Monday, April 28, 2014

बदनाम रिश्ते--राजन के कारनामे--15

FUN-MAZA-MASTI

  बदनाम रिश्ते--राजन के कारनामे--15

 मिसेज मेहरा बिस्तर से उठी ...मैंने उन्हें अपने ऊपर खींच लिया और उनके नितम्बो को दबाते हुआ बोला- पापा ने कैसे चोदा आपको ...ये तो बताया ही नहीं आपने ?...........


अभी नहीं ...रात को .......मेरे गालों को चूम कर मेरे ऊपर से उठती हुई बोली


रात को ! .......आप रात को फिर छत से आएंगी ? ..........मैंने कौतूहल से पूछा


नहीं रे .......वो मुस्कुराते हुए बोली .....वो इंतजाम तुम मुझपर छोड़ दो , उन्होंने फिर अपने कपडे पहने और चली गयी |


शाम को जब मै और मम्मी टी वी देख रहे थे , तब मिसेज मेहरा आयी और मम्मी के पास बैठ गयी ...वो टेंशन में लग रही थी |


क्या हुआ सोनिया ?.....मम्मी ने पूछा


क्या बताऊँ , मेरे घर में इतना बड़ा साँप निकला था .......

अपने हाथ को फैलाते हुए मिसेज मेहरा ने मम्मी को दिखाया ......माली ने मार दिया है , लेकिन मुझे डर लग रहा है .....मेरे पतिदेव भी दिल्ली गए हुए है ,कल लौटेंगे .......मैने आज वहां नहीं सोना है .....आप कहे तो मै यहीं सो जाऊं ?


मार दिया है न ...फिर क्यों डर रही है ......मम्मी ने समझाते हुए कहा .......वैसे भी घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए , तुम्हे तो पता ही है की ......


आप समझती नहीं है , मुझे बहुत डर लग है ......एक दिन की तो बात है कल वो आ ही जाएंगे ......नहीं तो प्लीज राजन को बोलिए की एक रात के लिए मेरे घर रह ले .....बगल के कमरे में रहेगा तो हिम्मत रहेगी ....


चलो , ये कोई प्रॉब्लम नहीं है ....राजन बेटा ! ( मम्मी मेरी तरफ मुखातिब होकर बोली ) आज रात इनके घर सो जाना


ठीक है मम्मी ....अभी मै बाहर घुमने जा रहा हूँ , आप लोग बाते करो


मै सड़क पर चलते चलते सोंच रहा था .....क्या क्लास की चुदैल और हरामिन है ये मिसेज मेहरा ......



रात के दस बजे मै माँ को सुलाकर मिसेज मेहरा के घर पहुंचा |

जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला ...मै उनको देख के दंग रह गया ......
मिसेज मेहरा पूरी सजी धजी थी


लगता है आप किसी फंक्शन से आ रही है ....मैंने उत्सुकता से पूछा


नहीं रे .....आज फंक्शन घर पर ही है .............दरवाजे को बंद करके मेरे गालों पर हलकी चपत जमाते हुए उन्होंने कहा ......तेरे लिए ही तो सजी हूँ , बुदधू कही के .....


मुझे लगा मुझे नशा हो रहा है ...मुझसे कम से कम बीस साल बड़ी औरत मेरे लिए नवविवाहिता की तरह सजी थी ...

सोचते ही मेरे मस्ताने जूनियर ने अपना सीना फुलाते हुए सलाम ठोका ...........मैंने तुरंत उस सलाम का एहसास मिसेज मेहरा को पीछे से बाहों में भरकर करा दिया


मिसेज मेहरा ने अपना हाथ नीचे लाकर पैजामे के ऊपर से मेरे जूनियर के सर से पाँव तक पीठ सहलाते हुए बोली ....इसको समझाओ की थोडा ठण्ड रखे , आज पूरी रात इसकी ही है .........आज इसने दिन में दो बार उल्टी की है .....तुम मेरे बेडरूम में चलो मै इसके लिए दवा लेकर आती हूँ


जब थोड़ी देर बाद मिसेज मेहरा कमरे में आयी तो उनके हाथ में दूध का ग्लास था ....

पता नहीं उस दूध में क्या क्या मिलाया था , लेकिन दूध पीने के साथ ही मेरे अन्दर गर्मी जग गयी ....

मैंने मिसेज मेहरा को अपने ऊपर खींच लिया और उन्हें चूमने लगा ....वो भी मेरा साथ दे रही थी ...मै धीरे धीरे उनकी सारी लिपिस्टिक चाट गया ....फिर मैंने उनकी साडी और पेटीकोट कमर तक सरका दिया .....उन्होंने लाल कलर की पैंटी पहन राखी थी ......


मैंने पैंटी के ऊपर ही उनके चूत पर मुँह लगाकर चाटने लगा .....उनके होंटों की लाल लिपिस्टिक मेरे मुँह के माध्यम से उनकी पैंटी पर पहुँचने लगी ......


मिसेज मेहरा अब हौले हौले सिसक रही थी .......

इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स...................

धीरे धीरे उनकी पूरी पैंटी मेरे लार से गीली हो गयी ....

मैंने दांतों से उनकी पैंटी की इलास्टिक पकड़ कर नीचे खींचकर जाँघों तक सरका दिया और उनकी नंगी बूर को चाटने लगा

चाटते चाटते जैसे ही मै ऊपर बूर की उपरी दानो को अपनी जीभ से छेड़ा......वो तड़प गयी .....आह ......
ऐसा मैंने कई बार महसूस किया ......इस पॉइंट पर मिसेज मेहरा को गजब अतिरिक्त मजा आ रहा था


....यह मेरे लिए नया अनुभव था .....


फिर क्या था मैंने उसी दानो को अपनी जीभ से लगातार छेड़ रहा था


मिसेज मेहरा की सिसकियाँ पुरे कमरे में फ़ैल रही थी .....

अचानक उन्होंने मेरे सर के बाल पकड़ लिया और अपना बुर मेरे मुँह पर जोर जोर से रगड़ते हुए झड़ने लगी .......


जब शांत हुई तो उनकी आँखों में आश्चर्य था .....

तू तो बड़ा जबरदस्त बूर चूसता है ..... बता तुमने मुझसे पहले किसका बुर चूसा है ....जरुर किसी अनुभवी औरत ने तुम्हे बूर चुसना सिखाया है .......कौन है बोल............कहीं तेरी माँ तो नहीं ....


क्या बात करती है आप ?.........मैंने उन्हें धकेलते हुए उठकर खडा होकर पुरजोर विरोध करते हुए बोला......मेरी माँ ऐसी नहीं है .....


तेरी माँ कैसी है तुझे क्या पता ?........हर औरत को कभी न कभी एक बलिष्ठ लंड की जरुरत महसूस होती है .....हर औरत जमकर चुदना चाहती है चाहे पति हो या कोई और वशर्ते कि उसकी बदनामी न हो ......जो ज्यादा बदनामी से डरती है वो ऊँगली या मोमबत्ती डालकर काम चला लेती है


नहीं मेरी माँ ऐसी नहीं है, मैंने उनको कभी संदेहास्पद स्थिति में नहीं देखा ....हर औरत एक सामान थोड़े ही होती है .........................मैंने प्रतिवाद किया


लेकिन जरुरत सबकी लगभग एक सी होती है ...तू कहे तो मै तेरी माँ की चूत में ऊँगली करके दिखाऊं ....बोल ......देखेगा अपनी माँ की बुर....चोदेगा अपनी माँ को ...............मिसेज मेहरा पुरे आत्मविश्वास से बोली


नहीं ........मै तुनक कर बोला


साले ! बोलता कुछ है और सोंचता कुछ और ....... मिसेज मेहरा माँ चोदने के ख्याल से झटका खाते मेरे लंड को पैजामे के ऊपर से मरोड़ते हुए बोली


फिर मेरे पैजामे को ढीलाकर मेरे फनफनाते लंड को बाहर निकालकर सुपाडे पर जीभ फिराने लगी ....फिर धीरे से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी

ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ...........मेरे मुँह से कामुक कराहट निकली


अब मेरा लंड उसके मुख में पूरी तरह समा गया था और वो तन्मय होकर मेरा लंड चूसने के साथ साथ मेरे गोटियों से भी खेल रही थी ........


मै अन्तत्रिक्ष की सैर कर रहा था , मुझे लगा मैंने इसे अभी नहीं रोका तो जरुर सुबह की तरह इसके मुँह में ही झड जाउंगा .......इसलिए मैंने उसके मुँह से अपना लंड खींचकर बाहर किया और बोला .......मै अब चोदूंगा


किसे चोदोगे ?......वो पूछी


आपको ....और किसको ?........मै उद्वेलित होकर बोला


मै कौन हूँ ?..........वो फिर पूछी


आपको क्या हो गया है मिसेज मेहरा ?.........ऐसा क्यूँ पूछ रही है आप ??.........मै खींजते हुए बोला


चलो शुक्र है तुमने मेरा ही नाम लिया ......पूछना पड़ता है बच्चे .......क्योंकि कहीं तुम मुझे तुम अपनी माँ समझकर चोदते, तो मुझे अपना बॉडी कड़ा करके रखना पड़ता न ....वर्ना, हुमच हुमचकर चोदते चोदते तुम मेरी बुर के चीथड़े उड़ा देते ........


चीथड़े उड़वाने की आपकी अति बलवती इच्छा जरुर पूरी होगी .....मै उसकी जाँघों को छितराकर बुर पर हाथ फेरते हुए बोला


ऐसे नहीं मेरे राजा.......वो घोड़ी बन कर अपनी बड़ी बड़ी चुतरों के उभारों को मेरे सामने उठाकर अपनी कटीली बुर को दिखाती हुई बोली .....आज मुझे पीछे से चोदो.....मुझे कुतिया की तरह चुदने में बहुत मजा आता है .....हाँ, सिर्फ बुर ही चोदना.....' पडोसी ' पर नियत खराब मत करना ......


मैंने अपने गरमाए लौड़े को उसकी बुर के मुहाने पर टिकाकर घिसने लगा .....और अपने हाथो के अंगूठे से ' पडोसी ' की भूरी छेद को कुरेदने लगा .........' पडोसी ' भी खेली खाई थी, लेकिन लगता था....... किसी ने अरसे से उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया था , इसलिए अपने आप में सिमटकर संकुचित हो गयी थी ......


मै झुककर अपने आप में सिमटी उस छुइमुई को चूमना चाहा ...लेकिन दरवाजे से निकलती दुर्गन्ध ने मुझे आगे बढ़ने से रोक दिया ....मै पहले उसे नहलाना चाहता था ...मैंने इधर उधर नजर दौराया .....तभी टेबल पर टूथपेस्ट नजर आया .....मैंने टूथपेस्ट उठाकर उसका ढक्कन खोलकर उसके मुँह को 'पडोसी ' के मुख में डालकर आधा टूथपेस्ट खाली कर उसे नहला दिया ......टूथपेस्ट की ठंढक ने मिसेज मेहरा की उत्तेजना को और बढ़ा दिया ....वो पिघलने लगी ......


तभी मैंने एक जोरदार धक्का मारकर अपना आधा लंड झटके के साथ उनकी बुर में पेल दिया .....


इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स.......................मार डाला रे ........निकाल बाहर ......मादरचोद ....ये तेरी माँ की चूत नहीं है कि जैसे मन हुआ पेल दिया.......पहले ही बोला था, चोदना हो तो धीरे धीरे ही चोदना ...पर आजकल के लौंडे समझते कहाँ है ....बुर देखी नहीं की कचकचा के पेल दिया ...जरा भी सबर नहीं है तुम लोगो को ....


मैंने भी मिसेज मेहरा को तडपाने के लिए लंड को बुर से बाहर खीँच लिया और लंड को डंडे की तरह उनके उभरे नितम्बो पर मारते हुए बोला ......चोदुंगा तो मै ऐसे ही , चाहे आपकी चूत फटे या रहे .....बोलिए चुदवाना है की नहीं ......


अब क्या अपनी माँ से पूछकर मुझे चोदेगा ?.......चोद हरामी ....जैसे मर्जी है चोद .....फाड़ दे मेरी बुर ........अब क्यूँ तडपा रहा है ??........वो अपनी चुतर को उचकाये अपने दोनों हाथो से अपनी बुर फैलाते हुए बोली


मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा .......मेरा लंड अब तक टूथपेस्ट से सराबोर होकर चूत के मुहाने से गांड के दहाने तक अपनी कठोरता से लकीर खीँच रहा था .....मैंने अपना निशाना साधा और बिना मिसेज मेहरा को संभलने का मौक़ा दिए बगैर उनके कमर को पकड़कर अपने फडकते लंड को दनदनाकर उनके गांड में पेल दिया ...........


आउच ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..........मर गई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ........


वो चिल्लाते हुए मेरी गिरफ्त से निकलने के लिए छटपटा रही थी लेकिन अच्छी तरह से उनको दबोचे हुए अपनी कमर का जोर लगाकर लगातार मै अपना लंड अन्दर गांड में पेले जा रहा था जो 'टूथपेस्ट चिकनाई मार्ग' पर धीरे -धीरे पर सीना ताने आगे बढ़ रहा था ....फिर उसने फिनिश लाइन को छू लिया ....अर्थात मेरा पूरा लंड गांड के अन्दर था और मेरे बॉल्स उसके नितम्बो को थपथपा रहा था


ये...क्या..किया...जालिम ......आह....मेरी ....गांड ....फट गयी ......


मै धीरे से उनकी पीठ से चिपककर उनकी गर्दन को चूमने लगा और हाथ नीचे ले जाकर उनके ब्लोउज के बटनों को खोलकर उनकी चुन्चियों को मिंजने लगा और धीरे धीरे अपने मूसल को गांड में अन्दर बाहर करने लगा .....


आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.....................


मिसेज मेहरा को अब मजा आने लगा था क्योंकि अब वो खुद ही अपनी गांड उठा उठा कर मरवा रही थी
और जोर से बेटा......मार ले मेरी गांड .........आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह........फाड़ र्र्र्र्र्र्र्र्र्र.दे मेरी गांड .........

और अपनी बुर में ऊँगली करती हुई वो झड़ने लगी ....वो मुझे छोड़ देने का आग्रह कर रही थी ....लेकिन मै लगातार उनकी गांड लगभग आधे घंटे तक मारता रहा......जब झड़ा तो निढाल होकर उनके ऊपर ही पडा रहा .........

सो गए क्या ?......मेरे बालों को सहलाती हुई मिसेज मेहरा बोली

मैंने आँख खोलकर देखा ....मिसेज मेहरा मेरे ऊपर लगभग लदी हुई थी ...उनका चेहरा मेरे चेहरे से दो इंच के फासले पर था और उनके ब्लाउज के बटन वैसे ही खुले पड़े थे और उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सीने में धंस रही थी ......मैंने उनकी चूंचियों को सहलाने लगा और अपना मुँह आगे बढ़ाकर उनके गालों को चूमने लगा ......


मिसेज मेहरा .......मैंने धीरे से पुकारा


हूँ .............


प्लीज बताइये न ....


क्या ?....


वही.....कि आपके पापा ने आपको कैसे चोदा ?


बड़े उतावले हो ........बिना सुने मानोगे नहीं ...


बिलकुल नहीं .....घर के सदस्यों के बीच मर्यादा की जबरदस्त सीमा रेखा होता है .... मै जानना चाहता हूँ कि कैसे और किन परिस्थियों में उस सीमा का अतिक्रमण हुआ .....और कैसे आपके पापा ने आपको चोद दिया


पापा ने मुझे नहीं चोदा.......मिसेज मेहरा खिलखिलाई ......मैंने ही पापा से चुदवाया ....


कैसे? .....बताइये कैसे ??.....मैंने उतावलेपन में उनकी चुचियो को बेदर्दी से मसल दिया


आह ....धीरे से दबा न ....तभी मै कुछ सुना सकुंगी


आराम से सुनाइए ..एक एक चीज पूरा डिटेल में .....पूरा दृश्य साफ़ हो जाए .... ताकि मै ये महसूस कर सकूँ की आपके पापा की जगह मै आपको चोद रहा हूँ ......


अच्छा बच्चू !.....मेरा बाप बनकर मुझे चोदेगा ............नहीं जँचेगा ......फिलहाल तो तू बेटे की तरह मुझे अपनी माँ समझकर चोद.....


नहीं चोदूंगा...जबतक आप पापा से चुदने का वाकया मुस्तालिफ से नहीं बताती ....


तू बहुत जिद्दी है .....अच्छा सुन .....


हाँ ...हाँ ......सुनाइये ........................मै अधीरता से उनके बोलने का इन्तजार करने लगा
 
 
 


 दशहरे की उस रात के बाद भगन्दर बाबा और उनके चेलों ने अगले सात दिनों तक खूब भोगा ......मेरी चूत सूजकर पकौड़ा हो गयी थी और इतनी सम्बेदनशील कि अगर कोई चीज उसे छू भर जाती तो सारे शारीर में झनझनाहट होने लगती ....हरामजादो ने मेरी गांड का भी कचूमर बना दिया ......सात दिनों में ही मेरी चूचियां मीज मीजकर सालो ने दोगुना फुला दिया ......


उसके बाद वो लोग तो चले गए लेकिन मेरे अन्दर जमाने भर की खाज भर गए .....दिन रात मेरी चूत कुलबुलाती रहती .....


इसी दरम्यान स्कूल के कई लडको के साथ मेरे चक्कर चले , लेकिन कोई हरामी ठीक से चोद नहीं पाया ...प्रायः लड़के तो ऊपर ऊपर से ही दबा कर भाग जाते ....एक आध ने पेलने कि हिम्मत तो दिखाई ...पर पूरा पेल भी नहीं पाया .....अन्दर डालते ही खलास ......सभी नामर्द साले केवल आग लगाने का ही काम करते थे ...मै जलती रहती .....हालत ये थी कि उस समय अगर कोई भी मुझसे चुदने को पूछ भर लेता तो मै उसके नीचे बिछने को तैयार थी ......


मैंने मिसेज मेहरा के साडी के अन्दर हाथ डालकर पेटीकोट समेत साडी को समेटकर कमर तक पहुँचा दिया और उनकी नंगी बुर को अपने हथेलियों में भींचकर बोला...

क्या गजब की चुदासी रही होंगी आप उस समय ? ...उत्कट कामुकता से भरी हुई ...निम्फोमैनियक.....काश ! मै आपके स्कूल में होता तो आपको पेले बिना नहीं छोड़ता....


हां, मेरे राजा ..........मिसेज मेहरा अपनी चूचियों को अपने हाथो से पकड़कर मेरे मुँह में डालती हुई बोली ......उस समय मुझे बिलकुल तुम्हारे जैसे चोदू की ही तलाश थी ....पर हाय रे मेरी किस्मत ! .....सारी रात उँगलियों से अपनी चूत रगडती हुई वासना में तड़पती रहती ....


छह महीने इसी तरह बीत गए .....ग्रीष्म की गर्म हवाओं ने मेरे अन्दर धधकती आग को और भड़का दिया ....जिसे बर्षा की फुहार भी ठंडा नहीं कर पा रही थी ....होती भी कैसे ? ....जिस्म की आग, जिस्म के अन्दर की बारिश से ही बुझ सकती है ...बाहर की बारिश तो और धधकाती है |


हमारे घर में तीन कमरे है ....एक में मै और मम्मी और दुसरे में दादाजी रहते थे ...तीसरा कमरा सामान रखने के काम में आता था ....घर से थोड़ी दूर पर हमारा दालान था जिसमे हमने एक कमरा बना रखा था ,जो मेहमानखाने के रूप में प्रयुक्त होता था ....पापा जब भी घर आते तो दिन में वहीँ रहते |


ऐसे में पापा कुछ दिनों के लिए गाँव आये | उस दिन मैंने माँ से अपने नए कपड़ों के लिए पैसे मांगे ...माँ ने भगा दिया ....अभी तो तेरे पापा आये हुए है .....जितने भी पैसे चाहिए , जा अपने बाप से ले ले |


पापा खाना खाकर दालान पर चले गए थे .......दोपहर की कडकती धुप की परवाह किये बिना मै मेहमानखाने की ओर चल पड़ी .....





हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | उत्तेजक | कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना मराठी जोक्स | कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी कहानियाँ | मराठी | .blogspot.com | जोक्स | चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी कहानी | पेलता | कहानियाँ | सच | स्टोरी | bhikaran ki | sexi haveli | haveli ka such | हवेली का सच | मराठी स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | की कहानियाँ | मराठी कथा | बकरी की | kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | kutiya | आँटी की | एक कहानी | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | | pehli bar merane ke khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | मारो | मराठी रसभरी कथा | | ढीली पड़ गयी | चुची | स्टोरीज | गंदी कहानी | शायरी | lagwana hai | payal ne apni | haweli | ritu ki hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | www. भिगा बदन | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कामरस कहानी | मराठी | मादक | कथा | नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | bua | bahan | maa | bhabhi ki chachi ki | mami ki | bahan ki | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi, nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories, hindi stories,urdu stories,bhabi,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi maa ,desi bhabhi,desi ,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story, kahaniyan,aunty ,bahan ,behan ,bhabhi ko,hindi story sali ,urdu , ladki, हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी , kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी , ,raj-sharma-stories कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन , ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी , ,जीजू , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت , . bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की कहानियाँ , मराठी स्टोरीज , ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator