऊं तो आप ये कल्पना करना की वरुण आपको चोद रहा है .....सिर्फ सोंचना ही नहीं है बोलना भी है .....इसी तरह जब आप बोल-बोल के बार -बार चुदाएंगी तभी आप मानसिक रूप से तैयार हो पाएंगी ....देखिये आपको अपना बेटा बचाना है ... फिर इसके बाद उसे seduce (रिझाना ) भी है ,वैसे आपकी बड़ी-बड़ी चुन्चियों का वह पहले से ही दीवाना है .....ललचाइये उसे ....
फिर भी .....आंटी हल्का विरोध सी करती हुई बोली --फिर भी अपने ऊपर उसकी कल्पना नहीं कर सकती |
मैंने कहा - फिर आँखे बंद करके मुझे वरुण समझिये |
अरे नहीं ......आंटी ने प्रतिवाद किया - जब भी आँख खोलूंगी तुम्हे ही तो देखूंगी ...फिर कल्पना कैसे होगी |
अब मुझे लगा की आंटी अब लाइन पर आ रही है , मैंने बोला - वो मुझ पर छोड दीजिये ......
फिर मैंने कुर्सी पर रखी उनकी चुन्नी उठाकर आंटी के पीछे जाकर उनके आँखों पर पट्टी की तरह बाँध दिया .........
चुन्नी बिल्कुल काली पट्टी की तरह काम कर रही थी | मैंने फिर आंटी को लिटा दिया और गौर से उनके पुरे शारीर को निहारने लगा | क्या मस्त लग रही थी ...हलकी झांटो से भरी बुर को मै नजदीक से देखने लगा ......तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैंने अपना मोबाइल उठाकर उसे साइलेंट मोड पर करके फटाफट आंटी के तीन-चार स्नैप्स ले लिया ...फिर बुर को ज़ूम करके दो फोटो निकाली | तभी मेरे शैतानी दिमाग में एक और आइडिया सुझा ....अब मै आंटी को चुदाई करते हुए उनकी विडियो बनाना चाहता था ....लेकिन उसमे एक रिस्क था ...मै अपनी आवाज उसने नहीं रखना चाहता था | इसलिए मैंने आंटी को बोला - आंटीजी ! मै धीरे धीरे फुसफुसा कर बोलूँगा ..वो बोली - क्यों ?
मै बोला - जब मै धीरे धीरे सेक्सी और husky voice में बोलूंगा तो आपको और सेक्स चढ़ेगा और आपको अपने बेटे के बारे में imagine करने में सुविधा होगी |
आंटी बोली - ठीक है ...
अब मेरा पूरा प्लॉट तैयार था | मोबाइल को विडियो मोड पर रखकर अपने पीछे टेबल पर सेट कर दिया , वहां से मेरी पीठ विडियो में आ रही थी ,पर आंटी का पूरा चेहरा ..पूरा जिस्म विडियो में कैद हो रहा था फिर धीरे से फुसफुसाया - मम्मी ! मै आपका दूध पिउं ?....
हाँ बेटा! पी ले ...इसी दूध को पीकर तू बड़ा हुआ है .....लेकिन अब तेरे दांत निकल आये है ....काटना नहीं ...
मै अब आंटी की दोनों चुचियों को पकरकर सहलाने लगा और बारी-बारी से दोनों चूचको को चुभलाने लगा ज्यों-ज्यों मै चूचको को चुभला रहा था , त्यों - त्यों वो अग्रिम प्रत्याशा में कड़ी होती जा रही थी | आंटी उतेजना में गहरी साँसे लेनी शुरू कर दी ....बीच -बीच में अपनी छाती उछालकर अपने अप्रतिम आनंद की अभिव्यक्ति कर रही थी लगभग ५ मिनट तक मै चूसता रहा ...मेरा मुह दुखने लगा तो मै आंटी के गालों की तरफ चढ़ा |
मम्मी ! केवल दांत ही नहीं......मेरे शारीर में अब कांटे भी निकल आयें है ...ये पकड़ो .....अपना लौड़ा आंटी के हांथो में पकडाते हुए उनके कान में फुसफुसाया ........और आंटी के कान के लबों पर अपना जीभ फिराया .....
आँ......आउच..( जब मैंने कान के लबों को दांतों से काटा , फिर अपना जीभ उनके गालों पर फिर फिराने लगा )
आ ...ह .......इ स्स...................आंटी हलके - हलके सिसिया रही रही थी
फिर मै आंटी के गालों को चाटने लगा ....बीच-बीच में गालों पर हल्के दांत भी गडाने लगा ..मुझे बहुत मजा आ रहा था ...आंटी भी मेरे लंड को सहलाकर .....मसलकर( जब मै दांतों से गालों को काटता तो वो लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मसलने लगती ) मूसल बना रही थी | अब मैंने आंटी के होंटों को अपने होंटों से दबाकर चूसने लगा और अपने दोनों हांथो से उनकी बड़ी बड़ी चुन्चियों को मसलने लगा ....
आ...ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...........आंटी मेरे मुंह से अपना मुंह हटाते हुए सिसकी ..........बेटा ! इतनी बेदर्दी से मेरी चूचियां मत दबाओ....आखिर , मै तुम्हारी माँ हूँ .......
मै फुसफुसाया - तू माँ नहीं एक नंबर की चुदक्कड़ रंडी है .....अपने बेटे का लंड मसल रही है ......तेरी बुर चुदने के लिए तडफड़ा रही रही है .......बोल चुदेगी अपने बेटे से ....
अचानक पता नहीं क्या हुआ ...आंटी उतेजना में जोर जोर से बोलने लगी - हाँ , वरुण बेटा हाँ ! .....आज चोद ले अपनी माँ को जी भरके .......मै तेरे लंड के लिए तड़प रही हूँ ......घुसा दे अपने मुसल को मेरी बुर में ......देख यही से तो तू आया है ....(आंटी ने मेरा लंड छोड़कर अपनी बुर को अपने हांथो से छितराकर दिखाने लगी )
मै भी उठकर बैठ गया और आंटी की छितराई बुर को देखने लगा | आह ...मजा आ गया ......बुर के अन्दर की बिल्कुल सफ़ेद मांस दिख रहा था जिसमे से रिसकर मदनरस बाहर आ रहा था .... मैंने अपना मोबाइल उठाया और बुर का क्लोजअप शॉट लेने लगा , फिर मैंने ऑडियो पर ऊँगली रखकर (अपना आवाज छिपाते हुए ) आंटी से कहा - मम्मी ! जरा अपनी बुर को उँगलियों से चोदो , मुझे तुम्हे मास्टरवेट करते हुए देखना है ....
उईईइ....(आंटी ने बुर में अपनी दो उँगलियाँ डाली )........बदमाश कही के ! घोड़े जैसा लंड रखकर भी अपनी माँ को उन्ग्लीचोदन के लिए कह रहा है ...........आ...ह...ह.........इ...स्स.....स्स.........अब ....बर्दास्त.... नहीं ....हो रहा है .......पेल दे ....आ..ह....बेटा ...अपनी ...माँ को क्यों तडपा रहा है .....बस....अब चोद ....मुझे ..
मै फटाफट इतने अच्छे दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर रहा था , अब लेकिन मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था | ऑडियो पर ऊँगली रखते मै फिर बोला- मम्मी! तू तो मस्त चुदासी है ...अपने बेटे के लंड खाने के लिए मरी जा रही है ....अब देख मै कैसे फाड़ता हूँ तेरी बुर ......चाहे तू जितना चिल्ला .....बिना फाड़े नहीं मानूंगा ......ले संभाल अपने बेटे का गदहलंड .....
मैंने आंटी के जांघो को पकड़कर अपने कंधे पर डाला और उनके ऊपर झुककर अपना मूसल उनके ओखल में एक ही झटके में धांस दिया .....४० साल की फटी बुर मेरे प्रथम प्रहार से और फटती हुई बिलबिला उठी......
मार.... दिया..... रे ........हाय रे........ मेरे.... जालिम......चोदू.......आ......ह्ह्ह्ह्ह,,,,,,,,,फ..ट....गयी...मेरी.............................अपनी....माँ....को....इतनी.....बेदर्दी.....से...ना..............चो..द...........इ....स्स.................मै गयी.....इ..इ...इ.....ई........| ये क्या...... आंटी तो दो तीन झटको में ही झड़ने लगी , मै सबेरे से तीन बार झड चूका था मै इतनी जल्दी तो कभी नहीं आ सकता था .......इसलिए मै लगातार चोदे जा रहा था ....लगभग १० मिनट तक मै दनादन चोदता रहा.........आंटी के बुर से पानी नहीं झड़ना बह रहा था .....पूरा कमरा फच-फच ...घच-घच...की आवाज से गूंज रहा था .....इस दौरान आंटी का शारीर कई बार तना और रिलैक्स हुआ |
मै एक हाथ से आंटी की चुदते हुए एक्सप्रेशन की विडियो बना रहा था , फिर विडियो बंद कर मैंने आंटी के आँखों की पट्टी को खोल दिया | आंटी बार-बार छोड़ दे बेटा ....छोड़ दे बेटा ....अब मत चोद.....मेरे में अब जान नहीं है ....मेरी बुर भी चनचना रही है ( शायद मेरे लंड ने बुर का कोई कोना छिल दिया था )........| मै अब भी झड़ा तो नहीं था ,लेकिन एक ही आसन में चोदते-चोदते थोडा थक गया था | मैंने आसन बदलने के लिए लंड को बाहर निकाला तो आंटी जान में जान आई , वो तुरंत छिटककर बिस्तर के किनारे बैठ गयी | मै बिस्तर के नीचे खडा हो गया .....मेरा लंड अब भी फुफकार रहा था ......
मैंने कहा - मम्मी ...घोड़ी बन जा ...अब मै पीछे से चोदुंगा .....
वो बोली - अरे नही बेटा ! .....बस अब बहुत हो गया .....
मैंने प्रतिवाद किया - मेरा मन अभी भरा नहीं है .......देख माँ ! .मेरा लंड भी अभी झडा नहीं है ......
नहीं बेटा ....तू समझता क्यों नहीं है .....मेरे बुर में जलन हो रही है .....
मैंने कहा - तू घोड़ी तो बन .....पीछे से तेरी बुर देखकर मै मुठ मारूंगा .....
वो अनमने मन से घोड़ी बन गयी ...........
चूँकि मै घर से तैयारी करके चला था , मैंने फटाफट नीचे पड़ी पैन्ट की जेब से वेसलिन निकाला और अपने दाहिने हाथों में चुपड़कर आंटी के पीछे खडा हो गया ........बाएं हाथ से अपना लंड सहला रहा था और दाहिने हाथ की उँगलियों से गांड के छेद को सहलाते हुए धीरे धीरे वेसलिन की सहायता से गांड में ऊँगली पेल रहा था ..आंटी एक दो बार ऊँगली घुसने पर चिहुंकी और पीछे मुडकर देखि ...मुझे एक हाथ से मुठ मारते हुए देखकर फिर अपनी आँखे बंद कर मजा लेने लगी | धीरे धीरे मैंने ढेर सारी वेसलिन आंटी के गांड में डाल दिया |अब मैंने बाए हाथ की उँगलियाँ आंटी गांड को लगा दिया और वेसलिन चपड़े हाथों से लंड मुठीयाने लगा | आंटी को लग रहा था की मै मुठ मारकर शांत हो जाउंगा पर मेरा इरादा कुछ और था ........धीरे धीरे मैंने लंड को गांड के छेद के पास लाया और फिर इससे पहले की आंटी कुछ समझती मैंने झटके से आंटी को दबोच कर आंटी के गांड में अपना लंड पेल दिया ....आंटी जोर से चिला उठी ....आह....मर....गई .......ये क्या किया..........और बंधनमुक्त होने के लिए छटपटाने लगी ....लेकिन मैंने मजबूती से पकड़ रखा था वो निकल नहीं पाई | वो चिल्लाती रही और मै अपने एक तिहाई लंड से उनकी गांड मारता रहा .....अंत में उन्होंने अपना शारीर ढीला छोड दिया और बडबडाने लगी ,,,,मार ले बेटा .....अपनी मम्मी की गांड भी मार ले ........शायद अब उनको मजा ....फिर मै जोर जोर से आंटी की गांड मारने लगा ......आंटी भी मेरे हर धक्के का जबाब अपनी गांड पीछे करके दे रही थी ... .और अंत में एक जोरदार हुंकार के साथ फलफलाकर उनके गांड में ही झड़ने लगा.....अब आंटी निढाल होकर पेट के बल पड़ी थी और उनके गांड से जीवनश्रृष्टिरस थोड़े थोड़े अंतराल पर निकलकर मखमली चूत को भिगोते हुए बिस्तर के चादर में समा रहा था | मैंने उनको उसी अवस्था में छोड़कर अपना कपड़ा पहनकर मोबाइल लेकर घर आ गया .........
इसके बाद मैंने आंटी को कई बार चोदा और गांड भी मारी | पहले शुरुआत में तो उनके आँखों को पट्टी बांधकर ही वरुण के बारे में इमेजिनेशन करवाई , परन्तु बाद में आंटी खुली आँखों से भी मेरे से चुदते वक्त अपने बेटे की कल्पना करने लगी थी ...वास्तव में वो अपने बेटे को सही दिशा दिखाना चाहती थी |इसलिए वो कई बार मुझसे पूछ लेती---वरुण को अपनी तरफ कैसे आकर्षित करूँ...... बेटा बताओ ?
मैंने बताया - आंटी आप अपने चूचियां जान- भुझकर वरुण को दिखाइये ...कभी किसी बहाने.....कभी किसी और बहाने से ...अपनी खुली फड़कती बुर दिखाइए बहाने से .....फिर देखिये .....किसी न किसी दिन वरुण आपको पकड़ के चोदेगा जरुर .......
हाँ ! वो अगर आपको चोदते समय फेल भी हो जाए ....मेरा मतलब है कि आपको संतुष्ट न कर पाए तब भी आपको उसका हौसला बढ़ाना है , ये याद रखियेगा | आंटी को टिप्स बताकर , फिर उनको जी भरके चोदकर घर तो आ जाता, पर मेरा खुद का मन व्याकुल रहने लगा ......जब भी घर पर आंटी की चुदाई की विडियो मोबाइल पर देखता ...जिसमे वो वो मुझसे बेटा .-बेटा कहकर चुदवा रही है ......मेरा मन अपनी माँ के इर्द-गिर्द घुमने लगता.....................क्या वो भी कभी मेरे साथ ......................?...................??
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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