FUN-MAZA-MASTI
बड़ी बेहन का प्यार
आइ आम राज. आइ आम 22 यियर्ज़ ओल्ड आंड आइ लिव इन जयपूर. यह किस्सा तकरीबन 7 साल पहले का है, जब मैने 11थ में अड्मिशन लिया ही था. मेरी बड़ी बेहन रानी है, जो उस समय 21 साल की थी देखने में बहुत ही सुन्दर और भोली लगती थी. उसके बूब्स फर्म और गॉर्जियस होने के साथ-साथ कुच्छ बड़े थे. उसका साइज़ 38-26-36 रहा होगा. एक दिन घर में कुच्छ मेहमान आ गये तो मुझे दीदी के कमरे में सोना पड़ा. वहाँ डबल बेड पर मैं दोनो बहनों के बीच मे सो गया . थोड़ी देर बाद मैं सूसू करने के लिए गया और वहाँ से वापस आकर सोते हुए मेरी नज़र रानी पर पड़ी. मैने देखा के रानी का नाइट गाउन उपर से खुल गया था और उसका एक बूब बाहर निकल रहा था. वैसे उस दिन तक मैने कभी इस तरह से नहीं सोचा था, पर उस दिन मैं उसके वर्जिन बूब की गोलाई और छ्होटी सी निपल देख कर जैसे पागल हो रहा था. मैं आकर चुपचाप लेट तो गया पर मेरा ध्यान सिर्फ़ उसी में लगा रहा और मैं मन ही मन उसे पाने की तरकीब सोचने लगा. फिर मैने लेटे-लेटे ही अपना हाथ ऐसे उसके बूब पर रख दिया जैसे वो अंजाने में उससे टकरा गया हो. जब कुच्छ देर में रानी नहीं उठी तो मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं धीरे-धीरे उसे दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैं ऐसे ही सो गया .
सुबह रानी ने पूछा के तुम रात को क्या कर रहे थे, तो मैने जवाब दिया के मैं तो रात को उठा ही नहीं. इस पर वो चुप हो गयी और छ्होटी बेहन रेणु (जो उस समय 18 साल की थी) मुस्कुराते हुए उसे हाथ मार्कर बोली के चल छ्चोड़ अब इस बात को. मैं मन ही मन यही सोचता रहा के कहीं उसे पता तो नहीं चल गया . पर मैने पाया कि रानी उस दिन के बाद मुझसे कुच्छ दूरी बनाए थी. पर मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं छुप कर उसको न्यूड देखने की कोशिश करता. एक दिन मैं उसे नहाते हुए देख रहा था, तो मैने देखा कि वो बाथरूम में खड़ी कुच्छ सोच रही थी. फिर उसने अपने बूब्स को निहारना शुरू किया और थोड़ी ही देर में वो उन्हें स्क्वीज़ करने लगी. फिर वो बाथरूम के मिरर के सामने इधर-उधर होते हुए अपने शरीर को निहारती रही. मैं यह सब देख ही रहा था कि उसे पता चल गया और उसने बड़े ज़ोर से उस होल पर पानी मारा पर पानी मुझको टच नहीं किया और जब वो नहा कर बाहर निकली और पानी चेक करने आई तो उसे मेरे कपड़ों पर कोई निशान नहीं मिला. इस पर वो हंस दी और मेरे राइट बूब को फ्लिक करते हुए `ट्वक ? ट्वक’ की आवाज़ करते हुए चली गयी. मैं एकदम सकपका गया पर मुझे बाद में डक के लिप्स रिमाइंड होते ही सारा मतलब समझ आ गया . इसके बाद मैं रानी से खुलकर बोलने का मौका ढूँढने लगा पर वो नहीं मिला.
एक दिन घर के सारे लोग तैयार हो कर शादी में जाने लगे और मुझे बोले कि हमें वापिस आने में सुबह हो जाएगी, तुम्हारी पढ़ाई बहुत ज़रूरी है इसलिए तुम नहीं जाओगे और रानी तुम्हारी देखभाल के लिए तुम्हारे साथ रहेगी. मैं मन ही मन बहुत खुश हुया. उस दिन रात को मैं खाना खाने के बाद इंटरनेट चला कर बैठ गया और रानी के सोने का इंतेज़ार करने लगा. मैं एक पॉर्न साइट खोल कर बैठ गया पर अभी मैं फोटोस ही देख रहा था कि अचानक रानी आ गयी और मुझे ज़ोर से डाँटने लगी , `यह क्या कर रहा है. अब यही पढ़ाई शुरू की है क्या.’ मैं घबरा गया कि अब वो यह सब पेरेंट्स को बता देगी. कुच्छ भी कहते नहीं बना और मैं उसकी शक़्ल देखता रह गया . इतने में वो गुस्से में वहाँ से चली गयी और मैं भी डर के मारे कंप्यूटर बंद कर के सो गया . पर अब भी मुझे यही डर सता रहा था कि कहीं वो यह सब पेरेंट्स को ना बता दे.
जब अगले दिन घर के सारे लोग वापस आए तो मुझे यही डर सता रहा था कि अब दीदी सब कुछ बता देगी. पर तीन-चार घंटे तक जब मैने देखा कि वो नॉर्मल थी और उसने किसी से कोई बात नहीं की तो मेरा डर निकल गया . पेरेंट्स के साथ मेरे मामा और मौसी के लड़के भी आए थे और क्योंकि वो पाँच जने थे, उनके सोने का इंतेज़ाम मेरे कमरे में किया गया और मुझे फिर दीदी के रूम मे शिफ्ट होने की हिदायत दी गयी. इस पर मैं निश्चिंत हो गया कि उसने किसी को कुच्छ नहीं बताया है. जब मैं रात को सोने के लिए उसके कमरे में गया तो उसने मुझे एक बार सख़्त नज़रों से देखा और फिर चुपचाप सो गयी. मैने इस परकोई ध्यान नही दिया और मैं भी जाकर दोनो बहनो के बीच में सो गया . जान बूझकर छ्होटी बेहन को साइड लेने के लिए कहा तो उसने कहा कि मुझे बीच में नींद नहीं आती, सोना है तो दूसरी तरफ़ सो.
मेरे अंदर एक भूचाल सा उठ रहा था और मैं सोच रहा था कि यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा अगर आज नहीं तो कभी नहीं. थोड़ी देर में मैने महसूस किया कि वो दोनो सो चुकी हैं. तब मैने धीरे से उसकी चादर हटाई और उसकी नाइटी की हुक खोलने लगा. एक हाथ से खोलने में कुच्छ दिक्कत तो हुई, पर मैने उसकी हुक खोल ली. तब मैने पाया कि उसने ब्रा पहन रखी है. ब्रा खोलने की कोशिश करना ख़तरे से खाली नहीं लगा क्योंकि वो बहुत ही टाइट थे और उसकी नींद खुल सकती थी. मैने जब देखा कि उसकी ब्रा उसके बूब्स को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं कर पा रही है तो मैने ऐसे ही काम चलाने का मन बनाया और पहले अपना हाथ उसके बूब्स पर रख कर उनको महसूस करना शुरू किया. पर यह दिल कहाँ मानता है. जब ज़्यादा अर्ज हुई तो मैने दूसरे हाथ से उसकी ब्रा पकड़ी और उसके बूब्स को निकालने की कोशिश करने लगा. पर क्योंकि मैं उसे उपर से निकाल रहा था, मैं नाकाम रहा और जब मैने यह सोचा कि इसे रहने देते हैं तो मैने उसके बूब को छ्चोड़ दिया ? पर यह देखकर मैं इतना खुश और हैरान हुया कि छ्चोड़ते ही ब्रा धीरे से उपर हुई और उसका बूब नीचे से बाहर आ गया.
अब मैने धीरे से उसकी ब्रा छ्चोड़ दी और उसकी निपल से खेलने लगा. उसकी निपल छ्होटी सी थी और उंगलियों में पूरी तरह नहीं आ रही थी, पर मैं लगा रहा. थोड़ी ही देर में मैने महसूस किया कि उसका बूब हार्ड हो चुका है और तन कर कुच्छ स्ट्रेट हो गया है. मैं अपने हाथ से उसे दबाता रहा. लगभग आधे घंटे बाद मैं हिम्मत कर के उसके बूब को चूसने लगा. कुच्छ ही देर में उसके बूब से कुछ खट्टा से पानी मेरे मूँह में आने लगा. मुझे बहुत अच्च्छा लगा और मैं उसे चूस्ता रहा. थोड़ी देर में वो हल्की सी सिसकारी भरते हुए साइड बदलने लगी तो मैं एकदम से हट गया और वापिस सो गया . इतने में मैने देखा कि वो उठ गयी और कभी अपनी नाइटी और कभी मुझे देखने लगी. इस पर उसने छ्होटी बेहन को उठाया और धीमी आवाज़ में उससे सारी बात की. मैने देखा कि वो उसे अपने निपल (शायद उन पर लगी लार) दिखा रही थी पर कुच्छ समझ नहीं आ रहा था. मैने सिर्फ़ छ्होटी बेहन को हंसते हुए ज़ोर से ये कहते सुना कि चल उसने तेरे बूब्स को टाइट तो कर ही दिया ना. फिर दोनो हल्का सा मुस्कुराई और सो गयी. सुबह मैं ऐसे दिखाने लगा जैसे कुच्छ हुआ ही नहीं और मैने देखा कि वो भी दोनो नॉर्मल ही थी.
फिर एक रात जब मैं दोबारा इंटरनेट पर बैठा था तो वो आकर मेरे पीछे चुपचाप खड़ी हो गयी. मैं अपने दोस्त से चॅट कर रहा था. तभी उसने अचानक मुझे एक साइट का अड्रेस दिया और रिक्वेस्ट करी कि मैं इसे अभी खोलकर देखूं. मैने मुझे ये तो पता था कि रानी मेरे पीछे खड़ी है पर मैं एक चान्स लेना चाहता था कि शायद इसी से बात बन जाए. जैसे ही वो साइट खुली, उस पर नंगी लड़कियों के फोटोस नज़र आए और दीदी ने झट से मेरे कंधे को झटकते हुए कहा कि अभी तक भी तुम्हारा भूत नहीं उतरा. ठहरो, अभी माँ को बताती हूँ. जैसे ही वो जाने लगी मैं भागकर दरवाजे पर आ गया और उसको रोक लिया ( मैने जान बूझ कर वो साइट बंद नहीं की थी) और उसकी मिन्नत करने लगा कि वो पहले मेरी बात सुन ले और फिर जो चाहे सो करे.
मैने सफाई देते हुए उसे बताया कि अभी यह लिंक मेरे दोस्त ने भेजा था और उसे क्लिक करते ही यह साइट खुल गयी. तब मैने मैने देखा कि वो भी साइट को ध्यान से देख रही थी (तब मेरा ध्यान गया कि उसमे एक लड़का एक लड़की के बूब्स चूस रहा था). तब उसने मुझे डाँटते हुए कहा कि अब दोस्तों के साथ ये ही बातें करते हो, और गुस्से में मेरे कमरे से चली गयी. मैं उसे वापिस बुलाने का तरीका सोचने लगा, पर थोड़ी देर बाद मैं जाकर अपने बेड पर लेट गया . जान बूझकर दो तीन बार ईमेल और साइट खोली और उसे विश्वास दिलाने लगा.
थोड़ी देर में उसका गुस्सा शांत हो गया तो वो मेरे बेड पर आकर मेरे पास बैठ गयी और मुझे कहने लगी कि यह अच्छि बात नहीं होती. समझाते हुए वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी और कहने लगी कि तुम एक ही तो लड़के हो इस घर के, और अगर तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दोगे तो कैसे किसी मुक़ाम को हासिल करोगे. देखो, तुमसे मम्मी और पापा की सारी उम्मीदें बंधीं है. इसी तरह समझाते हुए उसने मुझे सीने से लगा लिया और कहने लगी कि प्रॉमिस करो कि तुम अब कभी ऐसा नहीं करोगे नहीं तो मैं ये कनेक्षन कटवा दूँगी. मैं अब तक बुरी तरह से झल्ला चुका था और मैने उसे कहा के इसमे कुच्छ भी बुरा नहीं है. इस पर उसने मुझे कहा के अगर बुरा नहीं होता तो तुम मुझे नहाते हुए उस होल में से चोरी-चोरी क्यों देखते हो. अगर यह सब ठीक है तो तुम मुझे सीधे भी तो देख सकते थे, मैं जानती हूँ कि तुम रात को टाय्लेट में क्या करने जाते हो. मैने कहा के मैं सच तो बता दूं पर तुम नाराज़ हो जयोगी. इस पर उसने कहा, `ठीक है अगर तुम प्रॉमिस करो कि अब कभी कंप्यूटर पर यह सब नहीं करोगे तो मैं प्रॉमिस केरती हूँ कि तुम अपनी सारी बातें मुझसे शेर करो, मैं कभी नाराज़ नहीं होयुँगी.’ इससे मुझे हिम्मत मिली और मैने कहा के मुझे तुम्हारे मम्मे अच्छे लगते हैं इसी लिए मैं उन्हे पाना चाहता हूँ, पर कोई रास्ता ना होने के कारण मैं इंटरनेट पर नंगी लड़कियों को देखता रहता हूँ और फिर टाय्लेट में जाकर खुद को सॅटिस्फाइ कर लेता हूँ ? मैं तुम्हारे बूब्स देखने के लिए पागल हो गया हूँ. उसने कुच्छ देर सोच कर कहा, `क्या इससे तुम्हें सॅटिस्फॅक्षन मिल जाती है.’ मैने कहा कि मिलती तो नहीं पर इससे अर्ज ख़तम हो जाती है. इस पर वो हंसते हुए बोली, `अच्च्छा! फिर अगर मैं तुम्हें यह दिखा दूँ तो क्या तुम यह सब छ्चोड़ दोगे.’ मेरे हां कहने पर वो धीमे से उठी और उसने झट से अपना नाइट सूट खोल दिया और कहा, `लो देख लो. अगर मेरा भाई इन्हें देख कर ही सॅटिस्फाइ होता है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूँ.’
मैं हैरान हो गया क्योंकि उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी. यकायक मेरा हाथ उसके मम्मे पर गया और उसके सुडोल, चिकने और दूध से सफेद बूब्स को छ्छूते ही मेरे शरीर में एक करेंट सा फैल गया . मैने देखा कि उसकी आँखें बंद थी (शायद शर्म से). मैने झट से बढ़कर उसका लेफ्ट मम्मा अपने दोनों हाथों में ले लिया और उसे ज़ोर से ऐसे चूसने लगा जैसे कोई रसीला आम चूस्ता है. उसके मूँह से सीईईईई आआआआआआहह की आवाज़ निकली और वो दबी सी आवाज़ में बोली के प्लीईएआआज़ ? राआआआआअजजजज्ज्ज्ज ज? देखो यह सब ठीक नहीं है. मैं तुम्हारी बड़ी बेहन हूँ? तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते? यह पाप है? पाआअगलल्ल्ल्ल? छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्होदो. पर मैं नहीं रुका और एक मम्मे को मूँह में लेकर चूस्ता रहा और दूसरे को हाथ से दबाता रहा. उसकी साँसें भारी होती जा रही थी और रेज़िस्टेन्स ख़तम होती जा रही थी. थोड़ी देर में वो दबी-दबी आवाज़ में ह्म्म्म्म ? आहाआाआााहह हह?. उूुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फफफफफफफफ्फ़? की आवाज़ें करने लगी.
तब मैं अपना दूसरा हाथ उसकी टाँगों के बीच ले गया और उसका नाइट सूट उपर कर उसकी नंगी टाँगों पर फेरने लगा. उसने मेरा हाथ हटाने की कोशिस की पर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके हाथों में ताक़त ही ना रही हो. इतने में मेरा हाथ उसकी चूत से टकराया और वो काँप सी गयी. वो बिखरी सी आवाज़ में बोली प्लीईईआआआआअ ज़्ज़्ज़? भाआइ? आब्ब्ब्ब?.. बा??सस्स्स्स्सस्स का??रो, बर्दाआअ?श्त नहिंन्ननननणणन् हूऊऊऊथा. पर मैने अपनी उंगली उसकी चूत से लगा कर उसे फड़फड़ने लगा. वो तड़प उठी और इससे पहले कि वो कुच्छ बोले, मैने अपनी उंगली की टिप उसकी चूत में हल्की सी घुसा दी. उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसमे से रस टपकने लगा था. मैं अब उंगली को गोल-गोल घुमाने लगा. इतने में उसने मेरे हाथ को दोनो टाँगों में ज़ोर से दबाया और वो लंबा सा साँस लेकर आँख बंद कर चुप हो गयी, जैसे उसकी साँस रुक गयी हो. एक बार तो मैं भी घबरा गया पर जब देखा कि वो अपने होंठ दाँतों में भीच रही है, तो मैं समझ गया कि उसको मज़ा आ रहा है.
मैने अपनी उंगली बाहर निकाल ली. वो गहरा साँस छ्चोड़ते हुए मेरा मूँह पकड़ कर बोली, `बस भाई, अब तो खुश है ना! प्लेआज़, अब मुझे छ्चोड़ दे. यह सब पाप है. हम आपस में ऐसा नहीं कर सकते.’ मैने देखा उसकी आँखो में लाल डोरे दिखाई दिए. मैने उससे पूछा कि क्या उसे अच्च्छा नही लगा तो वो कहने लगी कि अच्च्छा तो लग रहा है पर यह ठीक नहीं है. पर मुझ पर तो जैसे भूत सवार था. मैं उस दिन को हाथ से नहीं जाने देना चाहता था. मैने उसे खड़ा किया और उसकी नाइटी कंधों से सरका दी. इससे नाइटी सीधा ज़मीन पर गिर गयी और अब वो बिल्कुल नंगी थी. मैने उसे बेड के कोने पर लिटाया और खुद नीचे बैठ कर अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा. अब तो वो जैसे पागल ही हो रही थी और कुच्छ ही देर में वो अपने बटक्स को उच्छालने लगी और एयाया??हह हीईीईई???. मर गाइिईईईईईईईईईईई??.. बा?सस्स्स्सस्स छ्छो??..द डूऊऊऊओ??. है???. माआआआआअँ उफफफफफफफफफ्फ़ ओह की आवाज़ें करने लगी. उसने अपने हाथ से मेरे मूँह को हटाते हुए अपनी टाँगों को भीचने और साइड लेने की कोशिश की पर मैने उसके दोनो हाथ अपने हाथों में पकड़ लिए और अपने मूँह को ज़ोर से उसकी चूत पर प्रेस करते हुए अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी. उसकी वर्जिन चूत की महक मुझे पागल कर रही थी. कुच्छ ही सेकेंड्स में उसकी रेज़िस्टेन्स ख़त्म हो गयी और मैने भी अपनी पकड़ ढीली कर दी. थोड़ी ही देर में मैने देखा कि उसने मेरे हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया और होंठ भींच कर ज़ोर से काँपने लगी. इससे पहले कि मैं कुच्छ समझ पाता, उसके भीतर का झरना पूरा का पूरा मेरे मूँह में उतर गया . मुझे बहुत ही अच्च्छा लगा और जब उसने देखा कि मैने अपना मूँह नहीं हटाया तो वो मुस्कुरा दी और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोली, `बिल्कुल पागल है.’ इस बार वो उठी और मुझे पकड़ कर उपर उठाने लगी. मैं खड़ा हो गया .
वो मुस्कुराते हुए बोली ? बस अब तो खुश है, अब बस. मैने कहा कि अभी मैं तो अधूरा ही हूँ, तो उसने कहा, `नहीं राज, इससे आगे ठीक नहीं है. भाई-बेहन में यह रिश्ता ठीक नहीं.’ जब मैने ज़्यादा ज़ोर डालकर कहा कि तुम तो एंजाय कर चुकी पर मैं तो अभी तक वैसा ही हूँ, तो उसने कहा के वो हाथ से कर देगी पर वो सब नहीं. पर मैने किसी तरह उसे ओरल सेक्स के लिए राज़ी कर लिया. `तू नहीं मानेगा, बड़ा ज़िद्दी है’ इतना कहते हुए उसने मेरी पॅंट को झटका देते हुए कहा, `खोल इसे.’ अब वो खुलकर बात करने लगी थी. मैने अपनी पॅंट खोली तो वो मेरे अंडरवेर के उपर हाथ रख कर बोली, `इसे इतना बाँध कर क्यों रखा है, कहीं भाग जाएगा क्या.’ इतना कह कर उसने हंसते हुए मेरा अंडरवेर उतार दिया और मेरा 9? इंच का टूल अब उसके मूँह के सामने था. उसे देखकर वो झटका सा खा गयी और उसकी आँखें फटी रह गयी. उसने कहा, `माइ गॉड! इतना बड़ा. ना बाबा, मैं इसे मूँह में नहीं ले सकती.’ फिर शरारती अंदाज़ में आँखों को पैना कर मुझे देखते हुए बोली, `क्या सारा टाइम इसे ही लंबा-मोटा करने में लगा देते हो.’ मेरे इन्सिस्ट करने पर उसने मुझसे कहा कि इसको पहले धो कर आओ, जब मैने कहा कि मैने अभी इसे अच्छि तरह से धोया है तो शरारत भरी नज़र से मेरी और देखकर बोली : अच्च्छा, तो पहले ही सारी तैयारी कर रखी है कि कहीं मैं मना ना कर दूं. इतना कहकर उसने अपनी जीभ से मेरे डंडे के अगले भाग को चाटना शुरू किया. थोड़ी देर में वो उसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और एक हाथ से गोलियों को सहलाने लगी. मैं इस एक्सपीरियेन्स पे पागल सा हो रहा था.
इस पहले एक्सपीरियेन्स को मैं ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया और बहुत जल्दी ही मैं एक्सप्लोड होने लगा. मैने ये सोचकर कि कहीं वो नाराज़ ना हो जाए, उसे कहा कि मैं छूटने वाला हूँ. इस पर उसने अपना मूँह हटा लिया और हाथ से ही ज़ोर ज़ोर से उसे हिलाने लगी. मैने उसे कहा कि मैं उसके मम्मो पर इसे छ्चोड़ना चाहता हूँ, तो उसने बिना किसी झिझक मेरे लंड को अपने मम्मो पर रगड़ना शुरू कर दिया. इस पर मैने उसके दोनो मम्मे भींचने के लिए कहा और अपने लंड को उनके बीच में रगड़ कर टिट-फक करने लगा. उसे भी मज़ा आ रहा था और वो यह देखकर मुस्कुराने लगी. कुच्छ ही देर में मेरे हथियार ने उल्टी कर दी और एक गाढ़ा सफेद लोशन उसके मूँह से टकराया. उसके बाद तीन और जर्क पड़े पर इस बार सारा माल उसके मम्मो पर पड़ा. उसने इसे अपने मम्मो पर ही मल दिया और कहा : लो, अब तो खुश हो. तुम्हारा रस मैने इस पर माल लिया मैने कहा कि इंटरनेट पर यह सब देख सकते हैं. इस पर वो हंसते हुए बोली कि इसको तो कटवाना ही पड़ेगा, नहीं तो तू सिर्फ़ इसी काम के लायक रह जाएगा. जब मैने अपना लंड दोबारा उसके हाथ में दिया और उससे पूछा कि यह कैसा लगा तो वो बोली के ज़रूर तू पिच्छले जन्म में गधा रहा होगा, तभी यह अभी से इतना बड़ा है. बर्बाद नहीं किया; पर एक बात बताओ, तुम यह नये नये स्टाइल कहाँ से सीखते हो.
इतने में मेरे दिमाग़ में एक तरकीब आई और मैने उसे कहा कि वो मुझे बस उसकी चूत से इसे लगा लेने दे. इस पर वो एकदम सकपका सी गयी और कहने लगी कि देखो तुमने प्रॉमिस किया था कि बूब्स देखने के बाद तुम और कोई डिमॅंड नहीं रखोगे, पर अब तुम अपना प्रॉमिस तोड़ रहे हो. पहले तो उसने मना किया पर मेरे ज़िद करने पर वो मान गयी और बोली के सिर्फ़ टच ही करोगे. मैने कहा कि तुम मुझे इससे मना नहीं करोगी. तब मैं अपने लंड को उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. उसे भी मज़ा आ रहा था और उसने आँखें बंद कर ली थी. तब मैं उसकी चूत के होंठ खोलकर उसकी क्लाइटॉरिस पर लंड रगड़ने लगा जिससे वो और मस्त होती गयी और मौका पाते हे मैने एक झटका दिया और अपना टोपा उसकी चूत में घुसा दिया. एक ठक की आवाज़ से मेरा टोपा उसके अंदर घुसा और वो आक़? आह?हह?हह?हह की आवाज़ के साथ दर्द से कराह उठी. अपने हाथों से मुझ रोकने की कोशिस वो कर ही रही थी कि मैने दो ज़बरदस्त झटके एक साथ और दिए और अपना आधे से ज़्यादा ड्रिल उसकी चूत में डाल दिया. अब तो वो चिल्ला उठी हहिईीईई???. मर गाइिईईईईईईईईईईई??.. धी??..रे बा?सस्स्स्सस्स छ्छो??..द डूऊऊऊओ??. है???. माआआआआअँ उफफफफफफफफफ्फ़ ओह?? मैं समझ गया कि उसको दर्द हो रहा है. पर मैने बड़ी मुश्क़िल से खुद पर कंट्रोल किया और ऐसे ही लंड अंदर रख कर उसके उपर लेट गया . पहले तो वो च्चटपटाते हुए बोली कि तुमने वाडा तोड़ दिया ना तो मैने कहा के मैने सिर्फ़ डाला ही है मैं इसके आगे कुच्छ नहीं करूँगा. ऐसा कहते हुए मैं फिर से उठ कर बैठ गया और एक ज़ोरदार झटके से मैने अपना बाकी का लंड भी उसकी टाइट चूत के हवाले कर दिया. वो कराह उठी पर इसके बाद आँख बंद कर के लेटी रही और कहने लगी कि अब तुझे क्या कहूँ, क्या तू नहीं जानता कि तू क्या कर रहा है? राज! बाकी सब के लिए हम बहाना बना भी लें तो भी यह किसी तरह भी जायज़ नहीं है? यह सरासर ग़लत है. हम दोनो की साँसें तेज़ हो गयी थी और माहौल में एक अजीब सी ख़ुशगवार माहेक थी. उसने आधे से मन से मुझे बस करने को कहा, पर मैं हल्का हल्का हिल कर उसे मस्त कर रहा था.
मैने देखा कि उसकी आँखें दर्द से हल्की सी नम हो गयी थी. उसकी आँखें पोन्छते हुए मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. वो मुझसे मिन्नत करने लगी कि ऐसा मत करो राज, यह पाप है? तुम कैसे अपनी बेहन के साथ यह सब कर सकते हो. इस पर मैने उसके दोनों हाथ अपने हाथों में पकड़ लिए और उन्हें उसके सिर के पास तकिये पर टिका कर मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब तक शायद उसका दर्द रुक गया था और 5-6 झटकों के बाद ही वो उम्म्म्मम ??म, आआआह्ह्ह्ह?.., उफफफफफफफफफ्फ़??.., धीर?..ए, हाा?.ये?, हन्ंननणणन्?.. की आवाज़ें करने लगी. अब मैं समझ गया कि वो पूरी तरह से मेरे काबू में है और मैने उसके हाथ छ्चोड़ दिए. उसने अपना हाथ मेरे बालों में फेरते हुए मुझे ज़ोर से पकड़ा और अपने सीने से लगा लिया. मुझे एक बार ऐसा लगा कि वो मुझे इतनी ज़ोर से क्यों दबा रही है. इतने में आह..आह..आह.. आह..आह..आह. .आह?? हुन्न्ञनननननणणन्??.. की टूटती हुई आवाज़ उसके मूँह से निकली और वो ज़ोर से काँपी और उसका शरीर एकदम ढीला पड़ गया . तब मुझे ऐसा महसूस हुया जैसे उसकी चूत में कोई झरना फूटा हो. अब उसमे से ऐसी आवाज़े आ रही थी जैसे कोई होली में पिचकारी चला रहा हो. आवाज़ कुच्छ ज़्यादा ही तेज़ आ रही थी. उसने अपनी बाज़ू अपनी आँखों पर रख कर आँखें ढक ली. मैं समझ गया कि वो डिसचार्ज होने के कारण शर्मा रही है और मैं हंसते हुए उसका हाथ हटाने की कोशिश करता हुआ बोला कि जब मज़ा आ रहा है तो शर्मा क्यों रही हो. इस पर उसने झटके से मेरा हाथ हटाया और दोबारा अपना हाथ अपनी आँखों पर रखते हुए बोली ? ज़रूरी नहीं कि अगर किसी वक़्त किसी काम में तुम्हें मज़ा आए तो वो जायज़ है? अब चुप रहो और जल्दी करो, कोई आ जाएगा. इस पर मैं भी जैसे अपने स्वप्न लोक से वापिस आ गया और हक़ीक़त को समझते हुए ज़ोर ज़ोर से अपना पिस्टन चलाने लगा. उसने मुझे सतर्क करते हुए कहा कि देख अंदर मत छ्चोड़ना. मैने कहा कि मेरा भी यह फर्स्ट एक्सपीरियेन्स है? मैं इसे बाहर नहीं खराब करूँगा, हां अगर तुम इसे अपने मूँह में लेने का वादा करो तो मैं तुम्हारे लिए कोई ख़तरा नहीं पैदा करूँगा. इस पर वो कहने लगी कि ठीक है, तुम मेरे मूँह में इसे छ्चोड़ना, पर अंदर नहीं. कुच्छ देर में मैने जब महसूस किया कि मैं छ्छूटने वाला हूँ, मैने अपना लंड उसके मूँह से लगा दिया. उसने मुझे देखे बिना ही उसे हाथ से सॉफ करते हुए मूँह में लिया और ज़ोर से चूसने लगी. इतने में मेरे लंड ने तीन चार झटके इकट्ठे खाए और सारा माल उसके मूँह में छ्चोड़ दिया, जो कि उसके मूँह के किनारों से बाहर आ रहा था. वो एकदम से बाथरूम की ओर भागी और उसने जाकर अपना मूँह सॉफ किया और कुल्ला कर के वापिस आई.
उसने अपने कपड़े उठाए ही थे कि मैने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बिठा लिया और उसे सीने से लगा कर उसके बूब्स पर हाथ फेरते हुए पूछा कि कैसा लगा, मज़ा आया? उसने बिना नज़र उठाए सिर हिला कर हां कहा तो मैने उसे फिर से बिस्तर पर खींच लिया. वो अपने को मुझसे छूटते हुए बोली, ` नहीं राज, मुझे जाने दो. कहीं छ्होटी उठ गयी तो मुसीबत हो जाएगी. इतना कह कर वो मेरे पर कंबल देते हुए बोली, `बहुत मस्ती हो गयी, अब सो जाओ. कल तुम्हें स्कूल भी जाना है.’ मैने देखा कि वो खुश थी. फिर मैं सोने की कोशिश करने लगा.
मुझे इस बात की बहुत खुशी थी कि मेरी ख्वाहिश पूरी हो गयी थी, पर यही सोच फिर से मेरे लंड में टेन्षन पैदा करने लगी और थोड़ी ही देर में मैं फिर से तैयार हो गया . पहले तो मैने सोने की कोशिश की पर बाद में जब मैने देखा कि इस तरह से नींद नहीं आएगी, तो मैं दबे पावं दीदी के कमरे में गया और धीरे से दीदी को जगाया और मुझे फॉलो करने का इशारा किया. मैं सीधा अपने कमरे में आ गया . कुच्छ ही देर में दीदी भी कमरे में आ गयी और हैरानी भरी नज़र से दबी आवाज़ में पूच्छने लगी कि क्या बात है. मैने कहा कि नींद नहीं आ रही है तो वो मूँह बना कर बोली कि क्या अब मैं लॉरी सुनाऊं. मैने मज़ाक करते हुए कहा कि लॉरी तो मैं खुद ही गा लूँगा, आप बस सारंगी की तान च्चिड़ने दो.
वो बोली नहीं, अब रात काफ़ी हो चुकी है, अब सो जाओ. मेरे इन्सिस्ट करने पर वो ज़रा दिखावटी गुस्से में बोली कि तुम हद से आगे जा रहे हो. इस पर मैने कहा कि हम जिस जगह पहुँच चुके हैं क्या इसके आगे भी कोई हद है? यह सुनकर वो कुच्छ शर्मा गयी और सिर झुका कर बोली, `बहुत गंदे हो तुम.’ मैने धीरे धीरे उसकी नाइटी खोलनी शुरू की. इस बार कोई रेज़िस्टेन्स नहीं थी. फिर मैं उसके लेफ्ट बूब को चूसने लगा तो वो बोली, `प्लीज़, राज! कहीं कोई देख लेगा.’ मैने कहा कि कोई नहीं देखेगा और उसे झट से बेड पर गिरा दिया. वो बोली, `अगर कोई गड़बड़ हुई तो सारी ज़िम्मेदारी तुम्हारी होगी.’ मैं हां कहते हुए उसकी दोनो टाँगों के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी चूत से रगड़ने लगा. वो मुझे कुच्छ हैरानी कुच्छ प्यार भरी नज़रों से देखते हुए बोली, `हमें तो पता ही नहीं चला कि तू जवान हो गया है.’ इतना कह कर उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रखते हुए थोड़ा अपनी और खींचा. इससे मेरा लंड सीधा उसकी चूत से चिपक गया . तब मैने भी एक ही झटके में उसकी चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया. वो दर्द से हल्की सी कराह उठी. पर फिर बाद में सब नॉर्मल हो गया .
तब मेरे दिमाग़ में एक और ख्याल आया और मैने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा. उसने मेरी तरफ़ सवाल भरी नज़र से देखा पर मैने उसे बिना कुच्छ कहे उसे उल्टा किया और उसके पेल्विक एरिया में हाथ डालकर उसे इस तारह ऊपर उठाया कि वो इकट्ठी होने के चक्कर में अपने आप ही घोड़ी बन गयी. मैने उसे कहा कि अब डॉगी स्टाइल में करेंगे. तब मैं आराम आराम से डॉगी स्टाइल फक्किंग करने लगा और इसी दौरान मैने एक उंगली में वॅसलीन लगाकर उसे उसकी टाइट आस में घुसाने लगा. वो कुच्छ तिलमिलाई पर मैने उसे हिलने के लिए मना किया और उसे भरोसा दिलाया कि कुच्छ नहीं होगा. ऐसे ही फक करते हुए मैं उसे बार बार कहता रहा कि ना तुम ज़्यादा हिलॉगी और ना ही ज़्यादा आवाज़ ही करोगी, नहीं तो कोई भी जाग सकता है. तब मैने उसके आस-चीक्स को खींचकर उनके बीच में अपना लंड रख दिया और उन्हें ढीला कर दिया. इस से मेरा लंड उसके अशोल से चिपक गया . वो जैसे समझ गयी और हटने की कोशिस करने लगी, पर मैने उसे समझाया कि मैं कुच्छ नहीं कर रहा? बस उसे मॅग्ज़िमम मज़ा देना चाहता हूँ. तब उसने कहा कि वो पीछे से नहीं करेगी. मैने उसे ओके कहा और पूछा कि कैसा लग रहा है. उसने सिर झटकते हुए कहा कि मैं कुच्छ नहीं जानती, तुम बस इसे यहाँ से हटाओ. इतने में मैने उसे कसकर पकड़ते हुए अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. उसकी आस बहुत टाइट थी, पर फिर भी मेरा 1/4थ लंड उसकी आस में जा चुका था. वो दर्द के मारे काँपने और रोने लगी. मैने देखा कि उसने तकिया मूँह में ले रखा है ताकि आवाज़ दब जाए. उसकी कंपकंपी मेरे अंदर जुनून सा भर रही थी और मैने धीरे धीरे अपना पूरा लंड उसकी गांद में उतार दिया. वो दर्द के मारे इकट्ठी होती जा रही थी. कुच्छ देर तक मैं ऐसे ही अंदर डाल कर बैठा रहा. तब मैने ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. कुच्छ ही देर में मैने देखा कि वो अपने एक हाथ को अंदर की तरफ कर के अपनी चूत को फिंगरिंग कर रही है. मैने अपने स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में मैं डिसचार्ज होने वाला था. अब मैने उसकी कमर में हाथ डाला और उसे सीधा करते हुए अपने गोद में उठा लिया और अपने साथ चिपका लिया. अब मेरे दोनो हाथ उसके बूब्स पर थे, पर यह एहसास ही मुझे डिसचार्ज करवाने के लिए काफ़ी था. मुझे ऐसे लगा जैसे मेरे अंदर कोई ज्वालामुखी फॅट रहा हो. मैं उसे पकड़े पकड़े ही बेड पर लिटा कर उसके उपर लेट गया . मैं उसके जिस्म को पूरी तरह से महसूस करना चाहता था. कुच्छ ही देर में मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैने इसे बाहर खींच लिया. उस रात हमने लगभग 5 बार सेक्स किया. फिर वो घड़ी को देखकर बोली कि 4 बज गये हैं, अब मम्मी के जागने का टाइम होने वाला है. तब वो बाथरूम में गयी और अच्छि तरह से सफाई कर के लोटी. फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पोंच्छा और उसे किस कर के बोली ? यह बहुत बदमाश है, आज इसने मेरे साथ वो सब किया है जो सिर्फ़ मेरे पति का हक़ था? और फिर मुझे शरारती नज़रों से देखती हुई बोली, `और वो सब भी जो शायद मेरा पति भी नहीं करता. राज, तुम बहुत ही गंदे इंसान हो. तुम खुद तो बेशर्म हो ही, आज तुमने मुझे भी बेशर्मी का पाठ पढ़ा दिया है. ज़रूर तू पिच्छले जन्म में गधा रहा होगा, तभी यह अभी से इतना बड़ा है. पर, क्योंकि तुमने मुझे मेरे पति की तरह इस्तेमाल किया है, आज से तुम मुझे अपनी पत्नी मान सकते हो, पर सिर्फ़ अकेले में.’ तब मेरे साथ चिपकते हुए उसने कहा, `आज तुमने यह दिखा ही दिया कि तुम मर्द बन गये हो,’ और फिर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोली कि आख़िर आज तुमने अपनी बेहन को औरत बना ही दिया. मैने मुस्कुराते हुए पूच्छ कि मैं क्या बन गया तो मेरे सीने में मूँह च्छूपति हुई धीमे से शरारती लहज़े में बोली? बेहनचोद. फिर अपने हाथ पर मेरा वीर्य दिखाते हुए बोली, `तुम्हारा प्यार मैं अपने साथ ले जा रही हूँ. अगले मौके तक ये मेरे साथ रहेगा.’ मैने उसका हाथ पकड़ा और पूछा की फिर कब, तो वो बोली जल्दी ही, बस थोड़ा इंतेज़ार करो. फिर उसने मुझे किस किया और थॅंक्स बोल कर चली गयी और मैं यह ही सोचता रहा कि थॅंक्स उसे करना चाहिए या मुझे.
समाप्त
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बड़ी बेहन का प्यार
आइ आम राज. आइ आम 22 यियर्ज़ ओल्ड आंड आइ लिव इन जयपूर. यह किस्सा तकरीबन 7 साल पहले का है, जब मैने 11थ में अड्मिशन लिया ही था. मेरी बड़ी बेहन रानी है, जो उस समय 21 साल की थी देखने में बहुत ही सुन्दर और भोली लगती थी. उसके बूब्स फर्म और गॉर्जियस होने के साथ-साथ कुच्छ बड़े थे. उसका साइज़ 38-26-36 रहा होगा. एक दिन घर में कुच्छ मेहमान आ गये तो मुझे दीदी के कमरे में सोना पड़ा. वहाँ डबल बेड पर मैं दोनो बहनों के बीच मे सो गया . थोड़ी देर बाद मैं सूसू करने के लिए गया और वहाँ से वापस आकर सोते हुए मेरी नज़र रानी पर पड़ी. मैने देखा के रानी का नाइट गाउन उपर से खुल गया था और उसका एक बूब बाहर निकल रहा था. वैसे उस दिन तक मैने कभी इस तरह से नहीं सोचा था, पर उस दिन मैं उसके वर्जिन बूब की गोलाई और छ्होटी सी निपल देख कर जैसे पागल हो रहा था. मैं आकर चुपचाप लेट तो गया पर मेरा ध्यान सिर्फ़ उसी में लगा रहा और मैं मन ही मन उसे पाने की तरकीब सोचने लगा. फिर मैने लेटे-लेटे ही अपना हाथ ऐसे उसके बूब पर रख दिया जैसे वो अंजाने में उससे टकरा गया हो. जब कुच्छ देर में रानी नहीं उठी तो मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं धीरे-धीरे उसे दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैं ऐसे ही सो गया .
सुबह रानी ने पूछा के तुम रात को क्या कर रहे थे, तो मैने जवाब दिया के मैं तो रात को उठा ही नहीं. इस पर वो चुप हो गयी और छ्होटी बेहन रेणु (जो उस समय 18 साल की थी) मुस्कुराते हुए उसे हाथ मार्कर बोली के चल छ्चोड़ अब इस बात को. मैं मन ही मन यही सोचता रहा के कहीं उसे पता तो नहीं चल गया . पर मैने पाया कि रानी उस दिन के बाद मुझसे कुच्छ दूरी बनाए थी. पर मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं छुप कर उसको न्यूड देखने की कोशिश करता. एक दिन मैं उसे नहाते हुए देख रहा था, तो मैने देखा कि वो बाथरूम में खड़ी कुच्छ सोच रही थी. फिर उसने अपने बूब्स को निहारना शुरू किया और थोड़ी ही देर में वो उन्हें स्क्वीज़ करने लगी. फिर वो बाथरूम के मिरर के सामने इधर-उधर होते हुए अपने शरीर को निहारती रही. मैं यह सब देख ही रहा था कि उसे पता चल गया और उसने बड़े ज़ोर से उस होल पर पानी मारा पर पानी मुझको टच नहीं किया और जब वो नहा कर बाहर निकली और पानी चेक करने आई तो उसे मेरे कपड़ों पर कोई निशान नहीं मिला. इस पर वो हंस दी और मेरे राइट बूब को फ्लिक करते हुए `ट्वक ? ट्वक’ की आवाज़ करते हुए चली गयी. मैं एकदम सकपका गया पर मुझे बाद में डक के लिप्स रिमाइंड होते ही सारा मतलब समझ आ गया . इसके बाद मैं रानी से खुलकर बोलने का मौका ढूँढने लगा पर वो नहीं मिला.
एक दिन घर के सारे लोग तैयार हो कर शादी में जाने लगे और मुझे बोले कि हमें वापिस आने में सुबह हो जाएगी, तुम्हारी पढ़ाई बहुत ज़रूरी है इसलिए तुम नहीं जाओगे और रानी तुम्हारी देखभाल के लिए तुम्हारे साथ रहेगी. मैं मन ही मन बहुत खुश हुया. उस दिन रात को मैं खाना खाने के बाद इंटरनेट चला कर बैठ गया और रानी के सोने का इंतेज़ार करने लगा. मैं एक पॉर्न साइट खोल कर बैठ गया पर अभी मैं फोटोस ही देख रहा था कि अचानक रानी आ गयी और मुझे ज़ोर से डाँटने लगी , `यह क्या कर रहा है. अब यही पढ़ाई शुरू की है क्या.’ मैं घबरा गया कि अब वो यह सब पेरेंट्स को बता देगी. कुच्छ भी कहते नहीं बना और मैं उसकी शक़्ल देखता रह गया . इतने में वो गुस्से में वहाँ से चली गयी और मैं भी डर के मारे कंप्यूटर बंद कर के सो गया . पर अब भी मुझे यही डर सता रहा था कि कहीं वो यह सब पेरेंट्स को ना बता दे.
जब अगले दिन घर के सारे लोग वापस आए तो मुझे यही डर सता रहा था कि अब दीदी सब कुछ बता देगी. पर तीन-चार घंटे तक जब मैने देखा कि वो नॉर्मल थी और उसने किसी से कोई बात नहीं की तो मेरा डर निकल गया . पेरेंट्स के साथ मेरे मामा और मौसी के लड़के भी आए थे और क्योंकि वो पाँच जने थे, उनके सोने का इंतेज़ाम मेरे कमरे में किया गया और मुझे फिर दीदी के रूम मे शिफ्ट होने की हिदायत दी गयी. इस पर मैं निश्चिंत हो गया कि उसने किसी को कुच्छ नहीं बताया है. जब मैं रात को सोने के लिए उसके कमरे में गया तो उसने मुझे एक बार सख़्त नज़रों से देखा और फिर चुपचाप सो गयी. मैने इस परकोई ध्यान नही दिया और मैं भी जाकर दोनो बहनो के बीच में सो गया . जान बूझकर छ्होटी बेहन को साइड लेने के लिए कहा तो उसने कहा कि मुझे बीच में नींद नहीं आती, सोना है तो दूसरी तरफ़ सो.
मेरे अंदर एक भूचाल सा उठ रहा था और मैं सोच रहा था कि यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा अगर आज नहीं तो कभी नहीं. थोड़ी देर में मैने महसूस किया कि वो दोनो सो चुकी हैं. तब मैने धीरे से उसकी चादर हटाई और उसकी नाइटी की हुक खोलने लगा. एक हाथ से खोलने में कुच्छ दिक्कत तो हुई, पर मैने उसकी हुक खोल ली. तब मैने पाया कि उसने ब्रा पहन रखी है. ब्रा खोलने की कोशिश करना ख़तरे से खाली नहीं लगा क्योंकि वो बहुत ही टाइट थे और उसकी नींद खुल सकती थी. मैने जब देखा कि उसकी ब्रा उसके बूब्स को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं कर पा रही है तो मैने ऐसे ही काम चलाने का मन बनाया और पहले अपना हाथ उसके बूब्स पर रख कर उनको महसूस करना शुरू किया. पर यह दिल कहाँ मानता है. जब ज़्यादा अर्ज हुई तो मैने दूसरे हाथ से उसकी ब्रा पकड़ी और उसके बूब्स को निकालने की कोशिश करने लगा. पर क्योंकि मैं उसे उपर से निकाल रहा था, मैं नाकाम रहा और जब मैने यह सोचा कि इसे रहने देते हैं तो मैने उसके बूब को छ्चोड़ दिया ? पर यह देखकर मैं इतना खुश और हैरान हुया कि छ्चोड़ते ही ब्रा धीरे से उपर हुई और उसका बूब नीचे से बाहर आ गया.
अब मैने धीरे से उसकी ब्रा छ्चोड़ दी और उसकी निपल से खेलने लगा. उसकी निपल छ्होटी सी थी और उंगलियों में पूरी तरह नहीं आ रही थी, पर मैं लगा रहा. थोड़ी ही देर में मैने महसूस किया कि उसका बूब हार्ड हो चुका है और तन कर कुच्छ स्ट्रेट हो गया है. मैं अपने हाथ से उसे दबाता रहा. लगभग आधे घंटे बाद मैं हिम्मत कर के उसके बूब को चूसने लगा. कुच्छ ही देर में उसके बूब से कुछ खट्टा से पानी मेरे मूँह में आने लगा. मुझे बहुत अच्च्छा लगा और मैं उसे चूस्ता रहा. थोड़ी देर में वो हल्की सी सिसकारी भरते हुए साइड बदलने लगी तो मैं एकदम से हट गया और वापिस सो गया . इतने में मैने देखा कि वो उठ गयी और कभी अपनी नाइटी और कभी मुझे देखने लगी. इस पर उसने छ्होटी बेहन को उठाया और धीमी आवाज़ में उससे सारी बात की. मैने देखा कि वो उसे अपने निपल (शायद उन पर लगी लार) दिखा रही थी पर कुच्छ समझ नहीं आ रहा था. मैने सिर्फ़ छ्होटी बेहन को हंसते हुए ज़ोर से ये कहते सुना कि चल उसने तेरे बूब्स को टाइट तो कर ही दिया ना. फिर दोनो हल्का सा मुस्कुराई और सो गयी. सुबह मैं ऐसे दिखाने लगा जैसे कुच्छ हुआ ही नहीं और मैने देखा कि वो भी दोनो नॉर्मल ही थी.
फिर एक रात जब मैं दोबारा इंटरनेट पर बैठा था तो वो आकर मेरे पीछे चुपचाप खड़ी हो गयी. मैं अपने दोस्त से चॅट कर रहा था. तभी उसने अचानक मुझे एक साइट का अड्रेस दिया और रिक्वेस्ट करी कि मैं इसे अभी खोलकर देखूं. मैने मुझे ये तो पता था कि रानी मेरे पीछे खड़ी है पर मैं एक चान्स लेना चाहता था कि शायद इसी से बात बन जाए. जैसे ही वो साइट खुली, उस पर नंगी लड़कियों के फोटोस नज़र आए और दीदी ने झट से मेरे कंधे को झटकते हुए कहा कि अभी तक भी तुम्हारा भूत नहीं उतरा. ठहरो, अभी माँ को बताती हूँ. जैसे ही वो जाने लगी मैं भागकर दरवाजे पर आ गया और उसको रोक लिया ( मैने जान बूझ कर वो साइट बंद नहीं की थी) और उसकी मिन्नत करने लगा कि वो पहले मेरी बात सुन ले और फिर जो चाहे सो करे.
मैने सफाई देते हुए उसे बताया कि अभी यह लिंक मेरे दोस्त ने भेजा था और उसे क्लिक करते ही यह साइट खुल गयी. तब मैने मैने देखा कि वो भी साइट को ध्यान से देख रही थी (तब मेरा ध्यान गया कि उसमे एक लड़का एक लड़की के बूब्स चूस रहा था). तब उसने मुझे डाँटते हुए कहा कि अब दोस्तों के साथ ये ही बातें करते हो, और गुस्से में मेरे कमरे से चली गयी. मैं उसे वापिस बुलाने का तरीका सोचने लगा, पर थोड़ी देर बाद मैं जाकर अपने बेड पर लेट गया . जान बूझकर दो तीन बार ईमेल और साइट खोली और उसे विश्वास दिलाने लगा.
थोड़ी देर में उसका गुस्सा शांत हो गया तो वो मेरे बेड पर आकर मेरे पास बैठ गयी और मुझे कहने लगी कि यह अच्छि बात नहीं होती. समझाते हुए वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी और कहने लगी कि तुम एक ही तो लड़के हो इस घर के, और अगर तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दोगे तो कैसे किसी मुक़ाम को हासिल करोगे. देखो, तुमसे मम्मी और पापा की सारी उम्मीदें बंधीं है. इसी तरह समझाते हुए उसने मुझे सीने से लगा लिया और कहने लगी कि प्रॉमिस करो कि तुम अब कभी ऐसा नहीं करोगे नहीं तो मैं ये कनेक्षन कटवा दूँगी. मैं अब तक बुरी तरह से झल्ला चुका था और मैने उसे कहा के इसमे कुच्छ भी बुरा नहीं है. इस पर उसने मुझे कहा के अगर बुरा नहीं होता तो तुम मुझे नहाते हुए उस होल में से चोरी-चोरी क्यों देखते हो. अगर यह सब ठीक है तो तुम मुझे सीधे भी तो देख सकते थे, मैं जानती हूँ कि तुम रात को टाय्लेट में क्या करने जाते हो. मैने कहा के मैं सच तो बता दूं पर तुम नाराज़ हो जयोगी. इस पर उसने कहा, `ठीक है अगर तुम प्रॉमिस करो कि अब कभी कंप्यूटर पर यह सब नहीं करोगे तो मैं प्रॉमिस केरती हूँ कि तुम अपनी सारी बातें मुझसे शेर करो, मैं कभी नाराज़ नहीं होयुँगी.’ इससे मुझे हिम्मत मिली और मैने कहा के मुझे तुम्हारे मम्मे अच्छे लगते हैं इसी लिए मैं उन्हे पाना चाहता हूँ, पर कोई रास्ता ना होने के कारण मैं इंटरनेट पर नंगी लड़कियों को देखता रहता हूँ और फिर टाय्लेट में जाकर खुद को सॅटिस्फाइ कर लेता हूँ ? मैं तुम्हारे बूब्स देखने के लिए पागल हो गया हूँ. उसने कुच्छ देर सोच कर कहा, `क्या इससे तुम्हें सॅटिस्फॅक्षन मिल जाती है.’ मैने कहा कि मिलती तो नहीं पर इससे अर्ज ख़तम हो जाती है. इस पर वो हंसते हुए बोली, `अच्च्छा! फिर अगर मैं तुम्हें यह दिखा दूँ तो क्या तुम यह सब छ्चोड़ दोगे.’ मेरे हां कहने पर वो धीमे से उठी और उसने झट से अपना नाइट सूट खोल दिया और कहा, `लो देख लो. अगर मेरा भाई इन्हें देख कर ही सॅटिस्फाइ होता है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूँ.’
मैं हैरान हो गया क्योंकि उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी. यकायक मेरा हाथ उसके मम्मे पर गया और उसके सुडोल, चिकने और दूध से सफेद बूब्स को छ्छूते ही मेरे शरीर में एक करेंट सा फैल गया . मैने देखा कि उसकी आँखें बंद थी (शायद शर्म से). मैने झट से बढ़कर उसका लेफ्ट मम्मा अपने दोनों हाथों में ले लिया और उसे ज़ोर से ऐसे चूसने लगा जैसे कोई रसीला आम चूस्ता है. उसके मूँह से सीईईईई आआआआआआहह की आवाज़ निकली और वो दबी सी आवाज़ में बोली के प्लीईएआआज़ ? राआआआआअजजजज्ज्ज्ज ज? देखो यह सब ठीक नहीं है. मैं तुम्हारी बड़ी बेहन हूँ? तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते? यह पाप है? पाआअगलल्ल्ल्ल? छ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्होदो. पर मैं नहीं रुका और एक मम्मे को मूँह में लेकर चूस्ता रहा और दूसरे को हाथ से दबाता रहा. उसकी साँसें भारी होती जा रही थी और रेज़िस्टेन्स ख़तम होती जा रही थी. थोड़ी देर में वो दबी-दबी आवाज़ में ह्म्म्म्म ? आहाआाआााहह हह?. उूुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फफफफफफफफ्फ़? की आवाज़ें करने लगी.
तब मैं अपना दूसरा हाथ उसकी टाँगों के बीच ले गया और उसका नाइट सूट उपर कर उसकी नंगी टाँगों पर फेरने लगा. उसने मेरा हाथ हटाने की कोशिस की पर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके हाथों में ताक़त ही ना रही हो. इतने में मेरा हाथ उसकी चूत से टकराया और वो काँप सी गयी. वो बिखरी सी आवाज़ में बोली प्लीईईआआआआअ ज़्ज़्ज़? भाआइ? आब्ब्ब्ब?.. बा??सस्स्स्स्सस्स का??रो, बर्दाआअ?श्त नहिंन्ननननणणन् हूऊऊऊथा. पर मैने अपनी उंगली उसकी चूत से लगा कर उसे फड़फड़ने लगा. वो तड़प उठी और इससे पहले कि वो कुच्छ बोले, मैने अपनी उंगली की टिप उसकी चूत में हल्की सी घुसा दी. उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसमे से रस टपकने लगा था. मैं अब उंगली को गोल-गोल घुमाने लगा. इतने में उसने मेरे हाथ को दोनो टाँगों में ज़ोर से दबाया और वो लंबा सा साँस लेकर आँख बंद कर चुप हो गयी, जैसे उसकी साँस रुक गयी हो. एक बार तो मैं भी घबरा गया पर जब देखा कि वो अपने होंठ दाँतों में भीच रही है, तो मैं समझ गया कि उसको मज़ा आ रहा है.
मैने अपनी उंगली बाहर निकाल ली. वो गहरा साँस छ्चोड़ते हुए मेरा मूँह पकड़ कर बोली, `बस भाई, अब तो खुश है ना! प्लेआज़, अब मुझे छ्चोड़ दे. यह सब पाप है. हम आपस में ऐसा नहीं कर सकते.’ मैने देखा उसकी आँखो में लाल डोरे दिखाई दिए. मैने उससे पूछा कि क्या उसे अच्च्छा नही लगा तो वो कहने लगी कि अच्च्छा तो लग रहा है पर यह ठीक नहीं है. पर मुझ पर तो जैसे भूत सवार था. मैं उस दिन को हाथ से नहीं जाने देना चाहता था. मैने उसे खड़ा किया और उसकी नाइटी कंधों से सरका दी. इससे नाइटी सीधा ज़मीन पर गिर गयी और अब वो बिल्कुल नंगी थी. मैने उसे बेड के कोने पर लिटाया और खुद नीचे बैठ कर अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा. अब तो वो जैसे पागल ही हो रही थी और कुच्छ ही देर में वो अपने बटक्स को उच्छालने लगी और एयाया??हह हीईीईई???. मर गाइिईईईईईईईईईईई??.. बा?सस्स्स्सस्स छ्छो??..द डूऊऊऊओ??. है???. माआआआआअँ उफफफफफफफफफ्फ़ ओह की आवाज़ें करने लगी. उसने अपने हाथ से मेरे मूँह को हटाते हुए अपनी टाँगों को भीचने और साइड लेने की कोशिश की पर मैने उसके दोनो हाथ अपने हाथों में पकड़ लिए और अपने मूँह को ज़ोर से उसकी चूत पर प्रेस करते हुए अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी. उसकी वर्जिन चूत की महक मुझे पागल कर रही थी. कुच्छ ही सेकेंड्स में उसकी रेज़िस्टेन्स ख़त्म हो गयी और मैने भी अपनी पकड़ ढीली कर दी. थोड़ी ही देर में मैने देखा कि उसने मेरे हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया और होंठ भींच कर ज़ोर से काँपने लगी. इससे पहले कि मैं कुच्छ समझ पाता, उसके भीतर का झरना पूरा का पूरा मेरे मूँह में उतर गया . मुझे बहुत ही अच्च्छा लगा और जब उसने देखा कि मैने अपना मूँह नहीं हटाया तो वो मुस्कुरा दी और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोली, `बिल्कुल पागल है.’ इस बार वो उठी और मुझे पकड़ कर उपर उठाने लगी. मैं खड़ा हो गया .
वो मुस्कुराते हुए बोली ? बस अब तो खुश है, अब बस. मैने कहा कि अभी मैं तो अधूरा ही हूँ, तो उसने कहा, `नहीं राज, इससे आगे ठीक नहीं है. भाई-बेहन में यह रिश्ता ठीक नहीं.’ जब मैने ज़्यादा ज़ोर डालकर कहा कि तुम तो एंजाय कर चुकी पर मैं तो अभी तक वैसा ही हूँ, तो उसने कहा के वो हाथ से कर देगी पर वो सब नहीं. पर मैने किसी तरह उसे ओरल सेक्स के लिए राज़ी कर लिया. `तू नहीं मानेगा, बड़ा ज़िद्दी है’ इतना कहते हुए उसने मेरी पॅंट को झटका देते हुए कहा, `खोल इसे.’ अब वो खुलकर बात करने लगी थी. मैने अपनी पॅंट खोली तो वो मेरे अंडरवेर के उपर हाथ रख कर बोली, `इसे इतना बाँध कर क्यों रखा है, कहीं भाग जाएगा क्या.’ इतना कह कर उसने हंसते हुए मेरा अंडरवेर उतार दिया और मेरा 9? इंच का टूल अब उसके मूँह के सामने था. उसे देखकर वो झटका सा खा गयी और उसकी आँखें फटी रह गयी. उसने कहा, `माइ गॉड! इतना बड़ा. ना बाबा, मैं इसे मूँह में नहीं ले सकती.’ फिर शरारती अंदाज़ में आँखों को पैना कर मुझे देखते हुए बोली, `क्या सारा टाइम इसे ही लंबा-मोटा करने में लगा देते हो.’ मेरे इन्सिस्ट करने पर उसने मुझसे कहा कि इसको पहले धो कर आओ, जब मैने कहा कि मैने अभी इसे अच्छि तरह से धोया है तो शरारत भरी नज़र से मेरी और देखकर बोली : अच्च्छा, तो पहले ही सारी तैयारी कर रखी है कि कहीं मैं मना ना कर दूं. इतना कहकर उसने अपनी जीभ से मेरे डंडे के अगले भाग को चाटना शुरू किया. थोड़ी देर में वो उसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और एक हाथ से गोलियों को सहलाने लगी. मैं इस एक्सपीरियेन्स पे पागल सा हो रहा था.
इस पहले एक्सपीरियेन्स को मैं ज़्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया और बहुत जल्दी ही मैं एक्सप्लोड होने लगा. मैने ये सोचकर कि कहीं वो नाराज़ ना हो जाए, उसे कहा कि मैं छूटने वाला हूँ. इस पर उसने अपना मूँह हटा लिया और हाथ से ही ज़ोर ज़ोर से उसे हिलाने लगी. मैने उसे कहा कि मैं उसके मम्मो पर इसे छ्चोड़ना चाहता हूँ, तो उसने बिना किसी झिझक मेरे लंड को अपने मम्मो पर रगड़ना शुरू कर दिया. इस पर मैने उसके दोनो मम्मे भींचने के लिए कहा और अपने लंड को उनके बीच में रगड़ कर टिट-फक करने लगा. उसे भी मज़ा आ रहा था और वो यह देखकर मुस्कुराने लगी. कुच्छ ही देर में मेरे हथियार ने उल्टी कर दी और एक गाढ़ा सफेद लोशन उसके मूँह से टकराया. उसके बाद तीन और जर्क पड़े पर इस बार सारा माल उसके मम्मो पर पड़ा. उसने इसे अपने मम्मो पर ही मल दिया और कहा : लो, अब तो खुश हो. तुम्हारा रस मैने इस पर माल लिया मैने कहा कि इंटरनेट पर यह सब देख सकते हैं. इस पर वो हंसते हुए बोली कि इसको तो कटवाना ही पड़ेगा, नहीं तो तू सिर्फ़ इसी काम के लायक रह जाएगा. जब मैने अपना लंड दोबारा उसके हाथ में दिया और उससे पूछा कि यह कैसा लगा तो वो बोली के ज़रूर तू पिच्छले जन्म में गधा रहा होगा, तभी यह अभी से इतना बड़ा है. बर्बाद नहीं किया; पर एक बात बताओ, तुम यह नये नये स्टाइल कहाँ से सीखते हो.
इतने में मेरे दिमाग़ में एक तरकीब आई और मैने उसे कहा कि वो मुझे बस उसकी चूत से इसे लगा लेने दे. इस पर वो एकदम सकपका सी गयी और कहने लगी कि देखो तुमने प्रॉमिस किया था कि बूब्स देखने के बाद तुम और कोई डिमॅंड नहीं रखोगे, पर अब तुम अपना प्रॉमिस तोड़ रहे हो. पहले तो उसने मना किया पर मेरे ज़िद करने पर वो मान गयी और बोली के सिर्फ़ टच ही करोगे. मैने कहा कि तुम मुझे इससे मना नहीं करोगी. तब मैं अपने लंड को उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत पर रगड़ने लगा. उसे भी मज़ा आ रहा था और उसने आँखें बंद कर ली थी. तब मैं उसकी चूत के होंठ खोलकर उसकी क्लाइटॉरिस पर लंड रगड़ने लगा जिससे वो और मस्त होती गयी और मौका पाते हे मैने एक झटका दिया और अपना टोपा उसकी चूत में घुसा दिया. एक ठक की आवाज़ से मेरा टोपा उसके अंदर घुसा और वो आक़? आह?हह?हह?हह की आवाज़ के साथ दर्द से कराह उठी. अपने हाथों से मुझ रोकने की कोशिस वो कर ही रही थी कि मैने दो ज़बरदस्त झटके एक साथ और दिए और अपना आधे से ज़्यादा ड्रिल उसकी चूत में डाल दिया. अब तो वो चिल्ला उठी हहिईीईई???. मर गाइिईईईईईईईईईईई??.. धी??..रे बा?सस्स्स्सस्स छ्छो??..द डूऊऊऊओ??. है???. माआआआआअँ उफफफफफफफफफ्फ़ ओह?? मैं समझ गया कि उसको दर्द हो रहा है. पर मैने बड़ी मुश्क़िल से खुद पर कंट्रोल किया और ऐसे ही लंड अंदर रख कर उसके उपर लेट गया . पहले तो वो च्चटपटाते हुए बोली कि तुमने वाडा तोड़ दिया ना तो मैने कहा के मैने सिर्फ़ डाला ही है मैं इसके आगे कुच्छ नहीं करूँगा. ऐसा कहते हुए मैं फिर से उठ कर बैठ गया और एक ज़ोरदार झटके से मैने अपना बाकी का लंड भी उसकी टाइट चूत के हवाले कर दिया. वो कराह उठी पर इसके बाद आँख बंद कर के लेटी रही और कहने लगी कि अब तुझे क्या कहूँ, क्या तू नहीं जानता कि तू क्या कर रहा है? राज! बाकी सब के लिए हम बहाना बना भी लें तो भी यह किसी तरह भी जायज़ नहीं है? यह सरासर ग़लत है. हम दोनो की साँसें तेज़ हो गयी थी और माहौल में एक अजीब सी ख़ुशगवार माहेक थी. उसने आधे से मन से मुझे बस करने को कहा, पर मैं हल्का हल्का हिल कर उसे मस्त कर रहा था.
मैने देखा कि उसकी आँखें दर्द से हल्की सी नम हो गयी थी. उसकी आँखें पोन्छते हुए मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. वो मुझसे मिन्नत करने लगी कि ऐसा मत करो राज, यह पाप है? तुम कैसे अपनी बेहन के साथ यह सब कर सकते हो. इस पर मैने उसके दोनों हाथ अपने हाथों में पकड़ लिए और उन्हें उसके सिर के पास तकिये पर टिका कर मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब तक शायद उसका दर्द रुक गया था और 5-6 झटकों के बाद ही वो उम्म्म्मम ??म, आआआह्ह्ह्ह?.., उफफफफफफफफफ्फ़??.., धीर?..ए, हाा?.ये?, हन्ंननणणन्?.. की आवाज़ें करने लगी. अब मैं समझ गया कि वो पूरी तरह से मेरे काबू में है और मैने उसके हाथ छ्चोड़ दिए. उसने अपना हाथ मेरे बालों में फेरते हुए मुझे ज़ोर से पकड़ा और अपने सीने से लगा लिया. मुझे एक बार ऐसा लगा कि वो मुझे इतनी ज़ोर से क्यों दबा रही है. इतने में आह..आह..आह.. आह..आह..आह. .आह?? हुन्न्ञनननननणणन्??.. की टूटती हुई आवाज़ उसके मूँह से निकली और वो ज़ोर से काँपी और उसका शरीर एकदम ढीला पड़ गया . तब मुझे ऐसा महसूस हुया जैसे उसकी चूत में कोई झरना फूटा हो. अब उसमे से ऐसी आवाज़े आ रही थी जैसे कोई होली में पिचकारी चला रहा हो. आवाज़ कुच्छ ज़्यादा ही तेज़ आ रही थी. उसने अपनी बाज़ू अपनी आँखों पर रख कर आँखें ढक ली. मैं समझ गया कि वो डिसचार्ज होने के कारण शर्मा रही है और मैं हंसते हुए उसका हाथ हटाने की कोशिश करता हुआ बोला कि जब मज़ा आ रहा है तो शर्मा क्यों रही हो. इस पर उसने झटके से मेरा हाथ हटाया और दोबारा अपना हाथ अपनी आँखों पर रखते हुए बोली ? ज़रूरी नहीं कि अगर किसी वक़्त किसी काम में तुम्हें मज़ा आए तो वो जायज़ है? अब चुप रहो और जल्दी करो, कोई आ जाएगा. इस पर मैं भी जैसे अपने स्वप्न लोक से वापिस आ गया और हक़ीक़त को समझते हुए ज़ोर ज़ोर से अपना पिस्टन चलाने लगा. उसने मुझे सतर्क करते हुए कहा कि देख अंदर मत छ्चोड़ना. मैने कहा कि मेरा भी यह फर्स्ट एक्सपीरियेन्स है? मैं इसे बाहर नहीं खराब करूँगा, हां अगर तुम इसे अपने मूँह में लेने का वादा करो तो मैं तुम्हारे लिए कोई ख़तरा नहीं पैदा करूँगा. इस पर वो कहने लगी कि ठीक है, तुम मेरे मूँह में इसे छ्चोड़ना, पर अंदर नहीं. कुच्छ देर में मैने जब महसूस किया कि मैं छ्छूटने वाला हूँ, मैने अपना लंड उसके मूँह से लगा दिया. उसने मुझे देखे बिना ही उसे हाथ से सॉफ करते हुए मूँह में लिया और ज़ोर से चूसने लगी. इतने में मेरे लंड ने तीन चार झटके इकट्ठे खाए और सारा माल उसके मूँह में छ्चोड़ दिया, जो कि उसके मूँह के किनारों से बाहर आ रहा था. वो एकदम से बाथरूम की ओर भागी और उसने जाकर अपना मूँह सॉफ किया और कुल्ला कर के वापिस आई.
उसने अपने कपड़े उठाए ही थे कि मैने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बिठा लिया और उसे सीने से लगा कर उसके बूब्स पर हाथ फेरते हुए पूछा कि कैसा लगा, मज़ा आया? उसने बिना नज़र उठाए सिर हिला कर हां कहा तो मैने उसे फिर से बिस्तर पर खींच लिया. वो अपने को मुझसे छूटते हुए बोली, ` नहीं राज, मुझे जाने दो. कहीं छ्होटी उठ गयी तो मुसीबत हो जाएगी. इतना कह कर वो मेरे पर कंबल देते हुए बोली, `बहुत मस्ती हो गयी, अब सो जाओ. कल तुम्हें स्कूल भी जाना है.’ मैने देखा कि वो खुश थी. फिर मैं सोने की कोशिश करने लगा.
मुझे इस बात की बहुत खुशी थी कि मेरी ख्वाहिश पूरी हो गयी थी, पर यही सोच फिर से मेरे लंड में टेन्षन पैदा करने लगी और थोड़ी ही देर में मैं फिर से तैयार हो गया . पहले तो मैने सोने की कोशिश की पर बाद में जब मैने देखा कि इस तरह से नींद नहीं आएगी, तो मैं दबे पावं दीदी के कमरे में गया और धीरे से दीदी को जगाया और मुझे फॉलो करने का इशारा किया. मैं सीधा अपने कमरे में आ गया . कुच्छ ही देर में दीदी भी कमरे में आ गयी और हैरानी भरी नज़र से दबी आवाज़ में पूच्छने लगी कि क्या बात है. मैने कहा कि नींद नहीं आ रही है तो वो मूँह बना कर बोली कि क्या अब मैं लॉरी सुनाऊं. मैने मज़ाक करते हुए कहा कि लॉरी तो मैं खुद ही गा लूँगा, आप बस सारंगी की तान च्चिड़ने दो.
वो बोली नहीं, अब रात काफ़ी हो चुकी है, अब सो जाओ. मेरे इन्सिस्ट करने पर वो ज़रा दिखावटी गुस्से में बोली कि तुम हद से आगे जा रहे हो. इस पर मैने कहा कि हम जिस जगह पहुँच चुके हैं क्या इसके आगे भी कोई हद है? यह सुनकर वो कुच्छ शर्मा गयी और सिर झुका कर बोली, `बहुत गंदे हो तुम.’ मैने धीरे धीरे उसकी नाइटी खोलनी शुरू की. इस बार कोई रेज़िस्टेन्स नहीं थी. फिर मैं उसके लेफ्ट बूब को चूसने लगा तो वो बोली, `प्लीज़, राज! कहीं कोई देख लेगा.’ मैने कहा कि कोई नहीं देखेगा और उसे झट से बेड पर गिरा दिया. वो बोली, `अगर कोई गड़बड़ हुई तो सारी ज़िम्मेदारी तुम्हारी होगी.’ मैं हां कहते हुए उसकी दोनो टाँगों के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी चूत से रगड़ने लगा. वो मुझे कुच्छ हैरानी कुच्छ प्यार भरी नज़रों से देखते हुए बोली, `हमें तो पता ही नहीं चला कि तू जवान हो गया है.’ इतना कह कर उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रखते हुए थोड़ा अपनी और खींचा. इससे मेरा लंड सीधा उसकी चूत से चिपक गया . तब मैने भी एक ही झटके में उसकी चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया. वो दर्द से हल्की सी कराह उठी. पर फिर बाद में सब नॉर्मल हो गया .
तब मेरे दिमाग़ में एक और ख्याल आया और मैने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा. उसने मेरी तरफ़ सवाल भरी नज़र से देखा पर मैने उसे बिना कुच्छ कहे उसे उल्टा किया और उसके पेल्विक एरिया में हाथ डालकर उसे इस तारह ऊपर उठाया कि वो इकट्ठी होने के चक्कर में अपने आप ही घोड़ी बन गयी. मैने उसे कहा कि अब डॉगी स्टाइल में करेंगे. तब मैं आराम आराम से डॉगी स्टाइल फक्किंग करने लगा और इसी दौरान मैने एक उंगली में वॅसलीन लगाकर उसे उसकी टाइट आस में घुसाने लगा. वो कुच्छ तिलमिलाई पर मैने उसे हिलने के लिए मना किया और उसे भरोसा दिलाया कि कुच्छ नहीं होगा. ऐसे ही फक करते हुए मैं उसे बार बार कहता रहा कि ना तुम ज़्यादा हिलॉगी और ना ही ज़्यादा आवाज़ ही करोगी, नहीं तो कोई भी जाग सकता है. तब मैने उसके आस-चीक्स को खींचकर उनके बीच में अपना लंड रख दिया और उन्हें ढीला कर दिया. इस से मेरा लंड उसके अशोल से चिपक गया . वो जैसे समझ गयी और हटने की कोशिस करने लगी, पर मैने उसे समझाया कि मैं कुच्छ नहीं कर रहा? बस उसे मॅग्ज़िमम मज़ा देना चाहता हूँ. तब उसने कहा कि वो पीछे से नहीं करेगी. मैने उसे ओके कहा और पूछा कि कैसा लग रहा है. उसने सिर झटकते हुए कहा कि मैं कुच्छ नहीं जानती, तुम बस इसे यहाँ से हटाओ. इतने में मैने उसे कसकर पकड़ते हुए अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. उसकी आस बहुत टाइट थी, पर फिर भी मेरा 1/4थ लंड उसकी आस में जा चुका था. वो दर्द के मारे काँपने और रोने लगी. मैने देखा कि उसने तकिया मूँह में ले रखा है ताकि आवाज़ दब जाए. उसकी कंपकंपी मेरे अंदर जुनून सा भर रही थी और मैने धीरे धीरे अपना पूरा लंड उसकी गांद में उतार दिया. वो दर्द के मारे इकट्ठी होती जा रही थी. कुच्छ देर तक मैं ऐसे ही अंदर डाल कर बैठा रहा. तब मैने ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. कुच्छ ही देर में मैने देखा कि वो अपने एक हाथ को अंदर की तरफ कर के अपनी चूत को फिंगरिंग कर रही है. मैने अपने स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में मैं डिसचार्ज होने वाला था. अब मैने उसकी कमर में हाथ डाला और उसे सीधा करते हुए अपने गोद में उठा लिया और अपने साथ चिपका लिया. अब मेरे दोनो हाथ उसके बूब्स पर थे, पर यह एहसास ही मुझे डिसचार्ज करवाने के लिए काफ़ी था. मुझे ऐसे लगा जैसे मेरे अंदर कोई ज्वालामुखी फॅट रहा हो. मैं उसे पकड़े पकड़े ही बेड पर लिटा कर उसके उपर लेट गया . मैं उसके जिस्म को पूरी तरह से महसूस करना चाहता था. कुच्छ ही देर में मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैने इसे बाहर खींच लिया. उस रात हमने लगभग 5 बार सेक्स किया. फिर वो घड़ी को देखकर बोली कि 4 बज गये हैं, अब मम्मी के जागने का टाइम होने वाला है. तब वो बाथरूम में गयी और अच्छि तरह से सफाई कर के लोटी. फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पोंच्छा और उसे किस कर के बोली ? यह बहुत बदमाश है, आज इसने मेरे साथ वो सब किया है जो सिर्फ़ मेरे पति का हक़ था? और फिर मुझे शरारती नज़रों से देखती हुई बोली, `और वो सब भी जो शायद मेरा पति भी नहीं करता. राज, तुम बहुत ही गंदे इंसान हो. तुम खुद तो बेशर्म हो ही, आज तुमने मुझे भी बेशर्मी का पाठ पढ़ा दिया है. ज़रूर तू पिच्छले जन्म में गधा रहा होगा, तभी यह अभी से इतना बड़ा है. पर, क्योंकि तुमने मुझे मेरे पति की तरह इस्तेमाल किया है, आज से तुम मुझे अपनी पत्नी मान सकते हो, पर सिर्फ़ अकेले में.’ तब मेरे साथ चिपकते हुए उसने कहा, `आज तुमने यह दिखा ही दिया कि तुम मर्द बन गये हो,’ और फिर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोली कि आख़िर आज तुमने अपनी बेहन को औरत बना ही दिया. मैने मुस्कुराते हुए पूच्छ कि मैं क्या बन गया तो मेरे सीने में मूँह च्छूपति हुई धीमे से शरारती लहज़े में बोली? बेहनचोद. फिर अपने हाथ पर मेरा वीर्य दिखाते हुए बोली, `तुम्हारा प्यार मैं अपने साथ ले जा रही हूँ. अगले मौके तक ये मेरे साथ रहेगा.’ मैने उसका हाथ पकड़ा और पूछा की फिर कब, तो वो बोली जल्दी ही, बस थोड़ा इंतेज़ार करो. फिर उसने मुझे किस किया और थॅंक्स बोल कर चली गयी और मैं यह ही सोचता रहा कि थॅंक्स उसे करना चाहिए या मुझे.
समाप्त
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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